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Incest ममेरी बहन की अन्तर्वासना
#1
ममेरी बहन की अन्तर्वासना














Tongue
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
मेरे मामा की लड़की का नाम प्रिया है. उसके 2 भाई हैं, जो बाहर जॉब करते हैं.

उनके घर पर मामा, मामी और प्रिया ही रहते थे.
मामा सुबह होते ही शॉप पर लंच लेकर चले जाते और रात को 9 बजे आते.
मामी घर पर ही रहती थीं.

मैं प्रिया को बचपन से देख रहा हूँ लेकिन अब वो बड़ी हो चुकी थी. उसकी उम्र अब 23 साल की थी.

मुझे गाज़ियाबाद में एक महीने के लिए कंपनी के कुछ काम से रुकना पड़ रहा था.
उस समय इस बात को लेकर मैंने उधर एक कमरा किराए पर लेने के लिए मामा जी से कहा.

मामा ने कहा- हमारे यहां ही रुक जाओ.
मैं मान गया.

अब मैं एक महीना मामा के घर ही रुका.

इससे पहले प्रिया से मेरी अक्सर चैट हो जाती थी.
जब मैं मामा के घर पहुंचा तो प्रिया को देख कर हैरान रह गया.

वो बहुत खूबसूरत हो गई थी, बिल्कुल सिल्क स्मिता की तरह.
मुझे उसे देखते ही प्यार हो गया.
उसने मुझसे नमस्ते की और चाय नाश्ता कराया.

प्रिया को देख कर मेरे मन में लड्डू फूटने लगे.
मैं मामा के यहां नीचे वाले कमरे में रुक गया था.

मेरे 2-3 दिन तो बस प्रिया को देखने में ही कैसे गुजर गए, पता ही नहीं चला.

प्रिया रोज मेरे रूम में नीचे आकर खाना दे जाती थी.

एक दिन प्रिया दोपहर को खाना लेकर आई और झुक कर रोटी रखने लगी तो मेरी नजर उसकी वक्षरेखा पर चली गई.

प्रिया ने ये देख लिया तो अगली बार से वो दुपट्टा ओढ़ कर आने लगी.

एक दिन रात को मैं और प्रिया चैट कर रहे थे.
काफ़ी बातें होने के बाद मैंने उसे बता दिया कि मैं उसे पसंद करता हूँ.
लेकिन उसे लगा कि मैं उसे एक बहन की तरह पसंद करता हूँ.

अगले दिन जब वो मुझे खाना देने आई तो मैंने उसे कमर पर हल्के से टच किया.
इससे वो गुस्सा होकर चली गई.

मुझे लगा कि कहीं वो ये बात मामी को बता ना दे.
लेकिन उसने किसी को नहीं बताया.

वो रात को भी खाना लेकर आई लेकिन अबकी बार उसके चेहरे से साफ लग रहा था कि वो मुझसे नाराज है.

मैंने भी उसे कुछ नहीं बोला.
दो दिन ऐसे ही चला, हम दोनों ने कोई बात नहीं की.

फिर दूसरे दिन रात 12 बजे मैंने प्रिया को हैलो का मैसेज किया.

उसका थोड़ी देर में रिप्लाई आया- बताईए, इतनी रात को मैसेज?
मैं- नींद नहीं आ रही मुझे.

प्रिया- क्यों?
मैं- क्योंकि तुम मुझसे गुस्सा हो.

प्रिया- तो आपने हरकत ही ऐसी की.
मैं- एक बात बोलूं?

प्रिया- हां.
मैं- तुम बहुत खूबसूरत हो, तो इसमें मेरी क्या गलती है?

प्रिया- मैं आपकी बहन भी तो हूँ.
मैं- दूर की बहन हो!

प्रिया- फिर भी.
थोड़ी देर प्रिया से बात करने के बाद पता चला कि वो घर में बहुत अकेली हो जाती है. इसलिए वो थोड़ी चिड़चिड़ी ही गई है.

फिर हम लोगों की दोस्ती पहले की तरह हो गई.

मैं- एक बात बताओगी प्रिया?
प्रिया- हां पूछिए.

मैं- तुम इतनी खूबसूरत क्यों हो?
प्रिया- मैं नहीं हूँ खूबसूरत.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
मैं- तुम्हें कहां दिखेगी अपनी खूबसूरती.
प्रिया- आप भी तो स्मार्ट हो.

मैं- तुम इतनी अच्छी हो इसीलिए मैं तुम्हें पसंद करने लगा हूँ.
प्रिया- अच्छी बात है, लेकिन मैं आपकी बहन हूँ, तो आगे का कुछ नहीं हो सकता. इसलिए खुद को कंट्रोल कीजिए.

मैं- अच्छा मुझे प्यास लगी है और पानी भी खत्म हो गया है.
प्रिया- ऊपर आइए, मैं बोतल दे देती हूँ.

मैं ऊपर गया और प्रिया बोतल लेकर सामने आई. मैं तो उसे देखता ही रह गया.
नाइट सूट और खुले बालों में वो गजब लग रही थी.

प्रिया- अरे आप इतने गौर से क्या देख रहे हैं. लीजिए पानी की बोतल!
मैं सकपका गया.

फिर देसी बहन चुदाई की तमन्ना को दिल में दबाए बड़े बुझे मन से मैं वापिस नीचे आ गया.
प्रिया भी वापिस चली गई लेकिन वो समझ गई थी कि मैं उसे सच में काफ़ी पसंद करता हूँ.

अगले दिन भी हम लोगों की काफ़ी बातें हुईं और रात गहराने के समय मैंने प्रिया से चैट में पानी की बोतल के लिए कहा.

प्रिया- आज फिर पानी ख़त्म हो गया?
मैं- आ जाऊं ऊपर?

प्रिया- आइए.
मैं ऊपर गया और प्रिया को देखता रह गया.
प्रिया- ये लीजिए पानी!

अबकी बार मैंने हिम्मत करके प्रिया से पूछा- अगर तुम बोर हो रही हो तो नीचे मेरे रूम में चलो. हम लोग खूब बातें करेंगे.
प्रिया- वैसे नींद तो मुझे भी नहीं आ रही. लेकिन कोई जाग गया तो दिक्कत होगी. मैं बाद में कभी आ जाऊंगी.
मैं फिर बुझे मन से वापिस आ गया.

कुछ 15 मिनट बाद करीब 12:30 बजे मेरे रूम में किसी ने नॉक किया.
मैंने दरवाजा खोला तो सामने प्रिया थी.
मेरी तो जैसे खुशी का ठिकाना ही नहीं था.

प्रिया- क्या हुआ आपको?
मैं- कुछ नहीं. आओ अन्दर आओ.

प्रिया अन्दर आई. उसने काली सेक्सी वाली नाइटी पहनी थी.

मैं- मामा मामी लोग तो नहीं जागेंगे ना!
प्रिया- वो लोग 6 बजे से पहले नहीं उठते हैं. इसी लिए मैं आ गई.

मैं- आओ बैठो.
प्रिया- बताइए क्या बात करनी है आपको?

मैं- कुछ नहीं, ऐसे ही.
फिर हम लोगों ने 10 मिनट बातें की.

तभी प्रिया की पीठ पर किसी कीड़े ने काट लिया.
प्रिया तेज़ स्वर से चीखी और बोली कि मेरी पीठ पर किसी कीड़े ने कुछ काटा सा है.
मैं- तुम लेटो, मैं देखता हूँ.

प्रिया लेट गई.

उसकी नाइटी का टॉप थोड़ा ऊपर किया मैंने … तो देखा एक छोटा सा कीड़ा था और त्वचा लाल सी हो गयी थी.

मैंने उसे बताया- मैं क्रीम लगा दूँ इसमें प्रिया?
प्रिया- हां जल्दी से लगा दीजिए बहुत जलन हो रही है.

मुझे क्रीम ढूँढने में 5 मिनट लगा.
तब तक प्रिया लेटी थी.

प्रिया- जल्दी लगाइए.
फिर मैंने प्रिया की पर्मिशन से उसका टॉप थोड़ा ऊपर उठाया और लालिमा वाली जगह पर क्रीम लगाने लगा.

‘कुछ आराम मिला प्रिया?’
प्रिया- हां.

मैं उसकी गोरी गोरी पीठ देख कर मेरा मन ललचाने लगा था.

‘प्रिया थोड़ा और ऊपर लगा दूँ?’

इस पर प्रिया ने पीछे से अपनी पूरी नाइटी ऊपर उठा दी और बोली- लीजिए अब आराम से लगाइए.

प्रिया की पीठ देख कर मेरा लंड एकदम टाइट हो गया.
उसकी गोरी गोरी पीठ पर सिर्फ़ ब्रा की स्ट्रिप दिख रही थी.

मैंने धीरे धीरे प्रिया की पूरी पीठ पर क्रीम लगायी.
क्या गजब थी वो … मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
मैंने धीरे से प्रिया की ब्रा की हुक खोल दी.
लेकिन प्रिया ने कोई विरोध नहीं किया.
वो बस चेहरे नीचे किए हुए लेटी थी.

मैंने धीरे से प्रिया को आवाज लगाई.

प्रिया कुछ नहीं बोली.
बस लेटी हुई थी.

मैंने धीरे से प्रिया की पीठ पर किस किया.
आह बड़ी गजब माल थी वो!

प्रिया अब भी कुछ नहीं बोली.

अब मैंने प्रिया की पूरी पीठ पर किस करना शुरू कर दिया और जीभ से चाटा भी.

इतने से प्रिया मचल उठी.

फिर मैंने प्रिया को सीधा किया.
वो आंखें बंद किए हुई थी.

मैंने प्रिया के होंठों पर किस किया.
प्रिया बस लेटी थी … शायद शर्मा रही थी.

मैंने धीरे से प्रिया की नाइटी का टॉप उतारा तो वो साथ दे रही थी.
काली ब्रा में बहुत सेक्सी लग रही थी वो!

मैंने 2 मिनट उसे ब्रा में देखा. सच में जन्नत की हूर लग रही थी वो!

फिर मैंने प्रिया की ब्रा उतारी.
उसके दूध 30 साइज के थे और निप्पल ब्राउन.

मैंने धीरे से प्रिया के दोनों दूध हाथ में लेकर दबाए.
बहुत सॉफ्ट दूध थे उसके.

प्रिया- आआ आहह!
अब प्रिया ने आंखें खोल दीं.

मैं उसके एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा.
प्रिया- आआहह … आराम से!

मैंने प्रिया की आंखों में देखा.
वो मुझे देख कर मुस्कुराई.
फिर मैंने कसके प्रिया के होंठों को पिया.
वो भी साथ दे रही थी.

मैंने प्रिया के गले, होंठों, कंधों, पेट हर जगह किस किया और खूब चाटा. बहुत खूबसूरत थी वो … और बहुत मुलायम त्वचा थी उसकी.
प्रिया एकदम मदहोश हो गई थी.

फिर मैंने धीरे से प्रिया का नाइटी वाला लोवर उतारा.
मैं तो उसकी जांघों को देखता ही रह गया. बहुत मस्त जांघें थीं उसकी. खूब मोटी मोटी और गोरी जांघें … और जांघों के बीच में छोटी सी सिल्की काली पैंटी.

मैंने प्रिया की दोनों जांघें फैलाईं.
प्रिया की पैंटी बहुत गीली थी.

‘तुम्हारी पैंटी उतार दूँ प्रिया?’
प्रिया- उतार दीजिए.

मैंने अपनी बहन की पैंटी उतारी.
उसकी चुत बहुत गीली थी और पानी छोड़ रही थी.

मैंने प्रिया की चुत को आइस क्रीम की तरह चाट लिया.
इससे प्रिया तो जैसे पागल सी हो गई- आआआ … आआअहह!

मैं- क्या हुआ?
प्रिया- गुदगुदी हुई.

मैं प्रिया की चुत की दोनों फांकों खोल कर उसकी चुत को जीभ से चाटने लगा.

प्रिया- आआहह … भैया … क्या कर रहे हो … आआ आअहह … पागल हो जाऊंगी मैं … आआअहह!
मैंने प्रिया की जांघें और फैलाईं और उसकी चुत को और खोल कर चूसने लगा.

प्रिया- आअहह … मम्मी … मुंम्म्मय यययी … क्या कर रहे हो आप … बहुत गुदगुदी हो रही है.

मैं- कुछ लोगी प्रिया इसमें?
प्रिया- जो मन में आए पेल दीजिए.
वो एकदम मदहोश सी थी.

मैंने अपना लंड निकाला और प्रिया की चुत पर रगड़ा.

प्रिया- ये क्या है … इतना बड़ा!
मैं- लोगी अन्दर इसे?

प्रिया- लेकिन मुझे दर्द होगा ना!
मैं- नहीं कुछ नहीं होगा.

प्रिया- ओके.
मैं- मैंने प्रिया की दोनों टांगें फैलाईं और उसकी चुत में अपना लंड डाला.
पूरा लंड एक बार में चला गया.

प्रिया- आआआ आहह … ये तो पूरा अन्दर चला गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
मैं प्रिया के ऊपर आ गया.
वो भी मुझसे लिपट गई और हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देखने लगे.
मैं प्रिया की चुत में लंड अन्दर बाहर कर रहा था और प्रिया मुझसे बातें कर रही थी.

प्रिया- बहुत अच्छी लगती हूँ क्या मैं आपको?
मैं- हां.

प्रिया- आपकी नजर मुझपर पहले दिन से थी ना!
मैं- हां.

प्रिया- अब तो मैं आपकी हो गई.
मैं- हां.

प्रिया- मुझे प्यार करके कैसा लग रहा है आपको?
मैं- बहुत अच्छा … शब्दों में नहीं बता सकता मैं.

प्रिया ने अपनी टांगों से मुझे लपेट लिया और बोली- अब और तेज कीजिए.
मैंने प्रिया की चुत में रफ्तार बढ़ा दी.

प्रिया- आआ आहह … ऐसे ही करो … मजा आ रहा है.
प्रिया के दूध उछल रहे थे.

मैं- और तेज?
प्रिया- हां औरर्र तेजज … और्र तेजज्ज़.

मैं- मज़ा आ रहा है न!
प्रिया- पूछिए मत … आआ आआहह.

मैं- खूब तेज तेज कर रहा हूँ तुम्हारी चुत में!
प्रिया- और कसके.

मैं- तुम्हारी चुत बहुत टाइट और बहुत गीली है.
प्रिया- आआआ आहह.

मैं- प्रेग्नेंट होना है प्रिया?
प्रिया- कर दीजिए.

मैंने प्रिया के होंठों को अपने होंठों में भर लिया.
फिर प्रिया के दोनों हाथ पकड़ कर उसकी चुदाई और तेज कर दी.

प्रिया- आआ आहह … मम्मी ऊउम्मययी … और तेज … और तेज भैया … और अन्दर … और कस कसके … और तेज तेज कीजिए … आआ अहह … और तेज … और … तेज … अहह …

मैं प्रिया से एकदम लिपटा था और उसे ताबड़तोड़ चोद रहा था.
प्रिया की बहुत तेज आवाज आ रही थी- आआ आआआ अहह … म्मी ऊउम्मय्यी. आआ आअहह … और तेजज्ज़..और तेज … और अन्दर तक … और अन्दर तक … आआअहह … भैया मेरा कुछ निकलने वाला है.’

तभी प्रिया झड़ गई और उसका रस निकल गया और वो मुझसे लिपट गई.
मैंने भी प्रिया की चुत भर दी.

प्रिया- आआहह … मार डाला आपने तो आज मुझे … आंह.

अगले दिन प्रिया मुझसे कुछ शर्मा रही थी लेकिन फिर वो भी सामान्य हो गई.

प्रिया के मम्मे मुझे कुछ बड़े लगने लगे थे.

फिर अगले दिन में नीचे बाथरूम में नहाने गया और प्रिया भी नीचे ही झाड़ू लगा रही थी.
मैंने प्रिया को इशारे से बाथरूम में बुला लिया.

प्रिया बाथरूम में आ गई और मैंने जैसे ही प्रिया को किस करना शुरू किया, तभी मामी ने प्रिया को ऊपर बुला लिया.
तो प्रिया बोली- मैं बाद में आती हूँ.

अगले दिन मैं फिर नहाने गया तो अबकी बार प्रिया नीचे ही थी.
उसने पहले ही आवाज लगा कर मामी को बोल दिया कि वो मेरा रूम साफ कर रही है तो एक घंटा लगेगा.

मैंने बाथरूम का दरवाजा खोल करके प्रिया को अन्दर बुला लिया.

प्रिया- आज आपके पास टाइम ही टाइम है.
मैंने प्रिया को किस कर लिया.

प्रिया ने टी-शर्ट और लोंग स्कर्ट पहनी थी. प्रिया भी मुझे स्मूच देने लगी.

मैंने प्रिया को दीवार से सटा कर उसकी स्कर्ट उठा दी और पैंटी में हाथ डाल कर उसकी चुत रगड़ने लगा

प्रिया- आआहह … आराम से … आज कोई डर नहीं है.

मैंने और प्रिया ने करीब 10 मिनट तक किस किया. मैंने प्रिया की टी-शर्ट उतार दी.
उसने रेड ब्रा पहनी थी.

मैंने प्रिया की ब्रा उतारी और उसके दूध मसलने लगा.
प्रिया- आआआ आहह … जो करना है मुझे लिटा कर करो न भैया.

ये कह कर प्रिया खुद जमीन पर लेट गई.

मैंने प्रिया की स्कर्ट ऊपर की और उसकी पैंटी उतार दी.
उसकी जांघें बहुत मोटी मोटी और गोरी थीं.

प्रिया- स्कर्ट भी उतार दो न पूरी.

मैंने प्रिया की स्कर्ट भी उतार दी.
अब प्रिया पूरी नंगी बाथरूम में लेटी थी.

Exclamation मेरी बहन बाथरूम में मेरे लंड से चुदने के लिए नंगी थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
मैं- प्रिया, कुछ खाने का मन है?
प्रिया ने मुस्कुराते हुए अपनी टांगें खोल दीं- आज इसे खा लो जी भरके!

मैंने देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था.
उसकी गुलाबी चूत गीली थी.

अपनी बहन की चूत में उंगली डाली मैंने तो वो मचल उठी- आआ अहह!
मैंने प्रिया की चूत को जीभ से चाटा … बहुत नमकीन थी.
प्रिया- उम्म्म्म!

मैं प्रिया की जांघों के बीच बैठ गया और उसकी चूत को चूसने लगा.

प्रिया- आआहह … आअहह … भैया … भैया … बहुत अच्छा लग रहा है … और चाटो … आआंह पी जाओ पूरा पानी … आअहह!

मैंने करीब दस मिनट तक प्रिया की चूत पी.
इससे वो दो बार झड़ चुकी थी.

प्रिया- भैया अब और इंतज़ार नहीं होता … अब डाल कर चोदो न!

मैंने अपना लंड निकाला और प्रिया को दिखाया.
प्रिया- हां भैया … दिखाओ मत, पूरा डाल दीजिए इसे … और खूब प्यार रगड़ दीजिए मुझे!

मैंने प्रिया की दोनों टांगें खोलीं और उसकी चूत की फांकों में लंड सुपारा फंसा कर धक्का दे दिया.

प्रिया- आआ आहह … चला गया अन्दर भैया … आंह मर गई.
मैंने प्रिया के दोनों हाथ पकड़ लिए.

प्रिया- अब खूब कस कसके पेलिए … आंह बड़ी खुजली हो रही है मेरी चूत में!

मैंने प्रिया की चूत में लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.

प्रिया मस्त होने लगी- आआह … आआहह … भैया … और तेज … और अन्दर … आआअहह … कस के चोद दीजिए मुझे आज … बहुत बड़ा लंड है आपका … अहह.. और अन्दर पेलो भैया … और अन्दर … बहुत खुजली होती है मेरी चूत में …

मैं- और तेज प्रिया!
प्रिया- हां भैया और तेज्ज.

मैं- ले … और तेज!
प्रिया- हां भैया और तेज तेज …

मैं- मज़ा आ रहा है न मेरी बहन को चुदने में!
प्रिया- हां भैया, बहुत मज़ा आ रहा है.

मैं- दूसरी पोज़िशन ट्राइ करोगी?
प्रिया- हां.

मैंने लंड निकाल लिया तो प्रिया उठी और अपनी एक टांग उठा कर नलके के ऊपर रख कर उसने पोजीशन ले ली.

अब मैं प्रिया को आधा खड़ा करके चोद रहा था. उसके दूध बहुत उछल रहे थे … तो मैं प्रिया के एक दूध को हाथ में लेकर मसलने लगा और उसकी चूत को चोद रहा था.

प्रिया- आआह … आआहह … और तेज भैया … और तेजज … और कस के भैया … और कसके चोदिए … बहुत मज़ा आ रहा है.

पांच मिनट बाद मैंने प्रिया को वाशबेसिन के सहारे डॉगी स्टाइल में कर दिया और पीछे से प्रिया की चूत को चोदने लगा.

प्रिया- आअहह … ये मेरी बेस्ट पोज़िशन है … इसी में चोदिए मुझे भैया … आंह.

मैं प्रिया को झुका कर उसकी चूत को चोद रहा था.

प्रिया- आआहह … और अन्दर ठोकर मारिए … आंह मुझे प्रेग्नेंट कर दीजिए भैया … आप आज मेरी चूत भर दीजिए … मैं रोज चुदूँगी आपसे भैया.
वो पागल सी हो रही थी.

मैं- प्रेग्नेंट होना है प्रिया!
प्रिया- हां.

मैं- इस पोज़िशन में प्रेग्नेंट नहीं हो पाओगी तुम.
प्रिया- तो फिर किस पोज़िशन में?

मैं- सीधी लेट जाओ.
प्रिया फर्श पर सीधी लेट गई और उसने अपनी टांगों से मुझे लपेट लिया- अब कीजिए!

मैंने प्रिया के कंधे पकड़े और उसकी चूत में पूरा लंड डाल दिया.
उसकी चूत बहुत चिकनी थी और काफ़ी खुल गई थी.

प्रिया सिर्फ़ मेरी आंखों में देख रही थी और बड़बड़ा रही रही- आंह और तेज … और तेज.
मैं- क्या और तेज!
प्रिया- और तेज चोदिए मुझे … खूब तेज चोद दीजिए मुझे … आंह भैया इतना चोदिए कि मेरी चूत फट जाए.

अब मैं और प्रिया एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे और मैं प्रिया को धकापेल चोदता जा रहा था.

प्रिया- आआ आहह … रुकना मत भैया … मेरा निकालने वाला है भैया.

मैंने प्रिया की चुदाई फुल स्पीड पर कर दी … और प्रिया की चूत को अपने पानी से भर दिया.

प्रिया- आंह … मम्मी मर गई मैं!

ये कहकर वो मुझसे लिपट गई और उसका रस निकल गया.

ऐसे ही मैंने प्रिया को 3-4 दिन बाथरूम में प्यार किया.
उसके दूध बड़े लगने लगे थे और प्रिया और ज़्यादा खूबसूरत हो गई थी.

एक हफ्ते बाद मैंने प्रिया से कहा- हम लोग होटल में एक पूरा दिन स्पेंड करेंगे.

वो राजी थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#7
फिर हम दोनों ने प्लान बनाया और प्रिया ने अपने किसी कम्पटीशन की कह कर मामा मामी से मेरे साथ जाने की अनुमति ले ली. परमिशन मिलते ही हम लोग एक होटल में रुकने चले गए.

हम दोनों शाम को होटल में करीब 7 बजे पहुंचे.
मैंने टीवी ऑन कर ली.
प्रिया बाथरूम में चेंज करने चली गयी.

हम लोग होटल में सिर्फ़ चुदाई करने ही आए थे.

बीस मिनट बाद प्रिया बाथरूम से निकली तो क्या कमाल लग रही थी वो!
उसने काली साड़ी पहनी थी और बॅकलेस ब्लाउज पहना था, अपने बाल खुले रखे थे.

मेरा लंड तो उसे देखते ही टाइट हो गया.

प्रिया- कैसी लग रही हूँ मैं?
मैं- क़यामत.

प्रिया धीरे धीरे चलती हुई मेरे पास आई.
मैंने प्रिया की नाभि को चूम लिया.

प्रिया आंख बंद करती हुई बोली- भैया, आज मुझे खूब प्यार कीजिएगा.

मैं प्रिया को ड्रेसिंग टेबल के सामने ले गया और उसके बालों को हाथ से हटा कर उसकी पीठ को अच्छे से चूमा और खूब चाटा.
प्रिया सिर्फ़ आहें भरी जा रही थी- आअह!

फिर मैंने प्रिया के ब्लाउज के हुक खोल दिए और उसको अपनी तरफ घुमा लिया.
वो बड़ी मासूमियत से मेरी तरफ देख रही थी.

मैंने धीरे से प्रिया के होंठों को अपने होंठों में भर कर पीना शुरू कर दिया.
हम दोनों ने काफ़ी देर तक किस किया.

किस करते करते मैंने प्रिया की साड़ी उठाई, उसने नीचे पेटीकोट नहीं पहना था.

मैंने प्रिया की चूत को पैंटी के ऊपर से ही मसला.
प्रिया- आआआ अहह …
मैं- पिलाओगी इसे?

प्रिया- यहीं पर पीजिए.
मैंने प्रिया की साड़ी उठाई और उसकी पैंटी नीचे खिसका कर उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.

प्रिया- आअहह … भैया … बहुत अच्छा लग रहा है.

प्रिया ने अपनी एक टांग उठा कर कुर्सी पर रख ली.
इससे उसकी चूत और खुल गई.

प्रिया की चिकनी चूत नमकीन थी और बहुत पानी छोड़ रही थी.
मैंने उसकी पूरी चूत मुँह में भर ली और चूसने लगा.

प्रिया- आआहह … और पीजिए … और … चाट लीजिए भैया.

वो मेरा सिर अपनी चूत पर दबाने लगी.

मैंने करीब 15 मिनट तक प्रिया की चूत पी.
वो दो बार झड़ चुकी थी.
मैंने उसका पूरा पानी पी लिया.

फिर मैंने प्रिया को गोद में उठा कर बेड पर लिटा दिया.
प्रिया सिर्फ़ मुझे देख रही थी.

मैंने प्रिया का पल्लू हटाया और उसका ब्लाउज उतार दिया. प्रिया ने अन्दर ब्रा भी नहीं पहनी थी.

मैं- तुम्हारे दूध तो 32 इंच के हो गए हैं.
प्रिया- आप ही की मेहरबानी है भैया वरना पहले तो 30 के थे.

मैं- 34 के कर दूँ?
प्रिया- कर दीजिए.

मैं प्रिया के दोनों दूध हाथ में लेकर कस कस कर मसलने लगा.
प्रिया- आआअहह!
फिर मैंने प्रिया के निप्पल पर जीभ फिराई तो वो मचल गई- उम्म्म्म!

फिर मैंने प्रिया के दोनों मम्मों बारी बारी से मुँह में लेकर खूब चूसे.

प्रिया मुझे कसके अपनी बांहों में जकड़े थी और मेरी पीठ पर नाख़ून चुभा रही थी.
मैं बस प्रिया के निप्पल और दूध चूस रहा था.

फिर मैंने प्रिया को पलट दिया.
अब उसकी पीठ ऊपर थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#8
मैंने धीरे से उसकी पीठ पर जीभ फिराई.
प्रिया- अहह..

मैंने प्रिया की पूरी पीठ को खूब चूमा और जीभ से चाटा. गजब का हुस्न था उसका.

प्रिया- आआहह … बहुत अच्छा लग रहा है भैया.

अब मैंने प्रिया की साड़ी भी खोल दी और दूर रख दी.
प्रिया अब सिर्फ़ पैंटी में थी और उसकी जांघें काफ़ी मोटी मोटी दिख रही थीं.
प्रिया की पैंटी उसकी चूत में घुस रही थी.

प्रिया ने मेरी तरफ देखा और हंसती हुई बोली- क्या चाहते हैं आप मुझसे?
मैं- वो जो तुम्हारी पैंटी में है.

ये कह कर मैंने प्रिया की पैंटी उतार दी.

प्रिया ने अपनी दोनों टांगें फैला कर कहा- क्या आपको ये चाहिए?
मैं- हां.
प्रिया- आपकी ही है … खा लीजिए इसे!
ये कह कर प्रिया ने मुझे अपनी टांगों से लपेट लिया.

मैं प्रिया की जांघों के पास बैठ गया और कस कसके प्रिया की चूत का रस पीने लगा.

प्रिया- आआहह … मम्म्ममी मर गई.
मैं- क्या हुआ?
प्रिया- आप नीचे पीते हो, तो बहुत गुदगुदी होती है.

मैं प्रिया की चूत पी रहा था और इसी में कई बार उसका रस निकला.
मैं सारा रस पी गया.

प्रिया बोली- भैया अब डाल कर कीजिए … रुका नहीं जा रहा.

मैंने प्रिया की चूत को दो उंगली डाल कर खोला, अन्दर से गुलाबी थी और बहुत गीली.

प्रिया- आज डॉगी स्टाइल में कीजिए.
ये बोल कर वो घुटनों के बल बैठ गई.

मैंने प्रिया की चूत में पीछे से लंड घुसाया और एक ही बार में पूरा अन्दर तक डाल दिया.

प्रिया- उम्म्म्मा … ये तो पूरा चला गया … अब कीजिए.
मैं- क्या कीजिए?

प्रिया- शर्म नहीं आती!
मैं- नहीं.

प्रिया- चुदाई कीजिए मेरी!

मैंने प्रिया की कमर पकड़ कर उसकी चूत में लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.

प्रिया- आआहह … उउफ फफ्फ़ … आज तो काफ़ी बड़ा लग रहा है आपका.
मैं- तुमको प्यार करके ही बड़ा हो गया है ये!

प्रिया- भैया और कस कसके कीजिए ना … आज एकदम गहरी कर दीजिए.

मैंने प्रिया की चूत में रफ्तार बढ़ा दी.
उसकी चूत काफ़ी खुल चुकी थी तो लंड आराम से अन्दर बाहर हो रहा था … और प्रिया की चूत से काफ़ी आवाज भी आ रही थी.

प्रिया- उम्म्म्म आह भैया … मैं तो आपकी दीवानी हो गई हूँ … कितने अच्छे से प्यार करते हैं आप … आआ अहह … और कीजिए.
फिर मैंने प्रिया के बाल पकड़ कर उसकी चुदाई की.

प्रिया- म्म्म्म़ ममम … अहह!

मेरी बहन के दूध झूल रहे थे. उसकी चूत एकदम चिकनी हो गई थी और लंड आराम से उसकी चूत में अन्दर बाहर हो रहा था.

फिर मैं रुक गया.
प्रिया- भैया अब मुझे सीधी करके प्यार कीजिए.

ये बोल कर वो बेड पर चित लेट गई.
उसके निप्पल टाइट हो गए थे और चूत लाल थी.

मैं- अबकी बार तुम्हें अपने बच्चे की मम्मी बना दूँगा.
प्रिया- बना दीजिए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#9
मैं प्रिया के ऊपर आ गया. उसके होंठों को अपने होंठों से पीने लगा; प्रिया के दोनों दूध पकड़ कर उसकी चूत में लंड पेल दिया.

प्रिया- आआ आहह!
वो मेरे होंठों को अच्छे से पीने लगी और मैं उसकी चुदाई कर रहा था.

प्रिया ने मेरी आंखों में देखा- बहुत अच्छी लगती हूँ मैं आपको!
मैं- हां.

प्रिया- अपनी बहन को कोई ऐसे प्यार करता है!
मैं- तुम तो दूर की बहन हो.
प्रिया- तो क्या हुआ!

मैंने प्रिया की चूत में और अन्दर तक लंड डाला.

प्रिया- आअहह … आप मेरे साथ क्या कर रहे हैं.
मैं- तुम्हें प्यार.

प्रिया- भैया, अब मुझे आपके ऊपर आना है.
ये कह कर प्रिया मेरे ऊपर आ गई और मेरे लंड पर बैठ गई. अब वो खुद से ही चुदने लगी.

प्रिया सच में गजब की रांड लग रही थी खुले बाल, एकदम वाइट बॉडी और उसके दूध शानदार तरीके से उछल रहे थे.

मैं- प्रिया मेरा होने वाला है.

प्रिया ने मेरे लंड से चूत को हटाया और लंड हाथ से पकड़ कर मुँह में भर लिया.
मैंने रस छोड़ा तो वो मेरा पूरा रस पी गई और लंड को चूसने लगी.

प्रिया- भैया, ये तो बहुत टेस्टी है.
ये कह कर वो लंड को कस कसके चाटने भी लगी.

इससे थोड़ी ही देर में मेरा लंड फिर से टाइट हो गया.

मैं- प्रिया अबकी बार मैं तुम्हारे मुँह के अन्दर करूंगा.

प्रिया बेड पर बैठ गई और मैं प्रिया के मुँह में लंड अन्दर बाहर करने लगा.
कुछ ही देर में उसने मेरे लंड को झड़ने पर मजबूर कर दिया और पूरा वीर्य पी लिया.

अब मैं और प्रिया काफ़ी थक गए थे तो हम लोग बेड पेर ही सो गए.

तीन घण्टे बाद मैं सो कर उठा तो देखा कि प्रिया हॉट केटल में कॉफी बना रही थी.
उसने सिर्फ़ ब्लैक ब्रा और पैंटी पहनी थी.

मैं बेड पर ही बैठ गया.
प्रिया कॉफी लेकर आई और उसने मुझे होंठों पर किस किया.

मैं- अब तो तुम बिल्कुल नहीं शर्मा रही हो?
प्रिया- सब कुछ तो हो गया. अब कैसी शर्म.

मैं- हम लोगों को आज के बाद ऐसा टाइम नहीं मिलेगा प्रिया.
प्रिया- हां भैया. दो घंटा और हैं बस. फिर हम लोग घर के लिए निकलेंगे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#10
door hai
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#11
(17-06-2022, 02:32 PM)neerathemall Wrote:
ममेरी बहन की अन्तर्वासना


ममेरे भाई से किया प्यार देने का वादा-














Tongue
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#12
मेरा नाम अञ्जलि शर्मा है और इस समय मेरी उम्र 21 साल होने वाली है।
मेरा फिगर 32-28-34 का है।

आज भी जिम और स्विमिंग की वजह से मेरा फिगर किसी का भी लंड खड़ा करने की ताकत रखता है।
मैं कॉलेज के प्रथम वर्ष की परीक्षा दे चुकी हूं।

भाई से चुदाई की बात 10 अगस्त 2022 की है, मैं रक्षाबंधन पर मम्मी के साथ अपने मामाजी के घर आई हुई थी।
मेरे मामा जी के परिवार में उनके 1 बेटा है अचिंत और 1 बेटी है इनारा।
मेरा अपने ममेरे भाई अचिंत से दोस्ताना व्यवहार था।
अचिंत की उम्र 30 साल है।

मैं और अचिंत भाई-बहन के अलावा काफी अच्छे दोस्त भी थे।
आपको मैं आज से 3 साल पहले वर्ष 2020 में लेकर चलती हूँ जब मेरी अचिंत से इतनी गहरी दोस्ती हुई।
उस समय अचिंत की उम्र 27 साल और मेरी उम्र 18 साल थी।

हम दोनों रात को अक्सर देर रात तक छत पर बैठ कर बातें किया करते थे।
एक रात हमारी बातों का टॉपिक गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड था।
उसने तो मुझे अपनी गर्लफ्रेंड के बारे में बता दिया था.
लेकिन उसने मुझे पूछा तो मैंने मना कर दिया क्योंकि मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था।

मैं जिससे बात करती थी, वह मेरा क्रश था लेकिन हम दोस्त की तरह थे।
हमारी कभी कभी सेक्स संबंधित बातें भी हो जाती थी।
मैंने उससे कभी सेक्स नहीं किया था।

अचिंत- अञ्जलि तुम्हारा कोई क्रश तो होगा। इसमें कुछ गलत भी नहीं है सबका होता है। मुझसे शेयर कर लेगी तो शायद मैं कोई मदद कर दूँ।
यह सुन कर मेरा हौसला बढ़ गया और मैंने सिर हिला कर हां कहा।

वह थोड़ी देर चुप रहा और मुझसे पूछा- कौन है वो?
मैंने सोचा जब इसको इतना बता चुकी हूँ तो नाम भी बता दूँ। मैंने उसको बता दिया की वह मामा जी की कॉलेज में पढाता है और मैंने उसका नाम भी बता दिया।

उसका नाम सुन कर अचिंत चौंक गया और बोला- वह चूतिया क्रश है तेरा?
अचिंत बोला- तेरा दिमाग तो ठीक है ना … वह शादीशुदा है।
मैं- मैं जानती हूँ।

अचिंत- क्या वह भी तुझे चाहता है?
मैं- हां!

अचिंत- तुझे मालूम है कि वह किस तरह का आदमी है?
मैं- अच्छा है।

यह सुन कर अचिंत बोला- कुछ नहीं मालूम तुझे, मैं जानता हूं उसको, बहुत ही गिरा हुआ आदमी है।
अचानक वह चुप हो गया और कुछ देर बाद बोला- एक बात बताओ … सच सच बताना!
मैं- हां पूछो!

अचिंत- क्या तुम दोनों में कुछ हुआ है?
मैं- क्या मतलब?
अचिंत- मतलब ऐसा कुछ सेक्स वगैरा?
मैं- नहीं, उसने मुझे कभी टच नहीं किया। वह ऐसा नहीं है।

अचिंत- तू नहीं जानती उसको … एक नहीं, काफी लड़कियों को चोदा है उसने और तुझे भी चोदना चाहता है वो!
मैं- ऐसा नहीं है वो, तुम्हें कोई गलत फहमी हुई होगी।

अचिंत- अच्छा… मैं ये साबित कर सकता हूँ।
मैं- ठीक है तो करो… अगर वह ऐसा हुआ तो जो तुम कहोगे वह मैं करूंगी। और अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं उससे मिलती रहूंगी और तुम कुछ नहीं कहोगे।

अचिंत- ठीक है, मेरे लिए ये मुश्किल नहीं है। कल शाम तक देख लेना, सब सामने आ जाएगा।
और ये कह कर वह चला गया।
मैं भी नीचे आकर सो गई।

अगले दिन सुबह जब मैं उठी तो अचिंत जा चुका था।
मैं उससे पूछना चाहती थी कि वह कैसे पता करेगा लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई।

अचिंत रात 8 बजे के करीब आया।
उसके चेहरे पर एक अजीब सी खुशी थी।

वह मुझसे कुछ नहीं बोला और अपने कमरे में चला गया।
फिर खाना खाकर वह छत पर चला गया जहाँ अक्सर हम दोनों बैठ कर बातें करते थे।

मैं भी छत पर आ गई।
अचिंत मुझे एक अजीब सी नज़रों से देख रहा था।

मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि मैं उससे कुछ पूछ सकूं!
लेकिन मैं हिम्मत करके बोल दी- क्या सबूत है तुम्हारे पास कल वाली बात का?

कुछ देर गुजरने के बाद अचिंत बोला- जाओ देख कर आओ सब सो गए या नहीं।
यह मेरे लिए अजीब सी बात थी लेकिन मैं चुपचाप देख कर आ गई।
सब सो चुके थे।

उसने सीढ़ियों के गेट की कुंडी लगा दी।
मैं हैरान थी लेकिन कुछ नहीं बोली।

अचिंत ने अपना मोबाइल निकाला और मोबाइल में वीडियो सर्च करने लगा और मेरे पास खिसक कर बैठ गया।
वीडियो सर्च करते हुए अचिंत बोला- देखो अंजलि, हम दोनों भाई- बहन है लेकिन साथ में अच्छे दोस्त भी है। हम दोनों में ऐसी दोस्ती है कि हम सब कुछ आपस में शेयर कर सकते हैं। मैं ठीक कह रहा हूँ ना?
मैंने हां में सिर हिला दिया।

अचिंत- देखो, तुम अब जवान हो गई हो और खूबसूरत भी हो। मैं जानता हूं कि लड़के तुम्हारे फिगर को हसरत भरी नजरों से निहारते होंगे। बहुत से लड़के तुम्हें चोदने की भी ख्वाहिश रखते होंगे।
ऐसे ही वह टीचर भी तुम्हें चोदना चाहता है। इस बात का सबूत इस वीडियो में है। इसको देखो और गौर से सुनो। इसके बाद मैं तुमसे बात करूंगा।
ये कह कर उसने वीडियो शुरू कर दिया।

स्क्रीन पर क्लासरूम का मंजर था।
वह सबको पढ़ा रहा था।

कुछ देर बाद क्लास खत्म हो गई।
सब लड़के लड़कियां क्लास से बाहर चले गए लेकिन इनारा बाहर नहीं गई।

अब क्लास में वह टीचर और इनारा ही थे।
टीचर ने गेट की कुंडी लगा दी और वह इनारा के पास आया और इनारा के होठों पर किस करने लगा।
उसने इनारा के सारे कपड़े उतार कर उसको बिलकुल नंगी कर दिया और इनारा के बूब्स चूसने लगा।
थोड़ी देर बाद उसने भी अपने कपड़े उतार दिए और इनारा को अपना लंड चूसाने लगा।
कुछ देर तक वह इनारा को अपना लंड चुसाता रहा और फिर इनारा को बैंच पर लिटा दिया।
उसके बाद उसने इनारा की टांगों को फैला कर इनारा की चूत में अपना लंड डाल दिया और इनारा को चोदने लगा।

इनारा चुदते-चुदते उससे पूछने लगी- अञ्जलि को कब चोदने वाले हो?
टीचर- बस कुछ दिनों में उसके भी मजे ले लूंगा। तेरी कजिन है अगर तू कुछ मदद कर दे तो उसको भी जल्द ही चोद दूं।
उसके बाद टीचर इनारा को चोदने लग गया।

इसके साथ ही अचिंत ने वीडियो बंद कर दी और मेरी तरफ देख कर बोला- अब यकीन आया मेरा?

मैंने अचिंत से पूछा- इनारा को मेरा और उसके बारे में कैसे पता?
अचिंत- मैंने ही इनारा को बोला था।

मैं- तो इनारा को तुमने भेजा उसके पास?
अचिंत- हां।
मैं- इनारा को उससे चुदने के लिए भी तुमने बोला?
अचिंत- वह इनारा को पहले से ही चोदता है। इसलिए मैंने उसकी मदद ली।

मैं- तुम इनारा को मना क्यों नहीं करते हो?
अचिंत- यार तू इनारा को नहीं जानती है उसने और भी ना जाने कितने लड़कों से चुदवाया है।

मैं- मुझे सबूत दिखाने के लिए इनारा से ये सब करने के लिए कहने में तुम्हें शर्म नहीं आई।
अचिंत- तुमको एक बात बोलूं?
मैं- हां बोलो।
अचिंत- मेरी कसम खाओ किसी को नहीं बोलोगी।
मैं- कसम खाती हूँ नहीं बोलूंगी।

अचिंत- इनारा मुझसे भी चुदवाती है।
मैं- क्या? वह तो तुम्हारी बहन है।

अचिंत- यार आजकल सब चलता है अञ्जलि। वह किसी और से चुदे इससे अच्छा तो मैं ही चोद लूं। घर की इज्जत घर में रहेगी। और तुम्हारी जिंदगी भी वह ऐसे खराब कर देता। मैं इनारा को उससे चुदती देख सकता हूँ, तुमको नहीं, मुझे तुम बहुत अच्छी लगती हो।
ऐसा कह कर अचिंत ने मुझे गले लगा लिया और मेरे माथे पर किस किया।

ऐसा उसने पहले कभी नहीं किया था इसलिए मुझे बहुत अजीब लगा।
मैंने अचिंत से पूछा- क्या सब लड़के सिर्फ चुदाई के लिए बात करते हैं?
अचिंत- सब तो नहीं … लेकिन ज्यादातर लड़के चुदाई के लिए ही बात करते हैं।

मैं- तुमने इनारा के घर पर किसी को इसलिए नहीं बताया ना ताकि तुम भी उसको चोद सको?
अचिंत- बताने से भी क्या होता यार? मम्मी पापा उसको डांटते। वह तो तब भी नहीं सुधरती बल्कि मम्मी पापा की नजरों में गिर जाती इसलिए मैंने किसी को नहीं बोला।

मैं- जब तुम्हें इनारा का पता चला तो तुम भी इनारा को चोदने के बारे में सोचने लगे थे?
अचिंत- हां।

मैं- तुम ऐसा और किसके बारे में सोचते हो?
अचिंत- कोई भी हो सकती है … तुमको क्या!

मैं- तुमने ही कहा था कि हम सब बातें शेयर कर सकते हैं, अब क्यों छुपा रहे हो?
अचिंत- देख लो, तुम जानती हो मैं काफी बोल्ड किस्म का आदमी हूं। किसी को बताना मत!

मैं- नहीं बताऊंगी, अब बोलो!
अचिंत- मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ।

मैं यह सुन कर हैरान हो गई और पीछे हट गई।
वह मुझे देख कर मुस्कुरा रहा था।

मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या कहूं।
मैं- तुम पागल हो गए हो? हद में रहो, बहन हूँ मैं तुम्हारी।
अचिंत- हां पागल कर दिया है तुमने! और रही बात हद की … तो प्यार में कोई हद नहीं होती है अञ्जलि! और वैसे भी तुम्हें कहा था कि अगर मैं साबित कर ड़ूं तो जो मैं कहूंगा, वह तुम करोगी।

मैं- तो क्या कोई भी लड़की खूबसूरत हो तो तुम उसको चोदना चाहोगे चाहे वह तुम्हारी बहन ही क्यों ना हो?
अचिंत- हां ऐसा ही है।

पता नहीं क्यों मुझे अचिंत की इन बातों का मजा आ रहा था।
अजीब सी हालत थी मेरी!
मैं सोच रही थी कि अब मैं इसे क्या कहूं, कैसे कहूं!

मेरे दिमाग में कुछ नहीं आ रहा था.
लेकिन मुझे अचिंत की बातें बिलकुल भी बुरी नहीं लग रही थी।
मैं अब कुछ नहीं बोल रही थी।

वह मुझे देख कर मुस्कुरा रहा था।
मुझे पता नहीं क्या हो रहा था।

मेरे अंदर एक अजीब सी हलचल थी कि मेरा भाई मेरे बारे में ऐसा सोचता है।
क्या मैं वाकयी में इतनी खूबसूरत हूँ?
मुझे क्या करना चाहिए?
कैसे इस हालात को हैंडल करूं?

अब मैं अचिंत और इनारा की चुदाई के बारे में सोच रही थी।
यह बात तो है कि मेरा भी मन अब उसके करीब जाने का करने लगा था.
लेकिन वह मेरा भाई है।

मैंने तब तक सिर्फ जीजू से ही अपनी सील तुड़वा कर चुदाई करवाई थी.
लेकिन भाइयों के बारे में मेरा कभी ऐसा ख्याल नहीं था।

यह बात बार बार मेरे दिमाग में आ रही थी कि वह मेरा भाई है।
भाई बहन के बीच ये सब कैसे हो सकता है।

मुझे फिर ख्याल आया कि आखिर इनारा तो अचिंत की सगी बहन है।
अचिंत ने मुझे इनारा के साथ चुदाई की जो बात बताई है क्या वह सच हो सकती है या नहीं?
क्यों ना पहले इस बात की पुष्टि की जाए।

मैंने अचिंत से पूछा- इनारा, आज अपने टीचर से चुदवा कर आई है, तो क्या तुम भी आज उसको चोदोगे?
अचिंत- हां! जब से तू आई है, तब से तुझे ना पता चल जाए इसलिए मैं उसको नहीं चोद रहा था। अब तुम सब जान गई हो तो आज उसकी जमकर चुदाई करूंगा।

मैं- मैं तो अब सोने जा रही हूं।
अचिंत को कल बात करने की बोल कर मैं इनारा के रूम में सोने चली गई।
मैं मामा जी के घर इनारा के साथ ही सोती थी।

इनारा से मैं बातों ही बातों में बोली- यार मेरा बॉयफ्रेंड बहुत अजीब है। हमेशा चुदाई की बातें करता रहता है।
इनारा- तूने चुदवा लिया क्या उससे?
मैं- कहाँ यार … मुझे तो चुदाई से डर लगता है।

इनारा- अरे पागल, पहली बार ही दर्द होता है फिर तो मजे ही मजे हैं चुदाई में!
मैं- यार, मुझे तो चुदाई की कहानी भी पसंद है. लेकिन बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड वाली चुदाई की कहानी मिलती ही नहीं है। जहाँ देखो भाई-बहन, जीजा-साली की चुदाई कहानी भरी पड़ी हैं।
इनारा- तो वही पढ़ लो।

मैं- भाई के साथ की कहानी अजीब लगती है।
इनारा- अरे चुदाई में लड़का लड़की मायने रखता है, भाई को बॉयफ्रेंड मान कर पढ़ लो।

मैं मुस्कुराती हुई- ऐसे तो भाई को बॉयफ्रेंड मान कर चुदने को मत बोल देना!
इनारा- आज कल सब लंड सिर्फ चूत देखते हैं और मजे करते हैं।
मैं- तुम किसी से चुदी हो?
इनारा- हां, काफी बार।

मैं- किससे?
इनारा हंसती हुई- मेरे चोदू तो बदलते रहते हैं बहन!

मैं- तुम्हारा क्या ख्याल है भाई से चुदाई के बारे में? सही है या गलत?
इनारा- देखो यार, दोनों सहमत हों तो कुछ गलत नहीं है। प्यासी चूत सिर्फ लंड देखती है।
मैं- हां ये बात भी सही है।

फिर इनारा ने लाइट बंद कर दी और मुझे सोने को बोली।
थोड़ी देर बाद इनारा ने धीरे से दरवाजा खोला और अचिंत के कमरे में गई।
मैंने कुछ देर बाद जाकर दरवाजे में से देखा तो इनारा धीरे धीरे आहें भर रही थी और इनारा की चुदाई हो रही थी।
मुझे तब पक्का भरोसा हो गया कि अचिंत इनारा को चोदता है।

रोजाना की तरह अगली शाम मैं और अचिंत खाना खाने के बाद छत पर गए।
मैंने अचिंत से पूछा- रात को इनारा आई ना चुदाने?
अचिंत- हां! लड़की को एक बार मजा दे दो, फिर खुद चल कर आती है।

मैं- तुमने इनारा को पहली बार कब चोदा था?
अचिंत- तुमको पता है मैं कंप्यूटर पर बहुत समय निकलता हूँ। इनारा कॉलेज से लेट आती थी तो मुझे उस पर शक था। मैंने उसका व्हाट्सएप अपने कंप्यूटर पर चालू कर लिया था। मैं आचर्यचकित था कि उसको बहुत से लड़कों ने सैक्सी मैसेज किए हुए थे और इनारा ने भी सबको रिप्लाई दिया हुआ था। इसमें एक उसका यह टीचर भी था। जिसकी चैट पढ़ी तो मैं चौंक गया। इनारा उससे चुदवा चुकी थी।

उसने आगे बताया- फिर मैंने नया व्हाट्सएप बना कर इनारा को मैसेज भेजा और उसको सेक्स के लिए मिलने को तैयार किया। एक दिन सब बाहर गए तो इनारा का मैसेज आया। उसने घर का पता भेज कर घर आने को कहा। मैंने अपने एक दोस्त को इनारा को चोदने के लिए भेज दिया। जब वे दोनों चुदाई कर रहे थे तो मैंने जाकर उनको पकड़ लिया और अपने दोस्त को भगा दिया। उसके बाद मैंने इनारा को खूब चोदा था।
मुझे सुनने में भाई से चुदाई की बात करने में बहुत मजा आ रहा था.
तभी अचिंत बोला- अञ्जलि, तुमने वादा किया था कि जो मैं बोलूंगा वह करोगी। मुझे एक बार चोदना है तुझे … मान जा ना प्लीज।
मैंने मना कर दिया और अपने कमरे में आकर सो गई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#13
Shy Shy Shy
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#14
मुझे रात में ब्रो फक सिस वाला सपना आया कि मैं बाथरूम में नहा रही थी और अचिंत अंदर आ गया.
वह बिल्कुल नंगा था और मैं उसको देख कर खुश हो रही थी।

अचिंत ने बाथरूम का दरवाजा बंद करके मुझे किस करना शुरू कर दिया था।
मैं भी बिल्कुल नंगी थी।

अचिंत मेरे बूब्स को चूसने लगा।
काफी देर रोमांस करने के बाद अचिंत ने मुझे चोदना शुरु कर दिया।
मुझे बहुत मजा आ रहा था.

तभी उसने जोर जोर से चोदना शुरू किया और मेरा माल निकल गया।
और तभी मेरी आंख खुल गई।

मैंने नीचे अपनी चूत पर हाथ लगाया तो मैं नीचे से गीली हो चुकी थी।
नीचे बिल्कुल चिपचिपा सा था मतलब मेरा असली में भी माल निकल गया था।

मुझे लग रहा था मैं अचिंत के करीब आने लगी हूं।
मैं रोजाना भाई बहन की चुदाई की कहानियां पढ़ने लगी थी।

इसी बीच मैं वापस अपने घर आ गई।
मेरा उससे किया हुआ वादा अधूरा रह गया।
मैंने उसको वादा किया था कि अगर वह साबित कर देगा तो वह जो कहेगा, वो मैं करूंगी।
लेकिन अचिंत ने साबित करके वादे में मेरी चूत मांग ली।

मैं अपना वादा तो अधूरा छोड़ आई लेकिन भाई-बहन के चुदाई के उस खूबसूरत रिश्ते को नहीं भुला पायी।
तब मैं रोजाना भाई-बहन की चुदाई की कहानियां पढ़ने लगी।
मेरा और मेरे सगे भाई अजय का उस समय एक ही कमरा हुआ करता था।
मुझे अब अजय से चुदने का ख्याल आने लगा।

मैंने इंस्टाग्राम का सहारा लिया और मेरी कक्षा की एक लड़की के नाम से खाता खोला।
मैं रात को स्कर्ट में भाई के सामने बैठ कर इंस्टाग्राम पर भाई से सेक्सी बातें किया करती थी और उसको भाई बहन की चुदाई की कहानी भेजा करती थी।
बहन भाई की चुदाई में मैं उसकी रुचि जगाने लगी।

उसके बाद की कहानी आपको पता ही है भाई ने अपने दोस्त आसिफ की मदद से मुझे चोद दिया था।
जिसको आप मेरी पिछली कहानी
भाई के दोस्त ने मेरी चूत मारीhttps://www.freesexkahani.com/antarvasna/mast-chudai-story-hindi/
में पढ़ सकते हो।

अब मैं आपको वर्तमान कहानी पर लाती हूँ।
मैं और मम्मी रक्षाबंधन पर 10 अगस्त 2022 को मामा जी के घर आए।
अगले दिन रक्षाबंधन था तो हम 10 तारीख को दोपहर 3 बजे तक मामा जी के घर पहुंच गए।
आते ही मुझे 2 साल पुराने दिन याद आ गए।
मैं सोच रही थी कि क्या अचिंत अब भी अपनी बहन इनारा को चोदता होगा।

मेरे मन में ये ख्याल चल रहे थे इसलिए मैं शाम होने का इंतजार कर रही थी ताकि छत पर जाकर अचिंत से मिलकर अपने अधूरे वादे को पूरा करने के लिए आगे कदम बढ़ा सकूं।
शाम को मैं और अचिंत छत पर मिले।
हम 2 साल बाद मिले तो सामान्य हाल-चाल पूछ रहे थे।

फिर मैंने अचिंत से पूछा- क्या तुम और इनारा अब भी चुदाई करते हो?
अचिंत- हां! बीच में थोड़ा कम कर दिया था लेकिन अब पहले जैसा ही चल रहा है।
कुछ देर ऐसे ही इनारा के बारे में बातें हुई.
फिर अचिंत ने कहा- अञ्जलि, पिछली बार वादा अधूरा छोड़ कर चली गई। मैंने तुझे अपने सारे राज बता दिए थे लेकिन तू अपने भाई की एक इच्छा पूरी नहीं कर सकी।
मैं- उस समय मैं तैयार नहीं थी यार। इस बार मैं अपना वादा पूरा करके जाऊंगी. यह वादा है मेरा!

अचिंत- हां देखे हैं तेरे वादे!
फिर अचिंत हंस दिया.

मैं- इस बार देख लेना आप!
फिर मैं नीचे आ गई और इनारा के कमरे में आकर सो गई।
उसी रात अचिंत हमारे कमरे में आया और मुझे कहा- मेरे पीछे पीछे आती जाओ।
मैं- क्या हुआ?
अचिंत- तुम्हें कुछ दिखाता हूँ। तुम्हें देखने की जरूरत है।
मैं- वह कैसे?
अचिंत- बस आती जाओ मेरे पीछे पीछे।

वह मुझे मामाजी के कमरे के बाहर ले आया।
अचिंत- आवाज मत करना, अंदर देखो।

मुझे वह गेट के छेद में से अंदर देखने को बोला।
मैंने अंदर देखा तो बेड पर मम्मी बिल्कुल नंगी लेटी हुई थी और मामाजी मम्मी की चूत का रसपान कर रहे थे।
मम्मी बोल रही थी- उफ्फ आआह हहह जीभ अंदर डालो … मर जाऊंगी … रुकना मत प्लीज … सब कुछ डाल दो … आआह हह भाई कितने दिनों बाद मिल रहे हैं … चोद दो आज मुझे!

मामा जी भी बिल्कुल नंगे थे।
मैं देख ही रही थी तभी मेरे पीछे मुझे अचिंत का लंड रगड़ता हुआ महसूस हुआ।
मुझे मजा आ रहा था इसलिए मैं ऐसे ही अंदर देखती रही और अचिंत के लंड के रगड़ का मजा ले रही थी।
थोड़ी देर बाद मामाजी मम्मी को जोर जोर से चोदने लगे।
मम्मी की सिसकारियां की आवाज बाहर आ रही थी।

मामाजी मम्मी को बहुत जंगली तरीके से चोद रहे थे।
कुछ देर बाद मामाजी मम्मी को चोदते चोदते शांत हो गए लेकिन हमारे अंदर एक ज्वाला को जगा दिया।
फिर हम दोनों अचिंत के कमरे में आ गए।
मामाजी और मम्मी की चुदाई देख कर मैं पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।
मैंने अचिंत की तरफ देखा, वह मुझे देख रहा था।
उसकी हालत भी मेरी जैसी थी।

वह नजरों नजरों में मुझे समझा रहा था कि भाई-बहन के प्यार का एक रिश्ता ये भी होता है।
मैं अब अपने आप को अचिंत को सौंपने को तैयार थी।
अचिंत मेरे करीब आया और मुझे कमर से पकड़ लिया।
उसने अपने होठों को मेरे होठों से मिला दिया।
अचिंत आहिस्ता आहिस्ता मेरे होठों को चूसने लगा।

हम दोनों भाई बहन पूरी तरह से एक दूसरे में खो गए।
अचिंत मेरे होठों को मुंह में भर कर चूसने लगा।
मेरी हवस काबू से बाहर हो रही थी।

मैं भी अचिंत के होठों को चूसने लगी।
अचिंत ने मेरे होठों को अपने दांतों से पकड़ कर अपने मुंह में भर लिया और मेरे होठों की जबरदस्त चुसाई करते हुए बोला- अञ्जलि, आज की रात हम दोनों, भाई-बहन की चुदाई की एक नई कहानी रचते हैं। क्या तुम्हें मंजूर है?
मैंने उसकी आंखों में देख कर मुस्कुराते हुए कहा- मंज़ूर है भाई।

अचिंत ने अपना एक हाथ मेरे दाएं बूब पर रख दिया।
उसने आहिस्ता से मेरे कंधे से मेरे टॉप को थोड़ा सा नीचे खिसका दिया और मेरी गर्दन और कंधे को चूमने लगा।

अचिंत ने चूमते हुए मेरे हाथों को ऊपर करके मेरे टॉप को उतार दिया।
अब मैं ब्रा में बची थी।

मैं अचिंत को किस कर रही थी और अचिंत भी मेरे होठों को चूसते हुए आहिस्ता आहिस्ता मेरी ब्रा को खोल रहा था।
अचिंत ने मेरी ब्रा भी उतार दी।
तब अचिंत ने मुझे अपनी तरफ पलटा और मेरे बूब्स देखने लगा।

मुझे थोड़ी बहुत शर्म आ रही थी इसलिए मैंने अपने दोनों हाथ मेरे बूब्स पर रख दिए।
अचिंत मुस्कुराते हुए अपनी शर्ट उतारने लगा।
मैं उसको बड़े गौर से देख रही थी।

शर्ट उतारने के बाद अचिंत अपनी पैंट भी उतारने लगा और वह अंडरवियर में आ गया।
अचिंत मेरे करीब आया और मेरे हाथों को मेरे बूब्स से हटाने लगा।
मैंने कोई विरोध नहीं किया और अपने हाथ हटा लिए।

उसने मेरे बूब्स को अपने हाथों में ले लिया और हल्का हल्का मसलने लगा।
अचिंत ने थोड़ी देर मेरे बूब्स मसले, फिर मेरे बूब्स के निप्पल को अपने मुंह में भर कर चूसने लगा।
ओह माई गॉड … क्या फीलिंग थी!
सच में मेरी फीलिंग का अंदाजा वही लगा सकता है जिसने अपने भाई को अपना जिस्म सौंपा हो.
मैं दुनिया की सबसे बेस्ट फीलिंग महसूस कर रही थी।

वह मेरे बूब्स को चूस रहा था मैंने उसका सिर पकड़ा हुआ था और मेरा मुंह ऊपर की खिड़की से बाहर आसमान की तरफ था।
चांद भी हम दोनों के प्यार को निहार रहा था और अपनी खूबसूरत रोशनी बरसा रहा था।

रक्षांबधन के पूर्ण चांद के सामने भाई के साथ इस हालत में मेरे लिए जन्नत से कम नहीं थी।
अचिंत अभी भी मेरे बूब्स चूसने में लगा था।
इसी दौरान उसने मेरी जींस के बटन खोल दिये।
तब उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी जींस को चैन खोलने लगा।
उसने मेरी टांगों को अपने कंधे पर रखकर मेरी जींस को उतार दिया।


अब मैं सिर्फ पैंटी में बची थी।
अचिंत अपने मुंह को मेरी चूत के पास लाया और मेरी पैंटी को अपने मुंह से पकड़ कर उतार दिया।
अब मैं बिल्कुल नंगी थी और वह भी अपने भाई के साथ।
मुझे नंगी देख कर भाई ने भी अपना अंडरवियर उतार दिया।
मुझे पहली बार अचिंत का लंड नजर आया।
मैं अचिंत का लंड देख कर आचर्यचकित थी क्योंकि मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरे भाईयों में किसी का इतना बड़ा लंड हो सकता है।

अचिंत का लंड देख कर मेरे मुंह से आह भरी आवाज में निकला- ओह माई गॉड … इतना बड़ा लंड … यह तो अजय भाई से भी बड़ा है।
वह यह सुन कर हंस पड़ा- चलो अच्छा है, मेरी और इनारा की चुदाई से कुछ तो अच्छा सीखी। बाहर किसी से चुदवाने से तो कई गुणा बेहतर है ये अञ्जलि!
फिर अचिंत ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया और बोला- आज इस भाई के लंड को शांत करके अपना वादा पूरा कर लो।

अचिंत ने मुझे अपना लंड चूसने को बोला।
मैंने भी बिना देरी किए उसका लंड अपने मुंह में भर लिया और आईसक्रीम की तरह चूसने लगी।
अचिंत का लंड धीरे धीरे गर्म सरिया बनता जा रहा था जो मुझे आज बहुत बेरहमी से चोदने वाला था।
करीब 10 मिनट तक मैं अचिंत का लंड चूसती रही, फिर अचिंत ने मुझे बेड पर लिटा दिया और वह मेरे ऊपर आकर आ गया।
मेरी बदन में हलचल हो रही थी।
मैं मेरे जीवन के सबसे खास शख्स के नीचे थी।
अचिंत का लंड मेरी चूत को स्पर्श कर रहा था।

वह मेरे बूब्स को चूसते हुए मेरी चूत तक पहुंच गया।
उसने जैसे ही अपनी जुबान मेरी चूत पर रखी, मेरी बॉडी में बिजली दौड़ गई।
अचिंत जीभ डाल डालकर मेरी चूत को चाटने लगा।
मेरी सिसकियों भरी आह आह निकलने लगी।

जो सिसकारियां कुछ देर पहले मम्मी के मुंह से निकल रही थी, वही सिसकारियां अब उनकी बेटी के मुंह से निकल रही थी।
अचिंत का सिर पकड़ कर मैं अपनी चूत को चटवाने लगी।
मैं चाह रही थी कि वह हर पल ऐसे ही मेरी चूत चाटता रहे।
अचिंत अपनी जीभ को मेरी चूत में अंदर बाहर करके मेरी चूत को चोद रहा था।
करीब 8-10 मिनट तक वह मेरी चूत चाटता रहा।
मैं बिल्कुल अचिंत के नियंत्रण में थी।

उसका रॉड पहले से भी अधिक कठोर और गर्म हो गया था।
फिर वह मेरी दोनों टांगों को खोल कर उनके बीच में आ गया और मेरे कान में कहा- अञ्जलि, आज मेरे पापा तेरी मम्मी को खुश कर रहे हैं, उनका बेटा तुझे!।
मैं- आप जो करना चाह रहे हो कर लो! मैं भी अपना वादा पूरा करना चाहती हूं।

अचिंत अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा।
उसका लंड मेरी चूत की साइज से काफी बड़ा था क्योंकि डॉक्टर के कहने पर मैं एक साल तक लंड से दूर रही थी और अपनी चूत को फिर से सील पैक जैसी करवा रही थी।

अचिंत- अब इसका कमाल देखो अञ्जलि!
उसकी इन हरकतों से मुझे एक अजीब सा मजा आ रहा था।

फिर अचिंत अपने लंड को आहिस्ता से मेरी चूत में डालने लगा।
अचिंत का लंड थोड़ा सा मेरी चूत में घुस गया।

मुझे सच में बहुत दर्द हुआ लेकिन मैं अचिंत से वादा कर चुकी थी इसलिए अपने होठों को अपने दांतों में दबा कर चुपचाप लेटी रही।
अचिंत मेरी हालत देख कर बोला- अभी तो सिर्फ 10% ही गया है अञ्जलि! तू देख आज तेरे भाई का कमाल!
यह सुनकर मुझे मेरी सील टूटने के समय का वह दर्द याद आने लगा।
अगर 10% पर मेरा ये हाल है तो आगे क्या होगा।
लेकिन मैं फिर भी चुपचाप लेटी रही।

अचिंत अब धीरे-धीरे अपना लंड मेरी चूत में अंदर डाल रहा था और मेरी दर्द से जान निकल रही थी।
भाई का आधा लंड मेरी चूत में जा चुका था.
तभी उसने जोर से धक्का दिया।
मैं दर्द के मारे जोर से चीख पड़ी।

अचिंत ने मेरे चीखते ही अपने होठों को मेरे होठों से मिला दिया.
जिससे मैं चुप हो गई।

आवाज इतनी तेज थी कि मुझे लगा मम्मी और मामाजी ने सुन ली होगी।
लेकिन कोई नहीं आया।
शायद वे दोनों अपनी मस्ती में मस्त थे।

मेरी चूत में अचिंत का लंड पूरा समा चुका था।
दर्द से मेरी बुरी हालत हो रही थी। दर्द मेरे बर्दाश्त से बाहर था।

मैं अचिंत को बोली- भाई, प्लीज थोड़ी देर के लिए निकाल लो।
अचिंत- बस मेरी जान, अब दर्द नहीं होगा. अगर अब लंड निकलूंगा तो वापस इतना ही दर्द होगा दुबारा डालने पर! कुछ देर में दर्द खत्म हो जाएगा और तू खुद मुझे अपनी चूत को जोर-जोर से चोदने के लिए बोलेगी।

अचिंत की बातों ने मुझे मजबूर कर दिया कि मैं चुपचाप लेट कर बर्दाश्त करूं।
वह भी चुपचाप मेरे ऊपर लेटा रहा और मेरे बूब्स मसलता रहा।
धीरे-धीरे मुझे दर्द कम होता हुए महसूस होने लगा।
मेरे चेहरे को देखकर अचिंत अंदाजा लगा चुका था कि मैं अब पहले से ठीक हूँ।
मुझे अचिंत का लंड मेरी चूत में एक गर्म सरिये की तरह महसूस हो रहा था।
अचिंत अब आहिस्ता आहिस्ता अपने लंड को मेरी चूत में अंदर बाहर करने लगा।
अब धीरे-धीरे मेरा दर्द मजे में बदलने लगा।

थोड़ी देर बाद मुझे बहुत मजा आने लगा।
एक ऐसा मजा जिसका मुझे अंदाजा भी नहीं था और जिसको मैंने पहले कभी इतना महसूस नहीं किया था।
मैं अपने ही भाई का लंड अपनी चूत में ले रही थी।

अचिंत अब अपनी स्पीड बढ़ाने लगा जिससे मुझे और ज्यादा मजा आने लगा।
अब मैंने अपनी टांगों से अचिंत को कमर से जकड़ लिया और जोर जोर से अपनी चूत को चुदवा रही थी।

कुछ ही देर में मेरे अंदर एक अजीब सा तूफान उठा।
मैं अचिंत को पीठ से पकड़ कर नौचने लगी।

अब अचिंत का पीछे हटना भी मुझे मंजूर नहीं था।
मेरा मन चाह रहा था कि वह मेरी चूत में अंदर तक जाता रहे।

मैं चरम सुख की प्राप्ति के करीब पहुंच रही थी।
अचिंत की जोरदार चुदाई से मेरे अंदर उठा तूफान थम गया।

मेरी चूत में उठे ज्वालामुखी से लावा बहने लगा।
मैंने अपनी दोनों टांगों से अचिंत को आजाद कर दिया और सीधी लेट गई।
लेकिन अचिंत मुझे अभी भी पेले जा रहा था।

अचिंत ने भी अपनी स्पीड बहुत तेज कर दी।
वह मुझे जोर जोर से चोदने लगा।

उसकी जोरदार चुदाई से पूरे कमरे में फच फच की आवाज होने लगी।
अचिंत भी आह … आह … मेरी रण्डी बहन … तेरी चूत फाड़ दूंगा बहन की लौड़ी … तुझे चोदने का सपना बचपन से था मेरा जो आज जाकर पूरा किया है तूने रण्डी … अब अपने भाई की रण्डी बनकर रहेगी ना हमेशा? बोल बहन की लौड़ी?
ऐसी गाली देकर अचिंत मुझे चोदता रहा।
मुझे उसकी गालियां भी अच्छी लग रही थी।
अचिंत मुझे फुल स्पीड में चोदते चोदते शांत हो गया और मेरे ऊपर लेट गया।
उसके लंड से टपकता हुआ गर्म गर्म माल मुझे अपनी चूत में गिरता हुआ महसूस होने लगा।

अचिंत थोड़ी देर ऐसे ही ऊपर लेटा रहा फिर पलट कर बेड पर लेट गया।
उसने उस रात मुझे 3 बार चोदा था।
फिर मैं कपड़े पहन कर धीरे से इनारा के कमरे में जाकर उसके बगल में सो गई।
मैं अब लेटी लेटी वह सारा मंजर याद कर रही थी कि कैसे उधर मामा जी मम्मी को चोद रहे थे और उनका बेटा मुझे चोद रहा था।
तब मैं सोच रही थी काश ये सीन एक कमरे में 2 अलग अलग बेड पर होता तो कितना मजेदार होता।
एक अजीब था सुकून था मेरे अंदर … जो शायद अपना वादा पूरा करने से भी कहीं ज्यादा था।
ये सब सोचते हुए मुझे एक बात अचानक याद आई कि जब अचिंत मुझे जगाने आया, तब इनारा कमरे में नहीं थी।
और जब मैं अचिंत से चुदवा कर आई तो वह सो रही थी।
तो उस समय वह कहाँ थी जब अचिंत मुझे जगाने आया।
इसका क्या मतलब है?

क्या इनारा उस समय भाई के कमरे में उससे चुदवा रही होगी?
भाई मुझे मम्मी और मामा जी की चुदाई दिखाने ले गया हो, तब इनारा अपने कमरे में आकर सो गई हो।
और भाई मुझे अपने कमरे में चोदने ले गया।
क्या इनारा को पता होगा उसके भाई ने मुझे चोद दिया?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#15
(17-06-2022, 02:32 PM)neerathemall Wrote: Tongue Tongue
ममेरी बहन की अन्तर्वासना






Tongue Tongue







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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#16
Superb story
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