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Adultery पुरानी चाहत की चूत औरलॉकडाउन
#1
पुरानी चाहत की चूत औरलॉकडाउन

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
(10-06-2022, 05:19 PM)neerathemall Wrote:
पुरानी चाहत की चूत औरलॉकडाउन


सन 2020 के मार्च महीने
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
एक दिन मैं वैसे ही बैठा फेसबुक चला रहा था क्योंकि उस समय लॉकडाउन लगा हुआ था. काम तो कोई वैसे ही नहीं चल रहा था.

मैं घर पर बिल्कुल फ्री ही बैठा था.
तभी मुझे एक लड़की का मैसेज आया, जिसने पहले मुझसे मेरा नाम कंफर्म किया और बताया कि वह कैसे मुझसे लगभग 20 वर्ष पहले मिली थी.
उससे बातें करने पर मुझे याद आया कि वह सही बोल रही थी और हम किसी पारिवारिक समारोह में मिले थे क्योंकि वह हमारी किसी दूर की रिश्तेदार की ही बेटी थी.
चैट में ही उसने मुझसे मेरा मोबाइल नंबर मांगा जो मैंने उसे दे दिया.
तभी उसने मेरे फोन पर कॉल की और हमारी बातें शुरू हो गईं.
बातों बातों में उसने मुझे बताया कि उसकी शादी के कुछ समय बाद ही उसका तलाक हो गया था और वह तब से लेकर अब तक अकेली ही रह रही है. अपने जीवन-यापन के लिए वो उसी शहर में एक प्राइवेट नौकरी कर रही है.
उस समय फोन काटने के बाद वह सारी यादें मेरे दिमाग में घूमने लग गईं कि वह एक खूबसूरत और चुलबुली लड़की थी जिसका नाम अंजलि (परिवर्तित नाम) है.
उसे पहली नजर पर देखते ही मैं उस पर लट्टू हो गया था. मैं उसे शादी का प्रस्ताव देने की सोच ही रहा था कि उसने मुझे बताया कि उसकी मंगनी हो चुकी है.
लेकिन उससे मिलने की कसक मेरे दिल में दबी ही रह गई, जिसको पूरा करने के लिए ही भगवान ने शायद यह मौका दिया था.
अगले दिन सुबह लगभग 10:30 बजे उसका फिर से फोन आया.
इस बार उसने मुझसे मिलने की इच्छा जाहिर की.
मैंने लॉकडाउन के बाद उससे मिलने का वायदा किया.
अब मुझे बेसब्री से लॉक डाउन के खुलने का इंतजार था.
और जैसे ही लॉकडाउन खुला, उसके अगले दिन ही मैं उससे उसके बताए हुए पते पर मिलने पहुंच गया.
उसको इतने सालों बाद देखने के बाद मैंने पाया कि उसकी खूबसूरती पर वक्त का बहुत कम असर नजर आ रहा था.
वो अभी उतनी ही हसीन और खूबसूरत नजर आ रही थी जितनी जवानी के दिनों में थी....
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#4
उसका वही कातिल फिगर जो लगभग 34-32-36 का उस वक्त था, उसने अभी भी मेंटेन करके रखा हुआ था.

मैंने चुप्पी को तोड़ते हुए बातचीत का सिलसिला शुरू किया- अंजलि जी, आपको इतने वर्षों के बाद मिलने पर मुझे बहुत खुशी महसूस हो रही है. आप अभी भी उतनी ही खूबसूरत और हॉट हैं, जितनी आज से 20-22 साल पहले हुआ करती थीं. परंतु आपको इस हाल में देखना भी अच्छा नहीं लग रहा.
अंजलि- पहले तो आप मुझे अंजलि जी कहना बंद कीजिए और दूसरी बात ये कि अब इन हालातों की मुझे आदत सी हो गई है. रही बात मेंटेन करने की, तो नौकरी के बाद खाली समय में करना ही क्या होता है … इसीलिए योगा और मेडिटेशन करती हूं, जिससे मैं अपने आपको फिट रखती हूं.
चाय पानी की औपचारिकता के बाद हमारी बातें आगे बढ़ना शुरू हुईं.
अंजलि के साथ हुई बातचीत को मैं अपनी और उसकी जुबानी लिख रहा हूं.
अंजलि- आप अपने परिवार के बारे में बताइए … कौन-कौन हैं आपके परिवार में?
मैं- मेरे परिवार में मैं, मेरी पत्नी और मेरे दो बच्चे हैं.
अंजलि- अब आप बताइए कि आपका और हमारा क्या रिश्ता है … क्योंकि यह तो मुझे तो यह पता है कि हम दूर के रिश्तेदार हैं. परंतु क्या रिश्ता है यह मुझे नहीं पता.
इससे पहले कि वह कोई और बात करती, मैं बोला- अंजलि जी, हमारा रिश्ता कोई भी हो, लेकिन भाई बहन वाला कोई रिश्ता नहीं है और आज से हम दोस्त हैं.
वह मेरी बात का मतलब तो समझ ही गई थी क्योंकि भगवान ने लड़कियों को सामने वाले की नजरों और बातों का मतलब पता करने की एक अलग सी शक्ति दे रखी है.
मेरी बात पर उसने हंस कर कहा- हां, मुझे भी लगता है कि हमारा रिश्ता भाई बहन वाला नहीं था. आगे भी मुझे पुराना रिश्ता कायम रखने में कोई दिलचस्पी नहीं है.
मैंने कहा- दोस्ती का रिश्ता तो पुराना ही है!
वो बोली- हां वो तो है और आगे भी रहेगा.
फिर इस बात का सिलसिला शुरू हो गया कि मैंने उसे उस समय आगे क्यों नहीं दोस्त बनाया था.
मैंने कहा- यार, उस दिन मैं तुमसे कुछ कहने ही वाला था मगर उसी समय तुमने मुझे अपनी शादी की बात पक्की होने की बात कह दी थी और मैं चुप रह गया था.
ये सुनकर उसकी आंखों में आंसू से आ गए.
मैंने पूछा- आंसू क्यों?....
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#5
यह तो ट्रेजिक कहानी होने लगी। कुछ आगे के अपडेट दीजिये ओर कहानी को रोचक बनाईये।
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#6
(10-06-2022, 11:04 PM)bhavna Wrote: यह तो ट्रेजिक कहानी होने लगी। कुछ आगे के अपडेट दीजिये ओर कहानी को रोचक बनाईये।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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