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Adultery पहली चूत मौसी की चोदी
#1
पहली चूत मौसी की चोदी





































...
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
मैं आपको मेरी मौसी के बारे में बताता हूं. मेरी मौसी 35 साल की हैं और दिखने में बहुत सेक्सी हैं. वह दूध सी गोरी हैं और उनका फिगर करीब 34-32-36 का होगा

मेरे मन में मौसी को लेकर कोई भी ग़लत विचार नहीं था. मौसी बचपन से ही मुझसे बहुत प्यार करती थीं और जब भी मैं उनके घर जाता था, वो मुझे कसके गले से लगा लेती थीं.

बचपन में तो कुछ समझ में नहीं आता था लेकिन अब मैं बड़ा हो चुका था.
मेरे नाना और नानी की तबियत खराब रहने की वजह से मौसी नानी के साथ ही रहती हैं.
उनके पति अपनी जॉब के चलते कभी कभी ही अपनी ससुराल आ पाते हैं.
मैं अपनी बारहवीं के बाद नानी के घर गया.
सब मुझे देख कर बहुत ही खुश थे.
मौसी ने हमेशा की तरह मुझे अपने गले से लगा लिया. उनकी चूचियां मेरे सीने से रगड़ गईं, जिसकी वजह से मेरा लंड खड़ा हो गया.

इस पर उन्होंने स्माइल देते हुए कहा- राहुल, तुम तो काफी बड़े हो गए हो.

उनकी स्माइल से मैं तो समझ गया लेकिन कुछ कह नहीं पाया. मैं हंस कर रह गया.
मैं नानी के यहां रहने गया था तो मैं रात में बैठ कर मौसी के एक साल के बच्चे के साथ खेल रहा था.
तभी मौसी आईं और लड़के को अपनी गोद में लेकर दूध पिलाने लगीं.
वो मेरे बगल में कुछ इस तरह बैठी थीं कि अगर कोई सामने बैठा होता तो उन्हें उनकी पीठ दिखाई देती.
लेकिन वह मेरे बगल में थीं, तो मुझे उनके चूचों के दर्शन हो गए.
मौसी के रसीले चूचे देख कर मेरा लंड फिर से सलामी देने लगा.
तभी बच्चे ने अपना हाथ कुछ इस तरह से फिराया कि मौसी की कुर्ती एक तरफ से पूरी उठ गई, जिससे मुझे उनकी पूरी चूची दिख गई. मैं आंख फाड़ कर मौसी के मम्मे देखता रह गया.
मौसी ने तुरंत अपनी कुर्ती को नीचे कर दिया और मेरी तरफ देखने लगीं.
मैं उन्हें अनदेखा करके टीवी देखने लगा लेकिन मैंने तिरछी नजर से ध्यान दिया तो देखा कि मौसी का ध्यान बार बार मेरी पैंट में तम्बू बनाए हुए मेरे लंड पर जा रहा था.
कुछ देर बाद हम खाना खा कर बैठे गए थे.
तभी मौसी ने कहा- तुम्हारे मौसा एक हफ्ते से आए नहीं हैं और वो कुछ दिन तक नहीं आएंगे.
मैंने पूछा- क्यों?
तो मौसी ने ठंडी आह भरते हुए कहा- उनका काम ही कुछ ऐसा है कि वो कम बार आ पाते हैं. तुम आज मेरे साथ ही सो जाना.
सच कहता हूं दोस्तो मौसी की ये बात सुनकर मैं तो बहुत ज्यादा खुश हो गया था कि मौसी के साथ सोने का मौका मिल गया.
रात हुई और वो बच्चे को बीच में सुलाने लगीं.
तभी मैंने कहा- मौसी इसे उधर साइड सुला दो और आप बीच में सो जाओ.
मैं नींद में हाथ पैर बहुत चलाता हूं और यह बात मौसी जानती थीं. इसलिए उन्होंने उसे अपनी दूसरी तरफ सुला दिया और खुद बीच में सो गईं.
हम सब सो गए.
रात में मेरी नींद खुली तो मेरा ध्यान मौसी कि तरफ गया तो वो मेरी तरफ मुँह करके सो रही थीं.
तभी मैंने अपने हाथ का कमाल चालू कर दिया.
हालांकि मुझे डर भी लग रहा था मगर मेरी वासना जाग चुकी थी तो मैं अपने काम पर लग गया.
मैंने धीरे धीरे अपने हाथ उनके चूचों पर रख दिए.
मुझे महसूस हुआ कि उन्होंने ब्रा पहन रखी थी.
मुझे मजा आ रहा था.
मौसी बहुत गहरी नींद में सो रही थीं.
मैंने उनके चूचों को सहलाना शुरू कर दिया.
वो भी गहरी नींद में थीं तो नहीं जागीं.
मैं मौसी के चूचों को धीरे धीरे दबाने लगा.
मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा.
मैंने उनकी कुर्ती में हाथ डालने की कोशिश की लेकिन कुर्ती टाइट होने के कारण मैं ऐसा नहीं कर पाया.
तभी मैंने उनके चेहरे को देखा तो ऐसा लग रहा था जैसे ये मेरी मौसी नहीं, कोई जन्नत की परी हों.
अब मैंने उनके होंठों को छुआ, तो मुझे महसूस हुआ जैसे मैंने किसी गुलाब की पंखुड़ी पर हाथ रख दिया हो.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
तभी मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उनकी गर्म सांसों को महसूस करने लगा.

मैं गर्म होने लगा था तो मैंने उन्हें थोड़ा थोड़ा किस करने लगा.
शायद वो बहुत गहरी नींद में थीं इसलिए उन्होंने कोई विरोध नहीं किया.
कुछ देर बाद मौसी ने थोड़ी सी हरकत की.
जैसे ही मौसी हिलीं, मेरी तो गांड ही फट गई.
मैं फट से हटा और पलट कर सोने का नाटक करने लगा.
मौसी की तरफ से कुछ देर तक जब कोई हरकत नहीं हुई तो मैंने समझ लिया कि मौसी अब भी नींद में थीं.
मेरी आंखें फिर से खुल गईं और मैंने सर घुमा कर देखा कि अब मेरी मौसी की गांड मेरी तरफ हो गई थी.
जैसे औरतों की गांड शादी के बाद चौड़ी हो जाती है, मेरी मौसी की भी गांड काफी चौड़ी हो गई थी.
मैं उनकी गांड पर हाथ रख कर सहलाने लगा. उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मैंने अपना लंड अपने पैंट के बाहर निकाला और उनकी गांड की दरार पर रगड़ने लगा.
मुझे मौसी की गांड की खाई में लंड रगड़ने से मजा आने लगा.
मैं लंड रगड़ते रगड़ते ही एकदम से कामोत्तेजित हो गया और मेरे लंड ने अंडरवियर के अन्दर ही पानी छोड़ दिया.
मेरी आग शांत हो गई और मैं अपनी अंडरवियर बाथरूम में रख कर वापिस बेड पर आ गया.
ये सब होते होते सुबह के 4 बज चुके थे.
मौसी हमेशा से ही 5 बजे उठ जाती थीं.
तभी मेरे मन में फिर से वासना जागने लगी.
मुझे अभी बाथरूम से आए हुए 15 मिनट ही हुए होंगे कि मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैं उसे पैंट के बाहर ही छोड़ कर सो गया.
मैंने ऐसा इसलिए किया था ताकि मौसी उठ कर मेरा मोटा लंड देख लें और उन्हें ऐसा लगे कि मैंने नींद में ऐसा किया.
मैं अब सोने का नाटक करके लेट गया.
थोड़ी देर बाद मौसी जाग गईं.
उनका मुँह मेरी तरफ था.
उठते ही उनकी नजर लंड की तरफ गई. उनका मेरे चेहरे की तरफ ध्यान नहीं था, वो सिर्फ मेरे लंड को निहार रही थीं.
मैं सोने का नाटक कर रहा था और साथ ही थोड़ी सी आंख खोल कर उनकी तरफ देख रहा था.
मैं उनकी प्रतिक्रिया देखने चाहता था. वह घूर घूर कर मेरे लंड की तरफ देख रही थीं.
फिर उन्होंने मेरी तरफ देखा, तो मैंने आंखें बंद कर लीं.
तभी मौसी ने बच्चे को देखा, जो सो रहा था.
उन्होंने मुझे आवाज लगाई, जिसका मैंने उत्तर नहीं दिया ताकि उन्हें ऐसा लगे कि मैं गहरी नींद में सो रहा हूं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
फिर वह उठीं और मेरे लंड की तरफ ध्यान लगाने लगीं.

मेरी तरफ देख कर वो मेरे लंड को छूने लगीं.
उनके मुलायम और नाज़ुक हाथों का स्पर्श मिला तो मैं झनझना उठा.
मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता कि मुझे कैसा लग रहा था. मैं मानो आसामान में उड़ रहा था. मैं दम साधे लेता रहा और मैंने कोई भी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की.
वो मेरे लंड को अब अपने हाथ में पकड़ कर उसे आगे पीछे करने लगी थीं.
मैं आंख बंद करके पड़ा रहा.
वो मेरे लंड की खाल को पूरा पीछे तक ले जा रही थीं, जिससे मुझे थोड़ा दर्द हो रहा था.
चूंकि मैंने अब तक कभी किसी को चोदा नहीं था तो मुझे बड़ा अजीब लग रहा था.
मौसी मेरे लंड के साथ रह रह कर अपनी चूत को भी सहला रही थीं.
उनके नाज़ुक स्पर्श के आगे मैं ज्यादा देर नहीं टिक पाया और मेरा पानी निकल गया.
मेरे लंड का रस मौसी के हाथ पर ही गिर गया.
उन्होंने अपने हाथ की तरफ देखा, फिर दूसरे हाथ से मेरे लंड को मेरे लोअर अन्दर करके वो उठ कर वहां से चली गईं.
कुछ देर बाद जब मैं उठा, तो मौसी मुझसे नजरें चुरा रही थीं और बार बार मेरे लंड की तरफ देख रही थीं.
उनका व्यवहार भी आज बदला हुआ था.
आज बच्चे दूध पिलाते समय वह अच्छे से अपने चूचे दिखा रही थीं.
तभी मौसी मुझसे मेरे बारे में पूछने लगीं.
हम दोनों बात करने लगे.
बातचीत में मालूम हुआ कि मौसा अभी दस दिन तक नहीं आने वाले थे.
आज तो मैंने ठान ली थी कि आज मौसी को चोद कर ही रहूंगा.
हम दोनों खाना खा कर सोने चले गए.
आज मेरे बोले बिना ही मौसी ने बच्चे को एक साइड में सुला दिया और खुद बीच में आकर लेट गईं.
आज मौसी गहरे गले की मैक्सी पहन कर आई थी.
उन्हें देख कर लग रहा था कि उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी है.
रात हो गई, मौसी सो गईं.
मेरी नींद रात में खुली, तो मैंने पाया कि मौसी दूसरी तरफ मुँह करके सो रही थीं.
अब मुझे पता था कि मौसी भी मुझसे चुदवाना चाहती थीं इसलिए मैंने बेफिक्र होकर उनकी चूची पर अपना हाथ रख दिया और कुछ पल बाद एक चूची को दबाने लगा.
तभी मैंने पाया कि मौसी अपनी गांड पीछे करके मेरे खड़े लंड पर रगड़ रही थीं.
मैंने उनकी चूची दबा रहा था.
वह जाग गईं और अचानक मेरी तरफ मुड़ गईं.
एक बार को तो मैं डर गया लेकिन सुबह की बात याद करके मैं वैसे ही पड़ा रहा.
मौसी ने मेरी तरफ देखा और धीरे से कहा- इसके आगे भी कुछ करोगे?
मैं मौसी की इस अदा को देख कर चौंक गया था. मैं अभी कुछ बोलता, इसके पहले ही उन्होंने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और जोर जोर से चूसने लगीं.
मैं उनका विरोध तो नहीं कर रहा था, लेकिन साथ भी नहीं दे रहा था.
तभी मौसी मुझसे अलग हुईं और उन्होंने कहा- कल तो बड़ा किस कर रहे थे. आज क्या हो गया?
इस बात से मुझे फिर एक झटका लगा.
इसका मतलब साफ़ था कि जब मैं उन्हें कल चूम रहा था, तब मौसी जाग रही थीं.
इस बात से मैं बेफिक्र हो गया. मैं उन्हें अपने करीब खींच कर किस करने लगा.
मौसी मेरे साथ चूमाचाटी में मस्त होने लगीं.
फिर मैंने कहा- मौसी अगर कल ही बता देतीं, तो आपको आज तक का इंतज़ार नहीं करना पड़ता.
इस पर वह हंस पड़ीं और बोलीं- पहले तो ये मौसी मौसी कहना बंद करो. मुझे रीना कह कर पुकारो!
मेरी मौसी का नाम रीना है.
मैंने कहा- हां रीना रानी.
मौसी- हां अब सही लाइन पर आ गए. सुनो मेरी जान अब भी कौन सी देर हुई है. आज की रात अपनी है.
मैं खुश हो गया और कहा- मेरी जान, मैं आज तुमको जम कर चोद कर मजा दूंगा.
उन्होंने कहा- हां अब ज्यादा बात मत कर … बस जल्दी से चालू हो जा. राहुल आज मुझे शांत कर दे. मैं बहुत दिन से प्यासी हूं. तेरे मौसा तो अपने काम में ही व्यस्त रहते हैं. उन्हें तो मेरा ख्याल ही नहीं रहता है.
यह बात कह कर वो थोड़ी दुखी हो गईं.
मैंने कहा- अरे आप चिंता क्यों करती हो, मैं हूं ना. मैं आपका पूरा ख्याल रखूंगा.
मेरी इस बात पर मौसी हंस दीं और हम दोनों के बीच में फिर से चुम्बन शुरू हो गए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
मैं उनके होंठों को चूस रहा था. मौसी मेरी जीभ चूस रही थीं. मेरे हाथ उनके चूचों पर चलने लगे. मैं उनके होंठ से हट कर उनकी गर्दन और उनके कान पर किस करने लगा, साथ ही एक हाथ से मैक्सी के बाहर से ही उनकी चूची के निप्पल को अपनी उंगलियों में पकड़ कर मींजने लगा.

जैसे ही मैंने उनको कान के निचले हिस्से को चूसा, वो पागल सी हो गईं और मुझे पागलों की तरह चूमने लगीं.
मैंने उनकी मैक्सी को ऊपर तक उठा दिया और उनकी चूत पर उंगली फिराने लगा.
आज मौसी पूरी तैयारी करके आई थीं.
उनकी चूत बिल्कुल चिकनी थी और गीली हो चुकी थी.
मैंने उनकी मैक्सी पूरी उतार दी. अब मौसी मेरे सामने सिर्फ गीली पैंटी में रह गई थीं.
मेरे उंगली करने की वजह से वो गर्म हो गई थीं और उन्हें पसीना आने लगा था, जिसकी वजह से उनका बदन हीरे की तरह चमक रहा था.
कुछ देर मौसी के बदन को निहारने के बाद मैं मौसी को फिर से किस करने लगा.
चूत में उंगली करने के कारण मौसी बेकाबू हो गई थीं और मेरे होंठों को काटने लगी थीं.
तभी मैं उनकी गर्दन पर किस करते हुए उनकी चूचियों पर पहुंच गया.
मैं एक हाथ से उनके चूचे को दबा रहा था और एक हाथ से उनकी चूत में उंगली कर रहा था.
साथ ही साथ निप्पल भी चाट रहा था.
मैं मौसी के एक चूचे को चूसने लगा.
उसमें से दूध आने लगा.
मुझे मौसी का दूध पीने में बड़ा मजा आ रहा था और इसी वजह से मैं बेकाबू होता जा रहा था.
मैं अतिउत्तेजना में कभी कभी उनके निप्पल को काट लेता, जिससे मौसी उत्तेजित होकर मेरे सर को अपनी छाती पर दबाते हुए सिसकारियां लेने लगतीं.
मौसी ने मादक आवाज में कहा- आहह … खा जा इन्हें राहुल … आज पूरा खा जा.
मैं कुछ देर मौसी के दिनों मम्मों का रस पीने के बाद नीचे आ गया, उनकी नाभि में जीभ चलाने लगा.
उसी समय मैंने मौसी की पैंटी नीचे कर दी.
मैं एक हाथ से चूचे को दबा रहा था और दूसरे हाथ की उंगली चूत में चल रही थी.
इन सबसे मौसी एकदम मस्त हो चुकी थीं.
तभी मैं उन्हें चूमते हुए उनकी चूत पर पहुंच गया.
उनकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी.
मैं बहुत देर से उनकी चूत में उंगली कर रहा था इसलिए चूत भभक गई थी.
चूत में 5-6 बार जीभ चलाते ही मौसी मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाती हुई कराहने लगीं- आहह … उमह … यस्स … ओइ मां … आह आह जोर से … खा जाओ इसे राहुलहह … साली बहुत परेशान करती है.
ये सब कहती हुई मौसी झड़ गईं.
मैं उनकी चूत का सारा पानी गटक गया लेकिन मैंने फिर भी चूत चाटना नहीं छोड़ा.
अब मौसी निढाल होकर हांफ रही थीं.
कुछ देर और जीभ चलाने से मेरी मौसी फिर से गर्म हो गईं और मुझसे कहने लगीं- ये सब बाद में कर लेना राहुल, अभी पहले मुझे चोद कर शांत कर दो. अब मुझे ज्यादा मत सताओ. जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो प्लीज.
मैं उनको थोड़ी देर तड़पाना चाहता था.
मगर मौसी मान ही नहीं रही थीं.
मैं उनकी चूत को चाटते हुए 69 की पोजिशन में आ गया.
उन्होंने झट से अपना मुँह खोला और मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं.
कुछ देर चूत चाटने के बाद मौसी मेरे लंड पर दांत लगाने लगीं जिससे मुझे दिक्कत होने लगी.
मैं उठ गया और मौसी की चूत के सामने आ गया.
अभी तक मौसी दो बार झड़ चुकी थीं.
अब मौसी मुझसे गिड़गिड़ाने लगी थीं- राहुल, प्लीज अब चोद दे … साले क्यों तड़पा रहा है. मैं बहुत दिन से प्यासी हूं, अब जल्दी से चोद से मुझे.
मुझे इस बात पर उन पर प्यार आ गया.
मैंने उन्हें एक किस किया और कहा- रीना, मेरी जान चिंता मत कर, आज तो मैं तुझे जम कर चोदूंगा.
वो बोलीं- हां राहुल, मुझे रगड़ कर चोद दे. मैं लंड की प्यासी हूँ.
मैं उनकी चूत के सामने आया. उनकी चूत भी पहले से गीली थी.
मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और धक्का लगा दिया. मुझे दर्द हुआ क्योंकि ये मेरी पहली चुदाई थी.
मौसी को भी थोड़ा दर्द हो रहा था क्योंकि वो काफी समय से चुदी नहीं थीं.
मौसी को कुछ देर दर्द हुआ लेकिन फिर मौसी गांड उठा उठा कर मजा लेने लगीं.
‘अह … अह … हांह …’
मौसी मेरा सहयोग करने लगीं. धकापेल चुदाई चलने लगी.
इसी बीच मौसी एक बार फिर से झड़ गई थीं.
चूंकि ये मेरा पहली बार वाला सेक्स था इसलिए मुझे ज्यादा तेज स्पीड में चोदने में दिक्कत हो रही थी.
मैंने पोर्न में देखा है कि लड़कियां लंड पर बैठ कर चुदवाना बहुत पसंद करती हैं.
मैंने मौसी को उठाया और खुद बेड पर लेट गया. मौसी समझ गईं और वो मेरे ऊपर आ गईं.
उन्होंने मेरे लंड पर चूत सैट की और बैठ कर मस्त होकर कूदने लगीं.
इस समय मौसी की उछलती हुई चूचियां देख कर मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था.
मौसी बहुत मजे ले रही थीं और ‘अम्हं … आह … यस … स्स फक मी … आह आंह …’ करती हुई मेरे लौड़े पर कूद रही थीं.
उनकी आवाज नीचे नाना नानी के कमरे तक जा सकती थी इसलिए मैंने थोड़ा सा उठ कर मौसी को अपनी तरफ खींच लोया.
वो चिल्ला न सकें इसलिए मैंने किस करके उनका मुँह बंद कर दिया.
मैं अपने हाथ पीछे मौसी की गांड पर ले गया और मौसी की गांड में पर उंगली चलाने लगा.
इससे मौसी कुछ ज्यादा ही पागल हो गईं और जोर जोर से मेरे लंड पर कूदने लगीं.
वो मुझे जोर जोर से किस करने लगीं.
मैं इस सबसे इतना उत्तेजित हो गया था कि खुद को संभाल नहीं पाया और उनकी चूत में ही अपना पानी छोड़ दिया.
मेरे साथ ही मौसी भी झड़ चुकी थीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
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#7
सगी मौसी की प्यासी चूत चोदने मिली
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#8
मेरी मौसी का नाम अरुणिमा है. वो देखने में एकदम पटाखा लगती हैं.
उनको देखकर किसी की भी नीयत फिर सकती है.
मौसी का फिगर 36-30-38 का है. वो एकदम रूप की रानी हैं. उनकी चूचियां इतनी बड़ी बड़ी हैं कि किसी का भी लंड उनके आमों को देखकर ही खड़ा हो जाएगा.
फिर उनकी मटकती गांड का तो पूछो ही मत.
मौसी के दो बच्चे हैं. वो अभी छोटे हैं.
मेरे मौसा जी मुंबई में काम करते हैं और जल्दी घर नहीं आते हैं क्योंकि उनका उधर खुद का बिजनेस है.
मैं अपने सेकेंड सेम का एग्जाम देकर घर आ रहा था. घर पर आ जाने के बाद मैं दोस्तों के साथ में इधर उधर घूमता रहता था. मेरा समय नहीं कट रहा था.
एक दिन मौसी का फोन आया कि अजय अभी तुम्हारे एग्जाम भी ख़त्म हो गए हैं. मेरे घर आ जाओ ना.
मैंने कहा- ओके मौसी, मैं अगले हफ्ते आपके घर आ जाऊंगा.
जब मैं उनके घर पहुंचा तो उनके दोनों बच्चे घर पर नहीं थे. वो कहीं दोस्तों के साथ में खेलने गए थे.
मौसी मुझे देखकर बहुत ही ख़ुश हुईं.
मैं तो मौसी को देखकर पागल ही हो गया.
दोस्तो, आपने देखा होगा कि औरत की उम्र बढ़ने के साथ उसकी इच्छाएं धीरे धीरे ख़त्म होने लगती हैं, चाहे वो सेक्स की हों या फैशन करने की हों.
मगर मेरी मौसी के अन्दर ये एक भी कमी नहीं थी.
मुझे लगता था कि जैसे जैसे उनकी उम्र बढ़ रही है, वैसे ही उनकी सुन्दरता भी बढ़ रही है.
मौसी मुझे बिठा कर अन्दर गईं और पानी लाईं.
जब मौसी मुझे पानी देने के लिए झुकीं तो मुझे उनकी दोनों चूचियों के दर्शन हो गए. मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया.
मैं एकदम से अवाक सा रह गया.
मुझे देखकर मौसी ने कहा- क्या हुआ?
मैंने कहा- मौसी आप अब भी कितनी अच्छी लगती हो. आपके सामने तो फिल्म की हीरोइन भी फेल हैं.
मौसी ने हंसकर कहा- चल, मौसी को मक्खन मत लगा. मैं अकेले बोर हो जाती हूँ. मेरे दोनों लड़के हमेशा अपने दोस्तों के साथ खेलते रहते हैं. मेरी तो कोई बात ही नहीं सुनता है. तुम्हारे मौसा जी की तो पूछो ही मत, पता नहीं उन्हें क्या हो गया है. वो तो घर आने का नाम ही नहीं लेते हैं.
मैं उनकी यह बात सुनकर बोल पड़ा- मौसी, हो सकता है मौसा अपने काम में ज्यादा बिज़ी हों.
मौसी बोलीं- काम के साथ साथ घरवाली का भी ध्यान रखना जरूरी है.
हम दोनों ऐसे ही कुछ समय बातें करते रहे.
शाम हो गई थी.
मौसी मेरे लिए नाश्ता बनाकर ले आईं और बोलीं- अजय लो नाश्ता कर ले, मैं खाना बनाने जा रही हूँ.
मैं नाश्ता करने के बाद बाथरूम में गया.
उधर मौसी की ब्रा पड़ी थी. मैंने मौसी की ब्रा को सूंघकर गहरी सांस ली.
मेरा लंड हिलाने का मन करने लगा.
मैं मौसी की ब्रा को लेकर अपने लंड पर लपेटकर लंड हिलाने लगा.
आह इतना मजा आ रहा था कि पूछो ही मत.
कुछ समय बाद मैंने अपना माल उसी ब्रा पर छोड़ दिया और बाहर आ गया.
शाम को हम सभी जब खाना खाने के लिए बैठे, तो मेरा ध्यान तो मौसी के मम्मों पर ही था.
मैं क्या बताऊं दोस्तो, मेरे तो लंड में खुजली होने लगी कि मैं कैसे भी करके अपनी मौसी की चुदाई करके ही रहूँगा.
खाना खाने के बाद में मैं गेस्टरूम में जाकर सोने लगा.
तभी मेरी मौसी मेरे पास आकर बोलीं- क्यों अजय क्या हुआ … बड़ी जल्दी सो रहा है?
मैंने कहा- नहीं मौसी, अभी तो मैं जाग ही रहा हूँ.
मौसी ने एक ऐसा कदम उठाया कि मेरे लंड में आग लग गई.
मौसी मेरी रज़ाई में टांग डालकर बैठ गईं और कहने लगीं- और बता … घर का हाल चाल है.
मैंने कहा- सब सही है मौसी.
मेरी मौसी बहुत सारी इधर उधर की बातें बताने लगीं. सुनते सुनते मुझे और मौसी को कब नींद आ गई, कुछ पता ही नहीं चला.
जब मेरी नींद रात को करीब एक बजे खुली, तो मुझे लगा मानो मेरे ऊपर कोई चीज से दबाव डाला जा रहा हो.
मैंने अपनी आंखें खोलीं तो देखा मौसी की चूचियां मेरे सीने को एक बाजू से दबा रही थीं.
मौसी की चूचियों को देखकर लगा कि मौसी की दोनों मुसम्मियों को निचोड़ लूं.
पर मेरी हिम्मत नहीं हुई और मैं अपना लंड हाथ से हिलाने लगा.
मुझे नहीं पता था कि मेरी मौसी की चूत बगल में ही चुदने पड़ी थी.
बस मैं लंड हिलाने लगा और मौसी के मम्मों को देख देख कर अपनी वासना भड़काने लगा. मैं लंड जोर जोर से हिलाने लगा.
मेरे लंड हिलाने से मैं भी हिल रहा था इसी वजह से मेरी मौसी की नींद टूट गई और वो जाग गईं.
मैं धीरे से बिना हिले ऐसे ही अपने लंड को छोड़कर सोने का नाटक करने लगा.
जब मौसी ने देखा कि मैं सो रहा हूँ, तो वो भी मेरे से चिपक कर सोने लगीं.
जब मौसी ने मेरे कंबल को अपनी तरफ खींचा और अन्दर से पकड़कर सही करने लगीं. तभी मेरा खड़ा लंड उनके हाथ में आ गया.
वो लंड छूकर डर गईं और देखने लगीं कि यह क्या है.
उस समय मुझे अपनी मौसी को चोदने का भूत सवार था इसलिए मैंने सोने का नाटक जारी रखा, पर लंड में कहां दिमाग होता है. वो अकड़ा रहा.
मौसी ने जब मोबाइल की टॉर्च को लेकर कम्बल के अन्दर देखा, तो वो देखती ही रह गईं.
उन्होंने धीरे से मेरी तरफ देखा और जब मैंने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं की, तो वो धीरे से मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगीं.
मैं तो मन ही मन बहुत खुश हो गया था कि जो मैंने सोचा था, मेरा वो ही काम हो रहा है.
मौसी मेरे खड़े हुए लंड को जोर जोर से हिलाने लगीं और जब मेरा लंड पूरे जोश में आ गया, तो भला मैं कैसे रुक सकता था.
मैंने भी धीरे से करवट ली और जागने की एक्टिंग करने लगा.
जब मैंने आंख खोली तो मौसी को देखकर कहा- मौसी, आप अभी जाग रही हो?
मेरी मौसी बोलीं- अबे साले, तू भी तो कब से जाग रहा है. अपनी मौसी को पेलने के लिए लंड को बाहर निकाल रखा है.
मैं हंस दिया.
वो बोलीं- मैंने शाम को ही देख लिया था, जब तू मेरी ब्रा पर मुठ मार रहा था. उसी के बाद से मुझे तुझसे चुदने की खुजली होने लगी थी. इसलिए आज मैं तेरे साथ गेस्ट रूम सोने चली आई हूँ.
यह बात सुनकर मैं बोला- मौसी, कसम से आपकी चूत मारकर मैं तो धनी हो जाऊंगा.
वो बोलीं- अब मौसी की चूत की खुजली भी मिटाएगा या फिर ऐसे ही टाइम निकाल देगा!
दोस्तो उनके मुँह से यह बात सुनकर मैं तो सातवें आसमान पर पहुंच गया और मौसी की चूचियों पर टूट पड़ा.
मौसी ने रुका- कपड़े तो खोल लेने दे.
मगर मेरे ऊपर तो चुदाई का भूत सवार था. मैंने उनकी ब्रा उतार डाली और उनकी चूचियों को पीने लगा. अपने दोनों हाथों से जितना हो सकता था, उतना दबाना शुरू कर दिया.
मौसी जोर जोर से बोल रही थीं- आराम से … दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- मौसी, इस दर्द का भी अपना ही मजा है.
उनकी बातों पर मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया और लगातार कुछ मिनट तक उनका रस पीने के बाद मुझे उनकी चूत चोदने का मन करने लगा.

(23-05-2022, 03:47 PM)neerathemall Wrote:
सगी मौसी की प्यासी चूत चोदने मिली
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#9
ने मौसी से कहा- मौसी, आज मैं आपको जन्नत की सैर कराऊंगा.
वो बोलीं- पहले अपने रॉकेट को तो इंजन में लगा.
मैं मौसी की चूत में लंड लगा कर जोर जोर से पेलने लगा.
मौसी मस्ती से चिल्ला रही थीं- आंह … मार दिया साले ने … अपनी मौसी की चूत का भोसड़ा बना दिया … आह.
उनकी बातों को सुनकर मेरा लंड कामुकता से भरपूर हो रहा था.
धकापेल चुदाई चलने लगी थी.
आज मेरा लंड भी झड़ने का नाम नहीं ले रहा था.
करीब 15 मिनट की चूत की शहनाई बजाने के बाद मेरा लंड अपनी औकात भूल गया और रोने लगा.
मैं मौसी के ऊपर ही गिर पड़ा.
मौसी ने कहा- बस हो गया … इतना ही दम था … इसी दम पर अपनी मौसी की चुदाई करना चाह रहा था. अभी तो मैं गांड नहीं मरवाई और तुम्हारा ये हाल हो गया है.
मैंने मौसी से कहा- मौसी अब नहीं … मेरा लंड खड़ा होगा, तब मैं आपकी गांड भी मारूंगा.
यह सुनकर मेरी मौसी बोलीं- जो लंड मेरी चूचियों को देखकर खड़ा हो जाता है, उसे मुझे खड़ा करने में ज़्यादा दिक्कत नहीं होगी.
मैं लेट गया.
तभी मौसी मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं.
उनके होंठ पड़ते ही मेरे लंड में पता नहीं कौन सा करंट आ गया.
मौसी ने कहा- देखा, चल अब मेरी गांड मार ले, पता नहीं अब दोबारा कब मौका आएगा.
यह सुनकर एक बार फिर से मैं जोश में आ गया और अपनी मौसी को झुकाकर उनकी गांड में अपना लंड पेल दिया.
लंड घुसते ही मौसी चिल्ला पड़ीं- आह आराम से कर … पूरी रात है. इतनी जल्दी में हो, क्या कहीं जाना हैं?
मैंने कहा- मौसी, आपकी गांड को देखकर मेरा लंड मेरे बस में नहीं है.
मौसी ने हंसते हुए कहा- अच्छा अब तेरा लंड तेरे बस में नहीं है, ये क्यों नहीं कहता कि मौसी की गांड फाड़ना चाहता है.
मैं लगातार उनकी गांड में लंड पेलते हुए उनके मम्मों को दबा रहा था.
मेरा मन तो भर ही नहीं रहा था.
मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं अपनी मौसी के साथ में ही रहने लगूँ और जब मेरा मन करे, तब उनकी चूत में अपना लंड डालकर अपने मन को तृप्त करता रहूँ.
एक घंटे मौसी की चुदाई करने के बाद मुझे नींद आने लगी और मैं अपना लंड मौसी की चूत में डालकर उनके मम्मों को मुँह में लेकर सो गया.
सुबह जब मेरी नींद खुली तो देखा मौसी नाश्ता बना रही थीं और उनके बेटे कोचिंग चले गए थे.
मेरे दिमाग़ से कल का सीन ही नहीं हट रहा था.
मौसी को किचन में देखकर मेरा लंड फिर से तन गया.
मैं धीरे से मौसी के पीछे गया और कसके पकड़ लिया.
मौसी बोलीं- क्या हुआ … कल का भूत अभी भी नहीं उतरा है क्या?
तो मैंने हंसकर कहा- मौसी, आपके इन मम्मों को जब भी देखता हूँ ना तो मेरे लंड में सुरसुरी होने लगती है.
मौसी ने हंसकर कहा- यही बात है तो आ जाओ और अपने लंड को एक बार और तृप्त कर लो.
मैंने कहा- आपके दोनों बालक किधर गए हैं?
मौसी ने कहा- घर पर कोई नहीं है, कल का जो बाकी हिसाब रह गया था, आज वो पूरा चुकता कर लो.
मैं अपनी मौसी की चूचियों को फिर से मुँह में डालकर पीने लगा.
मेरी मौसी फिर से गर्म होने लगीं और उनके मुँह से मादकता भरी सिसकारियां निकलने लगीं.
मैंने उन्हें किचन की पट्टी पर लेटाकर उनकी चूत में अपनी उंगली डाल दी और उन्हें फिर से उत्तेजित करने लगा.
मौसी चिल्लाकर कह रही थीं- अजय बेटा, अपनी मौसी की चूत जल्दी से मार दे, मुझे इतना परेशान ना कर.
मैंने उनसे कहा- मौसी, मैं आपकी चुदाई कितनी भी करूं, लेकिन मेरा मन ही नहीं भरता है.
मौसी बोलीं- कुछ दिन और रुक जा, मैं तेरा मन भर दूँगी.
मैं मान गया और Xxx मौसी चुदाई धकापेल करने लगा.
फिर शाम को खाना खाने के बाद मौसी करीब 11 बजे रात में मेरे पास दुल्हन की तरह सज कर आईं और बोलीं- आज मेरी सुहागरात का दिन है, मगर मेरा पति मेरे पास नहीं है.
मैंने बोला- अगर बीवी आप जैसी हो तो मैं आपका पति बनने को तैयार हूँ.
वो बोलीं- बन जा.
फिर मैंने मौसी को बेड पर लेटाया और कहा- ओके मेरी जान, आज हमारी सुहागरात है, आप ऐसा समझो.
मौसी ने कहा- हां आज तुम्हारे साथ पहली बार ही है. आज से तुम ही मेरे पति रहोगे. जो पति अपनी पत्नी की जरूरतों को पूरा ना करे वो किस काम का पति?
फिर मैंने मौसी की घूँघट उठाया और उनके होंठों पर किस करने लगा.
मैं उनकी जवानी से फिर से खेलने लगा.
कुछ समय होने बाद मैंने उनकी साड़ी को उतारना शुरू कर दिया. उनकी पूरी साड़ी और बाकी कपड़े उतारने के बाद वो मेरे सामने पूरी नंगी हो गई थीं.
मैं अपना लंड उनकी चूत में डालकर पेलने लगा और उनके होंठों पर किस करते हुए मैंने उन्हें रात भर में 4 बार चोदा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#10
Good story
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