24-04-2022, 03:36 PM
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Adultery ठरकी दामाद (With Pics)
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24-04-2022, 03:59 PM
इसका नाम है अजय, देखने मे स्मार्ट, बिल्कुल बॉलीवुड एक्टर वरुण धवन जैसा... अजय 25 साल का नवयुवक है जो गुडगाँव की एक मल्टिनैशनल कंपनी मे काम करता है, सैलरी है 40000 ,माँ -बाप तो गाँव में रहते है उसके बड़े भाई और भाभी के साथ, जिन्हे ये हर महीने मिलने चला जाता है...वहाँ काफ़ी ज़मीने और खेत है इनके जिन्हे बड़ा भाई और उसके पिता संभालते है, उन्हे अजय के पैसों की ज़रूरत नही पड़ती, और इसलिए अजय अपनी कमाई के सारे पैसे खुद पर ही लुटाता है ... दिल्ली के विकासपुरी में एक बिल्डर फ्लोर किराए पर लेकर रह रहा था अजय, 3 बेडरूम का काफ़ी बड़ा फ्लेट था वो..अडोस पड़ोस के लोग भी काफ़ी मिलनसार थे, और मकान मालिक नीचे के फ्लोर पर रहता था..लगभग एक साल हो चुका था अजय को वहां रहते हुए. वो जहाँ रहता था, वो पूरी गली एक से बढ़कर एक भाभियों और उनकी जवान बेटियों से भरी पड़ी थी... और इस एक साल में उसने आस पास की हर लड़की और भाभी को अच्छी तरह से जाँचा - परखा था.. यानी, अपनी आँखो से..किसी के साथ ज़्यादा बोलकर वो अपनी इमेज खराब नही करना चाहता था..लेकिन था वो बड़ा ही घुन्ना टाइप का बंदा.. रोज रात को उनके बारे में सोच-सोचकर वो जोरदार मूठ ज़रूर मारता था.....ग़जब का स्टेमीना था उसका..सुबह ऑफीस जाने से पहले और रात को सोने से पहले वो मूठ मारता था....ये उसका लगभग रोज का नीयम था. नहाते हुए वो आँखे बंद करके भाभियों और उनकी बेटियों के बारे मे सोचता और मूठ मारता...अपने ख़यालो मे बस यही सोचता रहता की वो अगर मिल जाए तो कैसे मारेगा उसकी..क्या - क्या करेगा.. उसने आज तक अपनी लाइफ में किसी के साथ भी सैक्स नहीं किया था और सबसे ज़्यादा वो सोचता था अपने पड़ोस मे रहने वाली रजनी आंटी के बारे मे..जो लगभग 45 साल की थी..पर लगती थी सिर्फ़ 35 की ...हल्का भरा हुआ सा शरीर बिल्कुल जूही चावला जैसा.. उनके 3 बच्चे थे, एक बड़ा लड़का, जिसकी शादी पिछले साल ही हुई थी, वो अपनी बीबी के साथ मुंबई में रहता था..और 2 लड़कियाँ जो अभी कॉलेज में पड रही थी, दोनो पूना में पढ़ती थी ..घर पर सिर्फ़ वो अपने पति के साथ रहती थी..इसलिए अक्सर वो अजय के साथ घंटों छत पर गप्पे मारती रहती..और अजय का ध्यान तो बस उसके बड़े-2 मुम्मों पर ही रहता था..
रजनी को अजय काफ़ी पसंद था...वो उसके लिए अक्सर घर का बना खाना भिजवाती रहती थी...और हमेशा उसे शादी करने की भी सलाह देती रहती थी.. पर वो शायद नही जानता था की इन सब बातों के पीछे रजनी भाभी की क्या मंशा है.. एक दिन संडे मॉर्निंग अजय के दरवाजे पर दस्तक हुई , उसने टाइम देखा तो सिर्फ़ 8 बजे थे, आज तो उसने 10 बजे तक सोने का प्लान बनाया था.. उसने झल्लाते हुए दरवाजा खोला तो सामने रजनी भाभी खड़ी थी.. इतनी सुबह उन्हे देखकर वो हैरान रह गया. रजनी : "सॉरी अजय, बट तुम्हे मेरे साथ अभी रेलवे स्टेशन चलना पड़ेगा....मेरी दोनों बेटियां आ रही हैं पूना से, मैने कैब बुक करवाई थी और वो अभी तक नही पहुंची ...और उनकी ट्रेन के आने का टाइम हो रहा है...'' अजय उन्हे किसी बात के लिए मना नही कर सकता था, इसलिए जल्दी से तैयार होकर वो उनके साथ चल दिया..कुछ ही देर में वो स्टेशन पहुँच गए । रजनी भाभी अंदर चली गयी और वो बाहर कार में बैठकर उनका वेट करने लगा.. कुछ ही देर मे उसे रजनी आंटी और उनकी दोनो लड़कियाँ आती हुई दिखाई दी... और उन्हे देखकर अजय की आँखे फटी की फटी रह गयी.. ये लड़कियाँ एक साल में ही कैसे इतनी जवान सी हो गयी हैं.. दोनो की उम्र में 3 साल का फ़र्क था.. बड़ी वाली का नाम था प्राची, स्लिम ट्रिम सी, स्कर्ट और स्लीवलेस टॉप पहना हुआ था उसने , और काफी सेक्सी लग रही थी वो और छोटी का नाम था पूजा, . जीन्स के उपर टी शर्ट पहनी हुई थी..और उसका चेहरा बड़ा ही क्यूट सा था प्राची एम बी ए के फाइनल ईयर में थी और पूजा बी बी ए के फाइनल ईयर में दोनो लगभग भागती हुई कार की तरफ आई, जिसकी वजह से अजय ने उन दोनो के उछलते हुए मुम्मे देखकर एक दूसरे से कंपेयर करना भी शुरू कर दिया.. प्राची भले ही बड़ी थी, पर उसकी ब्रेस्ट पूजा के मुक़ाबले छोटी थी..पर थी पूरी तनी हुई सी..बिल्कुल दीपिका पादुकोंन जैसी.. दोनो दौड़ती हुई सी कार के पास पहुँची और प्राची जल्दी से आगे वाली सीट पर आकर बैठ गयी..और चिल्लाई : "मैं जीत गयी....याहूऊऊऊऊऊ...'' उसके चेहरे की खुशी देखकर अजय भी बिना हँसे रह नही पाया.. आज अजय उन दोनो को लगभग एक साल के बाद देख रहा था, इन दोनो को उसने रजनी भाभी के बेटे की शादी में देखा था, एक साल पहले, और वो नया-2 ही आया था उनके पड़ोस में , फिर भी उसको इन्वाइट किया था भाभी ने.. तब में और अब में काफ़ी फ़र्क आ चुका था इन दोनो के शरीर में ...ये पुणे की हवा ही शायद कुछ नशीली सी है..जो लड़कियों को इतनी जल्दी जवान कर देती है. खैर, सभी को लेकर अजय घर पहुँचा, रास्ते भर दोनो बहनें अपने-2 कॉलेज की बातें उन्हे सुनाती रही.. और तभी अजय को पता चला की प्राची की तो पड़ाई ख़त्म हो चुकी है और अब वो जॉब करेगी..पूजा भी आगे की पढ़ाई यानी एम बी ए अब दिल्ली में रहकर ही करना चाहती है.. यानी अब उन्हे रोज-2 देखने का मौका होगा अजय के पास.. कुछ ही दिनों में प्राची की जॉब गुडगाँव में एक अच्छी कंपनी में लग गयी..और अजय के ऑफीस के बिल्कुल पास ही था उसका ऑफीस भी.. और पूजा का एडमिशन भी गुडगाँव के एक अच्छे इंस्टिट्यूट में हो गया... इसलिए अब अजय को एक और ड्यूटी मिल गयी, उन दोनो को एक साथ लेकर जाने की...और शाम को प्राची को वापिस लाने की भी...पूजा तो दोपहर तक वापिस आ ही जाती थी अपने आप.. और इन दिनों में अजय ने अच्छी तरह से आँखे सेंक-2 कर उन दोनो बहनों की कच्ची जवानी को देखा-परखा .. एक दिन अजय को रजनी भाभी ने अपने घर बुलाया वो वहाँ पहुँचा तो देखा की रजनी भाभी और उनके पति सोफे पर बैठे है अजय जैसे ही उनके साथ बैठा, रजनी भाभी ने उसके उपर बंब फोड़ दिया "देखो अजय ...मैं घुमा फिरा कर बात नही करती...मैं चाहती हू की हमारी बेटी प्राची की शादी तुमसे कर दे...अगर तुम्हे कोई प्राब्लम ना हो तो आज ही हम दोनों तुम्हारे माँ बाप से बात कर लेते हैं...'' अजय के तो होश उड़ गये...उसने ये एक्सपेक्ट ही नही किया था ... मतलब प्राची के बारे में उसने मन में सोचा तो बहुत कुछ था, पर शादी का आइडिया दिमाग़ में नही आया था कभी... वैसे उसमे कोई कमी नही थी...जवान थी, खूबसूरत थी...और वो लोग भी पंजाबी ही थे अजय की तरह...पर उसने इतनी जल्दी शादी करने की सोची नही थी...
24-04-2022, 04:11 PM
पर अभी शादी नही की तो कब करेगा...आज तक वो सिर्फ़ दूर से ही ललचा कर लड़कियों और भाभियों को देखता रहता था...और उसने नोट भी किया था की अकेले छड़े लड़के होने की वजह से कई बार गली की भाभियाँ और लड़कियाँ उससे बात करने से भी कतराती थी...
रजनी : "देखो अजय...तुम मुझे शुरू से ही पसंद थे...बस अपनी बेटी के वापिस आने का वेट कर रही थी...अब वो जॉब कर रही है, सेट्ल हो गयी है...और सबसे बड़ी बात वो भी तुम्हे पसंद करती है, मैने उससे पूछ कर ही तुमसे बात की है...वो हमारी लाडली बेटी है, इतने साल पुणे में रहने के बाद कहीं दूर भेजने का मन नही है, यहीं पड़ोस में रहेगी तो मेरा भी मन लगा रहेगा और तुम्हारे साथ रहकर वो अपनी जॉब भी कंटिन्यू रख सकती है...'' एक ही साँस में उसने अपनी पूरी योजना अजय के सामने रख दी...वैसे देखा जाए तो बात सही भी थी... अजय के सामने मना करने का कोई कारण नही था....उसने शरमाते हुए हाँ कर दी.. प्राची भी किचन में खड़ी सब देख और सुन रही थी, ये सुनकर उसका चेहरा भी लाल सुर्ख हो उठा और कुछ ही दिनों में अजय ने अपने माँ बाप और भाई भाभी को वहाँ बुलाकर रजनी भाभी की फेमिली और प्राची से मिलवाया..कोई कमी तो थी नही किसी में भी, इसलिए सब कुछ जल्द ही तय हो गया...और 3 महीने के अंदर ही उन दोनो की शादी भी हो गयी... ये सब अजय के लिए एक सपने जैसा था.. पर आज था उसकी जिंदगी का वो दिन, जब वो किसी लड़की को पहली बार चोदेगा ... यानी उसकी सुहागरात.. अजय जब अपने कमरे मे दाखिल हुआ तो फिल्मी सीन की तरह प्राची बेड पर घूँघट निकाले बैठी थी...पूरा कमरा फूलों से सज़ा हुआ था...सुहाग की सेज सजी हुई थी... उसने दरवाजा बंद किया और उसके पास जाकर बैठ गया.. कितना अजीब लग रहा था उसको, इतने दिनों से दोनो एकदुसरे से मिल भी रहे थे, एक साथ ऑफीस आ-जा भी रहे थे, पर अभी दोनो काफ़ी नर्वस से लग रहे थे.. अजय ने हिम्मत करते हुए उसका घूँघट उठा दिया...खूबसूरती की मूरत लग रही थी वो...और उसकी आँखे झुकी हुई थी.. अजय ने उसकी ठोडी पर उंगली रखी और उसके चेहरे को उपर किया...और आगे बढ़कर उसके लबों को चूम लिया.. प्राची अपने आप में सिमट कर रह गयी..और उसके मुँह से गहरी-2 साँसे निकलने लगी.. अजय ने उसे लिटाकर उसके लबों को और चूसना चाहा, तभी प्राची ने उसे रोक दिया. प्राची : "देखो अजय...एकदम से ये सब शुरू मत करो...गिव मी सम टाइम ....'' अजय समझ गया की वो शायद घबरा रही है....दिल तो उसका भी काफ़ी तेज धड़क रहा था..ऐसी मस्त बीबी जो मिल गयी थी उसको.. अजय : "ओह...आई एम सॉरी .... मुझे भी एकदम से ये सब नही करना चाहिए... चलो पहले चेंज करते हैं फिर कुछ बातें कर लेते हैं ...'' प्राची का चेहरा खिल उठा, अजय को अपनी बात मानता देखकर ..और वो उठकर बाथरूम में चली गयी चेंज करने.. अजय ने तब तक अपनी शेरवानी उतार कर कुर्ता पायजामा पहन लिया और बेड पर लेट गया..प्राची भी एक सेक्सी सी रेड कलर की नाइट ड्रेस पहन कर बाहर आ गयी...और अजय की बगल में आकर लेट गयी...उसकी बाहों में .. प्राची के नर्म शरीर को अपने से समेटकर अजय का मन फिर से बहकने लगा..पर फिर भी थोड़ी बहुत बातें करने की फॉरमॅलिटी तो करनी ही थी...इसलिए कुछ अच्छी बातें जैसे, मैं तेरा ध्यान रखूँगा, कोई प्राब्लम हो तो मुझे बताना, जो लेना हो ले लिया करना, अजय करता रहा .....और वो चुपचाप उसकी बातें सुनती रही... और अंत में वो बोली : "मुझे तुम जैसा समझदार पति मिला, मुझे इस बात की खुशी है...बस हमेशा मुझे प्यार करते रहना...जैसा की हर एक पत्नी चाहती है...और हमेशा मेरे ही बन कर रहना...समझे..'' लास्ट का वर्ड समझे उसने थोड़ा डराने वाले अंदाज में बोला था... अजय : "इसका क्या मतलब है...तुम मुझे धमकी दे रही हो...'' प्राची (मुस्कुराते हुए) : "अब इसे धमकी समझो या कुछ और, पर मेरी ये बात हमेशा याद रखना, मेरे अलावा किसी और की तरफ देखना आज से बंद...तुम मेरे हो और सिर्फ़ मेरे बनकर रहोगे...'' उसने अपना अधिकार जताते हुए कहा.. अजय ने मन मे सोचा की मैं तो पहले भी अपनी हद में रहा करता था...और वैसे भी ये वक़्त ही ऐसा था की वो हाँ करने के सिवा कुछ और कर भी नही सकता था... अजय : "जैसा तुम कहो...बस मुझे भी तुम हमेशा खुश रखना...'' उसने आँख मारते हुए प्राची से कहा.. प्राची : "अच्छा जी...अब देखो...मेरे शोना को मैं कैसे खुश करती हू...'' और इतना कहने के बाद वो उसके होंठों पर टूट पड़ी...ऐसा लग रहा था की वो पागल सी हो चुकी है...अपनी ब्रेस्ट को उसकी छाती पर रगड़ते हुए वो उसके बालों में उंगलियाँ फेराती हुई अजय के होठों को बुरी तरह से चूस रही थी...वैसे तो उन दोनो ने शादी से पहले भी ऑफीस से आते हुए एक-दो बार किस की थी..पर आज तो प्राची पर जैसे कोई भूतनी चड गयी थी... अजय ने अपने हाथों से उसकी गांड को सहलाना शुरू कर दिया...और तब उसे पता चला की वो तो अपनी पेंटी भी उतार आई है...अजय ने अपनी उंगलियाँ उसकी गांड की दरार में उतार दी.. ''आआआआअहहssssssssssssssssssssssssssssss .......... उम्म्म्मममममम...'' उसकी सुलगती हुई सी आवाज़ ने अजय के अरमानो को और भड़का डाला...और उसने प्राची को बेड पर पटक कर अपना मुँह सीधा उसके मुम्मों पर रख दिया और नाइट सूट के उपर से ही उसकी ब्रेस्ट पर लगे बटन को मुँह में लेकर चूसने लगा.. ''ऊऊऊऊऊऊओह अजय ................ माई डार्लिंग .................. उम्म्म्मममममममम......'' और उसने खुद ही धीरे-2 अपनी कुरती की चैन को खोलकर अपनी नंगी ब्रेस्ट अजय के मुँह में ठूस दी.. ये पहला मौका था अजय के लिए...उसने जी भरकर उन प्यारी सी ब्रेस्ट को देखा और फिर धीरे-2 अपनी जीभ से उन्हे चाटने लगा... उसकी जीभ जैसे चुभ सी रही थी प्राची को....उसने ज़बरदस्ती अपना एक मुम्मा उसके मुँह में ठूसा और ज़ोर से चिल्लाई .. : "बाईट करो अजय ...............खा जाओ इनको ...............'' अजय तो ऐसी गर्म वाइफ पाकर खुद को धन्य सा समझने लगा...उसने तो सोचा भी नही था की ऐसी चुप-चाप सी रहने वाली लड़की बेड पर इतनी गर्म दिखेगी... अजय ने धीरे-2 उसकी नाइट ड्रेस उतार कर साइड में फेंक दी...अब वो बिस्तर पर पूरी नंगी पड़ी थी... उसके नंगे जिस्म की खूबसूरती देखकर अजय का लंड बागी सा हो गया..उसने सोच लिया की आज तो कम से कम 3 बार वो उसकी चुदाई करेगा...अजय ने भी अपने कपड़े उतारे और कुछ ही देर मे वो भी नंगा खड़ा था...
24-04-2022, 04:16 PM
बहुत ही बढ़िया कहानी है। कृपया पूरी कहानी पोस्ट करें। आधी अधूरी कहानी होगी तो पोस्ट नहीं करें।
24-04-2022, 04:28 PM
प्राची ने अजय के लंड की तरफ देखा और शरमाते हुए अपनी नज़रें झुका ली...वो काफी बड़ा था
अजय उसके पास पहुँचा और अपने लंड को उसके हाथ में पकड़ा दिया...वो उसे उपर नीचे करने लगी..फिर अजय ने उसके सिर पर दबाव डालकर उसे नीचे जाने के लिए कहा...प्राची ने उसके लंड को हिलाना बंद कर दिया और धीरे से बोली : "अजय...प्लीज़....ये मत करवाओ मुझसे...मैने मूवीस में भी देखा है...मुझे वो देखकर ही घिंन सी आती थी...करना तो दूर की बात है...प्लीज़ समझा करो...'' बेचारे अजय के दिल की तमन्ना टूट कर रह गयी....उसने तो सोचा हुआ था की शादी के बाद रोज रात को अपना लंड चुस्वाएगा...सुबह उसकी बीबी उसके लंड को चूसकर उसे उठाएगी...और उन पाँच दिनों में वो उसके लंड को चूस्कर ही झाड़ दिया करेगी...पर वो सब सपने एक झटके में टूट से गये... उसने मन में सोचा, चलो कोई बात नही, शायद बाद में उसे ये सब अच्छा लगने लगे.. और उसकी इच्छा ये भी हुआ करती थी की वो भी दिन रात अपनी बीबी की चूत चूसेगा...पर अब उसे ये भी डर लगने लगा की कहीं उसके लिए भी वो मना ना कर दे..फिर भी डरते-2 उसने पूछा : "क्या मैं सक्क कर सकता हू तुम्हे...यहाँ पर...'' अजय ने उसकी चूत पर हाथ रखते हुए पूछा अजय की बात सुनकर प्राची एक बार फिर से शरमा गयी...और धीरे से बोली : "मुझे नही पता....वो तुम देख लो...'' यानी वो तैयार थी...कितनी ग़लत बात है ...ये लड़कियां कितनी चालू होती हैं, सिर्फ अपने मजे की बात इन्हे समझ में आती है ,उसका तो वो चूस नही रही थी,अपनी चुसवाने के लिए तैयार थी... लेकिन उसने इस समय इस बात का इश्यू बनाने की नही सोची और उसकी टांगे चौड़ी करके उनके बीच लेट गया.. अब उसकी आँखो के सामने थी प्राची की कुँवारी और सफाचत चूत .. और धीरे से उसने अपनी जीभ को उसकी भाप छोड़ती चूत से टच करवाया.. ''आआआआआआआआहह ................... म्*म्म्मममममममममम ...... अजय ............'' और वो अपनी टांगो को पकडे उसे अपनी चूत में डुबकी लगाते हुए देखने लगी अजय ने अपने होंठ खोलकर उसकी चूत को पूरा अपने कब्ज़े में ले लिया और उसके साथ फ्रेंच किस्स करने लगा..इतना मज़ा मिल रहा था उसे, बड़ी भीनी-2 सी महक आ रही थी उसकी चूत से...अजय ने अपनी जीभ को जितना हो सकता था बाहर निकाला और उसकी चूत की परतें खोलकर जीभ को अंदर धकेल दिया.. प्राची के लिए ये पहला मौका था जब कोई चीज़ उसके अंदर जा रही थी...वो सिसक उठी...और अपनी टांगे उसने अजय की गर्दन में लपेट कर उसे बुरी तरह से जकड़ लिया...जैसे रेसलिंग चल रही हो दोनों के बीच... अजय ने अपना मुँह बाहर निकाला और बोला : "कैसा लग रहा है....'' प्राची ने बेड की चादर को पकड़ा और चिल्लाई ''आआआआआआअहह अजय .................. उम्म्म्ममममममममममम .... बहुत अच्छा ....और करो..........'' अजय फिर से उसकी चूत की खुदाई करने में जुट गया.. और कुछ ही देर में उसने अपने मुँह से उसकी चूत को पूरा सींच दिया...अब वो अगले कदम के लिए तैयार थी.. अजय थोड़ा उपर उठा और घुटनो के बल बैठ गया...और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ा ..और धीरे-2 उसके छेद में फंसाया और हल्का धक्का मारकर अंदर दाखिल हो गया ''आआआआअहह धीरे करो प्लीज......'' उसकी इतनी कहने की देर थी की अजय ने एक जोरदार झटका मारा...और उसका लंड प्राची की चूत की सील तोड़ता हुआ अंदर दाखिल हो गया.. ''आआआआआआययययययययययीीईईईईईईईईईईईई ......... मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गयी .............. अहह ...'' वो दर्द से बिलख उठी... अजय थोड़ा सा रुक गया...प्राची को सच में काफ़ी दर्द हो रहा था...उसकी आँख से आँसू निकल रहे थे.. भले ही अजय का ये पहला मौका था, पर इंटरनेट और फ्रेंड्स ने अच्छी तरह समझा दिया था की कैसे क्या करना है अजय ने उसे चुप कराया...उसके गालों को चूमा...और फिर थोड़ी देर बाद फिर से हिलाने लगा अपना लंड ... अब वो चिल्ला तो नही रही थी...पर उसका शरीर अभी भी अकड़ा सा हुआ था... इस बार अजय उसके ऊपर पूरा लेटकर अपने लंड से उसे हुमच -2 कर चोद रहा था और फिर अजय ने धीरे-2 धक्को की स्पीड बड़ा दी...और अंत में जोरदार झटके मारता हुआ वो उसके अंदर ही झड़ गया.. उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया.. पर वो ये देखकर हैरान रह गया की उसके लंड पर प्राची की चूत का खून नही लगा था... उसने प्राची की तरफ देखा, वो भी हैरान हो रही थी...और डर भी रही थी की कहीं अजय उसपर कोई शक तो नही कर रहा .. अजय भी उसके रुंआसे चेहरे को देखकर समझ गया की वो क्या सोच रही है... अजय : "इट्स ओके प्राची ....ब्लड निकलना ही सबूत नही होता वर्जिनिटी का, और ज़रूरी नही होता फर्स्ट टाइम पर ये निकलता ही है.....आजकल तो अंदर की झिल्ली खेल कूद में या जॉगिंग करने से भी फट जाती है....आई ट्रस्ट यू ...'' अपने पति की समझदारी भरी बात सुनकर प्राची थोड़ा नॉर्मल हुई...और दोनो एक दूसरे से लिपट कर सो गए... उसके बाद अजय ने दोबारा कोशिश नही की, क्योंकि पहली चुदाई से अभी तक उसकी चूत सूजी हुई थी... दोनो ऐसे ही नंगे एक दूसरे से लिपट कर सो गये.. कुछ ही दिनों में उसके घर वाले गाँव चले गये...और वो और प्राची अपनी मैरिड लाइफ में खो गये.. अजय को ज़्यादा छुट्टी नही मिली थी शादी पर, इसलिए वो दोनों कही हनीमून पर नही जा सके...पर उन्होने सोच लिया था की 2 महीने बाद वो ज़रूर घूमने जाएँगे.. अजय की सास यानी रजनी भाभी, जिसे अजय ने अभी तक मम्मी कहना शुरू नही किया था, वो उनके लिए रात का खाना बना कर रखती थी, क्योंकि ऑफीस से आने के बाद प्राची में इतनी हिम्मत नही रहती थी की वो कुछ बना सके... और वैसे भी उसे कुछ ज़्यादा खाना बनाना नही आता था..अजय ने शुरू -2 में तो काफ़ी मना किया पर वो ज़बरदस्ती उनके लिए खाना बना देती थी..और हमेशा यही कहती थी की अब वो भी उनके घर का ही एक हिस्सा है.. ऐसे ही एक दिन जब ऑफीस से आने में ,ट्रैफिक की वजह से दोनों को लेट हो गया तो वो उनके घर 10 बजे के आस पास पहुँचे...सभी सो चुके थे, सिर्फ़ रजनी भाभी जाग रही थी..उन दोनों को खाना खिलाने के लिए..और अजय ने उन्हे पहली बार गाउन में देखा.. उन्होने पिंक कलर का गाउन पहना हुआ था, जो काफ़ी महीन सा था...और किचन की रोशनी में वो उनके शरीर को अंदर तक देख पा रहा था..वैसे तो आजकल लगभग रोज ही वो प्राची की लेता था..पर फिर भी उसे वही दिन याद आ गये जब शादी से पहले वो रजनी भाभी के इसी रसीले शरीर का दीवाना था... उसके लंड ने अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी..और प्राची से नज़रें चुरा-चुराकर वो उसकी माँ को निहारने लगा..उसके अंदर वही ठरकी इंसान जाग उठा जो ऐसे माल को देखकर मन में ख्याली पुलाव बनाना शुरू कर देता है
24-04-2022, 04:35 PM
खाना खाने के बाद वो जब अपने बेडरूम में गये तो अजय ने उसे नंगा करके बुरी तरह से चोदा ...और वो जबरदस्त चुदाई अपनी सेक्सी सास को सोचकर की थी उसने...
और फिर उसने मन मे सोच लिया की अब उसके दिल की इच्छा पूरी करने का वक़्त आ गया है...और अपनी इच्छा को पूरा करने के लिए उसके दिमाग़ में प्लान बनने शुरू हो गये. अगले दिन प्राची के ऑफीस में ऑडिट था, इसलिए उसको जल्दी निकलना था और घर भी लेट ही आना था...जब तक अजय सोकर उठा, वो जाने के लिए निकल ही रही थी..उसने अजय को किस्स किया और जल्दी-2 ऑफीस के लिए निकल गयी.. प्राची के जाने के बाद अजय फिर से सो गया..प्राची की वजह से वो हमेशा ऑफीस टाइम से ही पहुँच जाता था..इसलिए उसने सोचा की आज थोड़ा और सो लिया जाए और आराम से ऑफीस के लिए निकला जाए..ऐसे कभी-कभार लेट जाने मे कोई प्राब्लम नही होती.. करीब 9 बजे के आस पास उसकी नींद दोबारा खुली, बाहर का दरवाजा अभी तक अंदर से बंद नही किया था उसने, इसलिए उसके खुलने की आवाज़ सुनकर वो जाग गया..और कुछ ही देर मे प्राची की माँ अंदर आई...अजय भी आँखे मलता हुआ लेटा रहा.. रजनी : "अरे अजय, तुम अभी तक सो रहे हो...मैने तो बाहर तुम्हारी गाड़ी खड़ी देखी,इसलिए सोचा की चलकर देख लू की अभी तक ऑफिस क्यों नहीं गए ...और तुम तो अभी तक उठे भी नही हो...ऑफीस नही जाना क्या..'' अजय : "बस ऐसे ही...सोचा आज थोड़ा लेट निकलूंगा...'' रजनी ने आस पास बिखरे कपड़े देखे और बोली : "कमरे का हाल तो देखो क्या बना रखा है तुम लोगो ने...'' और वो झुककर कपड़े समेटने लगी..और कपड़े उठाते हुए रजनी को ये एहसास हुआ की उसने क्या ग़लती कर दी...क्योंकि नीचे पड़े कपड़ों में पहले तो उसकी बेटी के कपड़े यानी नाइट गाउन और ब्रा पेंटी आए..और फिर अजय के कपड़े आए जिनमे उसकी टी शर्ट और पायजामा और फिर बनियान और जोक्की भी था... उन्हे उठाते हुए उसे काफ़ी शरम आ रही थी...अब तक वो ये बात भी जान चुकी थी की अजय इस समय पूरा नंगा होकर सो रहा है... और अजय ने जब अपना अंडरवीयर उठाते हुए उन्हे देखा तो उसके लंड का रॉकेट सीधा उपर की तरफ मुँह करके खड़ा हो गया...क्योंकि उसी अंडरवीयर से रात को उसने प्राची की चूत सॉफ की थी चुदाई के बाद...और उसपर अभी तक अजय के वीर्य का गीलापन और चिपचिपापन था.. और झुकने की वजह से रजनी के सूट का गला भी नीचे ढलक आया था और उनकी भरी हुई छातियाँ ऐसे लटक गयी जैसे डाल पर पके हुए पपीते लटक जाते हैं और चिल्लाते हैं की आओ और हमे तोड़ लो अब.. पर वो अभी तो उन्हे तोड़ मरोड़ नही सकता था ना..इसलिए हसरत भरी नज़रों से उन्हे देखता रहा बस.. उसने देखा की रजनी के चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कुराहट आ चुकी है.. अजय : "क्या हुआ...आप ऐसे मुस्कुरा क्यो रहे हो...'' रजनी : "नही...बस ऐसे ही...कुछ याद आ गया..'' अजय : "बताइए ना, ऐसा क्या याद आ गया '' रजनी का चेहरा लाल हो उठा...और वो धीरे से बोली : "बस वो....मुझे भी अपनी शादी के बाद का टाइम याद आ गया....हम भी ऐसे ही ....छोड़ ना अजय, मुझे शर्म आ रही है...'' और इतना कहकर वो उन कपड़ो को लेकर बाथरूम में चली गयी और उन्हे मशीन में डाल दिया.. अजय ने भी सोच लिया की आज ही वो मौका है जब वो उस हुस्न परी के करीब आ सकता है...उसने तुरंत पास पड़ी चादर लूँगी की तरह लपेटी और ऐसे ही उठकर बाथरूम की तरफ चल दिया.. वो मशीन में कपड़े डालकर उसे चला रही थी ताकि उसकी बेटी के आने तक वो सब धुल जाएँ... उसे रजनी की उभरी हुई गांड इतनी दिलकश लग रही थी की उससे रहा नही गया और वो आगे बड़ा और उनकी उभरी हुई गांड से सटकर खड़ा हो गया और एकदम से बोला : "ओहो....आपने तो मेरा अंडरवीयर भी बीच में डाल दिया, मुझे अभी के लिए तो वही पहनना था ना...'' और ऐसा करते-2 उसने आगे की तरफ झुककर वो अंडरवीयर मशीन में से निकालना चाहा..मशीन और अजय के बीच खड़ी रजनी पिस्स कर रह गयी.. और अपने पीछे खड़े दामाद के लंड का एहसास भी शायद उसे हो चुका था,इसलिए हड़बड़ाते हुए वो बोली : "अरे ...वो अब पहनने लायक नही है...रहने दो उसको...कोई दूसरा पहन लो अभी के लिए...'' और इतना कहकर वो मछली की तरह फिसलकर निकल आई बाहर.. अजय भी बाहर आ गया...उसने देखा की रजनी अपने घर जा रही है अजय : "अरे,रुकिये तो,मुझे पहले पूरी बात तो बता कर जाइए...'' वो रुक गयी और बोली : "कौन सी बात ??'' ''वही, शादी के बाद वाली....'' रजनी : "धत्त , बेशरम....'' और खिलखिलाती हुई सी वो अपने घर की तरफ भाग गयी.. और जाते हुए बोली : "जल्दी नहा कर वहीँ आ जाओ...मैं नाश्ता बना रही हूँ ..'' अजय ने जब अपनी भागती हुई सास की गांड देखी तो उसका मन किया के वहीं के वहीं मूठ मार ले...पर अब उसके मूठ मारने के दिन जा चुके थे, और अपने माल को वो ऐसे वेस्ट नहीं करना चाहता था...उसके पास प्राची जैसा गर्म माल जो था...इसलिए उसने वो माल रात के लिए बचा कर रख लिया.. और जल्दी-2 नहा धोकर ऑफीस के कपड़े पहन कर तैयार हुआ और अपने ससुराल में जा पहुँचा..दरवाजा खुला ही हुआ था,वो सीधा अंदर आ गया.. रजनी किचन में थी और अजय के लिए नाश्ता बना रही थी... दूर से ही उसे वही उभरी हुई गांड दिखाई दे गयी और वो फिर से सम्मोहित सा होकर उसी तरफ चल दिया.. ड्रॉयिंग रूम से किचन की तरफ़ जाते हुए अचानक उसकी नज़र साइड में बने बेडरूम की तरफ गयी और उसका मुँह खुला का खुला रह गया... उसकी साली पूजा अभी - 2 नहाकर निकली थी और उसके भरे हुए बदन पर सिर्फ़ एक टावल ही था...वो बेड के उपर झुकी हुई थी और अपने टॉप को प्रेस कर रही थी...ऐसा करते हुए उसकी मोटी-2 जांघे बिल्कुल उपर तक दिख रही थी... अब एक तरफ उसकी रसीली सास थी, जो किचन में नाश्ता बना रही थी..और दूसरी तरफ उसकी जवान साली का लगभग नंगा जिस्म..उसके बारे में तो उसने आजतक कुछ सोचा भी नही था... वो प्राची से भी ज़्यादा गोरी थी...और भरी हुई भी... वो सीधा उसके बेडरूम में घुस गया.. और पूजा को शायद किसी के अंदर आने का एहसास हो गया था, पहले तो उसने सोचा की शायद उसकी माँ ही होगी, क्योंकि इस वक़्त उन दोनो के अलावा घर पर कोई और था ही नही..
24-04-2022, 04:38 PM
अजय सीधा जाकर उसके पीछे खड़ा हो गया...और उसने अपने लंड वाला हिस्सा सीधा उसके गीले टावल से टच करा दिया..पहले उसकी माँ की गांड और अब उसकी बेटी की, एक ही दिन में अजय ने दोनों के गुदाजपन का मजा ले लिया था
वो झटके से पलटी और अजय को वहाँ खड़ा देखकर वो बोखला सी गयी...और अपने शरीर को पीछे करती हुई चिल्लाई : "जीजूऊऊऊउsssssssssssssss आआपपssssssssssssssss ....'' और पीछे तो पलंग था,जिस वजह से वो पीछे तो हो नही पाई बल्कि उसका बेलेंस और गड़बड़ा गया और वो पीछे की तरफ गिरने लगी, और किसी हीरो की तरह अजय ने उसकी कमर में हाथ डालकर उसे नीचे गिरने से बचा लिया...पर अपने टावल की गाँठ को खुलने से पूजा नही बचा सकी..और एक ही झटके मे उसके बदन से टावल का परदा नीचे ढलकता चला गया और पूजा उपर से नंगी होकर अजय की बाहों में झूल गयी...नीचे तो उसने पेंटी पहन रखी थी, पर ऊपर के गोरे -2 पर्वत देखकर अजय की आँखे गोल होकर रह गयी ऐसा सीन देखकर एक पल के लिए तो अजय की साँसे रुक सी गयी....अपनी जवान साली के नंगे जिस्म को ऐसे अपनी बाहों में महसूस करेगा ये तो उसने सोचा भी नही था... वो भले ही अपने होश खो बैठा था, पर पूजा अपने होश में थी,और गुस्से में भी, उसने अजय को धक्का दिया और जल्दी से अपनी टी शर्ट उठा कर पहन ली...अजय तो दूर खड़ा हुआ उस खूबसूरती की मूरत के मुम्मे देखता रह गया...इतने रसीले और अनछुए से मुम्मे थे उसके की मन कर रहा था की उन्हे निचोड़ डाले... पूजा का चेहरा गुस्से से तमतमा रहा था...उसने नीचे तो पेंटी पहनी हुई थी पहले से, इसलिए अजय उसकी चूत नही देख पाया...पर उसके बदन से अपनी आँखे हटाने का नाम नही ले रहा था वो.. पूजा ने जल्दी से अपनी जीन्स भी पहन ली... पूजा :"जीजू, मुझे आपसे ये उम्मीद नही थी....आप इस तरह से मेरे कमरे में आकर ...'' वो रुंआसी सी हो गयी... अजय : "अरे, मैने ये सब जान बूझकर नही किया....मैं तो बस अभी आया था और तुम्हे ऐसे कपड़े प्रेस करते देखकर सोचा की पीछे से आकर तुम्हे डरा दू ...और उसके बाद तो तुम एकदम से घबरा गयी...और ये टॉवल क्या मैने खोला था जो ऐसे बोल रही हो...ये तो बस एक्सिडेंट्ली खुल गया...'' पूजा : "पर आपने सब देख भी तो लिया ना...'' अजय : "तो क्या हुआ...तुम मेरी साली हो ना, और साली तो आधी घरवाली होती है....'' पूजा : "आप बहुत गंदे हो जीजू....जाइए मुझे आपसे कोई बात नही करनी ...'' तभी पीछे से रजनी की आवाज़ आई : "अरे क्या हो गया, अपने जीजू से किस बात पर नाराज़ हो रही है तू...'' अपनी माँ को वहाँ देखकर वो कुछ कहने ही वाली थी की अजय पहले ही बोल पड़ा : "हाँ, हाँ बोलो अब...बताओ मैने क्या किया....'' पूजा का चेहरा देखने लायक था...वो कुछ कहना चाहती थी पर कुछ निकल ही नही रहा था उसके मुँह से...फिर भी वो बोली : "देखो ना माँ ,मेरे रूम में बिना नॉक करे घुस आए जीजू....'' रजनी ने इस बात पर उसे ही डांट दिया : "तो क्या हुआ, ये भी हमारे घर का सदस्य है अब...तेरे जीजू है ये...ऐसे नही बोलते, चलो सॉरी बोलो इन्हे...'' अजय : "अरे नही , इसको क्यो डांट रहे हो...जीजा साली के बीच तो ये सब चलता ही रहता है...'' रजनी : "हाँ , इसमे गुस्सा करने वाली क्या बात है, मेरे जीजू तो पता नही क्या-2 कर लेते थे मेरे साथ...'' एक बार फिर से अजय की शरारत भरी नज़रें रजनी को घूरने लगी, और रजनी का चेहरा फिर से लाल हो उठा...पूजा बुदबुदाती हुई वहाँ से बाहर निकल गयी. अजय धीरे-2 चलता हुआ रजनी के पास आया और बोला : "आपने तो बड़े किस्से छुपा रखे हैं अपनी जवानी के दिनों के...मुझे भी तो कुछ बताइए...'' रजनी शरमाते हुए बाहर भागी : "बेशरम हो एक नंबर के तुम तो....'' उसके जाने के बाद अजय ने वो गीला टावल उठाया और उसमे से पूजा के जिस्म की खुश्बू सूंघता हुआ बोला : "बेशरम नही , ठरकी हूँ मैं ....ठरकी ...'' और फिर वो बाहर चल दिया..उसे अपनी रूठी हुई साली को भी तो मनाना था..
24-04-2022, 04:43 PM
अजय बाहर निकल आया और सोफे पर बैठी पूजा के पास आकर बैठ गया, रजनी उनके लिए नाश्ता बनाने फिर से किचन मे चली गयी.
अजय : "अरे बाबा, अब इतना भी क्या नाराज़ होना अपने जीजा से...ये लो, मैं माफी माँगता हूँ तुमसे, कान पकड़कर ..अब ठीक है...'' पूजा ने उसकी तरफ देखा और अजय के भोले से चेहरे को देखकर उसकी भी हँसी निकल गयी...और ये भी भूल गयी की अभी कुछ देर पहले यही भोले चेहरे वाला उसे टॉपलेस देख रहा था.. पूजा : "बट आपको प्रोमिस करना होगा की आप आगे से कभी भी ऐसा नही करेंगे..'' अजय : "प्रॉमिस...अगर तुम खुद भी ऐसे टॉपलेस होकर मेरे सामने आ गयी तो मैं अपनी आँखे बंद कर लूँगा...'' पूजा (अपनी आँखे नचाते हुए) : "ओये होये, बड़े शरीफ हो ना, इतना तो मुझे भी मालूम है, अगर मैं ऐसे खुद ही आपके सामने आ गयी ना, तो टूट पड़ोगे मेरे उपर आप...'' अजय : "तो ट्राइ कर लो ....आकर दिखाओ ऐसे ही एक बार फिर से ...देखते हैं की मुझसे सब्र होता है या नही...'' पूजा का चेहरा देखने लायक था, बेचारी अपनी ही बात में खुद ही फँस गयी थी.. पूजा : "देखो जीजू, आप फिर से शुरू हो गये....'' अजय (फिर से कान पकड़कर) : "ओके बाबा ....अब नही....तुम चाहो तो मुझे इसके लिए कोई सज़ा दे दो...'' उसकी ये बात सुनकर पूजा का चेहरा एकदम से खिल उठा..और वो तपाक से बोली : "शॉपिंग..'' अजय : "हाँ हाँ क्यों नही ..चलो अभी चलते हैं ..'' पूजा : "और आपका ऑफीस ..." अजय ने बड़े स्टाइल से अपना फोन निकाला और एक नंबर लगाकर बोला : "सुनो दीपक, मैं आज ऑफीस नही आ सकूँगा...मुझे अपनी साली को शॉपिंग करवाने ले जाना है...बॉस को बोल देना..बाइ'' उसकी ये बात सुनकर पूजा इतनी इंप्रेस हुई की एकदम से उछलकर वो अजय के गले से जा लगी..और अजय ने भी उसकी कमर मे हाथ डालकर उसकी छाती के नरम हिस्से को अपनी चेस्ट से लगा कर ज़ोर से भींच दिया..पूजा के मुँह से एक आह्ह्ह निकल गयी.. तभी पीछे से रजनी की आवाज़ आई : "तो हो गयी सुलह जीजा-साली में ...हम्म्म ...'' दोनो बेचारे ऐसे अलग हुए जैसे दोनो की चोरी पकड़ी गयी हो... और रजनी मंद-2 मुस्कुराते हुए उनके लिए नाश्ता लगाकर चली गयी.अजय यही सोचता रह गया की उसकी सास ने कोई इश्यू क्यों नही बनाया इस बात का.. खैर, उसके बाद सभी ने मिलकर नाश्ता किया और पूजा ने कहा की वो अजय के साथ शॉपिंग जा रही है,रजनी ने भी कुछ नही कहा और कुछ ही देर में अजय और पूजा उसकी गाड़ी मे बैठकर एक बड़े से माल की तरफ चल दिए. पूजा ने रेड कलर की टी शर्ट पहनी थी और नीचे जीन्स, और टी शर्ट शार्ट में थी, इसलिए उसकी नाभि वाला हिस्सा बड़े ही सेक्सी तरीके से उजागर हो रहा था आज अजय पूजा को अच्छी तरह से इंप्रेस करना चाहता था, इसलिए उसने पूजा को कुछ भी लेने की छूट दे दी. वैसे तो वो अपनी बीबी प्राची को भी खुलकर शॉपिंग करवाता था पर आज बात कुछ और थी...अपनी शॉपिंग के बदले वो पूजा और अपने बीच की उस दूरी को मिटाना चाहता था जिसे पूजा अच्छा नही मानती थी. वो दोनों करीब 3 घंटे तक शॉपिंग करते रहे , और पूजा ने अपनी पसंद का काफी सामान भी लिया वो एक बड़े से शोरुम से निकल ही रहे थे की अचानक पूजा ने चौंकते हुए कहा : "ओह्हो ये सोनी की बच्ची को यहीं पर आना था...'' अजय ने भी उस तरफ देखा जहाँ पूजा की नज़रें थी, तो उसकी आँखे फटी की फटी रह गयी...एक लंबी और सेक्सी सी लड़की एक चूज़े जैसे लड़के के साथ घूम रही थी, दोनो ने एक दूसरे की बाहों मे बाहें डाली घूई थी..लड़का तो झंडू सा था पर वो लड़की पटाखा थी एकदम...रंग बिल्कुल सांवला सा था पर उसके हर डिपार्टमेंट में काफ़ी माल भरा हुआ था, छातियाँ लगभग 36 की थी...एकदम टाइट..और उसपर उसने जो टॉप पहना हुआ था वो भी सिर्फ पतली डोरी पर ही टिका हुआ था ...और नीचे उसने एक लॉन्ग स्कर्ट पहनी हुई थी जिसके साइड में कट था जिसमे से उसकी गुदाज और मांसल टांग पूरी नंगी थी... और नीचे लॉन्ग बूट..... उसकी जांघों की मांसपेशिया चलने से अलग ही चमक रही थी...और पीछे की तरफ निकली हुई उसकी गांड भी काफी बड़ी थी और उसकी आँखे बड़ी ही सेक्सी थी ...बॉडी पर काफी टैटू भी बनवा रखे थे उसने जिसकी वजह से वो बहुत सेक्सी लग रही थी , ऐसा लग रहा था की जैसे कोई मॉडेल रेम्प वॉक से निकलकर सीधा वहाँ आ गयी है..ब्लैक ब्यूटी लग रही थी वो... अजय को ऐसे बिना पलकें झपकाए उस तरफ देखते हुए पाकर पूजा ने उसे आवाज़ दी : "जीजू.....ओ जीजू .... कहाँ खो गये...सच में आप मर्दों को तो बस कोई लड़की दिखनी चाहिए....लार निकलने लग जाती है बस...'' अजय ने झेंपटे हुए अपनी नज़रें पूजा की तरफ कर ली.. पूजा : "वो मेरी क्लासमेट है...सोनी ...और वो उसका बाय्फ्रेंड है...शायद...'' अजय : "शायद ..??'' पूजा : "हाँ , शायद, क्योंकि मैने भी आज पहली बार ही इस लड़के को देखा है....सोनी ने बताया था की कॉलेज के बाहर का है उसका ये बाय्फ्रेंड...'' अजय : "तो चलो ना...मिलते हैं इनसे...आख़िर तुम्हारी क्लासमेट है ...'' ऐसी सेक्सी लड़की से मिलने के लिए कौन नही तड़पेगा ... पूजा ने उसकी बाजू पकड़ कर उसे रोक दिया और फुसफुसाई : "अर्रे नही जीजू .....अभी नही मिल सकती मैं ....'' अजय : "क्यों ??..'' पूजा (झिझकते हुए) : "वो ...दरअसल ....कल सोनी ने मुझे बोला था की उसका बाय्फ्रेंड आ रहा है और मैने भी उसको झूट बोला हुआ था की मेरा भी एक बाय्फ्रेंड है जो कॉलेज के बाहर का है...तो उसने सजेस्ट किया था की आज हम सभी मूवी चलते हैं...मैने तो बहाना बना कर मना कर दिया...पर आपके साथ अचानक शॉपिंग का प्रोग्राम बना तो मुझे इसके बारे में याद ही नही रहा...और ये पागल यहीं पर मिल गयी....चलो ना जीजू कहीं और चलते हैं..'' अजय : "ज़रा सी है नही तू और इन चक्करों में पड़ी है , तेरी दीदी को बोल दिया ना तो अच्छी तरह से खबर लेगी वो...'' पूजा : "वो तो घर की बात है जीजू, अभी तो चलो, मुझे इसके सामने एम्बेरस नही होना अभी...''
24-04-2022, 04:49 PM
अजय बेचारा मन मारकर रह गया, और अपनी साली की बात मानकर पलटकर माल से बाहर की तरफ चल दिया.वैसे भी वो एक ही दिन में दोबारा उसे नाराज नहीं करना चाहता था
और तभी उन्हे पीछे से आवाज़ सुनाई दी ''अरे , पूजा....तू यहाँ .....'' पूजा ने अपनी आँखे भींच ली और बुदबुदाई ''मर गयी....'' और फिर हंसते हुए एकदम से पलटी और सोनी को देखकर चौंकने का नाटक करती हुई बोली : "सोनी ....तू यहाँ ....ओह्ह माय गॉड ....आई कांट बिलीव इट ....'' और वो भागती हुई गयी और उससे लिपट गयी.. सोनी की नज़रें अजय को घूर रही थी...और उसके साथ उसका उल्लू जैसा बी एफ बेचारा कुछ समझने की कोशिश कर रहा था.. सोनी : "यू लॉयर , तूने तो मना करा था, फिर कैसे आ गयी...'' पूजा : "अरे नही, ऐसा कुछ नही है...दरअसल ...चल छोड़, वो बाद में बताउंगी , इनसे मिल, ये है मेरे.....'' उसकी बात को काटकर अचानक अजय बीच में बोल पड़ा : "हाय , आई एम अजय, पूजा का बाय्फ्रेंड...'' सोनी की आँखे गोल सी होकर रह गयी, इतना स्मार्ट लड़का और वो भी इस मोटी सी दिखने वाली पूजा का बाय्फ्रेंड...और उसने झुककर पूजा के कान में कहा : "ओह्ह माय गॉड पूजी, ही इज़ सो हॉट....'' पूजा बेचारी हैरान परेशान सी अजय को घूर रही थी....उसने तो इस बारे में सोचा भी नही था की सोनी को ये भी बोल सकती है वो...पर अजय ऐसा करेगा उसने सोचा भी नही था...वो अपनी आँखे गोल करके उससे इशारों में पूछ रही थी की ऐसा क्यो किया तुमने.. अजय ने उसकी कमर में हाथ डालकर उसे अपनी तरफ खींचा और उसके कान में कहा : "मुझे जीजा बताकर कुछ नही मिलता, अपना बाय्फ्रेंड बोलकर कुछ इंप्रेशन जमाओ अपनी फ्रेंड के उपर...'' पूजा की आँखों में भी चमक आ गयी....वैसे भी आजकल इंप्रेशन का ही जमाना है...हर कोई एक दूसरे से उपर ही दिखना चाहता है, फिर वो चाहे ब्रांड हो या बाय्फ्रेंड... और अजय किसी भी एंगल से शादी शुदा तो लगता ही नही था...और स्मार्ट तो वो था ही...ऐसा बाय्फ्रेंड देखकर तो किसी भी लड़की को अपनी फ्रेंड से जलन हो जाएगी.. पूजा ने भी उसका साथ देते हुए कहा : "बस ये अभी फ्री हुआ है, वरना तुमसे पहले ही मिल चुके होते..'' सोनी तो अपनी आँखे फाड़-फाड़कर अजय को घूरे जा रही थी...वो भी बोली : "हाँ...कुछ टाइमपास तो होता मेरा भी, मूवी भी बेकार सी थी...और उपर से इसने भी बोर करके रख दिया...'' सोनी ने बुरा सा मुँह बनाते हुए अपने घोंचू बाय्फ्रेंड की तरफ इशारा किया..वो बेचारा मुँह नीचे करके रह गया. अजय समझ गया की सिर्फ पैसों के चक्कर में सोनी ने इसे अपना बी एफ बनाया हुआ है पूजा शायद ज़्यादा देर उनके साथ रुकना नही चाहती थी...वो बोली : "ओके सोनी , हम चलते हैं...मुझे घर भी जल्दी पहुँचना है ....बाय ...कल कॉलेज में मिलते हैं...'' इतना कहकर पूजा ने अजय की बाजू को अपनी बगल में लपेटा और निकल गयी...अजय ने भी मौके का फायदा उठाते हुए अपनी कोहनी को उसके मुम्मे के अंदर घुसा दिया... पूजा : "जीजू, संभल जाओ...हाथ पकड़ा है,इसका मतलब ये नही की तुम मेरा ग़लत फायदा उठाओ...'' अजय ने झुककर उसके कान पर किस्स कर दिया और बोला : "मैं तो अपनी तरफ से सही फायदा उठा रहा हु, तुम्हे गलत लगे तो मैं क्या करूँ , वैसे वो अभी तक हमें ही देख रही है...कुछ तो रियल लगना चाहिए ना...'' जवाब में पूजा ने एक बार फिर से चिढ़ते हुए अजय के कंधे पर हल्के से चपत लगा दी..और दूर खड़ी सोनी समझ रही थी की कितना प्यार है इन दोनों में ...कल पता करूँगी इससे की कैसे पटाया इतना स्मार्ट लड़का ... रात को प्राची करीब 9 बजे घर पहुंची , तब तक अजय उनके घर पर ही बैठकर उसका इन्तजार कर रहा था, पूजा ने बड़े चाव से अपने लाये हुए कपडे अपनी माँ को दिखाए और बाद में प्राची को भी , प्राची को भी अच्छा लगा की अजय ने उसकी बहन को आज शॉपिंग करवाई , पर उन दोनों के बीच आज सुबह से क्या-२ हुआ ये उसे किसी ने नहीं बताया रात को अपने घर में पहुंचकर अजय ने प्राची को बेड पर पटक दिया ,प्राची वैसे तो काफी थकी हुई थी, पर फिर भी चुदाई के लिए वो भी मना नहीं कर सकी अजय पर तो आज की रात पागलपन सा सवार था, उसे प्राची में कभी तो पूजा दिखाई दे रही थी और कभी उनकी माँ रजनी और कभी वो ब्लैक ब्यूटी सोनी , और उसकी इस खतरनाक चुदाई से प्राची को बहुत आनंद मिल रहा था, प्राची : "ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अजय , आज क्या खाकर आये हो..... ऐसे तो कभी नहीं चोदा मुझे पहले ...... '' अजय ने मन में सोचा ' खाकर नहीं मेरी जान, देखकर आया हूं , तेरी बहन के मुम्मे ' अजय ने ऐसे चोदा उसे की उसकी सारी थकान उतर गयी और वो दोनों नंगे ही एक दूसरे की बाँहों में सो गए अगले दिन संडे था , और एक हफ्ते पहले से ही प्राची और उसके घर वालों ने पिकनिक का प्रोग्राम बनाया हुआ था , जिसके बारे में सोचते हुए अजय को कब नींद आ गयी उसे भी पता नहीं चला रात को अगर चुदाई करके सोया जाए तो काफ़ी अच्छी नींद आती है, यही हुआ प्राची और अजय के साथ भी, वैसे भी संडे था, इसलिए अलार्म भी नही बजा उस दिन..करीब 9:30 बजे डोर बेल बजी और नंगी सो रही प्राची ने झुंझलाते हुए बाहर का दरवाजा खोला. उसने अपनी नाईट ड्रेस डाल ली, जिसे डालना और ना डालना एक बराबर था अजय सोने का नाटक करता रहा, वरना उसे उठना पड़ता दरवाजा खोलने के लिए.वो भी सोचने लगा की इतनी सुबह -2 कौन आ गया. और कुछ ही देर मे प्राची और पूजा बातें करती हुई अंदर आ गयी..अजय ने सिर्फ़ अपना बॉक्सर पहना हुआ था और वो तकिये को अपनी टांगो के बीच दबा कर सो रहा था. पूजा : "दीदी, आप लोगो को पता तो था की आज पिक्निक पर जाना है फिर भी अब तक सो रहे हैं...मुझे पता था यही हो रहा होगा यहाँ, इसलिए मैं खुद उठाने के लिए चली आई...'' प्राची भी अपनी आँखे मलती हुई वापिस आकर बिस्तर पर लेट गयी.. प्राची : "यार पूजा, तंग मत कर ना ....कल पूरा दिन इतना काम किया और रात को भी सोते -2 एक बज गया..'' पूजा की आँखो मे शरारत उभर आई, वो बोली : "ऐसा क्या करते रहे आप लोग रात के 1 बजे तक...डिन्नर करके तो आप 11 बजे ही आ गये थे..'' प्राची भी शरमा गयी की ये क्या निकल गया उसके मुँह से, वो बोली : "शट अप पूजा, क्या बोल रही है तू...'' पूजा : "मेरे कहने का मतलब है की जब आप इतना ही थक गये थे तो अपना वाला प्रोग्राम करना ज़रूरी था क्या...'' प्राची : "बच्चू , जब तेरी शादी होगी ना, तब पूछूंगी तुझसे...ये शुरू के दिन होते ही इतने मस्त है...इन दिनों में तो जिस दिन ना करो , उस दिन अजीब लगता है...'' पूजा : "अच्छा दीदी...वाउ....अब मुझे क्या पता ये सब...ये तो शादी के बाद ही पता चलेगा ना..'' अपना मायूस सा चेहरा बना कर वो बड़े ही भोलेपन से बोली उन दोनो को तो यही लग रहा था की अजय गहरी नींद में सोया हुआ है..पर वो कमीना उनकी हर बात को सुनकर मज़े ले रहा था. और पूजा की बात सुनकर उसने मन मे कहा 'मेरी जान, तू कहे तो शादी से पहले ही तुझे पता करवा देता हूँ की चुदाई कितनी मजेदार होती है...' पर वो उनकी बातें सुनकर यही सोच रहा था की शायद उसे आज कुछ मजेदार बातें सुनने को मिल जाएँ इन बहनों की... कुछ देर की चुप्पी के बाद पूजा बोली : "दीदी.....वैसे एक बात पुछू आपसे...बुरा तो नही मानेंगी ना...'' प्राची : "पूछ ...'' पूजा : "दीदी....वो ...आप क्या रोज ये, उम्म्म मेरा मतलब सेक्स....करती हो...'' अजय का लंड तड़प उठा अपनी साली के मुँह से सेक्स वर्ड सुनकर.. प्राची ने अपनी आँखे खोल दी और उठकर बैठ गयी : "तू क्यों पूछ रही है ये सब...तुझसे मतलब...'' पूजा :"बस दीदी, अपनी नॉलेज के लिए...अभी आपने कहा ना की जिस दिन ना करो तो अजीब लगता है...मुझे बस पता करना था की आपका भी रोज मन करता है या सिर्फ़ जीजाजी ही ऐसे हैं ..'' प्राची ने आँखे तरेर कर पूछा : "तेरे जीजाजी ऐसे है,ये तू कैसे जानती है...'' पूजा : "बस ऐसे ही गेस किया...वैसे देखने में इतने स्मार्ट है..और थोड़े बहुत ठरकी भी लगते हैं मुझे तो ये...इनकी बातों से अंदाज़ा लगाया मैने...'
24-04-2022, 04:54 PM
अब तो प्राची के एंटिना खड़े हो गये...और सोए हुए अजय की भी गांड फटने को हो गयी...वो सोचने लगा की कहीं ये पागल की बच्ची कल वाली बात ना बता दे प्राची को.. प्राची : "कौनसी ऐसी बातें कर दी अजय ने तेरे साथ...ज़रा मुझे भी तो बता....'' शायद प्राची को लग रहा था की कल शॉपिंग पर लेजाकर अजय ने कुछ बदतमीजी करी है पूजा के साथ पूजा : "वो बस ऐसे ही दीदी.....कल शॉपिंग पर गये थे ना...तो मैने नोट किया था...वो मेरी सहेली है ना सोनी, वो मिली थी , उसे तो ऐसे देख रहे थे जैसे आँखो ही आँखो से उसे खा जाएँगे...'' प्राची : "तू सोनी का तो नाम ही ना लिया कर मेरे सामने, उसके कपड़े पहनने का ढंग मुझे बिल्कुल पसंद नही है, ये बात मैने भी तुझे बोली थी तुझे एक बार ..उसे तो हर कोई खा जाने वाली नज़रों से देखता है...अजय का इसमे क्या कसूर...'' प्राची ने समझदार बीबी की तरह अपने पति का बचाव किया. पूजा : ''नही दीदी, इन मर्दों पर इतना भी अंध्विश्वास नही करना चाहिए...सोते आपके साथ है और सपने किसी और के देखते हैं...''
अब तो अजय की झांटे सुलग उठी, पता नही पूजा को एकदम से ये क्या हो गया था , उसकी पोल पट्टी खोलने में क्यो लगी थी वो, बिना वजह क्यों प्राची को भड़का रही थी ... अब इससे पहले की वो सुबह वाली टॉपलेस होने वाली बात भी बता दे, अजय ने नींद मे सोते हुए ही धीरे से कहा : "उम्म्म्मम....माय डार्लिंग प्राची .....आई लव यू ...'' और अपने तकिये को चूमकर वो फिर से खर्राटे भरने लगा. प्राची और पूजा दोनो ने उसकी ये हरकत देखी और प्राची ने पूजा से कहा : "देख लिया...मेरा पति सोता भी मेरे साथ है और सपने भी मेरे ही लेता है...'' पूजा : "ओहो दीदी....मैने जीजू के बारे में तो ऐसा कहा ही नही...मैं तो बस जनरल बात कर रही थी...'' प्राची : "ओहो, कह तो ऐसे रही है जैसे सारी दुनिया के मर्दों पर पीएचडी कर ली है तूने...चल अब तू घर जाकर नाश्ता तैयार कर, मैं नहाने जा रही हूँ ..'' और अपनी बिना पेंटी की गांड मटकाती हुई प्राची बाथरूम की तरफ भाग गयी...शायद प्रेशर भी बन चुका था उसके अंदर.. पूजा भी जाने के लिए पलटी और फिर ना जाने क्या सोचकर वापिस बेड तक आई...और बेड के उपर चड़कर अजय के बिल्कुल पास आ गयी...और गोर से उसे सोता हुआ देखकर बुदबुदाई : "अपनी पत्नी के सामने तो बड़ी अच्छी इमेज बना रखी है जीजू आपने...पर आप हो कितने शैतान ये सिर्फ़ मैं जानती हूँ ..'' उसने इतना बोला ही था की अजय ने एक झटके से अपनी आँखे खोल दी...खर्राटे मारकर सो रहे अजय को ऐसे एकदम से उठा हुआ देखकर पूजा भोचक्की रह गयी...और उसे समझते देर नही लगी की वो सो नही रहा था...यानी उसने प्राची और उसके बीच की सारी बातें भी सुन ली है.. और इस बात का एहसास होते ही वो दौड़ती हुई घर से बाहर निकल गयी... एक घंटे बाद अजय और प्राची तैयार होकर उनके घर आ गये, सबने मिलकर नाश्ता किया..पर पूजा चुपचाप ही थी अब..ऐसे रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद अपने जीजू से आँखे मिलाने की भी हिम्मत नही हो रही थी उसकी.. अजय की कार में सभी पिक्निक के लिए निकल पड़े...इंडिया गेट के आस पास बने पार्क में जाने का प्रोग्राम था उनका..हल्की फुल्की धूप निकली थी आज 2 दिन की बारिश के बाद, इसलिए मौसम काफ़ी सुहाना लग रहा था. वहाँ जाकर सभी चादर पर अपना समान रखकर बैठ गये...कुछ स्नेक्स खाने के बाद बेडमिन्टन खेलने लगे...अजय ने सबके साथ खेला, पूजा के साथ भी...और सभी को हराया भी..वो काफ़ी फुर्तीला जो था... पर अपनी सास रजनी के साथ खेलते हुए तो उसका ध्यान काफ़ी भटका, उसकी नज़रें उनके उछल रहे बूब्स से हट ही नही रही थी...और अजय को ऐसे अपनी माँ की तरफ घूरते देखकर दूर बैठी पूजा जलभुन रही थी...शायद सोच रही होगी की इस ठरकी की नज़र उसकी माँ पर भी है क्या अब.. फिर अजय वापिस आकर बैठ गया, पूजा के साथ और प्राची और उसकी माँ खेलने लगे...उनके पापा रेफ़री बने हुए थे. अब अजय ने बात शुरू करने की सोची अजय : "बड़ा भड़काया जा रहा था अपनी दीदी को मेरे बारे में ...'' पूजा : "तो आपने सब सुन लिया...'' अजय : "हाँ , मेरी नींद तो तभी से खुली हुई थी जब तुमने बेल बजाई...'' पूजा : "ऐसे लड़कियो की बातें सुनना अच्छी बात नही होती'' अजय : "और ऐसे अपने जीजू की शिकायत करना भी अच्छी बात नही होती..ख़ासकर तब जब मैने तुम्हारी मदद की थी कल'' उसने सोनी के सामने अपने बाय्फ्रेंड होने वाली बात याद दिलाई. पूजा : "वो तो मैं ऐसे ही कह रही थी...बस देखना चाहती थी की दीदी को आपके उपर कितना विश्वास है..'' अजय : "हर बीबी शक्की होती है, मेरी भी है, और तुम्हारी ऐसी बातों से हमारी पर्सनल लाइफ पर क्या फ़र्क पड़ेगा इसका अंदाज़ा है क्या तुम्हे...तलाक़ करवाना चाहती हो क्या तुम हमारा..'' ये बात अजय ने थोड़े कठोर स्वर मे बोली.. और ये बात सुनकर पूजा सहम सी गयी...और रुंआसी सी होकर बस इतना ही बोली : "सॉरी जीजू...वो बस...मेरे मुँह से निकल गयी वो बातें...अब से ऐसा नही करूँगी...प्रोमिस...'' अजय भी जानबूझकर उसे ये सब बोल रहा था ताकि फिर से वो ऐसी बात करके उसके लिए कोई मुसीबत ना पैदा कर दे.. अंधेरा सा हो चुका था और वो उस जगह से थोड़ा दूर ही बैठे थे, जहाँ वो लोग बेडमींटन खेल रहे थे...अजय को एक शरारत सूझी और वो तोड़ा आगे हुआ और उसने सिर झुका कर बैठी हुई पूजा के होंठों को चूम लिया. सुबकती हुई पूजा भोचक्की सी रह गयी...उसने शायद अजय से इस बात की उम्मीद भी नहीं की थी... वो गुस्से मे बोली : "ये क्या कर रहे हो जीजू...'' और फिर अपनी माँ और बहन की तरफ मुँह करके बोली : "अभी दीदी को बताती हू आपकी ये गंदी हरकत...'' अजय : "मैं तो बस चेक कर रहा था की तुमने जो अभी बोला वो सच में बोला या ऐसे ही...'' पूजा बेचारी अपने दाँत पीसकर रह गयी...वो समझ गयी की ये उसका जीजू बड़ी पहुँची हुई चीज़ है...वो उसकी बहन के साथ बने रिश्ते की आड़ मे उसके साथ कुछ भी कर सकता है...पर उसने भी मन में सोच लिया की अपने साथ कुछ ग़लत वो हरगिज़ नही होने देगी... पर उसके ऐसा सोचने का अजय के उपर कोई असर नही था...वो भी अब अपनी पर आ चुका था..और अब खुलकर हर खेल खेलना चाहता था.
24-04-2022, 07:53 PM
(This post was last modified: 26-04-2022, 01:20 PM by bhavna. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
वाह, मज़ा आ गया।
कृपया आगे का अपडेट दीजिये।
28-04-2022, 03:50 PM
कुछ ही देर मे सभी बेडमिंटन खेलकर वापिस आ गये, इसलिए अजय को कुछ और करने का मौका नही मिल सका..सभी खाने पीने में फिर से बिजी हो गये, पर पूजा का ध्यान कहीं और ही था, जब से अजय ने उसे वो किस्स किया था तब से उसका ध्यान कहीं और ही चला गया था, वैसे तो वो हॉस्टल रहकर आई थी, खुले में माहौल में रहने के बाद भी उसकी हिम्मत नही होती थी किसी लड़के के साथ बाहर जाने की या दोस्ती करने की, बड़ी डरपोक किस्म की लड़की थी वो..किस्स तो दूर की बात उसने किसी का हाथ भी पकड़ कर नही देखा था..पर हर लड़की की तरह वो भी चाहती थी की उसका भी बाय्फ्रेंड हो, इसलिए अपनी फ्रेंड को भी उसने झूट बोल दिया था की उसका भी बाय्फ्रेंड है, और अजय को अपना बाय्फ्रेंड बोलकर मिलवा भी दिया था. और उसकी सहेलियाँ अक्सर अपने प्यार की बातें और रंगीन किस्से उसे सुनाती रहती थी...और ये सुन-सुनकर उसका भी ऐसे मज़े लेने का मन करने लग गया था.. और अभी जब अजय ने उसे एकदम से किस्स किया तो कुछ देर के लिए तो वो समझ ही नही पाई की ये क्या हुआ..ये उसकी जिंदगी की पहली किस्स थी और करी भी किसने, उसके खुद के जीजाजी ने..उसका मन बड़ी दुविधा मे फँसा हुआ था, पर एक बात तो पक्की थी, उसे अपने जीजू की ये हरकत बिल्कुल भी अच्छी नही लगी थी, पर महसूस करके जो रोमांच महसूस हुआ वो अलग ही था. अजय भी दूर से पूजा को देखकर ये अंदाज़ा लगाने की कोशिश कर रहा था की वो क्या सोच रही है, इतना तो वो जानता ही था की उसने जो हरकत अभी उसके साथ की है, वो ज़रूर उसके बारे में ही सोच रही है...चलो जो भी है, उसने तो अपनी तरफ से शुरूवात कर ही दी थी.
अगले कुछ दिनों तक कुछ ख़ास नही हुआ...बस अजय अपनी साली और सास के बारे में सोच-सोचकर अपनी बीबी की जमकर चुदाई करता रहा . एक दिन प्राची ने बताया की उनके घर उसकी मौसी-मौसा आ रहे हैं, वो मुंबई में रहते हैं और साल में 1-2 चक्कर लग ही जाते हैं उनके.. उनके बारे में सुनते ही अजय के कान खड़े हो गये, मौसा जी यानी उसकी सास के जीजाजी..उसे उस दिन की बात याद आ गयी जब उसने कहा था की वो तो पता नही क्या-2 कर लेती थी अपने जीजा के साथ.. बस, उसने सोच लिया की इस बार उन्हे कुछ ऐसा करते ज़रूर देखेगा जिसकी चर्चा उसकी सासू माँ कर रही थी. सॅटर्डे मॉर्निंग में वो आ गये, वीकेंड था इसलिए अजय और प्राची दोनो की छुट्टी थी..और इन दो दिनों तक ही रुकना था उन्हे भी. अजय ने उन्हे अपनी शादी पर ही देखा था बस, पर उस वक़्त के देखे रिश्तेदार ज़्यादा याद नही रहते, अब उन्हे सही से देखा उसने. दोनो की उम्र उसकी सास के आस पास ही थी, मौसाजी तो थोड़े जवान से लग रहे थे, शायद मुंबई में रहने की वजह से थोड़ा बहुत हीरो स्टाइल आ गया था उनमे..उनकी बेटी रिया भी साथ आई थी जो पूजा से भी छोटी थी... वैसे तो उसके ससुराल में काफ़ी कमरे थे पर प्राची ने ज़बरदस्ती करके उन्हे अपने घर पर रुकवा लिया..उसकी अपनी मौसी से बड़ी अच्छी बनती थी.. मौसी देखने में बिल्कुल विद्या बालन जैसी थी, भरी हुई सी, गोल मटोल नितंब और मुम्मे ...उनके कुल्हों की थिरकन देखकर अजय को बड़ा मज़ा आता था.. शनिवार का पूरा दिन तो ऐसे ही निकल गया,अजय ने काफ़ी कोशिश की पर अपनी सास और उसके जीजा के बीच कुछ अलग देख ही नही पाया वो, बड़े ही नॉर्मल तरीके से दिख रहे थे वो दोनो पर अजय भी जानता था की ऐसे रिश्ते सभी के सामने खुलकर नही दिखाए जाते ...वो भी अपनी जासूसी नज़रें उनपर लगाए हुए था. रात का खाना खाने के बाद अजय और प्राची उन्हे लेकर अपने घर आ गये..दोनो घर एकदम साथ थे इसलिए रजनी भी साथ ही चली आई, ये कहते हुए की अभी तो उसने काफ़ी गप्पे मारनी है अपनी बहन के साथ..पूजा और उसके पापा नही आए, वो घर पर ही रुके रहे. अजय का घर भी काफ़ी बड़ा था, 3 बेडरूम थे, मेहमानों के लिए उसने बड़ा वाला रूम खुलवा दिया, और सभी वहीं बैठकर गप्पे मारने लगे..मौसाजी तो टीवी देखते रहे..और अजय की सास और उसकी बहन इधर-उधर की बातें करते रहे.. अजय अपने कमरे में आ गया और कुछ ही देर मे प्राची भी..प्राची को तो आते ही नींद आ गयी, क्योंकि सुबह से सबके लिए खाना बनाने में जो लगी हुई थी वो अपनी माँ के साथ.. अब दूसरे कमरे से सिर्फ़ उसकी सास और मौसी की आवाज़ें आ रही थी..और बीच-2 मे उसके मौसा की भी आती रहती थी...रात के 11 बज चुके थे, पर उसकी सास थी की वहीं जम कर बैठी थी...और अजय जानता था की उसके पीछे उनका क्या मकसद है और अगले आधे घंटे में मौसी की आवाज़ें आनी भी बंद हो गयी, यानी वो भी सो चुकी थी ...और सिर्फ़ अजय की सास और मौसा जी बातें करते सुनाई दे रहे थे और वो भी बड़ी धीरे-2 ... कुछ ही देर में अजय को उसकी सास के कदमों की आहट सुनाई दी जो उसके कमरे की तरफ ही आ रही थी...वो समझ गया की वो चैक करने आ रही है की वहाँ सब सो रहे है या नही...उसने झट से आँखे बंद कर ली और अपने ख़र्राटों की नकली आवाज़ें निकालने लगा... उसकी सास ने कमरे मे झाँका और दोनो को गहरी नींद में सोता हुआ देखकर चुपचाप वापिस चली गयी...और उसके जाते ही अजय भी दबे पाँव अपने बिस्तर से उठा और बाहर की तरफ चल दिया...आज उसको पक्का यकीन था की वो अपनी सास की रंगरेलियां देखकर रहेगा..रजनी ने उस कमरे का दरवाजा बंद नही किया था, वो पर्दे की आड़ में खड़ा होकर अंदर का नज़ारा देखने लगा... अंदर का नज़ारा उसकी आशा के अनुरूप ही था...उसकी पूजनीय सास अपने जीजाजी के साथ लिपट कर खड़ी थी और दोनो एक गहरी स्मूच में डूबे हुए थे...और मौसाजी के हाथ सासुमाँ की गांड को ऐसे मसल रहे थे जैसे उसमे कोई खजाना ढूँढ रहे हो...और वो उनकी बाहों में कसमसा रही थी. रहनी : "ओहू....जीजाजी .....रूको तो....पहले वो निकालो , कहीं दीदी पिछली बार की तरह ना उठ जाए...'' इतना सुनकर मौसाजी ने उन्हे छोड़ दिया..अजय की समझ में भी नही आया की वो किस चीज़ की बात कर रहे हैं. मौसाजी ने अपनी जेब से एक दवाई की शीशी निकाली और उसका ढक्कन खोलकर अपनी सो रही बीबी यानी मौसीजी की नाक के पास घुमा दिया...अजय समझ गया की वो शायद बेहोशी की दवाई है. कुछ देर तक वो उसके चेहरे को गोर से देखते रहे और फिर जब इत्मीनान हो गया तो वो पलटा और अपनी साली को फिर से दबोच कर पहले से भी ज़्यादा ज़ोर से उसे चूमने लगा.. ''ओह रज्जो ............. कितना तडपा हूँ मैं तेरे लिए......सुबह से मौका ही नही मिला तुझसे अकेले में मिलने का.....आआआहह आई मिस्ड यू सो मच ...'' रजनी : "ओह्ह्ह्ह जीजाजी ,..मैं भी कितना तडपि हूँ आपके लिए....'' और इतना कहते-2 वो अपने कपड़े उतारती चली गयी...आज ये पहला मौका था अजय के लिए जब वो अपनी सेक्सी सासू माँ को नंगा होते हुए देख रहा था.. और सच मे कमाल थी वो. पूरी नंगी होने के बाद वो जब उसके दूधिया बदन को अजय ने देखा तो अपने लंड को सहलाने लग गया... गज़ब का शरीर था उसका...एक भी दाग नही...दूधिया...और इतने बड़े-2 मुम्मे , थोड़ा लटक ज़रूर गये थे पर उनको देखकर जो पानी अजय के मुँह में आ रहा था वो ये साबित करता था की उनमे रस बहुत ज़्यादा होगा... और अपनी साली को नंगा देखते ही मौसाजी ने उन्हें दबोच लिया और उसके पपीते जैसे मुम्मों को मुँह में भरकर ज़ोर-2 से चूसने लगा... ''आआआआआआआहह उम्म्म्मममममममममममम धीरे जीजाजी ................ काटो मत.....उन्हे शक हो जाएगा....'' उसके मुम्मे चूसते -2 मौसाजी ने उपर देखा और कहा : "तो क्या किशनलाल अभी तक तेरी चुदाई करता है....'' रजनी ने आँखे नचाते हुए कहा : "तो आप क्या समझते हैं, आप ही मर्द हो इस दुनिया में , किसी और का मन नही करता क्या...'' मौसाजी : "अरे नही, वो तो मैने इसलिए पूछा क्योंकि तुमने उस दिन फोन पर कहा था ना की वो आजकल सेक्स में इंटरस्ट नही लेता...'' रजनी : "वो तो बस आपको जल्दी बुलाने का बहाना था ....वैसे इंटरस्ट तो कम कर ही दिया है उन्होने...पर मुझे अपना भी तो देखना होता है ना...मेरी आग बुझाने के लिए आप मुंबई से रोज-2 तो आओगे नही...इसलिए उनसे हर दूसरे-तीसरे दिन ज़बरदस्ती करनी ही पड़ती है...'' मौसाजी : "संभल जा रज्जो, अब तू सास बन चुकी है....तेरी उम्र नही रही अब पहले जितनी चुदवाने की...'' रजनी : "अब ये बात आप क्या जानो जीजाजी...इस उम्र में ही सबसे ज़्यादा चुदासी चड़ती है...और प्राची की जब से शादी हुई है, तब से मुझे तो अपनी शादी के बाद वाले दिन याद आ जाते हैं...जब आपके सांढू साहब मुझे कपड़े पहनने की भी इजाज़त नही देते थे...बस दिन रात लगे रहते थे बेशर्मों की तरह..'' मौसाजी ने उसके मुम्मे दबाते हुए कहा : "और तू चुदती भी तो रहती थी हर टाइम...वो आदत तेरी अब तक नही गयी...'' तब तक मौसाजी ने भी अपने कपड़े उतार दिए थे...उनकी उम्र के हिसाब से उनका लंड ज़्यादा बुरा नही था...लेकिन अजय से छोटा ही था वो.. उसके लंड को देखते ही रजनी उसपर झपट पड़ी और लगी चूसने.. चपर -2 की आवाज़ों के साथ वो ऐसे चूस रही थी जैसे बरसों की प्यासी औरत को पानी का पाइप मिल गया हो जिसके अंदर छुपी बूंदे वो वो अपनी सांसो से खींचकर निकालना चाहती हो.. मौसाजी भी बड़े आराम से उसके सिर पर हाथ रखकर अपना लंड चुसवा रहे थे...और उनकी नज़रें बीच-2 में अपनी बीबी की तरफ भी जा रही थी की कहीं वो उठ ना जाए... कुछ देर तक चुसवाने के बाद रजनी उठी और बिस्तर पर लेट गयी...अपनी चूत चुसवाने के लिए...लेकिन मौसाजी को शायद कुछ ज़्यादा ही जल्दी थी... वो बोले : "अभी इसका टाइम नही है रज्जो....जल्दी से घोड़ी बन जा....'' अब उस वक़्त वो भला क्या बहस करती उनसे...पर उसके चेहरे पर आए मायूसी के भाव देखकर अजय समझ गया की उनका कितना मन था अपनी चूत चटवाने का.. अजय ने मन में सोचा...''फ़िक्र ना करो सासू माँ ..जल्द ही आपका दामाद करेगा आपकी सही से सेवा...'' फिर मौसा जी ने अपने लंड के उपर ढेर सारी थूक लगाई और टीका दिया सीधा अपनी साली की गांड पर.. सासू माँ चीख पड़ी : "नही जीजाजी .....पीछू से नही....पीछू से नही ....'' मौसजी : "अरी रुक ना...तुझे पता है ना मुझे कितना मज़ा आता है तेरी गांड मारकर...नाटक ना कर...'' रजनी : "नही जीजाजी...दर्द होगा....उन्होने तो कभी नही मारी पीछे से...आपने मारी थी, और वो भी पिछले साल....अब तक तो छेद फिर से बंद हो चुका होगा....दर्द होगा ना...पीछू से नही ...पीछू से नही ...'' मौसजी : "ये क्या पीछू से नही..पीछू से नही लगा रखा है....साली....ड्रामे ना कर...मुझे अपना काम करने दे...'' और इतना कहते-2 मौसाजी ने बड़ी ही बेरहमी से उनकी गांद में अपना लंड लगाकर जोरदार झटका मारा...और उनका आधे से ज़्यादा लंड अंदर घुस गया... सासू माँ दर्द और मज़े से हुंकार उठी : "आआआआआआवउ ....... उफफफफफफफफफफ्फ़ ....... म्*म्म्ममममममममममम'' अपने लंड को बाहर निकालकर मौसाजी ने फिर से अंदर झटका मारा....अजय ने देखा की सासुमाँ ने तकिये को मुँह मे डालकर बड़ी मुश्किल से अपनी आवाज़ दबाई...
28-04-2022, 04:01 PM
पर उन्हे अपनी गांड मरवाता देखकर अजय की आँखे फैल सी गयी.....उसने तो सोचा भी नहीं था की उसकी सास अपनी गांड भी मरवा चुकी होगी...वैसे उनकी फेली हुई गांड को देखकर वो हमेशा से उनका दीवाना था..पर वो फेली हुई गांड ऐसे चौड़ी हुई होगी, ये उसे आज ही पता चला...
अजय ने भी एक-दो बार प्राची को गांड मरवाने के लिए बोला था, पर उसने सॉफ माना कर दिया था...ऐसे में अपनी सास को गांड मरवाता हुआ देखकर वो यही सोच रहा था की काश ये थोड़ी बहुत शिक्षा अपनी बेटी को भी दे दे की गांड मरवाने में कितना मज़ा आता है...मारने वाले को भी और मरवाने वाले को भी... और अब तक मौसाजी के झटके काफ़ी तेज हो चुके थे....और लंड बड़े ही प्यार से अंदर बाहर जा रहा था.. रजनी को भी उसी मस्ती का एहसास हो चुका था...वो अपनी चूत पर उंगलियाँ फेरती हुई बड़े ही मज़े से अपनी गांड मरवा रही थी.. ''उम्म्म्ममममममममममम ओह जीजाजी .............. सच मे.............बड़ा मज़ा आ रहा है ............... और ज़ोर से करो ना....... मारो मेरी गांड ......ज़ोर से मारो .....'' अपनी साली की ऐसी बातें सुनकर मौसाजी को और जोश आ गया....और उन्होने अगले 10-12 झटके ज़ोर-2 से मारकर अपना सारा रस उनकी गांड में निकाल दिया...और बाकी से उनकी चूतड़ों पर पेंटिंग कर दी और अपने हाथ से अपनी फुददी रगड़ते हुए सासू माँ भी झड़ गयी.... पूरे कमरे में दोनो की गर्म साँसे और सेक्स से भरे पसीने की गंध फैल गयी.... अजय का लंड पूरा खड़ा हुआ था....पर अभी के लिए बेचारा कुछ भी नही कर सकता था... उन दोनो ने कपड़े पहनने शुरू कर दिए...अजय भी अपने कमरे में वापिस आ गया...और कुछ ही देर में उसकी सास धीरे से दरवाजा खोलकर वापिस अपने घर चली गयी...12 बज चुके थे पर अजय को 2 बजे तक नींद ही नही आई...वो तो बस आने वाले दिनों के बारे में ही सोचता रहा... जिस सास को देखकर वो हमेशा से उनके बारे में सोचता था वही आज अपने जीजा से गांड मरवा कर गयी थी उसके घर पर...अब तो उसकी मस्ती का दरवाजा खुल चुका था...बस उसे अपनी अकल का इस्तेमाल करते हुए इस मौके का सही से फायदा उठाना था...क्योंकि वो उसकी सास थी यानी उसकी पत्नी की माँ ....जो अपने दामाद से ऐसे नाजायज़ रिश्ते बनाकर वो कभी नही चाहेगी की उसकी बेटी का घर बर्बाद हो...और उपर से उसकी पत्नी भी काफ़ी शक्की किस्म की थी...किसी भी दूसरी लड़की के बारे में सुनकर वो अजय का क्या हाल करेगी ये तो वही जानता था.....ऐसे में अजय को हर कदम फूँक -2 कर रखना था. पूरी रात वो सो नही पाया...सुबह प्राची ने उसे 9 बजे ही उठा दिया...घर पर मेहमान जो आए हुए थे, बेचारा मन मारकर उठ ही गया..और धीरे -2 चलता हुआ बाहर आया..वो लोग जिस बेडरूम में थे वहाँ का दरवाजा खुला हुआ था और बाहर से ही उसे मौसा जी सोते हुए दिख गये...उन्हे ऐसे घोड़े बेचकर सोता हुआ देखकर अजय सोचने लगा की ऐसे सोए भी क्यो नही आख़िर अपनी साली की गांड मारकर ऐसी ही नींद आएगी जनाब को.. प्राची किचन में सभी के लिए नाश्ता बनाने में लगी हुई थी और उसकी मौसी कहीं दिख नही रही थी..अचानक अजय को कुछ याद आया और वो दबे क़दमों से उस बेडरूम में आ गया, बेड की साइड ड्रॉयर को खोलकर देखा तो उसकी आँखे चमक उठी..उसे वो शीशी दिख गयी जो मौसाजी अपने साथ लाए थे, बेहोशी की दवाई थी वो जिसे सूँघाकार नीलम मौसी को गहरी नींद में सुला दिया गया था और उनकी बहन की गांड बजा दी गयी थी..अजय ने तुरंत वो शीशी अपनी जेब में रख ली. तभी कमरे में बाथरूम से निकल कर मौसीजी आ गयी, वो नहा कर आई थी..उन्होने एक टावल अपने बदन पर और दूसरा अपने सिर पर लपेटा हुआ था..और पुर बदन पर पानी की बूंदे मोती की तरह चमक रही थी और उनके चिकने शरीर से फिसल कर नीचे गिर रही थी.अजय तो सेक्स की देवी को ऐसी हालत में देखकर दंग ही रह गया, वैसे देखने में वो भी बुरी नही थी...वैसे भी वो उसकी सास की छोटी बहन थी और दोनो में 2 साल का अंतर था..और नहाने के बाद तो ये उसकी सास से भी सेक्सी लग रही थी उसे, उनसे थोड़ी गोरी भी थी और इनका शरीर थोड़ा मांसल भी था..जैसा की अजय को पसंद था. अजय उनके बेडरूम में होगा ये शायद उन्होने सोचा भी नही था....अजय को ऐसे अपनी छातियों की तरफ घूरता देखकर कुछ देर के लिए तो वो सकपका गयी पर अगले ही पल उनके चेहरे पर अजीब सी कातिलाना मुस्कान आ गयी...बेचारा अजय खुद ही झेंप गया उन्हे ऐसे मुस्कुराते हुए देखकर...वो समझ गया की उसकी चोरी पकड़ी गयी है. अजय : "वो ...बस मैं .....देखने आया था की आप लोग उठे है की नही....'' नीलम मौसी उनके करीब आई और बोली : "मैं तो उठ कर नहा भी ली अजय...इन्हे देखिए ये तो ऐसे सो रहे है जैसे पूरी रात जागकर निकाली हो..'' अब अजय उन्हे कैसे बताता की उन्हे बेहोश करके उनके पति ने उनकी बहन की गांड मारी है,और ऐसी उम्र में इतनी मेहनत करके ऐसी ही नींद आती है.. अजय को उनके जिस्म से गुलाब के साबुन की खुश्बू आ रही थी, जो कुछ दिन पहले ही वो प्राची के लिए लाया था...वो भी जब नहा कर निकलती थी तो उसके बदन से भी ऐसी ही खुशबु निकलती है और अजय उसे अक्सर बाथरूम से निकलते ही दबोच लेता था और कुछ देर तक उसके जिस्म से लिपट कर मदहोशी के आलम में डूबा रहता था. उसे चूमता रहता था पर अभी तो ये नही कर सकता था ना वो मौसी के साथ...बस एक गहरी साँस लेकर रह गया.. मौसी को तो जैसे उसकी उपस्थिति से कोई फ़र्क ही नही पड़ रहा था...वो बड़ी ही बेफिक्री से अपने बेग की तरफ गयी और उसे खोलकर अपने कपड़े निकालने लगी जो उन्होने आज पहनने थे, और अंत मे उन्होने अपनी पेंटी और ब्रा भी निकाल कर बेड पर रख दी...दोनो मेचिंग कलर की थी और अजय की नज़रें उन्हे देखकर कामुक होने लगी...वो ठरकी वहीं खड़ा रहा ..और बेशार्मों की तरह उनकी ब्रा पेंटी को घूरता रहा.. नीलम ने उसे ऐसा करते हुए देखा और वही पहले वाली मुस्कान फिर से उनके चेहरे पर आ गयी..अजय को लगा की ऐसे में उनके साथ कुछ ट्राइ किया जाए तो शायद बात बन सकती है.. वो कुछ बोलने ही वाला था की मौसी जी खुद ही बोल पड़ी : "अजय...तुम ज़रा बाहर जाओगे...मुझे कपड़े पहनने है...'' अजय के कान लाल हो गये ये सुनकर...बेचारा अपना सिर झुका कर बाहर निकल आया.. और सीधा अपने कमरे में जाकर बैठ गया..उसके लंड का बुरा हाल था वो स्टील रोड की तरह खड़ा था.. वो सोच रहा था की उस बंद दरवाजे के पीछे इस वक़्त नीलम मौसी अपना टावल उतार कर नंगी खड़ी होगी और एक-एक करके अपने कपड़े पहन रही होगी... अजय ने अपनी आँखे बंद कर ली और दरवाजे के पीछे खड़ी नीलम मौसी को इमेजीन करने लगा..और तकिये के नीचे अपना हाथ लेजाकर अपने खड़े हुए लंड को मसलने लगा. तभी उसके कानों में एक सुरीली आवाज़ टकराई : "गुड मॉर्निंग जीजू....'' उसने तुरंत अपनी आँखे खोल दी...उसने सोचा की उसकी साली पूजा आई है..पर ये तो रिया थी, नीलम मौसी की बेटी.. अजय : "गुड मॉर्निंग रिया...कैसी नींद आई तुम्हे कल रात...'' रिया : "बड़ी मस्त आई जीजू...अभी-2 उठी हूँ बस..पूजा तो अभी तक सो रही है '' और इतना कहते-2 वो उनके बेड पर ही औंधी होकर लेट गयी, अजय की तरफ मुँह करके..और अपनी कोहनियां बिस्तर पर टीकाकार अजय से बातें करने लगी.. और ये एक ऐसा पोज़ था की अजय को उसने पूरा हिला कर रख दिया..रिया ने एक जीन्स और टी शर्ट पहनी हुई थी..और टी शर्ट का गला गोल और गहरा था,और ऐसी पोज़िशन में लेटने की वजह से उसके अंदर का सीन अजय को सिर्फ़ 2 फीट की दूरी से साफ़ दिख रहा था. उसकी टी शर्ट भी शॉर्ट थी इसलिए उसकी कमर वाला हिस्सा भी पूरा नंगा था. रिया की उम्र 19 के करीब थी और उसने अभी अपनी जवानी की दहलीज पर कदम रखा ही था...उसके बूब्स भले ही छोटे थे पर थे पूरी गोलाई लिए हुए.. ये अजय ने अभी-2 जाना क्योंकि उसने अंदर कोई ब्रा नही पहनी हुई थी..वो उसके निप्पल्स के घेरे तक अच्छी तरह से देख पा रहा था यानी सिवाए निप्पल के उसकी दोनों गोलाइयाँ उसके परोसी पड़ी थी ,वो भले ही 19 की हो चुकी थी पर उसकी हरकतों से लग रहा था की उसका बचपना अभी तक नही गया है..किसी के सामने कैसे बैठना है और अपने ''अंगों'' को कैसे छुपा कर रखना है इसका तरीका उसे अभी तक नही था.. वो बड़ी ही बेबाकी से उसके बेड पर उल्टी लेटी हुई थी और बोले ही जा रही थी..अजय सिर्फ़ हाँ - हूँ करके उसकी बातों का उत्तर देता रहा ...उसकी नज़रें तो उसके बूब्स को भेदने में लगी थी...कुछ दिनों पहले तक वो अपनी सास का दीवाना था, फिर अपनी साली का हो गया...आज सुबह वो अपनी सास की बहन को देखकर उत्तेजित हुआ तो अब वो उनकी कमसिन बेटी को अपनी आँखो से चोदने में लगा हुआ था...सच मे अजय की ठरक दिन ब दिन बढ़ती ही चली जा रही थी...उसके सामने जो-2 आ रहा था वो उनपर अपनी गंदी नज़रें डाल कर अपने ठरकीपन से उनका चक्षुचोदन करने में लगा हुआ था..
28-04-2022, 04:10 PM
वो ये सोच ही रहा था की रिया की थोड़ी तेज आवाज़ आई उसके कानों में : ''हेल्लओ ......जीजू.....आप सुन भी रहे हैं मैने क्या कहा ....''
अजय जैसे नींद से जागा, उसकि नजरें अभी तक उसकी क्लिवेज देखने में लगी थी और वो झल्ली रिया को अब भी पता नही चल पा रहा था की अजय की नज़रें उसकी नन्ही कलियों को देखकर मदहोश हो रही हैं .. अजय : "ओह्ह्ह ....सॉरी ....मैं कुछ सोच रहा था....बोलो...क्या कहा तुमने ....'' रिया : "मैं ये कह रही थी की आप मुझे कोई कंप्यूटर कोर्स सजेस्ट करो ना...मैने 6 महीने बाद इंजिनियरिंग का एंट्रेन्स देना है और मुझे कंप्यूटर में सिर्फ़ नॉर्मल ऑपरेट करना ही आता है...'' अजय की नजरें उसकी टी शर्ट के अंदर थी पर ध्यान अब उसकी तरफ ही आ चुका था, वो बोला : "कोई बात नही,मैं बता दूँगा तुम्हे...'' रिया : "बता नही दोगे, मेरा एडमिशन भी करवाओगे ...'' अजय : "एडमिशन ...पर तुम तो मुंबई में करोगी ना ये कोर्स ...'' रिया : "सर्प्राइज़.....मैं यहीं रहूंगी अब से...दिल्ली में , मौसी के घर '' उसकी ये बात सुनकर अजय चोंक गया. रिया : "आपको नही पता था ना...देखा,सर्प्राइज़ दिया ना आपको भी...मैने यहाँ आने से पहले ही डेड को बोल दिया था की मैं इंजिनियरिंग दिल्ली से ही करूँगी...यहाँ की वॅल्यू कुछ अलग ही है...'' वो बोले जा रही थी और अजय की बाँछे खिलती चली जा रही थी ये सुनकर...एक तरफ उसकी सास...दूसरी तरफ उसकी साली...और अब ये एक और साली...उसकी किस्मत में तो दिन ब दिन नया माल आता ही चला जा रहा है... वो ये सोच ही रहा था की कमरे में प्राची आ गयी और रिया को ऐसे अजय के सामने लेटा हुआ देखकर ना जाने उसके दिमाग़ में क्या आया की वो घूमकर अजय की तरफ आकर खड़ी हो गयी...और वहाँ से उसने जब देखा की रिया का गला कितना खुलकर अपने अंगों का प्रदर्शन कर रहा है तो वो भड़क सी गयी और बोली : "रिया...ये क्या तरीका है अपने जीजाजी के सामने लेटने का ,तुम्हे कुछ समझ है या नही...चलो उठो...और बाहर आओ मेरे साथ...'' रिया बेचारी को तो कुछ समझ ही नही आया की उसकी कजन दीदी उसे ऐसे क्यो डांट रही है...अपने जीजू के सामने लेटने का भी कोई तरीका होता है क्या .. अब उस बेचारी को कौन समझाए की जब जीजा ऐसा ठरकी हो तो हर चीज़ का तरीका होता है.. खैर, वो मायूस सा चेहरा लेकर बाहर निकल आई और प्राची उसे लेकर सीधा किचन में चली गयी..अजय भी चुपके से उठकर बाहर आ गया और किचन के बाहर खड़ा होकर उनकी बातें सुनने लगा.. क्योंकि उसे अपनी बीबी का नेचर पता था, वो अपने पति को लेकर काफ़ी पोस्सेसिव थी और ऐसे कोई भी लड़की आकर अगर उसे बहकाने की कोशिश करेगी तो वो रिएक्ट तो करेगी ही ना भले ही वो उसकी खुद की कजन सिस्टर हो. प्राची : "तुझे तो अभी तक किसी चीज़ की समझ नही आई...एकदम बुद्धू है तू अभी भी...तुझे समझ नही थी की आपसे अपने जीजू के सामने लेटने से तेरी ब्रेस्ट दिख रही थी उन्हे...'' प्राची ने उसकी गोलाईयों की तरफ इशारा करते हुए कहा. रिया ने अपनी छातियों को देखा और बड़े ही भोलेपन से बोली : "पर दीदी, ऐसे तो मैं अक्सर लेटा करती हू..पापा के सामने भी...मम्मी ने तो कभी कुछ नही कहा...और ना ही अभी जीजू ने मुझे टोका ...'' उसकी ये बात सुनकर बाहर खड़े अजय की हँसी निकल गयी..और अंदर खड़ी प्राची की भी...वो हंसते हुए बोली : "मेरी प्यारी गुड़िया, तू सच में बड़ी भोली है...ये बातें बोली नही जाती बल्कि खुद समझी जाती है...देख, मर्द को ये सब देखने में बड़ा मज़ा आता है, चाहे वो तेरे पापा हो या जीजू , इसलिए वो कभी नही टोकेंगे , तुझे खुद ही अपना समान उनकी नजरों से बचा कर रखना पड़ेगा...'' वो बड़ी गंभीरता से उसे समझा रही थी... रिया : "पर दीदी, मुझे अभी क्या ज़रूरत है अपने बूब्स छुपाने की, ये तो छोटे-2 से है अभी...और मर्दों को तो बड़े-2 पसंद आते है...जैसे की आपके हैं'' प्राची (आँखे तरेर कर) : "तुझे कैसे पता...'' रिया : "वो मेरे कॉलेज में कोई भी लड़का मुझे नही देखता था...मेरी दूसरी फ्रेंड्स को देखकर उन्हे छेड़ते थे, मैने एक दिन अपनी फ्रेंड्स से पूछा तो उसने ये बताया की लड़के बड़ी ब्रेस्ट वाली लड़कियो को ज़्यादा पसंद करते हैं...'' प्राची : "वो तेरे कॉलेज की बात थी...अब तू बड़ी हो गयी है...और तेरे बूब्स भी..समझी..'' रिया की आँखे चमक उठी : "सच दीदी...आपको लगता है की मेरे बूब्स बड़े हो गये हैं...मुझे तो ऐसा लगा ही नहीं कभी ,जितने पिछले साल थे, उतने ही लगते हैं '' वो दोनो हाथों से उन्हे थामकर उनका वजन नापने लगी. प्राची : "ओफफो...तू बिल्कुल झल्ली है...मैं तुझे क्या समझने की कोशिश कर रही हू और तू है की मुझे ही अपनी बातों मे उलझा रही है...चल छोड़ ये सब और आगे से मेरी ये बात ध्यान रखना..'' पर वो सुन रही होती तो ध्यान रखती ना...वो तो ये सोचकर खुशी से दोहरी हो रही थी की उसकी दीदी ने उसकी बड़ी हुई ब्रेस्ट को नोटिस किया है..और अब उसे भी लड़के देखा करेंगे, जैसे उसकी फ्रेंड्स को देखा करते थे. प्राची फिर से काम पर लग गयी और वो चमकती आँखो से बाहर निकल आई.. अजय भी फ़ौरन जाकर सोफे पर बैठ गया और अख़बार पड़ने लगा. रिया उसके सामने आकर बैठ गयी , वो अभी तक अपनी दीदी की बातों में खोई हुई थी. अजय : "क्या हुआ रिया, क्या सोच रही हो...दीदी क्यो डांट रही थी तुम्हे...'' रिया बिना सोचे समझे बोल पड़ी : "देखो ना जीजू, दीदी मुझे बोल रही थी की मैं आपके सामने ऐसे ना लेटू , मेरे बूब्स दिखेंगे आपको...अब आप ही बताओ, दीदी के बड़े बूब्स छोड़कर भला आप मेरे क्यो देखोगे...दीदी भी ना..'' अजय को उसके भोलेपन पर दया सी आ गयी, मुंबई मे रहकर भी वो ऐसी झल्लियो जैसी बातें कर रही थी उसे तो यकीन ही नही हुआ..वो उसके साथ आकर उसी सोफे पर बैठ गया और बोला : "तुम्हारी दीदी को इन बातों की समझ नही है ना इसलिए वो ऐसा बोल रही थी...लेकिन एक बात बोलू, दीदी से तो नही कहोगी ना...'' रिया ने भोलेपन से उत्तर दिया : "कहो ना जीजू, नही बोलूँगी दीदी से, मम्मी की कसम..'' उसने अपने गले पर हाथ लगाकर कहा. अजय ने हिम्मत करते हुए मंद-2 मुस्कुराते हुए धीरे से कहा : "मुझे ना सच में तुम्हारे बूब्स बड़े पसंद आए...और सच कहु, मुझे ऐसे ही साइज़ के पसंद आते हैं...मम्मी की कसम'' उसने भी रिया की तरह अपने गले पर चुटकी काटकर उतने ही भोलेपन से कहा. और अपने जीजू को अपने बूब्स की तारीफ करते देखकर रिया का चेहरा चमक उठा : "वाउ...सच में जीजू....मुझे तो लगा था की मर्दों को बड़े-2 पसंद आते हैं ...जैसे प्राची दीदी के हैं...मेरी माँ के हैं...मौसीजी के हैं...मेरी फ्रेंड नाज़िया हैं '' वो सारे मोटे मुम्मों वालियों के नाम गिनवाने लगी... अजय ने उसे बीच मे ही टोकते हुए कहा : "हाँ ...पर हर कोई एक जैसा नही होता ना...किसी को बड़े पसंद आते हैं और किसी को छोटे...और मुझे छोटे ही पसंद है...तुम्हारे जैसे...'' और उसने थोड़ी और हिम्मत करते हुए अपनी हथेली को उसकी दाँयी तरफ की ब्रेस्ट के नीचे लगाकर उसका वजन नाप लिया...और अजय की इस हरकत से पहली बार अजय ने उसकी आँखो में शर्म के भाव देखे .. रिया : "ये क्या कर रहे हैं जीजू ....'' अजय : "ओह...सॉरी....बस बता रहा था की ये सच में बड़े सुंदर हैं....'' वो कुछ बोल पाती तभी बाहर से पूजा अंदर आ गयी... उसने अपने जीजू को ऐसे अपनी कजन के इतने करीब बैठे हुए देखा तो उसका माथा ठनक गया...वो तो अच्छी तरह जानती थी अपने ठरकी जीजू की आदतों को..उस दिन वो उसकी माँ को घूर रहे थे और अब उसकी छोटी कजन रिया को... वो करीब आई और बोली : "रिया की बच्ची , तू मुझे सोता छोड़कर अकेली यहाँ आ गयी...मुझे भी ले आती..'' अजय ने पूजा की तरफ देखा और उसके चेहरे के भाव देखकर वो समझ गया की उसके मन में क्या चल रहा है..शायद वो जेलिस फील कर रही थी.. और ये ख़याल आते ही अजय के दिमाग़ में एक बात आई... वो रिया का इस्तेमाल करके पूजा को अपने जाल में फँसा सकता है... क्योंकि अब तो रिया वहीं रहने वाली थी...और रिया अपनी कजन पूजा की तरह चालक नही थी, उसे वो आसानी से अपने जाल में फँसा सकता था..और रिया के थ्रू वो पूजा तक भी पहुँच सकता था... उसके टार्गेट्स बढ़ते जा रहे थे...सासू माँ , मौसी जी, पूजा और अब रिया...पता नही कैसे करेगा वो..पर ठरकी अजय को अपने उपर पूरा यकीन था की वो ये काम कर ही लेगा.. कुछ ही देर में मौसी जी भी बाहर आ गयी...और उसकी सासू माँ भी उनके घर आ गयी, सबने मिलकर नाश्ता किया, और नाश्ता करते-2 ही मौसीजी ने रिया के वहीं दिल्ली में रहकर इंजिनियरिंग करने की बात बताई...उनकी बहन रजनी तो पहले से ही ये बात जानती थी..इन्फेक्ट सभी लोग जानते थे, सिर्फ़ अजय को ही नही मालूम था ये.. अगली सुबह मौसाजी और मौसीजी को निकलना था मुंबई के लिए और इससे पहले अजय एक बार मौसीजी पर और ट्राइ करके देखना चाहता था की जो उसे आज सुबह उनके बारे में लगा था वो सच है या नही..अगर उसकी पारखी नज़रें सही है तो वो अपनी तरफ से कोई रोक-टोक नही करेंगी...और इसके लिए अजय के पास कुछ ही घंटे बचे थे.
28-04-2022, 04:20 PM
अजय ने नोट किया की उसकी नज़रें जब भी रिया या मौसीजी की तरफ जाती है तो उसकी साली पूजा की नज़रें उसे घूरने लगती थी, मानो उसे सब पता चल चुका था की अजय के मन में क्या चल रहा है..उसकी शक्की बीबी क्या कम थी जो अब ये उसकी बहन भी उसकी हरकतों पर नज़र रखने लगी है...पर अजय भी बड़ा ढीठ किस्म का बंदा था, एक बार जो ठरक चढ़ गयी थी उसपर अब तो वो उसे पूरा करके ही रहेगा...वैसे भी शादी के बाद उसमे काफ़ी चेंज आ चुका था, वो पहले से काफ़ी बोल्ड हो गया था, ऐसा अगर वो शादी से पहले हुआ करता तो अपने मोहल्ले की ना जाने कितनी भाभियाँ वो अब तक चोद चुका होता..पर अब जो मौका उसके ससुराल में उसे मिल रहा था, वो उसे खोना नही चाहता था..
नाश्ते के बाद सबने शॉपिंग जाने का प्रोग्राम बनाया...अजय का मन नही कर रहा था, इसलिए उसने पहले ही मना कर दिया, क्योंकि वो घर पर रहकर इंडिया-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच देखना चाहता था..इसलिए उसको छोड़कर सभी लोग मार्केट चले गये..दिन में तो वैसे भी कुछ होने वाला नही था, इसलिए अजय को रात का ही इंतजार था..शाम को 8 बजे जब वो सभी घर वापिस आए तो बाहर से ही खाना मंगवा लिया क्योंकि प्राची काफ़ी थकी हुई थी..और अगली सुबह मौसा-मौसी को वापिस भी जाना था इसलिए आज घर पर भी ज्याद गप्पे नही मारी गयी, 10 बजे तक सभी सोने के लिए चले गये.. अजय का दिमाग़ तो मौसीजी की तरफ ही लगा हुआ था..क्योंकि डिन्नर टेबल पर भी उसने उनकी छातियों की तरफ घूरना नही छोड़ा था और उसने नोट भी किया था की उनके निप्पल्स वो अटेन्षन पाकर उभर भी रहे हैं...और उनके होंठों पर वही कातिलाना मुस्कान भी उसने देखी जो सुबह नोट की थी उसने.. प्राची तो घूमकर थकी हुई थी, और उसकी बगल में लेटने के साथ ही वो खर्राटे भरने लगी..दूसरे कमरे में क्या हो रहा होगा ये जानना भी ज़रूरी था..पर जाने से पहले वो एक काम कर लेना चाहता था, उसने अपनी पॉकेट से वही बेहोशी वाली दवाई निकाली और उसे प्राची की नाक के पास लेजाकर उसे सूँघा दिया..नींद में ही वो थोड़ी सी कसमसाई और गहरी नींद में डूबती चली गयी...अब अजय उसकी तरफ से निश्चिंत था, भले ही आज की रात वो कुछ कर पाए या नही पर अपनी बीबी की तरफ का डर अब ख़त्म हो चुका था.. और जैसे ही वो अपने बेड से उठा, कमरे में नीलम मौसी खुद आ गयी...और उन्हे वहां देखकर एक पल के लिए अजय भी चोंक गया.. नीलम : "अरे अजय, ये प्राची सो गयी क्या, मुझे इससे कुछ काम था...'' अजय : "हाँ , ये शायद काफ़ी थकी हुई थी, आते ही सो गयी..'' नीलम : "इसके मौसा का भी यही हाल है...कमरे में घुसते ही सो गये...और यहाँ ये भी सो रही है...अब कैसे होगा...'' उनके चेहरे पर थोड़ी चिंता के भाव आ गये... अजय :"आप मुझे बताइए, क्या काम था, शायद मैं कोई मदद कर सकूँ ...'' नीलम के चेहरे पर वही मुस्कान एक बार फिर से लौट आई...और वो बोली : "नही ...रहने दे...मैं सुबह पूछ लूँगी...'' अजय अब ये मौका नही छोड़ना चाहता था...वैसे भी वो खुद उनके रूम की तरफ जाने वाला था और बात करने का कोई बहाना ढूंढता बाद में ,यहाँ तो उसका काम पहले से ही बन चुका था. अजय : "अरे ,आप मुझे अपना नही समझती क्या...बोलिए ना..'' नीलम (थोड़ा शरमाते हुए) : "वो मैं पैकिंग कर रही थी अपने कपड़ो की...और मैने अपने अंडरगार्मेंट्स आज मॉर्निंग में वॉशिंग मशीन में डाले थे, धोने के लिए,पर अब वो वहां नही है, शायद प्राची ने उन्हे अपने कपड़ो के साथ ही रख लिया है...'' मौसी ने जिस अंदाज से ''अंडरगार्मेंट्स'' बोला था, वो अजय के लंड को पूरी तरह से तन्ना गया..और उसने उनके सामने ही अपने लंड को एडजस्ट करते हुए कहा : "ओहो....तो ये बात है...यानी कल पहनने के लिए भी आपके पास कुछ नही है अब...'' नीलम का चेहरा ये सुनकर लाल सुर्ख हो गया , वो बोली : "बदमाश ....ऐसे बोलते है क्या...'' और फिर से उसके दोनो नन्हे निप्पल उभर कर प्रकट हो गये... मर्दों का लंड खड़ा होता है और औरतों के निप्पल..और दोनो को छुपाना संभव नही होता .. अजय : "सॉरी, मेरी तो मज़ाक करने की आदत है ...आप तो जानती ही है...'' नीलम : "अरे, इसमे सॉरी क्यो बोल रहे हो...मैं तो इसलिए कह रही थी की कहीं प्राची ना उठ जाए...'' उसने प्राची की तरफ इशारा करते हुए कहा.. यानी उसे अजय की बात बिल्कुल बुरी नही लगी थी...और ये अजय के लिए ग्रीन सिग्नल था. अजय :"आप इसकी चिंता मत करिए...इस वक़्त तो मैं इसके साथ कुछ कर भी लू तो भी ये नही उठेगी...'' नीलम ने आँखे नचा कर कहा : "ऐसा भी नही होता कोई...'' अजय ने अपनी बात साबित करने के लिए प्राची के गाल पर जाकर एक गहरी किस्स कर दी...जिसे देखकर मौसी की आँखे फिर से गोल हो गयी.. नीलम : "अच्छा मान ली तेरी बात...अब रुक जा...नही तो तू मेरे सामने ही शुरू हो जाएगा इसके साथ...'' अजय : "अब क्या करू मौसीजी...मन तो बड़ा कर रहा था आज भी पर ये इतनी थकी हुई थी की आते ही सो गयी...'' अजय के हाथ लगातार अपने लंड को सहला रहे थे... नीलम : "हम्म्म सही है...नयी शादी का यही तो फयडा होता है...हमे तो अब कभी-2 ही मौका मिलता है...'' अब वो धीरे-2 खुलने लगी थी... अजय : "ओहो...यानी आप लोग अभी भी करते हैं ....सही है...'' नीलम : "चुप कर ....तू सच में बड़ा बदमाश है....रजनी सही कहती है तेरे बारे में ...'' अपनी सास का नाम आते ही अजय चौंक गया, वो बोला : "क्या कहती है...बताइए ना...'' नीलम : "वो हमारी आपस की बात है...तुझे बताने की ज़रूरत नही है...चल अब मुझे उसकी अलमारी से मेरी ब्रा - पेंटी निकाल दे, मुझे पैकिंग करनी है..'' ''अंडरगार्मेंट्स'' से ''ब्रा-पेंटी'' पर उतर आई थी अब वो..अजय का लंड फिर से एक जोरदार झटके लगाकर अपने जलवे दिखाने लगा. अजय उठा और उसने तुरंत प्राची की अलमारी खोल दी...और ब्रा-पेंटी वाली ड्रॉयर खोल कर उसने अंदर के सारे कपड़े उठाकर एक ही बार में बाहर रख दिए..जिसमे प्राची की रंग बिरंगी,नेट वाली,डिज़ाइनर ब्रा-पेंटी भरी पड़ी थी.. मौसीजी के चेहरे पर फिर से शरारती हँसी उभर आई..: "ये सब क्यों निकाल रहा है...मुझे तो मेरी वाली ही आएगी ना...'' अजय ने एक ब्रा उठाकर देखी और फिर मौसीजी की छातियों को घूरकर देखा और बोला : "वैसे ट्राइ करके देख लो आप, शायद ये भी आ ही जाएँ...'' वो थोड़ा करीब आई ...और अजय के हाथ से ब्रा लेकर बोली : "मेरी उम्र अब ये बच्चियों वाली ब्रा पहनने की नही रही...सामान भी बड़ गया है उम्र के साथ...'' अजय : "पर मुझे तो नही लगता...की आपकी उम्र कुछ ज़्यादा है..और ना ही सामान...'' दोनो बेशर्मी पर उतर आए थे... नीलम : "तेरी प्राची के 34 से ज़्यादा नही है...और मेरे 38 प्लस है...'' अजय (जानबूझकर) : "क्या ??'' नीलम और करीब आई और उसकी आँखो मे आँखे डालकर बोली : "मेरी ब्रेस्ट का साइज़...अब इतना भी बच्चा नही है तू जो ना समझे की मैं किस बारे में बात कर रही हूँ ...'' अजय खिसियानी हँसी हंसते हुए बोला : "वैसे मुझे बड़े ही अच्छे लगते हैं...'' और ये बात करते हुए उसे अपने कमीनेपन पर ही हँसी आ रही थी...क्योंकि आज सुबह ही वो उनकी बेटी रिया को ये बोल रहा था की उसे छोटी ब्रेस्ट पसंद है...एक ही दिन में दोनो माँ-बेटी से उनकी ब्रेस्ट के बारे में बात करना कोई छोटी बात नही होती..
28-04-2022, 04:26 PM
उसकी बात सुनकर नीलम बोली : "पता है मुझे....की तुम्हे बड़े पसंद है...''
अजय फिर से चोंक गया ये सुनकर, उसने पूछा : "आपको कैसे पता...?'' नीलम : "अभी बताया था ना मैने...रजनी ने बोला मुझे ये...'' अजय का सिर चकरा गया ये सुनकर...यानी उसकी सास ने भी नोट किया था की वो उनकी छातियों को घूरता रहता है...और उन्होने ये बात अपनी बहन को भी बता दी... नीलम : "और मैने भी नोट किया है कल से कई बार...तुम्हारी नज़रें जिस तरह से मेरी ब्रेस्ट को घूर रही थी, मुझे अच्छी तरह पता है की क्या देख रहे थे तुम...'' अजय समझ गया की अब बात बन सकती है... नीलम ने उस ढेर में से अपनी ब्रा-पेंटी खोजनी शुरू कर दी..और जल्द ही उसे अपने दोनो सेट मिल गये उनके बीच...पर वो बिल्कुल नॉर्मल से थे...क्रीम कलर के...बिना कोई डिज़ाइन और कंपनी के... अजय : "ओहो...मौसी जी ..आप इतने पुराने स्टाइल के पहनती हो...एक काम करो...ये पहन कर देखो...'' कहते हुए अजय ने एक जोड़ा निकाल कर रख दिया नीलम के हाथ में .. नीलम ने उसे देखा और बोली : "वैसे देखा जाए तो रिश्ते में मैं भी तेरी सास ही लगती हूँ ...और तू अपनी सास समान औरत को अपनी बीबी की ब्रा-पेंटी दे रहा है...चक्कर क्या है...'' अजय : "कुछ नही...आपके उपर ये सही लगेगी...इसलिए बोला मैं ...और वैसे भी ये स्ट्रेचएबल कपड़ा है..आपको आ भी जाएगी..'' उसने ब्रा के कपड़े को खींचकर दोनो तरफ फेला कर दिखाया..और नीलम की हँसी निकल गयी. ''तुम तो ऐसे दिखा रहे हो जैसे मैं किसी शॉप पर आई हू और तुम सेल्समेन हो इनके..'' अजय : "आप मुझे सेल्समेन ही समझ लो...पर आपको इनमे देखने का बड़ा मन कर रहा है...'' उसकी ये बात सुनकर उसने अपनी भौहें उपर उठा ली और बोली : "मुझ बुढ़िया को देखकर भला तुम्हे क्या मिलेगा...तुम्हारी उम्र तो अभी जवानी लूटने की है...'' उसने एक बार फिर से सोती हुई प्राची की तरफ इशारा किया. अजय : "सिर्फ़ जवानी ही नही एक्सपीरियन्स नाम की भी कोई चीज़ होती है...उसका भी मज़ा लेना चाहिए..'' अजय की हाजिरजवाबी देखकर वो मुस्कुरा दी और उसके हाथ से ब्रा-पेंटी लेकर वो उन्ही के बाथरूम की तरफ चल दी...अजय ने भी नही रोका उन्हे.. और अंदर जाकर उन्होने दरवाजा बंद कर लिया. अजय का दिल जोरो से धड़क रहा था...उसने तो सोचा भी नही था की ये सब इतनी आसानी से होता चला जाएगा... उसने जो चांस लिया था वो सफल होता दिख रहा था..और कुछ और मेहनत की जाए तो इनकी चूत भी मारने को मिल सकती है अभी...पर साथ ही साथ उसे मौसा जी की भी चिंता हो रही थी...वो फ़ौरन उनके कमरे में गया और जेब से वही शीशी निकाल कर उनको सूँघा दी...वो भी थोड़ा कसमसाए और गहरी नींद में चले गए ...उनके ही हथियार से उन्हे बेहोश कर दिया था अजय ने..और फिर वो भागकर वापिस अपने कमरे में आ गया..प्राची अभी तक उसी पोज़ में थी और गहरी नींद में डूबी हुई थी..उसे पता भी नही था की उसका पति इस वक़्त क्या करने में लगा हुआ है.. और तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और अजय की नज़रें उस तरफ चली गयी... और एक पल के लिए तो उसे लगा की समय थम सा गया है...क्योंकि इतना लबाबदार माल उसने अपनी जिंदगी में कभी नही देखा था... नीलम मौसी सिर्फ़ ब्रा पेंटी में बाहर आकर खड़ी थी, और उनका शरीर थोड़ा भारी तो था ही पर एकदम गोरी चिट्टी होने की वजह से वो कमाल की लग रही थी...ब्रा-पेंटी का साइज़ छोटा होने की वजह से वो बड़ी मुश्किल से आई थी उन्हे.. कपड़ा पूरी तरह से स्ट्रेच हो चुका था और ट्रांसपेरेंट सा लग रहा था, इसलिए अजय को उनके खरबूजों के उपर लगे बीज और जांघों के बीच का चीरा दूर खड़े होकर सॉफ दिख रहा था.. और वो भी बड़ी ही बेशर्मी और बेफिक्री से खड़ी होकर अपना जलवा दिखा रही थी.. नीलम : "मैने कहा था ना की ये मुझे नही आएगी....देखो कितनी टाइट है...'' अजय उनके करीब आया और गोर से उनके हर अंग को निहारने लगा...ब्रा के कप भी काफ़ी छोटे थे जो उनकी बड़ी-2 ब्रेस्ट को ढक नही पा रहे थे, इसलिए उनकी लगभग नंगी छातियाँ देखकर उससे रहा नही गया और उसने पयज़ामे के उपर से अपने लंड को सहलाना शुरू कर दिया... और वो जब घूमकर उनके पीछे पहुँचा तो नीलम की चौड़ी गांड देखकर उसका धैर्य जवाब दे गया और वो पीछे से जाकर उनसे लिपट गया...और अपना स्टील रोड जैसा लंड उनके नितंबो के बीच लगाकर ज़ोर से दबा दिया.. नीलम : "आआहह ....ये क्या कर रहे हो अजय....'' उनकी आवाज़ भी नशे मे डूबी हुई सी लग रही थी...और रोकने जैसा तो कुछ लगा ही नही अजय को...इसलिए उसने अपने हाथ उपर करते हुए उनके दोनो मुम्मे अपने हाथों में उठा लिए और ज़ोर से दबा दिया... ''आआआआआहह अजय..........ये सही नही है.....प्राची मेरी बेटी जैसी है...और तुम उसके पति हो...'' अजय उनके कान मे फुसफुसाया : "वो देख रही होती तब सही नही होता....ये जो भी होगा हमारे बीच उसे पता भी नही चलेगा....और वैसे भी अब आपको छोड़ना मेरे बस में नही है....मुझे तो अपना लंड आपकी चूत में डालकर ही रहना है आज ...'' और अजय का दाँया हाथ फिसलकर उनकी चूत पर आया और उसने उसे ज़ोर से दबा दिया...और उसे ऐसा लगा की चाशनी से भीगा हुआ बड़ा सा बंगाली रसगुल्ला दबा दिया है उसने...उसके हाथ में उनकी चूत से निकला पानी भर गया.. वो एकदम से पलटी और अजय को अपने गले से लगा लिया...''अहह....यानी अब तुम नही मनोगे...'' ''नही..'' ''ओक....रूको ...मैं उन्हे देखकर आती हू ज़रा...कहीं वो उठ ना गये हो...'' अजय उन्हे रोकना चाहता था पर तब तक वो बाहर निकल गयी... कल वो बेहोशी में थी और उसके पति ने अपनी साली की गांड मारी थी उसके ही सामने...आज वो बेहोश है तो उसकी बीबी की भी वहीं मारनी चाहिए ना, उसके सामने...ये सोचते-2 वो उनके कमरे की तरफ ही चल दिया...जहाँ नीलम अपने पति के चेहरे को गोर से देखकर ये जानने की कोशिश कर रही थी की वो गहरी नींद में है या कच्ची में .. अजय : "वो अब सुबह से पहले नही उठेंगे...मैने उनको कुछ सूँघा दिया है...'' इतना कहकर अजय ने अपनी पॉकेट से वो शीशी निकाल कर दिखाई.. अजय : "और प्राची को भी मैने ये सूँघा दी थी...अब इनके सामने जितना भी चिल्लओ ये नही उठने वाले...'' नीलम तो हैरान रह गयी, उसने तो सोचा भी नही था की अजय इतना चालाक भी हो सकता है... ''यानी, ये सब तुमने पहले से सोच रखा था...'' ''सोचा तो नही था,पर हा चांस ज़रूर लिया...और सफल भी हो गया...'' नीलम : "सच मे...बड़े कामीने हो तुम.....'' अजय : "कमीना नहीं, ठरकी , हा हा '' अजय ने एक ही झटके में अपना पायजामा नीचे कर दिया और अपना लंड लहरा दिया उनके सामने : "मुझसे बड़ा कमीना तो ये है, जो मुझसे ऐसे काम करवाता है...'' नीलम इतने लंबे लंड को देखकर भोचक्की रह गयी....उसके पति का ना तो इतना लंबा था और ना ही इतना सख़्त... वो अपने होंठों पर जीभ फेरती हुई उसकी तरफ चल दी. अजय के लिए ये रात एक यादगार होने वाली थी..
28-04-2022, 04:39 PM
मौसी की नज़रें अजय के लंड पर थी और अजय की उनके लपलपाते हुए होंठों पर...जैसे ही वो नीचे झुकने लगी ,अजय ने उन्हे बीच मे ही दबोच लिया और अपनी छाती से लगा कर जोरों से भींच दिया..
''आआआआआआहह ........ धीरे अजय......तुम तो मुझे निचोड़ रहे हो...'' अजय : "अभी कहा मौसी, निचोड़ूँगा तो अब....'' और इतना कहकर उसने अपने होंठों उनके होंठों पर रख दिए और पागलों की तरह उन्हे चूसने लगा.. ऐसी मस्त औरत के लिप्स भी बड़े मीठे होते हैं, ये बात अजय को आज मालूम हुई थी..एक तो इतने मोटे होंठ और उपर से उनमे से निकल रहा मीठा पानी, अजय तो उन्हे चूसता ही रह गया. प्राची के होंठ काफ़ी पतले थे, पर चूस्टी वो भी कमाल की थी, आज अजय ने अपनी बीबी के अलावा पहली बार किसी और के लिप्स चूसे थे, इसलिए भी वो काफ़ी मजेदार लग रहे थे, वैसे भी आदमी को घर के खाने के बाद यकायक बाहर का खाना मिल जाए तो स्वाद तो लगेगा ही. अजय इतनी तेज़ी और ज़ोर से उन्हे चूस रहा था की मौसी की हालत खराब हो गयी...उसके बूड़े पति ने शायद अपनी पूरी जिंदगी मे उसे इतना नही चूसा होगा जितना आज अजय चूस रहा था...और ऐसा करवाते हुए उन्हे मज़ा भी आ रहा था..तभी तो ऐसी आंटियाँ जवान मर्दों की दीवानी होती है.. अजय ने बड़ी ही बेदर्दी से अपनी ही बीबी के अंडरगार्मेंट्स, जो इस वक़्त नीलम मौसी ने पहने हुए थे, फाड़ डाले...ब्रा इतनी बेदर्दी से फाड़ी की पीछे के हुक कहां गये उनका तो पता नही, आगे के कप भी फाड़कर अलग कर दिए...और उन्हे उछाल कर उसने जानबूझकर सोए हुए मौसा जी के चेहरे की तरफ फेंका..और जब कच्छी फटी तो उसकी सुरीली छररर की आवाज़ सुनकर वो कुछ ज़्यादा ही भावना में बह गया और उस फटी हुई पेंटी को पहले उसने सूँघा और फिर अपनी जीभ निकाल कर उस गीली कच्छी को चाट लिया...और ये था उसकी जिंदगी का दूसरा चूतामृत, पहला उसकी बीबी का और अब अपनी बीबी की मौसी का...और इसमे प्राची के मुकाबले कुछ ज़्यादा नमकीनपन था..जो अजय को शायद ज़्यादा ही अक्चा लगा..इसलिए उसने अपनी दो उंगलियाँ उनकी चूत में डाली और निकाल कर चूस ली... और अब नीलम मौसी खड़ी थी उसके सामने, पूरी मदरजात नंगी होकर...और वो भी बड़े गर्व से अपना नंगा बदन उभार-2 कर दिखा रही थी...और दिखाए भी क्यो ना...उसका नशीला बदन था ही ऐसा..और जब ऐसी बॉडी होती है तो औरत मे एक अलग ही कॉन्फिडेंस आ जाता है, क्योंकि उसे पता होता है की सामने वाला मर्द उसकी तारीफ ही करेगा... मौसी भी अपने दामाद के इस जंगलिपन को देखकर उपर वाले का धन्यवाद कर रही थी क्योंकि ऐसे जोशीले मर्द से चुदवाने में जो मज़ा आने वाला था वो तो वही जानती थी. नीलम भी उसके साथ-2 उसकी तरह जंगली हरकतों पर उतर आई...और उसने अपनी गर्म जीभ से उसके चेहरे को पूरा चाटना शुरू कर दिया...जैसे कोई कुतिया अपने मालिक को चाटती है.. नीलम : "आआआआहह अजय ................ तूने तो मेरे अंदर आग लगा दी है रे.....आआआअहह'' अजय : "ओह मौसी.....आग मैने लगाई है तो बुझाऊँगा भी मैं ही....'' इतना कहते-2 उसने अपने भी कपड़े उतारने शुरू कर दिए....और कुछ ही देर में वो पूरा नंगा होकर नीलम के सामने था... नीलम : "आआआआआहह अजय.............कितना लंबा है रे तेरा.....'' अजय ने अपने लड को हिलाते हुए कहा : "क्या मौसीजी .....'' ये सुनकर वो शरमा गयी....उसके निप्पल और ब्रेस्ट तनी हुई थी...और चूत से आग के गोले भभक-2 कर निकल रहे थे...अजय के दोबारा पूछने पर वो धीरे से बोली : "तुम्हारा....ल ..लंड ....'' अजय का लंड भी अपनी तारीफ सुनकर मौसी को थेंक यू बोल गया मन ही मन में ... अजय ने भी बड़ी बेबाकी से कहा : "और आप भी कमाल की हो मौसी...आपको देखकर पता ही नही चल रहा की आपकी एक जवान बेटी भी है...'' जवान बेटी बोलते हुए अजय के दिमाग़ मे उसकी बेटी रिया का जिस्म नाच उठा...और अपनी कल्पना में ही उसने उसे नंगा भी कर दिया.. पर अभी रिया के बारे में सोचने का नही, उसकी माँ को चोदने का समय था... वो आगे बड़ा और उसने अपनी शक्तिशाली बुझाओं में मौसी जी को उठा लिया...उनका वजन 60 के करीब था, फिर भी उसने उन्हे बड़ी आसानी से उपर उठा लिया और उन्होने भी अपनी टांगे उसकी कमर मे लपेट कर अपना शरीर अजय के उपर टीका दिया...और अजय उन्हे चूमता हुआ सा दीवार की तरफ ले गया और उनकी पीठ वहाँ टीकाकार अपना मुँह नीचे करते हुए उनके रसीले पपीते चूसने लगा... ''आआआआआआआआहह ......उम्म्म्मममममममममममम....... आआआआअहह मज़ा आ रहा है......... आआआआआअहह......'' मज़ा तो अजय को भी आ रहा था...इन्ही मुम्मों को देखकर उसने दो दिनों तक अपनी जीभ होंठों पर फेरी थी...आज उन्हे चूसने का मौका आया तो अपने दांतो से उनपर चित्रकारी करने लगा...उन्हे काटने लगा,नोचने लगा...निप्पलों पर तो उसने ऐसा कहर बरपाया जैसे उन्हे उघाड़ ही देगा..अपने मुँह को पूरी ताक़त से उनकी बड़ी ब्रेस्ट पर मार सा रहा था वो... और मौसी भी उसके इस जंगलिपन को सहन करती हुई मज़े से सिसकारियाँ लेती हुई उसे बढ़ावा दे रही थी.. ''आआआआआआआआअहह हाआाआअन्णन्न् ऐसे ही ............खा जा इन्हे अजय........खा जा.......काट ले इनको....चूस मेरे निप्पलो को...........आआह मेरा बच्चा .............'' और ऐसी चूसम चुसाई में अचानक मौसी को एहसास हुआ की नीचे से अजय का लंड उनकी चूत से नाममात्र की दूरी पर ही है...और अगले ही पल उसके लंड का सुपाड़ा उनकी चूत से आ टकराया..शायद उनके वजन की वजह से उनका शरीर धीरे-2 नीचे आ रहा था...और जैसे ही उन दोनो को ये एहसास हुआ,दोनो रुक से गये...और एक दूसरे की आँखों में देखने लगे... और अगले ही पल नीलम ने अपनी बाहें पूरी ताकत से उसकी गर्दन में लपेटी , अपनी आँखे बंद की , होंठ उसके होंठों से चिपकाए, और अपना रहा -सहा भार भी नीचे की तरफ खिसका दिया... और अजय का पठानी लंड सरसराता हुआ सा नीलम की चूत के अंदर घुसता चला गया...किसी रॉकेट की तरह... ''आआआआआआआआआआआआआआआहह उम्म्म्ममममममममममममममममम..... ओह अजय ......................सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.....'' एक तो वो इतना मोटा और उपर से लंबा भी काफ़ी...इसलिए रुक-रुककर,अटकता हुआ सा वो अंदर जा रहा था...और उसके लंड पर अपनी चूत के भार उतर रही नीलम को तो ऐसा लग रहा था की जैसे ये सफ़र कभी ख़त्म ही नही होगा....एक-एक इंच पर उसकी चूत नयी करवटें बदल रही थी...इतने सालो से एक ही लंड से चुदने के बाद जब मोटे लंड का आगमन होता है तो अंदर की दीवारें ऐसे ही खिसकती है...पर उस खिसकन में जो रोमांच और मज़ा फील होता है वो तो उसे महसूस करने वाली ही जान सकती है...जो इस वक़्त नीलम को महसूस हो रहा था... अपने मुँह खोले हुए वो अपनी चूत के थ्रू अजय के लंड को निगले जा रही थी...निगले ही जा रही थी.. और आधे से ज़्यादा अंदर जाने के बाद अजय को भी थोड़ी टाइटनेस महसूस होने लगी, जो उसके लंड की अकड़ को और बढ़ावा दे रही थी....और फिर एक वक़्त ऐसा भी आया जब उसका पूरा लंड नीलम की चूत में धंसा पड़ा था...और वहाँ पहुँचकर दोनो कुछ देर के लिए रुक गये और गहरी साँसे लेने लगे...और गहरी साँसे लेते हुए कब वो गहरी स्मूचे लेने लगे, उन्हे भी पता नही चला...और फिर अजय ने एक बार फिर से अपनी शक्तिशाली बाजुओं का परिचय देते हुए उसकी जाँघों के नीचे अपने हाथ रखे और उसे उपर नीचे करते हुए चोदने लगा... ''आआआअहह ओफ्फ्फ्फ्फ्फ़ उफफफफफ्फ़ आअsssssssssssss हाआँ ऐसे आआअहह ही ............ बड़ा ...मज़ा आ रहा ....है अजय ....अहह उम्म्म्ममममम ज़ोर से ....करो .......और ज़ोर से .....'' अजय समझ गया की वो मस्ता चुकी है....इसलिए उसकी रेलगाड़ी बना कर चुदाई करनी पड़ेगी...इसलिए उसने लेजाकर बेड पर पटक दिया...और ऐसा करते हुए उसका लंड भी बाहर निकल आया जो उसकी चाशनी में नहाकर बुरी तरह से चमक रहा था... नीलम ने ये मौका नही छोड़ा और झपटकर बेड पर बैठ गयी और उसके लंड को पकड़कर सीधा अपने मुँह मे डाल लिया...और ज़ोर-2 से चूसने लगी.. अपनी ही चूत का रस चाटा पहले तो उसने और फिर एक-दो बूंदे उसके लंड से जो निकल रही थी उन्हे भी चाट गयी और तभी उसने सोच लिया की उसके रस को अपनी चूत में नही बल्कि मुँह मे निकलवाएगी, इतना टेस्टी जो था वो...
28-04-2022, 05:10 PM
मस्त अपडेट..... प्लीज अगला अपडेट जल्दी दीजिये.
03-05-2022, 04:55 PM
वो उसके रस को बाद मे पीने की सोच रही थी और अजय कुछ और सोच रहा था...ये वही पलंग था जिसपर इस वक़्त मौसा जी गहरी नींद में सो रहे थे, और जहाँ पर कल यही नीलम मौसी बेहोशी में सो रही थी..उसने अपने कमरे से यहाँ आते हुए ही सोच लिया था की वो यहाँ आकर वही करेगा जो कल मौसा ने उसकी सास के साथ किया था...
कुछ देर तक अपना लंड चुसवाने के बाद अजय ने घुमाकर मौसी को घोड़ी बना दिया...वो भी मुस्कुराती हुई घूम कर झुक गयी और अपनी गांद को उसने अजय के सामने लहरा दिया.. इतनी गोरी चिट्टी और सुडोल गांद को देखकर अजय के मुँह में पानी आ गया... उसने अपने दोनो हाथों से उनकी गांड को आटे की तरह मसलना शुरू कर दिया.. इतनी गद्देदार गांड का सही से इस्तेमाल कर रहा था वो.. और बीच-2 में अपने हाथ की उंगलियों से वो उनकी चूत और गांड के छेद को भी सहला रहा था.. और उसके हर स्पर्श से उसकी चूत और गांड अंदर की तरफ सिकुड जाती... नीलम : "अब डालो भी अजय...क्यो तरसा रहे हो.....'' नीलम के बिल्कुल सामने उसका पति गहरी नींद में सो रहा था...वो उसके चेहरे की तरफ देखती हुई अजय से अपनी चुदाई की दुहाई कर रही थी... अजय ने अपने लंड पर ढेर सारी थूक लगाई और लंड को उनकी चूत पर ना लगाकर गांड के छेद पर टीका दिया...और जब तक वो कुछ समझ पाती एक जोरदार झटका मारकर अंदर भी दाखिल हो गया.. ''आआआआआअहह........................अजय ...................यहाँ दर्द होगा रे......बड़ा मोटा है तेरा लंड ......'' और ऐसा भी नही था की वो पहली बार अपनी गांड मरवा रही थी...ये बात तो अजय उसके अंदर दाखिल होते ही जान चुका था...क्योंकि उसने प्राची की भी गांड मारी थी, शुरू-2 में वो भी काफ़ी चिल्लाती थी पर बाद में आसानी से करवा लेती थी...पर असली मज़ा उसे आगे से ही आता था...वो इस अन-नेचुरल सेक्स को ज़्यादा एंजाय नही करती थी.. पर नीलम के साथ ऐसा नही था....उसे दोनो जगह लंड लेने में एक जैसा ही मज़ा आता था...इसलिए जब भी उसका पति उसकी चुदाई करता था तो हमेशा चूत से शुरू होकर गांड पर आकर रुकता था... अब ऐसी समझदार बीबी हर किसी को तो मिलती नही है...आजकल की लड़कियों को शायद ये नही पता की एक बार गांड मरवाना जब शुरू हो जाता है तो उसमे मिलने वाले मज़े का मुकाबला वो चूत से मिलने वाले मज़े से तो कर ही नही सकते...बस वो एक बार शुरू तो करे... नीलम को अजय के लंबे लंड को चूत में लेने मे थोड़ी तकलीफ़ हुई थी तो सोचिए गांड में लेते हुए क्या हाल हो रहा होगा...पर वो अपना मुँह पिल्लो के अंदर दबाए चुपचाप कुतिया बनी लेटी रही और उसके लंड को धीरे-2 करते हुए अपनी गांड के अंदर निगल गयी... एक तो उनकी गांड भी इतनी मजेदार और उपर से इतनी टाइटनेस फील होती देखकर अजय के तो मज़े हो गये...उसने उनकी चौड़ी-चिकनी गांड पर हाथ रखा और अपनी रेलगाड़ी दौड़ा दी उनकी गांड की पटरी पर... दर्द तो शुरू -2 मे ही हुआ नीलम को, और जब मज़ा आने लगा तो उसने भी अपना सिर उठा लिया और मजेदार सिसकारियाँ लेते हुए अपनी गांड मरवाने लगी... ''आआआआहह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओफफफफफफ्फ़ उम्म्म्ममममममममममममम......... एसस्स्स्स्सस्स अजय ............ऐसे ही .......हाआआआआआ ज़ोर से ...............चोदो मुझे ..............मारो मेरी गांड ..........अहह....'' और ऐसे ही मचलते-2 उसके हाथों में अपने पति के उपर की चादर आ गयी और वो नीचे की तरफ खींचती चली गयी...और एकदम से उसकी आँखो के सामने उसके पति का लंड आ गया जो एक छोटी सी फ्रेंची में क़ैद था....सोते हुए शायद वो सिर्फ अंडरवीयर में ही सोते थे , और ना जाने उसके मन में क्या आया उसने अपने पति के अंडरवीयर को नीचे खिसका दिया और उसके मरे हुए चूहे जैसे लंड को अपने हाथ से हिलाने लगी... पीछे की तरफ उसकी गांड मार रहा अजय ये सब नही देख पाया...वो तो बस अपनी ही धुन में उसकी गांड की धुनाई करने में लगा हुआ था...और ये सोचकर वो उत्तेजित हो रहा था की कल उसकी सास यहाँ गांड मरवा रही थी अपने जीजा से और आज वो उसी जीजा की बीबी, यानी अपनी सास की बहन की गांड मार रहा है...उसके पति के सामने... इसी बीच , गहरी नींद और बेहोशी के बावजूद, मौसा जी के लंड ने रिस्पोन्स देना शुरू कर दिया...और एक मिनट के अंदर ही उनके लंड में कसाव आने लगा...और जैसे ही थोड़ा करारापन आया उनके लंड में , नीलम ने आगे होते हुए अपने पति के लंड को अपने प्यासे मुँह से निगल लिया और ज़ोर-2 से चूसने लगी... और ये उसकी एक फेंटसी थी....की अपने ही पति के सामने वो किसी किसी के लंड से चुदे , अब देखा जाए तो हो तो ऐसा ही रहा था, और अपने पति की बेहोशी का फायदा उठाते हुए उसने थोड़ी हिम्मत दिखाई और उनके लंड को चूसने भी लगी.. अजय ने भी अब तक ये देख लिया था और अपनी मौसी के इस रंगीन कदम को देखकर वो भी मुस्कुरा उठा...उसने भी उन्हे नही टोका और अपना काम करने में लगा रहा. अब पुर कमरे में सिर्फ़ अजय की सिसकारियाँ गूँज रही थी...क्योंकि नीलम मौसी का मुँह तो लंड चूसने में बिज़ी था... अजय पूरी मस्ती में लगा हुआ था...और मौसी भी....और देखा जाए तो मौसा जी भी मस्ती में ही थे...भले ही वो गहरी नींद में थे पर उनका लंड अब पूरे शबाब पर आ चुका था...शायद नींद में वो अपनी साली की चुदाई कर रहे थे.. और अचानक उनका शरीर सोते-2 अकड़ने सा लगा...उम्र ज़्यादा होने की वजह से पतन भी जल्द ही होता है...और अगले ही पल नीलम के मुँह मे उन्होने अपनी रसमलाई भर दी....अपने पति के लंड से निकली मिठाई तो वो कितनी ही बार खा चुकी थी...पर आज वो अजय का माल निगलना चाहती थी...इसलिए जल्दी-2 उसने अपने पति के लंड को खाली किया, उसे चूसकर वापिस अंडरवीयर में डाल दिया और उनपर फिर से वही चादर ओड़ा दी... और इसी बीच अजय के मुँह से निकलने वाली सिसकारियाँ तेज होने लगी और नीलम समझ गयी की वो भी झड़ने ही वाला है... नीलम : "अजय.....अहह.....प्लीज़ .......मेरे .....मुँह में निकालना......अहह.....प्लीज़.....'' अब अपनी मौसी सास की बात वो भला कैसे टाल सकता था...एकदम आख़िरी पल में उसने अपने लंड को उनकी गांड की टनल से बाहर निकाला और वो भी झटके से पलटकर उसके सामने बैठ गयी और अगले ही पल उसके लंड से निकलने वाली पिचकारियाँ उसके खुले मुँह में जाने लगी... और एक मिनट पहले जिस मुँह ने मौसा जी का माल चूसा था, अब अजय के माल को निगलने लगा... काफ़ी माल उनके मुँह के अंदर गया और जो बाहर गिरा था वो उन्होने अपनी उंगलियों से साफ़ करते हुए चाट लिया....और ऐसा करते हुए वो किसी रंडी से कम नही लग रही थी... और अजय भी गहरी साँसे लेता हुआ नीचे बेड पर लेट गया... पर उसके बाद उसने वहाँ ज़्यादा देर रुकना सही नही समझा...और अपने कपड़े पहन कर वापिस अपनी बीबी की बगल में आकर लेट गया... सुबह उसकी नींद अलार्म से खुली जो प्राची ने लगाया हुआ था, क्योंकि मौसा-मौसी की ट्रेन थी 8 बजे की...बेहोशी की वजह से प्राची को उठने में काफ़ी परेशानी हुई पर फिर भी वो उठ ही गयी, उसने मौसी को भी जाकर उठा दिया और वो नहा धोकर तैयार हो गये एक घंटे में ...और फिर अजय उन्हे स्टेशन छोड़ने भी गया...और साथ में गयी उनकी बेटी रिया, अपने मम्मी - पापा को स्टेशन छोड़ने के लिए.. अगली बार जल्द आने का वादा करके दोनो चले गये.. और अजय और उसकी साली रिया वापिस चल दिए अपने घर की तरफ...अकेले...
03-05-2022, 05:00 PM
अपने माँ -बाप को स्टेशन छोड़ने के बाद तो रिया के चेहरे की रंगत बदल सी गयी, उसके चेहरे पर आई खुशी और चंचलता देखते ही बनती थी, ऐसा लग रहा था जैसे वो अपने आप को आज़ाद सा फील कर रही थी..
अजय भी उसके साथ इधर - उधर की बातें चोदता रहा, उसको ये एहसास दिलाता रहा ही वो उसके दोस्त जैसा है, कभी भी, कोई भी ज़रूरत हो तो वो उसके साथ अपनी फीलिंग शेयर कर सकती है, पैसो की ज़रूरत हो या कही जाने की,वो उसे कह सकती है वगेरहा वगेरहा... वो उसे अपनी बोतल मे उतारने की कोशिश कर रहा था, ताकि बाद में उसके साथ जब वो मज़े ले तो आसानी से काम बन जाए.. और रिया भी अबोध बालिका की तरह उसकी हर बात पर खुश होती चली जा रही थी..और अंदर ही अंदर सोच रही थी की उसके जीजू कितने अच्छे हैं, उसका कितना ध्यान रख रहे है अभी से.. पर उसे क्या पता था की उसके ठरकी जीजू के इरादे क्या है. वो बातें करते हुए जा ही रहे थे की उनकी कार एक रेड लाइट पर रुकी ,जो करीब 4 मिनट लम्बी थी , अचानक रिया चिल्लाई : "देखो जीजू....आपके मतलब की लड़कियाँ...'' अजय ने उस तरफ देखा जहाँ रिया ने इशारा किया था तो देखा की दो लड़कियां कॉलेज ड्रेस में जा रही है, शायद 12th की होंगी..पर उन्हे देखकर अजय को कुछ समझ नही आया,उसने अपनी आँखे नचाते हुए रिया की तरफ देखा वो हंसते हुए बोली : "अरे जीजू...आपने ही तो कहा था की आपको छोटे बूब्स वाली लड़कियाँ पसंद है...ज़रा देखो इन लड़कियों को..मेरे से भी छोटे हैं इनके तो...'' वो हँसती हुई ऐसी उत्तेजना से भरी बात बड़े आराम से करती चली जा रही थी, और ये भी नही सोच रही थी की अजय और उसके लंड पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा.. और प्रभाव पड़ भी गया, अजय के लंड ने पेंट में अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी..जैसे गर्दन बाहर निकाल कर वो भी उन छोटे बूब्स वाली लड़कियों को देखना चाहता हो.. अजय तो खुद ही इतनी देर से सोच रहा था की कैसे उस तरह की बातें शुरू करे रिया के साथ,पर यहाँ उसने खुद ही मौका दे दिया था.. बस फिर क्या था, हमारे ठरकी महाशय शुरू हो गये.. अजय : "अरे नही...इतने भी छोटे नही ...थोड़े तो बड़े होने चाहिए ना..वो देखो..उस लेडी की तरह..वैसे पसंद है मुझे..'' उसने रोड के साइड से जा रही एक लड़की की तरफ इशारा किया, जिसने रेड कलर की एक ग़ज़ब की शार्ट ड्रेस पहनी हुई थी, और जिसमे उसकी मोटी जांघे साफ़ चमक रही थी और उसके बूब्स जो बिल्कुल पर्फेक्ट्ली ब्रा में क़ैद थे वो दूर से ही चमक रहे थे.... रिया ने उस तरफ देखा और बोली : "वाव जीजू, नोट बेड ...आपकी चाय्स वाकई में अच्छी है...'' अजय : "पसंद तो मुझे तुम्हारे भी है...इन्फेक्ट इस लेडी से भी ज़्यादा...'' और अजय ने हिम्मत करते हुए अपना हाथ आगे किया और होले से उसके बूब्स के नीचे लगाकर उसे सहला दिया.. रिया चिहुंक पड़ी : "ऊऊ जीजू .....आप भी ना, सबके सामने मुझे ऐसे छेड़ रहे हो ...'' उसके अल्फ़ाज़ तो नाराज़गी वाले थे, पर आवाज़ में एक दबी हुई सी खुशी और चंचलता थी.. रिया ने दूसरी कार मे बैठे एक बुड्ढे को देखा जो उन्हे ही देख रहा था : "वो देखो ज़रा उन अंकल को...हमे कैसे घूरकर देख रहे है...'' अजय ने अपनी दाँयी तरफ देखा, और सच मे उस कार में बैठा बूढ़ा उन्हे ही घूर रहा था..अजय ने रेड लाइट की तरफ देखा, वहाँ काउंटडाउन चल रहा था, और अभी भी 2 मिनट और थे, काफ़ी लंबी लाइट थी ये तो..और इसी का फायदा उठाते हुए अजय के दिमाग़ में एक तरकीब आई.. वो रिया से बोला : "ऐसे बुड्ढे लोगो की ये आदत हमेशा से रहती है...दूसरो की बीबी और गर्लफ्रेंड को देखकर साले ललचाते रहते हैं,तुम मेरा साथ दो तो इसको और तड़पाया जा सकता है...'' अजय ने उसे आँख मारते हुए ये बात कही.. रिया ने तो सोचा भी नही था की उसका जीजा ऐसी शरारती बातें भी सोच सकता है...ऐसी हरकतें तो उसके कॉलेज की लड़कियाँ किया करती थी अक्सर...अपने प्रोफेसर की तरफ देखकर मुस्कुराना,उनके सामने अपनी स्कर्ट थोड़ा उपर कर लेना या उनके आगे से मटकते हुए निकल जाना...पर रिया वो कभी नही कर पाई थी...उसकी कभी हिम्मत ही नही हुई वो सब करने की...और आज उसके जीजू ये सब करने के लिए कह रहे हैं तो वो झट से मान गयी आख़िर उसकी भी इच्छा थी की ऐसे किसी को तरसाए...तड़पाये ... उसकी हाँ मिलते ही अजय ने रिया को पकड़ कर अपनी तरफ खिसका लिया..उसकी पतली कमर मे हाथ डालते ही अजय के लंड की नसें तन सी गयी...और फिर वो रिया की तरफ झुकते हुए उसके कान के पास अपने होंठ ले गया और अपनी जीभ से उसे छू लिया.. रिया तो पता नही क्या सोच रही थी, पर अजय के ऐसा करते ही उसका शरीर अकड़ने सा लगा,और पूरे बदन में झुरजुरी सी दौड़ गयी...आख़िर ऐसा कोई पहली बार जो कर रहा था उसके साथ... उसके रेशमी बाल,जो खुले हुए थे,अजय के चेहरे पर आ गये थे और उनमे से आ रही शेंपू की भीनी खुश्बू में वो खो सा गया, शायद एक पल के लिए वो ये भी भूल गया था की इस वक़्त वो कहाँ है और किसके साथ है...उसने अपनी जीभ निकाल कर रिया की गर्दन को चाट लिया.. ''आआआआआआआआहह जीजू .......क्या कर रहे हो आप ....'' अब वो उसकी गिरफ़्त से निकलने के लिए कसमसा रही थी..और अजय को भी एहसास हो गया की वो शायद कुछ ज़्यादा ही आगे निकल गया है..वो बात संभालते हुए बोला : "अरे पगली, ये सब तो उन अंकल को दिखाने के लिए कर रहा हूँ ...ज़रा देख तो, वो क्या कर रहे हैं...'' रिया ने अजय के कंधे पर सिर रखते हुए दूसरी तरफ देखा तो उसकी हँसी निकल गयी...वो बुड्ढा अपनी आँखे फाड़कर लगातार उन्हे देखे जा रहा था और उसका एक हाथ नीचे की तरफ था और उपर नीचे हो रहा था...वो समझ गयी की वो अपने लंड को उपर नीचे करते हुए मुठ मार रहा है.. और ये देखते ही वो ज़ोर-2 से हँसने लगी.. अजय : "क्या हुआ...हंस क्यो रही हो...'' और उसकी हँसी का फायदा उठाते हुए वो अपने गीले होंठों से उसकी गर्दन पर किस्स भी करता जा रहा था.. रिया (हंसते हुए) : "जीजू, उसका चेहरा देखने लायक है, कही ऐसा ना हो की हमे ऐसे देखकर उन्हे हार्ट अटैक आ जाए...हा हा....और वो अपने हाथ से नीचे की तरफ.....हा हा...'' अजय तो एक पल मे ही समझ गया की वो क्या कहना चाहती है, फिर भी उसकी गर्दन को चूमता हुआ बोला : "क्या...नीचे की तरफ क्या...'' पर वो कुछ बोल पाती इससे पहले ही ग्रीन लाइट हो गयी और पीछे की तरफ से गाड़ियों के हॉर्न बजने लगे..और अजय ने झक मारते हुए अपनी गाड़ी आगे बड़ा दी...और वो बेचारे अंकल वही खड़े रह गये, उनके तो हाथ काँप रहे थे दोबारा सेल्फ़ मारते हुए.. और उनकी हालत की बात करते-2 दोनो काफ़ी देर तक हंसते रहे.. रिया : "यार जीजू...आप सच में बड़े बदमाश हो....'' अजय : "बदमाश तो तुम भी हो...सेक्सी वाली बदमाश हो तुम....'' अपने लिए सेक्सी वर्ल्ड सुनकर रिया थोड़ा सा शरमा गयी और बोली : "ऐवें ही ...आप भी ना...मैं तो सिंपल सी हूँ ...पता नही आपको कहाँ से सेक्सी लग गयी...'' उसके होंठ लरजा रहे थे वो सब बोलते हुए, और अजय ने बॅक व्यू मिरर को उसके चेहरे की तरफ कर लिया था, ताकि उसके चेहरे के एक्शप्रेशन देख सके.. उसके गालों की रंगत बदल चुकी थी...लाल हो चुका था उसका चेहरा और होंठों पर गुलाबीपन भी आ गया था.. अजय : "वैसे एक बात और बोलू, आई लाइक यूर स्मेल...'' और अब ये बात सुनकर तो वो और भी ज्यादा शरमा गयी, और धीरे से बोली : "स्मेल भी भला होती है किसी में ...आप भी ना...'' अजय : "अरे , होती है भई...हर इंसान की अपनी खुश्बू होती है..तू भी जल्द ही जान जाएगी...'' वो बेचारी सोचती रह गयी की ऐसा कैसे हो सकता है.. अजय : "चल छोड़ ये सब, वो अंकल क्या कर रहे थे अपने हाथ से...'' रिया : "जीजूउुउउ....आप भी ना...आप को पता है की मर्द क्या करते है अपने हाथ से...'' अजय (मुस्कुराते हुए) : "कसम से...मुझे नही पता...'' रिया (आँखे गोल करते हुए) : "आप की जगह कोई और होता तो मान भी लेती, पर आपको ये नही पता ,मैं मान ही नही सकती...आजकल हर किसी को पता होता है की मास्टरबेट कैसे करते हैं....'' और ये बात बोलते ही वो फिर से शरमा गयी और उसने झट से मुँह दूसरी तरफ कर लिया....अजय उसे देखकर मुस्कुराता रहा...अजय उसके उपर नीचे हो रहे सीने को देख रहा था,शायद ऐसा बोलते हुए वो एक्साइटिड हो रही थी.. अजय ने धीरे से पुछा : ''तुम करती हो....??'' |
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