21-03-2022, 05:10 PM
मेरा पहला अनुभव चचेरी भाभी के साथ
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Adultery मेरा पहला अनुभव चचेरी भाभी के साथ
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21-03-2022, 05:10 PM
मेरा पहला अनुभव चचेरी भाभी के साथ
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-03-2022, 05:12 PM
दशहरे के अगले दिन मैं अपने गाँव से वापस कस्बे आ गया, माँ गाँव में ही रह गयीं। उसी दिन मेरे चचेरे भाई साहब अपनी बीवी और डेढ़ साल की बेटी के साथ हमारे घर आये। वे लोग हमारे दूसरे गाँव में रहते थे। घर में मैं और मेरे पिताजी थे, उन्हें उस रात टूर पर जाना था।
भाई साहब मेरे साथ पास के शहर गये, वहाँ से वे अपनी बहन के घर चले गये और मैं वापस आ गया।
जब मैं शहर में था तभी मेरे मन में भाभी के साथ सम्भोग करने का पागलपन सवार हो गया क्योंकि रात के बारह बजे पिताजी के चले जाने के बाद घर में भाभी और मैं अकेले रहने वाले थे, बेटी उनकी काफ़ी छोटी थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-03-2022, 05:14 PM
दरअसल भाभी की शादी को चार साल हो चुके थे, वे बहुत तो नहीं पर सुन्दर हैं और शुरू से ही वे हम लोगों से काफ़ी मजाक, खासकर गन्दे मजाक किया करती थीं और वे काफ़ी खुली थीं हालाँकि मैं बहुत शर्मीला था।
पर अब मेरा लण्ड खड़ा होने लगा था और दो तीन सालों से मैं हस्तमैथुन करके अपनी बेचैनी शान्त कर लेता था, चूत चोदने का बहुत मन करता था पर कोई जुगाड़ नहीं हो पाता था। मैंने उस रात उनको अपने साथ चुदाई के लिये राजी करने का प्लान बनाने लगा। आधी रात को पिताजी के घर से निकलते ही मैं बाथरूम गया तो खिड़की से देखा कि भाभी जगी हैं। मैंने उन्हें आवाज दी- भाभी, आप जगी हुई हैं क्या? उन्होंने कहा- हाँ देवर जी, नींद उचट गयी है। मैंने कहा- भाभी, अगर चाहें तो मेरे कमरे में आ जाइये। भाभी झट से तैयार हो गयीं और अपनी बेटी को ले कर मेरे कमरे में आ गयीं। मेरी चौकी के बगल वाली चारपायी पर अपनी बेटी को दूसरी तरफ़ सुला कर खुद मेरी तरफ चारपायी लेट गयी। फ़िर हम बातें करने लगे, पहले से सोचे हुए प्लान के अनुसार मैंने उन से कहा- भाभी, मैं एक बात पूछना चाहता हूँ, आप नाराज तो नहीं होंगी? उन्होंने कहा- देवर जी, ऐसी क्या बात है?...... ............................................................................ जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
07-04-2022, 10:04 AM
Nice story
10-04-2022, 08:38 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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