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Adultery रितु दीदी की कामुकता
#1
रितु दीदी की कामुकता

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
रे पड़ोस में एक कर्नल साहब अपने परिवार के साथ रहते थे. परिवार में वो स्वयं, उनकी पत्नी और एक बेटी थी. कर्नल साहब का नाम क. बलबिन्दर सिंह था, उनकी उम्र लगभग 54 साल की होगी. उनकी पत्नी का नाम नीतू था और वो एक खूबसूरत महिला थीं, उम्र लगभग 52 साल की होगी, पर देखने में 45-46 साल की ही लगती थीं.
उनकी जवान बेटी का नाम रितु था और उम्र करीब 27 साल की थी. वो देखने में बहुत सुन्दर थीं. उनका बदन एकदम सांचे में ढला हुआ था. बड़े बड़े उभरे हुए मम्मे, पतली कमर और भरे हुए कूल्हे. हर ड्रेस में बहुत जमती थीं.
अभी 27 साल की हो जाने पर भी उन्होंने शादी नहीं की थी क्योंकि उन्होंने गारमेंट्स बनाने का काम शुरू किया था और उनका बिजनेस अच्छा चल निकला था. कहते हैं कि विदेश में भी उनके गारमेंट्स एक्सपोर्ट होते थे, जिससे उनकी अच्छी इन्कम हो रही थी. उनके माता पिता भी उनके व्यापार में उनकी सहायता करते थे.
सुना था कि कर्नल साहब का परिवार बहुत ही ब्रॉड माइंडेड था. उन लोगों को किसी चीज़ से परहेज़ नहीं था. शराब के लिए उनके घर में सुना था कि सभी पीते हैं. सेक्स में भी लिबरल थे. आए दिन उनके यहाँ पार्टी होती थीं.. या वो लोग कहीं पार्टी में जाते रहते थे.
सेक्स पार्टनर्स में भी अदला बदली होती थी, जैसा कि लोगों के मुँह से मैंने सुना था.
हम लोगों का उनके यहाँ आना जाना कम ही था. तीज त्योहारों में हम लोग उनके यहाँ जाते थे या वो आते थे.
उन दिनों दशहरा की छुट्टियां थीं. मेरे पास कोई काम धाम तो था नहीं, कभी किसी दोस्त के यहाँ, कभी किसी और दोस्त के यहाँ चला जाया करता था.
उस दिन मैं असमंजस में था कि किस के यहाँ जाऊं. तभी मेरे कान में रितु दीदी की आवाज़ सुनाई दी- विजय!
मैं उनके पास गया उनसे पूछा- क्या आपने मुझे बुलाया है?
वो बोलीं- क्या तुम इस समय खाली हो. अगर खाली हो, तो मेरा एक काम कर दो.
मैंने कहा- मैं आजकल बिल्कुल खाली हूँ.. आप काम बताइए.
वो बोलीं- लेटेस्ट वीडियो स्टोर्स को जानते हो?
मैंने कहा- हाँ जानता हूँ.
वो बोलीं- अभी उसका फोन आया था कि एक नई सीडी आई है, उसे मंगवा लीजिये. मेरे यहाँ आज कोई नहीं है अगर तुम ला सको तो ला दो.
मैंने कहा- ये कौन सी बड़ी बात है अभी ला देता हूँ.
रितु दीदी बोलीं- उससे बता देना कि मैंने भेजा है.. वो दे देगा.
मैं लेटेस्ट वीडियो स्टोर्स चला गया और उससे बोला कि रितु जी ने भेजा है, आपने अभी उन्हें फोन किया था.
उसने कहा- हाँ अभी देता हूँ.
उसने अन्दर जाकर एक सीडी लाकर मुझे दे दी. मैं सीडी लेकर रितु दीदी के पास आ गया और उन्हें वो सीडी दे दी.
रितु दीदी बोलीं- अगर तुम खाली हो, तो आओ मूवी साथ बैठ कर देखें.
मैंने कहा- मैं तो बिल्कुल ही खाली हूँ चलिये आपके साथ मूवी ही देख लूँ.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
टीवी के सामने सोफ़ा पर हम दोनों बैठ गए. रितु दीदी ने सीडी लगा दी, मूवी शुरू हो गई.
मूवी की शुरूआत ऐसी थी कि एक लड़की किसी लड़के को फोन करके बुलाती है. लड़का लड़की के घर आता है. आकर कॉलबेल बजाता है. लड़की दरवाज़ा खोलती है और दोनों एक दूसरे को बांहों में लेकर एक दूसरे का चुम्मा लेने लगते हैं. फिर लड़की लड़के की कमीज़ उतारती है और लड़का लड़की का ब्लाउज. ये देख कर मैं समझ गया कि ये क्सक्सक्स ब्लू फिल्म है. मुझे मजा आने लगा था साथ ही दीदी की मंशा को भी समझने की कोशिश कर रहा था.
फिर उस फिल्म में धीरे धीरे दोनों एक दूसरे के कपड़े उतार के बिल्कुल नंगे हो जाते हैं. लड़का लड़की को पीठ के बल लिटा कर उसकी चूचियों के निप्पल एक एक करके चूसता है. लड़की मुँह से “आअह आआह आह आह..” करने लगती है.
फिर लड़की लड़के से चोदने को कहती है. लड़का अपना खड़ा लंड उसकी बुर में धीरे धीरे डालता है और फिर चुदाई करने लगता है.
रितु दीदी ने मुझसे पूछा बताओ- ये दोनों लड़के लड़की क्या कर रहे हैं?
मैं चुप रहा, रितु दीदी मुझ से उम्र में काफी बड़ी थीं.
वो बोलीं- बताओ ना.
मैंने कहा- दोनों चुदाई कर रहे हैं.
रितु दीदी ने मुझसे पूछा- क्या तुम भी चुदाई कर चुके हो?
मैंने कहा- मेरी कोई लड़की दोस्त ही नहीं है, फिर किसके साथ चुदाई करता?
रितु दीदी ने पूछा- फिर तुम्हें ये सब कैसे मालूम हुआ?
मैंने बताया कि मेरा एक दोस्त रामू है वो ही हिंदी की गंदी गंदी किताबें ला कर देता है. उसी में ये सब लिखा होता है. वो किताबें पढ़ने में बड़ा मज़ा आता है. पढ़ते पढ़ते लंड खड़ा हो जाता है. फिर अपना लंड निकाल लेता हूँ. किताब पढ़ता जाता हूँ और लंड को एक हाथ से पकड़ कर मुठ मारता जाता हूँ. थोड़ी देर में झड़ जाता हूँ. रितु दीदी सचमुच बहुत मज़ा आता है.
“और?”
“और रामू क्सक्सक्स वीडियो भी लाता है, जब उसका घर खाली होता है.. तब हम दोनों वहीं बैठ कर क्सक्सक्स मूवीज भी देखते हैं.”
रितु दीदी ने पूछा कि बिना लड़की के तुम लोगों को क्या मज़ा आता होगा?
मैंने कहा कि हम लोग बिना लड़की के भी खूब मज़ा लेते हैं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
तु दीदी ने फिर पूछा कि क्या तुमने किसी लड़की या औरत को नंगा देखा है? जैसे अपनी माँ, बहन, भाभी, मौसी, नौकरानी को नहाते या कपड़े बदलते?
मैंने कहा कि नहीं.
तो वो बोलीं- मुझे नंगी देखोगे?
मैंने कहा- अगर आप दिखाएंगी तो ज़रूर देखूँगा.
वो बोलीं कि एक शर्त पर.
मैंने पूछा- वो क्या?
वो बोलीं- पहले तुम्हें नंगा होना पड़ेगा.
ये सुनकर मैं चुपचाप रहा.
रितु दीदी बोलीं- उतारो अपने सब कपड़े.
मैंने कहा कि मुझे शरम लग रही है. आज तक मैं किसी लड़की या औरत के सामने नंगा नहीं हुआ हूँ.
वो बोलीं- मैं लड़की होकर तुम्हारे सामने नंगी होने को तैयार हूँ और तुम लड़के हो कर शरमा रहे हो?
रितु दीदी ने जब फिर कपड़े उतारने को कहा, तब मैंने एक एक कर कपड़े उतारने शुरू किए. पहले कमीज़ फिर पेंट फिर बनियान उसके बाद मैं रुक गया.
रितु दीदी बोलीं- उतारो ना अपना अंडरवियर..
फिर मैंने आँखें बंद करके अंडरवियर उतार ही दिया. मेरा लंड बिल्कुल तना हुआ खड़ा था.
रितु दीदी आगे बढ़ीं और उन्होंने मेरा लंड हाथ में लेकर कहा कि तुम्हारा लंड तो अच्छा खासा लम्बा और मोटा है.
ये सुन कर मेरा लंड फनफना उठा.
रितु दीदी ने लंड सहलाते हुए पूछा- मुझे चोदोगे?
मैंने कहा- अगर आप चुदवाएंगी तो क्यों नहीं चोदूँगा. मगर पहले आप नंगी तो होइए.
वो बोलीं- चलो मेरे बेडरूम में.
वो आगे आगे चलीं, मैं उनके पीछे पीछे लंड हिलाता हुआ चलने लगा.
बेडरूम में पहुँच कर वो बोलीं- अब मैं भी नंगी हो जाती हूँ.
फिर उन्होंने एक एक कर अपने सब कपड़े उतार दिए. पहले ब्लाउज फिर सिलेक्स फिर ब्रा और उसके बाद अपनी पेंटी. उनकी झांटें काली काली और खूब बड़ी बड़ी थीं.
मैं अब तक रितु दीदी से काफी खुल गया था. मैंने उनसे पूछा- आप अपनी झांटें साफ़ नहीं करती हैं?
वो बोलीं- कभी कभी करती हूँ, पर इधर समय ही नहीं मिल पाया. किसी दिन साफ़ कर लूँगी.
मैंने कहा- आज मैं पहली बार किसी लड़की को नंगा देख रहा हूँ और आपकी झांटें आप पर बहुत ही अच्छी लग रही हैं. इससे आपकी खूबसूरती और भी बढ़ गई.
रितु दीदी की चूचियां भी बड़ी बड़ी थीं और कसी हुई थीं. चूचियों के गुलाबी निप्पल भी उनकी शोभा बढ़ा रहे थे.
रितु दीदी ने पूछा- मैं नंगी कैसी लगी?
मैंने कहा- जैसा मैं समझता था उससे कहीं ज्यादा खूबसूरत.
रितु दीदी मुस्कुराईं और बोलीं- आओ अब चोदो मुझे.
मैं लंड हिलाते हुए आगे बढ़ा तो उन्होंने कहा कि चोदने से पहले मेरा चुम्मा लो.. फिर मेरी चूचियां एक एक कर चूसो, फिर मेरी चूत चाटो और जीभ से मेरी क्लिट सहलाओ, उसके बाद चूत में लंड डाल के चोदो.
“ओके..”
वो बोलीं- तुमने किसी लड़की की चूत तो देखी नहीं होगी आओ पहले तुम्हें अपनी चूत और क्लिट दिखा दूँ.
फिर रितु दीदी ने अपनी टांगें फैला कर अपने भगोष्ठ फैलाये और बताने लगीं कि ये बुर है, ये क्लिट है.
फिर वो लेट गईं और मैंने उन्हें चिपका कर उनके गालों का चुम्मा लिया. फिर मैं उनकी चूचियों के निप्पलों को चूसने लगा. वो सिसकारियां ले रही थीं. फिर उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाने लगीं. मेरा लंड पहली बार जिन्दगी में किसी लड़की ने पकड़ा था और उनके सहलाने से मैं झड़ने की हालत में आ गया.
उन से कहा, तो बोलीं कि बगल में बाथरूम है, वहीं अपना माल निकाल आओ.
मैं कमोड में अपना वीर्य गिरा कर और लंड धो कर आ गया. मुझे बहुत ही शरम लगी, पर रितु दीदी ने मेरा ढांढस बंधाते हुए कहा- घबराओ मत, पहली बार कई लोग ऐसे ही बिना चोदे झड़ जाते हैं.
फिर रितु दीदी मेरा लंड अपनी मुट्ठी में लेकर आगे पीछे करने लगीं. मेरा लंड फिर खड़ा हो गया.
अब रितु दीदी बोलीं कि आओ अब इसे मेरी बुर में डाल दो और मुझे चोदो.
वो लेट गईं और मैंने धीरे धीरे अपना लंड उनकी बुर में पेल दिया. फिर मैं उन्हें चोदने लगा. वो भी मेरे धक्के के साथ धक्के लगा रही थीं और अपनी क्लिट भी मेरे लंड से रगड़ रही थीं. थोड़ी देर में वो सिसकारियां लेने लगीं और वो झड़ गईं. फिर मैंने भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाये और थोड़ी ही देर में मैं भी झड़ने के निकट पहुँच गया.
मैंने रितु दीदी से पूछा कि अन्दर झड़ जाऊं कि बाहर?
वो बोलीं- अन्दर ही झड़ जाओ.
मैं उनकी बुर के अन्दर ही झड़ गया और थोड़ी देर बुर में लंड डाले लेटा रहा.
उसके बाद मैंने लंड निकाल लिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
रितु दीदी ने पूछा- लड़की को चोदने में ज्यादा मज़ा आया ?
मैंने कहा कि आप को चोदने में.
रितु दीदी ने मेरा चुम्मा लिया और बोलीं- तुमसे चुदवाना बड़ा अच्छा लगा.
“मुझे भी अच्छा लगा.”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
मैंने पूछा- रितु दीदी ये बताएं कि क्या आपने किसी लड़के को लड़की को चोदते या लड़की को चुदते हुए देखा है?
रितु दीदी बोलीं- हाँ कई बार. मेरी एक सहेली है उसका ब्वॉयफ्रेंड मेरा भी दोस्त है. वो अक्सर जब मेरा घर या उसका घर खाली होता है, तो मेरे सामने ही बारी बारी से मेरी सहेली को चोदता है और मुझे भी मेरी सहेली के सामने ही चोदता है.
मुझे उनकी बात सुन कर बड़ा मजा आ रहा था.
रितु दीदी ने पूछा कि तुम्हारे रामू का लंड कैसा है.. तुम्हारे जैसा ही या उससे बड़ा?
मैंने बताया कि उसका लंड तो मेरे लंड से छोटा है बस 5 इंच का होगा और पतला भी है.
रितु दीदी बोलीं- अच्छा उससे पूछ कर बताना.
मैंने कहा- शाम तक बता दूँगा.
फिर मैं घर लौट आया.
शाम को रामू को, सब कुछ जो रितु दीदी के साथ हुआ था, उसे बताया, वो बोला- यार मुझ से भी उसे चुदवा दो. मेरी जाने कब से उसे चोदने की इच्छा है, पर कोई तरकीब समझ में नहीं आई.
मैंने बताया कि एक ही शर्त पर वो तुम से चुदवाने को तैयार हो सकती हैं.
रामू ने पूछा- वो क्या?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#7
मैंने कहा- आज मैं पहली बार किसी लड़की को नंगी देख रहा हूँ और आपकी झांटें आप पर बहुत ही अच्छी लग रही हैं. इससे आपकी खूबसूरती और भी बढ़ गई.
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#8
Shy
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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