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Incest दीप्ति ने भांजे से चुदाई की
#1
दीप्ति ने भांजे से चुदाई की
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
मेरा नाम दीप्ति है मै तीस वर्ष की- शादी शुदा औरत हूँ मेरी गोलाइयों से भरी काया की माप ३४-२८-३५ अभी भी बरकरार है , शा्दी के तीन साल बाद भी कोई बच्चा न होने से सुडौलता मे कमी नहीं आई है ,मेरे पति सिंगापुर में काम करते हैं और साल मे एक बार १५ दिन के लिये आ पाते हैं l

यहाँ मुम्बई में मैं अपने भान्जे अमित के साथ रह्ती हूँ,जो यहाँ एक कालेज मे पढता है l अमित इस उम्र के अन्य लड़्कों की ही तरह है ,और उसी तरह से कामोतेजित भी रहता है,मुझे पता है कि वह मेरे बारे मे कामुक कल्पनायें भी करता है जो कि इस उम्र मे स्वाभाविक है l
उसकी नजरें खुफ़िया तरीके से मेरे शरीर को घूरती हैं और जब कभी मैं उसकी ओर देखने की कोशिश करती हूँ तो ऐसा दिखावा करता है कि वह कहीं और देख रहा था l
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3


१८ साल की उम्र में जवानी का जोश कुछ ज्यादा ही जोर मारता है ,अतः इस उम्र के लड़्कों का चुदासू होना जायज है अमित के सोने का कमरा था और वह उसी में सोता था और मैं हमेशा अपने कमरे मे अलग सोती थी l
एक बार बरसात के मौसम में उसके कमरे में मरम्मत चल रही थी और सब फ़रनीचर बैठक में रख दिया गया l
बिना बेड के बरसात की रात मे सोना ठीक नही होता ,बैठक में भी जगह नहीं थी क्योंकि कमरे मे काम होने के कारण धूल व सीमेंट उसमे भी भरी थी और ढेर सारा फ़र्नीचर भी था l
ऐसी हालत देख कर मैंने उसे अपने कमरे मे ही सो जाने के लिये कहा
कमरे मे एक ही बेड देख कर उसने पूछा कि वह कहाँ सोये ,मैं ने उससे कहा कि बेड काफ़ी बड़ा है और दो लोग आराम से सो जाएगें l
मैने ऐसा मात्र इस लिये कहा था क्योंकि वह रिश्ते मे भान्जा था और मैं उसकी मौसी
पहले हिचकिचाहट के कारण मना किया पर फ़िर उसी बेड पर लेट्ने के लिए राजी हो गया
उसने कहा थोडी देर टी वी देखने के बाद लेटॆगा l
तब तक मैने घर
का काम निपटाया और थोड़ी देर टी वी देखने के बाद
मुझे नींद आने लगी और करीब साढ़े ग्यारह बजे सोने चली गई और उससे कहा टी वी देखने के बाद वह भी सो जाए कमरे के किवाड़ खुले हैं l
मैं कमरे मे गई और एक और चादर और तकिया बेड के दूसरे सिरे पर रख दिया जिससे उसे कोई दिक्कत न हो l
घर मे मैं प्रायः पंजाबी सूट या साडी रात के समय पहनती हूँ पर बेड रूम मे प्रायःबदल कर सुन्दर सिल्क की नाइटी पहन लेती हूँ जो करीब -करीब घुट्नों तक आ जाती है और आदतन उस भी साडी बदल कर नाइटी पहन ली l
नाइटी मेरे बदन पर दो पट्टों के सहारे कन्धे पर अट्की थी ,जिसकी पीठ भी काफ़ी खुली थी उसे बदलने के बाद मैं लेट गई और दे खा कि दोनो तकियों के बीच करीब दो फ़ीट की दूरी थी अओर लाइट बन्द करके वस्तुतः सो गई जिससे सुबह ६:३० बजे तक उठ कर घर के काम निपटा सकूँ l
रात मे किसी वक्त एकाएक मेरी नींद खुल गई ,कुछ पल सम्झ ही नहीं आया कि मैं क्यों जग गई,तब मैने समझा कि मेरा भांजा मेरी बगल मे ंसोया है और उसके हाथ पूरी तरह मेरे ऊपर रखे हैऔर उसके पैर मेरी कमर पर आ रहें हैं l
उसका लण्ड मेरे चूतड़ों मेंघुसा जा रहा था और उसका चेहरा मेरी पीठ पर कन्धो के बीच मे था l




पहले , मैं हतप्रभ रह गई,समझ में नहीं आया कि क्या हुआ ,मै चुपचाप लेटी रही ,यह सोचते हुए कि मैं उसके आगोश से कैसे निकलूँ l कुछ समय बाद ,धीरे उसकी ओर हुई और उसके चेहरे को देखने की कोशिश की और पाया कि यद्यपि उसकी आँखे बन्द थी फ़िर भी उसका लंड उसकी निक्कर में उछल रहा है और मेरे नितम्ब की दरार में घुसा जा रहा था l मैं समझ रही थी कि आँखे बन्द कर वह सोने का नाटक कर रहा है जबकि वह जाग रहा है l
जब मैने अपना सिर उसकी ओर घुमाया तो मुझे आघात लगा , उसने अपना हाथ गले से नीचे ला कर मेरा स्तन हाथ में घेर लिया ,और यह सब उसने सोते में होने का बहाना कर किया l मैं ने धीरे से उसका हाथ पकड़ा और उसका हाथ अपनी छाती से हटाने का प्रयास किया , किन्तु उसने मेरे स्तन को और कस के पकड़ लिया और मुझे अपनी ओर खीचने का प्रयास किया l अब मैं उससे सटी हुई थी और हमारे बीच बिलकुल भी जगह नहीं थी l








वह अपना चेहरा और पास ले आया जो करीब करीब मेरे कन्धे पर आ कर मेरी गर्दन तक आ पहुँचा था lअब, उसके पैर मेरी कमर के आर पार जा रहे थे जबकि मैं अपनी पीठ के बल लेटी थी और उसका लण्ड मेरी कमर में ठीक पेट के नीचे चुभ रहा था एक बार मैंने सोचा कि कहीं वास्तव मे ही तो नहीं सो रहा हो और जो भी हरकतें कर रहा है वह सब नींद में ही कर रहा हो और मैं बेमतलब में ही ऊल जलूल सोच रही हूँ l
तब मैंनें तय किया कि अब उसे ऐसे ही रहने दूँ और बाद में किसी वक्त उसे धीरे दूसरी ओर कर दूँगी (और यदि वह सो रहा हो ) ऐसी हालत में उसे जगा कर बेमतलब में शर्मिन्दा नहीं करना चाहती थी l
मैं वैसे ही पीठ के बल लेटी रही और उसके हाथ मेरे स्तन पर वैसे ही रखे थे और उसकी टाँगे मेरे आर पार थीं इस आशा में कि मैं बाद मे किसी वक्त उसे दूसरी ओर कर दूंगी l
करीब पिछले सात महीनों से ,मै सेक्स से दूर थी ,और शादी के बाद पहली बार था कि मुझे पति के अलावा कोई और इस तरह से छू रहा था l
और मैं धीरे धीरे यौन उतेजना का आभास कर रही थी और उसके शरीर की ऊष्मा से मेरी कमोत्तेजना भड़क उठी थी मेरी सासें भारी होने लगी थीं और सासों की तेजी के साथ मेरे छातियाँ तेजी से ऊपर नीचे हो रहीं थीं ।


और हर बार जब मेरे स्तनों ऊपर उठते , मुझे एहसास हुआ कि उसके हाथ भी धीरे धेर, उन्हें squeezing कर रहें हैं . मैंने अपने चेहरे को घुमा दिया और उसे देखो. उसका चेहरा मेरे कंधे पर सिर्फ इंच की एक दूरी पर था. और बिना सोचे , मैंने उसके माथे पर एक नरम चुंबन दे दिया. उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं की तो मैंने सोचा कि लगता है कि वह सो रहा था .मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रख दिया जो मेरे स्तन कोcupping कर रहा था और मैंने भी अपने स्तनों और अपने ऊपरी शरीर भर में उसके हाथ को पकड़ कर घुमाना शुरू किया. मैंने अपने मुंह में उसकी एक उंगली ले ली और धीरे से उसकी उंगली पर अपनी जीभ चलाने लगी मेरा दूसरा हाथ उसकी गर्दन से नीचे ले गई कि वह अब पूरी तरह से मेरी गर्दन और मेरे कंधे पर आ जाए और मेरा हाथ उसकी गर्दन के नीचे से लेजाकर उसे अपने शरीर पर धीरे से खींच लिया, मैंने अपना दूसरा हाथ उसके उस हाथ से हटा लिया जो मेरे स्तन पर था और धीरे धीरे उसके पेट पर अपनी उंगलियों को फ़िराने लगी और उसके शॉर्ट्स और अपने शरीर के बीच अपना हाथ ले जा पाने में कामयाब रही और मैंने अपने भान्जे की शॉर्ट्स के ऊपर से उसके लन्ड का अहसास किया और कामोत्तेजनावश उसके लण्ड के ऊपर अपनी उँगलियाँ फ़ेरने लगी मेरे भान्जे ने अपनी कमर को थोड़ा खिसकाया जिससे थोड़ी जगह मिल गई जिससे मै उअसके लण्ड का अहसास कर पा रही थी।


और जब मैंने अपना पूरा हाथ उसके लण्ड पर रख दिया और धीरे से उसे दबाया तो अचानक पाया कि वह मेरे कन्धे के ऊपर पूरी तरह से चूम रहा है ,गले पर और छाती के ऊपर सब जगह ,और उसका जो हाथ खाली था उससे वह मेरे स्तनों का मर्दन कर रहा था और मेरे चुचुकों को अपनी उँगलियों से नाइटी के ऊपर से मसल रहा था l
और अब मुझ से भी नहीं रहा जा रहा था ,मैं ने भी सब भूल कर उसके चुंबनों का प्रति-उत्तर देते हुये उसके माथे पर चुम्बन जड़ दिया और उसके मुँह को ऊपर उठा कर पहली बार उसके होंठों को चूम लिया l
अब तो उसके सब्र का बाँध टूट गया और आतुर हो कर उसने अपने दूसरे हाथ से मेरे पूरे शरीर को हौले हौले रगडना आरम्भ कर दिया जिससे मेरी उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी l और अब मुझे लगने लगा था कि मैं उसे वहशियाना तरीके से चोदूँ जिससे मेरी महीनों की आग शान्त हो जाए lअब मैं यह पूरी तरह से भूल चुकी थी कि वह मेरा काफ़ी कम उम्र का भांजा है l
अब मैंने उसे अपने ऊपर खींच लिया,अब वह मेरे ऊपर था और हम दोनों एक दूसरे को बुरी तरह वहशियाना तरीके से चूम चाट रहे थे l

वह मेरे पूरे चेहरे को चूम रहा था, मेरी गर्दन और मेरे स्तनों के थोड़ा ऊपर. उसका हाथ मेरे nightieके ऊपर से ही मेरे स्तनों का मर्दन कर रहे थे और मेरे हाथ उसकी पीठ भर थे, उसकी पीठ के निचले हिस्से पर और मैं उसे अपने ऊपर रखने की कोशिश कर रही थी . मैं बुरी तरह से अपने नंगे स्तनों पर उसके मुंह महसूस करना चाहती थी लेकिन जब मैंने महसूस किया कि वह किसी तरह से भी मेरी नाइटी खींच कर नीचे नहीं कर रहा है,
.तो मैंने एक हाथ से उसके सिर को पकड़ा और दूसरे हाथ से मैंने अपनी nightie नीचे खींच एक स्तन पूरी तरह से बेनकाब किया और अपने नग्न स्तन की ओर उसके मुँह को रास्ता दिखाया. lवह मेरे स्तनों पर जंगली की तरह टूट पड़ा अब वह मेरे निपल्स चाट रहा था, चूस रहा था, उसके जीभ चलाने और फिर निपल्स चूसने्से मैंने कराहना शुरू कर दिया और मैं अपने पैरों के बीच में उसके शरीर को लाने में कामयाब रही और मैंने उसकी पीठ पर अपने पैर लपेट लिये .मैं उसकी टी-शर्ट (teeshirt) खींच रही थी और उसकी टी शर्ट को हटाने में कामयाब रही. lअब, मैं अपने नंगे स्तनों पर उसके नंगे शरीर को महसूस कर रही थी और मैंने अपने दूसरे स्तन को भी nightie नीचे खींच कर बेनकाब करने में सफ़लता हासिल कर ली l ओफ़्फ़ मेरीnightie की पट्टियाँ मेरे कंधों पर आ फ़सीं थी, फ़िर भी मेरे दोनों स्तन अब खुल गए थ lे वह मेरे स्तनों को चाट रहा थाऔर मेरे स्तनों खाने लगा और मैं उसके सिर को अपनी ओर खींच रही थी।जल्द ही, वह बग़ल में आ गया और मुझ से चिपक गया . अब, वह मेरे
बिल्कुल पास ,थोड़ा झुक के मेरे स्तनों को चूसना का प्रयास करने लगा. धीरे धीरे वह नीचे की ओर चला गया
वह मेरी (nightie) नाइटी के ऊपर से मेरे पेट और मेरे दोनो ओर चुंबन करने लगा.,
अपने हाथों को मोटे तौर पर मेरे स्तनों को बेरहमी से मसले जा रहा था l
मेरा हाथ उसके सिर को धीरे धीरे नीचे की ओर धकेलने में लगे थे l
इतना जद्दोजहद की वजह से, मेरी nightie खिसक कर मेरी कमर के नीचे आ गई थी l
l और मेरा भान्जा अब मेरे पैर और मेरी जांघों के भीतर की ओर अपना हाथ चलाने लगा l
मैं तो सेक्स से इतनी भरी हुई थीकि मैं अपने कूल्हों के ऊपर उछालने लगती जब भी उसका हाथ मेरा अन्दरूनी जाघँ पर होता l
मैं अब भी उसके सिर को अब भी नीचे की ओर ही धकेल रही थी धीरे धीरे वह मेरी कमर तक पहुंच गया l
और मेरी कमर, मेरे पेट को चूमने लगा ,और मेरी nightie और पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत को रगड़ना शुरू किया l
अब वह पूरी तरह से नीचे था, जबकि उसके हाथ मेरे स्तनों को रगड़ रहे थे और कभी कभी मेरे मुँह में अपनी उंगलियों डाल
कर मुझे जोर जोर से कमोत्तेजना वश कराहने सो रोकने की कोशिश कर रहा था l
अब मेरे दोनों पैर उसकी गर्दन के पार ,उसके कन्धों पर इस तरह से थे कि मेरी योनि सामने थी और वह उसमें गहराई तक घुसा जा
रहा था
उफ़्फ़ ! अब उसने मेरे भगाकुंर पर जीभ से प्रहार करने लगा l
जो मुझे कामोत्तेजना से बेकाबू किये जा रहा था मेरी सांसों की गति बढ़्ती जा रही थी मेरी सिसकारियों भी बढ़्ती जा रहीं थी l
जैसे ही मैंने अपनी नाइटी हटाई जिससे उसे मेरी पैंटी दिख गई उसने तुरंत पैंटी खिसका कर जगह बनाई और अपनी एक उँगली मेरे अन्दर घुसा दी और उँगली से घर्षण करने लगा l मेरे अब मैंने खुद पर से अपना नियन्त्रण खोता हुआ महसूस कर रही थी अओर मैंने उत्तेजित हो कर उसके मुँह को अपनी चूत पर और जोर से दबा लिया l
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
मेरी चूत काम्ररस का स्राव कर रही थी और मैं परमानंद के के कारण इतनी उत्तेजित हो गई थी कि मेरी चीख न निकल जाए ,इसका डर सता रहा था l
किसी तरह, मैंने उसे अपनी ओर मोड़ा जिससे वह मेरी योनि रस का आस्वादन करने से वंचित न रह जाए जबकि मै अपने हाथ में उसका लिंग पकडने में कामयाब रही. l अब मैंने उसकी कमर से ऊपर खींचने की कोशिश इस तरह से की कि उसका मुख मेरी योनि से न हटे और उसका चेहरा मेरे पैरों के बीच में बना रहे अंत में हम 69 की स्थिति में थे l लेकिन वह अभी भी अपने शॉर्ट्स पहने हुए था और वह मेरी योनि खा रहा था और साथ ही मेरी चूत में उँगली वहशियाना तरीके से अन्दर -बाहर करे जा रहा था l
अपने पति के साथ, मैं आमतौर पर चूसने से पहले लण्ड को पोंछ कर सुखा लेती थी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
मैं ने उसका लन्ड पकड़ लिया अओर किसी तरह उसका लण्ड उसकी निक्कर औरचढ्ढी से किसी प्रकार निकालने में कामयाब हुई
और वह मेरे इतने करीब था कि मैं उसके लण्ड कोअपने गाल और कन्धे पर मह्सूस कर रही थी उसकी नमी को देख्ते हुए उसके लंड को मैंने पास से देखा lऔर बेतहाशा उसे चूमने लगी,मैंअपनी जीभ से न केवल उसका लण्ड बल्कि उसकी गोलियों को भी चाट रही थी जससे उसकी साँस फ़ूल रही थी lऔर वो भी उत्तेजना वश साँस लेने मे कठिनाई महसूस हो रही थी
अब मैंने उसके गीले लण्ड को अपने हाथों मे ले लिया और उसके लिंगमुंड कोअपने होठों के बीच ले कर शिश्न् के मुंड को चाट रही थी जिन्दगी में पहली बार मैं किसी लन्ड को चाट रही थी जो प्री कम से लिसड़ा हुआ थाthaaअपने पति के साथ, मैं आमतौर पर चूसने से पहले लण्ड को पोंछ कर सुखा लेती थी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
इव
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#7
Full
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#8
(20-03-2022, 12:44 AM)neerathemall Wrote:
दीप्ति ने भांजे से चुदाई की
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#9
(20-03-2022, 12:52 AM)neerathemall Wrote: मेरा नाम दीप्ति है मै तीस वर्ष की- शादी शुदा औरत हूँ मेरी गोलाइयों से भरी काया की माप ३४-२८-३५ अभी भी बरकरार है ,l
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#10
(20-03-2022, 12:44 AM)neerathemall Wrote:
दीप्ति ने भांजे से चुदाई की

दीप्ति ने भांजे से चुदाई की
दीप्ति ने भांजे से चुदाई की
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#11
दीप्ति ने भांजे से चुदाई की




मैं धीरे धीरे उसके7inch7 इंच के लण्ड को अपने मुँह में प्रवेश कराना चाहती थी और लिंग मुण्ड चूसते हुए एक हाथ से लण्ड पकड़ लिया lलेकिन मुझे लगता है कि मेरा भान्जा
बहुत जल्दी में था और तुरंत मेरे मुंह में अपने पूरा लिंग घुसेड़ दिया और धक्के मारने लगा l मैं इस तरह के अचानक मुख-मैथुन के लिेए तैयार नहीं थी l मेरा गला एकदम से रुन्ध गया , किन्तु उसने मुख मैथुन चालू रखा मेरी लार और उसका गीला लिंग मिल कर चाटने की आवाज की अनुगूंज कमरे में गुंजायमान हो रही थी l



मेरे मुँह से”प्री कम ’’ बहने लगा था और मुँह से बहकर मेरे गाल पर पहुँच गया और कुछ ठोढ़ी पर बह कर पहुँच रहा मैं चाह रही थी कि वह मुखमैथुन कि गति कुछ कम कर ले किन्तु ऐसा लगता है कि उसे कोई चिन्ता नहीं थी अर वह जंगलियों की तरह मुख मैथुन की गति बड़ाए हुए था l
और अब ,मेरी चूत को खाने के बजाए वह उसमें दो उँगलिया डाल कर हस्त मैथुन किए जा रहा था और जितनी बार उसका लिंग मेरे मुँह मे जाता उतनी ही बार उसकी उँगलियाँ मेरी योनि में घुस जातीं l
मेरे दोनो हाथ उसके नितम्बों पर थे और हम दोनो मुख मैथुन -व हस्तमैथुन में व्यस्त थे और एकाएक ,बिना किसी चेतावनी के मेरे मुँह में स्खलित हो गया किन्तु मुख्मैथुन बंद नहीं किया यह पहली बार था कि मैं उसके लिंग को अपने मुँह से निकालना चाहती थी



किन्तु उसने अपना वीर्य उगलता लण्ड और अन्दर तक मेरे मुँह में घुसेड़ दिया और थोड़ी देर तक ऐसे ही दबाये रहा l मैं हर बार उसके वीर्य को उगलने की कोशिश कर रही थी जितनी बार उसका लण्ड मेरे मुख को आकर चोद रहा था l इसी के साथ उसकी उँगलियाँ भी अपना काम कर रहीं थीं और मुझे लग रहा था कि किसी भी क्षण मैं भी चरमोत्कर्ष पर पहुँचने वाली थी lअब भी उसके कड्क लण्ड ने अभी भी मेरे मुख का मैथुन बन्द नहीं किया था l कुछ क्षणों में ही पुनः मेरे मुँह में झड़ गया और इसी वक्त मैं भी स्खलित हो गई ,और जब मैं झड़ी ,उस वक्त मैंने अपने पैर उसकी गर्दन में इस तरह से लपेटे कि उसका मुँह मेरी योनि से न हटे 
और अब उसका लण्ड मेरे मुँह में ही सिकुड़ने लगा तब जाकर उसने अपना लण्ड मेरे मुँह से निकाला ,उसका सारा वीर्य मेरे मुँह से बह कर मेरे गालों से होता हुआ मेरे कन्धे पर आने लगा l अब वह पूरी तरह से निढाल हो कर पड़ा था अब मैंने उसके वीर्य अभिसिंचित लिंग को हलके से चूस लिया l

थोड़ी देर बाद वह मेरे ऊपर से हट गया और मैं तुरंत उठी और बाथरूम मे घुस गई और खुद को साफ़ किया 
पहली बार ,उस रात हम पूरी तरह संभोग नही कर पाए l



खुद को साफ़ करने के बाद ,कुछ और देर ,बाथरूम मे ही रही और यह एहसास हुआ कि मैंने अपने भांजे को चूसा है l,एक धक्का लगा l निश्चित रूप से किसी भी तरह से मैं अपने भान्जे से किसी प्रकार का यौन स्पर्श नहीं रखना चाहती थी l किन्तु मेरे बगल में बिस्तर पर लेट्कर उसने मुझे फ़िर से छूना आरम्भ किया तो मैं अपने आप पर
नियंत्रण नहीं रख सकी l


मैंने तय किया कि अगले दिन ,अब मैं उससे साफ़ साफ़ कह दूंगी कि जो हुआ वह गलत और दुर्घटना के समान था और अब वह इस तरह की कोई अपेक्षा भविष्य मेम न करे मैं बेडरूम में गईऔर पाया कि वह पड़ा सो रहा है मैं उसी के बगल में जितना दूर बना सकती थी ,दूर हो कार लेट गई और सो गई l
अगले दिन रोज से थोडा देर लगभग सात बजे उठी पाया कि उसकी एक भुजा मेरे बदन के आर पार रखी हुई थी ,हौले से उसकी बाजू अपने बदन से हटाई और दैनिक कार्यों से निबटने के लिए उठ गई l
लगभग आठ बजे ,रसोई में नाश्ता बना रही थी कि एकाएक मुझे लगा कि दो हाथों ने मेरे स्तनों को पीछे से पकड़ लिया है और जिसने पकड़ा है वह अपना शरीर को मेरी पीठ पर दबा रहा हैl


जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#12
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#13
Nice story
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#14
(20-03-2022, 12:44 AM)neerathemall Wrote: thanks
दीप्ति ने भांजे से चुदाई की
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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