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Romance Charam Sukh Ki Prapti ♥
#1
Heart 
Hello Friends, 
I am here to share real story about my life and make you feel romantic again and obviously very Horny.

I am going to start posting very Soon , Bas Pyaar Barsate raho and kabhi kuch kahna ho feedback dena ho please dete rahna .

Love you all ,,..... 

Its Your Kavish.
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#2
Aaj me sunane ja raha hu wo kahani jab me aur meri girlfriend , Cinema Hall gaye movie dekhne and waha humne kya maze kiye .. 

So aaj ki ye story within 1 Hour Post ho jayegi.
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#3
दोस्तो, मैं कविश.. मैं दिखने में गोरा हूँ
मेरी उम्र 23 साल, कद 170 सेंटीमीटर है और मेरे लण्ड का साइज़ 8 इंच लम्बा गोलाई में 3 इंच मोटा है.. पूरा सीधा लण्ड है.. इसका सुपारा गुलाबी है
मैंने एक साल जिम में दिया है.. जिससे थोड़े बहुत मसल्स बन गए हैं और मेरा मर्दाना चौड़ा सीना भी बाहर को फूल गया है।
मैं मूलतः राजस्थान से हूँ.. कुछ महीनों के लिए दिल्ली में हूँ।
 
 
आज मैंने सोचा कि क्यों अपनी कहानी लिखी जाए.. मेरे जीवन में भी बहुत से मौके आए और बहुत से मौकों में चौके भी मारे।

दोस्तो, मैंवन गर्ल मैनहुआ करता था.. क्योंकि मेरी गर्लफ्रेण्ड ने ही मुझे सब कुछ सिखाया था। मैं बहुत सीधा टाइप था.. और मैं कभी अपनी हद पार नहीं करता था।
 
मेरी यह स्टोरी मेरी गर्ल फ्रेंड के बारे में है.. जिसका नाम सुहानी है.. उसका फिगर 36-30-34 का है.. गेहुआं रंग.. हमारे रिश्ते को दो साल हो चुके थे। हमने खूब सेक्स एंजाय किया.. और हमारे बीच बेहद प्यार भी था.. इतना कि उसकी सहेलियाँ मुझको मेरी गर्लफ्रेण्ड के साथ देख कर जलती थीं।
 
एक दिन हम दोनों ने मूवी देखना का प्लान बनाया और हम ट्राइटन मॉल में मूवी देखने गए। मेरा तो हमेशा से मन रहा है कि लड़की की चुदाई को हर आसन में और हर जगह पर चोदूं.. और तब तक चोदूँ जब तक वो रो दे।
 
तो बस मेरे दिमाग़ में खुराफाती ख्याल आने लगे थे..
हम दोनों तय समय में मॉल में पहुँच गए.. हम लोग अपनी सीट्स पर पहुँचे.. कॉर्नर सीट्स ही ली थी लेकिन ऊपर से दूसरी लाइन में सीधे हाथ की कोने की सीट थीं।
 
हम हॉल में थोड़ा लेट घुसे थे.. तो उस वक्त किसी दूसरी मूवी का ट्रेलर चालू था। फिलहाल हम अपनी सीट पर पहुँचे और बैठ गए। मैंने देखा कि हमारी बगल वाली सीट पर कोई नहीं था और दूसरे कॉर्नर में शायद एक कपल और बैठा था.. हॉल की लाइट्स ऑफ हो गई थीं.. मतलब हॉल में पूरा अंधेरा हो गया था।
 
मैं सबसे किनारे पर बैठा था।
मैंने एक ढीली सी जीन्स और एक टी-शर्ट और मेरी गर्लफ्रेण्ड ने भी एक ढीली सी जीन्स और ढीला टॉप पहना था.. जिसकी बाहें भी काफी चौड़ी थीं जो कि मेरी मैडम का प्लान था।
 
हम दोनों मूवी देखने लगे.. करीब आधे घंटे बाद हम दोनों थोड़ा अपनी हरकतें करने लगे.. वो मुझको सहलाने लगी। मेरी कमजोरी है.. मैं उसके सिर्फ स्पर्श करने से ही गर्म हो जाता हूँ.. उसका स्पर्श ही इतना ख़ास था कि कुछ मिनटों में मेरे लण्ड महाराज गर्म होकर हरकतें करने लग गए और मेरी जीन्स में अकड़ने लगे।
 
अब उसने अपना एक हाथ मेरी टी-शर्ट के किनारे से डाला.. और मेरे सीने पर उंगलियां फेरने लगी।
मेरे सीने में बाल है.. जो उसको बहुत पसंद हैं।
धीरे-धीरे वो मेरे सीने के निप्पल्स को सहलाने लगी.. जिससे मैं गर्म हो गया.. और मेरा लण्ड फनफनाने लगा।
 
अब उसने देर करते हुए.. अपना वही हाथ मेरी जीन्स के अन्दर डालना शुरू कर दिया। मैंने पहले से ही अपनी बेल्ट ढीली कर ली थी.. और वो मेरे लण्ड के अगले भाग को अपने अंगूठे से मेरी चड्डी के ऊपर से ही दबाने लगी.. जिससे मैं पगला सा गया।
 
अब उसने मेरीअमूल माचोकी चड्डी के बीच से मेरा मजबूत.. लम्बा.. सख्त.. मोटा-तगड़ा लण्ड जीन्स के अन्दर ही.. लेकिन चड्डी के बीच के छेद से बाहर निकाल लिया और धीरे-धीरे उसे मसलने लगी।
 
अब मैंने भी कंट्रोल छोड़ दिया.. और उसको बेतहाशा स्मूच करने लगा.. उसके रस भरे होंठों को चूस रहा था.. और अपने एक हाथ को उसके टॉप के नीचे से डाल दिया। उसने अपने ऊपर बैग रख लिया था.. जिससे कोई देखे तो भी किसी किस्म का शक हो।
मैं उसकी समीज के अन्दर से.. उसके ब्रा के ऊपर से ही उसके निप्पल्स को उंगली से कसकर मसलने लगा.. जिससे उसने स्मूच छोड़ कर सांस लेने के लिए होंठ अलग किए.. और तुरंत ही मैंने फिर से उसके होंठों को गप्प से अन्दर कर लिया.. और मैं उसके होंठों की खूब चुसाई करने लगा।
 
फिर मैंने हाथ पीछे ले जाकर उसकी ब्रा खोल दी.. अपने एक ही हाथ से.. जिसमें मैं बहुत एक्सपर्ट हूँ।
ब्रा खुलते ही उसके भारी मम्मे जो 36 भी साइज़ के हैं.. बाहर को गए। मैंने तुरंत ही उसकी ब्रा के अन्दर हाथ डाल दिया और उसके निप्पल्स को रगड़ने और मसलने लगा।
 
अब मैंने उसका टॉप ऊपर करके उसके दायें मम्मे को हल्का बाहर निकाला.. उसके चूचुक को खूब चूसा.. लेकिन उस पोजीशन में अधिक चुसाई नहीं हो पाई.. पर वो बहुत ज्यादा गरम हो गई और उसने मस्ती में अपनी आँखें बंद कर लीं। इसी के साथ उसने मेरे लण्ड पर अपनी पकड़ और मजबूत कर ली और मेरे लौड़े को आगे-पीछे करने लगी। इससे मेरे लण्ड में भी नसें फटने को हो गईं।
 
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#4
Part 2

हमारी स्मूच अभी भी जारी थी.. लेकिन उसकी तरफ से चूमने की रफ्तार धीमी हो गई थी। मैं उसके बड़े मम्मों को.. जो मेरे हाथ में भी पूरे नहीं  रहे थे.. तब भी अपने हाथों में पूरे भर कर दबाने की कोशिश किए जा रहा था। मैं उसके अपनी तरफ वाले मम्मे को अपने लेफ्ट हैंड से मसल रहा था.. खूब दबा रहा था।
 
अब उसने होंठ हटाए और बहुत धीमे स्वर में ‘आहें..’ भरने लगी। मैंने आव देखा  ताव.. उसी हाथ को.. उसकी जीन्स तक ले गया.. और उसकी जीन्स में डालने लगा। उसने भी कोई आपत्ति नहीं की।
 
मैंने जीन्स के अन्दर से ही उसकी पैन्टी के अन्दर ही डालते ही देखा.. तो मुझे महसूस हुआ कि उसकी पैन्टी गीली हो चुकी थी। मतलब वो बहुत गरमा गई थी।
 
वो मेरे कान के पास आकर बोलीआह्ह.. जान.. चोद दो मेरी चूत में फिंगरिंग करो ..
उसने अपनी टाँगें चौड़ी कर लीं ताकि मैं आसानी से सब कुछ कर सकूँ।
 
मैंने उसकी जीन्स को थोड़ा नीचे की तरफ खिसकाया ताकि उसकी चूत को कुरेदने के लिए थोड़ी जगह बन जाए। फिर मैंने सीधे ही पहले एक उंगली डाली ही थी कि वो पगला सी गई.. और मेरे लण्ड को तेजी से दबाने.. मसलने लगी।
 
कुछेक मिनट तक मैंने एक उंगली से उसकी चूत की चुदाई की।
तभी वो चुदासी सी आवाज में बोलीजान.. दूसरी भी पेल दो..
मैंने झट से दूसरी उंगली भी डाल दी.. और लगा उसको चोदने..
 
उसने मद्धम स्वर में सीत्कार हुए कहाजान.. आह्ह.. तेज.. और तेज करो..
मैंने स्पीड बढ़ाई.. करीब 3 से 5 मिनट लगातार फिंगरिंग की.. वो एकदम से अकड़ सी गई.. और मेरे लण्ड को तो उसने जैसे नोंच ही लिया हो..
जब तक उसका पानी नहीं निकल गया.. उसने मेरे लौड़े पर अपना अत्याचार जारी रखा।
 
फिर झड़ते ही उसने अपनी पकड़ ढीली कर दी.. और उसकी चूत के पानी ने मेरी दोनों उंगलियों को पूरा चिप-चिपा सा कर दिया.. मैंने हाथ निकाला और तुरंत उसके स्कार्फ़ से अपना हाथ को पोंछा।
 
वो अब चूत झड़ जाने से संतोष पा चुकी थी.. लेकिन मैंने उसको कान में बोलाहनी.. अब मेरी बारी..
उसने कहाजान.. आज बहुत मजा आया.. सच्ची.. बोलो क्या करवाना है जान?
मैंने बोलामुँह से तो चूस नहीं सकती.. हैंड-वर्क ही कर दो..
 
उसने अपने आगे वाली सीट्स को देखा कि कोई पीछे तो नहीं देख रहा.. जब संतुष्ट हुई.. तो उसने वही पिट्ठू बैग.. जो वो अपनी चूत पर रखे हुई थी.. मुझको दिया और धीरे से मेरे लण्ड मेरी जीन्स के बटन को और ज़िप को खोलकर बाहर निकाल लिया।
 
मेरी आदत है.. कि नहाने के बाद लण्ड को क्रीम जरूर लगाता हूँ और हल्की मालिश भी करता हूँ।
 
उसने जैसे ही जीन्स से बाहर मेरा लम्बा-मोटा सीधा लण्ड निकाला.. तो एक हल्की सी क्रीम खुश्बू आई.. जिससे महसूस करके वो पागल सी हो गई.. उसने एक बार फिर आगे देखा.. और हल्का सा नीचे झुकी और एक बार में मेरा आधा लण्ड अपने मुँह के अन्दर ‘गप्प’ से डाल लिया.. और जल्दी-जल्दी 6 से 7 बार अन्दर-बाहर किया।
 
इसी बीच वो उठने लगी.. तो मैंने बैग उसके ऊपर से रख लिया और उसके मुँह को अपने लण्ड के ऊपर दबा दिया। अब मैं जबरदस्ती पूरा लौड़ा उसके हलक में डालने लगा। लेकिन मेरा लण्ड लम्बा बहुत था.. तो पूरा वो कभी ले ही नहीं पाई थी.. 
 
फिर उसकी सांस उखड़ी.. तो झट से अचानक ऊपर को हुई.. और मैंने महसूस किया कि उसके हल्के से आंसू  गए थे.. उसने अपने मुँह को और मेरे लण्ड को स्कार्फ़ से पोंछा.. और अब अपने सीधे हाथ से मेरे लौड़े को तेज-तेज.. बहुत तेजी से ‘हैंडवर्क’ देने लगी। अब मैं भी आँखें बंद करके बैठ गया.. और लण्ड चुसाई का मजा लेने लगा।
 
दोस्तोमुझे बहुत मजा  रहा था.. पर इस मजे के बीच में उसकी सहेलियां कहाँ से आईं ये आपको अगले हिस्से में लिखूँगा।
  banana
  
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