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Incest पहली बार बड़ी बहन ने मेरा लंड चूसा
#1
पहली बार बड़ी बहन ने मेरा लंड चूसा
































Tongue
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
(09-03-2022, 01:07 PM)neerathemall Wrote:
पहली बार बड़ी बहन ने मेरा लंड चूसा











मैं अपने मामा के लड़के की शादी में गया था.
वहां मेरे मामा की सभी लड़कियां आई थीं, जिनमें से एक दीदी का नाम आशिमा था. उनकी शादी को नौ साल हो गए थे.
आशिमा दीदी का रंग एकदम गोरा, कद पांच फुट दो इंच, एकदम सुडौल शरीर और उभरी हुई गोल मटोल गांड … वो एकदम कामदेवी लग रही थीं.
उनको देख कर किसी का भी मन मचल जाए.
उस समय उनके लिए मेरे मन में ऐसा कोई इरादा नहीं था मगर मुझे भी वो काफी हॉट एंड सेक्सी लगी थीं.
उस समय मेरी उनसे ऐसे ही सामान्य बातें हुईं.
मैंने उनका हाल चाल पूछा, उन्होंने मेरी जॉब के बारे में पूछा और इधर उधर की बातें की.
शादी के बाद मैं अपने घर आकर जब वापिस जॉब पर गया तो एक अज्ञात नंबर से मुझे मैसेज आया.
पूछने पर पता चला कि वो तो मेरी वही बहन आशिमा थीं.
उन्होंने वो मैसेज एलआईसी की पॉलिसी करने के लिए भेजा था क्योंकि उनके पति एलआईसी में काम करते थे.
उसके बाद मैसेज से फिर सीधे कॉल से बातों का सिलसिला शुरू हो गया.
दीदी बहुत मजाकिया स्वाभाव की थीं और वो शुरू में मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के लिए पूछती थीं.
मैं शर्मा जाता था और उनके सामने कुछ नहीं बोल पाता था.
हमारे बीच मैसेज से जोक्स का सिलसिला शुरू हो गया.
फिर दीदी ने एक सॉफ्ट पोर्न की क्लिप भेजी और हो हो करके हंसने लगीं.
मुझे भी मजा आया मगर अपनी बहन के साथ इस तरह की क्लिप को देख कर उस पर चर्चा करना मेरे लिए जरा असहज करने वाला था.
पर दीदी का बिंदास स्वभाव मुझे बड़ा मस्त लगा.
अब वो साफ़ साफ़ शब्दों में सेक्स की बातें करने लगी थीं.
कुछ ही दिनों में उन्होंने मुझे*****सेक्स कहानी की एक लिंक भेजी और मुझसे उसे पढ़ने को कहा.
मैंने ****साईट पर सेक्स कहानी को पढ़ा तो मुझे बहुत मजा आया.
मैंने साईट पर बहन भाई के सेक्स कहानी को भी पढ़ा.
उस वक्त मुझे इतना अधिक सेक्स चढ़ा कि मैंने आशिमा दीदी की याद करके मुठ मार ली.






















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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
जब मैं दीदी को याद करके अपना लंड हिला रहा था, तभी दीदी का कॉल आ गया.
उन्होंने मुझसे बात करनी शुरू कर दी- और सुना क्या कर रहा है?
मैंने कहा- आपकी लिंक खोल कर देख रहा हूँ.
दीदी- मेरी खोल कर देख रहा है या कहानी की लिंक खोल कर देख रहा है?
ये कह कर दीदी फिर से जोर जोर से हंसने लगीं.
मैंने कहा- खोली तो सेक्स कहानी की लिंक ही थी, मगर उसमें भाई बहन की खोलकर देख रहा हूँ.
दीदी बोलीं- देख रहा है या हिला रहा है.
मैं भी खुल गया और कह दिया- हां यार दीदी बड़ी सेक्सी कहानी है, मुझसे तो रहा नहीं गया.
दीदी बोलीं- अच्छा मतलब हिला चुका है?
मैंने कहा- नहीं अभी हिला ही रहा था कि आपका फोन आ गया.
वो बोलीं- ओ हो मैंने डिस्टर्ब कर दिया है क्या?
मैंने कहा- अरे यार दीदी आपने डिस्टर्ब नहीं किया बल्कि आपने तो और ज्यादा मजा दे दिया.
वो बोलीं- मैंने मजा दे दिया … भला वो कैसे?
मैंने कहा- आप इतनी अच्छी हो कि मुझसे इतना खुल कर बात कर लेती हो.
दीदी बोलीं- तू कहे तो मैं फोन पर ही तेरा हिला दूँ?
मैं उनकी बात सुनकर मस्त हो गया.
मगर मैंने तब भी उनसे कहा- आप मेरी दीदी हैं, इस बात का मुझे ख्याल नहीं चाहिए क्या?
वो बोलीं- हां ये तो है … मगर इसका एक रास्ता है मेरे पास!
मैंने कहा- क्या रास्ता है दीदी.
दीदी- अपन दोनों अपने बहन भाई के रिश्ते अलग रखेंगे और सेक्स वाले रिश्ते अलग रखेंगे.
मैं इस बात पर अपनी बहन के साथ राजी हो गया.
धीरे धीरे उनको मेरी बातों में इंटरेस्ट आने लगा.
मैंने उनकी केयर करना शुरू कर दिया.
अब हमारी बातें प्यार और सेक्स भरी बातों में बदलने लगीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
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#5
कुछ ही दिनों में हम दोनों के अन्दर एक दूसरे के लिए इतनी बेचैनी बढ़ गई कि जल्दी मिलने को जी करने लगा.
कुछ समय बाद मैं वापिस घर आया तो मालूम हुआ कि मेरे मामा का अपेंडिक्स का ऑपरेशन हुआ है.
आशिमा दीदी भी उसी शहर में रहती थीं. मामा के खाने का इंतज़ाम उनके घर से ही होता था तो मैं मामा से मिलने अस्पताल गया.
मैं मामा से मिलने के बाद आशिमा दीदी के साथ उनके घर चला गया.
हम दोनों को ही इसी पल का इंतजार था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
आशिमा दीदी ने जीजा जी को फोन लगाया और उनका आने का पूछा तो उन्होंने एक घंटे देरी से आने को कहा.
अब दीदी ने मुझे देखा और मुस्कुरा दीं.
उस समय दीदी का लड़का दूसरे रूम में था.
उसकी उम्र तब सात साल की थी तो उसे इन सबका इतना पता नहीं था.
मैं आशिमा दीदी को दूसरे रूम में ले गया और उन्हें अपनी बांहों में भर लिया.
अपने होंठों को उनके होंठों पर रख दिए और रसपान करने लगा.
दीदी भी मेरे सीने से लगकर मुझे चूमने लगीं.
मैंने उनके दूध दबाने शुरू कर दिए.
मेरा लंड अकड़ कर आशिमा दीदी की चुत से टकरा रहा था.
मैं एक हाथ से उनके दोनों उरोजों को जोरों से दबाने लगा और मैंने अपनी जीभ दीदी के मुँह में डाल दी.
दीदी भी मेरी जीभ से अपनी जीभ लड़ाने लगी थीं.
हम दोनों सब कुछ भूल कर सेक्स का मजा लेने लगे.
तभी मैंने दीदी की चूत को उनके कपड़ों के ऊपर से टटोलना शुरू कर दिया.
दीदी की मादक आहें और कराहें निकलने लगीं.
कमरे का माहौल बहुत गर्म हो गया था.
हम दोनों में लगभग पांच मिनट तक किस चला, फिर हम अलग हुए.
दीदी मुझसे बोलने लगीं- राहुल कितने दिन से इस पल का इंतजार कर रही हूँ.
मैं- हां मेरी जान … मेरा भी आपसे मिलने का बहुत मन था. अब मुझे जल्दी से आपकी चुदाई करना है.
आशिमा- वो सब अभी नहीं हो सकता है राहुल … अभी तेरे जीजा जी आ जाएंगे, हम इतनी जल्दी में ऐसा नहीं कर सकते हैं.
मैं- तो फिर कैसे करें दीदी … मेरा तो लंड फटने को हो रहा है. इसका कुछ तो करो.
आशिमा- इसको शांत करने का एक और तरीका है मेरे पास.
आशिमा दीदी ने कातिल मुस्कान के साथ जब ये कहा, तो मैं समझ गया.
आशिमा दीदी ने मेरी जींस की जिप खोली और मेरे लंड को टटोल कर बाहर निकाल लिया. मेरा लंड अपने पूरे आकार में था और मैंने झांटें भी साफ कर रखी थीं.
इधर मैं अपने पाठकों को बता देना चाहता हूँ कि मेरे लंड का साइज़ औसत छह इंच का ही है और मोटाई भी ठीक ठाक है.
मैं बाकी लोगों की तरह डींगें नहीं मारूंगा कि मेरा लंड बहुत बड़ा और मोटा है … या दस इंच का है. ये सब काल्पनिक बातें होती हैं … हां भारत में लम्बे लंड होना एक अपवाद हो सकता है.
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#7
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#8
(09-03-2022, 01:17 PM)neerathemall Wrote: happy happy happy happy

आशिमा दीदी ने मेरे लंड को गौर से देखा और फिर मेरे लंड पर बने तिल को देख कर बोलीं- बहुत किस्मत वाले हो … बहुत चूत मिलेंगी चुदाई को!
दीदी की ये बात बाद में सच भी हुई. मैंने अब तक बहुत चूत चोद ली हैं.
मैंने कहा- हां देखो इसकी ओपनिंग भी मेरी बहन के साथ ही हो रही है.
दीदी मुझे देख कर बोलीं- क्या सच में तूने अभी तक किसी की चूत नहीं चोदी है?
मैंने कहा- नहीं दीदी, मैं अभी तक कुंवारा ही हूँ.
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#9
[img]दीदी बोलीं- हम्म … तब तो मुझे भी पहली बार कुंवारे लंड का मजा मिलने वाला है. मैंने कहा- क्यों जीजा जी का लंड कुंवारा नहीं था क्या? दीदी बोलीं- अरे वो तो पहले से ही न जाने कितनी लड़कियों के साथ सेक्स कर चुके थे.  मैंने दीदी के दूध दबाते हुए कहा- और आपने तो पहली बार ही अपनी चूत जीजा जी से खुलवाई होगी?  दीदी ने आंख दबा कर कहा- अरे मैंने तो जवान होते ही केला चख लिया था. मैंने कहा- वो कौन भाग्यशाली बंदा था, जिसने मेरी दीदी की सील तोड़ी थी?  दीदी बोलीं- वो सब छोड़ … अभी उन सब बातों का समय नहीं है. अभी तो मैं तेरे कुंवारे लंड से खेलना चाहती हूँ.  मैंने कहा- अब ये आपका ही लंड है दीदी … जितना मर्जी खेल लो.[/img]

दीदी बोलीं- हम्म … तब तो मुझे भी पहली बार कुंवारे लंड का मजा मिलने वाला है.
मैंने कहा- क्यों जीजा जी का लंड कुंवारा नहीं था क्या?
दीदी बोलीं- अरे वो तो पहले से ही न जाने कितनी लड़कियों के साथ सेक्स कर चुके थे.
मैंने दीदी के दूध दबाते हुए कहा- और आपने तो पहली बार ही अपनी चूत जीजा जी से खुलवाई होगी?
दीदी ने आंख दबा कर कहा- अरे मैंने तो जवान होते ही केला चख लिया था.
मैंने कहा- वो कौन भाग्यशाली बंदा था, जिसने मेरी दीदी की सील तोड़ी थी?
दीदी बोलीं- वो सब छोड़ … अभी उन सब बातों का समय नहीं है. अभी तो मैं तेरे कुंवारे लंड से खेलना चाहती हूँ.
मैंने कहा- अब ये आपका ही लंड है दीदी … जितना मर्जी खेल लो.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#19
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