Thread Rating:
  • 6 Vote(s) - 3 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica मेरी बीवी अनुश्री
#1
मेरी बीवी अनुश्री


[Image: 20211206-164316.jpg]


प्रस्तावना



दोस्तों आप लोगो के सामने एक छोटी कहानी प्रस्तुत कर रहा हूँ जिसमे मै और मेरी पत्नी की पूरी यात्रा का व्रणन है.
मेरी बीवी अनुश्री एक क़यामत है एक दम पटाखा
बदन ऐसा की अच्छे अच्छे फिसल जाये कामुक हसीन औरत, उम्र मात्र 24 साल, ना ज्यादा मॉर्डन है ना ज्यादा संस्कारी मतलब साड़ी पहनने से भी बचती है और बदन दिखाऊ कपड़ो को ना भी करती है.
34-24-36 का जानलेवा साइज है.
मेरी शादी को 4साल जो गए है.
पैसो की तंगी कक वजह से हम लोग कभी हनीमून पे नहीं जा पाए.
लेकिन आज मेरा धंधा सेट हो गया था,पैसा भी आ गया था तो सोचा चला जाये कही घूमने.
पैसो की तंगी की वजह से हमने कभी बच्चा पैदा करने का भी नहीं सोचा तो घर वालो की सलाह से पूरी जाने का प्लान फिक्स हुआ ..... जगन्नाथ जी से जो मांगो तो मिलता है.
मेरे मन मे भी यही था.
बात मेरी सेक्स जीवन की तो शादी के शुरुआती दिनों मे मैंने अनुश्री को खूब भोगा खूब पेला,जैसा की आमतौर पे सब करते है परन्तु समय के साथ साथ सम्भोग की इच्छा ख़त्म सी हो चली.. मै अपना धंधा ज़माने मे व्यस्त हो गया.
इस व्यस्तता मै कब मै अपनी पत्नी को खो बैठा बता ही ना चला..लेकिन आम भारतीय नारी की तरह उसने कभी कोई शिकायत नहीं की ना कोई गिला किया जो था जैसा था चलने दिया.
तो ये कहानी है मेरी और मेरी पत्नी अनुश्री की.
[+] 1 user Likes Andypndy's post
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#2
Contd
Like Reply
#3
Exciting story hai.. I am following it on other site too.. Excitedly waiting for Anushree's adventures
Like Reply
#4
Wah mast saruvat. aage badho.
Like Reply
#5
Nice start, update more
Like Reply
#6
Kaha ho Bhai waiting for next update
Like Reply
#7
अपडेट -1

तो घर वालो को सलाह से हमारा जागनाथ पूरी जाने का प्लान आखिर बन ही गया.
मेरा बिलकुल भी मन नहीं था जाने का मेरे बिज़नेस मे नुकसान होता
परन्तु माँ को डांट की वजह से जाना पड़ रहा था.
ये पहली बार था की हम लोग शादी के बाद कही बाहर घूमने जा रहे थे.
अनुश्री :- आप ख़ुश तो हो ना? कोई समस्या तो नहीं ना?
मै :- नहीं जान बल्कि ख़ुश हूँ की काफ़ी समय बाद हमारे घूमने का संयोग बना है.
अगली सुबह हमारी ट्रैन थी आज रात खुशी खुशी मैंने अपनी बीवी को जम के पेला पुरे 5मिनट.
अब मेरा तो यही होता है जम के पेलना,साड़ी उठाई और पेला जम के.
मेरी बीवी को भी इसी सेक्स की आदत थी इसके लिए सेक्स यही होता है 5मिनट का इस से ज्यादा कुछ नहीं.
सुबह ही चली थी
मेरी बीवी अनुश्री जम के तैयार हुई पिली साड़ी,स्लीवलेस लाल ब्लाउज,माथे पे बिंदी और सिंदूर, हाथो मे चूड़ियाँ,गले मे लटकता मंगलसूत्र,
उसे इस बात का अहसास ही नहीं था की वो किस कदर सुन्दर है, उसे लोग घूरते थे परन्तु उसे ये बात सामान्य ही लगती थी.
हालांकि उसके स्तन इतने बड़े और कठोर थे की ना चाहते हुए भी ब्लाउज से बाहर आने को बेताब ही रहते थे.
अनुश्री का गोरा मखमली बदन चमक रहा था साड़ी मे.
20210731-165815.jpg
मैंने भी जीन्स शर्ट टांग ली अपने बदन पे.
मेरी बीवी सुन्दर तो थी ही आज और ज्यादा लग रही थी परन्तु शादी के 4साल बाद कौन तारीफ करे
बस यही सब गलतियां मै करता जा रहा था.
हम लोग बड़ो से आशीर्वाद ले चल पड़े जगन्नाथ पूरी की यात्रा पे.
ट्रैन टाइम पे ही थी सुबह 8बजे हम ट्रैन मे चढ़ गए.
अब मेरे पास पैसे की कोई कमी नहीं थी इसलिए मैंने अपना टिकट 3rd ac मे करवाया था.
हम अपने डब्बे मे चढ़ गए.
मैंने सामान सेट किया और सीट पे बैठ गए.
अनुश्री बहुत ख़ुश थी आज उसकी खुशि उसके चेहरे से साफ झलक रही थी, होंठो पे लाली लिए उसके होंठ और ज्यादा कामुक और मादक लग रहे थे.
डब्बे मे मौजूद हर शख्स की नजर मेरी बीवी पे ही थी, मुझे ये सब सामान्य लगा अब सुन्दर चीज देखने के लिए ही तो होती है ना.
लेकिन मजाल की मेरी बीवी किसी की तरफ आंख उठा के देख ले.
मुझे अपनी बीवी की खूबसूरती और संस्कार पे गर्व होने लगा.
तभी एक दम्पति मेरी सीट के पास आये
लड़का :- भाईसाहब ये सीट मेरी है उठिये आप "
मै :- ऐसे कैसे ये तो मेरी सीट है मेरा रेसरवेशन है.
तभी TTE भी शोर सुन के पास आया.
Tte :- क्या बात है क्या प्रॉब्लम है?
मै :- देखिये ना सर ये मेरी सीट है और ये भाईसाहब बोल रहे है की मेरी है.
TTE ने हम दोनों के टिकट लिए
टिकट देखा फिर मुझे देखा "भाईसाहब ऐसा करे आप अगले स्टेशन से उतर के पीछे जनरल डब्बे मे चले जाये और फाइन भी भरते जाये "
मै :- ऐसे कैसे...? कैसे बात कर रहे है आप
मेरे और अनुश्री के चेहरे पे चिंता की लकीर आ गई.
TTE:- ये टिकट कल की डेट का था और आप आना ट्रेवल कर रहे है.
पड़े लिखें है देख के टिकट तो बुक करते.
अब मै सकते मे आ गया था मेरे से भागमभाग मे बड़ी गलती हो गई.
TTE से टिकट लगभग छीन के किसी उल्लू की तरह कभी टिकट देखता कभी TTE को
अनुश्री :- चलिए ना घर ही चले जायेंगे, यात्रा शुरू होते ही व्यवधान आ गया.कोई अनहोनी ना हो जाये.
मै :- कैसी बात करती हो अनु मै धंधा पानी छोड़ के छुट्टी ले के आया हूँ वापस जाने के लिए? तुम बैठो मै देखता हूँ.
मैंने बड़ी उम्मीद की नजर से TTE की तरफ देखा जो की मेरी बीवी को ही देख रहा था. उसकी नजरें कही टिकी हुई थी
जबकि अनुश्री सर झुकाये बैठी थी.
20210731-170115.jpg उसके स्तन वाकई ऐसे थे की ना चाहते हुए भी लोगो को दर्शन दे ही दिए थे,ये बात मेरे लिए सामान्य ही थी
परन्तु हो सकता है TTE के लिए ना हो मेरी आवाज़ से TTE का ध्यान भंग हुआ.
मै :- सर कुछ हो नहीं सकता? अब वापस जाऊंगा तो अच्छा नहीं लगेगा.
TTE :- बता तो चूका अगले स्टेशन उतर के जनरल डब्बे मे चले जाओ,उसका चालू टिकट मै दे देता हूँ.
लाओ हज़ार रूपए.
मैंने लाख कोशिश की लेकिन जवाब वही की जगह नहीं है.
अनुश्री :- जनरल डब्बे मे कैसे जायेंगे हम लोग.
मै :- अरी तुम डरती बहुत हो वहा कोई भूत नहीं रहते है इंसान ही है वो भी,खूब सफर किया है जनरल डब्बे मे.
अगले स्टेशन उतर के चले जायेंगे वैसे भी रात 12 बजे तक की ही बात है पूरी पहुंच जायेंगे
कम से कम वहा बैठे की जगह तो मिलेगी.
मेरे आगे अनुश्री कुछ बोल ना सकी.
ट्रैन धीमी होने लगी...हम लोगो ने अपने बैग उठा तैयार हो गए जनरल डब्बे मे जाने के लिए.
बस मै यही जिंदगी की सबसे बड़ी गलती कर गया....मुझे नहीं जाना था जनरल डब्बे मे.

अनुश्री का नजरिया

मै अनुश्री
अपने पति के साथ जगन्नाथ पूरी यात्रा पे निकली हूँ
मेरा मन सुबह से ही किसी अनजान आशंका से घबरा रहा था,फिर ट्रैन मे चढ़ते ही ट्रैन माँ लफड़ा हो गया.
मै जनरल डब्बे मे बिलकुल भी नहीं जाना चाहती थी परन्तु अपने पति मंगेश की बात मान कर स्टेशन पे उतर गए.
यहाँ ट्रैन ज्यादा समय के लिए रूकती नहीं थी तो अंगद दोनों हाथो मे दो बैग लिए दौड़ते हुए पीछे की तरफ भागे जा रहे थे.
मै भी उनके पीछे पीछे लगभग भागती हुई चली जा रही थी
"आज का दिन ही ख़राब है कहाँ मै ये ऊँची हील की सैंडल पहन आई, अच्छे से चला भी नहीं जा रहा"
तेज़ी से चलने की वजह से मेरी साड़ी अस्तव्यस्त हो रही थी कभी पल्लू गिरता तो उसे उठाती तो कभी अपना हैंडबैग संभालती.कभी हवा के जोर से साड़ी हट जाती और नाभि दिखने लगती.
Uniform-Late-Islandwhistler-max-1mb.gif
ना जाने क्यों सभी लोग मुझे ही देख रहे थे या मेरा भरम था शायद मुझे क्यों देखनेगें भला.
na-QFWFa-N8-Lfjqqx4fsm-Lpmb-Y.gif
"देख तो साली की गांड क्या हिल रही है साली खड़े खड़े पानी निकाल देगी ये तो " जल्दी जल्दी चलते हुए मेरे कानो मे ये शब्द पड़ गए जो की दो कुली आपस मे बात कर रहे थे..
ये शब्द नये नहीं थे मेरे लिए, मै अक्सर अपने जिस्म की तारीफ सुन लिया करती थी कभी मार्किट मे सब्जी लेते वक़्त तो कभी मॉल मे कभी सिनेमा हाल मे.
मै जल्दी मे थी मैंने उनपे ध्यान नहीं दिया.
कुकुकु..... ओह शिट ट्रैन चलने लगी.
ट्रैन को चलता देख मेरे हाथ पाँव फूलने लगे
अंगद भी कही दिखाई नहीं दे रहे थे लगता है मै काफ़ी पीछे ही रह गई थी.
तभी एक आवाज़ आई " अनु उसी डिब्बे मे चढ़ जाओ अगले स्टेशन मे पीछे आ जाना "
सामने देखा तो मेरे पति मंगेश D3 डब्बे से हाथ हिला के बोल रहे थे
D1 मेरे सामने था मुझे उनका सुझाव ही सही लगा.
ट्रैन अभी मध्यम गति पे ही थी,D1 के दरवाजे पे वैसे ही भीड़ थी,मै चढ़ने को ही थी की पल्लू सरक गया,
bhabhi-saree.gif


पल्लू संभालती उस से पहले ही दो हाथ मेरे पिछवाड़े आ के लग गए.
"अरे जल्दी चङो मैडम ट्रैन निकल जाएगी" एक जोड़ी हाथ पूरी तरह मेरे कुलहो पे कस गए भीड़ इतनी थी की ना पल्लू उठाने का समय था ना पीछे देखने का.

कथा जारी है.... अनुश्री की आशंका गलत नहीं थी.
कुछ तो है जो होने वाला है
[+] 3 users Like Andypndy's post
Like Reply
#8
Update train journey adventure of Anu Sri.
Like Reply
#9
कहानी को पूरा पढ़ने के लिए यहाँ जाये.

https://kamukwine.blogspot.com/
Like Reply
#10
अपडेट -47



होटल मयूर



"तुम दोनों से एक काम नहीं होता है, और कितना समय लगेगा?"

"अन्ना....बस समझो वो काबू मै ही है "



"अब्दुल ये बात मै कब से सुन रहा हूँ, जल्दी करो वो टूरिस्ट है कब तक यहाँ रहेंगे? वो आज टिकट कराने गये है "



"नहीं मिलेगा अन्ना आप बेवजह फ़िक्र कर रहे है, अभी सीजन है सभी ट्रैन फूल है "



"देखो मिश्रा ये दोनो हाथ से नहीं निकलनी चाहिए, मोटी असामी है अच्छा खासा पैसा मिलेगा, ऐसे नहीं तो ब्लैकमेल कर के ही सही हाहाहाःहाहा.....

तीनो आठहस लगा कर हॅस पड़े



"रेखा तो समझो मेरे कब्जे मे है, बस उस नयी नवेली को फ़साना है"

"मालिक वो तो अधेड़ जवान है विधवा है उसे पटाने मे क्या मेहनत "

"मिश्रा सही कह रहा है अन्ना मुश्किल तो उस पतीव्रता मैडम को पटाना है जो लगभग हम दोनों के जाल मे फस चुकी है, पीछे का दरवाजा मैंने खोल ही दिया है, आगे का मिश्रा खोल देगा "

बोलते हुए अब्दुल का सीना गर्व से चौड़ा हो गया.







ठाक ठाक....ठाक......कि आवाज़ से तीनो का वार्तालाप टुटा



"सससह्ह्ह्ह...लगता है कोई सीढ़ी उतर रहा है.

तीनो बाहर आ गये.



जैसे ही सामने के नज़ारे पर निगाह पड़ी कि सभी के होश फाकता हो गये, लाल साड़ी मे लिपटी अनुश्री कि कामुक काया अपनी शोभा बिखेर रही थी, उसका जिस्म इस कद्र साड़ी मे कसा हुआ था एक एक अंग साफ अपनी कामुकता बयान कर रहा था.317554e81f02822fafb11156638c679b

अब्दुल मिश्रा इस नज़ारे को देख माधहोश से हो गये.

महीन साड़ी से अनुश्री कि नाभि दमक रही थी, ऊपर से उसके खुले बाल, लाल सुर्ख होंठ इस मदकता मे किसी स्वर्ग कि अप्सरा को भी मात दे रहे थे.



तभी अनुश्री ने हवा से लहराते बालो को सँभालने के लिए हाथ से जुल्फों को थाम पीछे कर दिया, इस उपक्रम मे अनुश्री कि कामुक कांख सभी के सामने नंगी हो गई.6399f2577b87580da9422cc4a725fa1b



ये कामुक का सफर इसी एक अंग से शुरु हुआ था.

एक महीन सी कामुक गंध का अहसास वहाँ मौजूद सभी के हिस्से आया.

पीछे रेखा भी चली आ रही थी सिंपल सादगी लिए लेकीन इस उम्र मे भी जिस्म ऐसा था कि अपनी कहानी बयान कर देता था, स्लीवलेस ब्लाउज से उसके स्तन सीढ़ी उतरने के साथ बाहर को आते फिर अंदर समा जाते.images-9

लुका छुपी का खेल चल रहा था जैसे.

अन्ना भी काम रुपी तीर से घायल था.



"आप सब लोग यहाँ " रेखा ने उनके बाजु से गुजरते हुए कहा.

अनुश्री भी उनकी हालत पर मुस्कुरा दि तीनो बूत बने खड़े थे.

"वो....वो.....हाँ....इन दोनों को कुछ काम समझा रहा था निक्क्मे हो गया जी ये लोग " अन्ना जैसे तैसे संभल कर बोला.

रेखा सिर्फ मुस्कुरा दि.



ये मुस्कुराहट अनुश्री से छुपी ना रह सकी "ये रेखा आंटी इतना क्यों मुस्कुरा रही है अन्ना से बात करते वक़्त पहले तो ऐसा नहीं था, कहीं......कहीं....नहीं ये कैसे हो सकता है रेखा आंटी ऐसी तो नहीं है "

अनुश्री सामने अन्ना और रेखा को बात करते हुए देख रही थी, उसके दिमाग़ मे अंधी सी चल रही थी सुनाई नहीं दे रहा था बस दिख रहा था अन्ना के चेहरे कि कुटिल मुस्कान और रेखा कि कामुक हरकते, वो कुछ ज्यादा लहरा रही थी, लचक रही थी.

"लल्ल.....लेकीन रेखा आंटी तो ऐसी नहीं है"

"ऐसी तो तु भी नहीं है अनुश्री, वो भी औरत है वो भी विधवा अभी भी जवान है "

अनुश्रिनके दिल ने उसकी बात को पुरजोर नकार दिया.

औरत कि भी कोई जरुरत होती है.

मा....माँ जी चले " अनुश्री ने बीच मे टोक दिया "लेट हो रहे है "

पीछे खडे मिश्रा अब्दुल एकटक अनुश्री के जिस्म को टटोल रहे थे.



अनुश्री ने एक नजर देख मुँह फेर लिया.

दोनों ही बाहर निकाल ऑटो मे सवार हो निकल पड़े.

"भोजोहोरी मन्ना " रेस्टोरेंट यहीं नाम बताया था मंगेश ने माँ जी.

ऑटो चल पड़ा.



उनके ठीक पीछे खड़े ऑटो मे "हाँ बे हिचहहम्म्म...उस ऑटो के पीछे ले ले, जहाँ जाये वहाँ चल गट...गट....गट....हिच...."

पीछे बैठे शख्स के हाथ मे थमी दारू कि बोतल उसके होंठो से जा लागई और ऑटो अनुश्री के ऑटो के पीछे.



पीछे काठ के उल्लू उन अप्सराओ को देखते ही रह गये.

"अय्यो आज तक इतना गेस्ट आया इस होटल मे लेकीन इनसे ज्यादा सुंदर औरत हम नहीं देखा जी " अन्ना के दिल कि बात जबान पर आ ही गई.

"सही कहाँ अन्ना....इनके लिए तो खुद लूट जाओ तो कम है " मिश्रा ने अपने पाजामे के उठे हुए भाग को सहलाते हुए कहा.



"हट साला मदरचोदा इसलिए तुम साला गरीब होना, लड़कियों के लिए कभी पैसा दवा नहीं लगना लंड लगाना जी हाहाहाहाहा.....

एक बार फिर तीनो हॅस पड़े.



कहीं दूर किसी होटल मै.

"उडी बाबा मुख़र्जी कब तक यहाँ झक मोरंगे "

सही बोला बंधु " वो आदमी भी नहीं मिल रहा इतना ढूंढ़ लिया हरामी को "

मिल जायेगा बंधु बच के जायेगा कहाँ? चल अभी कुछ बंगाली खाना खाने का मन है.



ठीक है बोंधु चल फिर फेमस रेस्टोरेंट "भोजोहोरी मन्ना "



सभी लोगों कि एक ही मंजिल थी रेस्टोरेंट "भोजोहोरी मन्ना" पुरी का फेमस बंगाली रेस्टोरेंट.images-7



क्या नियति थी ये या दुनिया ही छोटी है सब बार बार टकरा जाते थे एक ही समय एक ही जगह....

ये बंगाली बंधुओ का क्या मकसद है? किस आदमी कि तलाश मे है वो लोग?



क्या होगा रेस्टोरेंट मे वक़्त ही बताएगा...



अगला अपडेट आज रात यहाँ पढ़े....

[URL unfurl="true"]https://kamukwine.blogspot.com/[/URL]



जब तक आप बता सकते कि क्या होगा?
Like Reply
#11
अनुश्री......

[Image: 001674.png]
I Am Prasad. Are You Interested trade in index options. Capital require 30k...Join My FREE TELIGRAM GROUP with 90% accuracy...
.
https://' niftybankniftyteam
.
or
.
Follow this link to join my WhatsApp group:
https://chat.whatsapp.com/CvDpU1sVofsIery1UzWeWD
Like Reply




Users browsing this thread: 1 Guest(s)