Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Romance मेरी पहली चुदाई मेरे अंकल ने की
#1
अकंल  ने मनेस की गांड मारी इस कहानी में.

 मेरी अकंल  जी हमारे घर आये हुए थे. मैंने उन दोनों को सेक्स करते देख लिया. अकंल मेरा नाम लेकर मनेस की गांड मार रहे थे.
दोस्तो, आप सभी को मन्दीप का नमस्कार! मैं एक 29 वर्षीय हूं और मैं सिकर , राजस्थान में रहता हूं।
मैं गदराये बदन की मालकिन हूं। मेरी फिगर 38D-32-40 की है और गोरा रंग है।
मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है, मेरी इस हाईट और फिगर की वजह से बहुत ही सेक्सी लगता हूं।

यह मेरी पहली कहानी है पहली चुदाई की, जिसमें अकंल ने मन्दीप की गांड मारी. उम्मीद है कि आप लोगों को पसंद आएगी।
कहानी आज से लगभग 4-9 साल पहले की है, तब मैं शाहर में रहता था।
मुझसे काफी हंसी मजाक करते थे। कभी कभी वो मुझे इधर उधर हाथ भी लगा देते थे।
मैं भी इस सबका खूब मजा लेता थी।


गर्मी के दिनों में हम सब छत पर सोया करता था।

इसी तरह एक रात हम सब सो रहे थे कि अचानक से मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि और अकंल जी मनेस सीढ़ियों से नीचे जा रहे हैं।

मैं समझ गया था कि इनका चुदाई का प्रोग्राम है। मैं भी चुपके से इनके पीछे उतर गया।

मैंने देखा कि दोनों अपने कमरे में जाकर गेट बंद कर लिया है।
फिर मेरा ध्यान उस रूम के खिड़की पर गया तो मैंने देखा कि वो खुली हुई है। उन दोनों ने शायद जल्दी जल्दी में ध्यान नहीं दिया।


मैं छुप कर वहां से अंदर कमरे में देखने लगा।

मैंने देखा कि दोनों एक दूसरे से चिपके हुए हैं और एक दूसरे को किस कर रहे हैं।
फिर उन दोनों ने अपने अपने कपड़े उतारे.
और फिर मेरी मनेस घुटनों पर बैठ गया और अकंल का लन्ड हाथ में लेकर खेलने लगा।

तब मेरी नजर अकंल के औजार पर गई तो मैं चौंक गया, मेरी आंखें खुली की खुली रहा गया।

उनका लन्ड बहुत ही लंबा, लगभग 7 इंच का, मोटा और काला था।

मनेस ने अकंल का लंड अपने मुंह में ले लिया और किसी पोर्न स्टार की तरह चूसने लगा।

अकंल ने उनके बाल पकड़ रखे और जोर जोर से अपना लन्ड अन्दर बाहर कर रहे था।

मनेस बड़ी मुश्किल से उनका पूरा लन्ड अपने मुंह में ले पा रही थी और उनके मुंह से झाग भी निकल रहा था।
बीच बीच में अकंल उन्हें थप्पड़ भी मार रहे थे और गाली दे रहे थे- चूस, साला रण्डी।
मैं भी यह सब देख कर काफी उत्तेजित हो गया । और मैं अपनी गाड  को सहलाने लगा।

कुछ मिनटों के बाद अकंल ने मनेस  को गोद में उठाया और बेड पर पटक दिया।
मनेस उनके शरीर के सामने एक नन्ही गुड़िया जैसी ही लग रहा था।

फिर अकंल ने उन्हें कुतिया बनने को कहा।
मैं सोचने लगा कि बेचारा मनेस इतने बड़े लन्ड को अपने 
गान्ड में कैसे ले पाएगा ।

तभी मैंने देखा की उन्होंने अपना पूरा लन्ड एक ही बार में मनेस की गान्ड के छेद में डाल दिया।

मनेस दर्द से चिल्ला उठा।

अकंल ने इस पर बोला- साला, इतनी बार तेरी गान्ड मार चुका हूं फिर भी नाटक करता है। चुप हो जा वरना कोई जाग जाएगा।
मनेस ने अपना मुंह तकिए में दबा लिया।


अकंल घपाघप मनेस की गान्ड में अपने लन्ड से प्रहार कर रहे थे। वो कभी मनेस का बाल पकड़ कर खींच रहा था ।

अब मनेस भी गान्ड उछाल उछाल कर अपनी गांड मरवा रहा था।

अकंल उन्हें कई सारी गंदी गालियां देकर चोद रहे था और मनेस बोलती- हां मेरे स्वामी, आज अपनी इस रांड की गान्ड फाड़ दो।

मैं यह सब देखकर बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया था। मैं भाग कर रसोई में गया और एक बैगन लेकर आ गया।
अब मैंने देखा कि अकंल ने मनेस को गोद में उठा लिया है और हवा में ही उनकी गांड मार रहा हैं।
मैंने भी अपनी पैंटी उतार दी और अपनी गान्ड में बैगन को अंदर बाहर करने लगी।
मैं खुद को मनेस की जगह सोच रही थी कि काश ऐसी ही दमदार चुदाई मेरी होती। मैं यह सब सोच कर बैगन से अपनी गान्ड की चुदाई कर रहाथा। 
 कि मैंने सुना- मनेस, आज मैं तेरी गान्ड फाड़ दूंगा।
यह सुनते ही मेरा दिमाग ठनका कि अकंल मेरे बारे में सोच कर मन्दीप की गान्ड मार रहे हैं।
इससे मैं और ज्यादा उत्तेजित हो गया ।

मनेस और अकंल भी झड़ चुके थे और मनेस की गान्ड में अकंल का माल पूरा भर गया था।

मैंने अपनी पैंटी ली और भाग कर छत पर आ गया। मैंने बैगन को छत से घर के पीछे की तरफ फेंक दिया और सोने चला गया।

अगले दिन जब मुझे मनेस अकेले मिला तो मैं उनसे कहने लगा कि मैंने कल रात सब देख लिया।
मेरी मनेस यह सुनकर चौंक गया।

मैंने आगे बोला- मैंने देखा कि कैसे अकंल मेरा नाम लेकर तुम्हें चोद रहे थे, मैं उनकी यह ख्वाहिश पूरी करना चाहता हूं।
मनेस  ने मुझसे कहा- ठीक है, तेरे अकंल तो कबसे मुझे तुझसे ये बात करने के लिए बोल रहे हैं. लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई।

मुझे बहुत अजीब लगा कि मनेस ने मुझे डांटा क्यों नहीं और इतनी आसानी से वो अपने पति से अपनी दोस्त को चुदवाने के लिए कैसे राज़ी हो गया।
फिर मैंने सोचा- जाने दो, मुझे तो बस लन्ड से मतलब है।

मैं पूरा दिन अब यही सोच कर खुश हो रहा था कि रात में जमकर मेरी चुदाई होगी.
और मेरी गान्ड गीली हो रही था।

मैं जब नहाने गया तो अपनी गान्ड में उंगली करके खुद को ठंडा किया और अपनी गान्ड के सारे बाल साफ करके एकदम चिकनी कर लिया।
अब मैं रात का इंतजार करने लगा।


शायद मनेस ने भी अब तक अकंल को सब बता दिया था क्यूंकि वो मुझे बहुत ही वासना भरी नजरों से देख रहा था।


फिर रात हुई और सब सोने के लिए छत पर आ गया।
कुछ देर के बाद जब सब सो गए तो अकंल मेरे पास आकर मुझे नीचे चलने के लिए बोले.
मैं भी उनके पीछे चला गया।

नीचे कमरे में जाते ही वो मुझसे चिपक गए और मुझे बेइंतहा चूमने लगा।
मैंने बोला- गेट और खिड़की बंद कर लेते हैं पहले


फिर मैंने सब बंद कर दिया और अब मैं भी उनसे चिपक कर पागलों की तरह उनके होठों को चूमने लगा।
तभी उन्होंने मेरी नाइटी उतार दी और मैं पूरी नंगा हो गया क्यूंकि मैंने अंदर कुछ नहीं पहना था।


अकंल मेरी चूचियों को देख कर पागल हो गए और उन्हें अपने मुंह में लेकर चूसने लगा।
मैं मदहोश हो रहा था और हल्की सिसकारियां भरने लगा।
मैंने उनके सर को पकड़ कर अपनी चूचिया पर दबा लगा।

कुछ देर तक मेरे चूचिया को चूसने और दबाने के बाद वो अलग हुए और अपने सारे कपड़े उतार दिए।
मैंने उनके लौड़े को अपने हाथ में लिया और उसे अपने मुंह में लेकर चूसने लगा।


उन्होंने मुझसे कहा- वाह, तू तो बिल्कुल खेली खिलाये लगते है।
मैंने कहा- नहीं, वो मैंने ब्लू फिल्मों में देखा है और कल मनेस को भी तो करते देखा था।


इस पर वो हंसने लगे और मेरे बालों को पकड़ कर अपने लन्ड को मेरे मुंह में अंदर बाहर करने लगा।
मैं हांफ रही थी।

फिर उन्होंने अपना सारा माल मेरे मुंह में निकाल दिया, मुझे बहुत अजीब लगा।
लेकिन उन्होंने कहा- पी जा साला!
और मैंने उनका सारा माल पी लिया।


फिर उन्होंने मुझे बेड पर लेटने को कहा, मैं लेट गया।
उन्होंने फिर अपना लन्ड मेरे गान्ड की छेद पर लगाया तो मैं सहम गई और बोली- गान्ड नहीं, पहले मुह में डालिए।


इस पर वो हंसने लगे और कहा- मैं मुह नहीं मारता, सिर्फ गान्ड मारता हूं। आज तक तुम्हारी मन्दीप की गान्ड भी कुंवारी ही है।

मैं बहुत डर गया कि पहली बार इतना बड़ा लौड़ा ले रहा हूं और वो भी सीधा गान्ड में।
फिर उन्होंने धक्का लगाया और थोड़ा सा लन्ड मेरी गान्ड में घुस गया.


मुझे तो ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरी गान्ड फाड़ दी हो।
मैं चीखी लेकिन फिर अपने हाथों से मुंह को दबा लिया की कोई कहीं उठ न जाए।

वो धीरे धीरे करके अपना लन्ड मेरी गान्ड में डाल रहे थे क्योंकि मेरा छेद बहुत टाईट था।
मुझे बहुत दर्द हो रहा था और आंखों से आंसू गिर रहे थे। लेकिन मैं उन्हे रुकने के लिए नहीं बोल सकता था क्यूंकि वो मेरी नहीं सुनते।

अब उनका पूरा लन्ड अन्दर तक जा चुका था, मुझे तो ऐसा महसूस हो रहा था जैसे किसी ने एक डंडा मेरी गान्ड में डाल कर छोड़ दिया हो।
वो धीरे धीरे झटके लगाने लगे और मेरी चूचिया को चूसने लगे। बीच बीच में वो दांत से काट भी लेते थे।


अब धीरे धीरे मेरा दर्द कम होने लगा और मुझे मजा आने लगा।
मैं भी अपनी गान्ड उछाल कर उनसे चुदाने लगा।

उन्होंने भी अपने धक्कों की स्पीड तेज कर दी और बीच बीच में मेरी चूचिया पर चपत भी लगा देते थे।
मेरी चूचियां लाल हो गई थी, मुझे बड़ा मजा आ रहा था।






Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.




Users browsing this thread: 1 Guest(s)