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Adultery // बबीता की मस्तानी चूत ने ससुर शमशेर का हल्लबी लौड़ा ले ही लिया //
#1
Heart 
 // बबीता की मस्तानी चूत ने ससुर शमशेर का हल्लबी लौड़ा ले ही लिया //

आज शमशेर को चूत मारने का बड़ा मन कर रहा था /  अस्सी की उमर में दांत तो जवाब दे गए थे पर लंड इस उम्र में भी साबुत का साबूत था अब भी /  एक दम झक्कास, बिना किसी दोष के एक दम जवान लंड की तरह /  उसकी पत्नी तो अब सेक्स करने में उसका साथ नहीं देती थी और ऐसे में उसकी चूत मारना एक दम बेकार ही था
 
होली आ गयी /  ऐसे में शमशेर को याद आया कि उसकी बहु जो कि अक्सर अकेले ही रह रही है क्योंकि बेटा मुंबई में गया हुआ है, और वो दो सालों से अकेले रह के बोर हो रही होगी / बहु बबीता का मस्त गठीला बदन देख कर उसका लम्बा मोटा लौड़ा हमेशा ही ऊपर नीचे होने लगता था / उसके मस्त मस्त मोटे मुम्मे, पतली कमर और मस्तानी गांड देखकर सभी मर्दों का लौड़ा हिलने लगता था / फागुन माह में तो कुतिया की चूत भी खुजलाने लगती है चुदाने के लिए तो यह तो मामला वैसे भी उसकी बहु का था /  दो सालों से लंड का स्वाद न चखने पर उसकी बेचारी बहु को कैसा लगता होगा /

यह सोच कर शमशेर लोटा लेकर हगने चला /  धोती उपर उठा ली /  आज लंगोट नहीं पहनी थी, सो उसका लँड बाहर लटक रहा था, ठीक वैसे ही जैसे कि किसी गधे का लंड लटकता रहता है /  इसलिए उसने जानबूझ कर भी अपना लौंडा लटका के दिखाने के लिए लोटा पकड़ लिया /  

 
अब उसका दस इंच का लंड बाहर लटक रहा था /  चापाकल पर वो डंडा लेकर टेकते हुए पहुंचा तो बहु से कहा बहु जरा चापाकल तो चला दो / लोटा भरना है, झाड़ा फिरने जाना है /  
 
बबीता ने बाहर निकल कर घूंघट में से झांकते हुए जैसे ही चापाकल पर आई, तो देखा कि ससुर का लंड तो एक दम साबूत लटका हुआ है /  
 
शमशेर ने बबीता के पूरे शरीर का निरिक्षण करते हुए पूछा रामू आ रहा है क्या होली में /  
 
तो बोली, नहीं, बगल के मोबाइल मे फोन आया था कि अगली होली में आएंगे / 

शमशेर  की आंखें चमक उठीं /  वो उसके भरे भरे उरोजों को देखता हुआ बोला कि बहुत दुख है बहु तुमको क्या बताएं /  
 
और फिर झाड़ा फिरने चला गया /  जब रात हुई तो आंगन में ससुर और सास सो गये /


शमशेर को नींद नही आ रही थी /  वो उठ के बहु के कमरे में चला गया और वहां जाकर उसने अपनी बहु की गांड पर अपने हाथ जमा कर उसको जगाया /  बोला बहु जरा पैर दरद कर रहे हैं तेल लगा के दबा दो ना /
 
बहु ने कहा अच्छा बाबूजी और तेल सरसों का लाकर पैरों में लगाने लगी /  
 
जैसे ही जवान बहु ने शमशेर के पैर को छुआ तो उसका लंड टन टना के खड़ा हो गया /  उसने बहु को कहा जरा उपर लगाना /  
 
बबीता को लाज लग रही थी और बाबूजी उसका हाथ पकड़ के उपर कर के बोल रहे थे कि जरा और उपर /  
बबीता समझ गयी /  उसे भी दो सालों से उसकी कमसिन चूत को भी लंड महाराज के दर्शन नहीं हुए थे /  उसने ढिबरी (बत्ती) बुझा दी और शमशेर  का तना हुआ गधे जैसा लौड़ा सीधा ही मुठी में पकड़ लिया /  शमशेर खुश हो गया उसकी तो जैसे लाटरी खुल गई /  
 
बोला बहु अब मेरे बकसे में रखा खजाना तेरा हो जाएगा /  वैसे भी तुम्हारी सास अब गहनों का क्या करेगी /  
 
और बबीता ने शमशेर  के लंड में तेल की मसाज शुरु कर दी /  शमशेर  का लंड खड़ा होकर पूरा दस इंच का हो गया /  बबीता चौकते हुए बोली आपका लंड तो बिलकुल भी बुढ्ढा नहीं हुआ बाबूजी अभी तो ये पूरा ही जवान है /  
 
शमशेर  ने कहा, आजकल के लौंडो में दम कहां हम तो पचास सौ दंड रोज पेलते थे और फिर दो किलो दूध और एक किलो दही खा कर मस्ती करते थे /  आज कल के लौंडे साले गुटखा पान खा कर के अपनी सेहत खराब कर लेते हैं उपर से हस्तमैथुन करके और कमजोर हो जाते हैं

इस बात को सुन कर बबीता ने शमशेर  का लंड अल्पने मूंह में ले लिया और बड़े प्यार से चूसने लगी /  
 
शमशेर बोल रहा था, आह....बहू रहने दो ये क्या कर रही हो हम सब ये तो नहीं करते हैं, पाप लगता है /  
 
बबीता ने गाली देते हुए कहा, कमीने बहु चोदने से बडा पाप क्या है और अगर अब चोद ही रहे हो तो अच्छे से मजा लो /  
 
ये नये लोगों के खेल हैं जो शमशेर  नहीं जानता था /  और फिर बबीता ने मुह में लंड लेकर चूसना शुरु कर दिया /  शमशेर हाय आह आह ये क्या, आह मुह में ही मलाई ले लोगी तो चूत में क्या दूंगा, यह सब करता रहा /  
 
बबीता ने लंड को चूस कर लोहा बना दिया /  उसका लंड टाइट हो कर अब और भी झटके मार रहा था / अब शमशेर खड़ा हो गया और बहु का चिर हरण करने लगा /  बबीता को नंगा कर उसके बड़े बड़े मुम्मे पकड़ लिये और चूसने लगा /  अपना लंड खडा देख कर उसे जोश आ रहा था  /
 
उसने बबीता को खाट पर लिटा कर के चोदने के लिए उसके पैर खाट से किनारे खींच लिये और पेटीकोट उपर उठा कर चूत में झांटों के बीच छेद टटोलने लगा /  बस जैसे ही छेद हाथ आया, उसने सुपाड़ा रगड़ कर अंदर लंड ठोंक दिया /  जैसे ही मोटा लंड अंदर गया, बबीता की आंखों में आंसू आ गये, कुछ खुशी के आंसू कुछ दर्द के आंसू /

खुश इसलिए थी कि उसे मरद के लंड के विकल्प में अपने ही घर में गधे जैसा लंड मिल गया था और दुःख इसलिए थी कि उसे बहुत दिनों से चूत के बंद पड़े दरवाजे को इतने मोटे लंड से अचानक खोल देने पर दरद हुआ था /  
 
लंड से पेलकर शमशेर उसे निहाल कर रहा था, वो सच में उसके मरद रामू का बाप निकला /  दनादन आधे घंटे तक चोदते हुए शमशेर  ने मस्त चोदा बबीता को और फिर बबीता ने शमशेर को लिटा कर उसके मूसल जैसे हल्लबी लौड़े पर अपनी चूत रख कर चोदना शुरु कर दिया /  लेटे लेटे बुड्ढा उसके मस्त बड़े बड़े मुम्मों से खेल रहा था और चूत धकाधक उसके लौड़े को निगल रही थी /  
 
वाह शमशेर ने अपनी बहू की चूत का उद्घाटन करके आज कमाल ही कर दिया था /  पूरे रात शमशेर  ने कभी उपर, कभी नीचे रह के मजा लिया और जब वो लंड का सारा पानी खाली हो गया तो उसने बहु से मस्त सरसों के तेल से मसाज कराया और लंड को रिलैक्स करने का मौका दिया /  
 
अब शमशेर शमशेर  की पतोह चोदने की गड्डी निकल पड़ी थी और उसने जम कर चोदना जारी रखा चूत को /  अगली बार जब उसका बेटा रामू आया तो उसने भी चोदा अपनी बीबी को लेकिन तब तक चिड़िया हाथ से निकल चुकी थी /  
 
अगले सीजन में शमशेर ने अपनी बहु को एक सुंदर सा पोता दिया /
 
( दोस्तों इस कहानी का लेखन मैंने नहीं किया है / इसका हक़दार कोई और है / मैंने तो सिर्फ इसको कामुक बनाने के लिए इसमें अपने तरीके से कुछ कुछ कामुक शब्दों को डाला है ताकि पड़ने वाले को बहुत मजा आये और बदन गनगना जाये – सुनील पंडित )

// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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