09-06-2021, 10:07 AM
part 01
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम राज है और मेरी उम्र 21 साल है और आज में आपके सामने एक कहानी प्रस्तुत कर रहा हूं.
अबतक मेने जितनी भी कहानी लिखी है और मेरी जितनी कहानी प्रकाशित हुई है वो सब काल्पनिक थी और इस काल्पनिक कहानी की वजह से एक रिडर ने मुझे मेईल किया और उसने अपनी सेक्स लाईफ की दास्तान मुझे बताई जो मुझे अच्छी लगी और फिर मेने उसकी कहानी लिखने का तय किया.
आज में आपको एक भाई-बहन की कहानी उसकी जूबानी से अपने अंदाज में सूनाने वाला हु. में आज आपको शिखा और राजेश की कहानी बताने वाला हु.
इस कहानी की शुरुआत आज से चार साल पहले होती है जब शिखा १८ साल की थी. शिखा दिखने में अप्सरा की तरह बहुत ज्यादा खुबसुरत हिरोईन की तरह होट और परफेक्ट फिंगर वाली लड़की थी. शिखा का एक बड़ा भाई राजेश था जिसकी उम्र तब २३ साल थी और राजेश अपने घर से दूर दूसरे शहर लखनऊ में जोब करता था.
अब शिखा अपने मोम-डेड और भाई के कहने पर बारहवीं की पढाई के लिए लखनऊ अपने भाई के साथ रहने वाली है. शिखा बस से अपना बेंग लेकर लखनऊ जाने के लिए निकल जाती है और लखनऊ बस स्टेशन पर राजेश बाईक लेकर शिखा को लेने के लिए आता है.
उस टाइम पर राजेश एक 1BHK के फ्लेट में रहता था जिसके ओनर से राजेश ने अपनी बहन के बारे में बात कर ली थी. अब राजेश के साथ उसकी बहन रहने वाली है. अब शिखा के आने से राजेश को भी काम करने में सहारा मिल जाएगा पहले वो खुद खाना बनाता था अब शिखा के आने से राजेश को सपोर्ट मिल जाएगा.
अब कमरा एक ही था तो दोनों एक ही कमरे में थोड़ा दूरी बनाकर सोते थे. राजेश सुबह जोब पर चला जाता और फिर शिखा भी कॉलेज चली जाती थी और रात को शिखा खाना बनाती और सुबह का नाश्ता भी जल्दी उठाकर बना देती इस तरह एक हफ्ता बित जाता है.
अबतक तो सबकूछ नोमॅल हो गया था. राजेश जोब पर जाता था और शिखा कॉलेज पर जाती लेकिन हफ्ते के बाद यहा से कहानी का मोड आने वाला है इधर से दोनों भाई-बहन के बिच एक नया रिश्ते की शुरुआत होने वाली है.
एक दिन रात को राजेश अपने लेपटोप पर एक न्यू फिल्म देखने का प्लान बनाता है और शिखा ने भी फिल्म नहीं देखी तो वो भी फिल्म देखना चाहती थीं. डिनर करके सिखा काम निपटा लेती है और फिर दोनों भाई-बहन एक साथ बैठकर फिल्म देखना शुरू करते हैं.
फिल्म में एक एडल्ट सिन आता है जिसमें हिरो- हिरोईन रोमांस करते हैं और फिर हिरो पुरे जोश में आकर हिरोईन को पेलता है यह सिन देखते दोनों है लेकिन दोनों को थोड़ा अजीब फिल होता है क्योंकि दोनों भाई-बहन साथ में यह फिल्म देख रहे थे. वेसे तो शिखा भी समझदार थी और राजेश तो पूरा समझदार था तो दोनों फिल्म पुरी करते हैं और यहाँ से दोनों के बिच अजीब फिलींग शुरू होती है.
दूसरे दिन सूबह दस बजे जब छूटी होने पर राजेश फोन इस्तेमाल कर रहा था और शिखा किचन में काम करके रुम में जाडू लगा रही थी तब जब वो झूक कर जाडू लगा रही थी तब राजेश की नझर गलती से उसकी बहन शिखा के क्लेवेज पर पड़ती हैं और उसको ब्रा दिखती है और इस तरह राजेश अपनी ही बहन को देखकर विचलीत हो जाता है.
फिर शाम को जब शिखा खाना बना रही थी तब उसने टि-शटॅ और पजामा (लोअर) पहना था तब राजेश किचन में पानी पिते आता है तब भी उसकी नझर शिखा की गांड पर पड़ती है.
ऐसे 3-4 दिन तक चलता है और ना चाहते हुए भी राजेश का नजरिया शिखा के बारे में बदल रहा था. अब रोज राजेश तिरछी नझर से शिखा के बदन को देखता था लेकिन शिखा उसकी बहन थी तो कुछ करने की हिम्मत नहीं होती थी.
एक दिन दोनों के बीच मजाक-मस्ती चल रही थी तभी मजाक में राजेश का हाथ शिखा के बूब्स को टच हो जाते हैं और शिखा झेप जाती है और राजेश भी शमीॅदा हो जाता है.
एक दिन शिखा अपना काम कर रही थी और राजेश तिरछी नझर से शिखा के बूब्स को देख रहा था और अचानक से शिखा की नझर उसके भाई पर पडती है उसको हल्का सा अनुमान होता है कि उसका भाई उसके बूब्स को तिरछी नझर से देख रहा था लेकिन शिखा की नझर पड़ने पर वो अपनी नजर घूमा लेता है.
राजेश 23 साल का था तो उसकी जवानी तो ऊफान मार रही थी और शिखा भी उम्र में 18 की हो चुकी थी तो वो जवान होने लगी थी.
शिखा ने तब तो कुछ खास ध्यान नहीं दिया था लेकिन एक दिन शिखा को बाथरुम में अपनी ब्रा पर एक हल्का सा दाग दिखता है जो शिखा को अजीब लगा. शिखा बारहवीं क्लास में थी और खुद जवान और समझदार थी तो उसको पता चल जाता है कि उसके भाई राजेश ने यह हरकत की है.
शिखा के प्रत्ये राजेश का नजरिया बदल चुका था वो अपनी बहन की जवानी की ओर आकर्षित होने लगा था. अब वो शिखा के बारे में ही सोचकर बाथरुम में मूठ मारने लगा था.
एक महिने तक राजेश शिखा को तिरछी नझर से देखता और शिखा को भी अब राजेश की नझर का पता चल गया था और वो उसका भाई था तो शिखा कुछ नहीं बोलती है.
वो कहते हैं ना नझर हटी दूघॅटना घटी ऐसे ही इस कहानी में नझर नहीं हटी मतलब चुत फटी.
जब राजेश को लगा कि उसकी बहन को उसकी तिरछी नझर के बारे में पता चल गया है उसने कुछ नहीं बोला तो वो एक कदम आगे बढाने का सोचता है.
रात को दोनों एक ही कमरे में सोते हैं और रात बारह बजे तब शिखा सो चुकी थी और तब राजेश सोने का नाटक करते हुए अपनी आंखे बंद कर देता है और एक हाथ शिखा के बदन पर रख देता है इससे आगे राजेश ने कुछ करने काम सोचा नहीं लेकिन जब शिखा सोती रही तो राजेश ने हिम्मत करके अपना हाथ शिखा के बुब्स पर रख दिया और राजेश को जनत जेसा महसूस होता है.
राजेश को उसकी बहन सिखा के बूब्स को मसलने का करता है लेकिन वो अभी ऐसा कर नहीं सकता तो ऐसे ही मजा लेता है.
सिखा सो रही थी लेकिन उसको अजीब सा अहसास होता है तो उसकी आंख खूल जाती है वो देखती है राजेश का हाथ उसके बूब्स पर है और वो सो रहा है तो सिखा धीमे से राजेश का हाथ हटा लेती है और फिरसे सो जाती है.
करीब दो मिनट बाद राजेश फिरसे सोने का नाटक करते हुए अपना हाथ सिखा के बूब्स पर रख देता है और फिरसे सिखा की जाग जाती है और धीमे से हाथ हटा लेती है और राजेश की ओर देखती है तो उसको लगा कि उसका भाई निंद में ऐसा कर रहा है तो वो फिरसे सो जाती है.
अब राजेश भी सोना ठीक समझता है क्योंकि अब की हरकत से सिखा को शक हो जाएगा इसलिए वो भी चुपचाप सो जाता है.
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नमस्कार दोस्तों मेरा नाम राज है और मेरी उम्र 21 साल है और आज में आपके सामने एक कहानी प्रस्तुत कर रहा हूं.
अबतक मेने जितनी भी कहानी लिखी है और मेरी जितनी कहानी प्रकाशित हुई है वो सब काल्पनिक थी और इस काल्पनिक कहानी की वजह से एक रिडर ने मुझे मेईल किया और उसने अपनी सेक्स लाईफ की दास्तान मुझे बताई जो मुझे अच्छी लगी और फिर मेने उसकी कहानी लिखने का तय किया.
आज में आपको एक भाई-बहन की कहानी उसकी जूबानी से अपने अंदाज में सूनाने वाला हु. में आज आपको शिखा और राजेश की कहानी बताने वाला हु.
इस कहानी की शुरुआत आज से चार साल पहले होती है जब शिखा १८ साल की थी. शिखा दिखने में अप्सरा की तरह बहुत ज्यादा खुबसुरत हिरोईन की तरह होट और परफेक्ट फिंगर वाली लड़की थी. शिखा का एक बड़ा भाई राजेश था जिसकी उम्र तब २३ साल थी और राजेश अपने घर से दूर दूसरे शहर लखनऊ में जोब करता था.
अब शिखा अपने मोम-डेड और भाई के कहने पर बारहवीं की पढाई के लिए लखनऊ अपने भाई के साथ रहने वाली है. शिखा बस से अपना बेंग लेकर लखनऊ जाने के लिए निकल जाती है और लखनऊ बस स्टेशन पर राजेश बाईक लेकर शिखा को लेने के लिए आता है.
उस टाइम पर राजेश एक 1BHK के फ्लेट में रहता था जिसके ओनर से राजेश ने अपनी बहन के बारे में बात कर ली थी. अब राजेश के साथ उसकी बहन रहने वाली है. अब शिखा के आने से राजेश को भी काम करने में सहारा मिल जाएगा पहले वो खुद खाना बनाता था अब शिखा के आने से राजेश को सपोर्ट मिल जाएगा.
अब कमरा एक ही था तो दोनों एक ही कमरे में थोड़ा दूरी बनाकर सोते थे. राजेश सुबह जोब पर चला जाता और फिर शिखा भी कॉलेज चली जाती थी और रात को शिखा खाना बनाती और सुबह का नाश्ता भी जल्दी उठाकर बना देती इस तरह एक हफ्ता बित जाता है.
अबतक तो सबकूछ नोमॅल हो गया था. राजेश जोब पर जाता था और शिखा कॉलेज पर जाती लेकिन हफ्ते के बाद यहा से कहानी का मोड आने वाला है इधर से दोनों भाई-बहन के बिच एक नया रिश्ते की शुरुआत होने वाली है.
एक दिन रात को राजेश अपने लेपटोप पर एक न्यू फिल्म देखने का प्लान बनाता है और शिखा ने भी फिल्म नहीं देखी तो वो भी फिल्म देखना चाहती थीं. डिनर करके सिखा काम निपटा लेती है और फिर दोनों भाई-बहन एक साथ बैठकर फिल्म देखना शुरू करते हैं.
फिल्म में एक एडल्ट सिन आता है जिसमें हिरो- हिरोईन रोमांस करते हैं और फिर हिरो पुरे जोश में आकर हिरोईन को पेलता है यह सिन देखते दोनों है लेकिन दोनों को थोड़ा अजीब फिल होता है क्योंकि दोनों भाई-बहन साथ में यह फिल्म देख रहे थे. वेसे तो शिखा भी समझदार थी और राजेश तो पूरा समझदार था तो दोनों फिल्म पुरी करते हैं और यहाँ से दोनों के बिच अजीब फिलींग शुरू होती है.
दूसरे दिन सूबह दस बजे जब छूटी होने पर राजेश फोन इस्तेमाल कर रहा था और शिखा किचन में काम करके रुम में जाडू लगा रही थी तब जब वो झूक कर जाडू लगा रही थी तब राजेश की नझर गलती से उसकी बहन शिखा के क्लेवेज पर पड़ती हैं और उसको ब्रा दिखती है और इस तरह राजेश अपनी ही बहन को देखकर विचलीत हो जाता है.
फिर शाम को जब शिखा खाना बना रही थी तब उसने टि-शटॅ और पजामा (लोअर) पहना था तब राजेश किचन में पानी पिते आता है तब भी उसकी नझर शिखा की गांड पर पड़ती है.
ऐसे 3-4 दिन तक चलता है और ना चाहते हुए भी राजेश का नजरिया शिखा के बारे में बदल रहा था. अब रोज राजेश तिरछी नझर से शिखा के बदन को देखता था लेकिन शिखा उसकी बहन थी तो कुछ करने की हिम्मत नहीं होती थी.
एक दिन दोनों के बीच मजाक-मस्ती चल रही थी तभी मजाक में राजेश का हाथ शिखा के बूब्स को टच हो जाते हैं और शिखा झेप जाती है और राजेश भी शमीॅदा हो जाता है.
एक दिन शिखा अपना काम कर रही थी और राजेश तिरछी नझर से शिखा के बूब्स को देख रहा था और अचानक से शिखा की नझर उसके भाई पर पडती है उसको हल्का सा अनुमान होता है कि उसका भाई उसके बूब्स को तिरछी नझर से देख रहा था लेकिन शिखा की नझर पड़ने पर वो अपनी नजर घूमा लेता है.
राजेश 23 साल का था तो उसकी जवानी तो ऊफान मार रही थी और शिखा भी उम्र में 18 की हो चुकी थी तो वो जवान होने लगी थी.
शिखा ने तब तो कुछ खास ध्यान नहीं दिया था लेकिन एक दिन शिखा को बाथरुम में अपनी ब्रा पर एक हल्का सा दाग दिखता है जो शिखा को अजीब लगा. शिखा बारहवीं क्लास में थी और खुद जवान और समझदार थी तो उसको पता चल जाता है कि उसके भाई राजेश ने यह हरकत की है.
शिखा के प्रत्ये राजेश का नजरिया बदल चुका था वो अपनी बहन की जवानी की ओर आकर्षित होने लगा था. अब वो शिखा के बारे में ही सोचकर बाथरुम में मूठ मारने लगा था.
एक महिने तक राजेश शिखा को तिरछी नझर से देखता और शिखा को भी अब राजेश की नझर का पता चल गया था और वो उसका भाई था तो शिखा कुछ नहीं बोलती है.
वो कहते हैं ना नझर हटी दूघॅटना घटी ऐसे ही इस कहानी में नझर नहीं हटी मतलब चुत फटी.
जब राजेश को लगा कि उसकी बहन को उसकी तिरछी नझर के बारे में पता चल गया है उसने कुछ नहीं बोला तो वो एक कदम आगे बढाने का सोचता है.
रात को दोनों एक ही कमरे में सोते हैं और रात बारह बजे तब शिखा सो चुकी थी और तब राजेश सोने का नाटक करते हुए अपनी आंखे बंद कर देता है और एक हाथ शिखा के बदन पर रख देता है इससे आगे राजेश ने कुछ करने काम सोचा नहीं लेकिन जब शिखा सोती रही तो राजेश ने हिम्मत करके अपना हाथ शिखा के बुब्स पर रख दिया और राजेश को जनत जेसा महसूस होता है.
राजेश को उसकी बहन सिखा के बूब्स को मसलने का करता है लेकिन वो अभी ऐसा कर नहीं सकता तो ऐसे ही मजा लेता है.
सिखा सो रही थी लेकिन उसको अजीब सा अहसास होता है तो उसकी आंख खूल जाती है वो देखती है राजेश का हाथ उसके बूब्स पर है और वो सो रहा है तो सिखा धीमे से राजेश का हाथ हटा लेती है और फिरसे सो जाती है.
करीब दो मिनट बाद राजेश फिरसे सोने का नाटक करते हुए अपना हाथ सिखा के बूब्स पर रख देता है और फिरसे सिखा की जाग जाती है और धीमे से हाथ हटा लेती है और राजेश की ओर देखती है तो उसको लगा कि उसका भाई निंद में ऐसा कर रहा है तो वो फिरसे सो जाती है.
अब राजेश भी सोना ठीक समझता है क्योंकि अब की हरकत से सिखा को शक हो जाएगा इसलिए वो भी चुपचाप सो जाता है.
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