Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
// रवि के मोटे लंड का मजा ब्यूटी पार्लर में //
मेरा परिचय
========
दोस्तो, मेरा नाम रविराम69 है, दोस्त मुझे 'लॅंडधारी' रवि के नाम से बुलाते हैं। कई औरतें मुझे मस्तराम कहते हैं. मेरा लंड 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है। जब मेरा लंड खड़ा (टाइट) होता है तो ऐसा लगता है जैसे किसी घोड़े का लंड या किसी गधे का लंड हो.. जिसकी भी चूत में जाता है उसकी चूत का पानी निकाल कर ही बाहर आता है, और वो लड़की या औरत मेरे इस लंबे, मोटे और पठानी भुसंड लंड की दीवानी हो जाती है । आज तक मैंने बहुत सी शादीशुदा और कुवांरियों की सील तोड़ी है। मैंने अपनी मम्मी को भी पटाकर चुदाई की है क्योंकि मेरे पापा काम के सिलसिले में ज़्यादातर बहार ही रहते हैं, में बचपन से ही देखता आया हूँ, की मम्मी की चूत कितनी प्यासी है, पापा के कहने पर ही मम्मी हमेशां अपनी चूत की झांटों को साफ़ कर के रखती है, मम्मी के मुम्मे बड़े भारी भारी और मोटे मोटे हैं..और गांड बड़ी मस्त है.. अब तो मम्मी मेरे लम्बे मोटे पठानी लंड की बड़ी दीवानी है.. जब पापा घर पर नहीं होते तो हम दिन और रात में कई कई बार चुदाई कर लेते हैं.. बस या ट्रेन या रिक्शा मैं भी मम्मी मेरे लंड को (सबसे छुपाकर) हाथ में रखती है.. महसूस करती है और मेरे लंड को मुठी में करके आगे पीछे करती है. मम्मी को मेरे लंड की लम्बाई और मोटाई बहुत पसंद है..मम्मी को मेरा लंड पूरा मूंह मैं ले कर चूसना और चूत में डालकर चुदवाना बहुत पसंद है... मम्मी के बाद सीमा मेरे लंड की दीवानी है.. सीमा के मस्त मोटे मुम्मे ( )^( ).. पतली कमर और गोल गोल मस्त गांड ( . ) देखकर सभी के मूंह में पानी आ जाता है.. बहुत मस्ती से सीमा मेरे पठानी लंड से चुद्वाती है....
कहानी
=====
दोस्तों ये कहानी मेरे मालिश करने वाले के मोटे लम्बे तगड़े लंड से चुदवाने की है .. कैसे मैं रवि के मोटे लंड से अपनी प्यासी चूत की प्यास बुझाई //
======
मेरी शादी हुये लगभग तीन साल गुजर चुके हैं/ मेरे पति सुशील मुझसे बहुत प्यार करते हैं, एक प्राईवेट फ़र्म में काम करते हैं और उनका वेतन भी बहुत अच्छा है/ हमने एक क्लब भी जोईन कर रखा है/ मेरे साथ की महिलाएं जो 20 से 50 वर्ष तक की थी, अपने आप को बहुत मेन्टेन रखती थी/ यूं तो मैं एक मॉडल भी हूँ और अपने शरीर को सुडौल रखने के लिये मैं जिम और ब्यूटी पार्लर जाती हूँ।पर आज मैंने शहर में एक नए पार्लर का नाम सुना/ साथ की महिलायें उसकी पार्लर की बहुत तारीफ़ कर रही थी/ अन्य महिलाओं की तरह मैं भी सबसे आगे रहना चाहती हूँ/ आज सुशील के जाते ही मैं सबसे पहले उस नये पार्लर में गई/
हालांकि वह मेरे घर से काफ़ी दूर था/ वहां काम करने वाली कुछ लड़कियों ने तो मुझे पहचान भी लिया कि मैं मॉडल गर्ल सीमा हूँ/ पार्लर के मालिक ने मेरा स्वागत किया और सभी डिपार्टमेन्ट से मेरा परिचय कराया/ जो लड़कियां मुझे जानती थी उन्होने सभी को बता दिया मॉडल गर्ल सीमा पार्लर में आई हुई है/मालिक को पता चलते ही मुझे ब्यूटी पार्लर जोईन करने पर काफ़ी छूट भी दी गई। मैंने वो पार्लर जोईन कर लिया।
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
मैं लगभग हर दो तीन दिन में एक बार वहाँ जाने लगी/ वहां मुझे हर तरह के बाथ एन्जोय करने को मिल जाता था/ जैसे गुलाब जल का स्नान, सोना बाथ, स्टीम बाथ, फिर स्विमिन्ग पूल का लुफ़्त, बॉडी मसाज का लुफ़्त, हरेक प्रकार का फ़ेस पैक, और भी बहुत सी चीज़ें…/ ये सब बातें मैंने सुशील को भी बताई/ सुशील यह सुन कर बहुत प्रसन्न हुआ कि मेरे पास समय का सदुपयोग करने का साधन आ गया था/
आज मुझे शरीर का मसाज करवाना था, सो मैंने आते ही ड्रेस बदल ली/ मेरे इस रूप को वहां की वर्कर और अन्य युवतियां बड़े चाव से निहारती थी/ उनकी नजरे मुझ पर जैसे चिपक जाती थी/ मैं हमेशा की तरह अपनी जगह पर जा कर लेट गई और मसाज करने वाली का इन्तज़ार करने लगी/“
गुड मॉर्निन्ग मैडम… आज रीटा छुट्टी पर है… क्या मुझसे मसाज करवायेंगी आप?” किसी लड़के की आवाज सुनाई दी/
मैंने नजरें घुमा कर देखा तो एक सुन्दर सा युवक सर झुकाये खड़ा था/ मुझे उसके स्टाईल पर हंसी आ गई/ मासूम सा नजर आने वाला लड़का मुझे एक नजर में ही भा गया/
उसका सभ्य व्यवहार मुझे पसन्द आया,”हां हां… क्यूँ नहीं…आज आप ही मसाज कर दो…” मैंने उसे मुस्करा कर देखा और उसे प्यार से सहमति दे दी/ वो तुरन्त अपना एप्रिन पहन कर आ गया और मुझे उल्टा लेटा दिया/
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
•
Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
मैं यह भूल गई थी कि यह एक जवान लड़का है/ मेरे गोल गोल चूतड़ों के उभार उसे लुभा रहे थे/ मात्र एक छोटी सी पेन्टी और ब्रा में मेरा सभी कुछ दिख रहा था/ उसके हाथों में वैसे तो लड़कों वाली गर्मी नहीं थी पर हां उसका मसाज मुझे उत्तेजित कर रहा था/ शायद मेरा मन उस पर आ गया था/ उसके हाथ मेरे शरीर पर मालिश कर रहे थे और मैं लेटी हुई उत्तेजित हो रही थी, आखिर हाथ तो किसी मर्द का ही था ना/ उसके हाथों में शायद जादू था/ जैसे ही वो मेरी जांघों पर मालिश करता मुझे सिरहन सी उठ जाती थी/ मेरे स्तनों के पास उसके हाथ आते तो लगने लगता था कि बस अब मेरी चूंचियां ही दबा दे/ मेरे तन में एक मीठी सी वासना घर कर कर रही थी/
तब उसने मुझे सीधे होने को कहा/ उसके हाथ फिर से चलने लगे/ मेरे पेट पर, कमर पर, पांव पर… मेरा दिल डोल उठा था/ मेरे शरीर में उत्तेजना घर करने लगी थी, वासना का ज्वर चढ़ने लगा था/ मेरी चूंचिया कड़ी होने लग गई थी/ यह पहला मौका था जब कि कोई मर्द मेरा मसाज कर रहा था/ मुझे उसके हाथों में जैसे सेक्स भरा हुआ सा लग रहा था/
उसने भी एक बार तो अपने उभरे हुये लण्ड को मेरे कूल्हों के पास रगड़ दिया था/ मैं समझ गई थी कि उसके हाल भी बुरे हैं/ अचानक उसने मेरे बड़े बड़े उरोज पर अपने हाथ जमा दिये और उन्हें दबा डाला/
मैं इस हमले से हड़बड़ा गई और अनजाने में उसका हाथ पकड़ लिया और बैठ गई/ मुझे ये अपना अपमान सा लगा/ मैंने गुस्से से उसे देखा और अचानक ही मेरा हाथ उठ गया/ मैंने उसके चेहरे पर एक तमाचा मार दिया/ और उठ कर गुस्से में केबिन में चली आई/ उसका सारा नशा जैसे काफ़ूर हो गया/ वो घबरा गया/
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
•
Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
मैंने अपने कपड़े पहने और और मंजू रानी जो उसकी मालकिन थी उसे डाण्ट कर चली आई/ पार्लर में उस युवक को बुला कर मंजू रानी ने बहुत फ़टकारा/ दूसरे दिन मैंने सवेरे ही घर के बाहर उसी युवक को देखा/ वो बहुत ही असमन्जस की स्थिति में यहाँ-वहाँ देख रहा था/ तभी चौकीदार का फोन आया कि ब्यूटी पार्लर से कोई रवि नाम का लड़का मुझसे मिलने चाह रहा है/ सुशील काम पर जा चुका था/ उसे मैंने ऊपर बुला लिया/ रवि ने आते ही मेरा पांव पकड़ लिया और माफ़ी मांगने लगा/
और उसने मुझे पार्लर में मंजू रानी को फोन करने कहा/ स्त्री स्वभाव होने से मेरा दिल पसीज गया और उसे मैंने माफ़ कर दिया/ माफ़ तो करना ही था क्यूंकि वो मेरे मन को भा चुका था/ उस पर मेरा दिल आ गया था/ मुझे उससे चुदवाने की इच्छा होने लगी थी/ उसे छेड़ने में मुझे अब मजा आने लगा था/ उसके भोलेपन पर मुझे प्यार भी आ रहा था/
मुझे शरारत सूझी,”रवि , मेरा मसाज वैसे ही करो जैसे पार्लर में किया था/ अब चालू हो जाओ/ चलो…”
वो घबरा गया और झट से अपनी कमीज और बनियान उतार दिया/ मैंने भी ब्रा और पेण्टी को छोड़ कर कपड़े उतार दिये/
“अब पेण्ट भी उतारो… चलो… मैं भी तो वहाँ ऐसी ही थी ना…” मैंने अपनी धमकी का असर देख लिया था/ वो सचमुच में डर गया था/
“जी… जी… मैडम मैंने माफ़ी मांग ली है ना… प्लीज…”
“अरे चल उतार ना…” उसकी रेगिंग लेते हुये मुझे बहुत हंसी आ रही थी/ तुझे बस मेरा मसाज ही तो करना है !”
उसने अपना पेण्ट उतार दिया, और मेरा दिल धक से रह गया/ उसका लण्ड उठान पर था/ साफ़ ही बड़ा सा नजर आ रहा था/ मुझे इस तरह से घूरते देख कर उसका लण्ड और भी कड़क हो चला था/ मेरे दिल की धड़कन बढ गई/
उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था/ पर मैं तो खेल खेल में पिघलने लगी थी/
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
•
Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
“तुम्हारा शरीर तो बहुत सुन्दर है रवि … जिम जाते हो क्या…?” मैं उसके पास आते हुये बोली/
“मैडम, प्लीज सॉरी, मेरी नौकरी चली जायेगी !”
“नौकरी कैसे जायेगी … मैंने उसके पेट पर हाथ फ़ेरा/ उसका लण्ड सीधा तन्ना गया/ मैंने उसे बड़ी सेक्सी और वासना भरी निगाहों से देखा/ वो कुछ कुछ समझ रहा था पर डर अधिक रहा था/
“बस कीजिये मैडम जी… मुझे और ना सताईये…”
“मेरा नाम सीमा है… मुझे नाम से बुलाओ… और हां तुमने मुझे सताया था उसका क्या… बोलो… तुमने मेरे स्तन दबा दिये थे ना… अब अगर मैं तुम्हारा ये मुनमुन दबा दूं तो…” कह कर मैंने उसका लण्ड हौले से दबा दिया/ उसके मुख से सिसकारी निकल पड़ी/
“सीमा जी, आप क्या कर रही हैं, मुझे समझ में नहीं आ रहा है… मैं आपका मसाज कर देता हूँ, अब प्लीज मुझे ओर ना सताईये !” उसने मेरा लण्ड पर हाथ हटाते हुये कहा और बैठ गया/
“क्यूं मजा नहीं आया क्या…” मेरी आंखो में उसने वासना देख ली थी, पर वो डर रहा था/ उसने जल्दी से कपड़े पहने और जाने लगा/
“जाओ तुम्हें माफ़ कर दिया, कल मैं पार्लर आऊंगी…तुम्हीं मेरा मसाज करना… अब तुम्हें मैं छोड़ने वाली नहीं !” और जोर से हंस पड़ी/ वो कुछ असमन्जस की हालत में चला गया/
पर उसका कड़क लण्ड मेरे दिल में अनेक तीर बींध गया था/ रह रह कर मुझे उसका कड़क लण्ड दिख रहा था, उसकी मसल्स से भरा हुआ बदन… मुझे पिघला रहा था/ उस दिन मैंने चूत में अंगुली कर के रवि के नाम का अपना यौवन रस भी निकाला/ शाम को बेताबी में सुशील से चुदाई भी जम कर कराई/ पर मन नहीं माना/
उसका मोटा लण्ड का साईज़ अभी भी हाथों को मह्सूस हो रहा था/ शायद मेरे दिल को रवि का लण्ड चाहिये ही चाहिये था/ सुबह से मुझे रवि की याद आने लगी थी/ सुशील के जाने के लिये नौ बजने का इन्तज़ार करने लगी/ एक एक पल मुझे जैसे पहाड़ सा लग रहा था/ आखिर वो घड़ी आ ही गई/
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
•
Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
सुशील ओफ़िस के लिये रवाना हो गया और मैंने तुरन्त अपनी कार निकाली/ धड़कते दिल से पार्लर पहुंच गई/ सामने ब्यूटी पार्लर था, मेरा दिल धड़कने लगा था/ अन्दर कदम रखते ही मुझे रवि मिल गया/ मैंने उसे मसाज रूम में आने को कह दिया/ और सीधे केबिन में चली आई/ ब्रा और पेण्टी में मसाज रूम में आ गई/ मेरा दिल अब वासना की उत्तेजना के मारे धड़कने लगा था/
मेरी सांसे भी अनियंत्रित हो चली थी/ वहाँ पर रवि आ चुका था/ मैं चुपचाप आ कर लेट गई और उल्टी लेट गई/ पहले तो वो मुझे घूरता रहा फिर मेरे जिस्म को देख कर वो बहकने लगा/ मैं अपनी चुदाई का इन्तज़ार करने लगी/ उसके हाथ मेरे शरीर पर फ़िसलने लगे/ पर उसने आज कोई मुझे उत्तेजित करने वाली हरकत नहीं की/ मुझे स्वयं ही बेचेनी होने लगी/ पर मैं तो स्वमेव ही उत्तेजित होने लगी थी/ जैसे ही वो मेरे चेहरे की ओर आया मैंने ही पहल कर दी… उसके लण्ड को अपनी एक अंगुली से दबा दिया/
उसने कोई आपत्ति नहीं की/ मैंने दुबारा उसके लण्ड को फिर से हाथ से दबाया/ उसका लण्ड कड़ा होने लगा, और उभार स्पष्ट नजर आने लगा/ वो भी शायद यही चाहता था/ अतः वह उसी स्थान पर खड़ा रहा/
“रवि , मजा नहीं आ रहा है… क्या नाराज है ?” मेरी बेचैनी उभर कर सामने आने लगी/
“क्या कह रही है सीमा जी… आप कहे तो एक बार… क्या करना है ?” उसे डर भी लग रहा था/
“कुछ करो ना…” मेरी इस विनती पर वो मुस्करा उठा, और उसने मेरे चूतड़ों को अपने हाथ से सहला दिया/ मेरे सारे शरीर में कंपकंपी सी छूट गई/ जैसे मेरी मन चाहत पूरी होने वाली थी/ उसने मेरी पेण्टी थोड़ी सी नीचे सरका दी थी और चूतड़ो की दरार और दोनों चूतड़ों के पार्टीशन रवि को नजर आने आने लगे थे/
मुझे भी थोड़ी सी हवा की ठण्डक चूतड़ों पर लगी/ मेरे मन में खलबली मचने लगी/ लगने लगा कि बस अब चुदाई ज्यादा दूर नहीं है/ उसका कड़क लण्ड और भी कठोर हो चुका था/ उसका लण्ड मेरे चेहरे के बिलकुल समीप था… चाहती तो थोड़ा सा आगे बढ़ कर लण्ड को मुख में भर सकती थी…/
“रवि … बहुत कड़क हो रहा है… अपने मुन्ना को बाहर निकाल लो कर दर्शन करा दो…” मैं पूरी तरह से बहक चुकी थी/
“जी… क्या कह रही है आप… आप ही निकाल लो…” उसने कुछ शरमाते हुये कहा/
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
•
Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
मैंने भी हिम्मत की और उसके पेण्ट की जिप खींच दी/ उसने ऊपर के बटन खोल दिये… काली अंडरवीयर थी अन्दर… अंगुली से नीचे खींच दी… दिल फिर मेरे जैसे मेरे हलक में अटक गया/ गोरा सा, मोटा सा लण्ड… बेहद तन्नाया हुआ/ नीचे लटकती दो गोलियाँ… साफ़ शेव की हुई…/
इतने में रवि ने पीछे से ब्रा का हुक खोल दिया… ब्रा ढीली हो कर मेरे उरोजों से नीचे बिस्तर पर गिर गई/ मेरे तराशे हुये मॉडल शरीर की चिकनाई और लुनाई उसे पागल किये दे रही थी/ वो मेरे उभरे चूतड़ों की मालिश कर रहा था और रह रह कर मेरे दरार को चीर कर मेरे भूरे और गुलाबी गाण्ड के छेद पर तेल की बूंदे टपका रहा था/ मेरे जिस्म में वासना की आग भड़क उठी थी/
तन जैसे आग में झुलसने लगा था/ मैंने एक हाथ से उसके चूतड़ो को खींच कर उसके लण्ड को मुख के नजदीक ले आई और धीरे से उसे अपने मुख में ले लिया/ रवि सिसक उठा/ उसने जोश में मेरी गाण्ड में अंगुली घुसा दी/ मैंने मस्ती में अपनी आंखे बंद कर ली/ दूसरे ही पल उसका दूसरा हाथ मेरी चूंची दबा रहा था/ अब उसकी कमर हौले हौले चलने लगी थी और मेरे मुख को चोदने लगी थी/ मैंने अपने मुख में उसका लण्ड जोर जोर से चूसना चालू कर दिया/
“सीमा जी, अब आगे बढ़ें क्या…?”
उसका उतावलापन बढ़ रहा था/ मैं सीधी हो गई और मुख से लण्ड निकाल दिया/
“क्या करोगे अब… क्या नीचे कुछ…”
उसने मेरे अधरों पर हाथ रख दिया और पलंग के पैताने आ गया/ मेरी दोनों टांगें खींच कर मेरी चूतड़ के छेद को अपने लण्ड से सटा लिया/ उसके कोमल और कड़कते लण्ड का छेद पर स्पर्श मुझे गुदगुदाने लगा/ मुझे नीचे छेद पर प्यारी सी गुदगुदी और खुजली सी हुई/ दूसरे ही क्षण छेद पर लण्ड का प्यारा सा दबाव बढ़ गया और मेरे मुख से एक आह निकल पड़ी/ उसका लण्ड मेरी तेल भरी गान्ड के छेद में सरक कर अन्दर उतर आया था/
“हाय रवि पूरा घुसा दे … उह्ह्ह्ह… मस्त मोटा है…!” मैंने अपने होंठ दांतों से काट लिये/ थोड़ा सा जोर लगाते ही लण्ड पूरा गहराई तक घुस गया/ मेरे मन की इच्छा पूरी हो रही थी/ उसने अब लण्ड को हौले हौले अन्दर बाहर करके ग़ाण्ड मारनी चालू कर दी/ उसके हाथ आगे बढ़ कर मेरे उन्नत उरोज पर आ गये और उसे अब मसलने लगा था/ निपल कड़े हो गये थे/ वो मुझे खड़े खड़े बहुत प्यार से चोद रहा था/
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
•
Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
मेरे मुख से मस्ती भरी आहें निकल रही थी/ रवि भी पूरी मस्ती में आ चुका था/ वो खड़े हो कर आराम से धक्के मार रहा था/ मेरी गाण्ड को असीम सुख मिल रहा था उसके गधे जैसे लंड से / यूं तो सुशील मेरी गाण्ड पर आशिक था और जम के गाण्ड मारता भी था, पर कसम से, इस नये लम्बे और मोटे लण्ड का मजा नये तरह का गजब ढा रहा था /
मेरी चूंचियों की घुण्डियाँ मसलने पर तीखा आनन्द दे रही थी/ मुझे लगा कि रवि कहीं झड़ ना जाये/ अभी मुझे तो उसके जिस्म का प्यार भी चाहिये था/ प्यास तो उसके जवान जिस्म को भोगने की थी/ थोड़ी देर गाण्ड चुदाने के बाद मैंने उसे अपने ऊपर चढ़ जाने का न्योता दिया/
मैंने ठीक से सीधे लेट कर पोजिशन ले ली/ वो भी बिस्तर पर मेरे ऊपर आ गया और अपने नंगे जिस्म को मेरे नंगे जिस्म से चिपका लिया/ हम दोनों की बाहों का कसाव बढ़ता गया और लण्ड चूत का छेद तलाशता रहा/
उसने चूत की दरार को लण्ड पर सेट कर दिया और … हाय रे चूत में प्यारी सी… मीठी मीठी सी गुदगुदी करता हुआ उसका पठानी लंड मेरी चूत में धीरे धीरे से अंदर की तरफ समाने लगा/
अब उसके शरीर का सुख भी मुझे बहुत आनन्द दे रहा था/ जैसे शरीर में कसक भरी हुई थी/ उसने अपने घोड़े जैसे लण्ड को मेरी प्यासी चूत पर रगड़ते हुये और गहराई तक चोदते हुये मेरे कस बल को निकालने लगा/ मैं मस्ती से तड़प उठी/
तन में जैसे आग लग गई/ उसके होंठ मेरे होंठों को पी रहे थे/ मेरे मोटे मोटे मुम्मे मसले जा रहे थे… चूत मस्ती से चुदी जा रही थी/ काश … ऐसा मोटा गधे जैसा लण्ड मुझे रोज रोज़ मिल जाये/
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
•
Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
अब हम दोनों एक साथ मस्ती से झूम झूम कर अपनी कमर चला रहे थे और मस्त चुदाई कर रहे थे/ चूत और लण्ड का घर्षण हम दोनों को बेहाल कर रहा था/ धक्के तेजी पर थे… लण्ड चूत पर जम कर चल रहा था/ लग रहा था कि बस जिंदगी भर चुदती ही रहूं/ पर ऊपर वाले की जैसी इच्छा … उत्तेजना बहुत बढ़ गई थी, चूत तेजी से चुद रही थी/ सिसकियाँ रोकने से भी नहीं रूक रही थी/ पर जल्दी ही मेरा शरीर ऐंठने लगा…
लगता था शरीर का सारा खून खिंच कर चूत में भर जायेगा… मेरी कमर अब अपने आप ही ऊपर उछल कर लण्ड को गहराई में लेने लगी… और आह्ह्ह रे… जावानी का रस पानी बन कर चूत के रास्ते बाहर निकल पड़ा/ मेरी सारी ताकत यौवन रस को बाहर निकालने में लगने लगी… तभी रवि ने भी लण्ड बाहर निकाल लिया और एक भरपूर पिचकारी छोड़ दी…/ उसका लण्ड मेरी चूत के एक साईड में आ गया था और वीर्य निकालने लगा था/
मैं उससे लिपटी हुई थी/ उसके लण्ड को और जिस्म को भली प्रकार से भोग चुकी थी/ मेरा जोश झड़ने के साथ ही साथ कम होने लगा/ मैंने नीचे से रवि को हाथों से दबाव देकर इशारा किया… और वो उछल कर बिस्तर से नीचे आ गया/ उसने तौलिया ले कर मेरी चूत साफ़ कर दी/ मैं भी सुस्ताई सी उठ कर बैठ गई/ मैंने नीचे चूत की तरफ झुक कर देखा मेरी चूत फूल कर लाल हो चुकी थी और दिल के जैसे धड़क रही थी / मेरी चूत का मूंह कभी खुल रहा था कभी बंद हो रहा था / जैसे रवि के मोटे लंड का शुक्रिया कर रही हो /
मैंने केबिन में जाकर कपड़े बदले और बाहर आकर रवि को एक हज़ार रुपये इनाम में दिए/ उसने अपना सर झुका कर मुझे अभिवादन किया और बाहर तक छोड़ने आया/ मेरा दिल उसके जवान जिस्म को और भोगना चाह रहा था/ कम उम्र के लड़के कितने कंटीले होते है, ये वो जान सकता है जिसकी उम्र मेरे बराबर हो या जिसका अपने पति से चुद कर मन भर गया हो/
मैंने बाहर आ कर अपनी कार में बैठ गई और घर की तरफ़ गाड़ी मोड़ ली/
बैक मिरर में से मैं रवि को दूर होते हुये देख रही थी… मेरे दिल से एक ठण्डी आह निकली, मैंने अपना सर झटका और और उसके हल्ल्बी पठानी लण्ड का ख्याल दिल से निकाल दिया और फिर सड़क पर ध्यान केन्द्रित करने लगी…
~~~ समाप्त ~~~
दोस्तो, कैसे लगी ये कहानी आपको,
कहानी पड़ने के बाद अपना विचार ज़रुरू दीजिएगा ...
आपके जवाब के इंतेज़ार में ...
आपका अपना
रविराम69 © "लॅंडधारी" (मस्तराम - मुसाफिर)
masterji1970
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
Posts: 600
Threads: 0
Likes Received: 275 in 206 posts
Likes Given: 2,036
Joined: Dec 2018
Reputation:
8
•
|