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Adultery हीरोइन
#1
ये कहानी दूसरे फोरम से कॉपी पेस्ट है। आप लोगो के आनंद के लिए यहाँ पोस्ट की जा रही है।

UPDATE - 1
===========

राजेश मुंबई के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल के शवगृह (मोरचरी) में डॉक्टर था...
दिन भर लाशों की चीड़ फाड़ करना , उनकी पोस्टमारटम रिपोर्ट बनाना, यही काम था उसका..
काम बेहद घिनोना था पर पैसा बहुत था उसमें, कई बार मनचाही रिपोर्ट बनाने के लिए उसने मुँह माँगी रकम ली थी कई रईसों से..

दिल से भी बड़ा रंगीन था वो...
एक ही शौंक था उसको, बॉलीवुड का, फ़िल्मो का और रसभरी हेरोइनों के जिस्म देखने का..

आज जब राजेश हॉस्पिटल से से थका मांदा घर आया ही था की उसकी बेटी ईशा की बाते शुरू हो गयी

''पापा...मुझे भी डॉक्टर ही बनना है...मुझे पड़ाई करनी है...आप मुझे एक्टिंग में क्यो डलवाना चाहते हो...मुझे पढ़ना पसंद है...''

ये एक ऐसा टॉपिक था उनके घर का जो शायद दूसरे घरो में तो अच्छा लगे, पर यहाँ बिल्कुल उल्टा था..

राजेश की जवान हो रही बेटी को पड़ने का शॉंक था,
वो भी उसकी तरह डॉक्टर ही बनना चाहती थी पर उसके पापा उसे फ़िल्मो में देखना चाहते थे,
उन्होने अपने दोस्त से बात भी की थी, जिसके बेटे ने फिल्म इंडस्ट्री में अच्छा ख़ासा नाम भी कमा लिया था,
पर उसके परिवार वाले उसकी बातो को सुनकर राज़ी ही नही थे..

राजेश की बीबी रजनी भी अपनी बेटी की तरफ़दारी करते हुए बोली : "मैने पहला बाप देखा है जो अपनी जवान बेटी को ऐसी फिल्म इंडस्ट्री में भेजने पर उतारू है जो पूरी तरह से बदनाम है, सबको पता है की बाहरी दुनिया से आने वाले एक्टर्स को कितना स्ट्रगल करना पड़ता है फ़िल्मो के लिए...डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स की गंदी नज़रो और बातों का सामना करना पड़ता है...उनसे बच गये तो हीरो लोग नही छोड़ते....पता नही आपको कैसा भूत सवार हुआ है ईशा को फ़िल्मो मे भेजने का...''

उसने हमेशा की तरह बात को ना बढ़ाते हुए सिर दर्द का बहाना बनाया और रजनी को चाय बनाकर लाने को कहा...
ईशा भी पैर पटकती हुई अपने रूम में चली गयी और राजेश ने रिमोट उठाकर टीवी ओंन कर दिया...
ऑफीस से आने के बाद वो हमेशा न्यूज़ देखना पसंद करता था...
और बाद में कोई अच्छी सी मूवी देखता था.

पर आज जैसे ही उसने न्यूज़ चैनल लगाया, नीचे आ रही ब्रेकिंग न्यूज़ ने उसके दिल को ब्रेक कर दिया...
खबर ही कुछ ऐसी थी...

फिल्म जगत की जानी मानी हीरोइन शैफाली ने आत्महत्या कर ली थी,
उसकी उम्र भी करीब राजेश जितनी ही थी, यानी 48 साल की..
जब वो डॉक्टरी कर रहा था तब वो नंबर 1 की हेरोयिन थी,
उसकी लगभग हर मूवी हिट जाती थी उन दिनों...
कारण भी था हिट होने का, वो अपने साथ की हेरोइनो से काफ़ी आगे रहती थी जिस्म दिखाने के मामले में...
लेकिन जैसे-2 समय बीता उसे काम मिलना बंद सा हो गया...
एक समय तो ऐसा आया की उसने बी ग्रेड की कुछ मूवीस में भी काम किया पर वहां भी उसकी मूवीस नही चली...
(राजेश के लैपटॉप में आज तक उसकी बी ग्रेड मूवीज का अच्छा ख़ासा कलेक्शन था, उसकी बाकी की मूवीज के अलावा )

न्यूज़ में आ रहा था की पिछले कुछ टाइम से उसे शराब की लत्त लग चुकी थी, अंदर से शायद टूट चुकी थी वो इसलिए उसने खुदखुशी जैसा कदम उठाया..

राजेश को सच में काफ़ी दुख हुआ शैफाली की मौत पर...
अपनी जवानी के दिनों में उसे याद करके उसने ना जाने कितनी बार मुट्ठ मारी थी...
शादी के बाद भी वो अपनी बीबी रजनी में शैफाली का चेहरा ढूंढता था और उसे सोचकर ही उसके लंड में एक अजीब सा तनाव आ जाता था जिसके बाद रजनी की चीखो से पूरा कमरा दहल जाता था...

तभी रजनी उसके लिए चाय लेकर आ गयी...
राजेश का उतरा हुआ चेहरा देखकर उसने जब न्यूज़ देखी तो हंसते हुए बोली : "चलो अच्छा हुआ जो तुम्हारी चहेती शैफाली मर गयी, वरना मुझे तो शक था की एक दिन तुम मुझे छोड़कर उसके पास चले जाओगे....''

उसने ये बात कही तो मज़ाक में थी, पर राजेश का कई बार ये मन हुआ था की काश वो ऐसा कर पाता की अपनी बीबी को छोड़कर वो हमेशा-2 के लिए अपनी दिल की राजकुमारी शैफाली के पास जा सकता...
पर वो सब इच्छाएं दिल में ही रह गयी...
बेचारी उपर चली गयी, उसे ऐसा नही करना चाहिए था.

बस यही सब सोचते-2 उसने चाय पी, बाद में फ्रेश होकर खाना खाया और सो गया...पर मन काफ़ी उचाट हो चुका था उसका शैफाली की न्यूज़ देखकर.

अगले दिन हमेशा की तरहा जब वो हॉस्पिटल पहुँचा तो वहां काफ़ी भीड़ थी...
शैफाली की बॉडी को वहीं लाया गया था पोस्मॉर्टम के लिए...यानी उसे ही शैफाली का पोस्टमॉर्टम करना था.

एक पल के लिए तो राजेश को लगा की वो कोई सपना देख रहा है, क्योंकि उसी के बारे में सोचते हुए उसने पूरी रात निकाली थी...

पर अंदर ही अंदर उसे ज़्यादा खुशी भी नही हुई,
क्योंकि जिससे वो जीते जी मिलना चाहता था वो उसे मरने के बाद देखने जा रहा था...

खैर, धड़कते दिल से जब वो पोस्टमॉर्टम रूम में पहुँचा तो सफेद चादर में लिपटा उसका शरीर देखकर उसकी आँखो में आँसू ज़रूर आ गये...
पास जाकर जब उसने चेहरे से चादर हटाई तो उसका सफेद चेहरा देखकर उसे यकीन ही नही हुआ की वो शैफाली ही है...
आँखे धँस चुकी थी...
आँखो के चारो तरफ डार्क सर्कल थे, होंठ भी काले पड़ चुके थे...
उसने धीरे-2 करके पूरी चादर निकाल फेंकी, वो सिर्फ़ एक नाइट गाउन में थी,
हाथ की कलाई काटी थी उसने, काफ़ी खून बहा था उसका, वही कारण था शायद उसकी मौत का..

उसने अपने सहयोगी से उसके कपड़े हटाने को कहा...
साथ ही उसने जो भी गले में और उंगलियो में पहना हुआ था वो सब भी निकालने को कहा..
गले में एक मोतियों की माला थी, उसी से मैच करते हुए ईयर रिंग्स भी थे...
हाथ में एक अंगूठी भी थी मोतियो की और कलाई में भी उसी तरह के मोतियो से बना एक ब्रेस्लेट था...
पूरा सेट था जो उसने पहन रखा था मोतियो से बना हुआ....
उन्हे हाथ में लेकर राजेश भी काफ़ी देर तक हैरानी से उन्हे देखता रहा...
फिर उन सबकी इकट्ठा करके एक ज़िप पाउच में रख दिया और चुपके से अपने सहयोगी की नज़र से बचाते हुए वो सामान अपनी जेब में रख लिया..

एक सोने की चैन और 2 पायल भी थी,वो उसने एक अलग पाउच में रख दी, हॉस्पिटल में जमा कराने के लिए.

उसके सहयोगी ने जब नाइट गाउन हटाया तो शैफाली के नंगे शरीर को देखकर राजेश की धड़कने रुक सी गयी...
यही वो शरीर था जिसके बारे में सोचकर उसने कई बार मुट्ठ मारी थी...
पर इस वक़्त वो शरीर बेजान सा होकर उसके सामने पड़ा था...
कोई आकर्षण नही रह गया था उसके अंदर...
मरने के बाद कैसी बेजान सी पड़ी थी शेफाली, राजेश की आँखे भर आई उसे देखकर , जब उसका सहायक पेन लेने के लिए बाहर गया तो उसने झुक कर उसके माथे को चूम लिया
फिर उसने अपनी पोस्टपॉर्टम रिपोर्ट बनानी शुरू की...
पूरे शरीर की जाँच की, कलाई के कट को देखकर, उसकी गहराई को समझकर, जिन नसों को काटा गया था उन्हे रिपोर्ट में डाला, कितना ब्लॉड़ निकला उसका अंदाज़ा लगाकर उसे भी मेन्षन किया, शरीर पर कोई और घाव के निशान नही थे, कुछ कट के पुराने निशान थे, जिन्हे मेंशन करना जरुरी नहीं था..

इसलिए उसने भी अपनी तरफ से स्पेशल कॉमेंट्स में सुसाईड डालकर पूरी रिपोर्ट बना दी और नीचे साइन भी कर दिया...

बाहर निकलते ही उसे मीडिआ ने घेर लिया...
ये शायद पहला मौका था जब उसका चेहरा कई कैमरों के सामने चमक रहा था...
उसने स्माइल करते हुए रिपोर्टर्स से बात की, और जितनी ज़रूरत थी उसके हिसाब से उन्हे बताया..
और फिर सभी कामो से निपट कर वो अपने केबिन में वापिस गया और कपड़े बदल कर अपने घर की तरफ चल दिया...

घर जाते हुए वो अपनी जेब में पड़ी पोटली को सहला रहा था जिसमें शेफाली के शरीर पर सजे वो आर्टिफिशियल ज्वेलेरी थी...

पर बेचारा ये नही जानता था की ये गहने उसकी जिंदगी को पूरी तरह से उलट पलट कर रख देंगे.
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#2
UPDATE - 2
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घर जाते हुए वो अपनी जेब में पड़ी पोटली को सहला रहा था जिसमें शेफाली के शरीर पर सजे वो आर्टिफिशियल ज्वेलेरी थी...

पर बेचारा ये नही जानता था की ये गहने उसकी जिंदगी को पूरी तरह से उलट पलट कर रख देंगे.

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अब आगे
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रात को घर पहुँचकर राजेश ने वो पैकेट निकाल कर अपने बेड के साइड वाली टेबल की ड्रा में रख दिया और फिर मुँह हाथ धोकर फ्रेश हुआ और टीवी के सामने बैठ कर चैनल चेक करने लगा की शायद किसी न्यूज़ पर उसका इंटरव्यू दिख जाए जिसमें वो रिपोर्टर्स को शैफाली की सुसाईड डीटेल्स बता रहा था...
पर किसी भी चैनल पर शेफाली से समन्धित कोई भी न्यूज़ नही आ रही थी....
हां,नीचे रनिंग न्यूज़ में ये ज़रूर आ रहा था की शेफाली की मौत से फिल्म जगत को काफ़ी बड़ा आघात पहुँचा है...

राजेश (मन ही मन झुंझलाते हुए) 'हुंह ...आघात...माय फुट...जब तक इंसान जिंदा होता है तब तो कोई पूछता नही, अब मरने के बाद सभी को आघात पहुँचा है...साले मतलबी लोग...'

वो बड़बड़ा रहा था तब तक रजनी उसके लिए चाय ले आई : "किस बात पर गुस्सा आ रहा है....अपनी चहेती हीरोइन के मरने का अफ़सोस आपको अभी तक हो रहा है क्या...''

वो कुछ बोल पाता, इससे हले ही टीवी स्क्रीन पर राजेश का चेहरा आ गया, जिसमें रिपोर्टर्स उस से सवाल जवाब कर रहे थे...

वो देखते ही रजनी का चेहरा एकदम से खिल उठा...

''ओह्ह माय गॉड ...आप टीवी पर...आपने बताया ही नही की आपने ही उसका पोस्टमॉर्टम किया है...बता देते तो अपने मायके में और सहेलियों को बोल तो देती, वो भी देखते आपको...एक अलग ही इंप्रेशन पड़ता...''

राजेश उसकी बात सुनकर झुंझला सा गया...
शेफाली की मौत पर अपनी बीबी की ये खुशी शायद उससे बर्दाश्त नही हो रही थी..

खैर, कुछ देर वहां बैठकर वो बाहर निकल गया,
नीचे सोसाइटी पार्क में जाकर अपने कुछ दोस्तो से मिला, थोड़ी सी वॉक की और वापिस उपर आ गया, तब तक खाना लग चुका था.

खाना खाकर वो अपने रूम में गया और लेट गया,
पर उसके दिमाग़ में अभी तक शेफाली से जुड़ी बातें घूम रही थी...
और अचानक उसकी आँखो के सामने उसका नंगा शरीर तैर गया...

काश, वो जीते जी उसके सैक्सी शरीर को इस तरह से नंगा देख पाता...
ये सोचते हुए वो अपने लंड को पायजामे के उपर से ही रगड़ने लगा.

तभी किचन का काम निपटा कर रजनी कमरे में दाखिल हुई और राजेश को जब उसने अपना लंड मसालते हुए देखा तो ठंडे स्वर बोली : "फिर में से शुरू हो गये आप...मैने बोला था ना अब अगले 15-20 दिन से पहले बात नही करना...अभी तो एक हफ़्ता भी नहीं हुआ...''

राजेश ने सिर पीट लिया...की वो सोच क्या रहा था और रजनी ने समझ क्या लिया...

रजनी हमेशा से ही सैक्स के मामले में ठंडी औरत रही थी,
ईशा के जन्म के बाद तो 2-2 महीने निकल जाते थे सैक्स किए बिना,
और कभी कभार राजेश गुस्से में या चिड़कर इस बात का मुद्दा बना लेता तो मजबूरी में रजनी को उसका साथ देना ही पड़ता था...
पर कुल मिलाकर राजेश की सैक्स लाईफ नील बटे सन्नाटा जैसी थी...
दूर -2 तक रोमांस नाम की कोई चीज़ ही नही रह गयी थी रजनी में .
इसलिए इस उम्र में भी राजेश अक्सर नहाते हुए मुठ मार लिया करता था..

अचानक रजनी की खुशी से भरी आवाज़ सुनकर राजेश चोंक गया..

''ओ वाउ....कितना सुंदर पर्ल का सेट है...ये आप मेरे लिए लाए हो, बताया ही नही..''

राजेश ने देखा तो रजनी उसके साइड वाले ड्रॉवर को खोलकर उसमें से वो शेफाली वाला पर्ल सेट निकाल चुकी थी और उसे निकाल कर हाथो में लेकर उलट पलट कर देख रही थी और खुश हो रही थी..

राजेश को गुस्सा तो बहुत आया पर बेचारा कुछ कर ही नही सकता था,
ग़लती उसी की थी, उसे वो सामान संभाल कर अपने लॉकर में रख देना चाहिए था,
रजनी ने मोबाइल चार्जर उसी ड्रॉ में रखा हुआ था, जिसे निकालते वक़्त उसकी नज़र उस सेट पर पड़ गयी..

वो उसे निकाल कर ड्रेसिंग टेबल तक ले गयी और पर्ल नेकलेस को अपने गले में पहन लिया...

राजेश बेचारा मायूस चेहरा लिए उसे ऐसा करते हुए देख रहा था...
वो नोट कर रहा था की जैसे- 2 वो सेट पहन रही थी, उसके एक्सप्रेशन्स चेंज हो रहे थे....
नेकलेस पहनने के बाद उसने कानो में इयरिंग्स पहने, हाथो में बेंगल और उंगली में अंगूठी.....

उन्हे पहन कर वो उसकी तरफ पलटी और बड़े ही सैक्सी अंदाज में अपनी भोंहे चड़ा कर बोली : "कैसी लग रही हूँ मैं ....सैक्सी ना...''

राजेश तो उसके एक्सप्रेशन्स देखता ही रह गया,
आज तक रजनी ने इतने सैक्सी तरीके से बात नही की थी..

रजनी ने जैकेट वाला नाइट गाउन पहना हुआ था....

वो बड़े ही सैक्सी अंदाज में राजेश की तरफ चलने लगी और चलते-2 उसने अपने गाउन की जैकेट निकाल फेंकी...

ये सब राजेश को किसी सपने जैसा लग रहा था..
क्योंकि रजनी के हाव भाव से लग रहा था की आज वो कुछ अलग ही मूड में है..
और जैसे हाव भाव वो दिखा रही थी, ऐसा आज तक नही हुआ था.

वो सैक्सी चाल में चलती हुई उसके करीब आई और बेड के साइड पर बैठ कर उसके उपर झुकती चली गयी...
रजनी के रेशमी बालो ने उसके चेहरे को ढक दिया और उन्ही बालो की आड़ में रजनी ने अपने होंठ उसके होंठो पर रखकर उसे चूमना शुरू कर दिया...
साथ ही उसका एक हाथ राजेश के कसमसा रहे लंड पर आया और उसे मसलने लगा...

राजेश को अभी भी ये सब एक सपने जैसा ही लग रहा था...
क्योंकि उसे अपनी बीबी की सैक्स कैपेसिटी का पता था,
उसने आज तक खुद से पहल करके कभी भी सैक्स की शुरूवात नही की थी,
उसे खुद ही रजनी को तैयार करना पड़ता था चुदाई के लिए
और वो एकाध महीने में जब करती भी तो किसी एहसान की तरह..

पर आज रजनी जिस तरह से खुद ही राजेश के पास आई थी और उसे तैयार कर रही थी, वो उसकी सोच से परे था..

खैर,वो इन सब बातो को भूलकर उसके स्मूच को एंजाय करने लगा और उसके गुदाज मुम्मो को दबाकर मज़े लेने लगा.

और फिर राजेश को अपनी लाइफ का दूसरा झटका मिला जब रजनी उसे चूमते-2 नीचे की तरफ जाने लगी और उसके लंड को पज़ामे से निकालकर उसे मुँह में भरकर उसे किसी प्रोफेशनल रंडी की तरह चूसने लगी..

ये वो काम था जिसके लिए राजेश 20 सालो तक उसके आगे गिड़गिडया था...
उसके लंड को आज तक किसी ने मुँह मे नही लिया था...
शादी से पहले 1-2 गर्लफ्रेंड्स थी पर बात सिर्फ़ चूमा चाटी तक ही सीमित रही थी उन दिनों ...
शादी के बाद दूर की एक कज़िन के साथ उसका चक्कर चला था, पर वो मामला भी सिर्फ़ जल्दबाज़ी की चुदाई तक ही सीमित रहा था...बाद में वो भी अमेरिका जाकर सेट्ल हो गयी थी..

पर आज उसे अपने लंड पर रजनी के होंठो का एहसास वो खुशी दे रहा था जिसके लिए वो सालो से वंचित था...
हमेशा से ही ब्लू फिल्म्स या पॉर्न साइट्स पर कॉक सकिंग के वीडियोस देखकर उसका लंड कड़क हो जाया करता था, और वो अपनी किस्मत को कोसता हुआ यही सोचता रह जाता था की पता नहीं उसकी किस्मत में ये सुख लिखा भी है या नहीं , वो सोचता की काश एक दिन उसके लंड को भी कोई चूसे ताकि वो भी जान सके की गर्म जीभ और होंठो का संगम क्या असर करता है खड़े हुए लंड पर...

और आज वो उस एहसास को महसूस करके एक अलग ही दुनिया में पहुँच चुका था...
उसने रजनी के बालो को बेदर्दी से पकड़ा और उसे अपने लंड पर दबाकर ज़ोर से चिल्लाया..

''आआआआआआआआहह....... शाआबाअश मेरी ज़ाआाआअंन्न...... अहह आअज तो मज़ा ही आ गययआआआआ..... उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़.....''

इतना कहते हुए उसके लॅंड से ढेर सारा पानी निकल गया, और उसने रजनी के बालो पर अपनी पकड़ ढीली कर दी..

पर रजनी ने अपना सिर उसके लंड से नही हटाया...
बल्कि उसके लंड को मुँह में लेकर और जोरों से चूसने लगी....
ऐसा करते हुए वो मुँह से अजीब सी आवाज़ें भी निकाल रही थी...
और अंत मे जब राजेश के लंड में एक भी बूँद नही बची तो उसने उसे छोड़ दिया
वो मुस्कुराती हुई उपर आई और फिर से उसके होंठो को चूमकर उसे अपने ही लंड से निकली मलाई का स्वाद चखाने लगी..

राजेश पस्त हो चुका था...पर रजनी नही.

वो खड़ी हुई और उसने अपने बचे खुचे कपड़े निकाल फेंके ,
वो अब अपने पति के सामने पूरी नंगी होकर खड़ी थी..
राजेश की समझ मे नही आया की अब वो क्या करने वाली है..
क्योंकि अब उसकी इतनी उम्र नही रह गई थी की एक के बाद दूसरी बार उसका लंड खड़ा हो सके और वो भी इतनी जल्दी..

पर वो कुछ नही बोला...
आज वो देखना चाहता था की रजनी और क्या कर सकती है उसके साथ.
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#3
UPDATE - 3
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राजेश पस्त हो चुका था...पर रजनी नही. वो खड़ी हुई और उसने अपने बचे खुचे कपड़े निकाल फेंके ,
वो अब अपने पति के सामने पूरी नंगी होकर खड़ी थी..राजेश की समझ मे नही आया की अब वो क्या करने वाली है..क्योंकि अब उसकी इतनी उम्र नही रह गई थी की एक के बाद दूसरी बार उसका लंड खड़ा हो सके और वो भी इतनी जल्दी..पर वो कुछ नही बोला...आज वो देखना चाहता था की रजनी और क्या कर सकती है उसके साथ.


***********
अब आगे
***********


आज शायद काफ़ी समय बाद रजनी को इस तरह से अपने सामने पूरा नंगा खड़े हुए देख रहा था राजेश...
वरना पिछले कुछ सालों से तो सिर्फ़ काम की चीज़ों से ही परदा हटता था और नाम मात्र की चुदाई करके दोनो सो जाया करते थे..


आज भी उसकी चुचिया काफ़ी लुभावनी थी..

[Image: 280069391836e0c40c39fa2406556d9e617b02d5.gif]


वो मुस्कुराती हुई आई और सीधा उसके उपर चढ़ कर बैठ गयी....
रजनी की गर्म चूत की सिंकाई उसे अपने लंड पर महसूस हो रही थी, वो इस वक़्त काफ़ी गीली थी....


वो अपनी गीली चूत उसके लंड पर घिसने लगी..


[Image: 3.gif]


उसकी चूत से निकल रहे रस ने राजेश के मुरझाए हुए लंड को तर करना शुरू कर दिया और साथ ही साथ नीचे झुकते हुए उसने अपने मुम्मे राजेश के होंठो से लगा कर उसे ललचाने लगी..

एक अजीब सी सिसकारी मारी राजेश ने जब उसके लंड ने एक जोरदार झटका मारकर फिर से अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी..
वो भी हैरान था अपने लंड की हरकत देखकर..
वैसे ग़लती उसकी भी थी..
आज तक एक के बाद दूसरी बार उसने भी तो ट्राइ नही किया था...
ये बात तो तभी पता चले ना जब ऐसा कोई मौका मिले..
और आज जब मौका मिला तो लंड के रिस्पांस को महसूस करके वो अपने आप को सुपरमैन समझ रहा था..


और सबसे ज़्यादा हैरानी तो उसे रजनी के अंदाज और व्यवहार पर हो रही थी
जो ऐसी हरकतें कर रही थी
जो आज से पहले कभी नही की थी उसने..


पर अभी के लिए ये सब बातें ना सोचकर वो इस मौके का पूरा मज़ा लेना चाहता था,
इसलिए वो रजनी के लटक रहे मुम्मो को मुँह में लेकर जोरों से चूसने लगा..



[Image: 4.gif]


उसका लंड कब खड़ा हुआ और कब वो उसकी चूत में घुस गया उसे भी पता नही चला...
वो तो जब रजनी उसके उपर कूदने लगी तो उसकी समझ में आया...
राजेश के हाथ उसके मुम्मो पर आए वो उन्हे दबाते हुए उसकी चुदाई करने लगा...
आज तक बहुत कम बार ऐसा हुआ था की वो नीचे लेटकर उसकी चुदाई कर पाता था..
हमेशा से ही वो उसकी सलवार निकालकर उसे घोड़ी बनाता और अपने लंड पर थूक मलकर उसे अंदर उतार देता और कुछ देर में सारा माल अंदर निकाल कर साइड में हाँफता हुआ गिर जाता..
और ऐसा करके उसने आज तक शायद इस बात का भी ध्यान नही रखा की रजनी भी तृप्त हुई है या नही....
शायद नही होती होगी..


पर आज उसके हाव भाव से पता चल रहा था की वो अपने अंदर गये लंड का भरपूर मज़ा ले रही है...
राजेश को भी अपना लंड उसकी मखमली चूत में अंदर बाहर होते हुए पूरा महसूस हो रहा था...


[Image: 28006940f3425c5e05c67598b130729d2e9a60b5.gif]


और फिर राजेश ने उसके चेहरे पर आए भाव को बदलते देखा
जैसे कोई बहुत बड़ी खुशी से सामना होने जा रहा था उसका
वो बुदबुदाने लगी..


''आआआआअहह....... उम्म्म्ममममममममममम...... यएससस्स......... फकककक मी......और ज़ोर से......चोदो मुझे.......आअह्ह्ह्हह..... मेरी ज़ाआाआआअंन्न..... और तेज.......और तेज चोदो मुझे.....''

ये सब राजेश की बर्दाश्त से बाहर था....
वो किसी प्रोफेशनल रंडी की तरहा चिल्लाने लग गयी थी अचानक...
और राजेश ने भी उसके मोटे कूल्हे पकड़े और नीचे से दनादन शॉट मारकर उसे ऑर्गॅज़म के करीब ले जाने लगा....


और रजनी से पहले ही राजेश का पानी छूट गया....
वो उपर चड़कर अपनी चूत से उसके लंड को घिस्स ही इतनी बुरी तरह से रही थी की राजेश से कंट्रोल ही नही हुआ...


पर गनीमत ये रही की राजेश के गर्म वीर्य को महसूस करके वो भी झड़ने लगी...



[Image: 28006936bdd661f32c80b11c3f01897e4a164771.gif]



''आआआआआआआआआआआआअहह....... मजाआाआआआआआअ आआआआआआआआआअ गय्आआआआआआआ....... उम्म्म्ममममममममममममममममममममम''



ये एक ऐसी उन्माद से भरी सिसकारी थी जो राजेश को अंदर तक संतुष्टि प्रदान कर गयी..

अब सच मे उसे अंदर से सुपरमैन वाली फीलिंग आ रही थी.



वो फिसलकर उसके उपर ही गिर गयी और राजेश के होंठो को चूमकर उस से लिपटकर लेट गयी...

राजेश उठकर वॉशरूम जाने लगा तो उसने जाने ही नही दिया, दोनो के अंदर का माल वहीं बिस्तर पर गिर गया, पर आज राजेश को इसकी कोई फ़िक्र नही थी, वो तो बस अपनी बीबी के इस बदले हुए रूप को देखकर खुश हो रहा था और उसी खुशी में वो कब नींद के गहरे आगोश में चला गया उसे भी पता नही चला..



सुबह जब उसकी आँख खुली तो रजनी उठकर जा चुकी थी,

और वो उसी हालत में नंगा पड़ा हुआ था, चादर थी उसके उपर , पर आज तक वो ऐसी हालत में नही सोया था...



अपनी हालत पर मुस्कुराते हुए वो उठा और बाथरूम में जाकर फ्रेश हुआ,

नहा धोकर जब वो बाहर निकला तो रजनी उसे देखकर मुस्कुरा उठी...

वो भी मुस्कुराते हुए उसके करीब गया और झुक कर उसके गालो को चूम लिया..



तभी पीछे से ईशा की आवाज़ आई : "ओो हो क्या बात है पापा...आज बड़े रोमांटिक हो रहे हो...''



राजेश ने सकपकाते हुए उसकी तरफ देखा जो कॉलेज जाने के लिए तैयार होकर उनके पीछे खड़ी थी...

रजनी शरमाते हुए किचन में चली गयी और राजेश बेचारा बिना कुछ बोले खिसियानी हँसी हँसता हुआ डाइनिंग टेबल पर आकर बैठ गया...



ईशा और राजेश ने नाश्ता किया और फिर दोनो एक साथ अपने-2 गंतव्य की तरफ चल दिए...

राजेश ने अपनी कार से उसे मेट्रो तक छोड़ा और फिर अपने हॉस्पिटल की तरफ चल दिया..



आज कोई ख़ास काम या पोस्टमॉर्टम नही करना था उसे...

सिर्फ़ शेफाली की रिपोर्ट को अपने कंप्यूटर में डालना था, जो उसने आधे घंटे में ही कर दिया.



बाद में वो रात भर की बातें सोचकर उनकी गहराई में जाने लगा....

वो भी इसलिए की आज तक तो ऐसा कभी नही किया था रजनी ने, फिर अचानक ऐसा क्या हुआ की वो रातों रात बदल गयी...शाम को जब वो ऑफिस से घर आया था तब भी वो पहले की तरह नार्मल ही थी, फिर ऐसा क्या हो गया बैडरूम में जाने तक....वो तो अंदर आयी थी और उसने वो पर्ल सेट पहना था .... और तभी से .....



अचानक उसका दिमाग़ ठनका...

कहीं ये सब शेफाली के जेवर पहनने से तो नही हुआ...

क्योंकि कल रात को बेडरूम में आने के बाद शेफाली ने जब से वो पर्ल सेट पहना था , तभी से उसके रंग ढंग बदल गये थे...

तो...

तो इसका मतलब...

उसकी बीबी पर शेफाली की आत्मा....

भूत....



नही नही....

ऐसा नही हो सकता..



ऐसे थोड़े ही होता है...

आजकल भूत वूत कुछ नही होता...



वो खुद एक डॉक्टर था, ऐसी बातो पर भला कैसे विश्वास करे वो...



पर जो कुछ भी कल रात रजनी ने किया वो आज से पहले क्यों नही किया उसने...

उसके लंड को चूसा था ,

उसके लंड के पानी को पिया भी था और उसके उपर चढ़कर बुरी तरह से चुदी भी थी वो...

उसका दिमाग़ विज्ञान की दुहाई दे रहा था और उसका दिल कल रात के वाक्य को रजनी के उपर आए शेफाली के साँए की तरफ़दारी कर रहा था..



पूरा दिन उसके दिलो दिमाग़ में यही उलझन रही...

फिर वो एक निर्णय पर पहुँचा की ये सब जान ने के लिए सिर्फ़ एक ही तरीका है,

उसे रजनी को इस बात के लिए राज़ी करना पड़ेगा की वो पर्ल सेट उतार दे...

और उतारने के बाद भी अगर वो कल रात की तरह चुदाई करने में इंट्रेस्टेड रही तो इसका मतलब ये सब भूत-वूत की बातें उसका वहम है...



पर फिर से कल रात की तरह चुदाई की बात सोचकर उसके लंड ने अकड़ना ज़रूर शुरू कर दिया था...
अब तो उसे रात का इंतजार था बस.
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#4
UPDATE - 4
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पूरा दिन उसके दिलो दिमाग़ में यही उलझन रही...


फिर वो एक निर्णय पर पहुँचा की ये सब जान ने के लिए सिर्फ़ एक ही तरीका है,
उसे रजनी को इस बात के लिए राज़ी करना पड़ेगा की वो पर्ल सेट उतार दे...
और उतारने के बाद भी अगर वो कल रात की तरह चुदाई करने में इंट्रेस्टेड रही तो इसका मतलब ये सब भूत-वूत की बातें उसका वहम है...

पर फिर से कल रात की तरह चुदाई की बात सोचकर उसके लंड ने अकड़ना ज़रूर शुरू कर दिया था...
अब तो उसे रात का इंतजार था बस.

************
अब आगे
************

घर पहुँचकर हमेशा की तरह वो फ्रेश होकर टीवी के सामने बैठ गया और न्यूज़ चला ली,
रजनी का चेहरा देखकर उसे अभी ये अंदाज़ा लगाना मुश्किल हो रहा था की उसपे अभी तक कल रात वाला असर है या नही...
वो राजेश के लिए चाय बनाकर लाई और किचन में जाकर रात का खाना तैयार करने लगी.
राजेश ने नोट किया की उसने वो पर्ल सेट उतार दिया है....
गले के हार के साथ उसने कानो के टॉप्स और अंगूठी भी उतार दी थी, ये देखकर राजेश को खुशी हुई की चलो अच्छा है, अब ये जानना आसान रहेगा की सच क्या है.

राजेश ने चाय पी और किचन की तरफ चल दिया, ईशा अपने रूम में थी इसलिए वो थोड़ा निश्चिंत था अभी.

वो रजनी के पीछे गया और उसके पेट पर अपनी बाँहों को कसते हुए उसे पीछे से जाकड़ लिया और अपना सिर उसके कंधे पर रख दिया...

रजनी ने मुस्कुराते हुए कहा : "अर्रे....क्या हो गया है आपको...आज तक तो ऐसे नही किया कभी...''

राजेश ने उसके गालो को चूमते हुए कहा : "तुमने भी तो आज तक वो सब नही किया जो कल रात किया था...''

राजेश की बात सुनके वो मुस्कुरा दी...
राजेश ने देखा की उसके ब्लाउज़ में तनी हुई चुचियों में अचानक निप्पल्स चमकने लग गये...
यानी उसकी बात सुनकर वो उत्तेजित हो रही थी.

राजेश ने एक बार पलटकर पीछे देखा की कहीं ईशा तो नही आ रही और फिर अपने हाथ उपर करते हुए वो रजनी के बूब्स को साड़ी के उपर से ही पकड़ लेता है...

''आआआआआआआआआआआअहह...... म्‍म्म्ममममममममममममममममम.......... छोड़ो ना......क्या कर रहे हो..... काम करने दो प्लीज़..... ईशा आ जाएगी....मत करो ना...''

पर वो उसकी नही सुनता और उसके निप्पल्स को ब्लाउस के उपर से ही पकड़कर उन्हे उंगलियो के बीच मसलने लगता है और अपना खड़ा हुआ लंड वो उसकी भरी हुई गांड पर घिसकर ज़ोर से दबाने लगता है...

''आआआआआआआआआअहह रआआआजीईईश....... मत करो ना........ डार्लिंग...... उम्म्म्मममममममम......''

ऐसा करते हुए वो नागिन की तरह अपने बदन को लहराकर उसके खड़े लंड पर रगड़ भी रही थी और उसके हाथो को अपनी छाती के उपर दबाकर उनका मज़ा भी ले रही थी..

अब तक राजेश शायद समझ चुका था की शेफाली के भूत वाली बात शायद उसका वहम था...
रजनी में सचमुच कुछ बदलाव आ चुका है..

पर जो भी था, ये बदलाव उसे बहुत पसंद आ रहा था..

रजनी की हालत ऐसी हो चुकी थी की राजेश अगर चाहता तो उसे वहीं किचन में चोद डालता पर ईशा घर में थी अभी...
इसलिए उसने अपने आप पर काबू किया और अपनी बाँहों में मचलती हुई रजनी के कानो में धीरे से कहा

''आज रात को कल से भी ज़्यादा बुरी तरह से चोदूँगा तुझे....देख लेना..''

इतना कहकर वो उसे अधमरी सी हालत में छोड़कर मुड़ा और सीधा बाथरूम में घुस गया..

पीछे बेचारी रजनी अपनी उखड़ी हुई सांसो पर काबू पाती हुई, अपनी चूत से रिस रहे रस को अपने पेटीकोट से रगड़कर उसे सॉफ करने लगी और रात को होने वाली चुदाई के बारे में सोचकर मुस्कुराती हुई फिर से अपने काम में लग गयी.

राजेश ने अपने सारे कपड़े निकाल फेंके और रेजर लेकर सबसे पहले उसने अपने लंड की शेव की, जो काफ़ी समय से नही की थी...करता भी क्यों भला, आज तक उसे देखने की भी ज़रूरत महसूस नही की थी रजनी ने...
पर अब तो वो उसे देखेगी भी और चुसेगी भी, इसलिए उसका फैशियल करना तो बनता ही है...
अपने लंड के चारों तरफ की घास हटाकर उसने उसे चमका कर चिकना बना दिया...
और फिर खूब मल-मलकर उसने अपने शरीर पर बॉडी वॉश लगाया और रात की तैयारी पूरी करके वो अपने बेडरूम में आया और ढीले ढाले से कपड़े पहन कर वापिस बाहर आ गया.

रजनी तब तक खाना बना चुकी थी, वो जब वो नहाने जा रही थी वो राजेश उसके कान में बोला ''डार्लिंग...अपनी चूत की अच्छे से क्लीन कर लेना...''

वो झुकी और उसके कान मे फुसफुसाई : "सुबह ही कर ली थी मैने तो...''

इतना कहकर वो खिलखिलाती हुई बाथरूम की तरफ चल दी..

डाइनिंग टेबल पर बैठी ईशा उन्हे देखकर हैरान हो रही थी की अचानक उसके माँ बाप इतने रोमॅंटिक कपल कैसे बन गये..
पर जो भी था ये अच्छा था, इसलिए वो बिना कुछ कहे मंद-2 मुस्कुराती हुई डिन्नर करने लगी.

रजनी के आने के बाद राजेश ने उसके साथ डिन्नर किया और रूम में पहुँचकर बेड पर लेट गया.

कुछ देर में ही रजनी आई और उसने बड़े ही सैक्सी अंदाज में उसे देखते हुए दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया.

राजेश बेड से उठ खड़ा हुआ और उसका लंड भी पायजामे में अंगड़ाइयां लेने लगा.

नहाने के बाद रजनी ने एक गाउन पहन लिया था, जिसे बेड पर आने से पहले उसने उतार दिया..
सामने से खुलने वाले गाउन पर लगी तनी जब उसने खोली तो अनुमान के मुताबिक अंदर उसने कुछ भी नहीं पहना हुआ था , एक ही पल में वो पूरी नंगी होकर खड़ी थी राजेश के सामने.

राजेश अपनी बीबी की सुंदरता देखता ही रह गया...
आज वो कल से भी ज़्यादा सैक्सी लग रही थी...
ख़ासकर अपनी चूत के बाल सॉफ करने के बाद...
चिकनी चूत ने उसकी सुंदरता में चार चाँद लगा दिए थे...
रजनी की चूत लश्कारे मारती हुई चमक रही थी..

[Image: suma.jpg]

राजेश ने भी आनन फानन में सारे कपड़े निकाल फेंके और नंगा हो गया...
रजनी ने भी जब राजेश के खड़े लंड के चारों तरफ की चिकनाई देखी तो वो मुस्कुरा दी और बड़े ही मादक अंदाज में अपनी कमर मटकाती हुई उसकी तरफ आने लगी.

उसकी गांड की थिरकन ऐसी थी की कोई भी देखकर पागल हो जाए


[Image: 1.gif]

राजेश के करीब पहुँचकर उसने उसे अपनी छाती से लगा लिया, राजेश ने अपना मुँह सीधा उसके मुम्मो पर लगाया और दूध पीने लगा..

''आआआहह........ मेला बैबी.......उम्म्म्ममममम''

वो उसके बालो में उंगलिया फेराती हुई उसे प्यार से सहलाने लगी और फिर उसे बेड पर धकेल कर खुद भी उपर चढ़ गयी...
सबसे पहले उसका निशाना राजेश का लंड बना जो काफ़ी देर से उसके होंठो का इंतजार कर रहा था..

उसने किसी बिल्ली की तरहा एक ही झटके में उसके चूहे को निगल लिया और उसे चूसने लगी...
राजेश की आँखे बंद होती चली गयी....
लगातार दूसरे दिन उसके लंड को चूस रही थी रजनी...
आज उसे सच में शादी के असली सुख का एहसास हो रहा था.

रजनी ने उसके लंड को अपनी हथेली में पकड़ा और नीचे मुँह करके उसकी गोटियों को भी मुँह में लेकर चुभला डाला...
राजेश की दोनो बॉल्स रजनी के मुँह में थी जिसे वो बड़े ही सैक्सी तरीके से चुभलाकर चूस रही थी...
राजेश को मज़ा भी बहुत आ रहा था और वो सोच भी रहा था की ये सब आख़िर रजनी ने सीखा कहाँ से...


[Image: cock-balls-socking-with-handjob.gif]

एक ही दिन में वो किसी प्रोफेशनल की तरह उसका लंड चूस रही थी...
उसके दिमाग़ में फिर से वही ख्याल आने लगे की कहीं सच में तो उसकी बीबी के दिलो दिमाग़ और जिस्म पर शेफाली की आत्मा ने क़ब्ज़ा कर लिया है...

पर अब तो वो पर्ल का सेट भी उतार चुकी थी...
फिर भला कैसे वो अब भी उसी अंदाज मे रहेगी भला..

और एक बार फिर से वो कल रात की ही तरह इन सब विचारों को अपने दिमाग़ से झटक कर फेंक देता है और अपनी बीबी से लंड चुस्वाई के मज़े लेने लगता है...

अचानक वो रेंगकर अपनी टांगे उसके चेहरे की तरफ करने लगती है...
वो समझ जाता है की उसकी चूत भी कुलबुला रही है...
वो 69 करना चाहती थी, राजेश को भी कोई परेशानी नही थी...
बल्कि वो खुद रजनी की चिकनी चूत को अपने मुँह में लेकर हर तरह के मज़े लेना और देना चाहता था...

वो अपनी चूत को उसके चेहरे के उपर लाई और ढप्प से उसे नीचे गिरा कर राजेश का चेहरा ढक देती है..
चूत से निकली चाशनी की छींटे दूर तक उछल गयी जब राजेश के होंठ उसपर पड़े तो..
वो किसी कुत्ते की तरह लपलपाकर उसे चाटने लगा...
नीचे से उसके लंड को भी वो उसी तेज़ी से चूस रही थी जिस तेजी से राजेश उसकी चूत को...

[Image: 69.gif]

कुछ देर बाद जब दोनो ने एक दूसरे की मलाई अच्छे से चाट ली तो रजनी ने फिसलकर, अपनी चूत को उसके लंड पर टीका कर, एक ही झटके में उसके मोटे लंड को अपनी चूत के मुँह से निगल कर, जोरदार सिसकारी मारी...

''आआआआअहह मेरे राजा......... उफफफफफफफफ्फ़.......... मज़ा आ गया तेरे मोटे लंड को लेकर....''

राजेश की छाती भी छोड़ी हो गयी अपने लंड की तारीफ सुनकर...
ये भी एक नया काम था जो रजनी ने लाइफ में पहली बार किया था, इसलिए फिर से उसके दिमाग़ में ख़याल आने लगे..

रजनी उसके चेहरे पर आए बदलाव और लंड में आई हल्की सी गिरावट देखकर बोली : "कहा खो गये डार्लिंग......चोदो ना मुझे...अपने मोटे लंड से मेरी चूत के परख़च्चे उड़ा दो मेरे राजा...''

इतना कहकर वो अपने मुम्मे उसके मुँह पर घिसने लगी और खुद ही उसके लंड पर उपर नीचे कूदने लगी...

कुछ देर तक उसे उसी पोजीशन में चोदने के बाद राजेश ने उसे बेड पर लिटाया और साइड पोज़ में , पीछे की तरफ से अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया

राजेश ने उसके कूल्हे गाड़ी के स्टेयरिंग की तरह पकड़े और अपने लंड का ट्रक उसकी चूत के हाइवे पर फुल गियर में दौड़ा दिया...


[Image: 0B40829.gif]


कुछ ही देर में दोनो बुरी तरह से सिसकारियाँ मारते हुए एक दूसरे की बाहों में झड़ने लगे..

''उम्म्म्मममममममममममममम........मेरी जान....... तेरा ये नशीला बदन मेरी जान लेकर रहेगा....''

रजनी : "मेरे बदन की सारी शराब तेरे लिए ही है मेरे राजा......''

इतना कहते हुए वो उसके उपर लुढ़क गयी..


दोनो झड़ चुके थे और कल रात की तरह आज भी रजनी ने उसे उठने नही दिया और ना ही खुद उठी...

दोनो का मिला जुला रस रजनी की चूत से निकलकर वहीं बेड पर गिर गया...



और राजेश को कल रात की तरह कब नींद आई उसे फिर पता नही चला.



अगली सुबह वो नंगा बिस्तर पर सो रहा था,

रजनी उठ चुकी थी..

वो भी उठा , फ्रेश हुआ और नहा धोकर तैयार होकर डाइनिंग टेबल पर आ गया..



वहाँ पहुँचते ही ईशा ने हड़बड़ी में उससे कहा : "पापा, जल्दी से नाश्ता करो, मुझे आज कॉलेज जल्दी पहुँचना है, आज स्टेज शो है हमारा...मुझे भी पार्टिसिपेट करना है उसमें ..''



[Image: isha.jpg]



राजेश : "तुम्हे ...... पर तुम्हे तो स्टेज शो और एक्टिंग पसंद ही नहीं है ?''

ईशा : "ओह्ह पापा , आप ना सुबह -2 फिर से वही बात मत शुरू करो प्लीज, ये मैं अपनी मर्जी से नहीं कर रही, सबको पार्टिसिपेट करना कम्पलसरी है ''



राजेश ने सिर हिलाया और जल्दी-2 नाश्ता करने लगा..



ईशा : "एन्ड मोंम ...आपको 2 बार बोल चुकी हूँ , मेरी वाइट ड्रेस से मेच करता हुआ कुछ हो तो जल्दी से दो मुझे...''



रजनी जल्दी से रूम मे गयी और वही शेफाली वाला पर्ल सेट निकाल कर ले आई और उसके सामने रख दिया.



वो सेट देखते ही राजेश के चेहरे के रंग बदल गये..



वो बोला : "अर्रे...ये...ये भला इसे क्यों दे रही हो....ये तो...''



वो बोलता, इस से पहले ही ईशा बोल पड़ी : "सो वॉट पापा....मोंम के लिए आप लाए तो मैं नही पहन सकती क्या...और वैसे भी एक दिन के लिए तो मैं कुछ नया समान लेने मार्केट नही जाउंगी ना...एक तो आपके पैसे बचा रही हूँ उपर से आप ऐसे बोल रहे हो....चलो अब जल्दी से चलो, मुझे कॉलेज पहुँचकर मेकअप भी करना है..''



इतना कहते हुए उसने वो सेट अपने पर्स में डाला और राजेश का हाथ पकड़कर लगभग खींचते हुए उसे बाहर कार तक ले गयी...



रजनी भी अपनी बेटी की इस बचकानी हरकत पर हंसकर रह गयी...और दोनो को शाम को जल्दी आने को कहा..


राजेश पूरे रास्ते बस यही सोचता रहा की अब क्या होगा.
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#5
UPDATE - 5
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रजनी जल्दी से रूम मे गयी और वही शेफाली वाला पर्ल सेट निकाल कर ले आई और उसके सामने रख दिया.वो सेट देखते ही राजेश के चेहरे के रंग बदल गये..

वो बोला : "अर्रे...ये...ये भला इसे क्यों दे रही हो....ये तो...''

वो बोलता, इस से पहले ही ईशा बोल पड़ी : "सो वॉट पापा....मोंम के लिए आप लाए तो मैं नही पहन सकती क्या...और वैसे भी एक दिन के लिए तो मैं कुछ नया समान लेने मार्केट नही जाउंगी ना...एक तो आपके पैसे बचा रही हूँ उपर से आप ऐसे बोल रहे हो....चलो अब जल्दी से चलो, मुझे कॉलेज पहुँचकर मेकअप भी करना है..''

इतना कहते हुए उसने वो सेट अपने पर्स में डाला और राजेश का हाथ पकड़कर लगभग खींचते हुए उसे बाहर कार तक ले गयी...राजेश पूरे रास्ते बस यही सोचता रहा की अब क्या होगा.

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अब आगे
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ईशा को उसके कॉलेज उतारकर वो अपने हॉस्पिटल पहुँच गया...
वो अभी भी परेशान था पर अपनी परेशानी को वो ज़्यादा देर तक रख नही पाया क्योंकि एक बिज़नेसमेन की फॅमिली का सुसाईड केस आया हुआ था हॉस्पिटल में , उसने, उसकी बीबी और बेटी के साथ फाँसी लगा ली थी....
उसका पूरा दिन उन्ही के पोस्टमॉर्टम में और रिपोर्ट्स बनाने में निकल गया...

रात को वो अपने टाइम के बाद ही घर पहुँचा और तब तक वो सुबह वाली बात भूल ही चुका था की ईशा वो पर्ल सेट लेकर गयी है.

उसने बेल बजाई तो दरवाजा एक अंजान और सुन्दर सी लड़की ने खोला.

एक पल के लिए तो वो खुद चोंक गया की ये कौन है, या फिर कहीं वो किसी ग़लत घर में तो नही आ गया..

पर तभी पीछे से रजनी की आवाज़ आई : "कौन है चाँदनी...ईशा के पापा है क्या ?''

इतने कहते हुए वो अपने गीले हाथ पोंछते हुए दरवाजे तक आ गयी.
उस लड़की ने सिर झुका कर राजेश को नमस्ते किया

रजनी : "आ गये आप, आज इतनी देर कर दी, मैं कॉल करने ही वाली थी....ये चाँदनी है, ईशा की दोस्त...आज वो स्टेज पर गिर गयी थी तो यही उसे घर लेकर आई ...''

उसके इतना कहने की देर थी की राजेश का दिल बैठ सा गया

''गिर गयी थी....कैसे....कहीं लगी तो नही....कहाँ है वो....ईशा ....ईशा...''

इतना कहते हुए वो पागलो की तरह उसके रूम की तरफ भागा...
वो अपनी बेटी से बहुत प्यार करता था, उसके गिरने की खबर सुनते ही वो बदहवास सा हो गया...
पीछे-2 चाँदनी और रजनी भी ईशा के रूम में आ गये..

ईशा अपने बेड पर बैठी थी, उसके पैर में मोच आई थी शायद, उसने बैंडेज लगा रखी थी.

राजेश ने जाते ही उसे गले से लगा लिया

"तू ठीक तो है बेटा...क्या हुआ...कैसे गिर गयी...ज़्यादा चोट तो नही लगी...मुझे कॉल क्यों नहीं किया...''

रजनी पीछे से बोली : "मैने किया था पर आपका फोन बंद था, मैं समझ गयी की ज़रूर कोई बड़ा केस आया होगा...''

ईशा : "मैं ठीक हूँ पापा...नथिंग मेजर....वो आज प्ले था ना हमारा, मैं कॉलेज पहुँचकर फाइनल रिहर्सल करने लगी तो मेरा पैर फिसल गया और मोच आ गयी...फिर चाँदनी को मेरी जगह लेनी पड़ी...एंड पापा, आज तो इसने कमाल ही कर दिया, बिना किसी प्रिपेरेशन के इतना अच्छा परफॉर्म किया की हमारे कॉलेज की प्रिन्सिपल ने स्पेशल स्टेज पर आकर इसे कांग्रेचुलेट किया...''

राजेश की नज़र फिर से चाँदनी की तरफ गयी...
वो अभी भी कोने में खड़ी मुस्कुरा रही थी, पर इस बार राजेश के चेहरे की हँसी गायब थी क्योंकि चाँदनी ने वही पर्ल सेट पहना हुआ था...
शेफाली वाला.

ईशा : "एंड पापा, चाँदनी ने प्ले के बाद मुझे घर भी छोड़ा और अपने घर पर फोन करके आज रात मेरे साथ ही रहने की परमिशन भी ले ली अपनी मोम से....शी इस माय बेस्ट फ्रेंड यू नो...''

इतना कहकर वो क्यूट सी स्माइल देकर चाँदनी को देखने लगी...
पर चाँदनी बड़े ही रहस्यमय ढंग से राजेश को ही देखे जा रही थी.

राजेश बेचारा समझ नही पा रहा था की कैसे रिएक्ट करे...
रजनी उसके लिए चाय बनाने जा चुकी थी...
राजेश भी एक्सक्यूस मी कहता हुआ वहां से निकला और अपने बाथरूम में आकर अपने चेहरे पर ठंडे पानी के छींटे मारे..

शीशे मे अपना चेहरा देखकर वो ये जानने की कोशिश कर रहा था की ये हो क्या रहा है उसके साथ....उसकी लाइफ में.

शेफाली का वो सेट इस वक़्त चाँदनी के गले में था...
जाहिर सी बात थी, ईशा वो प्ले नही कर पाई तो चाँदनी ने उसकी जगह ली, उसके कपड़े पहने होंगे और उसकी ज्वेलरी भी यूज़ की होगी, और इसी वजह से अभी तक चाँदनी के गले में वो सेट था..

पर राजेश का दिमाग़ उन सब बातों का पीछा छोड़ ही नही रहा था की शेफाली की आत्मा उस शरीर पर क़ब्ज़ा कर लेती है जो उसे पहनता है...
उसकी बीबी भी तो 2 ही दिन में बदल सी गयी थी...
और चाँदनी के चेहरे को देखकर और वो जिस अंदाज से राजेश को घूरे जा रही थी , उसे फिर से वही लगने लगा था की कहीं चाँदनी पर भी तो शेफाली के साँए ने अपना असर नही कर दिया है...

ऊपर से चाँदनी थी भी बहुत सैक्सी ...
22 साल की जवान लड़की, कसा हुआ बदन, छोटे पर भरे हुए स्तन और सबसे बड़ी बात उसका मासूम सा चेहरा...
उसके पिंक लिप्स जिनपर लिपिस्टिक लगाने की भी ज़रूरत नही थी, उन्हे चूसने में कितना मज़ा आएगा ये सोचते ही राजेश के तन बदन में सुइयाँ सी चुभने लगी.

वो सोचने लगा की कहीं वो सब सच हो जाए जो वो सोच रहा है तो कैसा होगा...
उसके लिए तो अच्छा ही है..
पर साथ ही एक मरे हुए इंसान के भूत के संपर्क में आने की कल्पना उसे डरा भी रही थी...
उसका दिल डाँवाडोल हो रहा था

तभी बाहर से रजनी ने उसे पुकारा : "अजी, कहाँ रह गये...चाय ठंडी हो रही है...''



राजेश ने जल्दी से अपना चेहरा पोंछा और बाहर आ गया..

उसने शर्ट उतार दी और सिर्फ़ अंदर की बनियान पहने हुए बाहर की तरफ चल दिया..जैसा वो रोज किया करता था.



चाय पीते हुए उसने टीवी ओंन कर दिया, न्यूज़ में सुबह से उसी बिज़्नेसमेन की सुसाईड की न्यूज़ आ रही थी, कंपनी घाटे में चल रही थी और बहुत कर्जा चढ़ चूका था उसपर , इसलिए उसने इतना भयानक कदम उठाया था , एक के बाद एक ये दूसरा बड़ा केस था जिसमें वो इन्वॉल्व था...

वो बड़े गोर से न्यूज़ देखते हुए चाय की चुस्की ले रहा था की अचानक उसे चाँदनी की मीठी आवाज़ सुनाई दी..



''अंकल, आपने तो अपने आप को बहुत मेंटेन कर रखा है...देखकर लगता ही नही की आपकी कॉलेज गोयिंग बेटी भी है...''



राजेश ने सकपकाते हुए उसे देखा जो ना जाने कब उसके करीब आकर सोफे पर बैठ गयी थी,और उसकी बाजुओं की मछलियाँ देखकर उसे एडमायर कर रही थी..



डॉक्टर होने के नाते राजेश खुद ही अपनी सेहत का काफ़ी ध्यान रखता था,

मॉर्निंग वॉक के साथ-2 वो पार्क में बने ओपन जिम का भी अच्छे से इस्तेमाल करता था, जिसका असर उसके शरीर पर सॉफ दिखाई दे रहा था..



राजेश बेचारा कुछ ना बोला, सिर्फ़ सिर हिला कर हल्का सा मुस्कुरा दिया..



चाँदनी ने एक टी शर्ट और जीन्स की शार्ट स्कर्ट पहनी हुई थी..

ईशा भी अक्सर ऐसी ड्रेसस पहेनटी थी घर मे इसलिए ये सब नॉर्मल था उसके लिए...

पर राजेश की नज़रें जब उसकी सुडोल टाँगो पर गयी तो वो अपनी आँखे हटा ही नही पाया वहां से...

एकदम चिकनी टांगे थी उसकी..

जांघे भरी हुई और कसावट लिए हुए, वो भी शायद काफ़ी दौड़ती थी, ये उसे देखकर सॉफ दिख रहा था.



[Image: 11e39978c07ee638da.jpg]



चाँदनी : "जिम का और रन्निंग का तो मुझे भी काफ़ी शोंक है पर पिछले एक हफ्ते से जा ही नही पा रही, मेरी थाई में थोड़ी सूजन सी आ गयी थी लास्ट वीक...चलने में तो ज़्यादा पता नही चलता पर भागते हुए दर्द सा होता है....आप तो डॉक्टर है ना, आप ही देखकर बताइए ना, कही कुछ सीरियस बात तो नही है ना...''



राजेश के चेहरे पर पसीने आ गये इस कल्पना मात्र से ही की वो उसे अपनी जाँघे छुने की इजाज़त दे रही है....

उसने होंठो पर जीभ फेराते हुए उसकी मलाईदार टाँगो को एक बार फिर से देखा, चाँदनी ने भी अपना पुट्ठा घुमाते हुए राजेश की तरफ किया और अपनी भरी हुई गांड के साथ-2 अपनी जांघे भी पूरी परोसकर उसके सामने रख दी...



राजेश सोच ही रहा था की क्या बोले उसे की तभी किचन से रजनी की आवाज़ आई



''अजी सुनते हो, ज़रा चाँदनी का चेकअप कर लेना, उसके पैरों में कुछ सूजन सी आई हुई है, आते ही बोल रही थी, मैने कहा की ईशा के पापा को आने दे तो वो चेक कर लेंगे..''



इतना कहते हुए वो किचन से बाहर भी निकल आई



और दोनो को देखते हुए बोली : "आप अभी देख लो इसे, तब तक मैं डिन्नर बना लेती हूँ...''



इतना कहते हुए वो फिर से किचन में चली गयी.



राजेश बेचारा आश्चर्य से उसे जाते हुए देखता रह गया,

क्या ये वही रजनी थी जो उसके उपर इतना पहरा लगा कर रखती थी,

अपनी पड़ोसनों से या बाहर किसी भी लड़की या औरत को देखकर अगर राजेश मज़े लेने के लिए कोई कमेंट पास कर भी देता तो उसे बड़ी चिड़न होती थी, अपनी देती नही थी, दूसरे की लेने नही देती थी, ये हाल था उसका...



पर अब...

अपनी दे भी रही थी और दूसरी की लेने में हेल्प भी कर रही थी..



उसका दिमाग़ फिर से शेफाली की आत्मा की तरफ घूमने लगा



तभी उसे चाँदनी की आवाज़ सुनाई दी



''चले अंकल....उपर...''



राजेश ने उसे देखा, वो बड़े ही सैक्सी अंदाज में अपनी नन्ही सी गोल मटोल गांड मटकाती हुई उपर बने गेस्ट रूम की तरफ चल दी.



ईशा बेंडेज लगाकर अपने रूम में बैठी टीवी देख रही थी और रजनी ने खुद ही उसे बोल दिया था की आप देख लो,मैं खाना बना रही हूँ, यानी उसका 'चेकअप' करते हुए बीच में कोई नही आएगा...



राजेश धड़कते दिल से उसके पीछे चल दिया.
ऊपर.
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#6
UPDATE - 6
==========

''चले अंकल....उपर...''


राजेश ने उसे देखा, वो बड़े ही सैक्सी अंदाज में अपनी नन्ही सी गोल मटोल गांड मटकाती हुई उपर बने गेस्ट रूम की तरफ चल दी.ईशा बेंडेज लगाकर अपने रूम में बैठी टीवी देख रही थी और रजनी ने खुद ही उसे बोल दिया था की आप देख लो,मैं खाना बना रही हूँ, यानी उसका 'चेकअप' करते हुए बीच में कोई नही आएगा...

राजेश धड़कते दिल से उसके पीछे चल दिया.ऊपर.

**********
अब आगे
***********

राजेश उपर पहुँचा तो वो बेड पर बैठ चुकी थी...
राजेश ने दरवाजा बंद कर दिया और उसकी तरफ कदम बदाए.

चाँदनी : "कैसे करना पसंद करेंगे अंकल...''

राजेश : "क..क....क्या ...?''

चाँदनी (मुस्कुराते हुए) : "चेकअप....मेरी थाई का....''

इतना कहते हुए उसने एक बार फिर से अपनी सुडोल जाँघो पर हाथ रखकर उसे थोड़ा सा दबा दिया..

राजेश बेचारा अचकचाता हुआ सा इधर-उधर देखने लगा और बोला : "यहीं ....यहीं लेट जाओ...बेड पर....''

चाँदनी : "उल्टी होकर....या सीधी...''

ये कहते हुए वो मुस्कुरा भी रही थी....
उसकी आँखो में आई शरारत सॉफ देखी जा सकती थी....
राजेश समझ चुका था की वो उसके साथ मज़े ले रही है.

राजेश : "दर्द कहाँ है....आगे या पीछे....''

चाँदनी : "वो तो आप चेक करके देखो ना...मुझे तो हर जगह दर्द होता है...''

इतना कहते हुए बड़े ही नशीले अंदाज में उसने हाथ उपर करते हुए अपने मुम्मो को सहला दिया..

राजेश का लौड़ा तुनके मारने लगा ये देखकर...
फिर भी उसने अपने आप पर काबू पाते हुए उस से कहा : "उल्टी होकर लेट जाओ...लेट मी चेक..''

वो खुशी-2 बेड पर उल्टी होकर लेट गयी....
उसकी नन्ही सी गोल गांड एक कटावदार घुमाव के साथ लहराते हुए उपर नीचे हो रही थी...
राजेश उसके करीब गया और अपने हाथ आगे बढ़ाये.

उसे हाथ लगाने से पहले उसने एक बार फिर से दरवाजे की तरफ देखा

उसे बाहर की तरफ देखते हुए चाँदनी ने देखा और बोली : "डोंट वरी अंकल...रजनी आंटी उपर नही आएगी...यू केन कंटिन्यू...''

वो ऐसे बोल रही थी जैसे उसे राजेश के दिलो दिमाग़ की सारी बातें पता थी, और जिस कॉन्फिडेंस से वो रजनी के उपर ना आने की बात बोल रही थी, राजेश की हालत फिर से खराब सी होने लगी शेफाली के बारे में सोचकर..

उसने अपने काँपते हुए हाथ उसकी जाँघो पर रखे और उन्हे धीरे से दबाया..

''आआआआआआआआआअहह.....सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स........म्‍म्म्ममममममम''

एक ठंडी और मीठी सी सिसकारी निकल गयी चाँदनी के मुँह से जब राजेश ने उसे ऐसे छुआ तो...

राजेश की भी हालत खराब हो गयी इतने जवान जिस्म को छूकर...
एकदम मलाई पनीर जैसी जाँघ थी उसकी...
छूने से पनीर की तरह अंदर धँसती चली गयी उसकी त्वचा...
राजेश ने उंगलियो के साथ-2 अपनी पूरी हथेली उसकी जाँघ पर फेरा दी....
चाँदनी बेचारी पिल्लो में अपना चेहरा दबाकर ज़ोर से सिसक पड़ी.

''उम्म्म्ममममममममममममममममममममममम.........आआआआआआआअहह''

राजेश ने धीरे से पूछा : "यहाँ दर्द है क्या...''

चाँदनी : "उम्म्म.................. नही......... दर्द तो नही पर बहुत अच्छा लग रहा है आपके टच करने से .....''

राजेश मुस्कुरा दिया.....
अच्छा तो उसे भी लग रहा था ऐसे करते हुए...
उसने दूसरा हाथ भी उसकी जाँघ पर लगाया और दोनो हाथों से उसकी नर्म मुलायम जाँघ को दबाकर अच्छे से चेकअप करने लगा....
उसकी जाँघ उसके दोनो हाथो में आ भी नही रही थी.....
वो उसकी मालिश सी करने लगा अपने हाथो से.

जाँघ से थोड़ा उपर उसके नर्म चूतड़ भी हिचकोले खाते हुए इधर उधर हो रहे थे...

जैसे नर्म मक्खन से बने दो गुंबद उसके हाथ लगाने से डॅन्स करने लगे हो...

मन तो उसका कर रहा था उन्हे भी दबोचने का पर वो हद में रहकर ही सब कुछ करना चाहता था ताकि मर्यादा बनी रहे.



कुछ देर तक वैसे करने के बाद वो बोला : "पीछे शायद प्राब्लम नही है....तुम पलट जाओ, मैं आगे से चेक करता हूँ .....''



राजेश ने उसे बोल तो दिया पलटने के लिए पर उसका खुद का लंड उसके साथ विद्रोह कर रहा था...

उसकी पेंट में उसने हाहाकार मचा रखा था...बड़ी मुश्किल से उसने चांदनी के पलटने से पहले अपने लंड को साइड में एडजस्ट किया



चाँदनी अपने नशीले बदन को घुमाकर पलट गयी...

उसके गुलाबी चेहरे को देखकर सॉफ पता चल रहा था की उसकी हालत कितनी खराब हो रही है इस वक़्त....

उसकी साँसे तेज़ी से चल रही थी....

टी शर्ट में उसके नुकीले निप्पल सॉफ दिख रहे थे...

उसकी टी शर्ट भी थोड़ा खिसक कर उपर आ चुकी थी और उसकी धँसी हुई सैक्सी नाभि साफ़ दिखाई दे रही थी...

एकदम सपाट पेट था उसका.



और जैसे ही उसकी नज़र नीचे होते हुए उसकी चूत वाले हिस्से पर गयी, उसे वहां एक गीला धब्बा साफ दिखाई देने लगा..

यानी जब वो उल्टी होकर लेती थी तो अपनी चूत को वो बेड पर घिस भी रही थी...

और उत्तेजना वश उसकी चूत का रस निकल कर उसकी शॉर्ट्स पर आ लगा था...

राजेश समझ चुका था की लड़की गर्म है, ऐसे में वो कुछ भी करेगा तो वो बुरा नही मानेगी.



वो बुरा मानेगी या नही, ये जानने के लिए उसने इस बार हाथ सीधा उसके पेट पर रख दिया....

वो किसी नागिन की तरह मचल उठी..



''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....आआआआआआआआआआआआआअहह...........''



आँखे बंद थी उसकी पर राजेश के स्पर्श ने उसे बेकाबू सा कर रखा था...

राजेश ने उसके शरीर से हाथ हटाए बिना अपना हाथ खिसकाते हुए नीचे करना शुरू किया...

राजेश का हाथ उसकी शॉर्ट्स के बेल्ट वाले हिस्से को छूता हुआ जैसे ही चूत पर बने उस धब्बे तक पहुँचा तो उसे अपना हाथ सुलगता हुआ सा महसूस हुआ...

अंदर से आ रही गर्म हवा उसके हाथ की उंगलियो को झुलसा सा रही थी...

गीले कपड़े से निकल रही सोंधी खुश्बू अब पूरे कमरे में फैल चुकी थी.



राजेश का हाथ वहीँ रुक सा गया और बाकी का काम चाँदनी ने खुद कर दिया...



मचलते हुए उसने अपना हाथ राजेश के हाथ पर रखकर उसे ज़ोर से दबा दिया और एक जोरदार सिसकारी मारी...



''आआआआआआआआआआआहह अंकल.................उम्म्म्ममममममममम........... यहीं हो रहा है दर्द.......बहुत ज़्यादा........''



ऐसा कहते हुए उसने अपनी आँखे खोल दी.



और उसी वक़्त जैसे राजेश को अपनी ग़लती का एहसास हुआ...

वो भला ये क्या करने जा रहा था.

अपनी बेटी की सहेली के साथ वो ऐसे कैसे कर सकता है...



चाँदनी ने जैसे उसकी आँखो मे आई इस कशमकश को पढ़ लिया



वो बोली : "प्लीज़ अंकल....चेक करो ना....ठीक से....''



राजेश : "न....नही...चाँदनी.....ये....ये ग़लत है...''



चाँदनी उठकर बैठ गयी और राजेश के दोनो हाथों को पकड़ कर अपने सीने से लगा लिया और बोली : "आप ऐसे क्यों बोल रहे हैं.....मेरी जगह अगर ईशा होती तो आप उसका भी तो चेकअप करते ना.....''



ईशा का नाम लेकर जैसे उसने आग में घी सा डाल दिया...



ये राजेश की लाइफ का वो काला सच था जो उसने आज तक किसी को नही बताया था..



उसे अपनी जवान हो रही बेटी से बहुत लगाव था और वो लगाव कब वासना में बदल गया था वो भी नही जानता था...

घर मे जवान बेटी को दिन रात अपने सामने देखना, उसके छोटे-2 कपड़ो से झाँक रही जवानी को चोरी छुपे देखकर अपनी आँखे सेंकना, उसे गले से लगाकर उसके नन्हे चुचे अपनी छाती पर महसूस करना या बेबाकी से कभी उनपर हाथ लगा देना ये उसका रोज का नियम था, कई बार जब वो लाड करते-2 उसकी बाँहों में ही सो जाती थी तो वो अपने हाथ उसकी कमर और नर्म कुल्हो पर फेरता रहता था और रजनी की नज़रें जब उसपर नही होती थी तो वो उसके होंठो को चूम भी लेता था, पर ज़्यादा ज़ोर से नही...



और आज चाँदनी ने इस मौके पर ईशा का नाम लेकर उसके अंदर अपनी बेटी के लिए दबी उन भावनाओं को और भड़का दिया था जिसके बारे में उसके सिवा किसी और को पता नही था...

और वो ईशा को हीरोइन बनाने पर भी इसी वजह से तुला हुआ था क्योंकि वो चाहता था की वो इस फील्ड में आकर खुल जाए ताकि वो उसकी निखर रही जवानी का अच्छे से मज़ा ले पाए..



चाँदनी ने उसके चेहरे पर उड़ रही हवाइयाँ देखी तो वो बोली : "मुझे भी आप ईशा ही समझो ना ....... पापा..''



'पापा' उसने इतनी मासूमियत से बोला की राजेश को एक पल के लिए लगा की उसकी खुद की बेटी ईशा उसके सामने आकर खड़ी हो गयी है..



चाँदनी ने अपने हाथ में पकड़े राजेश के हाथो को अपनी छाती पर रखकर ज़ोर से दबा दिया....

राजेश के हाथ काँप गये अपनी हथेली पर चाँदनी के निप्पल्स की चुभन महसूस करके.



चाँदनी : "आओ ना पापा......प्लीज़ मेरा चेकअप करो...''



इतना कहते हुए उसने राजेश को बेड पर बिठा दिया और खुद उसकी गोद में आकर बैठ गयी...
राजेश का एक हाथ उसकी कमर पे था और दूसरा अभी भी उसकी गोल चुचियों पर, जिन्हे वो होल-2 दबाने लग गया था..
अब उसे अपनी गोद मे बैठी चाँदनी नही बल्कि खुद की बेटी ईशा दिखाई दे रही थी जो उसकी बाहो में आकर खुद ही सब कुछ करने को तैयार थी.



चाँदनी उसे देखकर मुस्कुराए जा रही थी...

उसने अपनी बाहें राजेश के गले में डाल दी और उसके गालो पर किस्स करते हुए बोली : "आप इतना घबरा क्यों रहे हो पापा....आप अच्छे से चेकअप करो ना...मुझे कोई इश्यू नही है...''



ये कहकर वो राजेश को अपनी तरफ से पूरी छूट दे रही थी....

राजेश का दिमाग़ एक बार फिर से शेफाली के भूत की तरफ घूम गया, भला ऐसे कौन लड़की खुद ही किसी अंजान मर्द की गोद में आकर बैठ जाती है...

पर अंदर ही अंदर उसे ये भी लग रहा था की शायद उसकी पर्सनॅलिटी को देखकर ये जवान लड़की उसे अपना दिल दे बैठी है....

ऐसी उम्र में अक्सर होता है ये, अपनी सहेली हे स्मार्ट पापा को देखकर कई लड़कियों का दिल फिसल जाता है.



पर शायद ये राजेश का अपने दिल को बहलाने का बहाना था, क्योंकि अंदर से उसे यही लग रहा था की इसपर शेफाली के साए ने पूरी तरह से क़ब्ज़ा कर लिया है..



पर जो भी था, उसे इस मौके का अच्छे से फायदा उठा लेना चाहिए था...



वो उसके मोठे मुम्मो को दबाता हुआ उसके मासूम से चेहरे को देखने लगा...और बोला : "यहाँ भी दर्द है क्या....''



उसने हां में सिर हिलाया....और बोली : "सबसे ज़्यादा.''



राजेश : "तो एक काम करो....सारे कपड़े उतारो...मैं देखकर ही बता पाउँगा की क्या तकलीफ़ है....''



चाँदनी ने अपने होंठ दांतो तले दबा लिए और सैक्सी हँसी हंसते हुए बोली : "ओ के डॉक्टर....''



और फिर वो उछलकर खड़ी हो गयी....

एक ही पल में उसने अपनी टी शर्ट और शॉर्ट्स निकाल फेंकी...

अब वो उसके सामने ब्रा और पेंटी में खड़ी थी..



राजेश को अभी तक अपनी किस्मत पर विश्वास नही हो रहा था,

जो लड़की उसे अभी 1 घंटा पहले ही मिली थी, वो उसके कहने पर एक ही बार में अपने कपड़े उतारकर नंगी होने जा रही थी उसके सामने.



वो सामने खड़ी थी और उसने अपनी कमर मटकाते हुए अपनी पेंटी नीचे कर दी...



[Image: tumblr_o8up7g1GFO1u5sskno1_250.gif]



एकदम सफाचत चूत थी उसकी...



राजेश को देखकर वो अभी तक मुस्कुराये जा रही थी.



राजेश के हाथ सीधे अपने लंड पर आ गये और वो पेंट के उपर से ही उन्हे मसलने लगा...



चाँदनी ने राजेश को देखते हुए अपनी ब्रा के हुक भी खोले और उसे भी उतार कर फेंक दिया...



इस बार शायद उसे थोड़ी शर्म आ रही थी, इसलिए उसने अपनी नन्ही चुचियाँ राजेश की आँखो के सामने आने से पहले ही उन्हे हाथो से छुपा लिया...पर इस वक़्त वो पूरी नंगी होकर खड़ी थी उसके सामने...



उसकी सैक्सी कमर और नंगी गांड राजेश की आँखों के सामने थी, वो जान बूझकर दूसरी तरफ मुंह करके अपने मुम्मो को राजेश से छुपा रही थी, पता नहीं वो शरमा रही थी या उसे टीज़ कर रही थी



उफफफफ्फ़.....

ये जवान लड़कियो का बदन कितना नशीला होता है...

एकदम पतला और छरहरा..

ज़रा भी एक्सट्रा माँस नही....

राजेश से अपनी चूचियां छुपाने के चक्कर में वो दूसरी तरफ घूम गयी, पर चुचियों से भी ज़्यादा सैक्सी अपनी नन्ही गांड उसके सामने नंगी करके परोस दी.



राजेश का दिल धड़कना ही भूल गया उसके मस्त चूतड़ देखकर...

वो बड़े ही सैक्सी ढंग से अपने बदन को छुपा भी रही थी और दिखा भी रही थी...



[Image: 15014287.gif]





चाँदनी ने उसे अपने हाथ से लंड मसलते हुए देखा तो बोली : "अरे ...आप क्योँ तकलीफ़ करते हो पापा....मैं हूँ ना....''



इतना कहते हुए वो नंगी ही चलती हुई उसके सामने आकर बैठ गयी...

तब जाकर राजेश ने उसके मुम्मों का चेहरा देखा...

एकदम गोल मटोल से थे वो...

कड़क निप्पल, बाहर की तरफ निकले हुए.



[Image: 56103d466a43b.jpg]





राजेश ने हाथ आगे करते हुए उन्हे होले से दबा दिया....

वो सिसक उठी , राजेश थोड़ा नीचे झुका और और धीरे- 2 अपने होंठ उसकी तरफ बढ़ाने लगा...

चाँदनी की आँखे खुद ब खुद बंद होती चली गयी और राजेश ने अपने होंठ उसके होंठो पर रखकर उन्हे चूसना शुरू कर दिया...



''उम्म्म्ममममममममममममममममम....पुचहssssss .........''



चाँदनी ने अपने होंठो की मदिरा पिलाते -2 उसके लंड को पेंट से बाहर निकाल लिया....



उफ़फ्फ़....

क्या साइज़ था, उसकी आँखे फटने को हो गई राजेश के कड़क मोटे लंड को देखकर..



और उसे नीचे से चाटती हुई ऊपर तक आयी, फिर उसने अपना मुँह खोला और धीरे-2 करके उसके पूरे लंड को वो अपने मुँह में निगल गयी.....



[Image: bb.gif]


राजेश ने सीसियाते हुए उसके सिर को पकड़कर अपने लंड पर पूरा दबा दिया और बचा खुचा लंड भी उसके गले मे उतार कर ज़ोर से चिल्ला उठा : "आआआआआआआ......... मेरी बच्चीsssssssss .........ईशाsssssss .........चूस इसे........''
फिर तो जैसे सच में चाँदनी में कोई भूत सवार हो गया...

वो अपने करामाती मुँह से राजेश के लंड को बड़ी ही कुशलता के साथ चूसने लगी.



कुछ देर तक उसे चूसने के बाद चांदनी ने सांस लेने के लिए उसे थोड़ी देर के लिए बाहर निकाला, पर उस वक़्त को भी उसने बेकार नहीं जाने दिया, राजेश को एक के बाद दूसरे मजे देने के लिए उसने लंड को अपनी नन्ही चूचियों के बीच फंसाया और अपने हाथो से उसे दबा कर राजेश को टिट फकिंग का मजा देने लगी



ये शायद राजेश की लाइफ का सबसे हसीन पल था , इतनी खातिरदारी तो उसे और उसके लंड को आज तक नहीं मिली थी



[Image: tittyfuck_wc_lo.gif]





राजेश जो काफ़ी देर से अपने लंड को संभाल कर बैठा था, 5 मिनट में ही झड़ने लगा...



''आआआअहह ओह उम्म्म्मममममममम मैं तो गया.......''



[Image: 21873447.gif]



चाँदनी ने उसके लंड को अपनी तरफ घुमाकर अपने पूरे चेहरे पर उसकी बौछारें करवा ली...

उसका चेहरा देखते ही बनता था,

राजेश के सफेद रस ने उसके चेहरे को अच्छी तरह से पोत कर रख दिया था..



[Image: IMG_20191218_223844_086.jpg]



वो गहरी साँसे लेता हुआ वहीं बिस्तर पर ढेर हो गया....



तभी नीचे से रजनी की आवाज़ आई : "अजी सुनते हो....डिन्नर तैयार हो गया है....आप लोग नीचे आ जाओ...''



राजेश हड़बड़ा कर उठ बैठा....

चाँदनी ने मुस्कुराते हुए अपने चेहरे पर लगी मलाई को उंगलियो से इकठ्ठा करके चाटनी शुरू कर दी और बोली : "आप जाओ नीचे, खाना खा लो, मेरा तो हो गया डिन्नर...''



राजेश अवाक सा होकर उसके इस रूप को देखता रह गया...

और सोचने लगा की काश ईशा भी एक दिन उसके साथ ऐसा ही करे.



खैर,

वो जल्दी से उठा, अपनी पेंट और हुलिया ठीक किया और नीचे चल दिया...


और पता नही क्यूँ , उसका लंड अभी तक बैठने का नाम नही ले रहा था.
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#7
अपडेट - 7
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चाँदनी ने मुस्कुराते हुए अपने चेहरे पर लगी मलाई को उंगलियो से इकठ्ठा करके चाटनी शुरू कर दी और बोली : "आप जाओ नीचे, खाना खा लो, मेरा तो हो गया डिन्नर...''

राजेश अवाक सा होकर उसके इस रूप को देखता रह गया...और सोचने लगा की काश ईशा भी एक दिन उसके साथ ऐसा ही करे.खैर, वो जल्दी से उठा, अपनी पेंट और हुलिया ठीक किया और नीचे चल दिया...और पता नही क्यूँ , उसका लंड अभी तक बैठने का नाम नही ले रहा था.

**********
अब आगे
**********

नीचे पहुँचकर राजेश ने देखा की डिन्नर लग चुका है,
वो टेबल पर बैठ गया, ईशा को चलने में तकलीफ़ थी, इसलिए उसका डिन्नर प्लेट में लगाकर उस तक पहुँचा दिया था रजनी ने.

रजनी : "क्या हुआ...चाँदनी नही आई..?"

राजेश (हड़बड़ाते हुए) : "वो...वो.....कह रही है की भूख नही है...''

रजनी उसके करीब आई और नीचे झुकते हुए उसने राजेश के कड़क लंड को पकड़कर धीरे से सहला दिया और बोली : "ऐसा क्या खिला दिया उसे जो उसकी भूख मिट गयी...कहीं मेरे हिस्से की क्रीम तो नही खिला दी...''

उसकी बेबाकी पर राजेश हैरान सा होकर उसे देखता रह गया और वो खिलखिलाकर हँसती हुई सी वहाँ से निकलकर किचन में भाग गयी

ये रजनी का एकदम नया रूप था...
कहाँ तो वो किसी और लड़की या औरत के नाम से भी चिढ़ जाती थी और अब खुद ही उसकी बेटी की उम्र की लड़की का नाम लेकर इतना भद्दा मज़ाक कर रही है, जैसे इस बात से उसे कोई फ़र्क ही नही पड़ता...

वैसे रजनी ने अंदाज़ा तो एकदम सटीक लगाया था ,
राजेश उसके हिस्से की क्रीम ही तो खिला कर आ रहा था चाँदनी को,
जिसे खाकर उसकी भूख मिट चुकी थी.

कुछ देर बाद रजनी भी आ गयी और दोनो ने मिलकर डिन्नर किया..

राजेश एकदम चुप था, शायद उसे अभी तक अपनी किस्मत पर विश्वास ही नही हो रहा था..
एक जवान लड़की के हुस्न का दीदार करना और उसके मज़े लेना इस उम्र में इतना आसान नही होता...
पर जितने आराम से उसे आज ये सुख मिला था वो उसकी समझ से परे था...
एक के बाद एक किस्से होते जा रहे थे उसकी लाइफ में, जब से वो शेफाली वाला नैकलेस सेट लाया था वो,
उस नैकलेस के बारे में सोचते ही उसका दिमाग़ फिर से उसी बात की गवाही देने लगा की हो ना हो उसी का हाथ है उसकी लाइफ में आए इन सुखद हादसों में.

खाना खाकर वो बाहर बने पार्क में कुछ देर टहलने निकल गया और रजनी किचन समेटने लगी.

पार्क में जाकर राजेश ने शुरू से लेकर आज तक के सारे किस्से जोड़े,
उसका दिल तो पहले ही इस बात को मान चुका था,
आज दिमाग़ भी मानने पर मजबूर हो गया की शेफाली के नैकलेस का ही कमाल है ये.

और ये सब बाते सोचते हुए उसने ये भी नोट किया की अगर सच में ये भूत-प्रेत का असर है तो जो भी हो रहा है उसके अच्छे के लिए ही तो हो रहा है...
यानी उसे सैक्स का मज़ा मिल रहा है.
और इसमें उसे कोई बुराई नही दिखी और ना ही इस बात से या किसी और बात से उसे कोई नुकसान हुआ था अभी तक.

और जहाँ नुकसान ना हो, फायदा भी मिले और वो भी सैक्स के रूप में तो इसमें डरने जैसी तो कोई बात ही नही हो सकती..

पर शेफाली की आत्मा उसके उपर ही इतनी मेहरबान क्यों है,
ये सोचते हुए उसने अपना सिर खुजलाना शुरू कर दिया...
क्योंकि उसकी तरह तो शेफाली के लाखों -करोड़ों प्रशंसक होंगे जो शेफाली के बारे में सोचकर मुट्ठ मारा करते थे..
फिर ये ख़ास मेहरबानी उसी पर क्यों कर रही है शेफाली की आत्मा.

फिर उसे अपने एक सहायक डॉक्टर विकास की बात याद आई..
एक बार जब वो विकास के साथ मिलकर एक बॉडी का पोस्टमार्टम कर रहा था तो उसने कहा था की मरने के बाद आत्मा काफ़ी देर तक शरीर के आस पास रहती है...
ये देखने के लिए की कौन-2 उसे मरा हुआ देखकर दुखी है, कौन कैसी बातें बना रहा है, कौन खुश है, कौन हंस रहा है...वगेरह वागेहर...

और उसने ये भी कहा था की उस वक़्त उस शख्स की आत्मा भी वहीं मौजूद है जिसका वो दोनो पोस्टमॉर्टम कर रहे थे......
उस वक़्त तो राजेश ने विकास की बातो को मज़ाक में उड़ा दिया था पर आज उसे वो सब सही लग रहा था...
क्योंकि शेफाली जब मरी थी तो उसके आस पास कोई नही था...
उसके रिश्तेदार बरसों पहले उसकी अय्याश लाइफ की वजह से उसका साथ छोड़ चुके थे, और जब वो मरी तो उसके पास रोने वाला भी कोई नही था...
और राजेश को अच्छी तरह से याद है की उसकी बॉडी को देखकर उसका खुद का रोना निकल गया था और भावेश में बहकर उसने उसका माथा भी चूम लिया था...
और शायद शेफाली की आत्मा उसी से खुश होकर उसपर ये मेहरबानियां कर रही थी..

हालाँकि भूत का असर था उसकी लाइफ में पर अच्छे वाला... जो उस नेकलेस के थ्रू उसे पहनने वाले के जिस्म को राजेश की इच्छाओं और इमैजिनेशन को पूरा करवाती थी , और एक बार नैकलेस को पहनने के बाद वो इंसान उसे अगर उतार भी दे तो उसका असर बना ही रहता था, जैसे रजनी पर अभी तक बना हुआ था और अब चांदनी पर भी उसका असर पड़ चुका था.

उसने एक गहरी साँस ली और उपर देखते हुए धीरे से बुदबुदाया "थेंक्स शेफाली...थॅंक्स फॉर एवरीथिंग ..''

और उसी वक़्त उसे एहसास हुआ जैसे एक ठंडी हवा का झोंका उसके चेहरे को छूकर निकल गया...
यानी उसका अंदाज़ा सही था.
शेफाली उसके आस पास ही थी.

राजेश ने उसी वक़्त अपने दिलो दिमाग़ का डर निकाल फेंका और सोच लिया की जब ये मेहरबानी उसपर हो ही रही है तो उसे अच्छे से एंजाय करना चाहिए...
क्योंकि इस वक़्त उसे इन सबके पीछे अपनी बेटी ईशा की जवानी को हासिल करने का तरीका नज़र आने लगा था, जिसके बारे में सोचकर उसका लंड हमेशा कड़क रहता था..
और वो फिर से कड़क हो गया...अपने लंड को एडजस्ट करता हुआ वो वापिस घर की तरफ चल दिया.



घर पहुँचकर वो कुछ देर तक ईशा के पास बैठा, पैर में बेंडेज लगाने की वजह से उसने शॉर्ट्स पहनी हुई थी जिसमें उसकी नंगी जाँघ चमकती हुई दिखाई दे रही थी...

राजेश का मन तो कर रहा था की जीभ निकाल कर उसकी चिकनी जाँघो को चाट ले पर उसे अंदर ही अंदर ये भी पता था की अभी तो नही पर एक बार वो नैकलेस पहन ले तो ये काम ज़रूर हो सकता है...

शेफाली उसकी बेटी को उसके लिए तैयार करेगी..

ये सोचते हुए वो मंद मंद मुस्कुराने लगा.



अपने पापा को ऐसे बेवजह मुस्कुराते हुए देखकर ईशा बोली : "पापा....क्या बात है, क्या सोच कर मुस्कुरा रहे हो...''



राजेश : "उम्म...ना.....नही ...कुछ भी तो नही....बस ऐसे ही...चलो अब तुम आराम करो, कल बात करते है, कल मॉर्निंग में एक एक्सरे करवाने के लिए तुम्हे मेरे साथ हॉस्पिटल चलना होगा ओके ...सो जाओ अभी...गुड नाइट.''



इतना कहकर उसने एक गीला सा चुम्बन उसके माथे पर किया और उपर बने बेडरूम की तरफ चल दिया..

और जैसे ही उसने दरवाजा खोला तो अंदर का दृश्य देखकर उसकी साँसे मानो वहीं रुक सी गयी



अंदर का सीन ही इतना सैक्सी था

उसकी बीबी रजनी अपने पूरे कपड़े उतारकर बेड पर नंगी लेटी हुई थी...

और उसकी गदरायी हुई गांड दरवाजे की तरफ थी,

राजेश को दूर से ही उसकी मोटी गांड में से झाँक रहे उसके दोनो छेद सॉफ नज़र आ रहे थे..



[Image: 101d32c347ab4a74b.jpg]





राजेश मन ही मन बुदबुदाया : "उफफफ्फ़ शेफाली....तुम तो मार ही डालगी मुझे...''



राजेश को वहीं दरवाजे पर खड़ा देखकर रजनी ने पीछे सिर घुमाकर उसे देखा और बोली : "अब वहीं खड़े रहोगे या मेरा भी चेकअप करोगे डॉक्टर साहब...''



वो समझ गया की वो उसे चाँदनी वाली बात पर अभी तक छेड़ रही है...



राजेश मुस्कुराता हुआ आगे आया और दरवाजा बंद करके उसने वहीँ खड़े-2 सारे कपड़े निकाल फेंके..

अभी एक घंटे पहले ही उसके लंड ने माल निकाला था चाँदनी के चेहरे पर और तब से वो अभी तक खड़ा ही हुआ था...

इन्फेक्ट रजनी के सहलाने के बाद और पार्क में शेफाली की मेहरबानियों के बारे में सोचकर उसके लंड का तनाव और भी बढ़ चुका था..



इसलिए जब उसने कपड़े उतारे तो उसका लंड अपनी चरम सीमा में खड़ा हुआ रजनी के नंगे बदन को लपलपाते हुए देख रहा था.



राजेश को आता देखकर रजनी ने अपनी कमर उपर उठा दी...

आज वो सीधा उसके तीर को अपनी चूत में घुसवाना चाहती थी....

राजेश ने भी बेड पर अपने दोनो घटने रखे, लंड पर ढेर सारी थूक लगाई और एक ही झटके में उसकी गांड को गाड़ी के स्टेयरिंग की तरह पकड़कर उसकी चूत में अपना मूसल जैसा लंड पेल दिया...



''आआआआआआआआआआहह.....सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स......... उम्म्म्ममममममममममममममम...... सही जगह पर वार किया है डॉक्टर साहब....यहीं सबसे ज़्यादा दर्द हो रहा था....''



[Image: 3.gif]





राजेश ने उसकी गोरी गांड पर एक जोरदार चपत लगाई और आगे झुकते हुए उसकी चूत में ज़ोर-2 से अपना लंड पेलने लगा...



पूरे कमरे में उहह आहहह की आवाज़ें गूंजने लगी...



ये वो वक़्त था जब साथ वाले कमरे में चाँदनी कुछ देर पहले की घटना के बारे में सोचकर अपनी चिपचिपी चूत को उंगलियों से सहला रही थी..



और जैसे ही उसे दूसरे कमरे से आती हुई आवाज़ें सुनाई दी तो उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी...

वो समझ गयी की क्या हो रहा है...

वो मन ही मन बुदबुदाई : 'वाह....क्या स्टेमीना है अंकल का...'



और फिर उछलकर अपने बेड से खड़ी हुई और दबे पाँव बाहर निकालकर दूसरे रूम की तरफ चल दी...

पर वो दरवाजा अंदर से बंद था...

उसकी बेचैनी बढ़ने लगी जब उसने फिर से अंदर से आ रही रजनी आंटी की वो मदहोशी भरी आवाज़ सुनी



''आआआआआआआआहह राजऐशssss ....... उम्म्म्मममममम..... और ज़ोर से चोदो मुझे ........ जोर से चोदो ना.......''



तभी उसे ध्यान आया की दोनो बेडरूम की बालकनी एक ही है,

वो फिर से भागती हुई अपने रूम में गयी और बालकनी का दरवाजा खोलकर दूसरे रूम के पीछे पहुँच गयी...

वो दरवाजा भी बंद था पर उसकी खिड़की पर लगा परदा हटा हुआ था, वहां से उसे अंदर की पूरी चुदाई दिखाई दे रही थी, जिसे देखकर उसका दिमाग़ ही खराब हो गया...


शायद उसकी लाइफ का ये पहला मौका था जब वो ऐसी लाईव चुदाई देख रही थी...
राजेश के झटकों से रजनी अपने चौपाये से फिसलकर नीचे गिर चुकी थी और पूरी तरह से बेड पर उल्टी होकर लेटी थी, पर राजेश का लंड उसी तरह से पीछे से उसकी चुदाई कर रहा था जैसे पहले कर रहा था...

इस पोज़ में लंड थोड़ा टाइट होकर अंदर बाहर हो रहा था जिसमें उसे पहले से ज़्यादा मज़ा मिल रहा था और शायद इसलिए इसकी सिसकारियों में पहले से ज़्यादा नशा था..



[Image: 2.gif]





''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स...... ओह राजेश...... माय डार्लिंग................. ऐसे ही डालो..... अंदर तक........चोदो मुझे.....''



राजेश अभी कुछ देर पहले ही झड़ा था और इस वक़्त उसे ऐसा लग रहा था जैसे वो पूरी रात इसी तरह रजनी की चुदाई कर सकता है और उसका लंड तब भी नही झाड़ेगा.



उधर चाँदनी की हालत भी फिर से खराब होने लगी....

उसने अपनी टी शर्ट के स्ट्रेप्स नीचे खिसका दिए और अपने बूब्स बाहर निकाल लिए.



और जैसे ही उसने बूब्स बाहर निकाले, राजेश की नज़र उसपर पड़ गयी,

वो खड़ी ही ऐसी जगह थी, बालकनी में , बिल्कुल सामने,



अभी तक मस्ती में रजनी की चूत मार रहे राजेश की हालत खराब होने लगी उसे ऐसा करते देखकर...

वो बड़ी ही बेशर्मी और बेबाकी के साथ अपने बूब्स बाहर निकाल कर उसे मसल रही थी..

और दूसरे हाथ से अपनी चूत भी सहला रही थी..



अपनी बीबी की चूत में लंड होने के बावजूद उसे दूर से चमक रही चाँदनी की चूत अपनी और आकर्षित कर रही थी..

काश वो पहले ही उसकी चूत मार लेता, बेकार में सिर्फ़ मुट्ठ मरवाकर उसे छोड़ दिया..



वो ये सोच ही रहा था की उसे अचानक रजनी की फुसफुसाती हुई आवाज़ सुनाई दी



''राजेश.....वो देखो सामने....चाँदनी हमे छुप कर देख रही है...''



राजेश की तो गांड ही फट्ट गयी ये सुनकर....

उसने तो ये सोचा भी नही था की जैसे वो उसे देख सकता है , बेड पर उल्टी लेटी हुई रजनी को भी तो वो दिखाई ही दे रही होगी...

वो तो मज़े में अपनी चूत में अंदर बाहर हो रहे लंड का मज़ा ले रही थी,

थोड़ा सा चेहरा उपर किया तो सामने शीशे के पीछे खड़ी चाँदनी दिखाई दे गयी, जो इस वक़्त अपनी आँखे बंद किए बड़े ही मज़े में अपनी चुचि और चूत मसल रही थी...



राजेश ये सुनते ही रुक गया....

रजनी ने जब उसे रुकता देखा तो बोली : "अरे ...तुम क्यों रुक गये...उसे देखने दो..यही तो उम्र है ये सब सीखने की...यू प्लीज़ फक मी हार्ड.....''



राजेश समझ गया की ये शेफाली की आत्मा ही रजनी से बुलवा रही है , उसे और क्या चाहिए था, रजनी की तरफ से हरी झंडी मिलते ही वो पहले से ज़्यादा तेज़ी से उसकी चूत मारने लगा...

आज तो सच में उसका लंड स्टील जैसा बन चुका था...



और ये चुदाई कम से कम आधा घंटा और चलने वाली थी...



और राजेश ये नही जानता था की इस वक़्त रजनी के मन में क्या चल रहा है..
पर उसे अच्छे से पता था की अगले आधे या एक घंटे में जो भी होगा उनके बेडरूम में वो मजेदार ही होगा.
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#8
UPDATE - 8
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''राजेश.....वो देखो सामने....चाँदनी हमे छुप कर देख रही है...''

राजेश की तो गांड ही फट्ट गयी ये सुनकर....उसने तो ये सोचा भी नही था की जैसे वो उसे देख सकता है , बेड पर उल्टी लेटी हुई रजनी को भी तो वो दिखाई ही दे रही होगी...वो तो मज़े में अपनी चूत में अंदर बाहर हो रहे लंड का मज़ा ले रही थी, थोड़ा सा चेहरा उपर किया तो सामने शीशे के पीछे खड़ी चाँदनी दिखाई दे गयी, जो इस वक़्त अपनी आँखे बंद किए बड़े ही मज़े में अपनी चुचि और चूत मसल रही थी...राजेश ये सुनते ही रुक गया....रजनी ने जब उसे रुकता देखा तो बोली : "अरे ...तुम क्यों रुक गये...उसे देखने दो..यही तो उम्र है ये सब सीखने की...यू प्लीज़ फक मी हार्ड.....''

राजेश समझ गया की ये शेफाली की आत्मा ही रजनी से बुलवा रही है , उसे और क्या चाहिए था, रजनी की तरफ से हरी झंडी मिलते ही वो पहले से ज़्यादा तेज़ी से उसकी चूत मारने लगा...
आज तो सच में उसका लंड स्टील जैसा बन चुका था...और ये चुदाई कम से कम आधा घंटा और चलने वाली थी...और राजेश ये नही जानता था की इस वक़्त रजनी के मन में क्या चल रहा है..
पर उसे अच्छे से पता था की अगले आधे या एक घंटे में जो भी होगा उनके बेडरूम में वो मजेदार ही होगा.

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अब आगे
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राजेश के हर झटके से अब रजनी और भी ज़्यादा कामुक तरीके से अपनी चुदाई करवा रही थी...
वो ज़ोर से चीख रही थी ताकि बाहर खड़ी चाँदनी तक उसकी सिसकारियाँ पहुँच सके..

''ओह राजेश....... ज़ोर से चोदो मुझे...... उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ तुम्हारा ये मोटा लंड ..... आअहहह मज़ा आ रहा है आज तो बहुत चुदवाने में....... आज ये कुछ.....अहह ज़्यादा ही .....उफफफफफफ्फ़ ....मोटा लग...... रा है........ अहह...... ऐसे ही चोदो मुझे.....डार्लिंग.......''

राजेश भी मंद -2 मुस्कुराते हुए अपने काम में लगा रहा....

राजेश अब उसके ऊपर लेट कर उसे चोद रहा था....
इस पोज़ में तो राजेश के लंड का आखरी कतरा भी रजनी की चूत में उतर चुका था..

[Image: 9fbbzc.gif]

ये शायद रजनी के लिए भी काफ़ी आनंददायक पोज़ था
क्योंकि उसके बाद उसका ध्यान चाँदनी से हट सा गया
और वो आँखे बंद करके अपने पिछवाड़े कब्बड्डी कर रहे राजेश के लंड का मज़ा लेने लगी
जो उसकी चूत की अंदरूनी रेखा तक जाता और उसे छूकर फिर से वापिस भाग जाता.

रजनी ने अचानक आँखे खोली और एक बार फिर से चाँदनी की तरफ दौड़ाई जो उन्हे देखकर अभी तक अपनी मुनिया को मसल रही थी..
अब उसने अपनी टी शर्ट उपर कर ली थी और शॉर्ट्स को नीचे...
एक तरह से वो लगभग नंगी खड़ी होकर अपनी चूत की जबरदस्त घुटाई कर रही थी....

[Image: 7heLU8R.gif]

अब शायद रजनी के दिमाग़ में कुछ शैतानी उभरने लगी थी...
वो धीरे से राजेश से बोली : "डार्लिंग...मुझे उपर आने दो...''

राजेश तो मस्ती में उसकी चूत मारने में लगा था,
आज तक वो ऐसे बोलकर उपर नही आई थी उसके...
वो समझ गया की वो चाँदनी के लिए शो का इंतज़ाम कर रही है..
उसे तो वैसे भी कोई दिक्कत नही थी इसमें..
उसने अपना लंड चूत से बाहर निकाल लिया और बेड पर उल्टा होकर लेट गया...
वो बेड पर तिरछा होकर इस पोज़ में लेटा की थोड़ा सा सिर पीछे करने से उसे भी चाँदनी दिखाई दे रही थी.

चूत से निकलने के बाद राजेश के लंड की शक्ल बहुत ही ख़तरनाक नज़र आ रही थी,
ऐसा लग रहा था जैसे किसी जंगली सूअर के उपर चमकीले तेल की मालिश कर दी हो..

[Image: close-up-penetration.gif]


और उसके इस भयानक और मोटे लंड को देखकर चाँदनी की हालत और भी ज़्यादा खराब हो गयी...
पहले रूम में तो इतना मोटा और चमकीला नही लग रहा था अंकल का लंड, ये चूत में जाने के बाद उसे क्या हो गया है...
बेचारी यही सोचकर अपनी चूत मसलने लगी की अगर ये भयानक शक्ल वाला लंड इस वक़्त अगर उसकी चूत में चला गया तो उसका क्या हाल होगा.

इस बात को सोचकर ही उसके तन बदन में सिहरन सी दौड़ गयी..

वो ज़्यादा नही देख पाई उसके लंड को क्योंकि एक बार फिर से रजनी उसके उपर आ बैठी थी और उसके घोड़े जैसे लंड की सवारी करते हुए दूर तक दौड़ती चली जा रही थी..

[Image: 2019-10-26_23_59_31.gif]

राजेश की भी आँखे बंद होती चली गयी ,
मज़ा ही इतना ज़्यादा मिल रहा था उसे आज...

शादी के इतने सालो बाद अब उसे असली मज़ा मिल रहा था चुदाई का अपनी बीबी के द्वारा...
वो मन ही मन शेफाली को धन्यवाद दे रहा था रजनी के इस बदलाव के लिए..
और नीचे से लंड को उपर की तरफ धक्के मारते हुए जोरों से उसकी चुदाई भी कर रहा था.

और जल्द ही राजेश के लंड ने शोले उगलने शुरू कर दिए....
सिर्फ़ 1 घंटे में ये दूसरी बार था जब उसके लंड ने अपना गाड़ा माल निकाला था.

बाहर खड़ी चाँदनी ने भी अपनी चूत से चाँदनी टपका डाली...
तीनो अब अपनी-2 जगह पर पड़े गहरी साँसे ले रहे थे.

चाँदनी दबे पाँव अपने रूम में वापिस गयी, कपड़े पहने और सो गयी..
आज के लिए उसके साथ भी काफ़ी कुछ हो चुका था.
अगली सुबह राजेश ने ईशा को भी साथ लेकर जाना था हॉस्पिटल उसका एक्सरे करवाने,

चाँदनी को उसके घर छोड़ना था रास्ते में, इसलिए वो भी नहा धोकर जल्दी तैयार हो गयी और करीब 10 बजे वो तीनों एक साथ कार में बैठकर घर से निकल गये.



रास्ते भर राजेश चाँदनी के नशीले बदन को देखता रहा और वो भी अपने सीने को उभार-2 कर राजेश को अपने बदन के जलवे दिखाती हुई पीछे बैठी ईशा से गप्पे लड़ाने में व्यस्त रही.



जब उसका घर आया तो वो उतार गयी, राजेश को बाइ बोलकर वो जाने लगी तो उसने चाँदनी से कहा : "अपना ही घर समझो चाँदनी बेटा...आते रहा करो...''



चाँदनी मुस्कुराती हुई बोली : "जी अंकल...अब तो आना जाना लगा रहेगा...वैसे भी ईशा को कॉलेज के नोट्स देने आती ही रहूंगी....''



फिर अचानक वो जाते- 2 पलटी और बोली : "ओह्ह शीटssss ....अरे ईशा ये अंगूठी तो रह ही गयी तेरे उस सेट की...''



इतना कहते हुए उसने अपनी उंगली से वो अंगूठी निकाल कर ईशा को दे दी जो शेफाली वाले सेट का ही हिस्सा थी,ईशा ने उसे लिया और अपनी उंगली में पहन ली.



राजेश तो मन ही मन खुश हो गया, ये सोचकर की चलो, अब शेफाली अपनी अंगूठी के मध्यम से उसकी बेटी को भी उसके लिए तैयार करेगी.



अंगूठी लौटाकार चाँदनी अपनी नन्ही सी गांड मटकाती हुई अपने घर में चली गयी.



राजेश उसे दूर तक जाते हुए देखता रहा, तभी पीछे से ईशा ने पुकारा : "हो गया पापा....चली गयी वो....अब चलो .''



बेचारे राजेश को बड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई ...

उसकी बेटी ने उसे रंगे हाथो पकड़ लिया था अपनी सहेली को ऐसे घूरते हुए...

पर वो मंद-2 मुस्कुरा भी रही थी, यानी उसे इस बात का गुस्सा नही था.



राजेश बेक मिरर में उसे मुस्कुराते हुए देखता हुआ जल्द ही हॉस्पिटल पहुँच गया..



राजेश ने हॉस्पिटल से व्हील चेयर मँगा ली और उसे अपनी गोद में उठाकर चेयर पर बिठाया..

राजेश ने उसके पैर का एक्सरे करवाया , उसमें हेयर लाइन फ्रेक्चर निकला , इसलिए राजेश ने तुरंत उसे एक महीने का कच्चा प्लास्टर करवा दिया, दिक्कत बस यही थी की अब उसे एक महीने तक हर काम के लिए दूसरे पर डिपेन्ड होकर रहना पड़ेगा..

कॉलेज की तो छुट्टी ही करनी पड़ेगी शायद.



खैर, उसे चेयर पर बिठाकर वो अपनी कार तक ले गया और गोद में लेकर उसे कार की अगली सीट पर बिठाया..

ईशा ने अपनी बाहें राजेश के गले में डाल दी थी और इस वजह से उसे सीट पर बिठाते हुए राजेश का चेहरा बिल्कुल उसके करीब था...

ईशा की तेज साँसे उसके चेहरे से टकरा रही थी.

वो जैसे राजेश की गंध सूंघ रही थी और अपनी गर्म साँसे छोड़कर राजेश को उत्तेजित भी कर रही थी...

सीट पर बिठाने के बाद भी उसने अपनी बाहें नही निकाली राजेश की गर्दन से...

और जैसे ही राजेश उसे कुछ बोलने को हुआ उसने झट्ट से अपने होंठ अपने पापा के गालों से सटा कर एक लंबा किस्स कर दिया.



हालाँकि आज से पहले भी कई बार ईशा ने उसके चीक्स पर किस्स किया था पर आज का ये चुंबन कुछ अलग ही था...

वो अपना सिर हिला कर अपने होंठो को उसके गाल पर रगड़े जा रही थी...

अगर उसने लिपस्टिक लगाई होती तो राजेश का पूरा गाल रंगीन हो जाना था.



राजेश ने भी उसे नही रोका और उसके नाज़ुक होंठो का स्पर्श महसूस करके आनंद लेता रहा...

करीब 2 मिनट बाद जब वो रुकी तो राजेश का गाल गीला हो चुका था...

ईशा के चेहरे पर शरारत भरी मुस्कान थी.



वो बोली : "आप कितने क्यूट हो पापा...मन करता है आपको किस्स करती रहूं..करती रहूं...''



राजेश बेचारा बस मुस्कुरा कर रह गया...

वो समझने की कोशिश कर रहा था की वो किस वे में ऐसा बोल रही है...

पर अंदर ही अंदर वो जानता था की अंगूठी पहनने के बाद उसपर शेफाली ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है...

और ये किस्स वो किस वे में करने को बोल रही थी..



उसने कार स्टार्ट की और मंद-2 मुस्कुराते हुए घर की तरफ चल दिया...
अब उसकी लाइफ का नया चेपटर जो खुलने वाला था.
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#9
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अब आगे
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घर पहुँचकर भी राजेश ने ईशा को गोद में उठाया और अंदर ले गया...
ईशा ने अपनी बाहें राजेश के गले में डालकर अपने नन्हे बूब्स उसकी छाती से सटा रखे थे.

रजनी को वो पहले ही फोन पर प्लास्टर वाली बात बता चुका था, उसने ईशा के रूम को ढंग से सॉफ सुथरा करके उसके लिए नर्म गद्दा लगा दिया ताकि लेटे रहने में उसे ज़्यादा परेशानी ना हो.

ईशा को उसके बेड पर लिटाते हुए राजेश ने जब उसे छोड़ा तो ईशा ने अपनी बाहे उसके गले से निकाली ही नही...
बेचारे राजेश को उसके साथ-2 बेड पर झुक कर बैठे रहना पड़ा..

राजेश : "छोड़ो ईशा...ये क्या कर रही हो...''

ईशा : "नो पापा...आप मेरे पास ही रूको आज...कहीं नही जाना..''

नंदिनी उन बाप बेटी की नोक झक देखकर हंसते हुए बोली : "आप दोनो आपस मे निपटो, मैं किचन में जाकर डिन्नर बना लेती हूँ ''

इतना कहकर वो उन्हे उसी हालत मे छोड़कर किचन में चली गयी...
रजनी के जाते ही ईशा ने राजेश को पूरा अपने उपर खींच लिया..
उसकी ताक़त देखकर राजेश भी हैरान रह गया, उसने शूज़ भी नही उतारे थे,
उस हालत में वो पूरा अपनी फूल जैसी बेटी पर लेटा हुआ था.

राजेश : "ये क्या बचपन है ईशा...छोड़ो मुझे...शूज़ भी नही उतारे मैने..''

ईशा ने राजेश को अपनी बगल में लिटाया और उपर उठकर उसके शूज़ निकाल फेंके और वापिस आकर अपने पापा से लिपट कर आँखे बंद कर ली...
राजेश उसके मासूम से चेहरे को देखकर ये अंदाज़ा लगाने की कोशिश कर रहा था की ये उसे सच में अपने पापा पर प्यार आ रहा है या फिर शेफाली की आत्मा उस से ये सब करवा रही है...
पर वो कुछ समझ नही पाया.

वो भी आँखे बंद करके अपनी बेटी के साथ लेट गया..
काम तो ज़्यादा नही किया था आज उसने पर आने-जाने मे ही उसकी कमर दुखने लगी थी,
ऐसे लेटने में उसे भी आराम मिल रहा था.

उसकी आँख कब लग गयी उसे भी पता नही चला...ईशा भी सो चुकी थी.


[Image: hqdefault.jpg]


रात 9 बजे रजनी ने आकर उसे जगाया की खाना बन चुका है, वो उठा और कपड़े बदलकर फ्रेश हुआ और रजनी के साथ बैठकर खाना खाया..ईशा अभी तक सो रही थी..शायद गोलियों का असर था.

डिन्नर के बाद रजनी बोली : "ऐसा करो आज आप ईशा के साथ ही सो जाओ...उसे आप पर कुछ ज़्यादा ही लाड़ आ रहा है..ऐसा ना हो की रात को उठकर आपको आवाज़ें लगाने लगे..और उसे भूख लगे तो प्लीज़ खाना गर्म करके दे देना उसे, मुझे भी आज कुछ ज़्यादा नींद आ रही है..''

इतना कहकर वो अपने बेडरूम में चली गयी...
राजेश बेचारा अवाक सा बैठा देखता रह गया...
उसने सोचा की रजनी भी तो ईशा के पास सो सकती थी, उसे खाना भी गर्म करके दे सकती थी, आज एकदम से ये पापा पर लाड़ वाली बात निकालकर वो खुद उसे सोने के लिए कह रही है, यानी शेफाली उससे ये सब करवा रही है...

ईशा के साथ रात भर सोने की बात सोचते ही राजेश का लंड सुर सुर करने लगा...
अभी कल ही उसकी कमसिन सहेली को अपना लंड चुस्वाकार और उसके कच्चे बदन को नंगा देखकर उसे ये तो यकीन हो ही चुका था की ईशा अपनी सहेली से एक कदम आगे ही निकलेगी, क्योंकि ईशा का शरीर थोड़ा भरा हुआ और ज़्यादा कटावदार था.

खैर, वो अपनी तरफ से कोई भी ऐसी हरकत नही करना चाहता था जिससे उसकी बेटी को बुरा लगे...
क्योंकि अंदर ही अंदर उसे अभी तक यही लग रहा था की ये सब शायद उसका वहम है,
रजनी में आए बदलाव शायद नेचुरल थे और चाँदनी भी शायद अपनी दोस्त के पापा पर मोहित होकर वो सब कर बैठी थी...
पर ईशा के बारे में ऐसा कुछ भी नही था...
वो हमेशा उसकी बातो का विरोध ही करती थी,
ये तो बस वो उसकी इतनी तिमारदारी कर रहा था शायद इसलिए उसे अपने पापा पर लाड़ आ गया था वरना आज तक उसने इस तरह से कभी प्यार नही किया था उसे.

वो आँखे बंद करके ये सब सोच रहा था की अचानक ईशा ने अपनी एक टाँग और बाजू उसके उपर रख दी और उससे लिपट कर सो गयी..

उसने अपना घुटना जहां रखा था उसके ठीक नीचे राजेश का लंड था...
हालाँकि वो सो रहा था इस वक़्त पर ईशा के जिस्म के एहसास ने उसके अंदर तरंगे उठानी शुरू कर दी थी.

उसने ईशा के चेहरे की तरफ देखा और उसे पुकारा पर वो शायद नींद में थी,
उसने जवाब नही दिया और उसी हालत में सोई रही.

राजेश भी आँखे बंद करके सोने की कोशिश करने लगा...
पर उसे काफ़ी देर तक नींद नही आई, फिर भी बिना हीले डुले वो लेटा रहा.

अचानक उसे ईशा के हाथ हिलते हुए महसूस हुए,
वो अपने हाथ की उंगलियो से उसकी छाती पर उगे बालों को सहला रही थी...
टी शर्ट के बटन खोलकर उसके हाथ कब अंदर आ गये थे ये उसे भी पता नही चला था.

कुछ देर बाद उसके हाथ नीचे की तरफ आने लगे और सीधा आकर वो राजेश के लंड पर जम गये..

अब तो राजेश को पूरा विश्वास हो गया की ये लाड प्यार एक बाप बेटी वाला नही रह गया था...
पर वो देखना चाहता था की वो कितना आगे जा सकती है, इसलिए बिना आँखे खोले वो अंजान बनकर सोया रहा...
वो काफ़ी कोशिश भी कर रहा था की किसी दूसरी चीज़ के बारे में सोचे ताकि उसका लंड एकदम से खड़ा ना हो,
पर जिस अंदाज से ईशा उसके लंड को सहला रही थी, उसे निचोड़ रही थी,वो दूसरी तरफ ध्यान रख ही नही पाया और उसके लंड में अपने आप वृद्धि होने लगी.

जैसे ही ईशा को खड़े लंड का एहसास हुआ, उसकी गर्म साँसे राजेश को अपनी गर्दन पर महसूस होने लगी....
और फिर उसने अपनी गीली जीभ निकाल कर राजेश को चाटना शुरू कर दिया...
राजेश भी हैरान सा होकर बिना हीले डुले ईशा का ये रूप देख रहा था क्योंकि वो जिस अंदाज में चाट रही थी ऐसा लग रहा था जैसे वो बहुत खेली खाई लड़की है....
बिल्कुल पोर्न स्टार जैसी प्रोफेशनल की तरह बिहेव कर रही थी वो...
धीरे-2 ईशा राजेश के चेहरे को चाट्ती हुई उपर तक आई और उसके गालो को चाटने लगी. उनपर किस्स करने लगी....
राजेश के सूखे होंठ फड़क से रहे थे इस अंदाज़े से की कुछ ही पलों में शायद उनका नंबर भी आने वाला है, और उसे ज़्यादा इंतजार भी नही करना पड़ा, ईशा ने अपने गर्म और गीले होंठ उसके होंठो पर रखकर उन्हे सींचना शुरू कर दिया...

ये पहली बार था जब वो अपनी ही बेटी के होंठो को अपने होंठो पर महसूस कर पा रहा था...
वो तो राजेश के होंठो को ऐसे चूसने मे लगी हुई थी जैसे बरसो से उनकी प्यासी हो...
एक हाथ उसका अपने पापा के लंड पर था, और होंठ उसके होंठो पर...

राजेश से अब सोए रहना मुश्किल सा हो रहा था...
उसने ऊंघते हुए अपनी आँखे खोली और चौंकने का नाटक करते हुए ईशा से कहा : "उम्म्म्म......ईशा.....ये ये.....क्या कर रही हो बेटा...''

''शःह्ह्ह्ह डोंट से एनिथिन्ग पापा....... जस्ट रिलॅक्स.....''

और इतना कहते हुए वो उसे चूमती हुई नीचे की तरफ चल दी....
और ठीक उसके लंड के उपर जाकर जब उसका चेहरा रुका तो राजेश को समझते देर नही लगी की शेफाली अब ईशा से क्या करवाने वाली है.....
ईशा ने उसके पयज़ामे को नीचे किया और उसके लंड को बाहर निकाल कर उसपर अपनी गर्म सांसो का फव्वारा छोड़ा और फिर एकदम से गप्प करते हुए वो उसके लंड को निगल गयी....


[Image: 983966_236630553128187_1970890135_n.jpg]



''आआआआआआआआआआआअहह ईशा..................... मेरी बच्चीइइइइइइइइईईईईईईईईईईईईईईईईई''

बेचारा कुछ और नही बोल पाया सिवाए उसके सिर को अपने लंड पर पूरा दबाने के....

ईशा का मुँह तो छोटा सा था पर उसने एक ही बार मे अपने बाप के लंड को पूरा मुँह में लेकर नीचे तक नाप डाला...

और फिर सडप -2 करते हुए वो पूरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी...
अभी तक दोनो के कपड़े अपनी जगह थे , सिर्फ़ राजेश का लंड ही बाहर था जिसे चूसकर वो उसे मज़ा दे रही थी....

राजेश ने उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए उसकी ब्रा के हुक्स को चुटकी से खोलने की कोशिश की पर वो असफल रहा , एक दो बार फिर से तरय किया पर हुआ ही नहीं, ईशा की हंसी निकल गयी ये देखकर ,
वो बोली : "रुको... में करती हूँ''

वो बेड पर बैठी और अपनी टी शर्ट उतार फेंकी और फिर हाथ पीछे करते हुए उसने अपनी ब्रा भी उतार कर नीचे कर दी...
उसकी मस्त और चिकने बूब्स देखकर राजेश के खड़े लंड ने एक जोरदार झटका मारकर उसकी सराहना की

[Image: 422_1000.gif]

फिर वो थोड़ा आगे झुकी और उसने एक बार फिर से अपने पापा का लंड मुंह में लिया और उसे चूसने लगी , ऐसा करते हुए वो मुंह से आवाजें भी निकाल रही थी

उम्मम्मम्मम्म ओह्ह्ह्हह्हह पापा। ....... इटस सोओओ टेस्टीssssssss उम्मम्मम्मम्मम आई वांट आलsssssss ''

और फिर उसने हाथ नीचे करके उसकी बॉल्स को भी मसला

ये लम्हा राजेश को इतना उत्तेजित कर गया की उसके लंड ने बर्फ़ीली आग उगलनी शुरू कर दी जिसे उसने बड़ी ही कुशलता से अपने मुँह में लेकर निगल लिया....

[Image: 13858986.gif]

उसके लंड को पूरा चाटने के बाद वो फिर से उपर आई और मुस्कुराते हुए उसने राजेश को देखा और ''आई लव यू पापा'' कहते हुए उसे फिर से स्मूच करने लगी....

इस बार राजेश के हाथ उसकी नंगी कमर को सहला रहे थे, उसकी नजरें इस वक़्त ईशा के तने हुए स्तनों पर थी ...
उसके भरे हुए बूब्स देखकर राजेश पलके झपकना भी भूल गया....

[Image: i2yw6vba4q0ispan5jn8w897jfcowuyloc5fk38xriwn2cv7dc.jpg]http://
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राजेश को ऐसे अपलक अपनी आप को निहारते देखकर ईशा ने खुद ही उसके हाथ पकड़े और अपने बूब्स पर रख दिया..

उफफफफ्फ़ कितने मुलायम थे वो....
रुई के गोले जैसे

राजेश ने उन्हे अपनी हथेलियो में पकड़कर ज़ोर से भींच दिया...
वो उसकी उंगलियो के बीच से इधर उधर निकलकर ऐसे झाँकने लगे कैसे पानी के गुब्बारे को पकड़कर दबाने से होता है..

''आआआआआआआआहह पापा.......सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... धीरे......प्लीज़.....''


[Image: 67.jpg]


अब राजेश से सब्र नही हुआ और उसने आगे बढ़कर उसके बूब्स को अपने मुँह में रखकर चुभलाना शुरू कर दिया..

''ओह्ह माय डार्लिंग पापा.....प्लीज़ सक इट....... हाआरडररर ''

राजेश ने उसकी कमर पर हाथ रखकर उसे अपनी तरफ ज़ोर से दबोच सा लिया....
और उसके बूब को पूरा मुँह में रखकर खा गया.

उफफफफफ्फ़ क्या सेक्सी नज़ारा था....
ईशा का पूरा मुम्मा अपने पापा के मुँह में था,
जिसे वो चुसवा भी रही थी और आनंद से भरी किलकरियाँ भी मार रही थी...

''ओह पापा......... इट्स फीलिंग सोओ गुड....... यससस्स पापा........ ऐसे ही......सक्ककक मिि हार्ड........ काटो इन्हे......ज़ोर से.....चबा जाओ.......निप्पल्स चूसो ना पापा...... उम्म्म्मममममममममममममम यसस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ऐसे ही...... अहह......''


[Image: sucking-on-her-nipples-2.gif]


ऐसा करते हुए वो राजेश की गोद में चड़कर उसकी जाँघ पर बैठ गयी...
एक पैर इधर और दूसरा उधर...
और अपनी चूत को उसपर घिसते हुए जोरों से रगड़ने लगी....
और जल्द ही अपना मुम्मा चुस्वाते हुए, अपने पापा की गोद में झटके मारते हुए वो जोरों से झड़ने लगी....

''आआआआआआआआआआआअहह पापा....... उम्म्म्ममममममममममममममममममममममममम......... यसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....... आई एम् कमिंग........''

राजेश को भी अपनी बेटी की गर्माहट अपनी जाँघो पर पिघलती हुई महसूस हुई..

और एक बार फिर से दोनो के होंठ एक दूसरे से मिलकर एक लंबी स्मूच में बदल गये...

अभी तो ये शुरूवात थी...
आज की रात बहुत लंबी होने वाली थी.
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#10
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अब आगे
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अभी तक वो सिर्फ़ टॉपलेस थी
नीचे उसने स्लेक्स अभी तक पहनी हुई थी,
जो झड़ने के बाद काफ़ी गीली हो चुकी थी,
ईशा का बदन अभी तक ऑर्गेज़म के झटके मार रहा था...
रह रहकर उसकी नन्ही चुचियों में एक सिहरन सी दौड़ जाती जिसका कंपन राजेश को भी महसूस होता....
शायद इतने जबरदस्त तरीके से वो पहली बार झड़ी थी.

राजेश की बाहो में लेटे हुए जब उसने अपनी नशीली आँखे खोली तो ऐसा लगा जैसे वो किसी गहरी नींद से जागी हो...
और अचानक उसे लगा की वो ईशा को नही बल्कि शेफाली को देख रहा है...
वही नशीलापन,
वही कशिश,
वही गहराई
और
वही सैक्सीनेस.
सब दिख रहा था उन आँखो मे.

ईशा ने अपना एक हाथ उसके चेहरे पर रखा और उसे सहलाने लगी...
सहलाते हुए वो अपनी उस उंगली को उसके होंठो तक ले आई जिसमे ईशा ने वो शेफाली की अंगूठी पहनी हुई थी...
और वो बुदबुदाई : "कैसा फील हो रहा है डार्लिंग....''

ये शायद राजेश की लाइफ में पहली बार था जब ईशा ने उसे बिना 'पापा' बोले सबोधित किया था.

एक पल के लिए तो उसकी गांड ही फट गयी ये सोचकर की इस वक़्त उसकी बाहों में उसकी जवान बेटी नही बल्कि शेफाली है...
पर फिर उसने उस विचार को झटका देकर निकाल दिया क्योंकि वो पहले ही जान चुका था की शेफाली जो भी कर रही है उसे मज़े देने के लिए और उसके भले के लिए ही कर रही है...

वो मुस्कुराया और बोला : "बहुत मज़ा आ रहा है जानेमन ''

ये सुनते ही वो पागलों की तरह उसके चेहरे और होंठो को चूमने लगी और अपनी जीभ और होंठों से चूम-चूमकर उसे भिगो ही डाला उसने..

और बोली : "इतने सालो से इस प्यार के लिए तरस गयी थी मैं ...अब मिला है मुझे ये प्यार...अब देखना , कितना प्यार करती हू तुम्हे और करवाती हूँ ...''

ये कहकर वो राजेश के गले लगकर चिपक गयी...
राजेश को शेफाली के इस इक़बालनामे को सुनकर काफ़ी खुशी भी हो रही थी और आने वाली दिनों में मिलने वाले मज़े को सोचकर उसे अपनी किस्मत पर नाज़ भी हुआ की इतने करोड़ों लोगो के होते हुए इस शेफाली ने मज़े देने के लिए उसे चुना है.

खैर, अभी के लिए तो उसे अपनी प्यास बुझानी थी और एक जवान जिस्म से बह रहे रस से अच्छी ड्रिंक कोई हो ही नही सकती थी,
इसलिए उसने हाथ नीचे करते हुए उसकी स्लेक्स को उसकी गांड से नीचे खिसका दिया,
ऐसा लगा जैसे फुटबॉल के उपर से रबड़ का कवर निकाल फेंका हो..
नीचे से हश्ट पुष्ट और स्वस्थ गांड निकल आयी राजेश के सामने,

[Image: 7.gif]


उसने उन्हे पकड़कर भींच दिया,
ईशा को ऐसा फील हुआ जैसे किसी ने उसकी गांड नही बल्कि नींबू निचोड़ दिया हो,
जिसके नीचूड़ने से उसकी चूत का रस पानी की तरह छींटे मारता हुआ बाहर गिरने लगा.

''आआअहह......सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स......... मज़ा आ गया ......''

राजेश ने उसकी गांड अपनी तरफ घुमा ली और अपने लंड को उसकी गांड के गद्दे पर दबाकर उसकी पीठ से जोरदार तरीके से चिपक गया..

ईशा ने खुद ही बाकी की बची हुई स्लेक्स को नीचे खिसका कर अपनी टाँगो से निकाल फेंका...
अब वो जन्मजात नंगी थी,
एकदम नंगी...
अपने प्यारे पापा की बाहों में जकड़ी हुई,
नंगी ईशा.
राजेश ने उसका मुँह अपनी तरफ किया और उसे गले लगाकर उसके हर मुलायम अंग को अपने जिस्म पर महसूस करने लगा..



[Image: 14709ab1e3a85a470.jpg]





वो हग कब किस्स में बदल गया उसे भी पता नही चला....

होंठो को अच्छी तरह चूसने के बाद वो नीचे गया और उसके दोनो अमरूदों को भी चबाया और निचोड़ा...

और फिर, नीचे से आ रही भीनी-2 खुश्बू ने उसे अपनी तरफ खींचना शुरू किया...

राजेश पर जैसे उस गंध का नशा सा चढ़ रहा था...

एक तो वो कुँवारी चूत की खुश्बू थी उपर से उसकी खुद की बेटी की चूत से निकल कर आ रही थी वो गंध...

ऐसे में उस से बर्दाश्त करना मुश्किल सा हो रहा था,

वो खिसकते हुए जब नीचे तक पहुँचा तो उसे दुनिया की सबसे खूबसूरत चूत दिखाई दी....

एकदम सफाचत...

एकदम कोरी...

एकदम गोरी



[Image: 220933057de622c5d.jpg]







राजेश ने जब उसकी गांड को मसला था तो उसकी चूत का सारा रस निकलकर बेड पर गिर चुका था....

और अब उसमें से रिस रिसकर एक-2 बूँद गाड़े पानी की निकलकर बाहर आ रही थी.



राजेश नीचे हुआ और उसने झुकते हुए अपनी जीभ निकाल कर उसकी चूत के लबों पर रख दी.



उफफफफफफफफ्फ़....

ये तो उपर वालो होंठो से भी ज़्यादा मुलायम थे.



एक गहरी सिसकारी मारी ईशा ने जब उसे अपनी चूत पर पहली बार एक जीभ का एहसास हुआ तो...



''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.....उम्म्म्मममममममममममममम पापा.............. अहह''



राजेश ने उसकी चूत की फांको को फेलाकर अपनी जीभ अंदर डालनी चाही तो वो चीख ही पड़ी....

''ओह नो पापा......प्लीज़.................... ऐसे मत करो......दर्द हो रहा है............''



[Image: 146710_1.jpg]





उसका कहना लाज़मी था,

क्योंकि आवेश में आकर राजेश ने शायद कुछ ज़्यादा ही ज़ोर से उसकी चूत के किवाड़ खोल दिए थे..

पर वो शायद आराम से करता तब भी ईशा को यही शिकायत होनी थी,

क्योंकि वो चूत थी ही इतनी टाइट.



राजेश ने उपर मुँह करते हुए उसके चेहरे को देखा और बोला : "बैबी...अभी तो ये सिर्फ़ मेरी जीभ है, जब मेरा पेनिस अंदर जाएगा तो कैसे सहन करोगी...''



ईशा (डरते हुए) : "वो कैसे जाएगा अंदर....उसमें तो काफ़ी पेन होगा ना...और आपका पेनिस तो है भी काफ़ी मोटा...और आगे से देखा है उसे...एकदम गोल्फ की बॉल जैसा मोटा है आगे से...''



राजेश उसकी बात सुनकर हंस पड़ा...

पर अंदर ही अंदर उसे हैरानी भी हुई की शेफाली की आत्मा के होते हुए ईशा को डर क्यों लग रहा है...

अभी थोड़ी देर पहले तक तो उसका असर था उसके उपर...

फिर अचानक ये बदलाव कैसे आ गया ईशा मे...



उसे ऐसी गहरी सोच मे डूबे देखकर ईशा बोली : "क्या सोचने लगे पापा....''



राजेश : "उम्म कुछ नही....वो बस...तुम्हारी बात को सोच रहा था...''



फिर अचानक राजेश उठा और उसने स्टडी टेबल पर पड़ी गोल्फ बॉल उठा ली जो शायद ईशा उसकी गोल्फ किट में से निकाल लाई थी, उसी को देखकर शायद उसके जहन में राजेश के लंड को बॉल के साथ कम्पेयर करने का ख़याल आया होगा..



उसे बॉल उठाते देख ईशा बोली : "ये ये....क्या कर रहे है आप पापा...''



राजेश : "कुछ नही....बस तुम्हे कुछ दिखा रहा हूँ...''



फिर उसने उस बॉल को उसकी चूत से निकल रहे रस में अच्छी तरह से भिगोया ,

जिसके बाद वो एकदम हीरे की तरह दमकने लगी...

फिर उसने धीरे-2 करते हुए उस बॉल को ईशा की चूत में धकेलना शुरू किया.



ये देखकर ईशा की हवाइयां उड़ने लगी.

तब उसे एहसास हुआ की उसके पापा शायद उसका डर मिटाने के लिए अपने लंड के टोपे के बराबर की बॉल उसकी चूत में डालकर दिखा रहे है ताकि लंड लेते वक़्त उसे ज़्यादा डर ना लगे...



पर अभी के लिए उसकी हालत काफ़ी खराब होने लगी...

क्योंकि बॉल ने उसकी चूत के होंठो को लगभग अपने चारों तरफ लपेट सा लिया था और उसे थोड़ा दर्द भी हो रहा था..

पर मीठा वाला..



वो सिसकारी मारती हुई अपनी फटी हुई आँखो से उस छोटी सी बॉल को अपनी चूत में जाते हुए देखने लगी...

और धीरे-2 उसके पापा ने वो प्रयोग पूरा करते हुए वो बॉल उसकी चूत में पूरी घुसा दी


उसकी चूत के होंठो ने बॉल को चारों तरफ से लपेटकर उसे बाहर निकलने से रोका हुआ था और अंदर की संकरी दीवार ने उसे और अंदर जाने से.
पर बड़ा ही मनमोहक दृश्य था वो...

और आनंदमयी भी.



[Image: ryh.jpg]





शायद अंदर ही अंदर ईशा चाह रही थी की काश वो बॉल अंदर तक चली जाए...

पर ये कैसे पासिबल हो सकता था...

हाँ, उसके पापा का लंड ज़रूर जा सकता था अंदर...

और अगर ऐसा हुआ तो कितना अच्छा लगेगा ना उसे...

बॉल की तरह मोटा लंड उसकी चूत में से रास्ता बनाता हुआ जब अंदर तक जाएगा तो कितना अच्छा लगेगा उसे,

उस एहसास हो जीने का एक अलग ही मज़ा होगा..

ये सोचकर वो मंद-2 मुस्कुराने लगी.



राजेश ने उसे मुस्कुराते हुए देखा और बोला : "देखा...ये तो अभी सिर्फ़ शुरूवात है, अभी और अंदर जाएगा तो ज़्यादा मज़ा आएगा...''



उसने हाँ में सिर हिला कर अपनी मोन स्वीकृति दे डाली.



पर पहले ही दिन राजेश उसे पूरी तरह से भोगना नही चाहता था...

उसके लंड में अब उतनी भी ताक़त नही रह गयी थी जितनी जवानी के दिनों में होती थी...

हालाँकि एक बार और झड़ने के लिए उसका लंड तैयार था पर एक नयी नवेली चूत को चोदने के लिए जिस कडकपन की ज़रूरत एक मर्द को होती है वो अभी के लिए नही थी उसमें...

आज के कड़कपन का रिचार्ज ख़त्म को चुका था उसका...

हाँ , कल या परसो में वो एक नये दिन के साथ नयी शुरूवात करके उस चूत का उद्घाटन ज़रूर कर सकता था.



इसलिए अभी के लिए उसने उस रसीली बॉल को उसकी चूत के घरोंदे से बाहर निकाला और उसकी जगह अपना मुँह लगाकर वहाँ से अवीरल बह रहे रस को चूसने लगा...



ईशा एक बार फिर से उसी गहरे एहसास में डूब गयी जो कुछ देर पहले उसे मिला था...

और अपने पापा के सिर को अपनी चूत में अंदर तक समेटते हुए उनके होंठो को अपनी चूत के होंठो से रगड़ने लगी...



''आआआआआआआआआहह पापा.................. उम्म्म्ममममममममममम..... मज़ा आआआआआ रहा है.......... अहह....ऐसे ही करते रहो........ अहह....''



राजेश ने अपने होंठो को गोल करते हुए जितना हो सकता था आगे तक निकाला और उन्हे एकसाथ उसकी चूत के अंदर घुसेड दिया, उसके होंठों को ईशा की चूत के होंठों ने ढक सा लिया, और फिर वो उन्न्नध्ह हुउन्न्न् करते हुए उस एक इंच के छोटे से लंड से उसकी चूत की खुजली दूर करने लगा...



[Image: 3.gif]





वो ज़ोर से चीखी : "अहह..... पापा........................... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... अहह.... मार डालोगे क्या................. उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़...... कितना मज़ा आ रहा है ऐसे करवाने में .....अहह....''



मज़ा तो उसे ही आ रहा था....

राजेश का लंड तो ऐसे ही झूल रहा था बेड से नीचे लटका हुआ,

उसने भी एक छलाँग मारी और उछलकर बेड पर आया और 69 के पोज़ में उसे अपने उपर लिटाया और एक बार फिर से उसकी चूत चूसने लगा......

जो ईशा इतनी देर से सिसकारियाँ और चीखें मार रही थी उसके मुँह को बंद करने के लिए इससे अच्छा कोई ओर उपाय हो ही नही सकता था..



[Image: gif456.gif]





और जल्द ही दोनो की घुटि-2 सिसकारियाँ निकलने लगी

और अगले ही पल ईशा की चूत का ढेर सारा रस निकलकर राजेश के मुँह में जाने लगा और राजेश के लंड का पानी निकलकर ईशा के मुँह में.



ईशा ने अच्छी तरह से अपने पापा के लंड को सॉफ किया, उनके लंड की आख़िरी बूँद तक निचोड़कर पी डाली और फिर फिसलकर वापिस अपने पापा की तरफ मुँह किया और उनसे लिपटकर आँखे बंद कर ली....



राजेश भी झड़ने के बाद गहरी साँसे लेता हुआ ईशा के मखमली बदन को सहलाते हुए आँखे बंद करके लेट गया....

और उसकी आँख कब लग गयी उसे भी पता नही चला..



अचनका लगभग 1 घंटे बाद उसे कुछ हिलता हुआ सा महसूस हुआ....

कमरे में अंधेरा था इसलिए उसे कुछ सॉफ-2 दिखाई नही दे रहा था...

ईशा और वो अभी तक नंगे होकर एक दूसरे से लिपटकर सो रहे थे...

कोई सामने खड़ा हुआ ईशा को हिला कर उठाने की कोशिश कर रहा था



और तभी उसे फुसफुसाति हुई सी आवाज़ सुनाई दी , जो उसकी बीबी रजनी की थी



वो उनके बेड के पास खड़ी हुई ईशा को झंझोड़ कर उठाने की कोशिश कर रही थी..



रजनी को देखते ही राजेश की सिट्टी पिटी गुम सी हो गयी....

उसकी जवान बेटी नंगी होकर उससे लिपट कर सो रही थी और उसकी बीबी उनके कमरे में आकर ईशा को उठाने का प्रयास कर रही थी,

उसे तो समझ ही नही आ रहा था की वो क्या करे...

अब वो उठकर भाग तो नही सकता था,

इसलिए उसने गहरी नींद में सोए रहना ही बेहतर समझा...
पर आने वाले पल उसकी लाइफ को पूरी तरह से बदलने वाले थे.
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#11
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अब आगे
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शायद ये पल राजेश की लाइफ का सबसे गांड फाड़ू पल था,
उसकी वाइफ ने आज तक उसपर शक नही किया था क्योंकि राजेश ने ऐसा कोई मौका ही नही दिया था उसे,
और आज वो रंगे हाथो पकड़ा गया था अपनी बीबी के सामने
और वो भी अपनी नंगी बेटी के साथ......

रजनी ने फिर से ईशा को झींझोड़ा और फुसफुसाई : "ईशा.....ओ ईशा.....उठ....खड़ी हो...''

ईशा की गहरी साँसे राजेश की गर्दन पर पड़ रही थी....
उसने ऊंघते हुए अपनी आँखे खोली और बुदबुदाई : "क्या है मोम ....क्यूँ उठा रहे हो....''

रजनी : "चल उठ, मेरे साथ बाहर आ ड्राइंग रूम में....''

और इतना कहकर वो बाहर निकल गयी....
राजेश भी अपनी अधखुली आँखो से हैरान परेशान होकर उसे जाते हुए देखता रहा..
और वो हैरान परेशन इसलिए था की रजनी ने कुछ बोला क्यों नही,
उन दोनो को ऐसी हालत में सोते देखने के बाद भी उसका रिएक्शन एकदम शांत सा था...
और तो और वो फुसफुसा कर बाते कर रही थी ताकि राजेश की नींद ना खराब हो जाए...
और फिर अचानक उसे फिर से शेफाली का ध्यान आया और इन सब बातों को शेफाली की मेहरबानी समझ कर अपने विचारों पर विराम लगा दिया.

तब तक ईशा उठ चुकी थी...
और उठकर अपने कपड़े देख रही थी जो पूरे कमरे में इधर उधर फेले पड़े थे...
उसकी हालत भी कुछ ऐसी ही थी, बिखरी हुई सी, पर इस हालत में वो और भी ज़्यादा सैक्सी दिख रही थी.

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उसे शायद फिर से कपड़े पहनने का आलस आ रहा था इसलिए वो ऐसे ही उठी, एक नज़र उसने सोते हुए राजेश पर डाली और नंगी ही बाहर की तरफ चल दी..हालाँकि उसके पैर में प्लास्टर लगा था, पर एक पैर को मोड़कर वो राजेश की लाई बैसाखी के सहारे चलती हुई बाहर आ गयी.

राजेश भी तुरंत उठा और बंद दरवाजे के पीछे से बाहर ड्राइंग रूम का नज़ारा देखने लगा,
उसके मन में भी उत्सुकतता थी की आख़िर वो इतनी रात को ईशा को ऐसे बाहर क्यों बुला रही है..

बाहर रजनी एक सोफे पर बैठी उसका ही इंतजार कर रही थी, उसे ऐसे नंगी ही बाहर आते देखकर वो मुस्कुराइ और उठकर उसे गले से लगा लिया.. और फिर उसे अपनी गोद में लेकर बैठ गयी...

माँ बेटी का ऐसा प्यार देखकर राजेश भी हैरान हो रहा था..

रजनी ने उसके फूल जैसे नर्म मुम्मो पर लगे राजेश के दांतो के निशान देखे और बोली : "देखा, मैने कहा था ना , पापा के दांतो से बचकर रहना, काफ़ी तेज है वो,ख़ासकर आगे के दो दाँत, देख मुझे भी काटा था कल...''

इतने कहते हुए रजनी ने अपने गाउन की सामने वाली जीप नीचे की और अपना दांया मुम्मा बाहर निकाल कर उसपे लगे राजेश के दांतो के निशान दिखाने लगी..

ईशा ने हंसते हुए अपनी मोम के निशान को सहलाया और बोली : "इस दर्द में भी अपना ही मज़ा है मॉम ..जैसे भी है ये निशान, इन्हे महसूस करके बहुत अच्छा फील हुआ...''

रजनी भी मुस्कुराइ और बोली : "अच्छा छोड़ ये सब, पहले बता की हुआ या नही...''

ईशा (थोड़ा मायूस सा चेहरा बनाकर बोली ) : "नही मॉम ...आज रात नही हुआ...इन्फेक्ट पापा ने पूछा भी था, और मैने हां भी कर दी थी, पर पता नही क्यों सिर्फ़ सकिंग करके ही सो गये वो...मैं भी काफ़ी थक गयी थी इसलिए नींद आ गयी वरना पापा को सोने नही देती जब तक वो मेरी वर्जिनिटी नही ले लेते...''

ये सब बाते दोनो इतने आराम से कर रही थी मानो रात को क्या पकना है ये डिसकस कर रहे हो...
और राजेश उनकी बाते सुनकर फिर से उसी हैरानी परेशानी में डूबने लगा जो उसे थोड़ी देर पहले महसूस हुई थी.

रजनी : "कोई बात नही....आज नही तो कल वो कर ही लेंगे...अब जब हमने इतनी मेहनत से ये सब प्लान किया है तो ऐसे ही थोड़े जाने देंगे, असली चुदाई का मज़ा ज़रूर मिलेगा तुझे...''

ईशा भी आँखे चमकाती हुई बोली : "हाँ बिल्कुल, जैसा मज़ा आप ले रहे हो आजकल, दिन रात...''

ये सुनकर दोनो माँ बेटियाँ ज़ोर-2 से हँसने लगी....
और राजेश बेचारा चूतिया सा बनकर उनकी बाते सुनता रहा और समझने की कोशिश करने लगा की आख़िर ये हो क्या रहा है..

जब उन्होने हँसना बंद किया तो ईशा बोली : "मॉम, आपने और राधिका ऑन्टी ने मिलकर जो ये प्लान बनाया है ना, इसमे मज़ा भी बहुत आ रहा है, और रोमांच भी फील हो रहा है...''

राजेश ने जब राधिका आंटी का नाम सुना तो उसका माथा ठनका,
ये तो चाँदनी की माँ का नाम है,
ईशा और चाँदनी तो काफ़ी सालो से दोस्त है और अक्सर ईशा को छोड़ने या लेने जब भी वो चाँदनी के घर जाता तो राधिका उसे ज़रूर मिलती,
और क्या माल है वो,
एकदम गदराया हुआ सा बदन था उसका...
डाइवोरसी थी और एक प्राइवेट कॉलेज में टीचर थी

[Image: rdmxp25.jpg]

घर में सिर्फ़ वो अपनी बेटी के साथ ही रहती थी
राजेश का मन कई बार हुआ की उसके उपर लाइन मारके देखे, पर अपनी ही बेटी की सहेली की माँ के साथ ऐसा कुछ करना उसे शोभा नही देता था, इसलिए बेचारा कुछ नही कर पाया था आज तक..

अक्सर वो फॅमिली गेट-टुगेदर में भी मिला करती थी और शायद इसलिए रजनी की भी ख़ास सहेली बन चुकी थी वो..

पर ईशा ये क्या बोल रही थी अभी, की राधिका आंटी के साथ मिलकर अच्छा प्लान बनाया रजनी ने...
अब तो उसे दाल में कुछ काला लग रहा था..

रजनी ने ईशा की बात सुनी और बोली : "बैबी, ये सब तो तुम्ही दोनो के लिए किया है हम दोनो ने...''



तुम्ही दोनो याहि ईशा और चाँदनी के लिए...

तो इसका मतलब ये सब प्लान था...

कल वो चांदनी का घर पर रुकना और उसके साथ मजे लेना और आज की रात ईशा का उसके साथ मजे लेना ?

पर कैसे ??

ये कैसे हो सकता है आख़िर..???



राजेश को तो लग रहा था की ये सब शेफाली का पर्ल सेट और उसकी आत्मा का असर होने की वजह से है...

तो क्या वो सब ग़लत था...



और उसकी बात को अगले ही पल ईशा ने साबित भी कर दिया



ईशा : "हम दोनो के लिए भी किया और अपने आप के लिए भी....है ना...हे हे''



ईशा की बात सुनके रजनी फिर से मुस्कुरा उठी और बोली : "ये तो बस यूँ समझ लो की पापा के उस हेरोयिन के साथ लगाव का फायदा उठाकर और उसके भूत के चक्कर मे फँसाकर ये सब करवाया है...सो ऐक्चुयल में तो हम सभी को शेफाली को थेंक्स बोलना चाहिए...''



इतना कहकर वो दोनो उपर मुँह करके बोली : "थेंक्स शेफाली''



और एक बार फिर से दोनो की हँसी पूरे घर में गूँज गयी...



अब तो राजेश को पक्का विश्वास हो चुका था की वो एक बहुत बड़े षड्यंत्र का शिकार बन चूका है ...

हालाँकि इसमें उसका कोई नुकसान नही था,

बल्कि इस प्लानिंग का विक्टिम बनकर भी उसे फायदा ही हुआ था....

अपनी बीबी के बदले हुए रूप का,

चाँदनी और ईशा के जवान जिस्म को भोगने का मौका जो मिला था उसे...



पर उन्होने ऐसा क्यों किया.....

और उन्होने शेफाली के नाम का फायदा उठाकर इतनी सफाई से ये सब कैसे किया की उसे भी भनक तक नही लग पाई की वो सब एक्टिंग कर रहे थे.



उसे अपना माथा घूमता था सा प्रतीत हुआ,

शेफाली तो फ़िल्मो में काम करती थी

पर आज उसकी लाइफ खुद एक फिल्म की स्टोरी बनकर रह गयी थी,

ऐसी स्टोरी जिसमें सैक्स था

सस्पेंस था

हॉरर था

यानी कुल मिलाकर एक धमाकेदार स्टोरी का हीरो बन चुका था वो.



पर अभी भी कई सवाल थे जिनका जवाब मिलना बहुत ज़रूरी था,

और इसका सिर्फ़ एक ही उपाय था...

रजनी की डाइयरी.



जी हाँ , रजनी के पास एक डायरी थी जिसमें वो अपनी लाइफ की आप बीती और ख़ास चीज़े लिखा करती थी,

ये अलग बात थी की आज तक उसे वो डाइरी देखने का मौका नही मिला था,

शादी के बाद वो 2 डायरियां भर चुकी थी और आजकल तीसरी चल रही थी,

यानी इतने सालो का लेखा जोखा उसकी डाइरी में क़ैद था,

राजेश ने भी आज तक उसे देखने की जिद्द नही की थी क्योंकि एक समझदार पति होने का फ़र्ज़ वो अपनी तरफ से निभाना चाहता था...

पर इसके बावजूद भी रजनी उन डाइरीस को अपनी अलमारी की सेफ में लॉक करके ही रखती थी...

जिसकी चाभी उसके पर्स में रहती थी.



वो ये सोचे जा रहा था और बाहर एक अलग ही लीला शुरू हो चुकी थी..



रजनी ने अपनी गोद में बैठी ईशा के बूब्स को सहलाते-2 उसे पीना भी शुरू कर दिया था...

ये शायद राजेश को अपनी लाइफ का सबसे बड़ा उलटफेर देखने को मिला था

जिसमें एक माँ अपनी ही बेटी का दूध पी रही थी...

और अपनी मस्त चुचियाँ पिलाते हुए ईशा भी अजीब तरह से पीछे सिर करके सिसकारियाँ मार रही थी...



वैसे एक बात तो सच है दोस्तो, एक औरत को कैसे सक्क और किस्स करना है ये दूसरी औरत को ज्यादा अच्छे से पता होता है.

अपने होंठो, दांतो और जीभ का दबाव किस पॉइंट पर कितना रखना है ये उनसे अच्छा कोई मर्द भी नही जान सकता क्योंकि ऐसा करते हुए वो सामने वाले के बदले अपने शरीर पर उस प्रभाव को महसूस करते है, वो उसे उतना ही चूसते और चुभलाते है जितना खुद को अच्छा लगता है...

और शायद यही कारण था की इस वक़्त ईशा भी कुछ ज़्यादा ही सैक्सी तरीके से सिसकारियाँ मार रही थी,

इतनी तो उसने अपने पापा की गोद में बैठकर नही मारी थी जितनी अपनी माँ की गोद में बैठकर मार रही थी..



[Image: lesbian-tit-sucking-xxx.gif]




रजनी का भी एक मुम्मा अभी तक बाहर ही लटका हुआ था, ईशा ने नीचे होते हुए उसे अपने मुँह में लिया और एक बार फिर से रजनी को 15 साल पीछे ले गयी जब वो उसे अपना दूध पिलाया करती थी...

रजनी भी उन चिर-परिचित होंठो के एहसास को महसूस करके ईशा को अपनी छाती की ओर भींच सी रही थी..



''आआआआआआआआअहह........ मेरी बच्चीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उम्म्म्ममममममममममममममममममममम......चूसssssssss ज़ोर से....''



रजनी के ऐसा कहने की देर थी और ईशा ने खड़े होकर अपनी माँ का गाउन निकाल फेंका और उसे भी अपनी तरह नंगा कर दिया....



कमरे की मद्धम रोशनी में रजनी का मांसल बदन जगमग करके नहा उठा...



[Image: name1.jpg]



रजनी ने आँखो का इशारा करके ईशा को अपने बेडरूम में आने को कहा, और वो दोनो एक दूसरे का हाथ पकड़कर राजेश और रजनी के बेडरूम में आ गये...



पीछे-2 राजेश भी ईशा के बेडरूम से निकलकर बाहर आया, उसे अपने बेडरूम का दरवाजा खुला हुआ ही मिला, दोनो माँ बेटियों को बहुत जल्दी थी एक दूसरे को प्यार करने की शायद.



अंदर का नज़ारा देखा तो उसके लंड ने अंगड़ाइयां लेनी शुरू कर दी,

रजनी ने अपनी जवान बेटी को काम पर लगा दिया था,

उसने ईशा के सिर को पकड़कर अपनी चूत पर दबा रखा था जिसे ईशा बड़ी उत्तेजना के साथ चूस रही थी.



ये थी मॉडर्न जमाने की औलाद,

जो कुछ देर पहले पापा का लंड चूस कर आई थी और अब अपनी माँ की चूत चूस रही थी..



[Image: SNY1OPH.gif]



रजनी की चूत का बाँध शायद शाम से ही बँधा सा पड़ा था जब से उसने राजेश को ईशा के साथ सोने के लिए भेजा था, और उन बाप बेटी की चुदाई को सोचकर ही वो अंदर से भरी पड़ी थी,

सुबह का भी इंतजार नही हुआ था उससे ,

इसलिए रात को ही उसे उठाकर बाहर ले गयी ये पता करने की उसकी ठुकाई हुई या नही...

सच में , राजेश को इन माँ बेटी के रिश्ते की गहराई का अंदाज़ा भी नही था.



पर इस वक़्त तो ईशा ठुकाई कर रही थी रजनी की चूत की,

अपनी नन्ही सी जीभ से...

वो जीभ उसकी चूत में किसी ड्रिल की तरह अंदर बाहर कर रही थी और हर बार खुदाई के रूप में ढेर सारा शहद निकाल कर बाहर ले आती...

ये रसीली लड़ाई करीब 10 मिनट तक चली और उसके परिणामस्वरूप जब रजनी झड़ी तो उसने एक जोरदार बौछार मारकर ईशा के चेहरे को भिगो डाला...



''आआआआआआआआआआआआहह मेरी जाआआआआन...... उम्म्म्ममममममममममममममम..............''



इतना कहकर वो वहीं गिर पड़ी...

और ईशा अपने चेहरे की मलाई सॉफ करते हुए उपर तक आई और अपने नंगे जिस्म को अपनी माँ के नंगे बदन के साथ मिलाकर उनसे लिपटकर सो गयी...

ईशा तो पहले ही 2 बार झड़ चुकी थी इसलिए उसमे अब और हिम्मत नही थी अपनी चूत की खुदाई करवाने की,

और जैसा उसके रूम में हुआ था, बाप बेटी के साथ,

वैसा ही अब इस रूम में माँ बेटी कर रही थी

सैक्स के बवंडर के निकल जाने के बाद दोनों एक दूसरे से लिपटकर सो गये.



पर राजेश के दिमाग़ में अब चैन नही था....

उसे तो इस षड्यंत्र की तह तक जाना था और इसके लिए उसे वो डायरीस पढ़नी ज़रूरी थी,

वो किचन में गया जहाँ फ्रिज के उपर रजनी का पर्स रखा रहता था, उसमें से उसने चाभी निकाली , और फर्स्ट फ्लोर में पड़ी रजनी की अलमारी खोली और वो तीनो डाइयरीस निकाल कर ले आया, जिसमें वो सारे राज दफ़न थे और अपने रूम का दरवाजा अंदर से लॉक करके उन्हे पढ़ना शुरू कर दिया..


आज की रात उन्हे पढ़कर कई राज से परदे उठने वाले थे.
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#12
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अब आगे
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टोटल 3 डायरीस थी,
पहली 2 डायरीस में तो शादी के बाद से लेकर ईशा के जन्म तक की कहानी थी...
इसलिए उन्हे उपर-2 से पढ़कर राजेश ने 10 मिनट में ही तीसरी डायरी उठा ली, जो आधी से ज़्यादा भर चुकी थी...
इस डाइयरी में ही वो सभी राज थे जो राजेश के लिए एक पहेली बन चुके थे.

उसने पढ़ना शुरू किया , जिसमें रजनी ने लिखा था की

ईशा के जन्म के बाद मुझमें सैक्स की चाहत ख़त्म सी हो गयी है....
राजेश के कहने पर ही मैं बुझे मन से सैक्स किया करती थी वरना अंदर से मुझे कुछ फील ही नहीं होता था.


राजेश भी सोचकर उस वक़्त का अंदाज़ा लगाने की कोशिश करने लगा..
उसे याद आया की उन दिनों रजनी कैसे एकदम से सैक्स के नाम से दूर भागने लगी थी...
और शायद वही दौर था जब दोनो के बीच शारीरिक संबंधो में बदलाव आने शुरू हुए थे...
हालाँकि एक डॉक्टर होने के नाते वो भी जानता था की औरत के शरीर में प्रेगनेंसी के बाद हॉर्मोनल चेंजस आते है जिसमें ऐसा अक्सर होता है...
पर फिर भी एक ठरकी मर्द होने के नाते वो अपने लंड की ठरक दूर करने के लिए उसे अपने अनुसार ही पेलता रहता था.

आगे डाइरी में उसने लिखा था की कैसे रजनी ने अपनी लाइफ ईशा का इर्द गिर्द ही रखनी शुरू कर दी और इसी में उसे सबसे ज़्यादा खुशी मिलती थी...
अगले 15-20 पन्नो में उसकी जवानी की दहलीज तक पहुँचने का सफ़र था...
और आख़िरकार एक पन्ने पर आकर उसकी नज़रें रुक गयी.

ये 112th के बोर्ड एग्जाम्स के दिन थे जब ईशा और चाँदनी अक्सर घंटो तक एक दूसरे के साथ कमरे में बैठकर पढ़ा करती थी...
राजेश को भी याद आया की उन दोनो पर राजेश और रजनी ने कैसे प्रेशर बनाकर रखा हुआ था ताकि कॉलेज में एडमिशन के लिए अच्छे नंबर आए.

रजनी ने एक वाकये का ज़िक्र किया हुआ था उस पेज पर जब ईशा और चाँदनी रूम में बैठकर स्टडी कर रहे थे..

दोनो बच्चे रूम में बैठकर पढ़ रहे थे...मैं भी काफी थकी हुई थी इसलिए रूम में जाकर सो गयी जो मेरा रोज का नीयम था... अचानक मेरी नींद खुली क्योंकि मुझे ज़ोर से पेशाब आया था...अभी मुझे एक घंटा और सोना था, इसलिए जल्दी-2 पेशाब करके मैं बेड तक आई पर फिर सोचा की एक बार बच्चों से पूछ लेती हूँ की किसी चीज़ की ज़रूरत तो नही है, ये सोचकर मैं उनके रूम में गयी पर वो अंदर से लॉक था, वो पहले भी ऐसा अक्सर करते थे पर इसके लिए मैने उन्हे डाँटकर मना किया हुआ था, मैं जैसे ही दरवाजा खटकाने लगी तो अंदर से मुझे ईशा की सिसकारी सुनाई दी....मेरा दिल धक् से बैठ गया...उस सिसकारी की गहराई बता रही थी की अंदर क्या चल रहा है...मैं एक स्टूल उठा कर लाई और उसपर चड़कर दरवाजे के उपर बनी विंडो से अंदर झाँक कर देखा और अंदर का नज़ारा देखकर मेरा शक़ यकीन में बदल गया

चाँदनी और ईशा एकदम नंगी होकर बेड पर बैठी थी...
दोनो नंगी होकर एक दूसरे से चिपकी हुई बैठी थी और एक दूसरे के मुम्मे सहलाते हुए, स्मूच कर रही थी...बीच-2 में चाँदनी का हाथ ईशा की चूत को भी मसल रहा था जिसकी वजह से वो सिसकार रही थी....


[Image: 20848462.gif]

ये देखकर मेरा पूरा शरीर काँप सा गया...मैं चेयर से गिरते-2 बची...नीचे उतरकर मैं वापिस रूम में गई और फफक-2 कर रोने लगी...ये सोचकर की आख़िर ये सब कब हुआ, कैसे हुआ, क्यों हुआ...उसकी बेटी एक लेस्बियन है.....ये कैसे हो सकता है...राजेश और उसके प्यार में क्या कमी रह गयी थी जो ईशा इस दिशा में चली गयी....माना की इस उम्र में प्यार और एट्रेक्शन होता है, सैक्स के प्रति जिज्ञासा रहती है, पर एक लड़की के साथ ...छी: ...वो ऐसा कर भी कैसे सकती है...

फिर मैने सोच लिया की शाम को चाँदनी के जाने के बाद वो ईशा को समझाएगी और फिर भी वो ना मानी तो राजेश के घर आने के बाद उसे ये सब बताएगी और ईशा की पिटाई करवाएगी...


राजेश भी ये सब पड़कर सोचने पर विवश हो गया की उसकी बेटी गे कैसे हो सकती है...

आगे रजनी ने लिखा


शाम को जब मैने ईशा को समझाने की कोशिश की तो उसने अलग ही रंग दिखना शुरू कर दिया...पहले तो ये जानकार वो डर गयी की मुझे उसका पता चल चुका है पर बाद में वो उस रिश्ते की तरफ़दारी करने लगी...दूसरे देशो के एग्ज़ाम्पल देने लगी...अपने देश के नये क़ानून के बारे में बताने लगी जिसमें सविधान में भी इस रिश्ते को स्वीकृति मिल चुकी थी...

पर बात क़ानून और सविधान की नही थी....दुनिया में क्या हो रहा है इस से मुझे कोई मतलब नही है, पर ये सब मेरे घर में नही होना चाहिए...शायद एक माँ होने के नाते या एक रूढ़िवादी परिवार में जन्म लेने के कारण मुझमें ये सब बाते अंदर तक समा चुकी थी.

वो जब नही मानी तो मैने अगले दिन ईशा के कॉलेज जाने के बाद चाँदनी की माँ राधिका को अपने घर पर बुलाया...मुझे लगा की अब इसके सिवा कोई और चारा नही रह गया है, पर मेरी लाइफ का सबसे बड़ा शॉक लगा जब मुझे पता चला की वो उन दोनो के रिश्ते के बारे में पहले से ही जानती है.

राधिका : "देखी रजनी, मैने पहले भी तुम्हे इस बारे में बताने की सोची थी पर मुझे पता था की तुम्हारे घर का माहौल अलग है, मैं तो सिंगल मॉम हूँ , अगर मेरी बेटी किसी लड़के के साथ चक्कर चलाए और कुछ उंच-नीच हो जाए तो मेरा तो कोई आगे है ना पीछे, मैं क्या करूँगी, चाँदनी को लड़को से दूर रखने की नसीहत देने वाला बाप भी नही है मेरे पास तो...पर यही काम अगर वो एक लड़की के साथ करती है तो इसमें मुझे कोई बुराई नही दिखती...ये सेफ भी है और दोनो के विचारो में अपनी सहमति जताकर हम इन बच्चों का भरोसा भी जीत सकते है....समझने की कोशिश करो रजनी, आजकल जमाना बदल रहा है....हमे भी बदलना होगा...मैने चाँदनी और ईशा को पहले ही समझा दिया है की अभी के लिए ये सब ठीक है पर आगे चलकर तुम्हे लड़को में भी इंटेरेस्ट रखना होगा और उनसे ही शादी भी करनी होगी....और वो दोनों इसके लिए राजी भी हैं''

उसकी बात मेरी समझ में आ गयी....उसके बाद मैने ईशा और चाँदनी को नही रोका...अब तो वो दोनो दरवाजा खुला छोड़कर भी अपने कामो में लगे रहते थे....

[Image: szexgif776109337.gif]

और एक दिन तो उन्होने मुझे भी इस काम में शामिल कर लिया....शुरू में थोड़ा अजीब लगा पर जब उन दोनो ने उपर और नीचे दोनो जगह से मुझे चूसा तो एक अलग ही मज़ा मिला...शायद राजेश से इतने दिनों तक दूर रहने के बाद मेरे शरीर को भी इस प्यार की ज़रूरत थी....दोनो बच्चियों ने मुझे अच्छी तरह से चूम चाटकार वो प्यार दिया जिसके लिए मेरा बदन काफ़ी दिनों से तड़प रहा था.

[Image: images-1.jpg]

पर एक औरत होने के नाते मुझे एक मर्द के प्यार की भी ज़रूरत थी, जिसके लिए मुझे राजेश के लंड का ही सहारा लेना पड़ता था ...हालाँकि वो थोड़े थके होते थे पर 15-20 दिन में एक आध बार उनसे चुदाई करवाकर और बाकी के दीनो मे चाँदनी और ईशा से बदन चुस्वाकार मेरे शरीर की ज़रूरत पूरी होने लगी...2 बार तो राधिका भी हमारे ग्रूप का हिस्सा बनी...उस पार्टी को शब्दो मे बयान करना काफ़ी मुश्किल है, पर वो एक अलग ही तरह का एक्सपीरियन्स था..बीच-2 में मैं और राधिका उन्हे समझाती भी रहती थी की ये उपर के प्यार मे कुछ नही रखा, असली मज़ा तो मर्द के लंड से ही मिल सकता है.

ऐसे करते-2 एग्जाम्स के बाद दोनो का कॉलेज में एडमिशन भी हो गया.

इसी बीच एक दिन राधिका ने मुझे एक सुझाव दिया...
मैं जिस तरह से राजेश के लंड की तारीफ अक्सर बच्चों और उसके सामने कर दिया करती थी तो उसने कहा की क्यों ना राजेश को भी इस खेल में शामिल किया जाए...मेरे लिए ये सोचना भी एक पाप जैसा था, पर राधिका के समझाने का तरीका ही ऐसा था की मैं भी सोचने पर विवश हो गयी

राधिका : "देखी रजनी, एक बार इन लड़कियो को किसी लंड की आदत पड़ गयी तो आजकल के लड़को को तो तुम जानती ही हो, उन्हे बस अपने मज़े से मतलब होता है...जैसे आज तक हमने इन्हे बचा कर रखा है वैसे ही आगे भी वो सेफ्टी बनी रहे और इन्हे लाइफ में दूसरे रिश्ते यानी मर्द के सुख से भी परिचित करवाए इसके लिए एक ही उपाय है, हमें राजेश को भी इसमें इन्वॉल्व करना होगा...मुझे पता है तुम्हारे लिए ये सोचना भी मुमकिन नही है की एक बाप अपनी ही बेटी को कैसे प्यार करेगा, पर मेरी बात मानो, एक जवान शरीर हर मर्द की कमज़ोरी होती है, और तुम्हारा पति भी कम ठरकी नही लगता मुझे, जब भी मिलता है तो उसकी आँखो में छुपी भूख मुझे सॉफ दिखाई देती है....हम लोग ट्राइ करेंगे, इसके लिए ईशा से पहले चाँदनी के साथ राजेश की सेट्टिंग करवाएँगे...उसने अगर अपनी तरफ से कोई पहल नही की तो हम ये आइडिया ड्रॉप कर देंगे...''

मैं तब तक समझ चुकी थी की ये बात तो सही है, ऐसा करने से कोई बदनामी भी नही होगी और घर की बात घर में ही रह जाएगी..

राधिका : और ये सब हमें प्लानिंग करके ही करना होगा ताकि उसे कोई शक ना हो, और सब कुछ ऐसा लगे जैसे ये अंजाने में ही हुआ है.''

उस वक़्त मुझे ये बात समझ नही आई पर राधिका ने कहा की वो वक़्त आने पर इस बात को संभाल लेगी.


[i]उसने एक बार ये भी पूछा था की राजेश को क्या पसंद है, तब मैंने उसे ईशा को हीरोइन बनाने के बारे में भी बताया था और शेफाली के प्रति राजेश के लगाव के बारे में भी..तभी वो समझ गयी की वही एक रास्ता है जिसका इस्तेमाल करके राजेश को इसमें इन्वॉल्व किया जा सकता है.

एक दिन राधिका घर आई और उसने मुझे समझाया की राजेश की ईशा को हीरोइन बनाने वाली बातों को सीरियसली लिया करे और ईशा को भी चांदनी की तरह कॉलेज ड्रामा में पार्ट लेने के लिए कहा ताकि राजेश को लगे की उसकी बातें मानी जा रही हैं.

पर अगले ही दिन राजेश के हॉस्पिटल जाने के बाद जब रजनी ने टीवी ओंन किया तो उसमे शेफाली की सुसाईड की न्यूज़ आ रही थी....इस न्यूज़ को देखकर मुझे लगा की हमारा सारा प्लान चोपट हो रहा है पर राधिका को जब फोन किया तो उसने कहा की ये तो एक ऑपर्चुनिटी है जिसका हमें इस्तेमाल करना है.

उसने समझाया की हम ऐसा माहौल क्रियेट करेंगे जिसमें राजेश को लगे की शेफाली की आत्मा अब उनके घर आ चुकी है....और वही ये सब करवा रही है....रही सही कसर उस पर्ल सेट ने पूरी कर दी जो राजेश हॉस्पिटल से चुरा कर ले आया था...राजेश ने जब वो सेट निकाल कर अपनी ड्रॉयर में रखा तो मैने उसे देख लिया, मैने जब वो ड्रॉयर खोली तो उसमें एक प्लास्टिक पाउच में वो सेट था, और उसपर शेफाली के नाम की स्लिप लगी थी, मुझे समझते देर नही लगी की ये उसकी बॉडी से उतरा हुआ सेट है जो मेरा भोला पति उसकी निशानी के तौर पर अपने साथ ले आया है...वैसे तो शेफाली की आत्मा का नाटक नॉर्मली ही स्टार्ट कर देना था पर अब इस सेट को एक जरिया बनाकर वो नाटक अच्छे से किया जा सकता था, बस मेरे दिमाग़ में उसी वक़्त एक प्लानिंग ने जन्म ले लिया और मैने वो सेट निकाल कर पहन लिया.



राजेश ने जब ये सब पड़ा तो उसने अपना माथा पीट लिया.....
और अपनी बीबी और राधिका के दिमाग़ की दाद भी दी उसने....
क्योंकि उसे उस दिन तो ये सब इत्तेफ़ाक ही लगा था जब रजनी ने वो सेट पहना था और रात को उसे चुदाई की एक अलग ही दुनिया दिखाई थी. तब राजेश को पगा था की उस सेट को पहनने की वजह से रजनी में ये चेंजेस आये हैं.

आगे के पेजस पर रजनी ने वही सब लिखा जो उसके साथ घटित हुआ था....
रजनी ने ये भी लिखा की अब खुलकर सैक्स करने की वजह से उसे भी काफ़ी अच्छा लग रहा था....
आजतक वो जिन बातो से शरमाती थी यानी कॉक सकिंग, और रेग्युलर सैक्स या और भी कुछ, वो सब अब काफ़ी अच्छा लगने लगा था उसे...राधिका को भी उसने जब पर्ल सेट के बारे में बताया तो उसने भी इस प्लान की तारीफ की....आगे रजनी ने लिखा था की उनका प्लान यही था की राजेश को इस बात का यकीन दिलाया जाए की जो भी उस सेट को पहन रहा है वो शेफाली की आत्मा की वजह से उसके साथ सैक्स करने को, हर तरह के मज़े लेने को तैयार है....इसलिए चाँदनी को भी वो सेट प्लान के अनुसार पहनाया गया और ईशा को भी....आगे चलकर शायद राधिका भी वो पहने.

राधिका के बारे में सोचकर ही राजेश के लंड ने फूलना शुरू कर दिया.

और अपने लंड को मसलते हुए वो बोला : "प्लान तो तुम सभी ने बहुत अच्छा बनाया है....और सबसे बड़ी बात मुझे इसमें मज़ा भी आ रहा है...पर अभी तक तुमने मुझे अपने इशारों पर नचाया है, अब मेरी बारी है....तुम्हारा प्लान अपने हिसाब से ही चलेगा पर होगा वही जैसा मैं चाहूँगा....क्योंकि अब मुझे भी इस बात का डर नही है की ईशा क्या सोचेगी...रजनी को पता चलेगा तो उसे कैसा लगेगा....बेटी की सहेली चाँदनी के साथ ऐसा कुछ करना सही नही होगा...या फिर एक डाइवोर्सी लेडी राधिका को पटाना एक डॉक्टर को शोभा नही देता....अब तो ये सब होगा भी और शोभा भी देगा...''

ये बुदबुदाते हुए उसने उस डायरी को एक कुटिल मुस्कान के साथ चूमा और उसे लेजाकर फिर से उसी जगह रख दिया जहाँ से उठाई थी.

अब पासा पलट चुका था....
जो शिकारी थे अब शिकार बन चुके थे
और शिकार अब शिकारी बनकर ये सोच रहा था की इस मौके का ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा कैसे उठाया जाए.

आने वाले दिनों के बारे में सोचकर राजेश का लंड एकदम से टाइट होने लगा.
[/i]
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#13
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अब आगे
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अगले दिन की प्लानिंग राजेश ने बेड पर लेटे -2 ही बना ली...
वो आने वाले दिनों में होने वाली संभावनाओ को ध्यान में रखते हुए ये सब कर रहा था
जिससे उसे ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा मिले.

राजेश अगली सुबह जल्दी उठ गया, वो सोया तो ईशा के बेड पर हुआ था और वो वहाँ थी नही..
रात को अपनी मोम के साथ मज़े लेने के बाद शायद वो वहीं सो गयी थी...उसने वापिस आने की जहमत भी नहीं उठायी,
वो उठा और अपने बेडरूम की तरफ चल दिया...
वहाँ दोनो माँ बेटियाँ एक दूसरे से लिपटकर नंगी ही सो रही थी...
हालाँकि उन्होने एक ब्लेंकेट ओढ़ रखा था पर उनके नंगे कंधे बाहर थे जो ये बयान कर रहे थे की मज़े लेने के बाद उन्होने कुछ पहनने की जहमत ही नही उठाई.

राजेश ने उस वक़्त एक सेंडो और पायजामा पहना हुआ था, वो मुस्कुराता हुआ बेड के अंदर घुसा गया, और वो जान बूझकर दूसरी तरफ से अंदर गया जहाँ ईशा सो रही थी...
अब ईशा उन दोनो के बीच में थी...
एकदम नंगी,
रजनी की तरह.

राजेश का लंड तो उसके नंगे बदन को सोचकर ही खड़ा हो चुका था,
इसने पायजामे में उभरे लंड को ईशा की चिकनी गांड पर दबाते हुए उसे पीछे से दबोच कर अपनी बाहों में ले लिया...
उसके अमरूद के साइज़ के नन्हे और कठोर बूब्स को उसने जब अपने हाथो में पकड़ा तो उसके मुँह से एक सिसक सी निकल गयी...
उसके हाथो में अपनी बेटी के बूब्स थे और हाथो के पिछले हिस्से पर रजनी के मोटे मुम्मो का दबाव....
ऐसा सुखद एहसास उसे आज तक नही हुआ था...

अचानक उसे महसूस हुआ की ईशा जागने को हो रही है,
उसने गहरी साँस लेते हुए एक मजेदार सी अंगड़ाई ली और फिर अपनी नशीली आँखे खोलकर सामने सो रही रजनी को बड़े ही प्यार से देखा...
राजेश ने तब तक अपने हाथो की पकड़ ढीली कर दी और आँखे बंद करके सोने की एक्टिंग करने लगा..

और ईशा को जब एहसास हुआ की कोई उसके पीछे चिपककर सो रहा है तो उसने तुरंत पीछे गर्दन घुमाई,
अपने पापा को अपने साथ लिपटकर सोते देखा तो एक पल के लिए उसकी सिट्टी पिटी ही गुम हो गयी, क्योंकि इस वक़्त वो अपनी मोम के साथ नंगी सो रही थी...
यानी उसके पापा ये बात शायद जान चुके थे की माँ बेटियाँ नंगी सोई हुई है...
या शायद नही...
उसने राजेश के चेहरे को गोर से देखा,
उन्हे थोड़ा सा हिलाकर पुकारा भी पर वो उठा नही...
फिर उसने तुरंत गर्दन घुमा कर अपनी माँ को उठाया..
वो भी उंघते हुए बोली : "क्या है ईशा...इतनी सुबह क्यों उठा रही है...''

ईशा : "मोम ....यहाँ देखो...पापा लेटे हैं मेरे पीछे...''

रजनी भी चोंक गयी...
उसे तुरंत अपनी और ईशा की हालत का ध्यान आया,
चादर उठा कर देखा तो दोनो नंगी ही थी अभी तक...
राजेश का हाथ ईशा की छाती पर रखा हुआ था.

रजनी : "ये कब आए यहाँ ....इन्होने देख तो नही लिया हमे ऐसी हालत में.''

ईशा : "आई डोंट नो मोम ....मैने भी अभी देखा...पर आई थिंक कमरे में अंधेरा था, इसलिए सीधा आकर सो गये ये...वर्ना चिल्ला कर उठा देते हम दोनों को...''

रजनी कुछ देर तक सोचती रही और बोली : "यू डोंट वरी, जस्ट एंजाय....ज़्यादा कुछ हुआ तो वो शेफाली है ना, वो संभाल लेगी...''

इतना कहकर दोनो माँ बेटियां हँसने लगी...
ईशा ने राजेश के हाथ पर हाथ रखकर उसे अच्छी तरह से अपने जिस्म से चिपका लिया..
रजनी की नींद खुल चुकी थी और उसका इस तरह से साथ लेटे रहना शायद उसे भी सही नही लगा, इसलिए वो नंगी ही अपने बिस्तर से निकली और नहाने के लिए बाथरूम में घुस गयी.

इधर ईशा धीरे-2 वो अपनी कमर मटका कर अपने नंगे चूतड़ राजेश के लंड पर रगड़ने लगी...
राजेश के लंड का आकार बढ़ने लगा और उसके हाथ की ग्रिप भी उसके मुम्मो पर ज्यादा होती गयी.

ईशा का एक हाथ पीछे की तरफ आया और उसने अपना हाथ सीधा राजेश के पायजामें में घुसा दिया और उसके खड़े लंड को पकड़ लिया...
अब राजेश के बस की बात नही थी ज़्यादा देर तक सोने का नाटक करना, इसलिए वो भी जम्हाई लेता हुआ उठ गया

राजेश : "उम्म....गुड मॉर्निंग हनी...''

ईशा भी मुस्कुराती हुई अपने पापा की तरफ घूम गई और उनके लिप्स पर एक प्यारी सी किस्स करते हुए बोली : "गुड मॉर्निंग पापा...उठ गये आप...''

ह्म....
इतना कहकर राजेश ने अपनी जवान बेटी के जिस्म को अपने आगोश में लेकर एक गहरी साँस ली....
उसका लंड इस वक़्त स्टील की तरह खड़ा था और वो अगर चाहता तो रात के अधूरे काम को अभी निपटा डालता क्योंकि सुबह के इरेक्शन में अलग ही बात होती है..

पर अब वो पूरी कहानी जान चुका था,
इसलिए अपने प्लान के अनुसार अभी तो उसे कुछ दीनो तक ईशा को तड़पाना था और उसके मज़े धीरे-2 लेने थे....
इसलिए उसने वो सब भी नही पूछा की वो इस रूम में कैसे आई या वो अपनी माँ के साथ नंगी क्यों सो रही थी...
ईशा का हाथ एक बार फिर से उसके पयज़ामे में जाने लगा तो राजेश ने उसे रोक दिया और बोला : "अभी नही...आज हॉस्पिटल जल्दी जाना है...मुझे नहाने जाना है अभी....''



ईशा ने रुंआसा सा मुँह बना लिया और बोली : "आप चले जाओगे तो मुझे कौन नहलाएगा...''



बात तो वो सही कह रही थी,

उसके पैर में प्लास्टर लगा हुआ था, अकेले नहाना तो उसके बस की बात नही थी...

वैसे तो रजनी को ही नहलाना चाहिए था उसे

पर आजकल समीकरण बदल चुके थे उनके रिश्तों के

इसलिए वो अपने पापा को नहलाने के लिए बोल रही थी.



उसकी प्यारी सी ख्वाहिश सुनकर राजेश मना नही कर पाया और बोला : "ओ के ...मैं पहले इस प्लास्टर को कवर करता हूँ किसी चीज़ से...''



वो उठा और किचन से एक प्लास्टिक रोल ले आया जो फ्रूट्स को कवर करने के लिए रखा हुआ था...

उससे उसने ईशा के पैर को अच्छी तरह से कवर करके पैक कर दिया.

अब वो नहाने के लिए बिल्कुल तैयार थी.



इसी बीच रजनी भी नहा धोकर बाथरूम से बाहर आ गयी...

राजेश को ईशा के पैर को कवर करते देख वो समझ गयी की नहलाने के लिए वो सब कर रहा है,

इससे पहले की राजेश उसकी मदद लेता, बड़ी चालाकी से वो वहाँ से निकलते हुए बोली : "आप इसको नहलाओ , मैं तब तक आपके लिए ब्रेकफास्ट और लंच का टिफ़िन तैयार कर देती हूँ.''



दोनों को उनकी मर्ज़ी के काम करने के लिए छोड़कर वो किचन में जा घुसी.



राजेश ने अगर डायरी ना पढ़ी होती तो वो शेफाली की करामात ही समझता इसे भी,

पर अब वो सब कुछ जान चुका था,

और वो जानता था की रजनी ये सब उन्हे चुदाई के लिए पूरी तरह से छूट देने के लिए ही कर रही है..



राजेश अपने कपड़े उतारे और वो भी नंगा हो गया और उसने ईशा को अपनी गोद में उठाया और बाथरूम की तरफ चल दिया...

अपनी नंगी जवान बेटी को वो एकदिन इस तरह से उठा कर बाथरूम में ले जाएगा, ये शायद उसने भी नही सोचा था.





[Image: 1531827d4286b3ca8.jpg]





बाथरूम काफ़ी बड़ा था, हालाँकि उसमें बाथटब नहीं था जिसकी कमी इस वक़्त राजेश को काफी खल रही थी पर फिर भी शावर के नीचे अच्छी तरह से मज़े लिए जा सकते थे.



ईशा को शावर के नीचे खड़ा करके राजेश उसे उपर से नीचे तक देख रहा था

और ईशा मन में सोच रही थी की शायद अब वो पल आने वाला है जब उसके पापा उसकी चूत का उद्घाटन करेंगे,

पर वो नही जानती थी की राजेश उन सबका खेल अब समझ चुका है...

वो तो अब अपने हिसाब से ही चलेगा.



खैर, अभी के लिए मज़े लेने के लिए राजेश जब पूरा नंगा हुआ तो दिन की रोशनी मे अपने पापा का खड़ा लंड देखकर एक पल के लिए तो ईशा भी घबरा गयी...



वो हकलाते हुए बोली : "पा...पापा....ये ...ये कैसे अंदर जाएगा....''



जवाब में राजेश मुस्कराता हुआ उसके करीब आया और शावर चला कर उसे लेकर पानी के नीचे खड़ा हो गया...

और धीरे से उसकी गर्दन को चूमते हुए बोला : "शुरू में बस तकलीफ़ होगी...फिर तो खुद ही इसे अंदर लेने के लिए तड़पेगी..''



ये बात तो वो भी जानती थी...

पर अभी तक जिसकी चूत पर सिर्फ़ अपनी सहेली के होंठ और जीभ का वार हुआ हो, वो ऐसे ख़तरनाक लंड को देखकर डरेगी तो सही ना.



[Image: 238e4f03332dad916.jpg]

जब दोनो के जिस्म पर गिरकर उनकी आग को और भी भड़का रहा था...

ईशा से वो गर्मी बर्दाश्त नही हुई और वो उछलकर अपने पापा के गले से लिपट गयी....

उसके कच्चे टिकोरे छप्प की आवाज़ के साथ राजेश की छाती से छिपककर पिसते चले गये.



अब बारी थी राजेश के गेम प्लान की, जो उसने रात को सोच कर रखा था...


वो उसे अपने बदन से चिपका कर धीरे से बोला : "अब तो तुम हीरोइन बनोगी ना...''
इस बात का ऐसे मौके पर ज़िक्र करना ईशा को चौंका सा गया...

पर फिर भी अपने आप को संभालते हुए वो बोली : "जी पापा...जैसा आप कहे...कॉलेज में भी स्टेज शो करते हुए मैं यही सोच रही थी की आपकी बात सही है...मुझे भी अब इसमे इंटेरेस्ट आ रहा है...मुझे भी अब हीरोइन बनना है...''



राजेश ने उसका कान चुभलाते हुए पूछा : "किस हेरोयिन की तरह बनना चाहोगी....''



ईशा : "शेफाली की तरह.....वाइल्ड....सैक्सी ....जैसी आपको पसंद है...''



राजेश जानता था की वो यही बोलेगी....

इन माँ बेटियो ने अच्छी तरह से सोचकर प्लान बना रखा था की राजेश का चूतिया शेफाली के नाम से ही काटना है...



राजेश पहले तो सिर्फ़ सोचता था अपनी बेटी को हीरोइन बनाने के लिए,

पर अब उसने ठान लिया था की वो उसे बनाकर ही रहेगा..

फ़िल्मो में काम करने वाली ना सही,

उसकी पर्सनल हीरोइन ज़रूर बनाएगा वो उसे...

ये सोचता हुआ वो उसे गले लगाकर मंद-2 मुस्कराने लगा और धीरे से बोला : "हाँ ...क्यों नही...मैं बनाऊंगा तुम्हे ....टॉप की हीरोइन.''



[Image: 3.gif]

और फिर जैसे उसपर कोई भूत सवार हो गया....

वो ईशा को पागलो की तरह चूमने लगा....

नीचे झुकते हुए उसने उसके पानी में भीग रहे मुम्मो को मुँह में भरा और उनका पानी निचोड़ कर पीने लगा....



ईशा का एक पैर उपर आकर उसकी जाँघ को रगड़ने लगा...

साफ़ दिख रहा था की उसकी चूत में खारिश हो रही है...

जिसे वो अपने पापा के लंड से बुझाना चाहती थी...

पर अभी के लिए राजेश ने अपना लंड नही बल्कि अपनी 2 उंगलियाँ उसकी चूत में उतार दी...



''आआआआआआआआआआआआअहह.......सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स...........पापा.... ........म्‍म्म्मममममम''



उसकी चूत इस वक़्त वेल्वेट जैसी फील हो रही थी...

इतना रस भरा हुआ था उसके अंदर जिससे शराब का एक जाम तैयार किया जा सकता था..



और ऐसे जाम को पीने के लिए राजेश नीचे झुका और उसने अपना मुँह उसकी रसीली चूत पर लगा दिया....



[Image: 4.gif]

ईशा खड़ी हुई थी और उसने अपना एक पैर अपने पापा के कंधे पर रख दिया और उनके सिर को पकड़ कर अपना बेलेन्स बनाया, बाकी का काम राजेश ने अपनी नुकीली जीभ से उसकी चूत भेदकर कर दिया...

एक रसीली लय के साथ वो ईशा की चूत अपने मुँह से चोद रहा था...

और वो पागल हुए जा रही थी अपने शक्तिमान पापा से मिल रही इस मुख चुदाई को महसूस करके...



''आआआआआआआआआआआआआअहह पापा......ओह मेरे प्यारे पापा....... उम्म्म्ममममममममममममममम मज़ा आ रहा है....... प्लीज़ पापा......ज़ोर से चूसो....... खा जाओ....मुझे.......... मेरी चूत को......ईईट मिईई पापा.......... ओह पापा.....आई एम कमिंग पापा....... आई एम कमिंग.......''



उसका शरीर काँप सा गया....

जब वो झड़ने लगी तो.



राजेश ने उसे सहारा दिया और उसकी दूसरी टाँग को भी अपने दूसरे कंधे पर लिया और उसकी दोनो जांगो के बीच अपना मुंह पूरा घुसा गया....
वो एक भी बूँद जाया नही जाने दे सकता था.
और जब उसने झड़ना शुरू किया तो राजेश को ऐसा लगा जैसे वाइब्रेशन के साथ ईशा के शरीर से रबड़ी निकल कर उसके मुँह में जा रही है...



[Image: 5.gif]

''ओह पापा....... आई लव यू''



इतना कहकर उसका शरीर थरथराते हुए अपने पापा के जिस्म से चिपक सा गया....

वो काफ़ी देर तक कांपती रही और राजेश भी अपनी प्यारी बेटी के इस अनोखे झड़ाव को अपने होंठो पर महसूस करके काफ़ी खुश था...

होता भी क्यों नही,

ऐसी नशीली शराब पहली बार पीने को मिली थी उसे.



और वो जानता था की अब ये होता रहेगा..



कुछ देर बाद ईशा अपने पैरों पर खड़ी हुई और मुस्कुराते हुए अपने पापा से गले लगकर उन्हे प्यार करने लगी...

राजेश ने भी साबुन उठाकर उसके पूरे बदन पर लगाया और उसे अच्छे से नहलाया...

ईशा के हर अंग को ख़ासकर उसके बूब्स, चूत और गांड को वो अच्छे से रगड़ रहा था,

आने वाले दिनों में ये अंग बहुत काम आने वाले थे.



[Image: 6.gif]

राजेश का लंड अभी तक खड़ा था...

और उसे पता था की उसका क्या करना है...

ईशा को नहलाने के बाद उसने उसे टॉवल दिया और उसे बाहर भेजते हुए बोला...



''तुम अंदर जाओ....और मोम को भेज देना....''



ईशा ने मुस्कुराते हुए अपने पापा के खड़े लंड को देखा और बोली : "समझ गयी पापा....अभी भेजती हूँ...''



इतना कहकर वो अपने चोट लगे पैर को संभालते हुए बाहर आई और किचन में काम कर रही रजनी को पीछे से जकड़कर, धीरे से उनके कान में बोली : "मोम ....छोड़ो ये सब....अंदर जाओ बाथरूम में ...पापा बुला रहे है....और उनका लंड पूरा खड़ा है इस वक़्त...''



अपनी ही बेटी के मुँह से अपने पति के खड़े लंड की बात सुनते ही रजनी की चूत एकदम से पनिया गयी...

उसने 2 बूँद पानी वहीं खड़े-2 छोड़ दिया....



और मुस्कुराते हुए वो ईशा की तरफ पलटी और शरमाते हुए उस से बोली : "बेशरम कहीं की....चल तू जा अपने रूम में , कपड़े पहन ले...मैं आती हूँ अभी...''



इतना कहकर वो नशीली चाल चलती हुई बाथरूम की तरफ चल दी....
आज बरसों बाद वो राजेश से बाथरूम में चुदने वाली थी.
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#14
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अब आगे
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रजनी की हालत ऐसी हो रही थी की उसे किचन से बाथरूम तक का सफ़र कोसो दूर लग रहा था...
वो अपनी गीली छूट को जाँघो के बीच दबाती हुई धीरे-2 कदमो से उस तरफ जा रही थी ,
और उसकी चूत हर कदम पर जांघो के बीच दबकर निम्बू की तरह खुद ब खुद निचुड़ रही थी

इस वक़्त अगर उसकी रसीली गांड पर कोई ज़ोर से चांटा मारता तो चूत में से झनझनाकर गाड़े रस की बारिश हो जाती..

उसने कुरती और नीचे एक ढीला सा पयज़ामा पहना हुआ था, कुरती उसने निकाल फेंकी और ब्रा भी खोल कर नीचे गिरा दी...
इतनी बेशरम शायद वो आज से पहले कभी नही हुई थी जब उसकी बेटी घर पर हो और वो राजेश के साथ ऐसी रासलीला मनाने जा रही हो..
पर इस वक़्त शायद उसका खुद पर भी काबू नही रह गया था और ये बात उसके खड़े हुए निप्पल्स सॉफ दर्शा रहे थे...
नंगे होने के बाद उसके मुम्मे और उनपर लगे निप्पल्स और भी कठोर हो चुके थे.


[Image: 1.jpg]


अब तो बस उसका मन कर रहा था की राजेश उन्हे पकड़े और निचोड़ डाले...
अंदर ही अंदर उसकी रगों में जो मीठा सा दर्द उठ रहा था वो इसी तरीके से जा सकता था.

उसने जल्दी से अपना पायजामा भी उतार फेंका और बाथरूम के अंदर जा घुसी.

अंदर का नज़ारा देखकर उसके तन बदन की आग और भी भड़क उठी...
राजेश अपने पूरे शरीर में साबुन लगाकर अपने खड़े लंड को बड़े ही प्यार से अपने हाथो में लेकर मसल रहा था...
शायद ईशा के जवान जिस्म को सोचकर वो अपने नाग को सहला कर शांत करने की कोशिश कर रहा था.

उसने भी जब रजनी को नंगी ही अंदर आते देखा तो उसके हाथो की गति और तेज हो गयी...
पर फिर उसने हाथो को बड़ी मुश्किल से रोका, क्योंकि ऐसा करके तो वो खुद ही अपना माल निकाल देता और फिर रजनी को बुलाने का कोई मतलब ही नही रह जाना था.

और आज तो उसे रजनी की चूत अच्छी तरह से चोदनी थी...
उसने रजनी का हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींचा और अपने गले से लगाकर उसके पूरे शरीर पर अपना बदन रगड़ने लगा...उसके होंठो को मुँह में लेकर उन्हे चूसने लगा और उसकी देसी शराब जैसे होंठो का मज़ा लेने लगा.

रजनी भी अपने भरे पूरे मुम्मो को राजेश के बदन से रगड़कर अपनी खुजली कम करने की कोशिश करने लगी... राजेश ने उसे सामने से पूरा रगड़ा और फिर उसे पलटाकार उसकी गांड से चिपक गया और अपने हाथ आगे करके उसके मोटे मुम्मो को अपने हाथो से निचोड़ने लगा.

उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ क्या जादू था राजेश के हाथो में...
इन्फेक्ट मुम्मो को कैसे निचोड़ा जाता है ये एक मर्द ही अच्छे से जान सकता है
यही तो सोचती हुई आ रही थी वो की उसका पति उसके मुम्मो को पकड़े और निचोड़ डाले.

राजेश के हाथ उसके मुम्मो पर फिसलकर उनकी मसाज करने लगे..

[Image: 2.gif]


साथ ही साथ वो उसकी भरंवा गांड पर अपने खड़े लंड की रगड़ाई भी कर रहा था...
साबुन की फिसलन इतनी थी की वो अगर अपने लंड को पकड़कर उसकी गांड पर लगाता तो भी वो वहाँ जा घुसता...
हालाँकि आज तक राजेश ने कभी गांड नही मारी थी रजनी की पर अब शायद शेफाली की कृपा से वो काम भी कर सकता था...
पर ये जगह पहली बार गांड मरवाई के लिए सही नही थी क्योंकि उसमे दर्द भी होना था उसे
और इस वक़्त वो उसे दर्द नही बल्कि मज़े देना चाहता था.
पर मज़े देने के बारे में तो रजनी ने भी सोच रखा था,

वो पलटी और नीचे बैठकर उसने राजेश के लंड को पकड़ लिया...

एक बार फिर से अपने लंड की चुसाई के बारे में सोचते ही उसका लंड और कड़क हो उठा...

रजनी ने बड़े प्यार से राजेश के कड़क लंड को देखा और अपनी जीभ निकाल कर उसे चाटने लगी..

राजेश ने शावर ओंन कर दिया था ताकि उन दोनो के जिस्म की गर्मी कम भी होती रहे.





[Image: 4.gif]





कुछ देर तक लंड को जीभ से चाटने के बाद वो उसे निगल गयी और जोरों से चूसने लगी.



राजेश ने बड़ी मुश्किल से अपने आप को झड़ने से बचाया जब रजनी ने अपनी पूरी ताकत से उसके लंड को चूसा और उसकी बाल्स को अपने हाथो से मसला.



ये नये-2 तरीके पता नही रजनी कहाँ से सीख रही थी पर उसे भी अब इन सबको करने में काफ़ी मज़ा मिल रहा था..



अब राजेश के बस की बात नही रह गयी थी और देर तक रुके रहना..

उसने रजनी को खड़ा किया आर उसकी एक टाँग उठा कर उसे कमान की तरह तिरछा किया और उसकी चूत में तीर की तरह अपना लंड पेल दिया.



''आआआआआआआआअहह मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गयी...................... उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़...... धीरे राजेश..........तुम तो फाड़ ही डालोगे मेरी चूत को.....''







[Image: 3.gif]

ये उसने इसलिए कहा था क्योंकि राजेश का तरीका बड़ा ही वहशियाना था...

आज तक उसने इतनी ज़ोर से झटका मारकर अपना लंड अंदर नही डाला था...

पर ये शायद उसकी उत्तेजना थी या फिर इतनी देर से खड़े लंड की फरमाइश जो उसने ऐसा तरीका अपनाया था उसकी चूत में जाने का.



एक हाथ से उसने जाँघ को पकड़ा और दूसरे से उसकी गांड को सहारा दिया ताकि वो नीचे ना गिर जाए...

रजनी ने भी अपने लचीले शरीर को पूरा खोलकर सामने वाली दीवार पर अपना पैर टीकाया और राजेश के लंड को अंदर बाहर करते हुए उसके मज़े लेने लगी..



और जब रजनी चीखी थी तो अपने रूम में नंगी होकर अपने कपड़े पहनने की कोशिश कर रही ईशा भी चोंक गयी....

अपनी माँ की चीख और बाद में आ रही सिसकारियों का ऐसा असर हुआ उसपर की वो कपड़े पहनना छोड़कर नंगी ही बिस्तर पर लेट गयी और अपनी गीली चूत को बुरी तरह से रगड़ने लगी..



और अपनी अधूरी चुदाई की शिकायत करती हुई बुदबुदाने लगी.



''आआआआहह......पापा......गंदे पापा.....मोंम को चोद रहे हो....आआआहह......मुझे कब.... उम्म्म्ममम चोदोगे पापा..... कितने गंदे हो आप..... कल रात भी नही किया....अहह और आज भी नही...... कर तो सकते थे ना ....अभी.... बाथरूम में ...जैसे मोंम को फक्क कर रहे हो....वैसे ही.... मुझे भी कर देते........अहह......बड़े गंदे हो आप.....आई हेट यू पापा.........गंदे पापा........उननननहहहह ''







[Image: gande-papa.gif]





और ये बड़बड़ाते हुए उसकी आँखो के सामने पापा का नंगा लंड भी नाच रहा था....

जिसे वो इस वक़्त अपनी चूत में महसूस कर रही थी उंगली के रूप में...

और उसी एहसास को एक आनंदमयी सिसकारी के साथ अंदर तक महसूस करके वो झड़ गयी....

10 मिनट में ये दूसरी बार था जब वो झड़ी थी पर उसकी प्यास अभी भी नही बुझी थी.



दूसरी तरफ राजेश ने रजनी को घुमाकर उसका मुँह सामने कर दिया और उसकी दोनो बाहें पकड़कर अपना लंड उसकी बुर में पेलकर उसे पीछे से चोदने लगा.



ये एक ऐसा पोज़ था जिसमें उसका गीला लंड उसकी रसीली चूत में अंदर तक ठोकर मार रहा था.



[Image: unnamed-1.gif]





हर झटके से रजनी के मुम्मे उछलकर उसके चेहरे से टकराने की कोशिश करते और फिर वापिस आकर उसकी छाती पर ठोकर मारते...

पीछे से राजेश के लंड की ठोकर और आगे से उसके खुद के मुम्मो का प्रहार उस से सहन नही हो रहा था.



वो चीखने लगी



चिल्लाने लगी

''आआआआआआआआआहह साआआआआआआआाालल्ल्ले.........मार डाला..... अहह........ फकककककककक मिईिइ राजेश.......... ऐसे ही.....मारो मेरी ......अहह...... चूऊऊऊऊऊऊऊऊत....... म्‍म्म्ममममममम ममममममममम ....... मैं तो गयी......... मैं ग...ईईईईईईईईईईईईई आआआआआहहहहहह ''



और एक लंबी सिसकारी मारकर उसने राजेश के लंड का अभिषेक कर दिया अपनी चूत के रस से.



और राजेश ने भी उसकी भरंवा गांड मसलते हुए उसकी चूत के लॉकर में अपने लंड का पानी डिपॉज़िट करवाना शुरू कर दिया....

पर वो माल इतना ज़्यादा था की बैंक का लॉकर तोड़कर बाहर तक आ गया और जाँघो से होता हुआ पानी में बहने लगा..



उसके बाद दोनो ने एक दूसरे के शरीर को अच्छी तरह से सॉफ किया, और नहा धोकर अपने कमरे में आ गये.



तब तक अपने कमरे में नंगी लेटी ईशा ने भी अपने कपड़े पहन लिए थे और अपनी सुबकती हुई चूत को दिलासा देकर उसे जल्द ही पापा के लंड से मिलवाने का वादा भी किया उसने.



रजनी जल्दी से कपड़े पहन कर वापिस किचन में चली गयी,
उसे अभी नाश्ता भी तैयार करना था और राजेश के लिए लंच भी पेक करना था.

राजेश अपने कमरे में तैयार हो ही रहा था की तभी उसका ध्यान घर की सफाई करती पिंकी पर गया...

वो उनके घर की नौकरानी थी, जो करीब 2 साल से उनके घर का काम किया करती थी...

देखने में काफी सैक्सी थी, साँवले रंग के बावजूद एक आकर्षण था उसके चेहरे पर...शरीर कसा हुआ था था.



[Image: 7.jpg]



राजेश ने आज तक उसके बारे में कभी दूसरी तरह से नही सोचा था

पर आज वो सोच रहा था और सोचते-2 उसने एक प्लान भी बना लिया...

और ऐसा प्लान जिसमें खुद रजनी उसे उसके सामने परोसेगी.



मुस्कुराते हुए उसने अपनी ड्रॉयर खोली और उसमें से शेफाली वाला नेकलेस निकाल लिया,

उसे देखते हुए वो सोचने लगा की आज तक वो टेबल के दूसरी तरफ बैठकर उस हार के बारे में सोचा करता था पर आज वो टेबल के इस तरफ आकर बैठ चुका था और अब वो उस हार की असलियत जानता था..

हालाँकि उसमें ऐसी कोई शक्ति नही थी जो उसके पहनने वाले को उसके प्रति सेक्सुअली अट्रेक्ट करे पर आज जो उसने प्लानिंग की थी उसके बाद उस हार में वो शक्ति आने वाली थी..



फिर उसने पिंकी को देखा और बोला : "अर्रे पिंकी, ये देखो ज़रा...कैसा हार है ये...''



पिंकी ने उसे देखा तो उसकी आँखे चमक उठी...

उसे हाथ मे लेते हुए बोली : "अर्रे वाह , ये तो बहुत अक्चा हार है साहब...मेमसाब का है क्या ''



राजेश : "अर्रे नही...ये तो बस ऐसे ही ऑनलाइन मंगवाया था....पर उसका नही है....उसे पसंद भी नहीं आया, मैं सोच रहा था की ये तुम रख लो...''



पिंकी ने चौंकते हुए उसे देखा और उसे वापिस देते हुए बोली बोली : "नही साहब...मैं कैसे...?? ''



राजेश ने ज़बरदस्ती उसके हाथ में वो हार धकेलते हुए कहा : " अर्रे चिंता मत करो...तुम रखो...मैं बोल रहा हूँ ना...रजनी के लिए मंगवाया था पर उसे पसंद नही है...इसलिए तुम रख लो,''



राजेश के इस गिफ्ट को पाकर उसका चेहरा खिल उठा...

वो भी सोचने लगी की इस खड़ूस को अचानक क्या हो गया...

आज तक उसे ढंग से देखा तो है नही और आज एकदम से उसे गिफ्ट दे रहा है...

कही उसपर लाइन तो नही मार रहा...

वैसे मार भी रहा है तो उसे बुरा थोड़े ही लगेगा...

इतने हेंडसम है साहब.



ये सोचकर वो खुद ही शर्मा गयी और उसने तुरंत राजेश के दिए गिफ्ट को अपने गले में डाल लिया...

और फिर गुनगुनाते हुए घर की सफाई करने लगी.



राजेश भी मुस्कराते हुए कमरे से निकलकर बाहर आया और डाइनिंग टेबल पर बैठकर उसने नाश्ता किया और फिर टिफ़िन लेकर वो अपने हॉस्पिटल की तरफ चल दिया....


उसने अपना जाल फेंक दिया था, अब बाकी का काम शेफाली के हार ने करना था.
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#15
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अब आगे
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हार पहेन्ने के बाद टोपींकी खुद को कहीं की महारानी समझ रही थी...उसने अपनी सॅडी का आँचल तोड़ा और नीचे किया ताकि हार पूरा दिखाई दे...बातरूम मे जाकर वो काफ़ी देर तक उसे निहारती भी रही.

फिर वो एक गाना गुनगुनाती हुई घर का काम करने लगी...
आज सच में उसे अंदर से खुशी हो रही थी...
शादी को 5 साल हो चुके थे उसकी पर आज तक उसके बेवड़े पति ने एक भी गिफ्ट नही दिया था उसे...
हालाँकि दूसरे घरों में काम करने की वजह से वहां की मेमसाब् पुराने कपड़े दे दिया करती थी पर आज तक किसी ने ऐसा नया हार नही दिया था.

ईशा अपने रूम में नाश्ता करने के बाद दवाई लेकर फिर से सो गयी..
रजनी बैठ कर अपना सीरियल देख ही रही थी की तभी उसकी नज़र पिंकी के गले में पड़े नेकलेस पर गयी...
और उसे देखते ही उसके तोते उड़ गये.

वो लगभग चिल्लाते हुए बोली : "अर्रे पिंकी.....ये....ये हार तेरे पास कैसे....''

वो मुस्कुराते हुए बोली : "ये....ये तो साहब ने दिया है मुझे....''

रजनी ने अपना माथा पीट लिया...
ये राजेश को क्या हो गया है...
ये उसे क्यों दे दिया...
आज तक की जो प्लानिंग उन लोगो ने की थी वो इसी हार के इर्द गिर्द ही तो थी...
अगर ये हार पिंकी के पास चला गया तो उनका सारा प्लान ही खराब हो जाएगा...
वैसे तो राजेश को इस बात का अब भरोसा हो चुका था की सिर्फ़ हार को पहनने मात्र से ही शेफाली की आत्मा उस शरीर पर जादू सा कर देती है, बाद में वो हार पहना हो या ना पहना हो, शेफाली का वो जादू बरकरार ही रहता है...
और अभी तक वो, ईशा और चाँदनी तो उस हार को पहन कर मज़े भी ले चुके थे...
पर अभी तो राधिका भी बची थी और हो सकता है बाद में भी वो हार काम आता.

लेकिन राजेश ने वो हार पिंकी को देकर उनके सारे मंसूबों पर पानी ही फेर दिया था.

और पिंकी को वो हार देने के 2 ही मतलब ही सकते थे....
एक, वो उस हार को उसे देकर अपने घर से शेफाली के साए को दूर करना चाहता था ,
दूसरा, वो शायद ये हार पिंकी को देकर उसके उपर भी शेफाली का असर देखना चाहता था...
यानी राजेश का मन पिंकी को चोदने का था.

नही नही....
ऐसा नही हो सकता....
जब राजेश के सामने इतने अच्छे विकल्प है, कच्ची जवानियां है तो वो उस कामवाली के पीछे क्यों भागेगा.

पर ये भी तो हो सकता है की वो देखना चाहता हो की उस हार का असर पिंकी पर होता है या नही...
हाँ , ये पासिबल है,
और शायद इसलिए उसने ऑफीस जाने से पहले वो हार उसे दिया हो ताकि शाम तक या कल उसका असर देखने को मिल जाए..

पर कोई जादू या शेफाली की आत्मा हो तभी तो असर होगा,
ये तो उन सबका प्लान था जो आपस में मिलकर बनाया गया था...
पर अब पिंकी के बीच में आ जाने से उस प्लान की ऐसी तैसी हो चुकी थी.

उसने तुरंत राधिका को कॉल मिलाया और उसे विस्तार से सारी बाते बताई...
और जिन बातों का उसे अंदेशा हो रहा था वो भी बताया.

राधिका भी चकरा गयी इस बात को सुनकर...
फिर दोनो ने यही उपाय निकाला की या तो पिंकी को अपने खेल में शामिल कर लो या फिर उसे एक्टिंग करने के लिए कहा जाए ताकि राजेश का भरोसा उस हार पर बना रहे. और साथ ही उससे वो हार भी वापिस ले लिया जाए.

उस कामवाली को अपने प्लान में शामिल करने का तो सवाल ही नही उठता था,
वो 10 घरों में काम करने वाली औरत अगर बाहर जाकर ये बोल दे की राजेश की बीबी और बेटी ने उसका लंड लेने के लिए ये सब प्लानिंग की है तो वो दुनिया को मुँह दिखाने लायक नही रहेगी.

इसलिए उसे पटाकर राजेश के साथ चुदाई के लिए तैय्यार करवाना पड़ेगा...
और उससे वो हार भी वापिस लेना पड़ेगा
यही सही ऑप्शन था.

कुछ देर बाद जब पिंकी घर का सारा काम निपटा कर जाने लगी तो रजनी ने उसे अपने कमरे में आने के लिए कहा...

उसके अंदर आते ही रजनी ने उसके हाथ में 500 का नोट रख दिया और बोली : "ये पैसे रख ले और आज से अगले 3-4 दिन तक मेरे बदन की मालिश भी कर दिया कर...पिछले कुछ दिनों से काफ़ी दर्द हो रहा है..''

पहले हार और अब 500 रुपय पाकर पिंकी तो खुशी के मारे चहकने ही लगी...

वो बोली : "ठीक है मेमसाब्....आप कपड़े निकालो, मैं तेल गर्म करके लाती हूँ ''

और वो पैसे अपने ब्लाउज़ में ठूसकर वो किचन में चल दी.
रजनी भी इन लोगो का नेचर अच्छे से जानती थी, इसलिए पहले ही पैसे दिखाकर उसे खुश कर दिया ताकि बाद में वो उस काम के लिए मना ना कर पाए..



एक बार पहले भी उसने पिंकी से मालिश करवाई थी, तब उसे 50 रुपय दिए थे.और तब उसने ब्लाउज़ और पेटीकोट पहन कर मालिश करवाई थी...

पर आज उसने वो दोनो चीज़े भी उतार दी और सिर्फ़ पेंटी और ब्रा में अपने बेड पर लेट गयी.



जब पिंकी अंदर आई तो एक पल के लिए रजनी को ऐसी अवस्था में लेटे देखकर वो चोंक गयी...

पर फिर मंद-2 मुस्कुराते हुए वो बेड के किनारे पर बैठी और गर्म तेल लेकर रजनी के कंधे और बाजुओं को रगड़ने लगी.



पिंकी : "आप तो कपड़ो के अंदर और भी ज़्यादा सुंदर दिखते हो मेमसाब्...साहब तो देखकर पागल हो जाते होंगे इतने गोरे जो हो आप...''



रजनी : "होरे रंग से क्या होता है...दिखने में सैक्सी होना चाहिए...छाती और गांड में चर्बी होनी चाहिए, कोई भी मर्द खुश हो जाएगा...''



पिंकी भी अपनी रजनी के मुंह से इतनी खुली बातों को सुनकर खिलखिला कर हंस दी..



पिंकी : "आप सही बोली मेमसाब्...पर मेरा मरद है ना...वो तो गोरे रंग को देखकर लार टपकाता है....वो तो एक दिन आपके बारे में भी...''



कहते-2 वो रुक गयी...



रजनी के पूरे शरीर में चींटियां सी रेंगने लगी जब उसने ये सुना तो....



वो बोली : "क्या बोला तेरा मरद ....बोल ना....क्या बोला बिरजू''



पिंकी : "वो...वो कुछ नहीं ...बस ऐसे ही....सॉरी...ग़लती से निकल गया...''



रजनी : "देख, जल्दी से बोल, मैं कुछ नही कहूँगी...''



पिंकी (डरते-2 बोली) : "वो...वो उस दिन जब घर की चाबी लेने यहाँ आया था और आपको देखा था तो..तो....रात को...मेरे उपर चड के....वो...बोल रा था....की...''



रजनी : "अर्रे, आगे भी बोल, क्या बोल रहा था....तेरी तो गाड़ी ही रुक गयी...''



पिंकी : "वो बोल रहा था की तेरी मेमसाब् कितनी चिकनी है...मेरे नीचे आए तो फाड़ कर रख दूँ उनकी...''



पिंकी का पति बिरजू दिहाड़ी पर काम करने वाला एक मजदूर था, जो कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काम करता था



रजनी का दिल धक्क से रह गया ये सुनकर...

वैसे वो अक्सर रिक्शे वाले या धोबी को देखकर उत्तेजित हो जाया करती थी...

पर इस तरह एक मजदूर के दिल की बात अपने बारे में सुनकर उसकी चूत में पानी ज़रूर भर आया...

और निप्पल भी गर्व के मारे फूल कर कुप्पा हो गये..



पिंकी ने उसके बाद कोई वैसी बात नही की...

बस धीरे-2 रजनी के बदन पर तेल लगाती रही...

जब वो कमर से नीचे तेल लगा रही थी तो रजनी ने हाथ नीचे करके अपनी पेंटी उतार दी....

अब उसकी नंगी और चिकनी गांड पिंकी की आँखो के सामने थी.





[Image: 181db20ab3ff44862.jpg]



एक पल के लिए तो बेचारी पिंकी की समझ में भी नही आया की उसकी मेमसाब् ऐसा क्यों कर रही है...

पर अभी जो वाक़या हुआ था उसके बाद उसकी ज़ुबान पर जैसे ताला लग गया था,

इसलिए गर्म तेल लेकर वो उसके दोनो चूतड़ों को रगड़ने लगी.



रजनी की चूत इस वक़्त बुरी तरह पनिया रही थी....

शायद बिरजू की बात सुन सुनकर और उसके बारे में सोचकर...

वो आँखे बंद किए सोच रही थी की बिरजू उसे घोड़ी बनाकर, पीछे से उसकी चूत को बुरी तरह से चोद रहा है.



[Image: pornGIF.cz---porn-GIFs-animations-5.gif]



वो अपनी जाँघो को आपस में रगड़कर चूत को सहलाने का काम भी कर रही थी,

बाकी की कसर पीछे से पिंकी के हाथ उसकी गांड को रगड़कर कर रहे थे....

एक अलग ही सेंसेशन फील हो रहा था उसे इस वक़्त.



फिर अपनी नशीली आवाज़ में रजनी बोली : "तेरे पति को तो गोरे रंग वाली मेमसाब् पसंद आती है....तुझे भी तो आते होंगे गोरे रंग वाले साब लोग पसंद...''



पिंकी ये सुनते ही मुस्कुरा उठी और बेझिझक बोली : "हाँ ...आते है ना....गोरे-2 साब लोगो का हथियार भी तो गोरा होता होगा...उसे चूसने में कितना मज़ा आएगा....''



और एक बार फिर से अपनी कही बात को बोलकर वो पछता गयी....

और अपनी जीभ को दांतो तले दबाकर अपने सिर पर एक चपत लगाई और मन ही मन खुद पर कंट्रोल करने को कहा..



और यहाँ रजनी के ख्यालात उससे अलग थे...

उसे काला पसंद था...

हालाँकि राजेश का भी कोई गोरा चिट्टा नही था...

पर उसे काला नही कहा जा सकता था...
रजनी के हिसाब से तो मोटा, काला , घने बालो से घिरा हुआ लंड उसकी उत्तेजना को किसी दूसरी ही दुनिया में ले जाएगा...

और एक बार फिर से वो बिरजू के मोटे और काले लंड के बारे में सोचने लगी की अगर वो मिल जाए तो कैसे वो उसे गले के अंदर तक चूस्कर निगलेगी..



[Image: Desibitch3095.jpg]



पर रजनी ने फिर अपने दिमाग़ को झटका दिया...

इस वक़्त उसे दूसरे मर्द के बारे में नही सोचना था बल्कि पिंकी को अपने मर्द के लिए तैयार करना था..



और फिर अचानक बिना किसी चेतावनी के वो पलट गयी और पीठ के बल लेट गयी



पिंकी को शायद ये उम्मीद तो बिल्कुल भी नही थी उनसे...

रजनी का अधनंगा बदन उसकी आँखो के सामने था...

ख़ासकर उसकी नंगी चूत , जिसमें से गाड़ा पानी रिस-रिसकर बाहर बह रहा था.



उसकी ब्रा उसके मोटे मुम्मो को संभालने में असमर्थ थी...

इसलिए रजनी ने अपनी बा के स्ट्रेप्स भी नीचे करते हुए उसे घुमाया और ब्रा को भी निकाल फेंका अपने जिस्म से...

अब वो पूरी नंगी होकर लेटी हुई थी पिंकी के सामने...



[Image: B_UqanIVEAAQw7o.jpg]



और पिंकी अपलक रजनी के गोरे और नंगे बदन को देखकर बुत्त सी बनकर बैठी थी..



रजनी : "क्या हो गया तुझे....पहले कभी नंगी औरत नही देखी क्या...सब कुछ तेरे जैसा ही तो है...चल लगा तेल अब अच्छे से...''



पिंकी : "जी...जी मेमसाब्....''



और फिर वो जल्दी-2 अपने हाथ में तेल लेकर रजनी के मखमली बदन को रगड़ने लगी...



वो उसके मुम्मो को बड़े ही प्यार से तेल से नहलाकर रगड़ रही थी...

मानो काँच के बर्तन धो रही हो..



[Image: unnamedd3184aa0f3c4881b.gif]



फिर अपनी योजना अनुसार रजनी बोल पड़ी : "अच्छा सोच....अगर तुझे मौका मिले किसी गोरे साहब के साथ सोने का...तो तू क्या करेगी...''



पिंकी की आँखो में गुलाबी डोरे तेर गये ये सुनते ही...

और ना चाहते हुए भी उसके जहन में राजेश का अक्स उभर आया जो नंगा होकर उसके नंगे बदन से खेलता हुआ, अपना लंड उसकी बुर में पेल रहा था...



[Image: dusky-hot-sexy-latina-pussy-fucking-gif-...54l8cp.gif]



पिंकी : "धत्त ...ऐसे कैसे.....मैं ऐसा कुछ नही सोचती....''



रजनी : "पर मैं तो ऐसा सोचती हूँ ....''



पिंकी (चौंकते हुए) : "ऐसा मतलब ?''



रजनी (अपनी चूत को अपनी उंगली से मसलते हुए) : "यही...किसी दूसरे काले लंड वाले मर्द के साथ मज़े लेने के बारे में ...किसी रिक्शे वाले के साथ...या धोबी के साथ....या किसी मजदूर के साथ....''



पिंकी : "हाए दैयया....आप तो बड़ी बेशरम हो मेमसाब्....''



इतना कहकर वो मुस्कुरा दी...



रजनी : "मुझे कोई अगर सामने से आकर बोले तो मैं शायद पिघल जाऊं ....''



पिंकी उसकी बात का इशारा समझ गयी....

वो बिरजू के लिए बोल रही थी



पिंकी : "हे भगवान....मेमसाब्...यानी आप...अगर वो बिरजू आपसे आकर बोले तो....''



ये सुनते हू रजनी ने पिंकी का हाथ पकड़कर अपनी चूत पर रखा और उसकी 2 उंगलियाँ अपनी चूत में उतार दी....

एकदम गीली हुई पड़ी थी वो चूत , पिंकी की उंगलियाँ फिसलती चली गयी अंदर तक....



और रजनी की तेज सिसकारी पूरे कमरे में गूँज उठी...



'''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....... अहह...............''



ये तो पिंकी के लिए किसी झटके जैसा था....

उसकी मेमसाब् उसी के पति के लिए ऐसा सोच रही थी.



वैसे तो उसे इस बात से कोई फ़र्क नही पड़ता था, क्योंकि वो अच्छे से जानती थी की उसका मर्द एक नंबर का हरामी है, दारुबाज भी है और लौंडिया बाज भी....
अक्सर वो धंधे वालियों को भी चोदकर आता था और आकर बड़े मज़े ले-लेकर अपनी चुदाई की कहानियां उसे भी सुनाता था...

पिंकी ने अपनी दो और उंगलियाँ रजनी की चूत में उतार दी....

सिर्फ़ अंगूठा बाहर था बाकी का हाथ और हथेली रजनी की चूत में थी इस वक़्त.



[Image: tumblr_mmk5wd6bFV1qktnjdo2_500.gif]

''ओह्ह मेमसाब्.....आप तो सच में एक नंबर की छिनाल औरत हो....मेरे ही मर्द से चुदवाने के बारे में सोच रही हो.....पता भी है कितना मोटा है उसका हथियार....एक ही बार में फाड़ देगा वो आपकी बुर को....''



रजनी का बदन किसी मछली की तरह मचल उठा और वो बोली : "आह्हहह....... तो डरता कौन है...... बुला ले अपने मर्द को...देखती हूँ कितना मोटा है.....राजेश का भी काफ़ी मोटा है....एकदम कड़क लंड है उनका....वो भी अंदर जाता है तो चीखे निकलवा देता है....गोरा चिट्टा लंड चूसने में भी काफ़ी मज़ा आता है....''



एकदम से गेम ही पलट दी थी रजनी ने....

बिरजू के लंड की बात करते-2 राजेश के लंड की तरफ घूम गयी थी वो....

और वो इसलिए ताकि अपनी योजना को अंजाम तक पहुँचा सके.



और उसका असर भी एकदम देखने को मिल गया उसे...

राजेश के लंड की बात करते हुए पिंकी का दूसरा हाथ खुद की छूट पर पहुँच गया...

अब वो एक हाथ से अपनी चूत मसल रही थी और दूसरे हाथ की उंगलियों से रजनी की चूत की गहराई नाप रही थी.



''आआआआआआआआआहह मेमसाआब.......सच में मोटा है क्या साब का लंड ......उम्म्म्मममममममममममम....... गोरा भी है ना....... मुझे पता था..... साब इतने गोरे है तो .....उनका लंड भी गोरा होगा...... उनके टट्टे भी गोरे होंगे.......चूसने में कितना मज़ा आएगा....एकदम रसगुल्ले जैसे गोरे और मीठे....''



रजनी : "हाँ .......साब के रसगुल्ले तू चूस....बिरजू के गुलाब जामुन मैं चुसूंगी.......''



दोनो की हँसी निकल गयी इस बात पर....

और दोनो एक दूसरे को देखकर काफ़ी देर तक हंसते भी रहे....



और हंसते-2 जब दोनो की नज़रें इस बार आपस मे मिली तो अगले ही पल , एक झटके में रजनी ने पिंकी को अपने उपर खींच लिया और उसके होंठो पर अपने होंठ रखकर उन्हे चूसने लगी....

पिंकी भी पागलों की तरह अपनी गोरी मेमसाब् के रसीले बदन को उपर से नीचे तक मसलते हुए, उनके होंठों का रस पीने लगी....

रजनी ने आनन फानन में उसकी साड़ी को खींचकर निकाल फेंका...

उसके कसे हुए ब्लाउज़ को खींचकर चिथड़े -2 करके फाड़ दिया और फटी हुई ब्रा को भी एक झटके में खींचकर तोड़ दिया...

पेटीकोट और पेंटी का भी वही हश्र हुआ....

1 मिनट के अंदर उसका कसा हुआ बदन पूरा नंगा होकर रजनी के सामने था...

और अब दोनो एक दूसरे के शरीर को ऐसे चाट रहे थे मानो खा ही जाएँगे एक दूसरे को.



[Image: What-Passion-in-Thier-Kisses.gif]



अब सच में उस कमरे का तापमान पहले से काफ़ी बढ़ चुका था...
जो एक आने वाले तूफान का संकेत था.
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#16
***************
अब आगे
***************
रजनी ने जब पिंकी की चूत को देखा तो एक बार के लिए उसकी सिहरन सी निकल गयी.....
चूत पर घने बालों का गुच्छा लटक रहा था उसकी...
जैसे बरसों से काटे ही ना हो वहाँ के बाल..


[Image: 1.jpg]

उसे याद आया की वो भी तो ऐसी ही थी शादी से पहले तक...
जब उसने जवानी में कदम रखा था तब से लेकर शादी तक उसने भी अपनी चूत के बालों को काटा नही था...
वो तो सहेलियो के कहने पर उसने चूत सॉफ करवाई थी सुहागरात के लिए वरना उसे अपने बालों से बहुत प्यार था...
उसके बाद उसे कभी मौका ही नही मिला बाल बड़ाने का,वो खुद ही काट दिया करती थी उन्हे ताकि सफाई बनी रहे और राजेश को बुरा ना लगे......


पर उन बालों की गर्मी का एहसास अलग ही हुआ करता था उन दिनों।

आज वैसे ही बाल पिंकी की चूत पर देखते ही वो और ज़्यादा उत्तेजित हो गयी और एक ही बार में उसे बिस्तर पर धकेलकर उसने अपना चेहरा उन बालों पर रख दिया...
एक अजीब सी गंध आ रही थी उनमें से...
पसीने और पेशाब की मिली जुली गंध मिलकर एक नशा सा उत्पन कर रहे थे....
और उस नशे में डूबती हुई रजनी ने अपने होंठ खोलकर उसकी चूत पर रखे और उसे चूसने लगी....
और जब उसकी चूत की नर्मी महसूस हुई तो उसकी चूसने की गति और भी ज़्यादा बढ़ गयी.


[Image: 2.gif]
और शायद ये पिंकी के साथ पहली बार था जब उसकी चूत को कोई चूस रहा था....
क्योंकि गीली जीभ के एहसास ने उसकी चूत से गर्म पानी के फव्वारे निकालने शुरू कर दिए थे.
''आआआआआआआहह मेंमसाआआआआआआअब्ब्ब........ ये.....ये तो बहुत मजेदार है....... अहह..... मेरे मर्द ने तो आज तक सिर्फ़ इसमें अपना लॅंड ही डाला है..... उम्म्म्मममममममममममम..... आअज्जजज...... आाज पहली बार....... किसी ने मुँह लगाया है यहाँ..... अहह......... कसम से......... बहुत मज़ा...... आआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई....... आआआहह ..... आआआआआ रहाआआआआआअ है...................... अहह मेंसाआआआआअब्ब्ब्ब चूसो ना ....और ज़ोर से चूसो........''


[Image: 382_450.gif]

और रजनी को तो जैसे कोई छुपा हुआ खजाना मिल गया था....
वो खजाना जिसे बरसों से किसी ने निकाला नही था....
और जिसे वो अब अपनी जीभ के फावड़े से खोदकर निकाल रही थी...
उफफफफफफफफफफफफफ्फ़....
कितना नशा भरा हुआ था पिंकी की चूत में ...
जैसे पुरानी शराब का कोई ड्रम खोल दिया हो.....
उसमें से शराब रिस-रिसकर बाहर निकलती जा रही थी और रजनी उस शराब को पीकर मस्त हुए जा रही थी.


[Image: tumblr_my7scgEVD41r87gdto1_500.gif]

लेकिन वो ये नही जान पाई की उसकी खुद की शेम्पेन बहे जा रही है उसकी चूत से और बर्बाद हुए जा रही है.
पर पिंकी वो कैसे बर्बाद होने देती.....
उसने जब देखा की गाड़े रस की धार निकालकर मेमसाब की जाँघो से होती हुई नीचे गिर रही है तो उसने तुरंत उनकी जांघे पकड़ कर अपनी तरफ खींची और उनकी चूत को अपने मुँह के उपर लाकर पटक लिया....
आज उसका भी पहली बार था इस तरह से किसी दूसरी औरत की चूत का जाम पीना....
लॅंड तो उसने कई बार चूसा था बिरजू का पर चूत रस चखने का पहला मौका था.

[b]दोनो 69 की पोज़िशन में थी.....
[/b]
रजनी तो अपनी जीभ से खोद-खोदकर उसकी चूत की मलाई चाट रही थी और उसकी देखा देखी पिंकी ने भी उसी अंदाज से अपने होंठ और जीभ को उस काम पर लगा दिया और उसे जोरों से चूसने लगी...



[Image: unnamed.gif]

उफ़फ्फ़......
क्या चटपटा सा स्वाद था उसका....
एकदम नमकीन पानी था मेमसाब की चूत का....
जैसे जल्जीरा पी रही हो वो....
उपर से एकदम चिकनी चूत .....



उसे ऐसा लग रहा था जैसे किसी चिकने हीरो के होंठो को चूस रही थी वो....


एक बार उसे जब स्वाद आने लगा उस पानी का तो वो रुकी ही नही....
चूत क्या उसके आस पास का सारा हिस्सा और जाँघो तक को वो चाट गयी....
जितना हो सकता था उतना उसने उस जल्जीरे को इकट्ठा किया और पी गयी.




[Image: 9A6392D.gif]

दोनो उस खेल को करीब 10 मिनट तक खेलती रही और फिर उनके अंदर कुछ उबलने सा लगा...
जैसे कोई ज्वालामुखी...
और लगभग एक साथ ही उस ज्वालामुखी ने उनकी चूत पर दस्तक दी और जो पानी रिस-2 कर निकल रहा था वो एक ही बार में तूफान बनकर बाहर की तरफ बह निकला......
दोनो के चेहरे उस बौछार से गीले हो गये पर उन्होने चूत को चूसना और पानी को पीना नही छोड़ा.
और करीब 5 मिनट बाद एक दूसरे को अच्छी तरह से सॉफ करने के बाद वो दोनो एक दूसरे की बाहों में ऐसे चिपककर लेट गयीं जैसे बरसों पुराने प्रेमी हो...




[Image: featured-large-850.jpg]



पिंकी : "वाह मेमसाब ......ये जो तरीका आज आपने बताया है वो करके मज़ा आ गया....मुझे तो लगता था की सिर्फ़ मरद औरत ही इस खेल में मज़े करते है पर अब लगता है की इस खेल में इंसानो ने और भी ज़्यादा तरक्की कर ली है...''

इतना कहकर वो ज़ोर-2 से हँसने लगी...
रजनी : "पर मर्द के लंड का अपना ही मज़ा होता है....''
पिंकी (मंद मंद मुस्कुराते हुए) : "सही कहा मेमसाब ....उसका तो अलग ही मज़ा है....लंबा लंड जब चूत में अंदर तक जाकर रगड़ पैदा करता है तो शरीर से धुंवा सा निकालने लगता है....मन करता है की बस वो लंड ऐसे ही अंदर बाहर होता रहे....होता रहे...होता रहे...''




कहते -2 जैसे वो किसी ख्वाब में खो गयी....

और उस ख्वाब में राजेश उसकी चूत का धनिया बुरी तरह से पीस कर उसकी चटनी बना रहा था...



[Image: 5269-young-hottie-missionary-banging.gif]

और वो सोचकर ही उसके मुँह से एक दबी हुई सी सिसकारी निकल गयी…
‘’आआआआअहह’’
और फिर जब उसने आँखे खोलकर रजनी की तरफ देखा तो वो उसे ही देखकर मुस्कुरा रही थी….
वो शायद समझ चुकी थी की वो राजेश के लॅंड के बारे में ही सोच रही थी..
रजनी : “अंदर बाहर होने में मज़ा आता है जब लॅंड लंबा और गोरा हो….जैसे तेरे साब का है….लेगी क्या ??’’
ये तो जैसे एकदम खुल्ला ऑफर ही दे डाला था रजनी ने …
और पिंकी पीछे क्यों रहती भला जब साब की बीबी ही सामने से ऑफर दे रही है
‘’हाँ हाँ क्यों नही मेमसाब …..ऐसा हो गया तो मज़ा ही आ जाएगा…मैं आपके घर का काम फ्री में कर दिया करूँगी…..’’




रजनी भी हंस पड़ी उसकी दिलदारी सुनकर….
[b]राजेश के लॅंड के लिए तो वो अपनी जेब से पैसे देने तक के लिए तैयार थी
रजनी : “तू उसकी चिंता मत कर….मैं तेरा काम भी करवा दूँगी और तुझे अलग से पैसे भी दूँगी….बस तू वैसा करी रह जैसा मैं बोलू….’’
पिंकी का चेहरा चमक उठा….वो बोली “ ठीक है मेमसाब ….आप मेरा काम कारवओ, मैं आपका करवा दूँगी….’’
रजनी : “मेरा…..मेरा कौनसा काम….??’’
पिंकी : “अर्रे वही….बिरजू वाला…’’
कहकर वो ज़ोर-2 से हँसने लगी….उसके साथ-2 रजनी भी उसका साथ देते हुए हँसने लगी
[/b]
[b][b]फिर जो बाते रजनी ने पिंकी को समझाई, उसे सुनकर पिंकी की आँखे फैलती चली गयी….

और वो सोचने लगी की एक पत्नी ऐसा कैसे कर सकती है और ये सब करके उसे क्या मिलेगा भला.

पर उसका तो फायदा ही था ….

साब का लंड जो मिल रहा था उसे और उपर से एक्सट्रा पैसे भी….

उसे तो ऐसे लग रहा था जैसे कोई फिल्म बन रही है जिसकी वो हेरोयिन है, साब हीरो और मेमसाब डायरेक्टर.

[/b]
[/b]



पर बेचारी को ये बात नही पता थी की वो हेरोयिन तो बन रही है पर जो रोल उसे मिल रहा है वो शेफाली का है…
खैर, सबसे पहले तो रजनी को उसका हुलिया ठीक करना था…

और ऐसा करने के लिए वो उसे पहले अपने बाथरूम में ले गयी और शावर चला कर उसे खूब रगड़ -2 कर नहलाया….

बॉडी वॉश से उसके पूरे शरीर को सुगंधित किया….

एन फ्रेंच लगाकर उसकी चूत के साथ-2 उसकी टॅंगो और बाहों के बाल भी निकाल दिए.
पूरी तरह से नहा धोकर वो ऐसे चमक उठी जैसे सच में उसकी सुहागरात हो आज….
[Image: 583.jpg]

अब तो बस शाम का इंतजार था उन्हे….जब राजेश को घर आना था…
पिंकी के कपड़े तो पहले ही फाड़ चुकी थी रजनी , इसलिए उसे उसने खुद का एक ब्लाउज़ निकाल कर दिया जो उसे अब फिट नही आता था….
पर था वो बहुत ही सैक्सी..

आगे से गला थोड़ा गहरा था और पीछे से डोरियों से बाँधने वाला..
उसे पहन कर तो पिंकी रति की मूरत जैसी लग रही थी….
रजनी ने एक बार फिर से पिंकी को सारी बातें समझाई और राजेश के आने से पहले वो ईशा के रूम में जाकर उसके साथ सोने का नाटक करने लगी…
और उसे बोल दिया की साब पूछे तो बोल देना की मेमसाब आज काम करके थक गयी थी इसलिए वो ईशा के साथ सो रही है.

कुछ ही देर में राजेश आ गया….

उसने जब बेल बजाई तो पिंकी ने धड़कते दिल से जाकर दरवाजा खोला..

राजेश की नज़र जब उसपर पड़ी तो उसके लंड ने एक जोरदार अंगड़ाई ली….

‘उफ़फ्फ़……ये तो पक्का मरवाएगी मुझे आज….पूरे मूड में लग रही है….लगता है मेरा तीर निशाने पर बैठा है….’



उसे उपर से नीचे तक देखकर वो अंदर आ गया….

पिंकी ने दरवाजा बंद किया और किचन से उसके लिए पानी ले आई…

और जैसा रजनी ने समझाया था, उसे झुककर जब उसने पानी दिया तो उसका पल्लू नीचे खिसक गया और उसके मोटे तरबूज जैसे मुम्मे बाहर आने को आतुर हो उठे..

राजेश की नज़रें उसके मुम्मो को देखती ही रह गयी…
मन तो कर रहा था की उन्हे अभी के अभी दबोच कर मसल डाले और वो जानता था की वो कुछ कहेगी भी नही…
पर वो जल्दबाज़ी करके उनके खेल का मज़ा नही बिगाड़ना चाहता था…

पानी पीकर उसने पूछा : “पिंकी…मेमसाब कहाँ है….’’

पिंकी : “साब वो ईशा बैबी के रूम में सो रहीं है….आज काफ़ी थक गयी थी मेमसाब ….और बैबी भी दवाई लेकर गहरी नींद में है….’’

वो जैसे बता रही थी की आप कर लो जो करना है…रास्ता सॉफ है.
राजेश : “ ओ के ….तुम चाय बनाओ…मैं फ्रेश होकर आता हूँ ….’’
पिंकी किचन में चली गयी और राजेश अपने रूम में …

ईशा के रूम के दरवाजे के पीछे छुपी रजनी चोरी छुपे सब देख रही थी….

वो भी देखना चाहती थी अपने पति को अपनी नौकरानी के साथ मज़े लेते हुए.ईशा तो सच में सो रही थी, इसलिए उसका डर नहीं था .
राजेश रूम में गया और उसने अपने सारे कपड़े निकाल फेंके और जल्दी से शावर लेकर ढीले-ढाले से कपड़े पहन लिए…

अंदर उसने अंडरवीयर नही पहना।
फिर वो किचन में आया और पिंकी के बिल्कुल पीछे आकर खड़ा हो गया, उसकी गर्म साँसे पिंकी अपनी गर्दन पर महसूस कर पा रही थी..


[b][b]उसके शरीर के सारे रोँये खड़े हो गये, राजेश का शरीर पीछे से उसे टच कर रहा था जिसे महसूस करके वो काँप रही थी…
पर जैसा की रजनी ने उसे समझाया था अब वो काम करने का वक़्त आ चुका था…
वो बोली : “साब….आपने जब से ये हार दिया है…तब से कुछ अजीब सा लग रहा है….’’

राजेश के होंठो पर मुस्कान आ गयी ये सुनते ही..

वो बोला : “अच्छा ….क्या महसूस हो रहा है…’’

पिंकी : “ऐसा जैसे मेरे अंदर कोई और है….जैसे….वो मुझसे कुछ ….कुछ कहना चाहती है….’’
राजेश समझ गया की बोल तो वो रही है ये सब पर शब्द रजनी के दिए हुए हैं…
पिंकी आगे बोली : “देखो ना साब….शरीर में हर जगह दर्द सा हो रहा है मीठा वाला…मन कर रहा है की कोई मेरे बदन को पकड़कर ज़ोर से दबा दे…मसल दे…रगड़ दे….’’

इतना कहते-2 वो राजेश की तरफ घूम गयी….
दोनो की आँखे मिली, राजेश को उसकी नज़रों में हवस की आग जलती हुई दिखाई दे रही थी..
राजेश : “अच्छा ….ये तो बहुत ख़तरनाक लक्षण है….चलो ज़रा मेरे कमरे में …मैं तुम्हारा चेकअप करता हूँ ….’’

डॉक्टर राजेश अपने असली रूप में आ चुका था…
राजेश आगे चल दिया और मुस्कुराती हुई पिंकी गैस बंद करके उसके पीछे-2 अपनी गांड मटकाती हुई चल दी…
किचन के साथ ही ईशा का रूम था, जिसके दरवाजे के पीछे छिपी रजनी ये सब सुन रही थी…

और जैसा उसने पिंकी को समझाया था वो ठीक वैसा ही कर रही थी…
सब उसके प्लान के हिसाब से ही चल रहा था…
वो खुश थी की राजेश को उसकी चाल का पता नही चला था…
पर बेचारी ये नही जानती थी की चाल वो नही बल्कि राजेश ने चली थी….
वो तो बस वही कर रही थी जो राजेश उसे करवाना चाहता था.

राजेश ने जान बूझकर कमरे का दरवाजा आधा खुला छोड़ दिया ताकि रजनी बाहर खड़ी होकर उनकी रासलीला देख सके..
कमरे में पहुँचकर राजेश ने उसे एक चेयर पर बिठाया और अपना स्टेथोस्कोप निकाल लाया….
और उसे कान में लगाकर दूसरा सिरा उसने पिंकी की छाती के उपर रख कर उसे साँस लेने को कहा….
उसने जब साँस ली तो उसकी छाती के गुब्बारे और भी ज़्यादा फूलकर उसके सामने आ गये…
ब्लाउज़ इतना टाइट था की पीछे बँधी डोरी उसके साँस लेने से अपने आप खुल गयी और ब्लाउज़ ढलक कर आगे की तरफ लटक सा गया…
राजेश ये देखकर मुस्कुराया पर कुछ बोला नही और उसका चेकअप करने का नाटक करने लगा…
उसके हाथ उसकी छाती के मुलायम हिस्से पर पड़कर वहां की नरमी को महसूस कर रहे थे…
[/b]
[/b]
[b][b][b]पिंकी के मुँह से आहह निकल गयी उस दबाव को महसूस करके…
[/b]
[/b]
[/b]


‘’आआआआहह साब…..यहाँ तो सबसे ज़्यादा दर्द हो रहा है…..’’



राजेश ने मुस्कुराते हुए उसके गले में बँधे हार को हाथो मे पकड़ा और बोला : “लगता है इस हार के भार की वजह से ये हो रहा है….इसे उतार दो…शायद ठीक महसूस हो….’’



पिंकी ने बेमन से उसे उतार कर साइड में रख दिया….



राजेश घूमकर उसके पीछे आया और उसकी पीठ पर स्टेथोस्कोप लगा कर उसका मुआयना करने लगा….



पीठ पर बँधी डोरी तो खुल कर लटक चुकी थी इसलिए उसकी पूरी नंगी पीठ उसकी आँखो के सामने थी….



राजेश ने पूरी जाँच की और फिर अपने हाथ से उसकी पीठ पर दबाव बनाकर उसे थोड़ा सा दबाया.



एक बार फिर से एक मीठी सी सिसकारी निकल गयी पिंकी के मुँह से….



‘’आआआआआआआआआआआआआआआहह हाआँ साआब बहुत मीठा सा दर्द हो रहा है…..ऐसे दबाने से आराम मिला है….’’



राजेश : “ओह्ह मैं समझ गया……ऐसा ही एक केस मेरे हॉस्पिटल में आया था पहले भी…..इसका बस एक ही इलाज है, तुम्हारे बदन की मालिश करनी पड़ेगी….’’



पिंकी ने बिना सोचे समझे सिर्फ़ एक ही बात बोली : “तो कर दो ना साब…’’

ये एक खुल्ला ऑफर था राजेश के लिए…

दोनो जानते थे की यही होने वाला है बाद में …

बस बेकार की बाते चोदने में लगे हुए थे इतनी देर से…

दरवाजे के पीछे छुपी रजनी भी पक सी गयी थी इतनी देर से वहां खड़े हुए….

पर अब वो मुस्कुरा रही थी क्योंकि असली एक्शन शुरू होने वाला था…



राजेश : “तो एक काम करो….ये कपड़े उतार दो और बेड पर लेट जाओ…’’



पिंकी बिना कुछ बोले उठी और एक-2 करके उसने अपने सारे कपड़े निकाल फेंके….

उसका बदन जल सा रहा था…

[Image: minnie-gupta-353776.jpg]



उसके शरीर की गर्मी को राजेश भी महसूस कर पा रहा था…

पहले रजनी के कमरे का तापमान बड़ा था जब पिंकी ने उसकी मसाज की थी ….

अब इस कमरे का तापमान बढ़ चुका था जब राजेश उसकी मसाज करने वाला था…

आज पिंकी को उसके काम का फल मसाज और एक खड़े लंड के रूप में मिलने जा रहा था…



अब असली तूफान आने वाला था कमरे में …
[b][b][b]लॅंड का तूफान.[/b][/b][/b]
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#17
**************
अब आगे
**************

राजेश इस वक़्त बनियान और पायजामे में था….
पिंकी के नंगे बंदन को देखकर उसका लॅंड फटने को हो रहा था….
सच में…
आज तक उसकी नज़र से वो पता नही कैसे बची रह गयी थी….
शायद अपने मैले कपड़ो में अपनी उफनती जवानी को बाँध कर रखती थी वो आज तक…
पर अब उस जवानी का उफान अपनी चरम सीमा पर था और बिल्कुल नंगा होकर उसकी नज़रों के सामने था…

[Image: 28263341588da4c76e30763ce4e5b78106a421d6.jpg]

राजेश ने पास पड़ी तेल की शीशी से तेल लेकर अपने हाथ पर लगाया और उसे बेड पर लेटने को कहा…
और फिर अपने गर्म हाथ उसके तपते बदन पर रखकर मालिश करने लगा…
सबसे पहले उसके हाथ पिंकी की मोटी जाँघ से टकराए…
ऐसा लगा जैसे चिकने पेड़ का तना पकड़ लिया हो…
एकदम कठोर था वहाँ का माँस…
पूरा दिन काम करने के कारण जिम जैसी बॉडी बन चुकी थी पिंकी की…
वो इस वक़्त उल्टी होकर लेटी हुई थी…
राजेश के हाथ लगते ही उसका बदन अकड़ सा गया और उसकी गांड अपने आप कमान की तरह हवा में उठती चली गयी….
और साथ में एक ठंडी सिसकारी निकली उसके होंठो से…

‘’सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआआआआआआआआआअहह’’

राजेश के हाथ थोड़ा उपर गये और उसने उसके उभरे हुए पुट्ठ को पकड़कर नीचे की तरफ दबाया और फिर से धरातल पर ला पटका…
ऐसा करते हुए उसके हाथों ने अच्छी तरह से उसकी गांड के माँस को अंदर तक महसूस किया…
जो लोग भरी हुई गांड के दीवाने होते है वो अच्छी तरह जानते है की इस तरह से गांड को दबाने पर कैसा महसूस होता है…
ठीक वैसा ही राजेश को फील हो रहा था इस वक़्त…
मन तो उसका कर रहा था की अपना मुँह उसके पीछे डाल कर उसकी चूत चूस डाले, पर वो अभी जल्दबाज़ी नही करना चाहता था…

धीरे-2 उसके हाथ उपर तक जाकर उसकी चिकनी पीठ और कंधो को भी मसल रहे थे….
ऐसा करते-2 वो उसकी पीठ पर सवार होकर अपना खड़ा लंड भी उसके उपर रगड़ रहा था….
पायज़ामे में खड़े लॅंड ने जब उसके बदन को छुआ तो एक गीलेपन की लकीर पिंकी के बदन पर खींचती चली गयी..
उसके गर्म बदन पर राजेश का प्रीकम इस वक़्त गर्म तवे पर पानी जैसा लग रहा था…
पड़ने के साथ ही भाप बॅंकर उड़ जाता…
ऐसी आग लगी हुई थी उसके बदन में.

उसे पीछे से अच्छी तरह मसलने के बाद राजेश ने उसे पलटने के लिए कहा…
पिंकी तो कब से इसी पल का इंतजार कर रही थी….
पलटने के बाद उसकी नज़रें सबसे पहले राजेश के खड़े लंड पर गयी जो काफ़ी देर से उसकी पीठ पर चुभकर उसे परेशान कर रहा था…
और राजेश की नज़रें उसके मोटे -2 मुम्मों पर जिन्हे मसलने के लिए उसके हाथ कब से तरस रहे थे…

उसने ढेर सारा तेल लेकर अपने हाथ जब उसके मुम्मो पर रखे तो आनंद के मारे पिंकी ने राजेश की जाँघो को पकड़ लिया और ज़ोर से चिल्लाई “ आआआआआआहह साआआआब्ब्बब …… बोला था ना ….यहाँ सबसे ज़्यादा दर्द है…..’’

राजेश : “फ़िक्र ना करो….तुम्हारा डॉक्टर अब तुम्हारा इलाज कर रहा है….सब ठीक हो जाएगा….’’

ऐसा कहते हुए उसने अपनी उंगलियो मे पकड़कर उसके निप्पल को ज़ोर से मसल दिया….
वो चिहुंक उठी और उसके हाथ राजेश की जाँघो से थोड़ा उपर खिसक कर उसके खड़े लॅंड पर पहुँच गये और उसे उसने ज़ोर से दबा दिया…..

अब सिसकने की बारी राजेश की थी

‘’आआआआआआआआआआआआआआआआअहह भेंन चोद …..’’

इस वक़्त तो पिंकी को वो गाली भी आई लव यू जैसी लग रही थी….
लॅंड की मोटाई और लंबाई महसूस करके वो जान गयी की उसे काफ़ी मज़ा आने वाला है….
अब राजेश के हाथ उसके जिस्म पर उपर से नीचे तक जा रहे थे पर पिंकी उसके लॅंड को छोड़ने को तैयार ही नही थी….
राजेश के हाथ जब उसकी चूत को सहला रहे थे तो उसके मुँह से शब्द फूटने से लगे, जिनको राजेश समझ भी नही पा रहा था…

‘’आआआआअहह उम्म्म्ममम ज्ज्ज्जाआाआअ द्दद्डूऊऊऊऊऊऊ इसस्सीईई…… उम्म्म्मममममम हाआआआअ मीईरीईईईईईईई अन्न्ननननननन्णन्द…..मीईई….अहह’’

राजेश की डॉक्टरी उंगलियाँ उसकी चूत के अंदर का जायजा भी ले रही थी……
पिंकी ने सिसकारी मारते हुए कहा : “अंदर तो सब जल सा रहा है…..साआबब………कुछ करो ना……’’

अब राजेश समझ गया की वक़्त आ चुका है….वैसे भी तेल लगने के बाद वो पूरी तरह से चुदने के लिए तैयार हो चुकी थी , उसकी पूरी बॉडी तेल और जवानी की आग में जल सी रही थी

[Image: 282633430ca38c89369c5628f7950c4318daf2f7.jpg]

राजेश ने उसे ऊपर से नीचे तक देखा और वो भी मुस्कुराते हुए खड़ा हुआ और उसने अपनी बनियान और पायज़ामा निकाल कर साइड में फेंक दिया….
अब वो पिंकी के सामने पूरा नंगा होकर खड़ा था…

और जिस गोरे लॅंड को देखने के सपने पिंकी ने देखे थे वो साकार हो चुका था….
राजेश का गोरा, मोटा और लंबा लंड फुफ्कारते हुए उसके सामने खड़ा था.

दरवाजे के पीछे छिपी रजनी भी इस वक़्त अपनी चूत को रगड़ रही थी…
मन तो उसका भी कर रहा था की बीच में कूद पड़े और पिंकी के साथ मिलकर राजेश के लॅंड के मज़े ले….
पर वो ऐसा करके अपने प्लान को बिगाड़ना नही चाहती थी…
इसलिए फिलहाल के लिए वो अपनी चूत को मसलते हुए उनका शो देखने लगी.

राजेश के लॅंड को मंत्रमुग्ध होकर निहारति हुई पिंकी से राजेश ने पूछा : “कैसा लगा …’’

पिंकी : “सुंदर…बहुत सुंदर….बिरजू से लॅंड से भी सुंदर….’’

एक पत्नी जब ये बात किसी दूसरे मर्द से कहे तो वो सच ही बोल रही होती है….
इस वक़्त पिंकी के लिए लंबाई, मोटाई ज़्यादा मायने नही रखती थी …
सुंदरता भी कोई चीज़ होती है…
बस उसी को देखकर वो मुस्कुराए जा रही थी.

राजेश : “अब इस से तुम्हारे अंदर का दर्द मिटाऊंगा मैं .’’

राजेश ने उसकी चूत की तरफ इशारा करते हुए अपने लॅंड को मसलते हुए ये बात कही…

पिंकी : “वो तो मैं कब से चाहती हूँ ….पर क्या….थोड़ी देर के लिए…इसे मैं ….अपने मुँह में ….लेकर……चूस लूँ ’’

उफफफ्फ़…..
इतनी रसीली बात कितनी आसानी से बोल गयी थी पिंकी….
ये तो वो काम था जिसे करवाने के लिए हर मर्द मरा जाता है…..
राजेश ने तुरंत उसे खड़ा करके बेड के किनारे पर बिठाया और अपने लंड को उसके चेहरे के करीब लाकर छोड़ दिया…
बाकी का काम पिंकी ने खुद कर लिया…
उसके लॅंड को पकड़कर सीधा अपने गर्म मुँह में लेजाकर उसका रसपान करने लगी…

[Image: 28263339ddb629b1b6997d9d837ae27bbcceca83.gif]


सही सोचा था उसने…
गोरा लॅंड सुंदर भी था और मीठा भी…..एक अलग ही तरह की भीनी सी खुश्बू आ रही थी डॉक्टर के लंड से…
शायद अच्छी तरह से सेनेटाईस करके लाया था राजेश अपने लॅंड को…
राजेश ने उसके सिर पर हाथ रखकर अपना पूरा लॅंड उसके मुँह में डाल दिया जो उसके गले के टॉन्सिल्स तक को टच करने लगा….
मन तो उसका कर रहा था की वहीं लंड हिलाकर अपना माल उसके गले में गिरा दे पर पूरा मज़ा लेना तो बनता ही था उसका…
इसलिए कुछ देर तक लॅंड चुसवाने के बाद उसने उसे बाहर निकाला और पिंकी को धक्का देकर पीछे लिटा दिया…
और बड़े ही रॅफ तरीके से उसकी टांगे पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उतने ही जंगली तरीके से अपना लॅंड एक ही बार में उसकी रसीली चूत पर रखकर जोरदार झटका मारकर उसे चूत में भेज दिया…
‘’आआआआआआआआआआआआआआअहह साआआआआआआआआआब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब धीईरीईईईईईईईईईईईईयेssssss ……..’’
शायद ये उसने एक्सपेक्ट नही किया था राजेश जैसे सभ्य इंसान से….
वो तो उसके पति जैसे जंगलिपन के साथ उसकी चूत मार रहा था….
वो थी ही इतनी हॉट की राजेश से सब्र ही नही हुआ….
इलाज के नाम पर शुरू हुई मसाज चुदाई तक कब पहुँच गयी , दोनो को ही पता नही चला…
वैसे होना तो यही था आख़िर में जाकर पर ये सब करने में भी काफ़ी मज़ा आया पहले..
और जो अब हो रहा था उसमें तो सबसे ज़्यादा मज़ा मिल रहा था दोनो को…
एकदम धाकड़ तरीके से चुदाई चल रही थी….
चलती भी भला क्यू नही…
पति को बीबी का डर नही था और नौकरानी को अपनी मालकिन का….
सबकी सहमति से ही ये काम हो रहा था…


उसके हर प्रहार से पिंकी कराह रही थी…..
सिसकारियाँ मार रही थी….
और ये सिसकारियाँ मज़े की थी…
जो उसके तन के अंदर से आ रही थी..

‘’आआआआआआआआआआआआआअहह साआआआआआआब्ब्बब मजाआाआआआआआ आआआआआआआआआआअ रहाआआआआआ है…….. ज़ोर से छोड़ो मुझे…….

राजेश को तो यही शब्द पसंद थे…
जैसे रजनी उसे बोलती थी और वो उसे बेतहाशा चोदने में लग जाता था….
ठीक वैसे ही वो इस वक़्त अपनी नौकरानी पिंकी को चोद रहा था….

मर्द भी कितना सीधा होता है, बीबी हो या नौकरानी, हर अंदाज में, उतने ही प्यार से चोदता है, कोई भेदभाव नहीं करता ।

खैर
अचानक राजेश को सामने पड़े ड्रेसिंग टेबल में दरवाजे के पीछे खड़ी रजनी भी झाँकति हुई दिखाई दे गयी….
उसकी आँखो में गुलाबीपन था…
चेहरे पर हवस थी और हाथ उसके खुद की चूत और मुम्मे पर था….
अपना मुम्मा तो उसने ब्लाउस में से पूरा निकाल रखा था और एक हाथ से उसे मसल रही थी और दूसरे हाथ को उसने अपनी साडी उठाकर अंदर डाला हुआ था

उसे ऐसी हालत मे देखकर राजेश की उत्तेजना और भी ज़्यादा बढ़ गयी….
और आख़िर में उसने 4-5 तेज झटके मारते हुए अपने लॅंड का पानी उसकी चूत के अंदर खाली करना शुरू कर दिया…
उसके वीर्य को महसूस करके पिंकी भी झड़ने लगी और आनंद के मारे दोहरी हो गयी

[Image: 282633422d49ca917d362fee1d97e5069217c40e.gif]



झड़ते हुए राजेश ने पिंकी की जाँघ पकड़ ली…
वरना अपने खुद के ऑर्गॅज़म के बाद वो दोहरी होकर बीएड से नीचे गिर जाती
सब कुछ शांत होने के बाद दोनो ने एक दूसरे को देखा और एक दूसरे से लिपट गये….
पिंकी ने झिझकते हुए अपने होंठ राजेश के होंठो से सटा दिए…
हैरानी की बात थी की चुदाई पूरी हो गयी थी पर एक भी बार चूमा नही था राजेश ने उसे….
पर जब चूमा तो राजेश को एहसास हुआ की कितनी बड़ी भूल की थी उसने….
उसके नर्म मुलायम होंठो से जैसे शराब बह रही थी…
एक नशा सा उसकी लार में …
उसके प्यार में ….
उसके किस्स करने के अंदाज में
और जिस अंदाज से वो राजेश के होंठो को चूस रही थी , पोर्नस्टार्स भी फैल थी उसके सामने…
उसके इस अंदाज की वजह से राजेश के लॅंड ने दोबारा हरकत करनी शुरू कर दी थी….
दरवाजे के पीछे खड़ी रजनी, जो खुद झड़ने के बाद निढाल होकर ज़मीन पर पड़ी थी, ये सब देखकर समझ गयी की राजेश अब एक बार और चोदेगा पिंकी को….
पर अब उसका मिशन पूरा हो चुका था….
उसने पिंकी को अपने पति के सामने इस तरह से हथियार डलवाकर चुदाई करवाके ये साबित कर दिया था की वो हार पहनने वाली के उपर शैफाली की आत्मा कब्जा कर लेती है और उसे राजेश से चुदवाने पर विवश कर देती है…
और वो भी बिना किसी दबाव के…
और उसे ये रिपोर्ट अपनी सहेली राधिका को देनी बहुत ज़रूरी थी…
क्योंकि उसी के बाद उन्हे अपने अगले कदम के बारे में सोचना था…
इसलिए राजेश और पिंकी को उनकी अगली चुदाई के लिए छोड़कर वो वहाँ से उठी और दूसरे कमरे में जाकर राधिका से बात करने लगी…
अब तक तो उनके हिसाब से सब कुछ अच्छा ही जा रहा था…
पर अगला दिन सबसे ज़्यादा मुश्किल से भरा होने वाला था.
और इस बार रजनी और उसके गैंग के लिए नही
बल्कि राजेश के लिए.
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#18
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अब आगे
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रात को राजेश बहुत थका हुआ था, इसलिए वो बेड पर लेटते ही सो गया, पर रजनी के दिमाग़ में वो सब चल रहा था जो उसे राधिका ने कहा था…

राधिका ने जब वो पिंकी की चुदाई की कहानी सुनी तो उसे आभास हो गया की शायद राजेश को उनके प्लान पर थोड़ा शक हो चुका है, इसलिए उसने इतनी आसानी से पिंकी को एक ही बार में चोद डाला और उसका हार भी निकाल कर रख लिया…

ये कोई इत्तेफ़ाक़ नही हो सकता था…

इसलिए उसने अगले दिन राजेश को एक छोटा सा झटका देने की सोची ताकि राजेश उन्हे अपने हाथो की कठपुतली ना बना डाले.

अपना पूरा प्लान उसने रजनी को समझा दिया और उसे ईशा को भी समझाने को कहा…

चुदाई के बाद गहरी नींद सो रहे राजेश को बेड पर छोड़कर रजनी ईशा के रूम में गयी …

वो पूरा दिन सोए रहने की वजह से इस वक़्त जाग रही थी और फोन पर चाँदनी से अपने पापा के बारे में और उनके मोटे लॅंड के बारे में ही बात कर रही थी और दोनो ही अपनी कच्ची चूत रगड़कर उस पल का मज़ा भी ले रही थी..…

अपनी माँ को रूम में आते देखकर उसने बाइ कहकर फोन काट दिया..

रजनी जैसे ही बेड पर बैठी ईशा ने अपनी छोटी सी स्कर्ट उठा कर अपनी नंगी चूत रजनी को दिखाई और शिकायत भरे लहजे में बोली : “मोम , देखो ना..कितनी गीली हो रही है ये पापा के लंड के बारे में सोचकर….वो इतना टाइम क्यों लगा रे है भला…उन्हे तो मौका भी मिला था पर कुछ किया ही नही…सिर्फ़ उपर-2 के मज़े लेकर छोड़ दिया…माना की उनके कॉक का टेस्ट अच्छा है पर मुझे वो मेरे मुँह में नही, यहाँ चाहिए…मेरे अंदर…’’

वो अपनी लिश्कारे मार रही चूत की तरफ इशारा कर रही थी, जिसे देखकर रजनी की चूत भी पनिया उठी….

[Image: 28280857f83c1227a97b7f62c0d113efde12e8d2.jpg]

उसका बस चलता तो उसे उठाकर इसी वक़्त राजेश के मुँह पर बिठा देती और उसके बाद अपने आप वो लॅंड तक भी पहुँच ही जाती….
पर जो मज़ा इस तरह से धीरे-2 आगे बढ़ने में था, वो जल्दबाज़ी में नही था,
इसलिए उसने अपनी बेटी को समझाया और राधिका आंटी का प्लान भी समझाया…
वो बड़े ध्यान से उसे सुनती रही और अंत में बोली : “वो सब तो ठीक है , पर इसका क्या करू मैं अभी …’’
उसका इशारा अभी भी अपनी गीली चूत की तरफ था…
रजनी ने मुस्कुरआअतए हुए उसे देखा और धीरे-2 उसने अपना गाउन पैरों से उपर करते हुए कमर तक खिसका लिया , उसने भी नीचे पेंटी नही पहनी हुई थी, जिसकी वजह से उसकी चूत भी गीली होकर चमक रही ती…
और बोली : “उसके लिए ये है ना….आजा.’’
इतना कहकर उसने अपनी बेटी की पतली कमर को पकड़कर अपने उपर खींच लिया….
और उसकी टांगो को अपनी टांगो के बीच केँची बनाकर, अपनी चूत से उसकी चूत को चिपका दिया…
दोनो की प्यासी चूतें एक दूसरे को स्मूच करती हुई आपस में रगड़ खाने लगी…
ईशा तो अपने पापा के लंड के बारे में सोचकर पहले से ही उत्तेजित थी,
अपनी माँ की चूत से अपनी बुर मिलते ही उसमें से ढेर सारा देसी घी निकलकर बाहर बहने लगा और उनकी चूत की स्मूच को और भी चिकना बना दिया..
[Image: 282808558849e5142aa5e225696fae08dccafd6e.gif]
दोनो ने आनन् फानन में अपने कपड़े निकाल फेंके और एक दूसरे के उपरी होंठो पर भी टूट पड़े…


जितनी शिद्दत से दोनो आपस में नीचे के होंठ रगड़ रहे थे उतनी ही शिद्दत से दोनो अपने उपर के होंठो को भी रगड़ और चूस रहे थे…
दोनो की लार मिलककर इतनी चाशनी बना रहे थे की उनके मुँह में नही संभाली गयी और बह बहकर उनके मुम्मो से होती हुई नीचे चूत तक जाने लगी…



वहां की ग्रीस में मिलकर वो उसे और भी चिकना बना रही थी…

कुल मिलाकर दोनो अपनी प्यास बुझाने के लिए प्यासी बिल्लियों की तरह एक दूसरे को चूस रही थी…

[Image: 2828085647bd62631fe302efe2d992a82fe3dd7e.gif]

ईशा का तो हाल बुरा था…
उसने अपनी माँ को अपनी चूत की तरफ धकेलते हुए अपनी चूत की तरफ भेजा और चिल्लाई : “मोम ….प्लीज़….जब तक पापा कुछ नही करते….इट्स युवर ड्यूटी…..सक मिईिइ….खा जाओ मुझे…….इस चूत को…चाटो ……अंदर जीभ डालो….जैसे पापा डालते है आपकी चूत में .अपना लंड ..अपनी जीभ से चोदो मुझे मॉम .अपनी जीभ से चोदो मुझे….’’
अपनी प्यारी बेटी की इस फरमाइश को रजनी कैसे ठुकरा सकती थी भला…
उसने तुरंत अपने होंठ उसकी गर्दन पर फेरते हुए, उसके नन्हे मगर कठोर बूब्स को चूसते हुए , ईशा की कुँवारी और नन्ही सी चूत तक लाये और उसपर लगाए और उसे चूसने लगी….
ईशा अपने एक हाथ से अपना मुम्मा और दूसरे से अपनी माँ का सिर सहलाते हुए उस चुसाई का मज़ा लेने लगी…
[Image: 28280866cf571237a58e4692b81f2ee0d74e636e.gif]
‘’ओह मोम …….योउ आआर ग्रेट…… उम्म्म्ममममममममममममममममममममम….. कितना मज़ा आ रहा है…..सुक्ककककक इट….. मोम …… काश मेरा कोई भाई भी होता……उस से भी चुस्वा लेती….चुदवा लेती…..अहह……..’’
सच में , इस बात का तो रजनी को भी पिछले कुछ दिनों से मलाल हो रहा था….
कि काश उसका कोई जवान बेटा होता…
जिसके कड़क लॅंड को वो अपनी चूत में लेती…
उसे चूसती …
उस से अपने मोठे मुम्मे चुस्वाति……
हाय ….जिनके लड़के होते है, उन्हे कितने फ़ायदे है इस बात के…
घर में ही जवान लंड है…
अपने हुस्न का जादू चलाओ उनपर और उसके मज़े लो….
पर इस बात को सोचने का कोई फायदा नही था….
इसलिए उसे अपने दिमाग़ से झटक कर वो पूरी ईमानदारी से अपनी बेटी की चूत चुसाई करने लगी….
और जल्द ही अपनी बेटी की किलकारियाँ उसे सुनाई देने लगी…
‘’ओह म्‍म्म्मों…..आई एम कमिंग ……आआआआआआआआआअहह…… मैं आईईएयाया …..आआआआअ यययययययययययययययीी आईईईईईईईईईईईईईईईईईई’’
और इतना कहते हुए उसने ढेर सारा रज निकाल कर अपनी माँ के चेहरे पर फेंक दिया….
जिसे रजनी आइस्क्रीम की तरह चाट गयी…
[Image: 28280862f161edf168cebe729f0696ab8c948826.gif]
रजनी ने भी फिर उसे अपनी चूत को चुस्वाया और वैसे ही मज़े लिए जो उसने ईशा को दिए थे….
पर लंड का मज़ा तो लंड का ही होता है….
और इसलिए वो ईशा की बेसब्री भी समझ सकती थी…
पर अब वो पल भी जल्द ही आने वाला था जिसके लिए वो इतने दिनों से तरसी थी…
पर अभी कल के लिए तो उसने और राधिका ने एक प्लान बनाया था, जिसके बाद अब उनकी नही बल्कि राजेश की बेसब्री बढ़ने वाली थी…

अपनी बेटी को आज रात के लिए शांत करके वो अपने रूम में जाकर सो गयी….. .
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#19
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अब आगे
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अगले दिन रजनी ने राजेश के उठने से पहले ही ईशा और पिंकी को उस प्लान के हिसाब से समझा दिया…
और प्लान ये था की जो महत्त्व राजेश को इतने दिनों से दिया जा रहा था वो उस से ले लिया जाए यानी वो लोग राजेश को पूरी तरहा से अनदेखा करने वाले थे आज के दिन…
हालाँकि ईशा की रिस रही चूत इस बात की गवाही बिल्कुल नही दे रही थी की उसकी चुदाई को एक दिन के लिए और क्यो बढ़ाया जाए पर रजनी ने जब पूरा प्लान उसे समझाया तो उसे यकीन हो गया की इस तरीके से उसकी चुदाई काफ़ी धमाकेदार होगी..

खैर, राजेश की जब आँख खुली तो हर रोज की तरह उसका लॅंड खड़ा हुआ था…

रजनी उठकर किचन में काम कर रही थी…

ईशा शायद अपने रूम में सो रही होगी यही सोचकर वो ऐसे ही नंगा उठकर किचन में चल दिया…

उसका खड़ा हुआ लॅंड उसके आगे-2 चल रहा था…

रजनी ने नाईट गाउन पहना हुआ था जो काफी टाइट था , उसमे उसकी गांड और बूब्स अलग ही चमक रहे थे.


[Image: 28329011120b90a25ffd163eff814952638f5707.jpg][/url
]

उसने अपना खड़ा लॅंड सीधा लेजाकर उसकी उभरी हुई गांड से सटा दिया और उसे पीछे से अपनी बाहों में जकड़ कर उसकी गर्दन पर अपने होंठ रख दिए..

रजनी एकदम से चोंक गयी और कसमसाकर उससे छूटने का प्रयास करने लगी…

पर वो उसे चूमता रहा और अपने हाथो को उसके मोटे मुम्मो पर रखकर ज़ोर से दबा दिया…

इस बार रजनी चिल्ला ही पड़ी…

और छिटककर उससे दूर होकर खड़ी हो गयी…

उसकी आँखो मे गुस्सा सॉफ देखा जा सकता था..

रजनी : “ये क्या बदतमीज़ी है राजेश….दिमाग़ तो सही है ना तुम्हारा…जब देखो, जहाँ देखो शुरू हो जाते हो…और ये क्या, तुम ऐसे ही आ गये…नंगे….शर्म नाम की कोई चीज़ है या नही…घर में जवान बेटी है…वो देख लेगी तो क्या बोलेगी…’’

वो बोले जा रही थी और राजेश आँखे फाड़े उसके इस रूप को देखे जा रहा था.

जाहिर सी बात थी,

उसके साथ पिछले कुछ दिनों से एक राजा की तरहा व्यवहार हो रहा था उसे अचानक इस तरह से खरी खोटी सुनाई जा रही थी जो उसकी समझ से परे था…

और वैसे भी, शेफाली के हार वाले वाक्ये से पहले भी रजनी ने इस तरह से उससे बात नही की थी …

ऐसे डांटा नही था उसे…

इसलिए उसका आश्चर्यचकित होना स्वभाविक था.

और सबसे बड़ी बात, ईशा के घर पर होने के बावजूद उसने पिछले कुछ दिनों में उसे किसी भी बात के लिए मना नही किया था…

उल्टा शेफाली की आत्मा का चमत्कार दिखाकर वो उन बातो को भी अनदेखा कर रही थी जिसमें वो अपनी बेटी के साथ सो रहा था या उसके अर्धनग्न बदन को निहार रहा था…

अब एकदम से उसे ईशा का डर क्यों सताने लगा भला…

कही वो अपने नाटक से भटक तो नही गयी…

क्योंकि उसकी डाइयरी में जो लिखा था उसके अनुसार तो उन्हे मिलकर राजेश को शेफाली की आत्मा का चमत्कार दिखाकर उसे हर तरह की छूट देनी थी.

खैर, राजेश को लगा की शायद उसका मूड किसी और बात पर खराब है, इसलिए वो चुपचाप अपने कमरे में गया और नहा धोकर ही बाहर निकला…

हॉस्पिटल जाने के लिए उसने अपने कपड़े भी पहन लिए थे…

बाहर आकर देखा तो नाश्ता टेबल पर लग चुका था, रजनी के चेहरे पर गुस्सा अभी तक बरकरात था, वो उसकी तरफ ढंग से देख भी नही रही थी..

उसने माहौल को हल्का करने के लिए रजनी की तारीफ कर दी..

राजेश : “अर्रे वाह , आलू के पराँठे..माय फ़ेवरेट…’’

पर उसने फिर भी मुड़कर नही देखा…

खैर, वो नाश्ता करने लगा…

तभी बाथरूम से कपड़ो की बाल्टी लेकर पिंकी निकली, जो कपड़ो को बाल्कनी में सूखने के लिए डालने जा रही थी…

राजेश ने उसे देखकर आँख मार दी…

बस, उसे लगा जैसे उसने जिंदगी की बहुत बड़ी ग़लती कर दी हो…

पिंकी ने कपड़ो की बाल्टी वहीं पटकी और ज़ोर-2 से चिल्लाने लगी

‘’हाय दैयया….साब कितने बेशरम हो गये है….अपनी जोरू के सामने ही मेरे को आँख मारते है…क्या जमाना आ गया है रे …देखने में कितने शरीफ है..उपर से डॉक्टर है…पर हरकत देखो..हमारे मोहल्ले के आवारा लड़को जैसी….गंदी नज़र….’’

उसकी बाते सुनकर रजनी भी वहां आ गयी और उसे बड़ी मुश्किल से चुप करवाया…

और फिर राजेश की तरफ देखकर वो भड़कते हुए बोली : “हो क्या गया है आपको…दिमाग़ खराब हो गया है क्या…कामवाली को भी नही छोड़ रहे अब…इतने नीच कैसे हो गये…’’

राजेश की तो समझ मे कुछ नही आया की हो क्या रहा है उसके साथ…

कल जो पिंकी उसके लॅंड को अंदर लेकर चीखे मार रही थी वही आज उसके आँख मारने पर उतनी ही ज़ोर से चीख रही है….

और रजनी को क्या हो गया है, वो भी तो उसके लॅंड के पीछे पागल सी हुई पड़ी थी और अब उसके हाथ लगाने से भी परेशानी हो रही है उसे ..

उपर से वो पिंकी का साथ भी दे रही है.


राजेश का दिमाग़ चकरा रहा था, इसलिए उसने वहां से निकलने में ही भलाई समझी…



जाते हुए वो ईशा के रूम में गया जो अभी तक बेसूध होकर सो रही थी…



उसकी शॉर्ट्स इतनी छोटी थी की उसकी जाँघो का मिलन बस कुछ ही इंच से ढका हुआ था…



उसे उसके इस रूप पर इतना प्यार आया की उसने झुकते हुए उसकी मांसल जांगो पर हाथ रखकर उसे दबाया और उसके होंठो पर एक गहरा किस कर दिया…



ये आज की सुबह की उसकी तीसरी ग़लती निकली…



चूमने के साथ ही उसकी आँखे झट्ट से खुली और वो भी उतनी ही ज़ोर से चिल्लाई जितनी ज़ोर से पिंकी चीखी थी….



इस बार फिर से रजनी भागती हुई सी अंदर आई….



ईशा हालाँकि कुछ बोली नही पर जिस तरह से वो सहमी हुई सी अपने पापा को एकटूक देखे जा रही थी वो हाव भाव बता रहे थे की राजेश ने उसके साथ जो किया है वो उसे पसंद नही आया…



रजनी के बार-2 पूछने पर भी ईशा कुछ बोली नही पर रोने का नाटक ज़रूर करने लगी…



एक बार फिर से राजेश बेचारा शर्म से पानी -2 हो गया…



पीछे मुड़कर बाहर जाने लगा तो गुस्से से घूरती हुई पिंकी की आँखे फिर से दिखी उसे…



जैसे बोल रही हो की 'ओ जानवर, अपनी बेटी को तो छोड़ देता कम से कम..'



अब और कुछ देखना राजेश के बस की बात नही थी…



उसने अपना बेग उठाया और हॉस्पिटल के लिए निकल गया तुरंत.



पिंकी ने दरवाजा बंद किया और वापिस उस रूम में आई जहाँ ईशा और रजनी बैठे थे…



तीनो ने एक दूसरे के चेहरे देखे और फिर एकसाथ सभी ठहाका लगाकर हँसने लगे…



हालाँकि तीनों की चूत कुलबुला रही थी



पर राजेश के लॅंड को ठेस पहुँचाने के बाद उसके चेहरे पर आए भाव देखकर उन्होने काफ़ी देर से जो हँसी दबा रखी थी वो अब खुलकर निकल रही थी…



वो काफ़ी देर तक हंसते रहे और फिर जब शांत हुए तो आगे क्या होगा इस विषय पर काफ़ी देर तक बातें भी करते रहे…



शाम को वैसे भी राधिका और चाँदनी ने आना था, बाकी की प्लॅनिंग उनके साथ बैठकर करनी थी..



अभी वो सब बैठकर बातें कर ही रहे थे की बाहर की बेल बाजी…



रजनी ने पिंकी को दरवाजा खोलने के लिए भेजा…



जब वो वापिस आई तो उसके चेहरे पर रहस्यमयी मुस्कान थी…



रजनी ने जब पूछा की क्या हुआ…ऐसे क्यू मुस्कुरा रही है…. कौन है बाहर…?’’



वो धारे से फुसफुसाई : “वो….वो …मेरा मरद आया है….बिरजू’’



बिरजू का नाम सुनते ही रजनी के पूरे शरीर में चींटियां सी रेंगने लगी….



पिंकी के चेहरे को देखकर सॉफ पता चल रहा था की उसने कल रात घर जाते ही बिरजू को अपनी मालकिन और उनकी इच्छा के बारे में सब बता दिया था…हे भगवान….



ये औरत पागल है क्या…



अपने पति को खुद ही बोल आई अपनी मालकिन की फॅंटेसी के बारे में ….



और वो बेवड़ा भी सुबह -2 यहाँ पहुँच गया.



रजनी (सकपकाकर बात संभालते हुए) : “ ओह्ह्ह ….अच्छा वो जो मैने कल काम बताया था , उपर पानी की टंकी की सफाई के लिए…उसी के लिए आया है क्या….’’



पिंकी ने मुस्कुराते हुए हाँ में सिर हिला दिया..



रजनी (ईशा से नज़रें चुराते हुए) “ बेटा, तुम तब तक नहा लो, पिंकी तुम्हारी हेल्प कर देगी…मैं बिरजू से उपर वाली टंकी की सफाई करवा लेती हूँ …’’



इतना कहकर वो तेज कदमों से बाहर निकल गयी.



ईशा को अपनी माँ का व्यवहार थोड़ा अटपटा ज़रूर लगा पर उसे किसी बात का शक़ नही हुआ…



बाहर निकालकर जब वो बिरजू के सामने पहुँची तो उसके दिल की धड़कन काफ़ी तेज चल रही थी….



उसके निप्पल्स गाउन के उपर से सॉफ दिखाई दे रहे थे…



रजनी को देखते ही वो सोफे से खड़ा हो गया और हाथ जोड़कर नमस्ते की उसने ….



बिरजू एक हट्टा कट्टा , मोटा और काला आदमी था..



उसकी घनी मूँछो के नीचे छुपे काले होंठ इतने मोटे थे जैसे मधुमक्खी ने काट लिया हो…



उसकी आँखो की चमक बता रही थी की वो रजनी के रसीले बदन को देखकर कितना खुश है..



रजनी : “हाँ …बिरजू…कैसे आना हुआ…’’



अब वो एकदम से तो उसे बोल नही सकती थी की चुदाई कैसे करोगे…



बिरजू भी बड़ा चालाक था, उसकी बात का जवाब उसने उतनी ही चतुराई से दिया



वो बोला : “वो पिंकी बोल रही थी की आपकी पीठ में दर्द रहता है…मैं देसी पहेलवान हूँ , मई तेल लगाकर आपकी कमर का सारा दर्द ठीक कर दूँगा..’’



कल रजनी ने पिंकी को अपने बदन की मसाज करवाकर उसे अपने जाल में फँसाया था,



शायद पिंकी ने वो बात वैसे ही जाकर अपने पति को सुना दी, तभी उसे ये आइडिया आया होगा…



रजनी चाहती तो बात को टाल मटोल करके उसे वहाँ से भगा सकती थी…



पर उसने कल ही सोच लिया था की बिरजू के मोटे और काले लॅंड को अपनी चूत में लेकर रहेगी,



हालाँकि उसने ये नही सोचा था की अगले ही दिन उसे ये मौका मिलेगा..



इसलिए जो आगे चलकर होना था वो अभी हो जाए, यही सही रहेगा.



वैसे भी सुबह से उसकी चूत में काफ़ी खुजली हो रही थी…



बिरजू से वो किसी गुलाम की तरह काम लेगी…



अपने पैर चटवाएगी..



अपनी चूत में उसकी मूँछो वाला मुँह घुस्वाकार उससे चुस्वाएगी…



और उसके मोटे लॅंड से …..



उफ़फ्फ़….



इतना सोचते ही उसकी चूत ऐसे चोने लगी जैसे किसी ने पानी के गुब्बारे में पिन मार दी हो..



वो हड़बड़ाते हुए बोली :”ठीक है….जल्दी से उपर आओ…’’



इतना कहकर वो सीढ़ियों से उपर वाले कमरे में चल दी…



बिरजू भी मुस्कुराता हुआ उसके पीछे-2 चल दिया, रजनी की मटक रही मोटी गांड देखकर उसके मुँह में पानी आ चुका था…



और उसने सोच लिया की वो उसकी गांड मारकर रहेगा.



कमरे में पहुँचकर रजनी ने उसे देखा तो बिरजू बोला : “आप कपड़े उतारकर लेट जाओ…मैं तेल गर्म करवाकर लाता हूँ पिंकी से…’’



इतना कहकर वो भागता हुआ सा नीचे चला गया…


रजनी को इस वक़्त अपने ही घर में ऐसा लग रहा था जैसे अपने प्रेमी के साथ किसी होटल रूम में आई है चुदाई करवाने के लिए..

उसने जल्दी से अपना गाउन निकाल फेंका …

पहले तो वो सोच रही थी की पेंटी और ब्रा पहने रखे, पर वो जानती थी की चुदाई तो होकर ही रहेगी, इसलिए उसने उन्हे भी निकाल फेंका…

पूरी नंगी होकर जब उसने खुद को आईने में देखा तो खुद ही शर्मा गयी…

उसका योवन गज़ब ढा रहा था..

मुम्मे मोटे होकर और भी ज़्यादा खूबसूरत लग रहे थे और निप्पल्स तो फटने की कगार पर थे…

बिरजू ने उन्हे मुँह में लेकर अगर दांतो से दबा दिया तो शायद उनमे से दूध ही फुट निकलेगा आज…

ऐसा हाल हो रहा था उनका.



[Image: 2832901266734f8379836ca68bc8b2ef7cec84e8.jpg]

फिर वो अपने बदन पर चादर बिछा कर उल्टी होकर लेट गयी….
कुछ ही देर में बिरजू तेल गरम करवाकर ले आया…
कपड़े नीचे पड़े थे, बेड पर कंधो तक नंगा बदन देखकर वो समझ गया की अंदर कुछ नहीं पहना है रजनी भाभी ने…
उसके लंड ने करवट लेनी शुरू कर दी उसी वक़्त.
वो बेड पर चड़ा और गर्म तेल हाथो में लेकर उसके कंधे पर रगड़ने लगा…
जैसे ही बिरजू के कठोर हाथ उसके रेशमी बदन पर पड़े तो उसके मुँह से सिसकारी निकल गयी…
आज तक उसने डॉक्टर का स्पर्श ही महसूस किया था…
जो एकदम डेलीकेटेड सा था…
आज पहली बार इतने कठोर हाथ उसके जिस्म का मर्दन करने चले थे….
ये सोचकर ही उसकी मुनिया ने एक बार फिर से खुशी के आँसू निकाल फेंके..
बिरजू ने टी शर्ट और एक खुला सा लोवर पहना हुआ था जिसमे से उसका लॅंड अब पूरा खड़ा होकर तन चुका था..
वो इस वक़्त रजनी की गांड के नर्म हिस्से पर बैठकर उसे तेल लगा रहा था…
रजनी भी उसके कठोर स्पर्श को महसूस करके सिसकारियां ले रही थी….
कल तक जिस इंसान का अता-पता नही था उसकी लाइफ में, उसके सामने वो इस वक़्त नंगी होकर उससे मालिश करवा रही थी….
वैसे ये बॉडी मसाज वाला आइडिया हर बार काम का सिद्ध हो रहा था उसके लिए…
वो आँखे बंद करके खुमारी की एक अलग ही दुनिया में पहुँच गयी जहाँ वो किसी रानी की तरह अपने आलीशान कक्ष मे लेटकर अपने खादिम से अपने बदन की सेवा करवा रही थी….
बिरजू के हाथ धीरे-2 नीचे खिसकने लगे और उसके जिस्म पर पड़ी चादर भी नीचे आने लगी…
इंच-2 करके उसके नंगे बदन ने बिरजू की आँखो की सिकाई करनी शुरू कर दी…
हालाँकि उसकी बीबी पिंकी का बदन भी काफ़ी गदराया हुआ था पर दूसरी औरत को हाथ लगाकर मर्द को हमेशा एक अलग ही तरह का एहसास होता है…
उसकी गहरी साँसे इतनी भारी हो चुकी थी की उनका ताप रजनी को अपनी पीठ पर गिरता हुआ महसूस हो रहा था…
धीरे-2 बिरजू ने वो चादर पूरी उतारकर फेंक दी…
अब वो किसी अप्सरा की तरह उसकी भूखी आँखो के सामने पूरी नंगी पड़ी थी…
और उसके जिन कुल्हो को देखकर वो सीडियों पर आहें भर रहा था वो नंगी गांड इस वक़्त उसकी आँखो के सामने गहरी साँसे लेती हुई पड़ी थी…
एक अलग ही तरह का नशा भी फैलने लगा था कमरे में और बिरजू को पता था की वो गंध उस मधु के छत्ते से आ रही है जो इस गांड के पीछे छुपा कर रखा है रजनी ने…
यानी उसकी चूत से…
और उस चाटते से निकल रहे शहद को पीने की कल्पना मात्र से ही उसके लॅंड ने एक जोरदार हुंकार भरी…


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उसकी वो रसीली गांड देखकर बिरजू से सब्र नही हुआ और उसने एक झटके में अपने कपड़े निकाल फेंके…
अब वो पूरा नंगा होकर उसके पीछे बैठा था…
रजनी भी जान चुकी थी की बिरजू ने कपड़े निकाल दिए है पर पता नही शर्म की कौनसी चादर थी जो वो मुड़कर देख ही नही पाई…
बस उसके मोटे और काले लॅंड की कल्पना मात्र से ही अपनी चूत को वो कॉटन की चादर पर रगड़ने लग गयी….
बिरजू ने तेल लगाकर उसकी गदराई कमर और फिर ऊँचे गांड के शिखर को जब अपने कड़क हाथो से मसला तो उसके मुँह से सिसकारियाँ ज़ोर-2 से फूट पड़ी
‘’आआआआआआआआहह……उम्म्म्मममममममममममममममममममममम……….. क्या कड़क हाथ है तेरे बिरजू…… मज़ा आ गया…..’’
बिरजू ने मन में सोचा ‘कड़क तो मेरा बहुत कुछ है…..जब वो महसूस करोगी तब देखना…’
बिरजू को तो अब भी विश्वास नहीं हो रहा था की रजनी जैसी रसीले जिस्म की मालकिन उसके सामने नंगी लेटी है,
उसने आज तक अनगिनत रंडियां चोदी थी.... 100 रूपए से लेकर 2000 वाली भी , पर ऐसी रंडी ना तो उसने आज तक देखी थी और ना ही ऐसे जिस्म वाली रंडी को चोदने के लिए उसके पास पैसे थे, कम से कम 10 हज़ार मिलेंगे इसके तो एक रात के, जो उसकी औकात से परे था , पर आज फ्री में उसे ऐसा माल चोदने को मिल रहा था इसलिए वो बहुत खुश था आज.
वो अपने हाथ उसकी कमर से लेकर उसके भरे हुए चूतड़ों तक लाकर उनकी मसाज कर रहा था…
धीरे-2 रजनी के कूल्हे अपने आप उपर की तरफ उठने लगे….
और बिरजू खिसक कर पीछे होता चला गया…..
अब हाल ये था की बिरजू रजनी के पीछे अपने घुटनो के बल बैठा था और रजनी घोड़ी बनकर अपनी गांड उसके सामने करके आँखे बंद किए गहरी साँसे ले रही थी….
बिरजू ने जब उसकी गुलाबी चूत में से झाँक रहे मोटे दाने को बाहर निकलते देखा तो उसके सब्र का बाँध टूट गया और उसने उन दोनो कुल्हों को अपने हाथों से पकड़कर अपना मुँह उसकी गांड पर चिपका दिया….
ये वो पल था जब उसकी ठंडी सिसकारी से पूरा घर गूँज उठा….


ये तो शुक्र था की उस वक़्त ईशा नहा रही थी वरना अपना माँ की ऐसी सिसकारी सुनकर वो शायद नंगी ही एक पैर से दौड़ी-2 उपर चली जाती..

अलबत्ता पिंकी को वो सिसकारी ज़रूर सुनाई दे गयी जो इस वक़्त ईशा की पीठ पर साबुन लगाकर उसे नहला रही थी…

और उसे सुनकर वो मुस्कुरा दी…

शायद वो जानती थी की उपर क्या हो रहा है….

ऐसा ही कुछ कल रात उसके साथ भी हुआ था…

जब उसने अपनी मेंमसाब् की फॅंटेसी उसे सुनाई थी…

जिसे सुनकर बिरजू रात भर उत्तेजना में भरकर उसकी भरपूर चुदाई करता रहा…

और सुबह उसके साथ ही वो यहां भी आ गया था…

वो तो बस राजेश के निकलने का इंतजार कर रहा था घर के बाहर छुपकर और जब वो गया तो तुरंत अपना कड़क लॅंड लिए घर के अंदर आ पहुँचा…

और उसके बाद की कहानी तो ऊपर चल ही रही थी.

पिंकी धीरे से बुदबुदाई ‘आज तो आप गयी मेंमसाब्…..’

और उपर हो भी ऐसा ही कुछ रहा था….

रजनी की गांड के छेद को अच्छी तरह से गीला करने के बाद बिरजू ने अपने लॅंड पर ढेर सारी थूक लगाई और उसे रजनी की गांड के छेद पर टीका दिया….

रजनी मुँह घुमा कर बोलने ही वाली थी की यहाँ नही पर तबतक तो बिरजू की बैलगाड़ी चल चुकी थी

और एक जोरदार हुंकार के साथ उसने अपनी पूरी ताक़त लगा कर अपने बेल को उसकी गांड की गुफा में धकेल दिया….

संकरी सी जगह में उस मोटे काले लॅंड को जाने में काफ़ी मुश्किल हो रही थी और उतनी ही मुश्किल रजनी को भी हो रही थी….

आज तक राजेश ने भी इतनी निर्दयता के साथ उसकी गांड नही मारी थी

पर बिरजू को देखकर लग रहा था की वो इस खेल का पुराना खिलाड़ी था

क्योंकि उसे रजनी के कराहने और चिल्लाने का भी असर नही हो रहा था...

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‘’आआआआआआआआहह नाआआआहियीईईईईईईईईईईईईईईईई बिरजू……….. बहुत दर्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड हो रहाआआआआआआआअ है यहा………………..निक्ाआलूऊऊऊओ वाहा से……आआआआआआआआआहह’’
पर वो उसकी एक नही सुन रहा था…
अपनी ही धुन में उसकी गांड के गोदाम में अपना लंड पेलने में लगा हुआ था ….
उसके लॅंड का हर प्रहार रजनी की गांड के तानपुरे में एक साथ कई राग छेड़ देता जिससे उसका पूरा शरीर झंनझना उठता
वो चीख रही थी पर वो रुका नही…..
अपना मोटा लोढ़ा उसके अंदर पेलता चला गया…
उसकी हर आहह उसके मन में एक अजीब सी ठंडक पहुँचा रही थी….
ऐसी हाइ सोसाइटी में रहने वाली भाभियों की गांड मारने को रोजाना नही मिलती…
आज इस मौके का वो अच्छी तरह से फायदा उठा रहा था….

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और जल्द ही उसके लॅंड ने संकेत देने शुरू कर दिए की अब बाढ़ आने वाली है …..
उसने रजनी को खींच कर अपनी गोद में बिठा लिया…
उसके दोनो पैरों को पकड़ कर नीचे से उसकी गांड के छेद में अपना लॅंड पेलता रहा…
और तब तक पेला जब तक उसके लॅंड ने उसकी गोल मटोल गांड में एक छोटी नहर का निर्माण करना नही शुरू कर दिया…

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तब तक रजनी भी उसके झटकों की अभयस्त हो चुकी थी और अपने शरीर के अंदर से आ रही गुलाबी तरंगो को महसूस करके उत्तेजना के चरम पर वो भी पहुँच चुकी थी..उसके हर झटके को वो मजे से झेल भी रही थी और अपनी चूत के दाने को मसलकर खुद भी अपने ओर्गास्म के करीब पहुँच रही थी
‘’आआआआआआआआआअहह बिरजू……..क्या मोटा लॅंड है रे तेरा…….कसम से……तूने तो जीवन भर के लिए मेरा छेद बड़ा कर दिया……. …..इतना मोटा लॅंड लेने के लिए तो मैं कब से तरस रही थी….आज मेरी इच्छा पूरी हुई है…..अहह, और जोर से कर ...... उम्मम्मम्मम अह्ह्ह्हह्हह ’’
और फिर उसकी गांड से रिस रिसकर ढेर सारा बिरजू का रस निकलने लगा और चूत में से उसका खुद का.
माहौल एकदम शांत हो चुका था…
दोनो गहरी साँसे लेते हुए एक दूसरे के उपर गिरकर संभलने की कोशिश कर रहे थे…
तब रजनी ने पहली बार उसके काले भूसंद लॅंड को देखा..
काले नाग जैसा ख़ूँख़ार था वो….
गांड मारने के बाद अपने ही रस में डूबकर अब सुस्ता रहा था….
उसकी नसें दूर से ही चमक रही थी….
और जिस काले लॅंड की कल्पना उसने आज तक की थी, वो उससे भी ज़्यादा निकला….
और एक अंजान सम्मोहन में बँधी रजनी का सिर खिसक-2 कर अपने आप उसके लॅंड की तरफ जाने लगा….
बिरजू के चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान आ गयी ये सोचते ही की अब ये रसीली भाभी उसके मोटे लॅंड को मुँह में लेगी….
अभी तो पूरा दिन पड़ा था…
और इस पूरे दिन में उसे क्या-2 करना है ये वो अच्छी तरह से जानता था.
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#20
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अब आगे
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रजनी की लपलपाती जीभ ने बिरजू के लॅंड को छुआ तो उसे करंट सा लगा….
बिरजू ने शायद कल्पना भी नही की थी की इतने ऊँचे घराने की औरत उसके लॅंड को चूसने के लिए इतनी बेकरार होगी….
बिरजू की आँखो में भी हवस की परछाईयाँ एकदम से उमड़ी और उसने रजनी के बाल पकड़कर अपना पूरा लौड़ा एक ही बार में उसके मुँह में घुसेड डाला…

बेचारी गुं गुं करती हुई छटपटाने लगी…
शायद उसकी साँस अटक रही थी इतना बड़ा लॅंड मुँह में लेने से…
पर उसे मज़ा बहुत आ रहा था…
इसलिए जब बिरजू ला रस से सना लॅंड उसके मुँह मे गया तो वो उसे बुरी तरह से चूसने लगी…
जैसे लॉलिपोप..
और उसकी नसों में फंसी आख़िर की चंद बूंदे भी उसने अंदर फूँक मारकर निगल डाली.

तभी दरवाजे पर एक आहट सी हुई…
बिरजू ने देखा तो उसकी बीबी पिंकी खड़ी थी…
वो उसे देखकर मुस्कुरा दिया…
उसके हाथ में ट्रे थी जिसमे बड़े से काँच के ग्लास में बादाम वाला दूध था..

रजनी ने तिरछी नज़रों से देखा की कौन है, और पिंकी को देखकर वो एक बार फिर से अपने काम में लग गयी.
पिंकी का बदन अपने सामने का नज़ारा देखकर सुलग सा उठा…
वैसे तो उसे पता था की उसका मर्द दूसरी औरतों के पास जाता है पर ऐसे उसे किसी दूसरी औरत के साथ देखने के ये पहला मौका था…
अपनी मालकिन को अपने पति के लॅंड को चूसते देखकर उसे इस वक़्त खुद मालकिन होने का एहसास हो रहा था…
कैसे ये बड़े घर की औरतें मोटे लॅंड की दीवानी होती है…
अपने ही घर में काम करने वाली औरत के पति का लॅंड वो ऐसे चूस रही थी जैसे इसी दिन के लिए पैदा हुई थी वो..
मालकिन और नौकर के अंतर को ख़त्म करते इस दृश्य ने एक अलग सा एहसास करवाया पिंकी को.

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पिंकी आगे चलकर आई और बादाम मिल्क अपने पति को देते हुए बोली : “लो जी…ये पी लो, इस से ताक़त मिलेगी….ताकि आप मालकिन की अच्छी तरह से सेवा कर सके…’’
बिरजू ने मुस्कुराते हुए वो ग्लास ले लिया और एक लंबे घूंठ के साथ वो दूध पी डाला…
उसने देखा की पिंकी की नज़रें नागिन बनकर उल्टी लेती मालकिन के जिस्म पर फिसल रही थी…
उसे देखकर बिरजू को एक ख़याल आया और वो बोला : “एक काम करो….तुम भी आओ…और नीचे से मालकिन को चूसो…तैयार करो इनकी चूत को मेरे लॅंड को लेने के लिए…’’
बिरजू की बात सुनकर रजनी का शरीर काँप सा उठा…
एक साथ दोहरे मज़े की कल्पना मात्र से ही उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया…
नीचे ईशा नहाने के बाद सो चुकी थी, इसलिए पिंकी भी खाली थी अब…
और ऐसे रसीले दृश्य को देखकर सच कहो तो उसकी चूत भी पनिया चुकी थी…
इस वक़्त उसकी चूत का हाल ये था की चाहे तो उसके पति का लंड मिल जाए या उसकी मालकिन की चूत की रगड़ ,वो दोनो से ही काम चला लेगी
पर उसके लिए पहले मालकिन की सेवा भी तो करनी पड़ेगी ना.
उसने जल्दी-2 अपने कपड़े निकालने शुरू कर दिए…
पहले साड़ी और फिर पेटीकोट और ब्लाउज़…
कच्छी वो पहनती नही थी..
और ब्रा उसकी फट चुकी थी जो फेंकने वाली हो रही थी..
इसलिए उसने उसे खुद ही फाड़ते हुए निकाल कर फेंक दिया…
एक मिनट से भी कम समय में वो जन्मजात नंगी खड़ी थी…

ऐसे मौके पर जब औरत नंगी होती है तो उसके हर रंग से वासना टपक रही होती है, यही हाल इस वक़्त पिंकी का हो रहा था…

उसके होंठ फड़फडा से रहे थे मानो जो भी पहली चीज़ मिलेगी उन्हे चूस कर पी जाएगी पूरा…चाहो वो होंठ हो, लॅंड हो या फिर चूत.
उसके स्तन पूर्ण रूप से उत्तेजना में भरकर कड़क हो चुके थे और अंदर की मांसपेशियाँ अपना मर्दन करवाने के लिए मछली की तरह मचलकर व्याकुल हो रही थी.
उसके मोटे निप्पल्स तन कर इतने कठोर हो चुके थे की उन्हे कोई उंगलियो के बीच रखकर दबा दे तो वो पानी के गुब्बारे की तरह फट पड़ते
यही हाल उसके समतल पेट का था जो गहरी साँसे छोड़ते हुए थोड़ा बाहर निकलता तो अंदर धँसी नाभि उसे तुरंत वापिस खींचकर अपने अंदर समेट लेती..
और सबसे ज़्यादा उत्तेजना तो उसकी चूत से निकल रही थी…
निकल क्या बह रही थी…
इस वक़्त उसकी चूत का हाल उस सरकारी नल की तरह था जो खराब होने के कारण लगातार बहे जा रहा था..
अपनी चूत से निकल रहे गाड़े रस को वो अपनी जाँघो पर लकीर बनकर नीचे जाते हुए सॉफ महसूस कर पा रही थी.
कुल मिलाकर उसका पूरा बदन इस वक़्त उस प्यार के खेल में डुबकी लगाने के लिए पूरा तैयार था.

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और जैसा की बिरजू ने उसे कहा था, वो रेंगती हुई रजनी के पैरों की तरफ लेट गयी और उनकी दोनो टांगो के बीच घुसकर अपना मुँह उनकी रिस रही चूत से लगाकर उसे चूसने लगी…
बिरजू का लॅंड चूस रही रजनी को जब ये एहसास हुआ की उसकी लीक कर रही चूत को ठीक करने के लिए पिंकी प्लम्बर बनकर आ गयी है तो उसकी दोनो टांगे खुद ब खुद और भी ज़्यादा फैल गयी….
लगातार दूसरे दिन वो पिंकी के होंठो को अपनी चूत पर महसूस कर रही थी…
और मानना पड़ेगा की उसके चूसने की कला की वो कायल हो चुकी थी…
शायद उसके होंठ मोटे थे
इस वजह से उन्हे अपनी चूत पर महसूस करके उसे ये एहसास मिल रहा था जैसे कोई रबड़ से बनी मशीन उसकी चूत की चुसाई कर रही है…
पिंकी के होंठ और जीभ अंदर तक जाकर उसकी चूत को पी रहे थे और बदले में रजनी भी उतनी ही ज़्यादा उत्तेजना में भरकर उसके पति का लॅंड चूस रही थी…
कुछ ही देर में पिंकी ने उसकी चूत का सारा रस चाट कर सॉफ कर दिया…
पर उसकी चूत की चिकनाहट ना ख़त्म कर पाई क्योंकि वो तो अंदर से रिस रहा था …
और वो ज़रूरी भी था क्योंकि बिरजू के मोटे लॅंड को अंदर धकेलने में इसी चिकनाहट ने बहुत बड़ी भूमिका जो निभानी थी..
नीचे का सारा काम निपटा कर पिंकी भी साँप की तरहा रेंगती हुई उपर की तरफ आ गयी …
रजनी ने थोड़ा साइड होकर उसे भी जगह दे दी और पिंकी ने उसके मुँह से थोड़ा नीचे होकर अपने पति बिरजू के लटक रहे टट्टों को चूसना शुरू कर दिया…
‘’आआआआआआआआआहह…….शाबाश……भेंन की लौड़ी ……..आज सच में मज़ा मिला है मुझे ……….चूस मेरे टट्टों को……….तू भी चूस कुतिया मेरे लॅंड को……आज जैसा मज़ा तो मुझे कभी नही मिला…’’

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एक नौकर जात इंसान के मुँह से अपने लिए कुतिया शब्द भी इस वक़्त रजनी को अपनी तारीफ जैसा लग रहा था….
लगता भी क्यों नही..
आख़िर वो चूस ही किसी कुतिया की तरह रही थी उसके लंड को….
इतने मोटे..
इतने स्वादिष्ट लॅंड को तो खा जाने का मन कर रहा था उसका…
पर अभी तो उसे चूत में भी लेना था….
और अब उससे ज़्यादा इंतजार नही हो रहा था….

वो पीछे होकर अपनी टांगे फेला कर लेट गयी….
बिरजू भी समझ गया की अब वक़्त आ चुका है…
ज़्यादा देर करना अब ठीक नही…

वो भी खिसककर आगे आया और उसकी दोनो जाँघो को पकड़कर उसकी आँखों में देखा….
जो न्योता देकर उसके लंड को अपने अंदर बुला रही थी.

बिरजू ने लॅंड का काला सुपाड़ा उसकी गोरी चूत पर रखा और उसके कुछ समझने से पहले ही एक जोरदार झटका मारकर अपना मोटा लॅंड अंदर खिसका दिया…

‘’आआआआआआआआआआययययययययययययययययययययययययययययीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई………….. मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गयी……………….’’

[Image: 28367906daa34e46299f2734fc3a4ce7baee8bfa.gif]



पिंकी भी मुस्कुरा दी अपनी मालकिन का रोना सुनकर…..
वो जानती थी अपने पति के स्टाइल को….
उसके साथ भी वो ऐसे ही करता था….
चूत चाहे गीली हो या सुखी,
एक ही झटके में लॅंड अंदर डालने का हुनर था उसके पास….
हालाँकि हर बार उसे दर्द ज़रूर होता था ऐसा करवाने में …
पर थोड़ी देर बाद उतना ही मज़ा भी आने लगता था.
और यही हाल अब रजनी का भी हो रहा था….
पहले तो उसे लगा जैसे एक बाँस का मोटा टुकड़ा उसकी टॅंगो के बीच डाल दिया है…
जो उसकी संतरे की फांको को चीरा हुआ अंदर घुसता चला गया….
पर जब 2-4 घिस्से लगवाने के बाद उसके मज़े का एहसास हुआ उसे तो एक मीठी सी सिसकारी निकली उसके मुँह से…..
आँखे खुद ब खुद बंद हो गयी….
होंठो ने फड़कना छोड़ दिया…
और गीली जीभ निकलकर उसके खुद के सूखे होंठो को गीला करने लगी….

[Image: 283679106aa1fe4a10f0dbc258c4fe8e94f46963.gif]

बिरजू ने नीचे झुकते हुए अपना पूरा भार उसके उपर डाला और अपना लंड उसकी जड़ तक घुसा कर अंदर ठोकर मारी और साथ ही साथ उसके रसीले होंठो को अपने मुँह मे लेकर ऐसे चूसने लगा जैसे ग़रीब बच्चे को सिल्क चॉक्लेट मिल गयी हो….
वो उसे बुरी तरह से नोचकर चूस रहा था….
और साथ ही साथ नीचे से अपने लंड के करारे धक्के मारकर उसकी चूत का बेंड भी बजा रहा था…
उस बेंड पर अपने शरीर की थिरकन के साथ रजनी ऐसे नाच रही थी मानो जिंदगी में पहली बार चुदाई करवा रही हो…
‘’आआआआआआआआआआआआअहह…….बिरजू…………………….क्या लॅंड है रे तेरा……मजाआाआआआआआअ आ गय्ाआआआआआआआआआ……….. उम्म्म्मममममममममममममममम….. चूत पूरी भर गयी है रे मेरी….’’

[Image: 28367905391668e9336243107ac41f3753d0299c.gif]

अपनी और अपने लॅंड की तारीफ भला किसे पसंद नही आती…
बिरजू को भी आई और उसके परिणाम स्वरूप उसने और तेज़ी से अपने लॅंड के धक्के रजनी की चूत में मारने शुरू कर दिए….
उसके हर झटके से रजनी के मोटे मुम्मे उसके खुद के ही मुँह पर आकर लग रहे थे….
ऐसी वहशिपन से भरी चुदाई उसकी राजेश ने भी नही की थी आज तक…
और इसलिए भी उसे बिरजू की ये चुदाई कुछ ज़्यादा पसंद आ रही थी.


सामने ही बिस्तर पर पड़ी पिंकी भी अपनी काले रंग की चूत को बुरी तरह से मसल रही थी….
और बुदबुदा रही थी..

‘’अहह…….क्या चोद रहा है रे बिरजू…..ऐसे मुझे तो ना चोदा तूने आज तक…..जल्दी निपटा मालकिन को….मेरी चूत की प्यास भी बुझानी है तुझे…..अहह’’

रजनी तो अपने ऑर्गॅज़म के काफ़ी करीब थी….
पहले अपनी गांड मरवाते हुए भी उसकी चूत से काफ़ी रस निकला था…
और अब भी उसकी चूत फटने के कगार पर थी….
और जल्द ही उसने अपनी दोनो टांगे बिरजू के गठीले बदन के चारों तरफ लेपेटी और अपने मुम्मे उसके गले से लगाकर उसे अपने उपर खींच लिया…..
और झड़ते हुए ज़ोर से चिल्ला उठी..

‘’आआआआआआआआआआआआआहह……. मैं तो गयी …..बिरजू………अहह…… मैं तो गयी रे…..’’

[Image: 283679049870b26fbfa4b802137b03b332fae168.gif]



बिरजू ने जब अपना तना हुआ लॅंड रजनी की चूत से बाहर खींचा तो पिंकी लपक कर उसके करीब आई और उस रस से सने लॅंड को अपने मुँह में लेकर उसे चूसने लगी…
ये उसने इसलिए किया क्योंकि उसे लॅंड चूसना पसंद था
और इसलिए भी क्योंकि उसे रजनी के जूस का स्वाद और भी ज़्यादा पसंद था…
अपने पति के लॅंड को चूसने में शायद उसे आज तक इतना रोमांच महसूस नही हुआ था जितना आज हो रहा था…
सामने गहरी साँसे ले रही रजनी उन दोनो की प्रेम लीला देखकर अपने आप को संभालने की कोशिश कर रही थी..
बिरजू के लॅंड को पूरा सॉफ करके उसने उसे बेड पर धक्का दिया और टांगे तिरछी करके उसपर चढ़ गयी…
और उसकी आँखो में देखते हुए बोली
‘’तुझे पता है ना…मुझे उपर बैठकर करवाना ज़्यादा पसंद है…’’
और फिर मुस्कुराते हुए उसने लॅंड को चूत पर टीकाया और उसपर फिसलती चलयी गयी…..
ऐसा लागास जैसे वॉटर पार्क में किसी स्लाइड से पूल में फिसल रही हो..
और फिर दोनो ने एक दूसरे के हाथ पकड़े और लय से लय मिलाकर चुदाई करने लगे…
बिरजू के झटके नीचे से उपर आ रहे थे और पिंकी के उपर से नीचे..
दोनो की चुदाई देखकर रजनी को भी काफ़ी मज़ा आ रहा था..

[Image: 28367908f5b850f27d6eec47aa33b05863b69616.gif]

और जल्द ही उस चुदाई का फल दोनो के चेहरे पर दिखाई देने लगा…
बिरजू तो दूसरी चूत मारने के कारण झड़ने के कगार पर पहुँच गया और पिंकी इतनी देर से अपनी चूत में उत्तेजना के सैलाब को दबाए रखने के बाद उसे निकालने की जल्दी में ..
और जब दोनो एक साथ झडे तो उनकी सिसकारियों ने पूरे घर को सिर पर उठा लिया…
पूरा कमरा सैक्स से भरी सिसकारियो से गूँज उठा..
‘’आआआआआआआआआअहह………बिरजू………आअह्ह्हहह…… मैं तो गयी रे…….अहह……..’’
सब कुछ शांत होने के बाद वो बिरजू के साइड में लूड़क गयी….
एक तरफ रजनी थी और दूसरी तरफ पिंकी….
और बीच में दोनो की चुदाई के बाद गहरी साँसे लेता हुआ बिरजू…
आज उसे शायद अपनी किस्मत पर विश्वास नही हो रहा था…
पर जो भी था…
आज का दिन उसका था.
बाद में वो कपड़े पहन कर बाहर निकल गया..
ऐसी मस्ती से भरी चुदाई करवाने के बाद रजनी का अंग-2 टूट रहा था…
उसने तो उठने की भी जहमत नही उठाई…
वैसे ही नंगी अवस्था में सो गयी.

[Image: 283678928a3937c1d727a98f8632b411288c3cc9.jpg]

पिंकी ने सारे कपड़े समेत कर साइड में रखे और खुद अपने कपड़े पहन कर नीचे जाकर काम करने लगी.
आज के दिन का रोमांच पूरे दिन रहने वाला वाला था
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