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11-02-2021, 03:41 PM
चेतावनी ...........दोस्तो ये कहानी समाज के नियमो के खिलाफ है क्योंकि हमारा समाज मा बेटे और भाई बहन और बाप बेटी के रिश्ते को सबसे पवित्र रिश्ता मानता है अतः जिन भाइयो को इन रिश्तो की कहानियाँ पढ़ने से अरुचि होती हो वह ये कहानी ना पढ़े क्योंकि ये कहानी एक पारवारिक सेक्स की कहानी है
अजब प्रेम की गजब कहानी --1
........♡♡♡♡♡♡............
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aaj se aa rha h update
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डिंपल, ओ डिंपल ये अवी कहाँ गया है आज उसको कहा था मैने की मेरी वर्दी मे प्रेस कर देना लेकिन मुझे कही दिखाई नही दे रही है, अरे समझ मैं नही आता कि जब उसको नही करना था तो जाकर धोबी के यहाँ से करवा लाता पर इस नालयक को आवारा गर्दि के अलावा कोई कम नही है, किसी दिन मेरे हाथ से पिट जाएगा और कुछ नही,
डिंपल- अरे पापा उसने प्रेस करके आप की ड्रेस अलमारी मे रख दी थी ये लो, आप तो बेकार मे बेचारे के उपर नाराज़ हो रहे है,
अनिल- अरे अपने इस बेचारे को समझा कि घूमना फिरना बंद करे इस बार 12थ की बोर्ड एग्ज़ॅम है अगर फैल हुआ तो कह देना कि इस घर मे आने की ज़रूरत नही है,
डिंपल- पापा हो जाएगा पास आप क्यो चिंता करते हो
अनिल- अरे क्या ना चिंता करू बड़ी मुश्किल मैं 10थ जैसे तैसे पास हुआ है और अब मैं कहता हू कि पोलीस भरती के लिए थोड़ी दौड़ धूप कर ले मैं एस पी साहेब से बात करके कोशिश कर लूँगा पर इतना नालयक है सुबह 10 बजे सो कर उठता है अब तू ही बता कौन भरती करेगा ऐसे लाड़ साहेब को, कहता है पापा मुझे नही बनना पोलीस वाला, सबसे गंदी नौकरी है वह, अब तू ही उसे कुछ समझा कमाई तो पोलीस वाले की ही खा रहा है और पोलीस की नौकरी को गंदा कहता है,
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डिंपल- ऑफ हो पापा अब वह पोलीस मे नही जाना चाहता तो ना सही कुछ और कर लेगा
अनिल- क्या खाक कर लेगा 10 मैं थर्ड डिविषन पास हुआ है और 12 पास होने के कोई ठिकाने नही है, आज कल 80-80 पर्सेंट वालो को नौकरी नही मिलती इस 40 पेसेंट वाले को कोई चपरासी भी नही बनाएगा,
डिंपल- आपकी चाइ ठंडी हो रही है जल्दी पी लो
अनिल चाइ पीते हुए अपने पेर को जूते मे डाल कर, अच्छा डिंपल मैं चलता हू दो दिन बाद इनस्पेक्षन है थाने मे जाकर देखता हू डूटी कहाँ लगी है तू अवी से कह कर मेरे बाकी के कपड़े प्रेस करवा देना, अच्छा मैं जा रहा हू और फिर अनिल घर से निकल जाता है और डिंपल गाना गुनगुनाते हुए घर के कम मे लग जाती है,
वह अपना काम ख़तम करके अपने कॉलेज जाने के लिए दरवाजे तक पहुचती है तभी मनोज नाम का लड़का भागता हुआ उसके दरवाजे के पास आकर
मनोज- हॅयन्फ्ट हुए डिंपल दीदी, डिंपल दीदी,
डिंपल-घबरा कर क्या मनोज इतना घबराया हुआ क्यो है,
मनोज- दीदी वो अवी किसी लड़के को साइकल की चैन ही चैन से बुरी तरह मार रहा है
डिंपल- घबरा कर कहाँ
मनोज- वो सामने वाले चौराहे पर
डिंपल मनोज को साथ लेकर तू चल मेरे साथ और फिर डिंपल दौड़ लगा कर वहाँ पहुचती है तब तक वहाँ कोई नही होता है,
डिंपल- कहाँ है
मनोज- दीदी अभी इसी जगह अवी मार रहा था औ एक दूसरे लड़के से पूछते हुए क्यो अभी एक लड़का यहाँ किसी को मार रहा था ना,
लड़का- हाँ मार रहा था लेकिन पोलीस की गाड़ी को देख कर भाग गया और जो मार खा रहा था वह भी उठ कर भाग गया
उसकी बात सुन कर डिंपल अपना माथा पकड़ते हुए हे भगवान क्या करू इस लड़के का, कही पापा को पता लगा तो आज अवी की खेर नही है,
डिंपल वापस घर आकर अपने आप से बाते करती हुई, कितनी देर हो रही है अभी तक खाना भी नही बन पाया और फिर आज 11:30 पर कॉलेज मे प्रॅक्टिकल भी है और उपर से इस अवी का कोई ठिकाना नही कॉलेज कह कर जाता है और फिर कही ना कही लड़ाई झगड़ा करता हुआ नज़र आता है, अगर यह इस साल 12 मे फैल हुआ तो पापा तो ज़रूर इसे घर से निकाल कर ही मानेगे, अभी कुछ देर मे ही स्वीटी भी आती ही होगी, चलो आज दाल चावल बना कर ही अवी के लिए रख देती हू पापा का तो कोई ठिकाना ही नही है वह कब आएगे और फिर डिंपल जल्दी से सब काम निपटा कर जैसे ही अपने कपड़े चेंज करने के लिए घर का गेट लगाने जाती है उसे सामने से अपनी स्कूटी मे स्वीटी आते हुए दिखाई देती है,
स्वीटी- गाड़ी खड़ी करती हुई ओ मेडम अभी तक तुम्हारा मेकप ही हो रहा था क्या आज कॉलेज जाने का इरादा नही है या फिर आज एमसी मे हो, रोज के रोज लेट आख़िर कब तक तेरे चक्कर मे मुझे भी लेट होना पड़ेगा,
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डिंपल- मुस्कुराते हुए बस दो मिनिट स्वीटी तू बैठ मैं अभी कपड़े बदल कर आती हू और स्वीटी वही चेर पर बैठ जाती है, डिंपल जल्दी से अपने कपड़े चेंज करने के बाद बाहर आती है और अपना बॅग उठाते हुए चल स्वीटी
स्वीटी- मुस्कुरा कर क्या बात है आज तो मेडम जीन्स और टीशर्त फसा कर जा रही है अगर किसी लोंडे ने तुम्हारी यह गदराई जवानी और भारी चूतादो को दबा दिया तो फिर मुझसे मत कहना
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डिंपल-मुस्कुराते हुए, क्यो तू गदराई नही है, तेरे भी चूतड़ क्या कम फैले और उठे हुए है और उपर से जद्दि की साइज़ की तेरी यह स्कर्ट ज़रा खुद को देख आधी नंगी तो वैसे ही लग रही है और उस पर तेरी मोटी-मोटी जंघे पूरी नज़र आ रही है, लड़के मुझे नही तुझे पकड़ ले तो फिर मुझसे मत कहना
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डिंपल-चिंता मत कर तेरी मुराद भी पूरी हो जाएगी जब तू फस्ना चाहती है तो तुझे कोई नही रोक सकता
स्वीटी- मेरी जान कभी-कभी उल्टा हो जाता है जो फस्ना चाहती है उसे कोई नही फसाता और जो नही फस्ना चाहती है उसे ज़रूर कोई ना कोई फसा लेता है, कही ऐसा ना हो कि मुझसे पहले तुझे ही कोई फसा ले
डिंपल- अरे डिंपल को फसाने वाला अभी तक कोई पेदा नही हुआ है
स्वीटी- अरे मेरी जान वह पेदा भी हो गया होगा और तुझे फसा भी लेगा, या तो वह अभी तक तुझसे मिला नही होगा या फिर अगर वह तुझसे मिल लिया होगा तो तेरी गदराई जवानी पर उसकी नज़र नही पड़ी होगी
डिंपल- चल ठीक है देखते है तू भी यही है और मैं भी सब पता चल जाएगा कि कौन फस्ता है और कौन नही
स्वीटी- अच्छा एक बात बता कभी तू मूठ मारती है कि नही
डिंपल-मुस्कुराते हुए स्वीटी अब बंद भी कर अपनी बकवास
स्वीटी- अरे बता ना मुझसे क्यो शर्मा रही है
डिंपल- मुस्कुराते हुए नही मैने ऐसा काम कभी नही किया,
स्वीटी- अरे कुछ तो करती होगी जब तेरा मन करता होगा
डिंपल- मुस्कुराते हुए बस ऐसे ही थोड़ा बहुत अपने हाथ से सहला लेती हू
स्वीटी- यार तू तो गजब है मैं तो जब 10 मे थी तब से ही अपने भैया और भाभी की चुदाई देख चुकी थी और तब से कई बार अपनी चूत मे ना जाने क्या-क्या ट्राइ कर चुकी हू सच जब आख़िरी मे निकलता है ना तो बहुत मज़ा आता है पता नही जब लड़को का मोटा लॅंड घुसता होगा तो कितना मज़ा आता होगा, मेरे पास तो कई सारी सेक्सी किताब भी है अगर तुझे चाहिए तो दे सकती हू
डिंपल- अपने पास ही रख अपनी किताब मुझे नही
देखना वैसे भी मेरे घर मे मेरा भाई और पापा रहते है कही किसी ने तेरी गंदी किताबो को देख लिया तो मुझे घर से ही निकल देंगे
स्वीटी- यार तू डरती बहुत है, अच्छा एक काम कर कंप्यूटर ही खरीद ले उसमे भी नेट चला कर तू मज़ा ले सकती है
डिंपल- देखा जाएगा अभी तो मुझे पढ़ने से ही फ़ुर्सत नही मिलती है उपर से पूरे घर का काम भी मुझे अकेले ही करना पड़ता है, इन सब के बाद टाइम ही कहाँ मिलता है इन सब बातो के लिए
स्वीटी- अच्छा तेरे घर मे तो दो ही बेडरूम है तू किसके साथ सोती है
डिंपल- मैं और अवी एक ही रूम मे सोते है मगर तू यह सब क्यो पूछ रही है
स्वीटी- मतलब तुझे अगर मूठ मारना हो तो तुझे बाथरूम मे ही जाना पड़ेगा तू तो अपने बेड पर पूरी नंगी होकर भी नही सो सकती है
डिंपल- क्यो तू अपने बेड पर रात को नंगी होकर सोती है क्या
स्वीटी- हाँ मैं तो कब से रोज रात को पूरी नंगी होकर ही सोती हू जब तक मैं अपनी चूत और दूध से पूरी नंगी होकर खेल नही लेती हू मुझे तो नींद ही नही आती है
डिंपल- और तू अपने भैया और भाभी के रूम मे भी झाँक कर देखती है ना
स्वीटी- हाँ मुझे उन दोनो को नंगे होकर चुदाई करते देखने मे बहुत मज़ा आता है
डिंपल- तुझे शर्म आना चाहिए ऐसी हरकते करते हुए
स्वीटी- अरे इसमे शर्म की क्या बात है, अगर तू किसी को चोद्ते हुए देखती तो ऐसी बात नही करती तू नही जानती कितना मज़ा आता है जब कोई किसी को चोद्ता है और हम अपनी चूत सहलाते हुए उन्हे चोद्ते देखते है
डिंपल- मतलब तू अपने भैया का लंड देखती है और उत्तेजित होती है
स्वीटी- अरे तो इसमे ग़लत क्या है मुझे अच्छा लगता है तो मैं देख लेती हू
डिंपल- फिर तो तुझे अपने भैया से भी चुदने का मन करता होगा
स्वीटी- देख यार मैने ऐसा कभी सोचा तो नही पर हाँ यह ज़रूर सच है की जब मैं मूठ मारती हू तो कभी-कभी मुझे अपने भैया का मोटा लंड याद आने लगता है और ऐसा लगने लगता है जैसे मेरे भैया ही मुझे नंगी करके चोद रहे हो,
डिंपल- छि तू कितनी गंदी है स्वीटी,
स्वीटी- अरे अब इसमे गंदी बात क्या है क्या किसी का लंड देखना गंदी बात है
डिंपल- किसी का लंड देखना गंदी बात नही है पर अपने बड़े भाई के लंड को सोच कर अपनी कल्पना मे चुदना गंदी बात है
स्वीटी- देख डिंपल हर इंसान की सोच समय के साथ बदल जाती है पहले मैं भी अपने भैया के बारे मे कभी ऐसा नही सोचती थी लेकिन एक दिन जब ग़लती से मैने उनका मोटा लंड देख लिया तो धीरे-धीरे मेरी सोच भी चेंज हो गई और अभी तुझे ऐसा लगता है कि यह ग़लत है हो सकता है कभी तू भी अपने भाई का लंड देख ले और तुझे उसके लंड से चुदने का मन होने लगे
डिंपल- मैं तेरी जैसी चुड़क्कड़ नही हू कि अपने भाई के लंड से ही चुद जाउ
स्वीटी- सब समय की बाते है मेरी जान वक़्त कब क्या करवा दे कोई नही जानता
डिम्पलाए- चल अब चले यहा से क्लास का टाइम हो रहा है और फिर दोनो उठ कर क्लास मे चली जाती है,
अवी- और क्या रघु भाई क्या हाल है
रघु- अरे आओ अवी भैया क्या बात है आजकल तो आपको हमारी याद ही नही आती बहुत दिनो मे हमारी दुकान पर आए हो
अवी- अरे ऐसी बात नही है रघु भाई थोड़ा बिज़ी था फिर आज सोचा कि चल के रघु भाई के यहा पान ही खा लिया जाए
रघु- तो फिर आ जाओ यहा काउंटर को थोड़ा सरका कर बैठो मैं अभी आपको बढ़िया बनारसी पत्ता बनाकर खिलाता हू
अवी- अरे रघु भाई वो सामने वाली भाभी ने आज अपनी शॉप नही खोली कही गई है क्या
रघु- मुस्कुराते हुए, आप भी ना अवी भैया जब तक उसके मतकते चूतादो को देख नही लेते आपका दिल नही लगता है,
अरे उधर देखो क्या माल जा रहा है क्या गदराई गंद है साली की
अवी- अरे रघु भाई बहुत ही मोटी गंद है उसकी तो क्या मस्त औरत है कितने साल की होगी
रघु- अरे अवी हैया होगी कम से कम 35-40 की
अवी- यार रघु भाई अपने यहा की औरतो के चूतड़ गजब भारी-भारी हो गये है बहुत ही मज़ा दे अगर चोदने को मिल
जाए तो
रघु- अपने लंड को पेंट के उपर से मसलता हुआ, मुस्कुरकर अवी भैया हमे आपकी यही बात तो सबसे अच्छी लगती है
आप 5 मिनिट के लिए भी हमारी दुकान पर आते हो तो हमारा लंड खड़ा किए बिना नही मानते हो
अवी- अरे रघु भाई तुम्हारी दुकान है ही ऐसी जगह पर कि अगर मैं यहाँ दिन भर बैठा रहू तो यहा से इतने गदराए हुए
माल निकलते है क मेरा लंड दिनभर खड़ा रहे पता नही तुम कैसे चुपचाप पान लगाते बैठे रहते हो
रघु- लो पान लो भैया हमारी तो आदत पड़ गई है, कभी-कभी तो इतने गदराए और भारी चूतादो वाली औरते दिख जाती है
की लगता है साला पेंट मे ही पानी निकल जाएगा,
रघु- अच्छा अवी भैया मैने सुना आज तुमने फिर किसी की धुनाई करदी
अवी- हा यार बहन्चोद तीन चार दिन से मेरी दीदी को लाइन मारने की कोशिश कर रहा था अब नही मा चुदायेगा अपनी जम कर बजाया है साले को आज
रघु- लेकिन अवी भैया तुम्हे कैसे पता चला कि वह डिंपल दीदी के चक्कर मे था
अवी- अरे मैं दीदी के कॉलेज मे नही पढ़ता तो क्या हुआ मेरे खबरी उसके कॉलेज मे भी मौजूद है मुझे उस कॉलेज की
हर खबर रहती है कि कब क्या हो रहा है और फिर बस इसी साल की बात है रघु भाई अगले साल से तो मैं खुद उस कॉलेज मे
चला जाउन्गा फिर देखना तुम कैसे मैया चोद्ता हू इन बहन्चोदो की
रघु- और थानेदार साहेब की ड्यूटी कहाँ लगी है आजकल
अवी- अरे पापा का क्या है उनके संबंध तो सीधे एसपी से है वह जब चाहे जहा चाहे ट्रान्स्फर भी ले सकते है या ड्यूटी भी
बदल सकते है वैसे अभी तो वह हमारे थाना क्षेत्रा के ही इंचार्ग है
अच्छा रघु भाई पान के पैसे खाते मे लिख लेना अब मैं चलता हू दीदी वेट कर रही होगी,
क्रमशः........
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गतान्क से आगे......
रघु- अरे अवी भैया आप बार-बार पैसो का कह कर हमे शर्मिंदा ना किया करो, आपसे पैसा माँगता कौन है
अवी- नही रघु भाई दोस्ती अपनी जगह और धंधा अपनी जगह होना चाहिए, ठीक है अब मैं चलता हू
रघु- अच्छा अवी भैया फिर आना
अवी- अपने घर की ओर पेदल-पेदल चल देता है और घर पहुच कर
डिंपल- आ गये लाड़ साहेब, पूरा दिन आवारा गार्दी के अलावा भी कुछ काम रहता है आपके पास
अवी- मुस्कुराता हुआ, कहाँ दीदी मैं तो ट्यूशन गया था
डिंपल- अपने चेहरे पर गुस्सा दिखाते हुए, झूठ मत बोल, तू क्या मुझे पागल समझता है, मैं सब जानती हू दिन भर
यहाँ वहाँ फिरने के अलावा और कुछ नही करता है और उपर से कॉलेज से भी गायब रहता है, और आज किसके साथ मारपीट
कर रहा था, है बोलता क्यो नही
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अवी- अरे दीदी वह तो बस ऐसे ही छोटी मोटी बात थी तुम तो बेकार परेशान हो रही हो
डिंपल- मुझे क्या करना है, जब पापा पूछेगे तब बताना उनको कि छोटी बात थी या बड़ी, वैसे भी वह तुझ पर सुबह से
ही भड़क रहे थे
अवी- क्यो अब मैने ऐसा क्या कर दिया
डिंपल- देख अवी अब बहुत मौज मस्ती कर ली तूने डिसेंबर भी ख़तम होने वाला है सिर्फ़ दो महीने है तेरी एग्ज़ॅम के
थोड़ा पढ़ ले तो कम से कम पास तो हो जाएगा, नही तो समझ ले अगर फैल हुआ तो पापा तुझे घर से ही भगा देंगे
अवी- डिंपल का हाथ पकड़ते हुए ठीक है अगर पापा भागाते है तो मैं चला जाउन्गा पर तुम्हे भी मेरे साथ चलना
होगा, क्यो कि मैं पापा के बगैर तो रह लूँगा पर तुम्हारे बिना कैसे रह पाउन्गा
डिंपल- मुस्कुराते हुए उसके गाल खींच कर चल अब ज़्यादा बाते ना बना जा जाकर हाथ मूह धो कर आ मैं तेरे लिए खाना
लगाती हू, अवी हाथ मूह धोकर आ जाता है और डिंपल सोफे के सामने नीचे आसान लगा कर अवी की थाली रख देती है और
खुद सोफे पर टिक कर अपने दोनो पेर मोड़ कर सोफे पर रख लेती है और अवी आकर उसके सामने आसान पर बैठ कर खाना
शुरू करता है फिर खाते हुए डिंपल की ओर देखता है और अचानक उसकी नज़र डिम्पल की सलवार पर पड़ती है जो उसकी
फूली हुई चूत के पास से फटा हुआ था और उसकी सफेद कलर की पेंटी उसकी चूत को फुलाए हुए साफ नज़र आ रही थी,
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अवी
एक पल के लिए उसकी दोनो जाँघो के बीच देखने लगता है और डिंपल की नज़र उसके उपर पड़ती है और वह एक दम से झुक
कर अपनी जाँघो की जड़ो मे देखती है और अपनी फटी सलवार से झाँकती उसकी फूली हुई चूत को कसे हुए सफेद पेंटी पर
पड़ती है और फिर वह जैसे ही अवी को देखती है दोनो की नज़रे मिल जाती है और डिंपल एक दम से अपनी नज़रे नीचे करती हुई
अपने पेर नीचे कर लेती है और अवी अपनी बहन के शरमाये हुए चेहरे को देख कर अपनी नज़रे वापस थाली पर लगा कर
खाने लगता है,
कुछ देर बाद अवी डिंपल को देखता है और उनकी नज़रे फिर मिल जाती है और इस बार डिंपल अपनी नज़रे हटा कर उठ कर अपनी
गदराई गंद मतकाती हुई किचन की ओर जाने लगती है और अवी अपनी एक नज़र डिंपल की कसी हुई गदराई जवानी पर मारता है
और उसकी नज़रे अपनी बहन के भारी-भारी मटकते हुए चूतादो पर पहली बार एक अलग अंदाज से पड़ती है और उसका हाथ
उसकी थाली मे ही रुक जाता है और वह अपनी दीदी के मस्ताने मटकते चूतादो को घूर-घूर कर देखने लगता है तभी
अचानक डिंपल पलट कर अवी को देखती है और उसे अपने मोटे-मोटे चूतादो को घूरता हुआ पकड़ लेती है और दोनो की
नज़रे एक बार फिर से मिल जाती है और अवी जल्दी से अपनी नज़रे नीचे करके खाने लगता है और डिंपल उसको घुरती हुई किचन
मे चली जाती है और कुछ देर बाद प्लॅट मे रोटी लेकर आती है इस बार अवी उसको आते हुए देखता है और उसकी नज़रे अपनी दीदी की मोटे-मोटे दूध को देखने लगती है डिंपल उसकी नज़रो को ताड़ जाती है और अपनी नज़रे नीचे किए हुए आकर झुकती है और उसकी थाली मे रोटी रखने लगती है, इस बार अवी बिल्कुल करीब से अपनी दीदी की कमीज़ मे से झँकते बड़े-बड़े दूध को
देखने लगता है और जैसे ही डिंपल की आँखो मे देखता है उन दोनो की नज़रे बिल्कुल करीब से मिल जाती है और डिंपल
अपने चेहरे पर थोड़ा गुस्सा दिखाती है और अवी उसकी आँखो से अपनी नज़रे हटा कर वापस उसके दूध पर एक सरसरी नज़र मारते हुए अपनी थाली की ओर देखते हुए खाने लगता है,
डिंपल जैसे ही पलट कर जाने लगती है अवी फिर से उसके भारी-भारी मटकते हुए चूतादो को देखने लगता है और डिंपल
फिर से उसे जैसे ही पलट कर देखती है अवी को अपने चूतादो को देखता हुआ पाती है और उसे गुस्से से घूर कर देखती हुई
किचन मे घुस जाती है लेकिन किचन मे घुसते ही ना जाने क्यो उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ जाती है.
डिंपल किचन से आवाज़ लगा कर अवी और कुछ लेना है
अवी- नही दीदी बस हो गया
डिंपल- एक रोटी और ला दू
अवी- नही दीदी बस
डिंपल किचन से बाहर आकर क्या बात है आज ठीक से खाना क्यो नही खा रहा है
अवी- अपनी नज़रे थाली मे ही गढ़ाए हुए बस दीदी आज ज़्यादा भूख नही है
डिंपल- अच्छी बात है और डिंपल वापस किचन मे चली जाती जाई, अवी खाना खाने के बाद वही सोफे पर बैठ जाता है और
डिंपल अपने लिए खाना लेकर अवी की जगह पर बैठ कर खाने लगती है और अवी अपनी बहन के खूबसूरत चेहरे को देखने
लगता है और अपने मन मे सोचने लगता है- दीदी कितनी खूबसूरत और जवान दिखती है, आज तक मेरी नज़र दीदी के इस मनमोहक हुस्न पर पड़ी क्यो नही, कितने सुंदर गाल और होंठ है और दीदी की आँखे कितनी खूबसूरत और नशीली है जब
दीदी ने गुस्से से मुझे अपनी नशीली आँखो से देखा था तब एक दम से दीदी का चेहरा देख कर मेरा तो लंड खड़ा सा हो
गया था, एक अलग ही कशिश है दीदी की आँखो मे, कितनी प्यारी है दीदी को देख कर तो मुझे ऐसा लगता है कि उसे अपनी गोद
मैं बैठा कर उसे खूब प्यार करू, उसके पूरे चेहरे को, होंठो को पागलो की तरह चुमू, कितनी सुंदर और सेक्सी है मेरी
दीदी,
डिंपल- क्या देख रहा है अवी इस तरह मुझे घूर कर
अवी- अपने ख्यालो से एक दम से बाहर आता हुआ, कुछ नही दीदी, देख रहा हू कि आप कितनी जल्दी-जल्दी खा रही हो लगता है
आपको बहुत भूख लगी थी,
डिंपल- मुस्कुराते हुए हाँ रे, आज सुबह दाल चावल बना कर चली गई थी और खाना भी नही खाया था फिर कॅंटीन मे
ही थोड़ा बहुत नाश्ता किया इसलिए इस वक़्त तक तो मेरे पेट मे चूहे कूदने लगे थे, तभी डिंपल को थस्का लग जाता है
और वह खांसने लगती है और अवी दौड़ कर किचन से पानी लेकर आता है और डिंपल को दे देता है और डिंपल पानी पी कर
मुस्कुराते हुए, क्या बात है आज बड़ी सेवा कर रहा है अपनी दीदी की
अवी- दीदी मे आपकी किसी भी काम मे कोई हेल्प नही करता हू ना और दिन भर आवारा जैसे घूमता रहता हू, लेकिन कल से मे
आपकी सभी काम मे हेल्प किया करूँगा
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डिंपल- रहने दे रहने दे, मैं सब जानती हू अभी मीठा बोल कर सुबह फिर से गोल हो जाएगा
अवी- नही दीदी अब मैं अपनी बात से नही फिरँगा
डिंपल- ठीक है देख लेंगे तू भी यही है और मैं भी
तभी दरवाजे पर दस्तक होती है और अवी जाकर दरवाजा खोलता है तो सामने उसके पापा अनिल खड़े हुए थे
अवी- रास्ता देता हुआ एक तरफ हो जाता है
अनिल- क्यो रे डिंपल कहाँ है
अवी- पापा वो किचन मे है
अनिल- सुन अवी डिंपल से बोल मेरा खाना पॅक कर दे मेरी रात को 8 बजे से गस्ट मे ड्यूटी लगी है अब मैं सुबह 6 बजे तक ही आउन्गा, और तुझसे कुछ काम बोला था किया
अवी- कौन सा काम पापा
अनिल- नालयक पढ़ाई लिखाई मे तो बेकार है ही अब मक्कारी भी करने लगा है, तुझसे अपनी सभी ड्रेस पर प्रेस करके
रेडी करने का कहा था किया
अवी- अरे पापा वो तो मैने कल ही रेडी कर दी है
अनिल- शाबाश अब उनको मेरी पेटी मे जमा कर रख देना परसो सुबह इनस्पेक्षन है समझे
अवी- ओके पापा
अवी- पापा एक बात कहु एक मिनिट पहले मैं दीदी को आपका खाना पॅक करने का कह दू और फिर अवी किचन मे जाकर दीदी वो
डिंपल- मैने सुन लिया है अवी मैं कर रही हू बस 5 मिनिट
अवी- पापा आपका खाना पॅक हो रहा है, पापा वो मैं एक बात कहना चाहता था
अनिल- क्या बात
अवी- पापा क्या हम एक बाइक खरीद ले
अनिल- क्यो क्या ज़रूरत है बाइक की
अवी- पापा बहुत सारे काम पड़ते है जिसके लिए बार-बार पेदल ही भागना पड़ता है
अनिल- मतलब अभी तक तू पेदल आवारा घूमता था अब तुझे बाइक से घुमाऊ
अवी- पापा प्लीज़
अनिल- ठीक है एक शर्त पर तुझे बाइक ला सकता हू मुझे तू 12थ पास होकर दिखा दे
अवी- खुस होते हुए पक्का पापा
अनिल- एक दम पक्का
तभी डिंपल अंदर से अपने पापा का टिफिन लेकर उन्हे देती हुई लो पापा आपका खाना
अनिल- थॅंक यू बेटा अच्छा अब मैं जाता हू तुम लोग अच्छे से दरवाजा लगा कर सोना और कोई बात हो तो, उफ्फ हमारे घर मे
फोन भी नही है, एक काम कर अवी कल तू एक मोबाइल खरीद ला और वह मोबाइल डिंपल के पास रहेगा उसे ज़रूरत पड़ी तो
कम से कम थाने फोन तो कर सकती है क्यो डिंपल ठीक है ना
डिंपल- मुस्कुराते ही ठीक है पापा
अवी- पापा एक मैं भी ले लू क्या
अनिल- क्यो तू क्या करेगा फोन लेकर
अवी- पापा कभी आपको ज़रूरत हुई तो मुझे फोन कर सकते है
अनिल- मुझे पागल कुत्ते ने काटा है जो मैं तुझे फोन करूँगा और फिर अनिल और डिंपल हस्ने लगते है और अनिल घर के
बाहर निकल जाता है
अवी- मूह बनाते हुए मेरा बाप हिटलर से कम नही है
डिंपल- उसकी पीठ पर मारती हुई शर्म नही आती अपने पापा को हिटलर कहते हुए
अवी- ओके सॉरी पर तुमने सुना दीदी मैं 12 पास हो गया तो मेरे पास मेरी खुद की बाइक होगी, फिर तो दीदी मैं तुम्हे अपने
साथ कॉलेज बैठा कर ले जाया करूँगा और तुम्हारी उस पकाऊ सहेली स्वीटी की छुट्टी
डिंपल- अरे मुसद्दी लाल सपने देखना बंद कर और पहले 12 पास होने का सोच बाइक तो बाद की बात है
अवी- दीदी आज से तुम मुझे रोज रात को 2 घंटे पढ़ाऑगी मुझे कैसे भी करके एग्ज़ॅम पास करना है
डिंपल- मैने देख लिया कि तू रोज दो घंटे पढ़ेगा
अवी- नही दीदी सच्ची तुम जल्दी से फ्री होकर आओ मैं तुम्हारा बेड पर इंतजार करता हू और अवी बेडरूम मे चला जाता है
और डिंपल मुस्कुराते हुए उसे देखने लगती है,
डिंपल सभी काम ख़तम करके टीवी देखने बैठ जाती है और अवी जब बाहर आकर उसे देखता है तो
अवी- दीदी मैं तुम्हारा वेट कर रहा हू और तुम यहा टीवी खोल कर बैठ गई
डिंपल- अच्छा बाबा आती हू और फिर डिंपल उसके पीछे-पीछे बेडरूम मे पहुच जाती है और रवि अपनी बुक लेकर उसके
पास बेड पर बैठ जाता है,
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डिंपल मूह हाथ धोकर पाउडर लगा कर आई थी जिसकी खुश्बू अवी की नाक मे जाती है और वह
डिंपल के हुस्न को देखने लगता है और डिंपल उसकी कॉपी मे केमिस्ट्री के सुत्र समझाने लगती है, अवी की नज़र अचानक
अपनी दीदी के मोटे-मोटे कसे हुए दूध पर पड़ जाती है और वह अपनी दीदी की गदराई जवानी मे खो जाता है और उसकी
कमीज़ मे से झाँकते उसके उन्नत उभारो को देखने लगता है, तभी डिंपल अपनी नज़रे उठा कर उसे देखती है और उसे
अपने मोटे-मोटे दूध देखते हुए पकड़ लेती है,
दोनो की नज़रे मिलती है और डिंपल की कातिल आँखो को देख कर अवी का मोटा लंड हरकत करने लगता है डिम्पल उसे खा
जाने वाली नज़रो से देखती है और अवी बिना डरे उसकी आँखो मे देखता रहता है, डिंपल कुछ पल बाद अपनी नज़रे नीचे
करके
डिंपल- तुझे आया समझ मे मैने क्या बताया है और फिर अवी की आँखो मे देखती है
अवी- उसकी कातिल नज़रो को देखता हुआ बस अपने होंठ हिला कर हाँ दीदी कह देता है और डिंपल
डिंपल- अब अगली स्टेप देख और ध्यान से समझ
अवी- ओके
डिंपल- उसे फिर से लिख -लिख कर समझाने लगती है और अवी की नज़रे फिर से अपनी दीदी के कसे हुए गदराए दूध पर टिक
जाती है, डिंपल पूरी स्टेप समझा कर जैसे ही उसे देखती है वह जल्दी से अपनी नज़रे कॉपी की ओर करके ओके दीदी आ गया
समझ मे,
डिंपल- उसे अपने दूध को देखते हुए देख लेती है और वही तकिये पर पीठ के बल लेटते हुए, ठीक है अब बिना देखे
मुझे करके बता
अवी- अपनी कॉपी मे लिखने की कोशिश करता है और डिंपल उसका चेहरा बड़े गौर से देखने लगती है, बीच-बीच मे अवी
अपनी दीदी के सुंदर चेहरे को देख लेता है और फिर थोड़ी देर बाद दीदी मुझे तो समझ मे नही आया
डिंपल- उसे गुस्से से देखती हुई कहाँ से समझ मे आएगा तेरा ध्यान तो कही और लगा रहता है
अवी- मुस्कुरकर कहाँ लगा रहता है
डिंपल- अपनी नज़रे इधर उधर करती हुई मैं नही जानती मुझे नींद आ रही है और डिंपल लेट जाती है
अवी- अच्छा मैं भी लेट कर पढ़ता हू और अवी अपनी बुक को अपनी दीदी की तरफ रख कर करवट ले कर अपनी दीदी की ओर मूह
करके पढ़ने लगता है, और डिंपल लेटे-लेटे उसे देखने लगती है और फिर कुछ देर बाद अपनी आँखे बंद करके सोचने
लगती है आज अवी का बिहेवियर कुछ अलग लग रहा है और पता नही यह मुझे ऐसी नज़रो से क्यो देख रहा है जबकि मैं
इसकी बहन हू
उधर डिंपल को आँखे बंद करके लेती हुए देख कर अवी डिंपल के खूबसूरत चेहरे उसके रसीले होंठो को देखता हुआ
अपने मन मे सोचने लगता है दीदी तुम कितनी खूबसूरत हो मेरा तो दिल ना जाने क्यो तुम्हे चाहने लगा है, मुझे नही
पता था कि मैं तुमसे इतना प्यार करता हू, इसका एहसास मुझे आज हो रहा है, कल से मैं तुम्हारा हर तरह से ख्याल
रखूँगा, और उसके खूबसूरत चेहरे को देखता हुआ अपने मन मे आइ लव यू दीदी, आइ लव यू, तभी डिंपल अपनी आँखे खोल
कर देखती है और उन दोनो की नज़रे मिल जाती है, एक पल के लिए दोनो एक दूसरे को देखने लगते है और फिर
डिंपल- अपने चेहरे पर गुस्सा दिखाते हुए, अवी मुझे घूर्ने की बजाय किताब मे ध्यान दे तो तेरा ही फयडा होगा
अवी- अपनी नज़रे किताब पर लगाते हुए, अपने मन मे दीदी तुमसे बड़ा फयडा अब मेरी लाइफ मे दूसरा कुछ नही हो सकता है
अवी बार-बार अपनी गर्दन उठा कर डिंपल को नही देख सकता था इसलिए वह उठ कर बैठ जाता है और किताब पर गर्दन झुका
कर अपनी नज़रो को तिरछा करके डिंपल की ओर जैसे ही देखता है उसकी नज़रे डिंपल की नज़रो से मिल जाती है और वह जल्दी से
अपनी नज़रे नीची करके वापस किताब पढ़ने लगता है और डिंपल अपना मूह दूसरी ओर घुमा कर मंद-मंद मुस्कुराने
लगती है,
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अवी जब देखता है कि डिंपल ने दूसरी और मूह कर लिया है तो अवी किताब बंद करते हुए
अवी- दीदी मेरा तो मन नही लग रहा है और तुम मज़े से सोने लगी हो
डिंपल-मुस्कुराते हुए उसकी और मूह करके अवी आख़िर तू चाहता क्या है
अवी- डिंपल को देख कर अपने मन मे, दीदी मैं तो बस तुम्हे ही देखते रहना चाहता हू
डिंपल- बोलता क्यो नही
अवी- वो दीदी, अच्छा मे पढ़ता हू पर तुम भी जागती रहो ना, तुम सोने लगती हो तो मुझे भी नींद आने लगती है
डिंपल- अच्छा रोज तो 1-1 बजे तक टीवी मे घुसा रहता था और आज जब पढ़ने को कहा तो तुझे नींद आने लगी है
अवी- दीदी तुम भी कुछ पढ़ो ना, फिर मेरा भी मन लगा रहेगा
डिंपल- अच्छा तू पढ़ मे ज़रा बाथरूम से आती हू
अवी- पर तुम क्यो जा रही हो
डिंपल- अपनी आँखे निकाल कर उसे दिखाती हुई, लोग बाथरूम क्यो जाते है
अवी- मुस्कुराता हुआ अच्छा-अच्छा ठीक है और डिंपल पलट कर जाने लगती है और अवी उसकी गदराई गंद को देखने लगता
है तभी डिंपल एक बार घूम कर उसे देखती है और उसे अपने मोटे-मोटे चूतड़ देखते हुए पाती है तो एक दम से रुक
जाती है और अवी जल्दी से अपनी नज़रे अपनी किताब मे गढ़ा देता है और डिंपल उसे घुरती हुई बाथरूम मे घुस जाती है
थोड़ी देर बाद डिंपल जब वापस आती है तो अवी लेट कर अपनी किताब पढ़ रहा था, डिंपल भी अपनी बुक उठा कर अवी के बगल
मे लेट जाती है और अवी की और मूह करके पढ़ने लगती है, डिंपल किताब पढ़ती रहती है और अवी उसके सुंदर चेहरे को
देख-देख कर उसके हुस्न की मन ही मन तारीफ करता रहता है, डिंपल जब भी नज़र उठा कर देखती है अवी को अपनी और
देखता हुआ पाती है, करीब आधे घंटे बाद जब डिंपल अवी को अपनी ओर घूरते हुए देखती है तो
डिंपल- तू मुझे घूर-घूर कर क्यो देख रहा है, आधे घंटे से बस एक ही पेज खोल कर पढ़ रहा है, क्या मेरे मूह
मे लड्डू रखे है
अवी- वो दीदी
डिंपल - क्या वो-वो कर रहा है, सच-सच बता क्यो देख रहा है मुझे
अवी- डिंपल की बात सुन कर अपनी नज़रे नीची कर लेता है
डिंपल- नीचे क्या देख रहा है बोलता क्यो नही, क्यो घूर रहा है मुझे आज दिन भर से
अवी- उसकी आँखो मे देख कर, इसलिए कि तुम मुझे अच्छी लगती हो
डिंपल- अवी की बात सुन कर एक पल उसे देखती रह जाती है और फिर रोज तो तू मुझे कभी नही देखता था फिर आज ऐसा क्या
देख लिया तूने जो दिन भर से मुझे इस तरह घूर रहा है
अवी- मैं नही जानता पर आज तुम मुझे बहुत अच्छी लग रही हो
डिंपल अवी की बात सुन कर अपना मूह फाडे उसको देखती रह जाती है और अवी अपनी नज़रे झुका लेता है
डिंपल- अपने चेहरे पर गुस्सा लाती हुई ठीक है तो तू बैठ कर मुझे देखता रह मैं अब सो रही हू और डिंपल अपनी आँखे
बंद करके लेट जाती है,
अवी कुछ देर नज़रे नीचे किए रहता है उसके बाद धीरे से डिंपल के साइड मे लेट जाता है और उसके हुस्न को अपनी नज़रो से
देखते हुए मन ही मन उसे चूमने की कल्पना करने लगता है, करीब 10 मिनिट बाद डिंपल अपनी आँखे खोल कर जैसे
ही अवी को देखती है उसकी नज़रे अवी से मिल जाती है,
डिंपल- उसके सर पर हाथ रख कर अवी तेरी तबीयत तो ठीक है ना, ऐसे पागलो की तरह आँखे फाडे मुझे क्यो देख रहा
है, चल अब अपनी आँखे बंद कर और सोने की कोशिश कर
अवी- अपनी आँखे बंद कर लेता है और डिंपल उसको देखती हुई कुछ सोचने लगती है, थोड़ी देर आँखे बंद रखने के
बाद अवी फिर से अपनी आँखे खोल कर डिंपल को देखता है और डिंपल उसको देख कर मुस्कुराते हुए
डिंपल- तूने फिर से अपनी आँखे खोल ली चल अब आँखे बंद करके सो जा
अवी- दीदी मैं अपनी आँखे भी बंद कर लेता हू तब भी मुझे तुम्हारा चेहरा ही दिखाई देने लगता है
डिंपल- अवी की बात सुन कर सोच मे पड़ जाती है और अच्छा मेरी बात सुन, तेरा क्या यह मन कर रहा है कि तू मुझे ही
देखता रहे
अवी- हाँ दीदी
डिंपल- और तुझे आँखे बंद करने पर भी मेरा ही चेहरा दिखाई देता है
अवी- हाँ दीदी
डिंपल- तो ठीक है ना तू अपनी आँखे बंद करके ही मुझे देखता रह इससे तुझे नींद भी आ जाएगी
अवी- ठीक है दीदी
डिंपल- चल अब सो जा ओके अब मैं उधर मूह कर लू
अवी- उसकी बात का कोई जवाब ना देकर खुद उसकी ओर अपनी पीठ करके दूसरी और मूह घुमा लेता है और डिंपल उसको देखती
रह जाती है और फिर डिंपल अपनी आँखे खोल कर सोचने लगती है, यह अवी को आज हो क्या गया है, यह कैसी बहकी-बहकी
बाते कर रहा है, पता नही इस लड़के का क्या होगा और फिर डिंपल अवी की ओर करवट लेकर सोने की कोशिश करने लगती है
अवी- लेटा हुआ अपने मन मे दीदी तुम समझती क्यो नही कि मैं तुम्हे कितना चाहता हू, काश मैं तुम्हे अपने सीने से
चिपका कर सुला सकता, तुम्हे छूने का मेरा बहुत दिल करता है पर तुम कुछ समझती ही नही, तुम नही जानती मैं
तुम्हारे बिना नही रह सकता हू, और बस यही सोचते-सोचते कि कैसे अपनी दीदी को अपने सीने से लगा कर जी भर कर प्यार
करू उसकी नींद लग जाती है,
सुबह अवी 6 बजे ही सो कर उठ जाता है और उठते ही अपनी दीदी का चेहरा देखता है और धीरे से बहुत डरते-डरते डिंपल
के गालो को बहुत हल्के से चूम लेता है और जब वह डिंपल को चूम लेता है तो अपने मन ही मन मे बहुत खुस हो जाता
है जैसे उसने कोई बड़ी भारी चीज़ पा ली हो उसके बाद अवी नहा धोकर कंप्लीट हो जाता है, 7 बजे जब डिंपल उठ कर अवी
को सोफे पर नहा धोकर बैठे हुए टीवी पर न्यूज़ देखते हुए पाती है तो उसको बहुत हैरानी होती है और वह अवी के पास
जाकर
डिंपल- अरे अवी आज यह सूरज पश्चिम से कैसे निकल आया, क्या बात है
अवी- डिंपल का खूबसूरत चेहरा देखते हुए, दीदी यह सब तुम्हारा ही कमाल है
डिंपल- उसे आश्चर्या से देखते हुए मैने क्या किया है
अवी- अपने मन मे मुस्कुराता हुआ, दीदी तुमने मेरा दिल चुरा लिया है अब मैं मेरा ना होकर तुम्हारा हो गया हू
डिंपल- बोल ना मैने ऐसा क्या कर दिया कि तू पूरा बदल गया
अवी- पता नही दीदी, मुझे जल्दी से चाइ पिला दो मुझे कॉलेज के लिए देर हो रही है
डिंपल- मुस्कुराते हुए क्यो नही साहेब अब तो आप जो कहो डिंपल करने को तैयार है
अवी- अपने मन मे तो क्या मेरी बाँहो मे आ सकती हो
डिंपल जल्दी से किचन मे जाकर दो कप चाइ लेकर आती है और अवी के पास बैठ कर उसे चाइ देते हुए खुद भी पीने लगती
है, अवी बिना किसी डर के डिंपल को देखता हुआ चाइ पीने लगता है और डिंपल बीच-बीच मे अवी को देख कर मुस्कुरा
देती है, अवी का दिल बस अपनी दीदी के खूबसूरत चेहरे को देख-देख कर एक अलग ही खुशी का अनुभव कर रहा था और फिर
अवी अपनी चाइ ख़तम करके
अवी- दीदी तुम कॉलेज से कितनी बजे घर आ जाओगी
डिंपल- कुछ सोच कर 4 बजे तक
क्रमशः........
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अवी- अच्छा दीदी अब मैं चलता हू और 4 बजे आपका वेट करूँगा और अवी डिंपल के पास जाता है और उसका हाथ एक बार
पकड़ कर उसकी आँखो मे देखता हुआ अपने मन मे आइ लव यू दीदी कह कर बाहर निकल जाता है,
डिंपल अवी को बिल्कुल सीरीयस चेहरा करके देखती ही रह जाती है पर उसे समझ नही आता कि आख़िर अवी इतना एक ही दिन मे
बदल कैसे गया, और डिंपल अपने आप से बाते करती हुई, आख़िर कुछ तो चल रहा है अवी के दिमाग़ मे, कुछ तो ऐसा हुआ
है जिसके कारण अवी एक दम से इतना बदल गया, पर आख़िर क्या चल रहा है अवी के मन मे, खेर जो भी है मेरा भाई
सुधर तो गया, भगवान करे अब वह ऐसा ही रहे फिर से ना बदले
दिन के 9 बज रहे थे और डिंपल अपने काम मे लगी हुई थी तभी उसके दरवाजे की डोर बेल बजती है और वह जाकर कौन
है , अरे जानेमन मैं हू स्वीटी, डिंपल दरवाजा खोल कर
डिंपल- अरे इतनी सुबह-सुबह आज तू कैसे आ गई
स्वीटी- यार घर पर मन नही लग रहा था, भैया और भाभी सुबह 7 बजे शिर्डी के लिए निकल गये है और मैं अकेली
बोर हो रही थी सो सोचा तेरे पास ही चला जाए फिर इधर से ही कॉलेज भी चल देंगे
डिंपल- आ बैठ पर तू नही गई शिर्डी, तू भी साई के दर्शन कर आती
स्वीटी- अरे यार मुझे कबाब मे हड्डी बनने का कतई शौक नही है, और वैसे भी मईन तो सिर्फ़ एक ही देवता को मानती हू
उनका मंदिर होता तो ज़रूर चली जाती
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डिंपल- क्यो तू कौन से देवता को मानती है
स्वीटी- मुस्कुराते हुए मेरे सबसे पसंदीदा भगवान कामदेव
डिंपल- उसकी बात सुन कर उसकी पीठ पर मारती हुई तू कभी नही सुधर सकती है, साली भगवान को भी नही छ्चोड़ती है
स्वीटी- सच मेरी जान मुझे तो सबसे ज़्यादा पसंद काम देव ही है सच मे कितने सेक्सी होंगे ना
डिंपल- मुस्कुराते हुए चल चुप कर और ये बता चाइ पिएगी या कुछ खाने के लिए बनाऊ
स्वीटी- अरे डार्लिंग खाने का बनाने की ज़रूरत नही है मैं तेरे लिए भी खाने का लेकर आई हू हम कॉलेज मे खा
लेंगे, बस थोड़ी-थोड़ी चाइ हो जाए तो मज़ा आ जाएगा, वैसे भी सुबह-सुबह आज कल ठंड लगने लगी है
डिंपल- अच्छा ठीक है तू बैठ मैं अभी चाइ बना कर लाती हू
स्वीटी- चल मैं भी तेरे साथ किचन मे चलती हू और फिर दोनो किचन मे आ जाती है
स्वीटी- एक बात बता डिंपल तू घर मे भी सलवार शूट मे पूरी धकि रहती है कुछ हल्के फुल्के कपड़े पहना कर
डिंपल- मुझे तेरे जैसी नंगी होकर घूमने का शौक नही है
स्वीटी- अरे यार कम से कम टीशर्त स्कर्ट या पाजामा पहन लिया कर वह सब आराम दायक होते है और तुझे भी रिलॅक्स
लगेगा
डिंपल- ठीक है इस सनडे हम शॉपिंग करने जाएगे तब तू ही अपनी पसंद के दिला देना
स्वीटी- ये हुई ना कुछ बात, अड्वान्स जमाना है जानम अड्वान्स बन कर रहा करो
स्वीटी- अरे तुझे एक बात पता है
डिंपल- क्या
स्वीटी- हमारे कॉलेज का एक लड़का कुछ दिनो से तेरे पीछे-पीछे घूम रहा था और तुझे फसाने के चक्कर मे था
लेकिन तेरे भाई को उसके बारे मे किसी ने कॉलेज मे बता दिया कि वह तेरी दीदी के बारे मे किसी से गंदी बाते कर रहा था
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तब तेरे चिकने भाई ने उसकी जम कर धुनाई कर दी
डिंपल- लेकिन तुझे किसने बताया
स्वीटी- अरे अपने कॉलेज की आरती है ना उसी को कही से पता चला था और उसने मुझे फोन करके बताया था, भाई कमाल
है तेरा भाई तो कॉलेज मे ना होकर भी तुझ पर पूरी नज़र रखता है कि कौन तेरे आजू बाजू फटक रहा है और कौन
नही, मानना पड़ेगा तेरे चिकने को बहुत ख्याल है उसे अपनी प्यारी दीदी का
डिंपल- मुझे पता था कि उसने किसी को मारा है पर यह नही पता था कि उसका कारण मैं थी
स्वीटी- भाई इससे तो यह ही पता चलता है कि तेरा भाई नही चाहता कि कोई लड़का तुझे छुए भी, कही वह ही तो तुझे
छूना नही चाहता है
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डिंपल- स्वीटी को घूर कर देखती हुई तू फिर शुरू हो गई
स्वीटी- अरे मेरी जान मैं तो मज़ाक कर रही हू
डिंपल- ले चाइ और फिर दोनो अपने-अपने कप लेकर बाहर आ जाती है और सोफे पर बैठ ते हुए चाइ की चुस्किया लेने लगती
है,
स्वीटी- यार कुछ भी कह तेरा भाई जिस दिन हमारे कॉलेज मे आ जाएगा सबसे पहले मैं ही लाइन देना शुरू कर दूँगी उसे
मुझे तो बहुत प्यारा लगता है, कितना चिकना और स्मार्ट है ना
डिंपल- खबरदार जो अपनी गंदी नज़र मेरे भाई पर डाली तो
स्वीटी- क्यो अगर मैं उसे टच करूँगी तो तुझे मुझसे जलन होगी क्या
डिंपल- अपना मूह बना कर मुझे क्यो जलन होने लगी
स्वीटी- पर तेरा चेहरा तो ऐसा ही लग रहा है
डिंपल- तू बेकार मे परेशान हो रही है जबकि मेरा भाई तो तुझे बहुत पकाऊ और बोर समझता है
स्वीटी- अरे मेरी जान जिस दिन मैने उसे अपना कसा हुआ बदन नंगा करके दिखा दिया ना उस दिन वह मुझे अपनी बाँहो मे भरने को तड़प उठेगा
डिंपल- वह तुझ जैसा गंदा नही है
स्वीटी- अच्छा क्या वह लड़कियो के दूध और गंद को नही देखता है
डिंपल- बिल्कुल नही
स्वीटी- ठीक है मैं भी तुझे दिखा दूँगी कि वह भी लड़कियो को अपनी बाँहो मे भर कर मसल्ने के लिए कितना बेकरार
है
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डिंपल- मैं अपने भाई को तुझ से ज़्यादा जानती हू, वह थोड़ा शरारती ज़रूर है पर उसमे ऐसे गुण नही है
स्वीटी- अच्छा कभी उसकी नज़रो को देखना कि वह तेरे कौन-कौन से अंगो को चाहत भरी नज़रो से देखता है
डिंपल- अब चुप भी कर तू एक बार शुरू हो जाती है तो चुप होने का नाम ही नही लेती है, चल मैं नहा कर आती हू तू
आराम से टीवी देख और फिर डिंपल नहाने जाने लगती है
स्वीटी- उसे पीछे से पुकारती हुई, मुस्कुरकर पूरी नंगी होकर नहाना जान बहुत मज़ा आएगा
डिंपल- मुस्कुरकर मैं तेरे जैसी बेशरम नही हू और बाथरूम मे घुस जाती है और स्वीटी टीवी ऑन कर लेती है
थोड़ी देर बाद डिंपल नहा कर बाहर आ जाती है और वह सिर्फ़ अपने बदन पर एक वाइट कलर का टॉवेल लपेटे रहती है
उसे देख कर
स्वीटी- अरे वाह डिंपल तू तो बहुत सेक्सी है, पता नही ऐसे कपड़े पहन कर अपने हुस्न को क्यो छुपा लेती है, सनडे को
मैं तुझे ब्यूटी पार्लर ले जाउन्गि और फिर देखना तेरा हुस्न किस कदर लोगो की नींद उड़ा देगा
डिंपल- मुस्कुरा कर तू ना जाने क्या-क्या करवाना चाहती है मुझसे, चल मैं बस 10 मिनिट मे रेडी होकर आती हू फिर
हम चलते है
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स्वीटी- यार मैं टीवी से बोर हो रही हू क्या मैं तेरे बेडरूम मे लेट जाउ,
डिंपल- तेरा घर है जो मर्ज़ी हो कर
डिंपल अपने बाल सवारने लग जाती है और स्वीटी उसके बेड पर जाकर आराम से लेट जाती है तभी उसे सामने टेबल पर अवी की
तस्वीर नज़र आती है और वह उस तस्वीर को उठा कर देखने लगती है और तभी डिंपल भी वहाँ आकर अपनी जीन्स और
टीशर्त पहन कर उसके पास बैठ कर बाल संवारती हुई
डिंपल- कैसे घूर कर मेरे भाई को देख रही है खा जाएगी क्या
स्वीटी- एक बात काहु डिंपल तेरा भाई जितना सीधा दिखता है उतना होगा नही, इसकी आँखे देख ऐसा लगता है जैसे कितना
सब चीज़ो के बारे मे जानता हो यह बहुत चालू लगता है
डिंपल- बड़ी आई फेस रीडर, अब तू इतनी होशियार तो नही है कि किसी की आँखे देख कर उसके बारे मे जो चाहे कह दे
स्वीटी- नही मैं तो बस अंदाज़ा लगा रही थी, वैसे इसकी बॉडी और फेस दोनो ही खूबसूरत है पता नही किस खुशनसीब को
अपनी बाँहो मे भर कर उसका रस पिएगा
डिंपल- उसके हाथ से तस्वीर छुड़ा कर, कही तू मेरे भाई को देख कर अपना रस मत छ्चोड़ देना
स्वीटी- क्यो तू अपने भाई को देख कर रस छ्चोड़ने लगती है क्या
डिंपल- चुप कर स्वीटी तू तो बहुत ही बदमाश है
स्वीटी- अच्छा तुम दोनो इसी बेड पर सोते हो ना
डिंपल- हाँ क्यो
स्वीटी- फिर तो रात को वह तुझसे पूरा चिपक कर सोता होगा ना
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