20-01-2021, 02:39 PM
मुझे सेक्स कहानियां पढ़ना बहुत पसन्द हैं। मेरे साथ भी ऐसी ही कुछ घटना हुई थी तो मैंने सोचा कि उसे आप लोगों को अपनी कहानी के माध्यम से बताऊं.
वही वाकया मैं आपके साथ साझा करने जा रहा हूं.
यह देसी फुद्दी की चुदाई कहानी सत्य घटना पर है जो कि मेरे और मेरी भाभी के बीच हुई थी.
ज्यादा पुरानी बात नहीं है. 6-7 महीने पहले की घटना है.
आगे बढ़ने से पहले मैं आपको भाभी के बारे में थोड़ा बता देता हूं।
उनका नाम रीना है और उम्र 25 साल है. रंग की थोड़ी सांवली है मगर फिगर ऐसा कि किसी भी हालत खराब कर सकता है. गोल गोल चूचियां और बाहर की ओर उठी हुई गांड. चलते हुए जब भाभी के दोनों कूल्हे आपस में रगड़ खाते हैं तो अच्छे अच्छे लंड आहें भरने लगते हैं.
बात तब की है जब मैं रायपुर से गांव गया था बड़े पापा के यहाँ। उनके घर में बड़े पापा, बड़ी मम्मी और भैया-भाभी और उनके 2 बच्चे रहते हैं.
उनकी ननद यानि कि मेरी छोटी बहन पढ़ाई करने के लिए घर से बाहर शहर में रहती है।
घर गया तो भैया और भाभी घर में थे; बड़े पापा और बड़ी मम्मी कहीं काम से बाहर गए हुए थे और उनके बच्चे कॉलेज गए हुए थे।
मैं रीना भाभी को बहुत पहले से ही चोदना चाहता था. बहुत बार मैंने भाभी के नाम की मुठ भी मारी हुई थी।
मुझे कभी मुझे ऐसा मौका नहीं मिला था कि मैं भाभी को चुदाई के लिए मना सकूं।
उनकी मेरे साथ अच्छी बनती थी. वो मेरे से बहुत घुल मिल गयी थी. हम दोनों के बीच बहुत मस्ती मजाक होता रहता था। वो मुझसे हमेशा ही खुश रहती थी. मैं भी जैसे भाभी की हंसी का दीवाना था.
फिर वो दिन आ ही गया जिस दिन मैंने भाभी को जमकर चोदा।
उस दिन बड़े पापा और बड़ी मम्मी को किसी जरूरी काम से शहर जाना था।
संयोग से उसी दिन भैया को एक रिश्तेदार के यहां जाना पड़ा.
कहने मतलब कि उस दिन घर में केवल मैं और भाभी ही रहने वाले थे.
मेरे मन में पहले से ही गुदगुदी हो रही थी ये सोचकर कि भाभी पूरा दिन घर में अकेली रहेगी. मैं भाभी की चुदाई के सपने देखने लगा था.
फिर उस दिन दोपहर में कॉलेज से आने के बाद उनका बेटा अपने दादा-दादी के साथ चला गया.
उनकी बेटी हमारे साथ ही रह गयी. वो अभी बहुत छोटी थी. उसको दुनियादारी की फिक्र नहीं थी.
तो फिर सबके जाने के बाद घर में मैं, रीना भाभी और उनकी छोटी बेटी ही बच गये थे.
दिन बड़ी मुश्किल से गुजरा और किसी तरह शाम हुई. फिर हमने रात का खाना खाया और रीना भाभी बच्ची को सुलाने के लिए अपने रूम में ले गयी.
अभी रात के 8 ही बजे थे और भाभी सारा काम खत्म करने के बाद टीवी सीरियल जरूर देखा करती थी.
मैं भी टीवी देख रहा था. बच्ची को सुलाने के बाद भाभी भी टीवी देखने आई.
मुझे वो थोड़ी थकी थकी लगी तो मैंने उनसे पूछ ही लिया.
मैं- क्या हुआ भाभी? आप कुछ ठीक नहीं लग रही हो? तबियत तो ठीक है न आपकी?
भाभी- क्या बताऊँ सनी … बहुत थकान हो रही है. घर का काम करते करते बहुत थक जाती हूं. कल से तबियत भी कुछ ज्यादा अच्छी नहीं है.
मैं- तो भईया को बताया क्यों नहीं?
वो बोली- अरे नहीं, वो पहले ही अपने काम में इतना व्यस्त रहते हैं. वैसे मुझे ज्यादा दिक्कत नहीं है लेकिन आज थकान ज्यादा हो रही है.
मैं- भाभी आप दवाई खाकर सो जाओ या आप अच्छे से पैर में मालिश करके सो जाओ, इससे आपको आराम मिलेगा।
भाभी- सनी तुम मेरी एक बात मानोगे?
मैं- हां भाभी, बोलो!
भाभी- क्या तुम मेरी मालिश कर दोगे?
यह बात सुनकर तो मैं अंदर ही अंदर बहुत खुश हो गया. मन कर रहा था कि अभी उन पर टूट पड़ूं.
मगर मैंने कंट्रोल रखा. मैं बोला- हां भाभी, इसमें इतना पूछने की क्या बात है?
भाभी- ठीक है, तो फिर तुम्हारे ही रूम में चलो. मेरे रूम में तो गुड़िया सो रही है. अगर आवाज से उठ गयी तो फिर और मुसीबत हो जायेगी.
मैं बोला- ठीक है. तो फिर मेरे रूम में आ जाओ आप.
इतना बोलकर भाभी उठी और हम मेरे रूम में जाने लगे.
वो बोली- ठीक है सनी, तुम चलो. मैं मालिश वाला तेल लेकर आती हूं.
जल्दी ही वो अपने रूम से तेल लेकर आ गयी.
मैंने भाभी को बेड पर लेटने को कहा.
भाभी बेड पर पेट के बल लेट गयी।
भाभी ने साड़ी पहनी थी तो मैंने उनको साड़ी पैरों पर ऊपर करने को कहा.
मेरे कहने पर उन्होंने साड़ी को घुटनों तक उठा लिया.
भाभी की चिकनी पिंडलियां मेरे सामने थीं.
मैं उनके पास बैठ गया और पैरों की मसाज करने लगा.
मालिश करवाते हुए भाभी को बहुत अच्छा लग रहा था.
दस-पंद्रह मिनट तक मैंने उनके पैरों की मसाज की. मगर वो आगे नहीं बढ़ रही थी.
फिर मैंने मसाज करना बंद कर दिया.
वो बोली- क्या हुआ? रुक क्यों गये?
मैंने कहा- पैरों की तो हो गयी है भाभी. कहीं और की मसाज भी करवानी है क्या?
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वही वाकया मैं आपके साथ साझा करने जा रहा हूं.
यह देसी फुद्दी की चुदाई कहानी सत्य घटना पर है जो कि मेरे और मेरी भाभी के बीच हुई थी.
ज्यादा पुरानी बात नहीं है. 6-7 महीने पहले की घटना है.
आगे बढ़ने से पहले मैं आपको भाभी के बारे में थोड़ा बता देता हूं।
उनका नाम रीना है और उम्र 25 साल है. रंग की थोड़ी सांवली है मगर फिगर ऐसा कि किसी भी हालत खराब कर सकता है. गोल गोल चूचियां और बाहर की ओर उठी हुई गांड. चलते हुए जब भाभी के दोनों कूल्हे आपस में रगड़ खाते हैं तो अच्छे अच्छे लंड आहें भरने लगते हैं.
बात तब की है जब मैं रायपुर से गांव गया था बड़े पापा के यहाँ। उनके घर में बड़े पापा, बड़ी मम्मी और भैया-भाभी और उनके 2 बच्चे रहते हैं.
उनकी ननद यानि कि मेरी छोटी बहन पढ़ाई करने के लिए घर से बाहर शहर में रहती है।
घर गया तो भैया और भाभी घर में थे; बड़े पापा और बड़ी मम्मी कहीं काम से बाहर गए हुए थे और उनके बच्चे कॉलेज गए हुए थे।
मैं रीना भाभी को बहुत पहले से ही चोदना चाहता था. बहुत बार मैंने भाभी के नाम की मुठ भी मारी हुई थी।
मुझे कभी मुझे ऐसा मौका नहीं मिला था कि मैं भाभी को चुदाई के लिए मना सकूं।
उनकी मेरे साथ अच्छी बनती थी. वो मेरे से बहुत घुल मिल गयी थी. हम दोनों के बीच बहुत मस्ती मजाक होता रहता था। वो मुझसे हमेशा ही खुश रहती थी. मैं भी जैसे भाभी की हंसी का दीवाना था.
फिर वो दिन आ ही गया जिस दिन मैंने भाभी को जमकर चोदा।
उस दिन बड़े पापा और बड़ी मम्मी को किसी जरूरी काम से शहर जाना था।
संयोग से उसी दिन भैया को एक रिश्तेदार के यहां जाना पड़ा.
कहने मतलब कि उस दिन घर में केवल मैं और भाभी ही रहने वाले थे.
मेरे मन में पहले से ही गुदगुदी हो रही थी ये सोचकर कि भाभी पूरा दिन घर में अकेली रहेगी. मैं भाभी की चुदाई के सपने देखने लगा था.
फिर उस दिन दोपहर में कॉलेज से आने के बाद उनका बेटा अपने दादा-दादी के साथ चला गया.
उनकी बेटी हमारे साथ ही रह गयी. वो अभी बहुत छोटी थी. उसको दुनियादारी की फिक्र नहीं थी.
तो फिर सबके जाने के बाद घर में मैं, रीना भाभी और उनकी छोटी बेटी ही बच गये थे.
दिन बड़ी मुश्किल से गुजरा और किसी तरह शाम हुई. फिर हमने रात का खाना खाया और रीना भाभी बच्ची को सुलाने के लिए अपने रूम में ले गयी.
अभी रात के 8 ही बजे थे और भाभी सारा काम खत्म करने के बाद टीवी सीरियल जरूर देखा करती थी.
मैं भी टीवी देख रहा था. बच्ची को सुलाने के बाद भाभी भी टीवी देखने आई.
मुझे वो थोड़ी थकी थकी लगी तो मैंने उनसे पूछ ही लिया.
मैं- क्या हुआ भाभी? आप कुछ ठीक नहीं लग रही हो? तबियत तो ठीक है न आपकी?
भाभी- क्या बताऊँ सनी … बहुत थकान हो रही है. घर का काम करते करते बहुत थक जाती हूं. कल से तबियत भी कुछ ज्यादा अच्छी नहीं है.
मैं- तो भईया को बताया क्यों नहीं?
वो बोली- अरे नहीं, वो पहले ही अपने काम में इतना व्यस्त रहते हैं. वैसे मुझे ज्यादा दिक्कत नहीं है लेकिन आज थकान ज्यादा हो रही है.
मैं- भाभी आप दवाई खाकर सो जाओ या आप अच्छे से पैर में मालिश करके सो जाओ, इससे आपको आराम मिलेगा।
भाभी- सनी तुम मेरी एक बात मानोगे?
मैं- हां भाभी, बोलो!
भाभी- क्या तुम मेरी मालिश कर दोगे?
यह बात सुनकर तो मैं अंदर ही अंदर बहुत खुश हो गया. मन कर रहा था कि अभी उन पर टूट पड़ूं.
मगर मैंने कंट्रोल रखा. मैं बोला- हां भाभी, इसमें इतना पूछने की क्या बात है?
भाभी- ठीक है, तो फिर तुम्हारे ही रूम में चलो. मेरे रूम में तो गुड़िया सो रही है. अगर आवाज से उठ गयी तो फिर और मुसीबत हो जायेगी.
मैं बोला- ठीक है. तो फिर मेरे रूम में आ जाओ आप.
इतना बोलकर भाभी उठी और हम मेरे रूम में जाने लगे.
वो बोली- ठीक है सनी, तुम चलो. मैं मालिश वाला तेल लेकर आती हूं.
जल्दी ही वो अपने रूम से तेल लेकर आ गयी.
मैंने भाभी को बेड पर लेटने को कहा.
भाभी बेड पर पेट के बल लेट गयी।
भाभी ने साड़ी पहनी थी तो मैंने उनको साड़ी पैरों पर ऊपर करने को कहा.
मेरे कहने पर उन्होंने साड़ी को घुटनों तक उठा लिया.
भाभी की चिकनी पिंडलियां मेरे सामने थीं.
मैं उनके पास बैठ गया और पैरों की मसाज करने लगा.
मालिश करवाते हुए भाभी को बहुत अच्छा लग रहा था.
दस-पंद्रह मिनट तक मैंने उनके पैरों की मसाज की. मगर वो आगे नहीं बढ़ रही थी.
फिर मैंने मसाज करना बंद कर दिया.
वो बोली- क्या हुआ? रुक क्यों गये?
मैंने कहा- पैरों की तो हो गयी है भाभी. कहीं और की मसाज भी करवानी है क्या?
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