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Incest भैया संग गेस्ट हाउस में कामसूत्र की पढ़ाई की
#1
भैया संग गेस्ट हाउस में कामसूत्र की पढ़ाई की
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#2
मेरे घर में डैड के बाद बड़े भाई ही हैं जोकि मुझे बन्धन में बांधे हुए है लेकिन मेरी जैसी लड़की उन्हें ही अपने जाल में फांस ली फिर तो नितिन भैया रक्षासूत्र भूल बैठे और दोनों कामसूत्र की गाथा गाने लगे, ये कैसी विडम्बना है कि भाई को बहन ने ही अपनी ओर आकर्षित कर लिया तो भाई भी मेरे सेक्सी जिस्म की ओर खींचा चला आया और दोनों शारीरिक संबंध बनाकर संभोग सुख के आदी हो गए। मैं कभी किसी लड़की से ना कहूंगी की वो अपनी आजादी के लिए भाई को ही अपने गिरफ्त में कर ले, भले ही उनके साथ सेक्स करती आईं हूं लेकिन हमेशा आत्मग्लानि महसूस होती है लेकिन ये भी तो नशा ही है और दोनों को पता है कि मेरी शादी होते ही ये सम्बन्ध आंशिक ही रह जाएगा तो कभी कभार भेंट होने पर और मौका मिलने पर ही दोनों याद को ताजा कर पाएंगे। कानपुर से लौटने के बाद सोमवार के सुबह भैया के साथ कॉलेज के लिए निकली तो भैया कुछ ज्यादा ही चिंतित लग रहे थे, मैं उनके साथ बाईक पर बैठी हुई थी तो कॉलेज गेट आने से पहले ही मैं बोली ” नितिन, अभी तुम्हारे ऑफिस में काफी टाईम है और मेरे क्लास में भी, चलो एक एक कॉफी पीते हैं ” तो नितिन बाईक को एक कॉफी शॉप पर रोका फिर दोनों अंदर गए और हम दोनों के अलावा शॉप में कोई भी नहीं था तो नितिन ने कॉफी का ऑर्डर दिया, मैं पर्पल रंग की लेगिंग्स और टॉप्स पहन रखी थी, बोली ” क्या बात है बहुत उदास लग रहे हो
( नितिन मुझे देख बोला ) अगले रविवार लड़के वाले तुम्हें देखने आ रहे हैं
( मैं नितिन को देख मुस्कुराई ) मैं कम से कम स्नातक किए बगैर शादी करने वाली नहीं, कहे देती हूं पापा को भी समझा देना ” फिर दोनों कॉफी पीने लगे और तभी नितिन बोला ” आज मेरे साथ घूमने का मन है
( मैं मुंह फेरते हुए हंसने लगी ) किधर घुमाना है डियर
( वो थोड़ा शरमाने लगा ) आज मेरे पास गेस्ट हाउस की चाभी है
( मैं ) ओह तो नितिन अब मुझे गेस्ट हाउस में रखेगा और वहां क्या क्या होगा ” फिर मैं भी भैया के साथ उनके ऑफिशियल गेस्ट हाउस जाने को तैयार हुई तो पता था कि ये दो तीन हफ्ते बाद मेरे साथ क्या करेंगे, बुर का भुजिया बनना तय था तो मुझे भी उनके लंड से खास प्यार हो चुका था। नितिन अपने गेस्ट हाउस जोकि अहमद नगर में है पहुंचने से पहले ही वाईन शॉप से जाकर व्हिस्की खरीदा तो मैं उसको बोली ” वो दवाई भी ले लेना ताकि सब कुछ सेफ रहे ” और दोनों १०:०० बजे के आसपास गेस्ट हाउस पहुंचे, जोकि काफी छोटा था उसका दरवाजा खुला फिर दोनों अंदर घुसे तो वो महज सिंगल रूम सेट सा था फिर नितिन बाईक को अंदर की ओर लाया तो मैं आराम से सैंडल खोली फिर बेड पर लेट गई। नितिन रूम में आया फिर दरवाजा बंद किया तो मैं पूछी ” चैनल गेट बंद किए की नहीं
( वो अपना जूता खोल रहा था ) इस तरह से बन्द है की किसी को भी लगेगा की लॉक बाहर से है ” और नितिन अपना कपड़ा उतार सिर्फ चढ्ढी और बनियान में था तो उसने व्हिस्की की बोतल टेबल पर रखी और बोला ” वाशरूम अंदर के रूम के साथ है तो फ्रेश हो लो ” मैं उठी फिर अंदर के रूम में गई और पहले तो अपने लेगिंग्स टॉप्स उतार दी फिर फ्रेश होकर अर्ध नग्न अवस्था में ही भाई के ओर जाने लगी, उस रूम कम् डायनिंग हॉल में पहुंची तो नितिन मुझे घूरने लगा और बोला ” कुछ ज्यादा ही चर्बी बदन पर चढ़ रही है बेबी जरा ध्यान से ” मैं उसके बगल में सोफ़ा पर बैठकर ड्रिंक्स ली और पीने लगी तो नितिन एक सिगरेट फूंकने लगा, जिया अपने भाई के करीब बैठकर उसके लंड के उभार चढ्ढी पर से सहलाने लगी तो नितिन मुझे सिगरेट बढ़ाया ” तो कितनों से आज तक चुदवा चुकी हो, जरा मैं भी तो जानूं
( मैं व्हिस्की पीते हुए सिगरेट फूंक रही थी और नितिन मेरे एक बूब्स पकड़े दबाने लगा ) वो जानकर क्या करोगे मैं तो इतना ही जानती हूं कि इस जिस्म को बस प्यार चाहिए ” और नितिन पहला ड्रिंक्स पीने के बाद मेरे पीठ पर हाथ लगाए ब्रा की हूक खोल चूचियों को नंगा कर दिया तो मैं अब खुद को सोफ़ा पर सीधे की और भाई का चेहरा चूची के पास था, जिसे वो पकड़ अपने मुंह में लिया फिर चूसने लगा तो मैं नितिन के चढ्ढी को कमर से नीचे की और व्हिस्की पीकर मस्त हो चुकी थी फिर नितिन के लंड पकड़ सहलाने लगी। नितिन २३-२४ साल का हैंडसम लड़का है जिसकी ६’० फीट की लंबाई और चौड़ी छाती किसी भी छोकरी को आकर्षित कर सकती थी तो मेरी चूची चूसता हुआ जांघों के बीच बुर पर उंगली रगड़ने लगा और मैं अब बुर की खुजली से परेशान थी ” उह उई मां कितनी गुदगुदी नितिन प्लीज़ दूध पीना छोड़ो और अब चोद ना
( वो मेरी चूची मुंह से निकालकर ) बेबी अभी तो बुर चाटना बाकी है साथ ही तुमको भी तो लौड़ा चूसना है फिर चुदाई में आनंद आएगा ” ये कहकर नितिन मेरी चूची मुंह में लिए चूसने लगा तो उसके टाईट लंड पकड़े मैं हिलाने लगी, उसकी उंगली पेंटी में घुसने को बेकरार थी लेकिन फूल साईज पेंटी पहनी हुई जिया भाई को परेशान नहीं देखना चाहती थी फिर अपनी पेंटी को कमर से नीचे की तो नितिन मेरी चूची चूस चूसकर लाल कर दिया और पैंटी मेरे पैर से निकालकर अब मेरे पैर के सामने बैठा तो मैं अपनी चूतड को सोफ़ा के किनारे किए जांघें फैला दी और नितिन फर्श पर बैठकर एक पैक बनाया फिर थोड़ा सा व्हिस्की पीकर मेरी बुर पर चुवाने लगा और मैं बेशरम लड़की की तरह बुर को सहलाते हुए फलका दी। नितिन मेरी बुर के फांक को ओंठो से चूमने लगा तो उसके बाल पर हाथ फेरने लगी और आज की क्लास भाई के गेस्ट हाउस में चल रही थी जहां मेरी बुर को चूमकर नितिन अब जीभ से चाटना शुरू किया तो मैं मस्त थी ” उह उफ़ नितिन चोद ना डियर इट्स हॉट आह ” और वो बुर को लपलप कुत्ते की तरह चाटे जा रहा था तो मैं कामग्नी की गिरफत में थी, आगे तो पूरा दिन भाई बहन के बदन के साथ खेलता रहा…..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#3
2


जिया की सच्ची दास्तान सुनकर बहनों कि चूत खुजला रही है कि नहीं? लौंडे जो मेरी शारीरिक संबंध की वाकया पढ़ रहे हैं क्या उनका लंड टाईट हो रहा था! ये तो आप लोग ही जानें लेकिन जिया तो कितनों को अपनी पिया बना चुकी है, भले ही क्लाश के दोस्त हो या खून के रिश्ते मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कारण की किस गुप्तज्ञान में लिखा है कि भाई का लंड बहन की बुर को अपवित्र कर देती है, अगर ये सच है कि हमें सामाजिक और पारिवारिक रिश्तों का सम्मान करना चाहिए तो क्या भैया संग सेक्स उनका अपमान है लेकिन जो भी हम दोनों के बारे में जानेगा वो दोनों को चरित्रहीन ही समझेगा, लेकिन क्या फ़र्क पड़ता अगर साल दो साल भाई से चुदवा ही ली तो, एक रूम में भैया किसी लड़की की कल्पना कर हस्तमैथुन करें और बगल के रूम में मैं खुद से चूत को संतुष्ट करती रहूं, मेरे समझ से गलत है। जिया सोफ़ा पर जांघें फैलाकर बैठी हुई है तो नितिन मेरी चूत चाटने के बाद चिकनी जांघ को किस्स करने लगा साथ ही मेरी बुर में एक उंगली घुसाया तो बुर को कुरेंदने लगा और मैं सिसक रही थी ” ओह मेरे राजा प्लीज़ बुर में हथौड़ा सा लंड पेलो ना क्या कुत्ते की तरह चाटे और अब उंगली डाले हो
( नितिन मुझे देख मुस्कुराया ) हां बेबी पहले तुझे गरम तो कर दूं फिर शांत करूंगा नहीं तो कहेगी की भैया में ताकत नहीं है ‘ ” और मैं शर्माकर चेहरा फेर ली फिर खुद से एक पैक बनाई और व्हिस्की पीने लगी, भैया ओंठो का चुम्बन मेरे जांघ पर दे रहे थे तो उनकी उंगली चूत में अंदर बाहर हो रही थी और मैं सेक्सी आवाज ” उह उई चाट लिया अब चोद साले उई इस आह मजा क्या अब पानी निकलने पर है ” और फिर बुर से रस निकलने लगा तो भैया अब बुर से उंगली निकाले और मेरी चूत को जीभ से चाटते हुए चूची दबाने लगे तो मेरे चूत की गर्मी चरम पर थी हालांकि थोड़ी सुस्त तो मैं पड़ चुकी थी लेकिन काम क्रिया के वक़ मेरे में जोश और जुनून सवार हो जाता था, नितिन बुर छोड़कर उठा फिर वाशरूम चला गया। मै दो पैक व्हिस्की पीने के बाद ये भूल चुकी थी कि मेरा भाई नितिन मेरे साथ सेक्स कर रहा हैं और मेरे साथ संभोग सुख भी लेगा।
नितिन उधर से आया तो साला का लौड़ा टनटन लग रहा था और मैं बेशरम की तरह उसके पास गई फिर उससे लिपटकर उसको चूमने लगी, उसका हाथ मेरे चूतड को सहलाने लगा तो मैं उसके छाती को ओंठो से चूमते हुए पूछी ” लंड चूस दूं जिया के पिया
( वो खड़े थे ) हां बेबी चूसोगी नहीं तो चोदने में मजा नहीं आएगा ” और फिर भाई के सामने पैर के बल हुई तो लंड पकड़ उसे चूमने लगी, उसके लंड की मोटाई मुझे हमेशा पहले तो दर्द देती थी फिर मजे भी, अब लंड के सुपाड़ा को ओंठ पर रगड़ते हुए उनको देखने लगी तो वो मस्त थे। जिया अब भाई का लौड़ा मुंह में लिए चूसने लगी तो उसका पूरा लंड अंदर था जिसे चूसते हुए उनके चूतड़ पर हाथ फेर रही थी और नितिन का लंड मेरे मुंह में अकड़ने लगा, सोची की सर का झटका देते हुए मुखमैथुन किया जाए लेकिन भैया तो खुद ही मेरे बाल पकड़े मुंह में लंड का धक्का देने लगे और जिया की मुख्चूदाई होने लगी और मेरे मुंह से थूक टपकने लगा फिर भी भैया के सुपाड़ा का आनंद गले तक ले रही थी, अब जोर से खांस पड़ी तो नितिन झट से लंड मुंह से बाहर निकाल दिया और मैं टेबल पर रखे पानी के बोतल लिए पानी पी ली। जिया के सामने ६-७ इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा लंड था जिसे पकड़ मैं चाटने लगी तो नितिन आहें भरने लगा ” ओह इट्स हॉट बेबी छोड़ अब चोदूंगा ” लेकिन मैं लंड पर लगे थूक को चाटते हुए मस्त थी, अब उठी और वाशरूम चली गई फिर मूतने लगी फ्रेश होकर उसी बेडरूम में बेड पर लेटी और वहीं रखे चादर ओढ़े लेटी रही, पल भर बाद नितिन उधर से आया और मुझे देख बेड पर आ गया ” ओह तो मेरे लंड के डर से यहीं रुक गई क्यों बेबी
( मैं हंस दी ) अबे साले तू तो दस मिनट मेरी बुर में टिक नहीं पाता है और चला है मर्दानगी दिखाने
( वो मेरे पैर के पास बैठा ) ओके बेबी लेकिन ये तो प्रकृति की देन है कि मर्द को ही चूत में झडना होता है, दवाई किधर है ” मैं उसे बताई की गर्भ निरोधक दवाई पर्स में है फिर भैया दवाई लेकर आए और मेरी बुर को फल्का कर उसमें घुसाने लगे, मेरी गुदाज बुर में दवाई घुसते ही मुझे थोड़ी राहत महसूस हुई आखिर इसके पिघलने से चिपचिपा तो होगा ही और चुदवाने में मजा भी अधिक तो नितिन अब मेरी कमर चूमने लगा साथ ही चूची को पकड़ दबाए जा रहे थे और इतने में मेरी मोबाईल बजने लगी ” देखूं कौन साला कुत्ता है
( भैया मोबाईल मुझे दिए ) ओह ये तो रागिनी है, साली को अभी ही फोन करना था….. बोल रागिनी……. क्लास क्या खाक आती, कानपुर आईं की माहवारी शुरू हो गया……… अब क्लास तीन चार दिन बाद से आऊंगी ” फिर नितिन मेरे बुर में लंड घुसाने लगा तो मैं जांघें फैलाए लेटी थी, उनका थोड़ा लंड अंदर गया कि वो किसी दरिंदे कि तरह मेरे कमर पकड़े जोर से चोद दिए और उनका पूरा लंड मेरी बुर में घुस गया तो मैं चिल्ला दी ” अबे साले मादरचोद रण्डी की बुर नहीं है तेरी बहन हूं आराम से चोद ना
( नितिन चोदता हुआ बूब्स पकड़ दबाने लगा ) रण्डी भी किसी की बहन होती है जिया ” और नितिन गपागप लंड पेलते हुए मेरे ऊपर सवार हुआ और उसका गधे सा लंड मेटी बुर का हाल खराब कर रहा था तो मैं व्हिस्की के नशे के गिरफ्त में चुदवाए जा रही थी और मजे भी ले रही थी फिर चुदाई जारी रही…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
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जिया बिस्तर पर नंगे लेटी हुई थी तो नितिन मेरे उपर सवार हुए दे दनादन चोदता हुआ मेरे चेहरे को चूम रहा था, मैं उसके कसरती बदन के नीचे लेटी हुई चुदवा रही थी तो अब भैया ने चुदाई की रफ्तार थोड़ी कम कर दी लेकिन ४-५ मिनट की चुदाई में ही मेरी बुर के तार ढीले पड़ गए तो बुर अब काफी गर्म थी और मैं भैया के कमर पर हाथ रख धीरे धीरे चूतड उछालने लगी तो नितिन मेरे ओंठ चूमने लगा ” कसम से मेरी जिया का पिया बहुत ही नसीब वाला होगा
( मैं चूतड उछालते हुए मस्त थी ) हां सो तो है, दर्जनों घाट का पानी जो पीकर उसके साथ सुहागरात मनाएगी ” और फिर नितिन चोदना छोड़ बुर से लंड निकाल दिया, अब मेरे जिस्म से उतर गया तो मैं राहत महसूस करने लगी। नितिन उठकर वाशरूम गया तो मुझे एक पैक पीने की इच्छा हुई और मैं एक स्ट्रॉन्ग ड्रिंक्स बनाई फिर सिगरेट सुलगाई, लेकिन नंगे ही ग्लास लिए डायनिंग हॉल की ओर चली गई तो मेरे जिस्म में आग लगी हुई थी और नितिन मेरी चुदाई करते वक़्त मेरी बुर का हाल खराब कर चुका था, मैं ड्रिंक्स लेते हुए सिगरेट फूंक रही थी कि तभी मुझे भैया ने पीछे से पकड़ लिया। जिया थोड़ी हड़बड़ा तो गई लेकिन मुड़कर भाई को देखी ” आपका हथौड़ा सा लौड़ा मेरी गान्ड में चुभ रहा है
( वो मेरी चूची को पुचकारने लगा ) गान्ड जिस दिन तुम चुदवा लोगी मैं तुम्हें मुंह मांगा इनाम दूंगा
( मैं हंस दी ) कुछ तो अपने पति के लिए रखूंगी ” फिर व्हिस्की पीकर ग्लास रख दी तो सिगरेट नितिन फूंकने लगा लेकिन मुझे वहीं पर घोड़ी बनाया, अब मेरे दोनों हाथ सामने दीवार पर थे तो चूतड उचकाए मैं जांघें फैलाकर खड़ी थी और मेरे जिस्म का अगला भाग झुका हुआ था तो पिछला हिस्सा हवा में, अब मेरी चूत में भाई लौड़ा घुसाने लगा तो उसका मूसल लंड आराम से अन्दर जा रहा था लेकिन आज नितिन कुछ अधिक ही मूड में था इसलिए कमर थामे जोर से चोद डाला और मैं चिंहुक पड़ी ” बाप रे फाड़ दिया मेरी बुर अबे कुत्ते आराम से चोद ना ” तो नितिन चोदता हुआ मेरे सीने से चिपकी चूची को पकड़ दबाने लगा और मैं पहले से ही नशे में झूम रही थी सो अपने चूतड को आगे पीछे करते हुए चुदवाने लगी। किसी भी लड़की या महिला के लिए ये अनुभूति खास होती हैं जब उसके कोमल गुदाज अंग में लौड़ा होता है तो लंड भाई का हो या किसी और का कोई फ़र्क नहीं पड़ता और भाई के साथ मैं संभोग सुख लेते हुए मस्त थी, अपने चूतड को हिलाते हुए बोलने लगी ” चोद साले चोद मुझे क्या दर्द होगा, दर्जनों लंड से कुछ नहीं हुआ तो तुम्हारा लंड मेटी बुर का क्या उखाड़ लेगा
( नितिन उग्र होकर तेजी से चोदने लगा ) हां बेबी जिस दिन चार पांच लंड से तेरी चुदाई करवाऊंगा उस दिन मर्द जात की औकात समझेगी
( मैं हंस दी ) चार पांच लौड़ा और एक बुर ये तो नाइंसाफी हुई ना, अरे सही में मर्द हो तो अकेले ही चोदकर रुला दो ” तो भैया चोदते हुए हांफने लगे और मैं आराम से खड़ी थी, पूरे बदन में गरमी भरी हुई थी तो नितिन के लंड से चूत में लहर होने लगी और तकरीबन १२-१३ मिनट से नितिन मेरी बुर चुदाई कर रहा था तो मैं उसके लंड से वीर्य की उम्मीद में मरी जा रही थी ” क्या बे रण्डी मजा आ रहा है ना अभी तो एक बार और चोदूंगा समझी
( मैं ) हां डियर लेकिन बुर तो आग की भट्टी बनी हुई है प्लीज़ अब माल झाड़ दो ” और वो १०-१२ धक्का देकर वीर्यपात कराया, मेरी बुर में गर्म चिपचिपा वीर्य झड कर उसे शांत कर दिया तो मैं अब आगे बढ़ लंड को चूत से निकाली फिर उसके लंड मुंह में लिए चूसने लगी, भैया के लंड का वीर्य चखकर मस्त हुई फिर क्या हुआ ये…..
जिया बेड पर से उठी और एक टॉवेल लिए वाशरूम चली गईं, अपने बुर को अच्छे से साफ की और फ्रेश होकर आईं तो भैया सुस्त बेड पर लेटे हुए थे और मैं अब नंगे नहीं रहना चाहती थी लेकिन मेरे टॉप्स और स्कर्ट के अलावा मेरे पास कोई दूसरा ड्रेस भी नहीं था। भैया उठे और फ्रेश होने चले गए तो मुझे अब थोड़ी थकावट महसूस हो रही थी, वक़्त सुबह के ११:०० हो रहे थे तो मैं इस सोच में थी कि यहां खाना क्या खाया जाए फिर नितिन उधर से आया तो मैं बेड पर ही एक चादर ओढ़े लेटी हुई थी, वो कमर से टॉवेल लपेटे हुए थे ” तो खाने में क्या खाना हैं
( मैं बोली ) चिकन बिरयानी और आईस क्रीम, लेकिन यहां खाना कौन लाएगा
( वो हंस दिए ) ओह सेक्सी तुम आराम से रहो ना, सब आएगा १:३० बजे का ऑर्डर कर देता हूं ” मैं हामी भर दी, नितिन अब डायनिंग हॉल चला गया तो मुझे पता था कि वो दुबारा मुझे चोदेंगे और उनकी आवाज मैं सुन पा रही थी लेकिन वो किससे बात कर रहे थे, ये मुझे नहीं मालूम। नितिन उधर से आया तो हाथ में ग्लास था जिसमें व्हिस्की थी, मुझे देख वो व्हिस्की पी रहा था तो मैं अब आराम फरमा रही थी फिर नितिन ग्लास रख मेरे बगल में लेटा और मेरे चादर को जिस्म पर से हटाने लगा तो मैं चादर कसकर पकड़े उसे हटाने नहीं दे रही थी ” ओह नितिन अभी क्या करोगे, हथौड़ा तो सुस्त होगा
( वो मेरे जिस्म पर से चादर हटाया ) बेबी, क्या योनि के आपसी संघर्ष में ही प्यार और सहवास है, और भी तो अंग हैं ” तो मैं लेटे हुए भैया के टॉवेल हटा दी, उनका लंड सुस्त तो था लेकिन पूरी तरह से मुरझाया नहीं था, समझ गई कि ये टेबलेट खाकर अपना लंड जल्दी में टाईट करने के मूड में है। नितिन मेरे बूब्स पकड़े दबाने लगा तो मैं उसके लंड देख बोली ” क्या तुम लंड खड़ा करने के लिए टेबलेट खाए हो
( नितिन झुका और चूची को पकड़ मुंह में लेने के पहले बोला ) बेबी तुम सही बोली लेकिन इससे तुमको कोई प्रॉबलम नहीं होगी ” फिर नितिन मेरे चूची मुंह में लिए चूसने लगा तो मैं उसके पीठ सहला रही थी…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
जिया की कमसिन जवानी में आग लगी हुई थी तो साल डेढ़ साल से कई लौंडे मेरे जिस्म की आग बुझा रहे थे लेकिन ये जवानी है कि कितने भी मजे ले लो कम ही लगता है, हफ्ता में तो जरूर ही अपने किसी आशिक से चुदवा लेती हूं तो मेरी जैसी सेक्सी लड़की अपने चूत की खुजली को मिटाने के लिए भाई तक को नहीं छोड़ती और भैया नितिन के गेस्ट हाउस में बिस्तर पर लेटी जिया उनसे चूची चुसवा रही थी तो मेरे बदन में थोड़ी थकावट भी थी, आज सुबह दो हफ्ता बाद क्लाश करने के लिए घर से निकली तो भैया अपने काम वासना को व्यक्त कर बैठे और मैं अब नितिन के बाल पकड़े उसके चेहरे को पीछे की, मेरी चूची मानो लाल सेब की तरह हो चुकी थी तो नितिन मेरे गाल सहलाते हुए फिर से दूसरी चूची मुंह में लिया और चूसने लगा तो मैं उसके पीठ सहलाते हुए आहें भर रही थी, सच पूछो तो फिलहाल बुर में खामोशी छाई हुई थी आखिर नितिन ने १२-१४ मिनट तक जो मुझे चोदा था और मैं अपने जांघों को आपस में रगड़ने लगी ” उह उई चूस चूस साले बहुत जल्द ही दूध भी इससे निकलेगा
( नितिन चूची मुंह से निकाला ) हां लेकिन अभ्ची देर है बेबी ” फिर वो मेरे छाती को चूमते हुए कमर की ओर बढ़ने लगा तो अब जाकर मेरी बुर में थोड़ी बहुत हलचल शुरू हुई और भैया कमर चूमकर उठे फिर मेरे चेहरे के उपर चेहरा किए ओंठ पर चुम्बन देने लगे तो जिया अपनी ओंठ उनके मुंह में डाली फिर चुसवा रही थी कि मुझे उनके लंड का एहसास हुआ, मेरे चूत पर लंड दस्तक दे चुका था कारण की नितिन मेरे ऊपर ही सवार हुए ओंठ चूसने में मस्त था फिर मेरे ओंठ छोड़ जीभ निकाला लेकिन मैं अपनी जीभ निकाल उसके मुंह में घुसाई, भैया आराम से मेरी जीभ चूसने लगे तो मैं उनके गर्दन में हाथ डालकर सर को तकिया से थोड़ा उपर की थी ताकि मेरी पूरी जीभ वो चूस सकें। मेरे खूबसूरत जिस्म पर छह लड़के सवार हो चुके थे लेकिन नितिन सेक्स में उस्ताद था, उसका लंड लंबा और मोटा था तो वो देर तक चोदने की क्षमता रखता था और अब मेरे मुंह में उसके मुंह से थूक आने लगा फिर मैं उनका चेहरा पीछे की और जीभ निकाली तो नितिन पूछा ” एक ड्रिंक्स और लोगो
( मैं हंस दी ) पता चला कि घर टल्ली होकर पहुंची हूं
( नितिन बोला ) अभी चार घंटे तो यही है फिर देखा जाएगा ” और दोनों ड्रिंक्स लेने लगे तो मैं भैया के जांघ पर नंगे बैठी थी साथ ही उनके कंधे पर हाथ रख ग्लास से उनको व्हिस्की पीला रही थी तो उसी ग्लास से मैं भी व्हिस्की पीने लगी तो नितिन सिगरेट जलाया फिर सिगरेट की कस लेते हुए बोला ” बेबी किसी दिन एक और लड़के के साथ
( मैं शरमाने लगी ) ओह यानी की दो छोकरे मेरे बुर की बत्ती जलाओगे ” और नितिन मेरे जांघ को चूमने लगा तो उसका हाथ मेरी जांघों के बीच बुर सहला रहा था, ये तो स्वर्ग है साहब इधर हर मर्द और लड़के भ्रमण करना चाहते हैं तो मेटी जांघो को चूमता हुआ नितिन बुर में एक उंगली घुसाया फिर चूत को कुरेदने लगा और मेटी बुर फिलहाल तो ड्राई थी, मैं सिसकने लगी ” उह ओह डियर प्लीज़ चाट ना मेटी बुर को उह अह मेरे चूत की खुजुली बढ़ने लगी है ” तो नितिन मेरे चूतड के नीचे तकिया लगाया फिर बुर पर मुंह लगाकर चूमने लगा, कोमल योनि पर ओंठो का प्यार मुझे कामुक करने लगा तो मैं चूतड को उपर करने लगी ” उह ओह जान निकाल दोगे क्या ” तो भैया मेरी बुर की फांकों को अलग कर जीभ से चाटने लगा तो शिष्नीका पर उसकी जीभ घूम रही थी और जिया खुद से अपनी एक बूब्स दबाते हुए उसके बाल सहलाने लगी ” हो गया आह अब नहीं प्लीज़ चोद दो मेरे भाई
( वो चेहरा ऊपर किया ) जरूर चोदूंगा लेकिन मेरा लौड़ा कौन चूसेगा ” तो वो मेरे दोनों फांक को सटाया फिर ओंठो के बीच लेकर चूसने लगा और मैं गरम हो रही थी तो नितिन अब बुर को मुंह से निकालकर लेट गया।
नितिन का लंड बिल्कुल ही अकड़ा हुआ था, जिया अपने आपको रोक नहीं पाई और भाई के लंड पकड़ बोली ” मैं आपके बदन पर ही लेट जाती हूं लेकिन चेहरा उलटे दिशा में
( नितिन मुस्कुराया ) ओह तो पोर्न मूवी से तुम बहुत कुछ सीख रही हो ” , अब नितिन के उपर मैं डॉगी स्टाईल में हुई तो मेरा चेहरा उसके लंड के पास था और उसका चेहरा मेरी जांघो के बीच साथ ही नीचे, बिल्कुल ही रण्डी की तरह भाई के साथ पेश आ रही थी तो अब उनका लंड मैं चूमने लगी तो भाई के हाथ का स्पर्श मेरी चूतड को मिल रहा था। जिया अपने चूत की बार और कांख की बाल को साफ रखती थी और अब नितिन मेरे चूत को फ्लकाकर जीभ से चाटने लगा तो मैं नितिन के लंड को मुंह में भर चूसने लगी तो उसके जीभ कुत्ते की तरह लपलप मेटी बुर चाट रहे थे, अब नितिन के लंड को मुंह में लिए सर का झटका देने लगी और मुखमैथुन का आंनद क्या होता है, ये तो आप लोगो को मालूम ही होगा और भाई मेरी चूत में उंगली करने लगा तो मेरी कमर में हाथ डाले चेहरा को थोड़ा ऊपर किए चाटने लगा लेकिन जीभ गान्ड के छेद में थी तो मैं नितिन के लंड को मुंह का प्यार देते हुए मस्त थी और कमरे में सेक्सी आवाज सुनाई दे रही थी आखिर दो जवान जिस्मों का मिलन जो हो रहा था, अब भींगे लंड मुंह से निकाल उसे जीभ से चाटने लगी तो ये जानते हुए की मेरी बुर रस छोड़ेगी, मैं चुप ही रही और उधर बुर से रस निकलने लगा तो नितिन उंगली की जगह जीभ घुसाए रस का स्वाद चख रहा था, दोनों संभोग क्रिया के लिए तैयार थे…4
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
5


जिया की चूत से रस निकल गया तो मैं ढीली पड़ गई और फिर दोनों थोड़े देर तक चुपचाप लेटे रहे फिर नितिन फ्रेश हुआ तो मै भी साथ में ही फ्रेश हुई, अब चुदाई को बेकरार मेरी बुर थी तो मैं नितिन के मूसल लंड को देख तड़प उठी थी तभी मुझे लिटाकर नितिन जांघो के बीच बैठा और लंड पकड़े चूत में घुसाने लगा, रसीली चुदासी चूत में उसका लंड घुस चुका था फिर भी वो थोड़ा लंड बाहर कर जोर से चोद डाला ” उह ओह नितिन क्यों जबरदस्ती की दर्द दे रहे हो
( नितिन चोदने लगा तो मैं मस्त हो रही थी ) अरे बुद्धू इस बार बुर में टेबलेट नहीं घुसाए
( नितिन चोदता हुआ बूब्स दबाने लगा ) बेबी इस गर्भ निरोधक दवाई का असर छह घंटा तक रहता है लेकिन कभी कभार ये दवाई काम नहीं भी करता
( मैं सहम गई ) ओह तब तो प्रेगनेंट हो जाऊंगी
( नितिन मेरे उपर सवार होकर धकाधक चोदने लगा ) बेबी माहवारी समय पर ना आए तो बताना फिर उपाय करूंगा ” नितिन मेरे उपर था तो उसके मूसल लंड का हरेक धक्का मुझे कामुक कर रहा था और अब उसके छाती से मेरी चूचियां रगड़ खाने लगी तो बुर अपने खुजलाहट से परेशान और जिया अपने चूतड को उछालने लगी तो सभोग सुख की ओर दोनों बढ़ने लगे, मैं अपने चूतड को तेजी से उछाल उछालकर चुदाने में लीन थी तो भाई अपने लौड़े से मुझे चोदते हुए ओंठ गाल चूम रहे थे और दोनों एक दूसरे को संतुष्ट करने के लिए चुदाई में साथ निभाने लगे, ये काम अकेले का नहीं है जान यहां तो चोदने वाले के साथ चुदवाने वाली को भी मेहनत करनी होती है और मैं अपने गोल गद्देदार नितम्ब को अब स्थिर की फिर नितिन भी चुदाई की रफ्तार कम कर चोदने लगा, जिया दो दिन पहले ही कानपुर से वापस आईं तो वहां दीपा दीदी संग राहुल भैया के साथ रात भर सेक्स की और अब मेरे चूत का तार तार ढीला पड़ चुका था तो उसके गाल चूमते हुए बोली ” डार्लिंग ये बताओ कि क्या तुम मेरी सहेली राधा को चोदोगे
( नितिन चोदता हुआ बोला ) बिल्कुल नहीं बेबी ” और फिर वो उठा तो मैं भी उठकर बैठ गई, नितिन फिर से डायनिंग हॉल की ओर गया तो समझ गई कि ये ड्रिंक्स लेने गया है, मैं आवाज दी ” मेरे लिए भी लेकिन लाईट पैक ” कुछ देर में ही वो उधर से दो ग्लास लिए आया तो मैं बेड के किनारे की ओर गई फिर ग्लास लिए बोली ” एक सिगरेट भी पीऊंगी ” नितिन नंगे ही चला गया फिर वापस आया तो सिगरेट फूंक रहा था, मैं ड्रिंक्स ले रही थी फिर उसने मुझे सिगरेट थमाया और मेरे सामने बैठकर चूची को पकड़ दबाने लगा ” तो राधा के साथ सेक्स क्यों नहीं कर सकते
( नितिन बोला ) तेरा दिमाग तो ठीक है, वो तुम्हारी दोस्त है फिर क्या उसके सामने दोनों के सम्बन्ध का खुलासा करेंगे ” तो मैं भी उसकी बात से सहमत हुई, अब मैं ड्रिंक्स लेते हुए सिगरेट फूंक रही थी कि नितिन का फुंफकारता हुआ लौड़ा मुझे तडपाने लगा, जल्दी में ड्रिंक्स लेकर लेटने लगी तो नितिन मुझे कोहनी और घुटनों के बल कर डॉगी स्टाईल में किया तो मैं जांघें फैलाए डॉगी स्टाईल में थी, पीछे मुड़कर देखी तो नितिन मेरे चूत में लंड घुसा रहा था। जिया की बुर गरम थी तो नितिन का लौड़ा आधा से अधिक अंदर घुस चुका था फिर वो कमर पकड़े चोदा तो मैं चिल्ला पड़ी ” उई मां फट गई
( नितिन दे दनादन चोदता हुआ बोला ) तू आराम से चुदवा, क्या तुम राधा को दोनों के सम्बन्ध के बारे में बता चुकी हो
( मैं बोली ) नहीं बोली हूं लेकिन वो थोड़ी चालू किस्म कि लड़की है और कई लड़कों संग मजे ले चुकी है
( नितिन चोदता हुआ बूब्स पुचकारने लगा ) लेकिन क्या मुझसे पटेगी ” मैं कुछ नहीं बोली और चूतड हिलाते हुए चुदाने लगी तो नितिन ८-९ मिनट से चोदते हुए हांफने लगा और मेटी बुर अब लंड के रस के लिए बेकरार थी, वो चोदता हुआ मेरी लंबी जुल्फों को पकड़ा फिर मेरे बदन को आगे पीछे करते हुए चोदे जा रहा था ” ओह उह बेबी तुम इतनी सेक्सी हो की चूत चोदते वक्त झडने का ही मन नहीं करता
( मैं पीछे मुड़कर बोली ) तो चोदते रही डियर तुम्हे तो जिंदगी भर इसी तरह चूत परोसते रहूंगी ” और अब राहुल तीव्र गति से चोद रहा था तो मैं बुर की आग से परेशान थी ” ओह उह उफ़ बस करो चोदु मेरी बुर में आग लगी हुई है
( नितिन भी बोल पड़ा ) बस बेबी और नहीं टिक सकता, मेरा झड़ा ” तो उसके लंड से वीर्य स्खलित होकर मेरी चूत को गीला कर दिया और पल भर बाद नितिन लंड को चूत से निकाला तो मैं उसके लौड़े को मुंह में लिए चूसने लगी, स्वाद वीर्य का लेकर लेट गई, फिर दोनों फ्रेश हुए और खाना खाए….. शाम को वापस घर गए।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#7
b

















































































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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#8
(11-01-2021, 02:51 PM)neerathemall Wrote:
भैया संग गेस्ट हाउस में कामसूत्र की पढ़ाई की
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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