Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Incest बेगानी शादी मे बहन की चुदाई
#1
बेगानी शादी मे बहन की चुदाई
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#2
(18-11-2020, 01:12 PM)neerathemall Wrote:
बेगानी शादी मे बहन की चुदाई

कुछ सालो पहले की है जब मैं मेरी बहन आयशा के साथ मेरे मामा की लड़की की शादी मे गया था मम्मी की तबीयत ठीक नही थी इसलिये मुझे भेजने का फ़ैसला हुआ लेकिन आयशा भी ज़िद करने लगी और माँ ने उसे भी मेरे साथ भेज दिया शादी एक छोटे से गावं मे थी और वो लोग बड़े ही परम्परावादी है इसलिये हमें भी कुछ दिनो पहले जाना पड़ा जैसा की वहा हर बार होता था इस बार भी बहुत से मेहमान आने वाले थे मेरे मामा की जॉइंट फेमली थी और बहुत ही बड़ा परिवार है मेहमान आने लगे थे आयशा की उम्र अभी केवल 19 साल की थी लेकिन उसकी जवानी अंग अंग से फुट रही थी वो बहुत ही खूबसूरत थी बिल्कुल पुराने जमाने की हिरोइन मुमताज़ की कॉपी थी इसके पहले में आपको बता दूं की हम दोनो भाई बहन मे बहुत प्यार है मम्मी से ज़िद करने पर आयशा को मेरे साथ जाने की इजाज़त दे दी हमारे बीच बचपन से ही प्यार मे कुछ नोक झोक होती रहती थी पर अब वो जवान हो रही थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#3
हम वहा दोपहर मे पहुंचे थे जब शादी के पहले लेडीस संगीत का कार्यक्रम चल रहा था मेरी नज़र आयशा पर थी वो कार्यक्रम एक भवन मे था जो की घर से कुछ दूरी पर था जब हम पहुंचे तो कार्यक्रम शुरू हो चुका था हम वही कुर्सी पर बैठ गये और कुछ लड़किया डांस कर रही थी आयशा ने उस समय घागरा चोली पहना था वो बहुत ही सेक्सी लग रह रही थी और उस भीड़ मे वो सबसे अलग थी अब चढ़ती जवानी मे आयशा के अंदाज ही बदल गये थे.

मेरी छेड़-छाड़ से उसके चूचे और चूतड़ तो एक भरपूर जवान लड़की जैसे हो गये थे उसके चूतड़ और चूचीयाँ भारी ज़रूर हो गयी थी पर जबरदस्त फिगर मेनटेन किया था लॉ कट की चोली पहनने के कारण उसके क्लीवेज साफ साफ दिख रहे थे मेरी नज़र सिर्फ़ आयशा के चूतडो पर ही थी वो जब कमर मटका मटका कर चलती तो उसके भारी कूल्हे लहंगे मे गजब ढा रहे थे वो कजरारे-कजरारे गाने पर कमर लचका के ठुमके लगा रही थी उसकी ये अदाये बहुत ही सेक्सी थी जब कार्यक्रम ख़त्म हो गया तब मेने आयशा को सब से मिलवाया अब हम लोग उस प्रोग्राम से वापस आने के लिये गाड़ी का वेट कर रहे थे तभी कार आई और सब बैठ गये हम अकेले ही बचे थे आयशा पिछली सीट पर विंडो की तरफ बैठी थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#4
सने सरक कर कहा भैया बैठ जाओ मैने कहा बाद मे आ जाऊंगा उसने कहा कुछ नही होता घर तक जाना है बैठ जाइये मैं उसके बगल मे बैठ गया उसका पूरा शरीर मेरे शरीर से सटा था उसकी मोटी मोटी जाँघो पर मेरा हाथ चला गया उसने ध्यान नहीं दिया पर मेरे मन मे चोर था वो जाग गया रात को खाना खाते समय आयशा और बाकी लड़कियां साथ मे खाना खा रहे थे आयशा ने मुझे आते देखा और कहा भैया खाना खा लो मैने कहा अभी नहीं थोड़ा देर से खाऊंगा उसने कहा क्या कोई और प्रोग्राम है मैने कहा नही कुछ नही अभी भूख नही है उसने कहा जो आपको अच्छा लगे मेरी प्लेट में से खा लीजिये मैने कहा ठीक है और हम खाना खाने लगे अब मै धीरे धीरे मेरी बहन को बातो मे फंसाना चाहता था मैने कहा आज तुम बहुत अच्छा डांस कर रही थी और हर कोई तुम्हारी डांस की तारीफ कर रहा था और आज तुम लग भी बहुत खूबसूरत रही हो उसने कहा थैंक्स भैया आयशा बहुत खुले विचारो की थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#5
अब मै उसकी और तारीफ करने लगा अब वो बहुत ही खुल के बात कर रही थी मैने कहा यहाँ के जवान लड़को से बच के रहना तुम बड़ी कातिल लग रही हो वो शरमा गई और बोली बड़ी तारीफ कर रहो भैया क्या बात है बीच बीच मे मेरी नज़र आयशा के क्लवेज पर पड़ जाती उसने अभी तक वही ड्रेस पहन रखी थी इस बात को वो भी समझ रही थी और बार बार अपनी चुन्नी को ठीक करके अपने क्लवेज को छुपाने की कोशिश करती मेरा पापी मन अब पूरी तरह से बिगड़ चुका था अब मै उसे पाने के लिये प्लान बनाने लगा पर मुझे लग रहा था की मुश्किल है और डर भी था की काम नही हुआ तो इज़्ज़त चली जायेगी आयशा खाना खा चुकी थी मैने कहा मैं चलता हूँ और में वहा से निकल गया इन सब बातो से पहले आयशा का मन जानना बहुत ज़रूरी था.

रात को हम सब बैठ कर बाते कर रहे थे तब आयशा मेरे सामने बैठी थी उसने उस समय ढीला ढीला पंजाबी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#6
सलवार सूट पहना था और हमारी नज़रे मिल रही थी मै गौर से आयशा की तरफ ही देख रहा था ये बात उसे भी पता थी पर वो नज़रे चुरा रही थी बीच बीच मे वो मेरी तरफ देखती कही ना कही उसके मन मे भी कुछ कुछ चल रहा था उस रात वो लेडीस के साथ ही सो गयी दूसरे दिन अब मेरा पूरा ध्यान आयशा की तरफ़ ही था उस दिन कोई खास प्रोग्राम नही था इसलिये मैने प्रोग्राम बनाया पास ही एक वॉटर फॉल था सब वहा चले गये कुछ बच्चे तैयार हुये मैने आयशा से कहा तुम भी चलो वो तैयार हो गई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#7
मैने कहा जल्दी तैयार हो जाओ कुछ देर बाद आयशा तैयार होकर आ गई उस समय आयशा ने चूड़ीदार सूट पहना था और टाइट कुर्ती जिससे जैसे मुमताज़ ने तौबा ये मतवाली चाल गाने मे पहना हुआ था और उसके बूब्स और बड़े बड़े लग रहे थे पीछे से उसकी वाइट कलर की ब्रा का स्ट्रॅप साफ दिख रहा था पहली बार उसके बूब्स की साइज़ देख कर मैं भी हैरान रह गया मेरी नज़र उसके बूब्स पर टिकी थी उसे भी लगा की मै उसके बड़े बड़े गोल गोल बूब्स ही देख रहा हूँ कार मे वो मेरे बाजू मे ही बैठी कुछ दूर चलने के बाद मैने अपना हाथ उसकी जाँघ पर रख दिया और उससे बाते करने लगा वहा पर भी एक दो जगह उसका हाथ पकड कर उसे संभाला बाकी सब बच्चे थे इसलिये कोई डर नही था वापस लौटते लौटते शाम हो गई अब भी हम बगल मे बैठे थे मैने एक हाथ उठाकर आयशा के कंधे पर रख दिया उसने मेरी तरफ़ देखा और कुछ नही कहा मैने उस हाथ को वही रहने दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#8
एक दो बार जब कार मे झटका लगता था तो मेरा हाथ उसके बूब्स को टच कर देता था और मै ऐसे बर्ताव कर रहा की जेसे ये सब अंजाने मे हो रहा है पर ये बात दोनो समझ रहे थे की हो क्या रहा है अब अंधेरा काफ़ी हो गया था अब मैं एक बार उसके बूब्स दबाना चाहता था फिर चाहे जो हो और इससे अच्छा मौका मुझे घर पर नही मिल सकता था और ऐसे दबाना चाहता था की उसे भी अहसास हो जाये की ये मैने जानबूझ कर किया है अब मैने एक बार फिर मैने एक हाथ उसकी जाँघ पर रख दिया और दूसरा हाथ अब भी उसके कंधे पर था मोका पाकर अब एक हाथ से जो की जाँघ पर रखा था पूरा मैने उसका पूरा बूब्स हाथ मे लिया और ज़ोर से दबा दिया वो मेरी ओर गुस्से देखने लगी मैने कहा क्या हुआ वो बोली बहन को भी कोई ऐसे छेड़ता है किसी ने देख लिया तो? और मेरे हाथ को पकड़ लिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#9
अब मैने उसकी उंगलियों मे अपनी उंगलियां डाल दी वो अब भी गुस्से मे थी मैने कहा यार कुछ नही हुआ और धीरे से बोला नाराज़ मत हो वो बोली सब के सामने ऐसा क्यों कर रहे हो? मैने कहा सब बच्चे हैं और अंधेरा हो चुका है अब मेरा हौंसला और बढ़ गया अब मैं धीरे धीरे उसके बूब्स दबाने लगा और वो हल्का हल्का विरोध कर रही थी और वो बोली की तुम्हारी आदत खराब हो गयी है यहाँ पर भी तुम्हारी नज़रें मुझ पर ही रहती हैं कहीं मम्मी पापा को शक हो गया तो बहुत बुरा होगा इस तरह हम घर पहुँच गये हमने साथ मे खाना खाया वहाँ भी आयशा साथ मे थी और हम में किसी प्रकार का झगड़ा नही था और कोई भाई बहन पर शक भी नही करता.
अब मैने आज रात को ही आयशा को पाने की सोच रहा था पर मौका नही मिल रहा था कल शादी थी इसलिये सब जाग रहे थे और सब अपनी अपनी तैयारी मे लगे थे पर मेरा मन अभी तक बेचैन था इस बीच आयशा ने कहा मैं कपड़े चेंज करके आती हूँ ये उसने मुझे सुनाते हुये कहा था वो उपर जा रही थी तो में उसकी बल खाते भारी पिछवाड़े को ही देख रहा था मेरा तो लंड तन गया उसने ज़रा पीछे मूड कर मेरी तरफ देखा मेने आँख मार दी तो वो जीभ निकाल कर मुझे चिढाते हुये उपर चली गयी मैं मौका पाकर उपर चला गया वहा कोई नही था आयशा जिस कमरे मे थी उसकी लाइट जल रही थी मैं बाजू वाले रूम मे चला गया वहा कोई नही था और आयशा के बाहर निकलने का वेट करने लगा जैसे ही आयशा उस रूम से निकली.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#10
मै उसका हाथ पकड़ कर उसे कमरे के अंदर ले आया वो बोली क्या है भैया छोड़ो मेरी कलाई उसके चहरे पर बनावटी गुस्सा था वो बोली यहाँ क्यो लाये हो? मैने कहा एक बात करनी है वो बोली क्या बात करनी है जल्दी कर लो मैने हिम्मत जुटा कर उसे बाहों मे भर लिया वो कुछ कहती उसके पहले ही मैने उसके होठो पर अपने होंठ रख कर चूसने लगा वो अपने आप को छुड़ाने का नाटक कर रही थी पर मैने उसे कस कर पकड़ रखा था मेरे दोनो हाथ उसकी कमर से होते हुये उसके भारी चूतडो पर जम गये थे वो अपने आप को छुड़ाने का नाटक करते हुये बोली गाड़ी मे इतना सब किया तब भी जी नही भरा मैने कहा उससे तो और प्यास बड़ गई है अब मैं अपने एक हाथ से उसका बूब्स दबाने लगा और दूसरे से नितंभो को दबाने लगा उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली भैया अब जाने दो कोई आ जायेगा मैने कहा कोई नही आयेगा और फिर से मैं उसका बूब्स दबाने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#11
रा लंड अब ज़्यादा तन चुका था और आयशा को चोदने को बेकरार था वो छुड़ा कर जाने लगी अब मैने उसे पीछे से पकड़ लिया और अपना तना हुआ लंड उसकी गांड पर गड़ा दिया इस समय हम दोनो ने कपड़े पहन रखे थे पर मेरे खड़े लंड का अहसास उसकी मतवाली गांड को हो गया था और अब दोनो हाथो को आगे लाकर उसके दोनो बड़े-बड़े बूब्स दबाने लगा क्या बूब्स थे उसके एकदम टाइट टाइट मेरे हाथो मे समा नही रहे थे आयशा बोलने लगी भैया छोड़ दो ना कोई आ गया तो फंस जायेगे मैने कहा एक शर्त पर छोड़ दूँगा कल मिलोगी दिन मे? वो बोली कैसे मिलू कहाँ मिलू ? मैने कहा एक प्लान है वो बोली ठीक है बता देना अभी जाने दो कोई उपर ना आ जाये कल प्लान बता देना.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#12
मैने उसके होंठो का फिर किस लिया तो उसकी सिसकारी निकल गयी वो बोली अब छोड़ भी दो सारा प्यार आज ही करोगे क्या बाकी कल कर लेना मैने कहा ठीक है फिर उसे छोड़ दिया वो भाग कर बाहर चली गई और कुछ देर बाद मैं भी नीचे आ गया हम बातचीत कर रहे थे सब साथ मे बैठे थे आयशा की नज़र मुझ पर ही थी और मैं भी उस पर नज़र जमाये हुये था यूँ रात बीत गयी सुबह हो गई आज शादी थी और सुबह से ही रस्म रिवाज शुरू हो गये थे लड़की वाले यही आकर शादी करने वाले थे तो बारात घर से ही निकलने वाली थी समय दोपहर का था मैने आयशा को समझाया जब बारात निकल जायेगी तब घर मे कोई नही होगा तब हम बारात के बीच से घर वापस आ जायेगे फिर बारात भवन पहुँचने मे टाइम लगेगा हम रास्ते मे फिर जॉइन कर लेगे किसी को कोई शक नही होगा उसने कहा ठीक है पर कोई रिस्क तो नही है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
#13
मैने कहा नही ज़रा भी नही दोपहर की तेज धूप मे करीब 1 बजे बारात निकली प्लान के अनुसार मैं कुछ दूर जाने के बाद आयशा को खोजने लगा पर वो नही मिली मैं अब किसी से पूछ भी नही सकता था किसी को शक हो गया तो मुसीबत हो जायेगी तब मैने बच्चो से स्टाइल से पूछा की मेरी बहन आयशा नही दिख रही उसको नचाओ बहुत अच्छा डांस करती है बच्चे बोले उनके सर मे दर्द हो रहा है वो नही आई मैं खुश हो गया की वो वही है मैं लोगो से नज़रे चुराता हुआ घर पहुँचा और घर मे उस समय कोई नही था मैंने पहले कन्फर्म किया खाली एक दो काम वाली ही थी वो सफाई कर रही थी में झट से उपर पहुँचा देखा जिस कमरे मे आयशा थी वहा बाहर से ताला लगा था मैं इधर उधर देखने लगा पर कुछ नही दिखा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
#14
मैने सोचा ये गई कहा कही पागल तो नही बना दिया तभी खिड़की थोड़ी खुली और आयशा ने फुसफुसाते हुये कहा पीछे के दरवाजे से आ जाओ मैं पीछे से कमरे के अंदर पहुँचा कमरे मे हल्का अंधेरा था थोड़ी सी रोशनी उपर की विंडो से आ रही थी आयशा ने वही सूट पहना था मैने कहा क्या फुल प्रूफ काम किया है यार कमरे मे बाहर से ताला अंदर से बंद कोई शक भी नही करेगा अब मैं ज्यादा टाइम वेस्ट करना नही चाहता था वो जानती थी की मै यहा क्यो आया हूँ और मै उसे बाहों मे भर कर उसके होंठ चूसने लगा अब वो भी मेरा पूरा सहयोग कर रही थी मै लगातार लिप्स चूस रहा था ओर उसने भी मुझे अपनी बाहों मे दबोच लिया और मेरे कान मे फुसफुसा कर बोली एक बार तो मुझे लगा की भैया आप नही आयेगे आइ लव यू भैया अब मैने बिना देर किये उसकी कुर्ती उतार दी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#15
अब वो वाइट ब्रा मे थी अब अंधेरा कम हुआ और अब कुछ कुछ दिखने लगा था और मैं पहली बार उसे इस पोज़िशन मे देख रहा था सचमुच उसके बूब्स काफ़ी बड़े-बड़े थे वो कुछ गर्म हो गई थी अब वो मेरे होंठ चूसने लगी और जीभ को मेरे मुँह मे डाल दिया मे पूरा मस्त हो कर उसकी जीभ चूसने लगा और मेरा एक हाथ उसके बूब्स दबा रहा था और दूसरा नितंभो को भींच रहा था मैने एक हाथ को उसकी पीठ पर ले जा कर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया जो की बहुत टाइट थी अब पहली बार आयशा को टॉपलेस देख कर मैं पागल हो गया मैने सीधे अपने मुँह को उसके राइट बूब्स पर लगा दिया अब वो मेरे शर्ट के बटन खोलने लगी और में पागलो के जैसे उसके बूब्स चूस रहा था आयशा मधहोश हो कर अपने हाथो से खुद सलवार का नाडा खोलते हुये बोली की भैया जो करना है जल्दी कर लो कोई उपर आ गया तो मज़ा किरकिरा हो जायेगा..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#16
यह कह कर उसने सलवार निकाल दी और केले के तने जैसी चिकनी गोरी जाँघो को खोल कर ताज़े कमल के फूल जैसी फूली हुई चूत मेरे सामने परोस दी मेरी रानी के थोड़े से जो बाल उगे होंगे वो भी साफ़ कर रखे थे मेने उसके भारी चूतडो के नीचे हाथ रख कर फूली चूत को मुँह मे भर कर चूसने लगा जी करता था खा जाऊं वो पालग पर लेटी हुई थी वो पूरी तरह नंगी थी क्या गोरा-गोरा बदन चिकना बिल्कुल वीनस की मूर्ति की तरह वो सिसकारी ले रही थी अब उसने मेरा लंड जो बिल्कुल तना हुआ था देखकर उसे पकड़ लिया और बोली की वहाँ भी ये ऐसे ही खड़ा था मेने पूछा की तुम्हे कैसे पता? तो वो बोली मेरा ध्यान इस पर ही था फिर वो लंड को सहलाने लगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#17
मैने आयशा से पूछा कभी पहले करवाया है तो उसने कहा नही तुम ज़्यादा याद आते हो तो उंगली से कर लेती हूँ मेने पूछा की मैं तुम्हे याद भी आता हूँ वो बोली और नही तो क्या तुम घर मे भी तो आस पास ही प्यासे भंवरे की तरह मंडराते रहते हो और तुम्हारा ये तो मुझे देखते ही खड़ा हो जाता है बोलो में सच कह रही हूँ ना? सच डार्लिंग तूने तो मेरा चैन ही ले लिया है मेने अब उसकी चूत मे जीभ डाली वो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी वो फिर सिसकारी लेते हुये बोली की भैया जल्दी कर लो कोई देख ना ले वो चुदने के लिये बेचैन हो गयी और अब में भी उसे चोदने के लिये तैयार था अब मै उसकी टांगो के बीच मे आ गया और उसकी टांगो को और फैलाया और फिर उसकी चूत को एक बार फिर चाटने और चूमने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#18
वो बोली डार्लिंग देर मत कर अब जल्दी कर लो जाना भी है मैने कहा ठीक है एक किस तो और कर लूँ और मेने उसकी रोटी जेसी चूत का भरपूर चुम्मा लिया उसकी जांघे अपने आप ही और फैल गयी मेने पूरी चूत को जीभ से चाट चाट कर भीगो दिया फिर वो मेरे गधे जैसे मोटे लंड को पकड़ कर बोली की इसे भी गीला करना पड़ेगा नही तो इतना मोटा कैसे अंदर जायेगा यह कह कर वो मेरे लंड को चूमने और चाटने लगी उसने पूरा मुँह खोल कर लंड को मुँह मे लेना चाहा पर मुश्किल से आधा सुपाड़ा ही मुँह मे गया था की मुँह ब्लॉक हो गया लेकिन सुपाडे को चाट चाट कर उसने और फूला दिया अब मैने अपना पूरी तरह खड़ा मोटा लंड उसकी चूत के मुँह पर रख कर उसकी चूत मे अपने लंड का सूपड़ा उसके अंदर रगडने लगा वो सिसकियां भरने लगी मैने कहा कुछ नही हुआ अभी तो तुम पहले ही चिल्ला रही हो वो अपनी मधहोश आवाज़ मे बोली डार्लिंग जल्दी करो ना और अपने हाथो से मुझे अपनी ओर खींचना चाहा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#19
मैने उसके द्वारा गीले किये गये सूपडे को चूत के मुँह पर लगाया और उसकी गीली चूत मे धीरे-धीरे डालने लगा वो भी अपनी गांड उछाल कर लंड को अपने अंदर लेने की कोशिश करने लगी मैं उसके ऊपर आ गया और उसके पैरो को और चौड़ा करके चूत मे लंड डालने लगा अब तक थोड़ा ही सूपड़ा ही अंदर गया था की वो दर्द के कारण आहे भर रही थी अब मैने उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिये और चूसने लगा अब मौका था की लंड को पूरा का पूरा उसकी चूत मे डाल दूँ मैने एक ज़ोरदार झटका मारा की 75% लंड अंदर चला गया चूत के टांके टूट गये अगर मैं उसके होंठ नही चूस रहा होता तो वो इतना ज़ोर से चिल्लाती की सब आ जाते और फिर वो बोली मुझे बहुत दर्द हो रहा है प्लीज़ धीरे धीरे डालो मैने कहा ठीक हो ज़ायेगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#20
ब मै अपनी स्पीड बड़ाने लगा और ज़ोर ज़ोर से अपनी गांड को उपर नीचे करने लगा कुछ देर बाद वो भी अपनी गांड वो उपर नीचे कर मेरा सहयोग करने लगी मैने पूछा दर्द हो रहा है उसने कहा कुछ नही हो रहा है बस मज़ा आ रहा है और जल्दी कर और मैने अपनी स्पीड और बड़ा दी और पूरा 10 इंच का लंड उसकी चूत मे जड़ तक घुसेड दिया अब वो सिसकियां भरने लगी आ… आ… आ… आ… करने लगी उसकी ये आवाज़ मुझे और मधहोश कर रही थी कुछ देर मे आयशा का बदन अकड़ गया और वो झड़ गई उसके कारण उसकी चूत और गीली हो गई लेकिन मेरा लंड अब भी फंस कर अंदर बाहर हो रहा था जैसे कस कर मुठी मे भीच रखा हो क्योंकि चूत बिल्कुल ताज़ा थी उसके हाथ मेरी कमर पर थे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply




Users browsing this thread: