13-11-2020, 02:19 PM
शादी के ठीक पहले भैया ने ट्रेंड किया चुदाई में
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Incest शादी के ठीक पहले भैया ने ट्रेंड किया चुदाई में
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13-11-2020, 02:19 PM
शादी के ठीक पहले भैया ने ट्रेंड किया चुदाई में
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-11-2020, 02:20 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-11-2020, 02:20 PM
दोस्तों मेरा नाम आमना है आज मैं आपको अपनी एक सच्ची चुदाई की कहानी आपको बताने जा रही हूँ।से मेरे भैया ने मुझे चुदना सिखाया। तरह तरह के पोज सिखाये, चुदाई कैसे की जाती है सब बताया गांड मारने का बेस्ट तरीका सिखाया आज मैं आपको इस कहानी के माध्यम से बताउंगी की उसने पहले दिन मेरे से क्या क्या बोला था और कैसे ट्रेनिंग देने के बहाने मेरी रसगुल्ले जैसी चूचियों को चूसा और मेरी चूत का भोंसड़ा बना दिया था। पूरी कहानी अब आपके सामने रखने जा रही हूँ।
मैं दिल्ली में रहती थी। मैं उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। मैं अपने भैया और भाभी के पास ही दिल्ली में रहती हूँ वो दोनों का ही अपना बिज़नेस है. भैया का अपना सलून है और भाभी का भी अपना ब्यूटी पारलर है। मेरी उम्र अठारह साल है। मेरा एक रिश्ता आया और बात बन गई। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-11-2020, 02:21 PM
लड़का और खानदान बहुत अच्छा था और मेरी शादी पक्की हो गई। मेरे माँ बाप आये लड़के के माँ बाप आये और फिर बात चित हुई की शादी अगले महीने करने हैं। पर ध्यान रहे लकड़ी को कुछ भी हमलोग नहीं सिखाएंगे। आप सब कुछ सीखा कर ही भेजना। तो मम्मी पा बोले की आपको शिकायत का मौक़ा नहीं दूंगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-11-2020, 02:21 PM
और फिर भैया बोले बाकी के घर के काम वगैरह सिख लो और भी जो जरुरी है वो मैं तुम्हे सीखा दूंगा। मैं बोली ठीक है मैं थोड़ी दिमाग की पैदल हु समझ नहीं पाई। पर मुझे लगा की हो सकता है सब को ही सिखाया जाता है। इसलिए वो लोग ये बोल कर गए। पर मेरे भाई की गलत नजर मेरे ऊपर थी उन्होंने काम धंधा सीखने की बात किये थे पर मेरा भाई अलग तरीके से बात को ले गया।
जब मेरे मम्मी और पपप वापस रामपुर वापस लौट गए और मेरी भाभी अपने बहन की शादी में गाँव गई पंद्रह दिन के लिए तो वो एक रात के मेरे पास आया और बोला देख तेरी शादी अगले महीने होने वाली है मैं ये नहीं चाहता की तुम्हे कुछ भी नहीं आये ऐसे भी तेरे सास ससुर बोले कर गए हैं की लकड़ी सब कुछ में ट्रेंड होने चाहिए। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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13-11-2020, 02:21 PM
मैं बोली ठीक है भैया आप जैसा चाहो वैसा करो मुझे पता है आप जो करोगे अच्छा हो करोगे। वो भैया मुझे बोले देख तेरी शादी जैसे ही होगी तेरा दूल्हा रात को तुम्हे चोदेगा पर वो जोर से घुसा देगा और तेरी चूत फट जाएगी अगर तू बोलेगी धीरे धीरे घुसा तो वो मानेगा नहीं और एक दम से तेरी चूत में पेल देगा और बहुत खून फिर निकल सकता है। इसलिए मैं तुम्हे पहले ही उस लायक बना दूंगा धीरे धीरे कर के ताकि वो तुम्हे चोदे तब भी तुम्हे दर्द नहीं हो.
मैं बोली ठीक है। फिर भैया ने मेरे सारे कपडे उतारे और मेरी रसगुल्ले जैसी चूचियों को दबाने लगा और बोला देख वो ऐसे ही दबाएगा और फिर वो निप्पल को दबाने लगा वो मेरे होठ को चूसने लगा। उसने बताया जब वो चुम्मा ले तो तुम भी चुम्मा लेना वो जब तेरे होठ को चूसे तो तुम भी वैसे ही चूसना। और फिर बोले अब कोशिश कर वैसे ही जैसे मैंने बताया। दोस्तों में भी काफी जोश में आ गई थी। ऐसे तो मैं पहले से ये सब जानती थी पर मैं भी मजे लेने के चलते भोली बनती गई। मेरा भाई खुद भी दिमाग का पैदल है इसलिए मैं सोची की मैं भी मजे ले लूँ। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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13-11-2020, 02:22 PM
उसने फिर होठ को चूसते हुए वो मेरी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया। अब ना तो वो मुझे सीखा रहा था ना कुछ मैं सिख रही थी। अब तो दो भी जोश में आ गया था और मैं भी जोश में आ गई थी। दोनों एक दूसरे को किश कर रहे थे एक दूसरे के बदन को सहला रहे थे।
वो निचे जाकर मेरे पैरों को अलग अलग कर दिया और मेरी चूत को चाटने लगा। दोस्तों अब मैं आ गई थी पुरे जोश में मैं भी गांड उठा उठा कर उसमे मुँह में अपना चूत रगड़ने लगी। अब चूत से पानी निकलने लगा मुझे पहली बार एहसास हुया की चूत से इतनी पानी निकलती है। वो मेरी चूत को चाटते हुए कहने लगा। तू गजब की माल हो। तुमने खुश कर दिया मुझे। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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13-11-2020, 02:22 PM
और फिर मेरी चूत में ऊँगली करने लगा फिर वो मेरी गांड में भी ऊँगली करने लगा. मैं आह आह आह करने लगी. वो अब पुरे जोश में आ गया था उसने अपना लौड़ा मेरी मुँह में डाल दिया मैं उसके लौड़े को चूसने लगी। मोटा और लंबा लौड़ा पाकर मैं बहुत खुश हो गयी थी। मेरे पुरे शरीर में बिजली दौड़ रही थी।
अब मैं चुदना चाह रही थी। उसने मेरे दोनों पैरों को अलग अलग किया और फिर एक तकिया मेरे गांड के निचे लगाया और फिर अपना लौड़ा मेरी चूत पर सेट किया और घुसाने लगा. शुरआत में तो लौड़ा चूत में नहीं जा रहा था पर दो चार धक्के देने के बाद पूरा लौड़ा मेरी चूत में चला गया। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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13-11-2020, 02:22 PM
मैं तृप्त हो गई थी मुँह खुला का खुला ही रह गया था बस मुँह से आ आ आ आ आ आ आ की आवाज निकल रही थी अब वो लौड़ा आगे पीछे करने लगा. पर मुझे ऐसा लग रहा था की जोर से चोदे। मैं बोली क्यों ताकत नहीं है क्या जोर जोर से दो धक्के। तो वो बोला अरे यार जोर से कैसे दूँ देखो ना तेरे चूत से खून निकल रहा था। मैं ऊँगली लगा कर देखि तो हां खून निकल रहा था पर मुझे दर्द नहीं कर रहा था उलटे चूत में खुजली हो रही थी। ऐसा लग रहा था लौड़ा जल्दी जल्दी डाले और निकाले।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-11-2020, 02:22 PM
फिर क्या था मैं बोली चिंता नहीं कर तू मुझे क्या सिखयेगा मैं सिखाऊंगी मैं सब कुछ पहले ही नॉनवेज स्टोरी डॉट पर पढ़ चुकी हूँ। दोस्तों उसने फिर मुझे जोर जोर से चोदना शुरू किया और रसगुल्ले जैसी चूचियों को पिने लगा। दोस्तों अब मैं असल में चुद रही थी। क्यों की हरेक झटके और धक्के पर मेरी आह निकल रही थी। मैं भी गांड उठा उठा कर चुदवा रही थी और वो भी मुझे चोद रहा था।
दोस्तों उस रात तो उसने मेरी चूत ढीली कर दी थी लगातार पंद्रह दिन चुदाई करवाने के बाद मैं पूरी तरह से चुड़क्कड़ और जवान हो गई थी रसगुल्ले जैसी चूचियों बड़ी हो गई थी और गांड भी चौड़े हो गए थे। यानी की अब कोई भी मोटा से मोटा लौड़ा लेने को तैयार थी। अब मेरी शादी हो गई है ससुराल में खूब चुद रही हूँ और बहुत खुश हूँ। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-11-2020, 03:16 PM
मैंने अपनी बहन को अपने भैया से चुदते देखा है
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-11-2020, 03:17 PM
दोस्तों वैसे मेरी दीदी बहुत ही गोरी, सुंदर, लंबी और गदराये बदन की महिला है और इतना सब कुछ उसके पास होने के बाद भी उसको अपनी चुदाई करवाने का बहुत शौक है और मेरी दीदी मेरे किसी भी रिश्तेदार से अपनी चुदाई करवाकर संतुष्ट नहीं होती थी इसलिए हमेशा उनकी नज़र एक ऐसे मर्द पर रहती थी जो उनको चोदकर पूरी तरह से संतुष्ट कर सके और वो सारे मज़े उनको दे जिसको वो पाना चाहती थी और इस काम के लिए बस एक ही आदमी उनकी नजर में था और वो थे मेरे दूर के रिश्ते में भैया लगते थे और वो लंबे, गोरे और एकदम हट्टे कट्टे थे और उनका बदन बहुत गठीला बड़ा ही मजबूत है जिसको देखकर कोई भी लड़की उनकी तरफ आकर्षित हो जाए..
दोस्तों अब में आप लोगों को उस दिन की तरफ ले चलता हूँ जिस दिन मैंने वो सब खेल खुद अपनी आखों से देखा और में उसको देखकर अपने होश खो बैठा और वो सब देखने पर भी मुझे अपनी आखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था.. दोस्तों उस दिन घर पर हम सिर्फ़ दो लोग ही थे.. में और मेरी दीदी, भैया शाम को अपने काम से फ्री होकर रूम पर आ गए और मेरी दीदी उनको देखकर बहुत खुश हो रही थी.. दोस्तों मुझे अपनी दीदी की उस ख़ुशी का मतलब तब समझ में आया जब मैंने उन दोनों को चुदाई करते हुए देखा, वैसे तो मैंने कभी भी अपनी दीदी के ऊपर अपनी इतनी बुरी नजर नहीं रखी, लेकिन उस दिन पहली बार में अपनी दीदी का वो रूप देखकर बड़ा चकित था.. दोस्तों अब मेरी दीदी ने बहुत खुश होकर मज़े करते हुए रात को खाना बनाया और उसकी वो ख़ुशी उसके चेहरे से साफ साफ नजर आ रही थी.. फिर मैंने अपने बड़े भैया को खाना खिलाया और इसके बाद में अपनी दीदी के साथ खाना खाने के लिए बैठ गया.. फिर हम दोनों ने भी कुछ देर तक एक साथ बैठकर खाना खा लिया.. तभी कुछ देर के बाद मैंने अपनी दीदी की बूर को देखा उसके बैठने का तरीका ऐसा था जिसकी वजह से मुझे उसकी बूर के दर्शन साफ-साफ हो गए, लेकिन तभी मुझे लगा कि मेरी दीदी मुझे जानबूझ कर अपनी बूर को दिखा रही है और मुझे ऐसा लगा कि यह बात जानने के बाद भी कि मुझे उनकी बूर दिखाई दे रही है, लेकिन उन्होंने मेरा कोई भी विरोध नहीं किया और में कुछ देर ऐसे ही देखता रहा.. फिर खाना खाने के बाद मेरी दीदी ने घर का सभी काम खत्म करने के बाद वो बाथरूम में नहाने चली गई और उसी समय अचानक से लाइट भी चली गयी.. फिर मेरी दीदी अब नहाने के बाद सिर्फ़ टावल और ब्रा पहनकर बाथरूम से बाहर निकली और उसके बाद मेरी दीदी एक छोटे से डिब्बे में सरसों का तेल लेकर बरामदे में लगे हुए बेड पर लेट गई और उसने अपने ऊपर एक चादर को डाल लिया और फिर मैंने देखा कि मेरी दीदी अपने बदन पर तेल लगा रही थी.. फिर कुछ देर बाद दीदी ने मुझसे बाहर का दरवाजा बंद करने को कहा और जब में दरवाजा बंद करके चाबी रखने के लिए उस रूम में चला गया जहाँ पर बड़े भैया सोए हुए थे.. फिर मैंने देखा कि मेरे भैया जी भी अपने लंड को बाहर निकालकर अपने दोनों हाथों से धीरे धीरे सहला रहे थे और अचानक से मुझे देखते ही उन्होंने तुरंत अपने लंड को ढक लिया और उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या कर रहे हो? तो मैंने उनको बोला कि में बाथरूम में जा रहा हूँ और फिर मैंने बाथरूम में जाकर दरवाजे को थोड़ा ज़ोर से बंद किया और उसकी आवाज से उनको लगा कि में अब अंदर हूँ और कुछ देर बाद ही बाहर निकलूंगा, लेकिन ऐसा नहीं था.. फिर में कुछ देर बाद बाहर आकर उन पर नजर रखने लगा और मैंने देखा कि अब बड़े भैया उठकर मेरी दीदी के पास आ गए और उन्होंने दीदी की उस चादर को हटा दिया जो उसने अपने ऊपर डाल रखी थी.. फिर उन्होंने अपने एक हाथ से दीदी के हाथ को पकड़कर उठाया और वो अपने दूसरे हाथ में तेल का डिब्बा लेकर अपने रूम में लेकर चले गये और में भी चोरी-छिपे उनके पीछे चला गया जहां मैंने देखा कि उस रूम में जाने के बाद उन्होंने डिब्बे को नीचे रखने के बाद दीदी की ब्रा को और उसके टावल को खोलकर उसके गोरे नॉन वेज बदन से दूर हटा दिया जिसको में अपनी चकित नजर से देखने लगा और मन ही मन में सोचने लगा कि यह सब क्या चल रहा है और अब इसके आगे क्या होने वाला है? फिर उन्होंने जाकर दरवाजा बंद किया और इसके बाद उन्होंने अपने भी टावल को उतार दिया जिसकी वजह से अब मेरी दीदी की नज़र उनके तनकर खड़े लंड पर चली गई.. दीदी उनके लंड को और बड़े भैया दीदी की गोरी रसभरी बूर को घूर घूरकर देख रहे थे और तभी मेरे बड़े भैया दीदी के पास आ गए और पास आकर बड़े भैया ने दीदी की दोनों जांघो के बीच में अपने लंड को घुसा दिया और अब दीदी ने मस्ती में आकर अपनी दोनों आखों को बंद कर लिया और उसी समय उन्होंने दीदी को अपनी बाहों में झपटकर उठा लिया और वो उनको लेकर बेड पर चढ़ गये.. फिर बेड पर चढ़कर उन्होंने दीदी को बेड पर लेटा दिया और दीदी की गोरी भरी हुई जाँघ पर बैठ गये और वो दोनों ही पूरी तरह से जोश में लग रहे थे.. अब दीदी की बूर को उन्होंने अपने दोनों हाथ से पूरा फैला लिया और उनका दीदी थोड़ा सा विरोध भी कर रही थी, लेकिन उनके विरोध में उनकी हाँ भी मुझे साफ साफ झलक रही थी.. फिर भैया ने अपने लंड पर तेल लगाया और दीदी की बूर पर भी तेल लगाकर मालिश करने लगे.. फिर इसके बाद बड़े भैया ने दीदी की बूर पर अपने लंड को सटाकर हल्का सा अपनी कमर को धक्का लगा दिया जिसकी वजह से दीदी के मुहं से अहह्ह्ह्ह आईईईइ की आवाज़ निकल गई तो में तुरंत समझ गया कि दीदी की बूर में बड़े भैया का लंड चला गया है इसलिए उनको दर्द हो रहा है.. यह आवाज उनके मुहं से ही बाहर आ रही है और फिर बड़े भैया ने अपनी कमर को लगातार झटके देना शुरू कर दिया जिसकी वजह से लंड बूर में अंदर बाहर होने लगा था और बड़े भैया जब जब ज़ोर से झटका लगाते थे तो मेरी दीदीा के मुहं से आआहह्ह्ह्हह ऊउईईईइ माँ मर गई प्लीज थोड़ा सा धीरे धक्के लगाओ की आवाज़ सुनाई पड़ती थी.. फिर कुछ देर के बाद जब बड़े भैया ने धक्के देने के साथ साथ दीदी के चुचियों को मसलना भी शुरू किया तो उनका जोश अब पहले से और भी ज्यादा बढ़ गया और अब एक तरफ बड़े भैया बूर में अपने लंड को ज़ोर से झटके लगाने लगे तो दूसरी तरफ वो दीदी के चुचियों को मसलने लगे और निप्पल को पकड़कर खींचने लगे थे.. तब तक दीदी की बूर में लंड जब आधे से ज़्यादा चला गया तो दीदी के मुहं से अब आह्ह्ह् उफ्फ्फ् नहीं स्सससिईई ऊईईईईइ की आवाज़ बाहर आने लगी थी और अब बड़े भैया ने दीदी के होंठो को चूसना शुरू कर दिया था.. फिर करीब आधे घंटे तक लगातार जोरदार धक्के देकर चुदाई करने के बाद बड़े भैया का वीर्य दीदी की बूर में चला गया और इस दमदार चुदाई की वजह से दीदी बहुत ही खुश थी और कुछ देर के बाद बड़े भैया ने अपना लंड उनकी बूर से बाहर निकाल लिया, लेकिन तब भी दीदी करीब पांच मिनट तक ऐसे ही लेटी रही जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-11-2020, 03:17 PM
फिर उसके बाद वो उठकर जाना चाहती थी, लेकिन बड़े भैया ने उनका एक हाथ पकड़कर उनको रोक लिया और उन्होंने दीदी से पूछा कि तुम अब कहाँ जा रही हो? तुम भी यहीं पर सो जाओ.. फिर उन्होंने दीदी के हाथ को एक झटका देकर उनको अपनी तरफ खींचकर अपने पास लेटा लिया और दीदी उनके पास ही चिपककर सो गयी और फिर में भी उनका खेल खत्म हो जाने के बाद सोने चला गया.. फिर जल्दी सुबह के समय मेरी नींद खुली तो में एक बार फिर से उसी जगह पर चला गया जहाँ से मैंने रात को अपनी दीदी की चुदाई को देखा था और वो मज़े लिए थे जिसकी वजह से मेरा लंड भी तनकर खड़ा हो गया था और जब में वहां पर गया तो मैंने देखा कि मेरी दीदी और बड़े भैया एक दूसरे से चिपककर सोए हुए थे.. तभी अचानक से बड़े भैया की नींद खुल गई और उन्होंने दीदी की कमर पर से अपना हाथ हटाया.. फिर दीदी भी उनका हाथ अपने बदन पर महसूस करके उठ गयी और बड़े भैया ने दीदी के गाल पर एक चुंबन ले लिया और दीदी को दूसरी तरफ़ घूमने के लिए बोला.. फिर दीदी ने उनकी तरफ अपनी पीठ को एक तरफ कर दिया और अब बड़े भैया उसी समय तुरंत उठकर बैठ गये.. फिर उन्होंने डिब्बे में से तेल निकालकर दीदी की गांड पर लगा दिया और दीदी अपनी गर्दन को पीछे करके वो सब देख रही थी.. अब बड़े भैया ने थोड़ा सा तेल लेकर अपने लंड पर भी लगा लिया और फिर बड़े भैया तेल लगाने के बाद नीचे लेट गये और दीदी की गांड पर उन्होंने अपना लंड रख दिया और उनकी कमर को पकड़कर एक जोरदार झटका दिया जिसकी वजह से लंड फिसलता हुआ अपनी सही जगह पर पहुंच गया.. फिर उसी समय दीदी के मुहं से दर्द की वजह से आह्ह्हह की आवाज़ निकलते ही में तुरंत समझ गया कि दीदी की गांड में वो अपना लंड डाल चुके है.. अब बड़े भैया ने धक्के देते हुए अपनी कमर को हिलाना शुरू किया और कुछ ही देर में उन्होंने अपना पूरा लंड दीदी की गांड में डाल दिया और बड़े भैया, दीदी की गांड को करीब दस मिनट तक लगातार धक्के मारने के बाद जब वो धीरे धीरे शांत पड़ गये तो में समझ गया कि दीदी की गांड में वीर्य निकल गया है और उसी समय बड़े भैया ने अपने लंड को बाहर निकाल लिया.. अब वो कुछ देर सिगरेट पीने के बाद उठकर टावल पहनकर बाहर पेशाब करने चले गये और पेशाब करके जब वो वापस रूम में गये तो दीदी अब भी उसी तरह से लेटी हुई थी जिस तरह से वो उनको छोड़कर गए थे.. फिर भैया ने दरवाजा बंद करने के बाद टावल को खोलकर एक तरफ रख दिया और दोबारा बेड पर जाने के बाद उन्होंने दीदी को सीधा करने के बाद वो दीदी की जाँघ पर बैठ गये.. अब दीदी के दोनों पैरों को उन्होंने थोड़ा सा फैला दिया क्योंकि दीदी ने दर्द की वजह से अपने दोनों पैरों को पूरा सटा रखा था.. अब बड़े भैया ने दीदी की बूर को ध्यान से देखा.. बूर से उन दोनों का वीर्य बाहर आकर बह रहा था और वो पूरी तरह से खुल चुकी थी.. फिर भी उन्होंने डिब्बे में से तेल लेकर दीदी की बूर में लगा दिया और इसके बाद अपने लंड पर भी उन्होंने तेल लगाया और तेल को लगाते समय उन्होंने दीदी से पूछा क्या तुम पेशाब नहीं करोगी? तो दीदी ने अपनी गर्दन हिलाकर कहा कि नहीं..
अब बड़े भैया ने जैसे ही लंड को दीदी की बूर के ऊपर सटाया तो दीदी ने अपने दोनों हाथों से अपनी बूर को पूरा फैला दिया.. अब बड़े भैया ने लंड के अगले भाग को दीदी की बूर में डाल दिया और दीदी के दोनों चुचियों को पकड़कर एक जोरदार झटके के साथ उन्होंने अपने लंड को अंदर घुसा दिया जिसकी वजह से दीदी के मुहं से आहह्ह्ह्हह ओफफफफ्फ़ अरे बाप रे आईईईईइ प्लीज थोड़ा धीरे धीरे करो आआअहह कर रही थी, लेकिन बड़े भैया पर उनकी इस बात का कोई असर नहीं हो रहा था और वो हर चार पांच छोटे झटके के बाद एक ज़ोर का झटका दे रहे थे और उनका लंड जब आधे से ज़्यादा बूर के अंदर चला गया था.. फिर दीदी ने बड़े भैया से कहा कि अब और अंदर नहीं डालना वरना मेरी बूर फट जाएगी और मुझे बहुत दर्द हो रहा है क्योंकि आपका लंड मोटा होने के साथ साथ लंबा भी बहुत है तो आप इतना ही डालकर मज़े कर लीजिए.. फिर बड़े भैया ने कहा कि अभी तो मेरा लंड आधा बाहर ही है और उसी समय दीदी ने यह समझ लिया था कि आज उनकी गोरी बूर फटने वाली है जिसको कोई भी नहीं बचा सकता और उसकी बूर का आज भोसड़ा बनकर ही रहेगा.. अब दीदी की हर एक कोशिश को नाकाम करते हुए बड़े भैया दीदी की बूर में अपने लंड को और ज्यादा अंदर ले जा रहे थे और फिर दीदी ने जब देखा कि अब दर्द उनके बर्दाश्त से भी बाहर हो रहा है तो उन्होंने बड़े भैया से कहा कि में आपसे बहुत छोटी हूँ और मेरी बूर का तो आप थोड़ा ध्यान रखो आअहह्ह्ह्ह प्लीज नहीं उईईईईइ आअहह अब छोड़ दीजिए मुझे वर्ना में मर जाउंगी.. फिर भैया ने लगातार कई बार जोरदार झटके देकर अपने पूरे लंड को दीदी की बूर में डाल दिया और दीदी के चुचियों को भी जोश में आकर ज़ोर से दबा दिया और कुछ देर बाद अब दीदी को भी बड़ा मज़ा आने लगा था.. दोस्तों शायद दीदी को इसी का इंतजार था इसलिए अब वो भी अपनी गांड को ऊपर उठाकर भैया के हर एक धक्के का जवाब अपनी तरफ से देने लगी और बड़े भैया ने पूरा लंड अंदर डालकर अपनी झांट को दीदी की झांट से पूरी तरह से सटा दिया और इस तरह से उन्होंने पूरे मज़े लेकर करीब दस मिनट तक दीदी की मस्त मजेदार चुदाई करके उसको खुश किया और इसके बाद दीदी और बड़े भैया शांत पड़ गये.. दोस्तों मेरी दीदी की वो संतुष्टि मुझे उसके चेहरे से साफ साफ नजर आ रही थी जिसके लिए उसने आज अपनी प्यारी मासूम बूर को भोसड़ा बनवा लिया था.. अब में तुरंत समझ गया कि दीदी की बूर में बड़े भैया का वीर्य निकल गया है और अब वो दोनों ही पूरी तरह से थक चुके थे.. अब बड़े भैया ने अपने लंड को बूर से बाहर निकाल दिया और वो दीदी के पास में ही लेट गये.. अब दीदी ने भी थोड़ी देर के बाद उठकर अपने टावल और ब्रा को पहना और दरवाजा खोलकर वो सीधा बाथरूम में चली गयी.. फिर वो नहाकर कुछ देर बाद वापस बाहर आ गई.. दोस्तों यह था मेरा वो सच्चा किस्सा और मेरी चुदक्कड़ दीदी की वो चुदाई जिसको में आप सभी तक पहुंचाना चाहता था जिसमें चुदाई उन दोनों के बीच हुई और उनको देखकर मज़े मैंने भी लिए .. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
16-11-2020, 05:28 PM
(13-11-2020, 02:22 PM)neerathemall Wrote: उसने फिर होठ को चूसते हुए वो मेरी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया। अब ना तो वो मुझे सीखा रहा था ना कुछ मैं सिख रही थी। अब तो दो भी जोश में आ गया था और मैं भी जोश में आ गई थी। दोनों एक दूसरे को किश कर रहे थे एक दूसरे के बदन को सहला रहे थे। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
29-10-2021, 10:43 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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