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Adultery सेक्सी पड़ोसन की चुदाई कर बाप बना
#1
सेक्सी पड़ोसन की चुदाई कर बाप बना





cool2
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
मेरा नाम ओम प्रकाश है। मैं बस्ती के करीब एक गाँव में रहता हूँ । मेरी उम्र 24 साल है। मेरा कद 5 फ़ीट 10 इंच है। मेरा रंग गोरा है। मेरे लंड की लंबाई 9 इंच है। जिससे मैं अब तक कई लड़कियों को चोद चूका हूँ। मैं देखने में बहुत सुन्दर सभ्य और सुशील लड़का हूँ। लेकिन मैं जैसा दीखता हूँ। वैसा मै हूँ नहीं। लड़कियों को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है। लड़कियों को चोदने की तड़प हमेशा मुझमे बरकरार रहती है। मेरा 9 इंच का लौड़ा हमेशा घुसने को तैयार रहता है। लडकियां भी मुझे पसंद करती हैं। कभी कभी मेरा लंड इतना बड़ा हो जाता है। मेरा लंड चोदने के लिए चैन को फाड़कर बाहर निकलने की कोशिश करने लगता है। एक बार मेरा लंड खडा होने के बाद गिरने का नाम ही नहीं लेता। अपना सारा माल निकालने के बाद ही शांत होता है। मुझे लड़कियों को बड़े बड़े चुच्चे बहुत ही अच्छे लगते हैं। लड़कियों की निकली हुई गांड मेरे लंड में आग लगा देती हैं। देखते ही मेरा लौड़ा गरम हो जाता है।
दोस्तों मै एक मिडिल क्लास फैमिली का हूँ। मेरे पापा किसान है। मैं दो भाई और दो बहन हूँ। पैसा न मिल पाने पर मुझे पढाई छोड़ना पड़ा। एक दिन मेरे घर मामा जी आये हुए थे। तो उन्होंने पूंछा- क्या कर रहे हो इस समय? तो मैंने अपने स्थिति के बारे में सबकुछ सच – सच बता दिया। मामा जी गुस्सा होने लगे और कहने लगे। तुम हमें एक बार भी ये सब नहीं बता सकते थे। इस उम्र में पढ़ाई छोड़ रहे
हो। मेरे मामा जी एक इंजीनियर है। उनका घर लखनऊ में है। मम्मी से बात करके मामा अपने साथ मुझे लखनऊ ले आये। अब मैं लखनऊ से ओ’लेवल कर रहा हूँ। साथ ही साथ में बैंक की तैयारी भी कर रहा हूँ। यहाँ लखनऊ में भी मैंने कई लड़कियों को पटा कर चोदा है। लेकिन दोस्तों जितना मजा मुझे बिमला भाभी को चोदने में आया। उतना अभी किसी को भी चोदने में नही आया। सच दोस्तों मैं ये सच्ची घटना लिख रहा हूँ। जो मेरे साथ हुई है। दोस्तों विमला भाभी मेरे मामा के घर के बगल ही रहती है। और वो मेरी पड़ोसन है । मैं जब भी उन्हें देखता।
मेरे अंदर सेक्स का का कीड़ा काटने लगता। मेरा लंड खड़ा हो जाता। विमला भाभी बहुत ही मस्त लगती थी। उनका छरहरा बदन को देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाता था। मेरे मामा का घर उनका घर एकदम सटा के बना है। वो कपड़े को सूखने के लिये छत पर फैला जाती थी। मुझे छत पर उनकी ब्रा और पैंटी से खेलने का मौका मिल जाता था। मै अपनी छत से उनके छत पे जा के उनके ब्रा और पैंटी के साथ खेलते हुए मुठ मारता। और सारा माल उनकी ब्रा और पैंटी पर गिरा आता था। उनके पति को हम भैया कहते है। वो मेरे अच्छे दोस्त भी है। मैं जब घर के बाहर होता था। तो अक्सर वो अपने घर बुला लेते थे। मै भी भाभी के चक्कर में उनके घर जाता था। मेरी नजर तो भाभी की बूब्स पर अटकी रहती थी।मैं उनके टाइट ब्लाउज में उनके दोनों चूंचियों कक गड्ढा कभी कभी दिख जाता था। मैंने एक दिन भाई से उनकी फैमिली प्लानिंग के बारे में पूंछा। तो भाई साहब ने बताया। हमे कभी कुछ दिन बाद बच्चा चाहिए लेकिन भाभी का चेहरा तो कुछ और कह रहा था।मै समझ गया कि कुछ गड़बड़ है एक दिन भाई साहब खूब शराब पी के आये हुए थे। हर रोज की तरह शाम को जब मैं घर से निकला तो उन्होंने बुला लिया। मैं जब उनके घर के अंदर गया तो पता चल गया। भाई साहब ने शराब पी रखी है। मैं तुरंत वापस होने ही वाला था कि वो बुला लिए और बैठने को कहा। मै बैठ गया। वो भाभी को गाली देने लगे आवारा साली एक बच्चा नहीं पैदा कर सकती।
मैंने कहा भाई आपने कहा था। आपको अभी बच्चा ही नहीं चाहिए। फिर अचानकप्लान क्यूँ बदल दिए ? वो बोले- क्या बताऊँ यार मैंने बहुत बार कोशिश की लेकिन होता ही नहीं। मैंने उन्हें भरोषा दिया की परेशान न हो कोशिश करते रहो सब ठीक हो जायेगा। हम पूंछे भाभी कहाँ है दिख नहीं रही। तब उन्होंने बताया कि वो अपने रूम में है। मैंने पूंछा – क्या हुआ तबियत तो ठीक है? बोले जाके खुद ही देख लो, मै भाभी के रूम में गया और देखा भाभी नंगी लेटी थी। हमे लगता है कि भाई ने अभी चोद के निकले थे। मैंने सोचा अब क्या करूँ? कैसे जाऊं! उनके पास। फिर मेरे दिमाग में एक आईडिया आया। मैंने जोर से भाभी को बुलाया भाभी बोली – तुम वही रुको मैं आ रही हूँ और मै वापस आ गया फिर भाभी जी आयी और बोली- क्या हाल है ओम प्रकाश? मैंने कहा – ठीक है भाभी बस आपको देखा नहीं था। तो सोचा मिल ले फिर जाएँ। भाभी बोली – मैं भी सोच रही थी अब तक तुम आये क्यों नहीं कुछ दिन से तो तुम हर रोज आते थे। मेरे दिमाग में बस भाभी का नंगा बदन ही घूम रहा था। मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था। मै बार बार अपने लंड पर हाथ लगा कर नीचे करने की कोशिश कर रहा था। भाभी ये सब देख रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
मैं जल्दी से वहां से भाग कर छत पर आ गया। मै रोज की तरह आज भी मुठ मार के माल उनके ब्रा पे गिराया ही था। कि हमे किसी के आने की आवाज लगी और मैं वहां से भाग लिया। दीवाल के छेद में से देखने लगा। भाभी अपनी कपड़ो को उतारने आयी थी। जब वो उठाने लगी तो मेरा माल उनके हाथ में लगा। माल तो मैं हर रोज गिराता था। लेकिन मैं जल्दी शाम को मुठ मार जाता था आज देर कर दीं थी। उनके हाथ में गीला लगने की वजह से बोली आज गीली क्यों रह गयी। आज धूप भी तो तेज थी। अपनी पैंटी को वो सूंघने लगी शायद उनके पता चल गया कि कोई उनकी पैंटी पे माल गिरा गया है । वो अपनी पैंटी को सूंघते हुए नींचे चली गयी। दूसरे दिन मैं उनके घर नहीं गया। तीसरे दिन ओम प्रकाशवार था। भैया आज पूरा दिन घर पर थे। मेरी भी छुट्टी थी। मैं घर से मामा ने कुछ सामान लेने को भेजा था। तो मैं घर से निकला ही था कि बाहर गेट पे दोनो लोग खड़े थे। मुझे जाता देख कर बोले कल नही आये तुम – मैंने जबाब दिया बस वैसे ही। भैया बोले – चंडीगढ़ चलोगे? मैंने कहा नहीं मेरी पढाई चल रही है। तो वो बोले – हम कल चंडीगढ़ चले जायेंगे। मेरे घर पर कोई नहीं होगा तो रात को तुम मेरे घर पे ही सो जाना।
दोस्तों मै इतना खुश हो गया। कि मानो मेरे ऊपर खुशियों की बारिश होने लगी हो। मैंने कहा ठीक है देखते है। अगर मामा कहेंगे तो लेट जायेंगे। लेकिन सच दोस्तों मैंने ये बहाना बताया था। अगर मामा हमे रोकते भी तो ये मौकाहाथ से जाने नहीं देता। भैया ने कहा -जब कभी हम घर पर नहीं होते थे। तो
तुषार मेरे घर पे लेटता था। दोस्तों तुषार मेरे मामा का लड़का है। फिर भी हम तुम्हारे मामा से कह देंगे। दोस्तों मै अब यही सोच रहा था। कि कब दूसरा दिन आ जा जाये। भाभी को चोदने की तरकीब रात भर सोचता रहा। मै रात भर सो न सका यही सोचता रहा । लेकिन अब मेरे खुशियों का दिन आ ही गया। भाई सुबह – सुबह ही निकल लिए। मै रात को लगभग 10 बजे उनके घर गया। तो देखा मेरा अब तक इंतजार कर रही थी। उन्होंने पूंछा- कहाँ लेटना चाहोगे तुम ? मैंने कहा – कही भी फिर कहने लगी की तुम मेरे बगल में भैया केरूम में लेट जाओ। मैंने कह तो दिया ठीक है। लेकिन मैं यही सोचता रहा की कैसे चोदूं इन्हें! और मै भैया के रूम में लेट गया। लेकिन मैंने दरवाजाखुला छोड़ दिया था। मुझे लगा की भाभी भी अपने रूम में चली गयी होगी। लेकिन हमें क्या पता वो हमें ही चुपके से देख रही है। मै मुठ मार रहा था भाभी ने देखा था। हमे बाद में पता चला जब रात को मैं 1 बजे लेटा था। तो बिल्ली ने कुछ गिरा दिया था।
भाभी और हम दोंनो लोग चौंक गये। भाभी हमारे रूम में आयी और बोली – क्या हुआ कुछ गिराया है तुमने? मैंने बोला -नहीं फिर हम लोग घर में देखने लगे कुछ नहीं था। भाभी डर गयीं थी। हम डरने का नाटक कर रहे थे। मै बोला – भाभी हमे बहुत डर लग रहा है। वो बोली – हमे भी मैंने कहा मन ही मन अपना तो काम हो रहा है। फिर मैंने कहा- “हम जा रहे है घर तुम भी चलो हमारे यहाँ मामी के पास लेट जाओ। भाभी बोली – घर कैसे छोड़ के चले। मैंने कहा- फिर क्या करें हम लोग। रात भर जागेंगे तो सुबह हमे पढ़ने भी तो जाना है। तो भाभी बोली “क्यूँ ना हम लोग एक काम करें ‘ मैंने पूंछा – क्या ,भाभी बोली हम लोग एक ही रूम में लेट जाएं। सुनते ही मेरा दिल खुश हो गया और मैंने कहा ठीक है। हम भाभी के रूम में भाभी के बिस्तर पे लेट गए। भाभी बोली तुम यहाँ लेट जाओ मै सोफे पे लेट जाती हूँ । मैंने कहा क्यूँ ? इतना बड़ा बेड है। आप सोफे पे लेटेंगी इससे अच्छा है। हम ही सोफे पे लेट जाते है । भाभी को किसी तरह से बेड पे लिटा लिया। अब वो मेरी तरफ देख रही थी। मैं भी देख रहा था। कुछ देर देखने के बाद भाभी बोली- तुम जितने मासूम दिखते हो उतने हो नहीं। मैंने कहा क्यूँ मै तो बहुत सीधा साधा लड़का हूँ। वो बोली हमे पता है जितने सीधे हो तुम ? मैंने कहा-जो कुछ भी कहना है साफ-साफ कहो। तो वो पूंछने लगी कोई गर्लफ्रैंड है
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#4
तुम्हारी ? मैंने कहा मैं ये सब नहीं करता। भाभी बोली – तो क्या तुम अभी तक मुठ ही मारते हो। मैंने कहा ये क्या कह रही हैं आप ! बोली आज तुम जब मुठ मार रहे थे। तो मैने देखा था अब मैं क्या करूँ। फिर मैंने कहा कभी – कभी मार लेता हूँ। जब कोई गर्लफ्रेंड है ही नहीं। तो भाभी बोली अभी तक तुमने सेक्स नहीं किया। मैंने कहा – नही और फिर मै चुप हो गया।
मैंने कहा भाभी एक बात पूंछे भाभी ने कहा – हाँ। मैंने पूंछा आपको अभी कोई बच्चा क्यों नहीं है ? वो कुछ ना बोली और चुप हो गयी। मैंने कहा भाभी मैंने तो आपको सब कुछ बता दिया। अब तुम क्यों नहीं बता रही । वो बोली
क्या बताएं ओम प्रकाश तुम्हारे भैया है। उनके साथ ठीक से सेक्स नहीं हो पाता। इसीलिए आज तक हमे कोई बच्चा नहीं है । मैंने कहा- तब तो आपको कभी बच्चा नहीं होगा। उन्होंने कहा -शायद मैं कभी माँ न बन पाऊँ। रोने लगी मैंने
उन्हें चुप कराया। उनके हाथ को हाथ में ले लिया। और उनका हाथ छूते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। मुझे भाभी को जल्दी से चोदने कक मन करने लगा। भाभी की तरफ मैं खिसक के चिपक गया।
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#5
मैंने भाभी की होंठों पर किस किया। भाभी ने मेरा विरोध नही किया। मुझे रास्ता साफ़ नज़र आने लगा। भाभी भी चुदवाना चाहती थी। मैंने उनकी लाल होंठो को चूसने लगा। भाभी भी मुझे किस कर रही थी। मैंने भाभी की बूब्स को दबाया। कुछ देर बाद जब मैंने भाभी की नाइटी उतारनी चाही। तो भाभी बोली – मेरी एक शर्त गई मैं तुम्हारे साथ सैक्स करूंगी। तुम हमे माँ बनाओगे।
मैंने कहा किसी को पता चल गया। तो क्या होगा। वो बोली- हम दोनों के अलावा जानता ही कौन है। मैंने कहा ठीक है। लेकिन अभी नहीं भैया के आने के बाद तुम्हे माँ बना दूंगा। भैया को लगे उन्ही ने तुम्हे प्रेग्नेंट किया है। भाभी ने कहा ठीक है जब तुम्हारे भैया ऑफिस चले जायेंगे तब तुम मुझे चोदना। मैंने कहा- ठीक है। लेकिन आज तो सेक्स करने दो। भाभी बोली- अब से ये चूत तुम्हारे नाम और
मुझे किस करने लगी। मै भी जोर से किस कर रहा था। बीच -बीच में उनके होंठो को काट रहा था मैंने उनका होंठ चूस के लाल कर दिया। ऐसा लग रहा था जैसे कमल की पंखुड़ियां हो फिर मैं धीरे – धीरे उनके मम्मे दबाने लगा। वो गर्म हो गयी।
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#6
सिसक सिसक कर गर्म गर्म सांसे छोड़ने लगी। मैंने उनकी नाइटी उतार दी। ब्रा निकाल के मम्मे को आजाद कर दिया। अब मैंने पूरा शरीर देखने लगा। फिर मैंने भाभी की पैंटी उतार दी। पैंटी उतारते ही मुझे भाभी के चूत के दर्शन हो गए।
मैंने अपना पैजामा निकाल दिया। लंड को निकल लिया। वो मेरे लंड को देखते ही पागल हो गयी। बोली मुठ मार के कितना बड़ा कर लिया है।मैंने अपना लंड भाभी के सामने करके भाभी से चुसवाने लगा। भाभी मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह चूस रही थी। अब तक वो झड़ के चूत गीली कर ली थी। चूत से पानी बहकर बाहर आ रहा था। मैंने भाभी की चूत का सारा पानी चाट लिया। भाभी की चूत को चाटते में बहुत मजा आ रहा था। मैं भाभी की चूत को अच्छे से पी रहा था। भाभी के चूत के काले दाने को बीच बीच में काट रहा था। भाभी सी… सी… सी… करके। भाभी कहने लगी- “ ओम प्रकाश भाई! अब मुझसे कंट्रोल नही हो रहा है. सी सी सी सी….प्लीस जल्दी से मेरी चुद्दी [चूत] में लंड डाल दो और जल्दी से चोदो!!”
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#7
मै अपना लंड भाभी की चूत पर रगड़ कर भाभी को और गर्म कर रहा था। भाभी को ज्यादा तड़पता देख। मैंने देर न करते हुए लंड को चूत में डाल दिया। भाभी की चूत कुछ ज्यादा टाइट नहीं थी। मैंने जोर से धक्का मारा। मेरा पूरा लंड भाभी की छूट में घुस गया। मैं भाभी को चोदने लगा भाभी की मुह से सिर्फ चींखें निकल रही थी। उह आह ऊह्हा अह्ह्ह्ह ऐईइ ओह्ह्ह्हयेह्ह्ह्ह्ह नैईई ओह्…ह्ह्ह ओह्ह्..ह्ह…हा..आह्ह्ह् की आवाज निकाल रही थी। भाभी कुछ ही देर में बार बार झड़ने लगी। पूरी चूत का कचरा हो गया।
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#8
भाभी कहने लगी- इतना मजा मुझे आज तक नहीं आया। फिर कुछ देर बाद सो गए नंगे ही हम दोनों सुबह उठते ही एक बार फिर चुदाई की। फिर मैं घर आ गया।
बाद में मैंने भैया के आने के बाद चुदाई की और भाभी कोमाँ बना दिया। भाई को लग रहा है। उनका बेटा है। अब मैं जब भी जाता हूँ। भाभी के साथ एक बार चुदाई जरूर करता हूँ। भाभी को भी मुझसे चुदवाकर बहुत मजा आया।
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#9
[Image: bahan-bhai-sex.jpg]
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#10
[img]दिवाली का गिफ्ट : बूर (चूत) में रसगुल्ला डाल के खिलाई मेरी पड़ोसन[/img]दिवाली का गिफ्ट : बूर (चूत) में रसगुल्ला डाल के खिलाई मेरी पड़ोसन
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#11
(13-11-2020, 12:31 PM)neerathemall Wrote: [Image: दिवाली%20का%20गिफ्ट%20:%20बूर%20(चूत)%20में%20रसगुल्ला...मेरी%20पड़ोसन]दिवाली का गिफ्ट : बूर (चूत) में रसगुल्ला डाल के खिलाई मेरी पड़ोसन

मैं दिल्ली में पढाई करता हु, २२ साल का नौजवान हु, काफी सुन्दर हु, मुझे लड़कियों को या भाभी को घूरना बहुत ही अच्छा लगता है, पर आज तक मैंने कभी चुदाई नहीं की, कभी मौका ही नहीं मिला था, पर आज तो मैं मेरी किस्मत का दरवाजा खुल गया है. मैं आज अकेला कमरे में बोर हो रहा था, तभी किसी ने मैं दरवाजा खटखटाया जाके देखा तो सामने बाली भाभी थी, तो वो बोली भैया अगर आप फ्री हो तो क्या लाइट लगा दोगे मेरे बालकनी में, आपको तो पता होगा की ये नहीं होते है (अपने हस्बैंड के बारे में) कंपनी के काम से विदेश गए है, मैं अकेली हु, इसलिए मुझे लाइट लगाने नहीं आती है, मैंने लाइट ले आई मार्किट से
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#12
मैंने कहा हां हां क्यों नहीं, मैं लगा देता हु, और मैं उनके फ्लैट में चला गया, मेरा दरवाजा और उनका दरवाजा सामने ही, ही, मेरी पड़ोसन का नाम सोनी है, गजब की सुन्दर, बड़े बड़े चूच, चौड़ी गांड, सुराही की तरह पेट, गोरी, लाल लाल होठ, लम्बे बाल, बहुत ही सुन्दर लगती है, मैं जब से देखा था सोनी को तब से मैं उनकी याद में मूठ मार चूका हु, फिर मैं उनके यहाँ लाइट लगाने लगा, उस समय वो नाईटी पहनी थी, अंदर ब्रा नही पहनी थी इसवजह से उनकी चूचियाँ हिल दुल रही थी, उनका बाल खुला था, बार बार वो अपने लम्बे बाल को झटक के पीछे कर रही थी वो तो क़यामत की तरह था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#13
मुझे सोनी भाभी को देख कर रहा नहीं जा रहा था, जवान लण्ड बार बार खड़ा हो रहा था, मुझे उनके चोदने का मन करने लगा, तो मैंने भाभी की बड़ाई करनी सुरु कर दी, मैंने कहा भाभी कहा भैया आपको इस दिवाली में छोड़कर चले गए, ऐसे उनको जाने मत दो या तो आप भी उनके साथ चले जाया करो क्यों की इंसान को सब कुछ बार बार मिल सकता है जवानी नहीं मिलती, भाभी बोली हां ये बात से मैं सहमत हु, जितना मस्ती करना है कर लो फिर मौका नहीं मिलेगा, भाभी फिर बोली पर आपको ये सब चीज का एहसास कैसे हो गया है आपकी तो शादी भी नहीं हुयी है, तो मैंने कहा कई चीजो का एक्सपीरियंस सोच कर ही हो जाता है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#14
भाभी बोली आप हो बड़े होशियार खैर दिल्ली में कोई आपकी गर्ल फ्रेंड है की नहीं तो मैंने कहा नहीं भाभी कोई नहीं है, तो भाभी बोली किसी को पटाये हो की नहीं तो मैंने कहा मुझे पता ही नहीं है कैसे पटाते है क्या बोलते है, भाभी बोली चलो समझ लो मैं आपकी गर्ल फ्रेंड हु, आप मेरे से पटाने बाली बात करो, मैंने कहा कैसी हो डिअर आज कल दिखती नहीं हो, तो भाभी बोली चुप हो जा, मैं ऐसी वैसी लड़की नहीं हु, तो मैंने कहा फिर कैसी हो, भाभी बोली मैं सीधी साधी भारतीय लड़की हु, जो सिर्फ अपने पति के लिए हु, मैंने कहा ओये जान एक बार आजमा कर तो देख लो, तो भाभी बोली क्या है स्पेशल तेरे में, मैंने कहा ये तो आजमा के ही पता चलेगा, मैंने तुम्हे बहुत खुश रखूँगा,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#15
भाभी चुप हो गयी, मैंने कहा क्या बात है भाभी बुरा लग गया क्या, तो भाभी बोली नहीं नहीं बस यूं ही, मैंने भी यही चाहती थी अपने ज़िंदगी में की कोई मुझे खुश रखे, मेरा पति मुझे प्यार नहीं करता मुझे किसी चीज की कमी नहीं है बस प्यार की है मेरा पति किसी और औरत के चक्कर में है, वो उसी के साथ पर्व में रहता है, आज वो किसी होटल में रंगरेलियां मना रहा होगा. और रोने लगी, मैंने उनके नजदीक जाके कहा, रोने से काम नहीं चलेगा, खुश रहो भाभी जी, आप इसके लिए सोचो क्या करना है, ऐसे काम नहीं चलेगा ज़िंदगी बहुत छोटी है, इसलिए इंसान को ख्सः रखना चाहिए, और मैंने उनका सर अपने कंधे पे टिका लिया, और पीठ को सहलाते हुए सांत्वना देने लगा, फिर वो भी मुझे पकड़ ली.
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#16
मेरे बाहों में एक जवान औरत थी जिसकी चूचियाँ मेरे साइन से चिपकी हुयी थी, मैंने पहली बार किसी औरत को इतना करीब पाया था, फिर क्या था कब हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे पता ही नहीं चला, देखते ही देखते मेरी धकड़न तेज हो गयी, और हम दोनों बेड पे लेट गए, मैंने उनके चूचियों को दबाने लगा और उनके मुह से सिस्कारियां निकलने लगी, फिर वो बोली अरे छोडो और वो खड़ी हो गयी, मैंने कहा हो गया सत्यानाश, मैंने कहा क्या हुआ भाभी मैंने किसी को भी नहीं बताऊंगा, आप चिंता नहीं करो वो खड़ी एक पल सोचने लगी, फिर वो इधर उधर बाहर झांक के देखि, और अंदर आई बोली चलो पहले मिठाई खाओ दिवाली में मिठाई कहते है, मैंने कहा आप मुझे खुद खिलाओ,
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#17
वो रसगुल्ले खिलाने लगी, मैंने एक खाया और एक मैंने उनके मुह में दे दिया, और मैं उनके होठ के पास जाके बोला मेरा रसगुल्ला मुझे वापस कर दो, फिर वो अपने मुह से निकाली और होठ में फसा ली मैंने उनके होठ से आधा काट लिया फिर उनके होठ को चूमने लगा, एक बार फिर हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे, और फिर बेड पे चले गए मैंने उनकी नाईटी खोल दी, और फिर चूच को मसलने लगा, वो अब आह आअह आअह कर रही थी, मैंने निचे आके देखा जांघो के बीच में काले बाल के बीच में एक दरार सा था, मैंने ऊँगली डाली भाभी उछल गई, मैं तुरंत दोनों ऊँगली से चिर के देखा लाल लाल बूर पहली बार दर्शन हुआ,
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#18
फिर मैं सुंघा ओह्ह्ह आनंद ही आनंद था, नमकीन नमकीन रस मैंने कहा भाभी नमकीन है मीठा क्यों नहीं है, तो बोली, बूर में कोई रसगुल्ला थोड़े ना होता है, मुझे लगा फिर रसगुल्ला ही डाल के देख लेते है, मैंने रसगुल्ला लाके बूर के अंदर दे दिया और रसगुल्ला को चाटने लगा, भाभी बोली बड़े ही शरारती हो, मैंने कहा आपने ही बना दिया आज मुझे, फिर मैं बूर में रसगुल्ला डाल के खाता गया और वो खिलाती गयी, मेरा लण्ड खड़ा हो गया था, फिर भाभी बोली मुझे भी आइसक्रीम चखाओ मैंने अपना मोटा कला लण्ड उनके मुह में दे दिया, वो चूसने लगी, मुझे अजीब सी सिहरन हो रही थी, फिर वो मुझे धक्के दे के निचे कर दी और दोनों पैर को अलग अलग कर दी.
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#19
मैंने अपना लण्ड उनके चूत पे रखा और धक्का दिया, पूरा लण्ड उनके बूर में समा गया भाभी आअह आआह आआह आआह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह की आवाज निकल रही थी और मैंने चोदे जा रहा था, वो भी गांड उठा उठा के चुदवा रही थी और मैं चोदे जा रहा था, फिर क्या था करीब एक घंटे तक हम दोनों ने एक दूसरे को संतुष्ट किया, शाम होने लगी फिर हम दोनों चोद के और चुदवा के उठे, फिर लड़ी लगाई, और फिर मैं पटाखे लेके आया और बारह बजे रात तक पटाखे छोड़े, फिर चुदाई की, करीब ५ बजे गए थे उन्ही के घर सो गया एक दूसरे को पकड़ के, दिन में करीब बारह बजे उठे फिर मैंने अपने फ्लैट में आये और नहा धोकर मैंने ये कहानी आपके साथ शेयर कर रहा हु, कहानी लिखते लिखे मेरे पास दो बार फ़ोन आ गया की आज रात को दोनों बहार चलेंगे खाना खाने और आज फिर एन्जॉय करेंगे क्यों की हो सकता है कल मेरे पति आ जायेगे,
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