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Gay/Lesb - LGBT किरायेदार
#1
Wink 
उसका लिंग रह रहकर झटके ले रहा था। मेरी निगाहें उसके लिंग के सुपाड़े पर थी। उसके लिंग के छिद्र से कामरस निकल रहा था। मैं बिस्तर पर पेट के बल लेटा हुआ था और वो मेरे सामने निवस्त्र खड़ा था। मैंने अपनी जीभ को होंठों पे फिराया और उसके लिंग के सुपाड़े पर अपनी जबान फिराई। 

'ममम्म', उसके मुँह से निकला।

मैंने अपने मुँह को फिर लिंग से दूर खींच लिया और अपनी नजरें उठाकर उसकी आँखों में देखा। उसके चेहरे पर काम वासना साफ दिखाई दे रही थी। उसकी आँखों मुझसे उसके लिंग पर अपनी ज़बान का जादू दिखाने की प्रार्थना कर रही थी। उसने अपनी लिंग की तरफ ईशारा किया जो दुबारा फड़कने लगा था। फिर वो मेरे सिर के पीछे हाथ रखकर मेरे मुँह को अपने लिंग की ओर ले गया। 

'प्लीज',उसने कंपकपाती आवाज में बोला।

मैं मुस्कुराया और मैंने अपनी जबान उसके लिंग के सुपाडे पर फिराई। 

उसकी आँखें मुंद गयीं।

मैं फिर अपनी ज़बान उसके पूरे लिंग पर फिराने लगा। वो सिसक रहा था। इसी के साथ मेरे हाथ उसके गोलियों से खेल रहे थे। थोड़ी देर तक उसके लिंग को चाटने के बाद मैंने उसकी गोलियों को चूसना शुरू कर दिया।

उसकी गर्दन और कमर धनुषाकार हो गई थी। और उसके हाथ मेरे सिर के पीछे से मुझे दिशा निर्देश से दे रहे थे। लेकिन मुझे इसकी जरूरत नहीं थी। मैं अपने काम में दक्ष था। मुझे पता था कि उसकी गोलियों के साथ कब तक खेलना है। मैंने तय वक्त तक उन्हें चूसा और फिर उसके लिंग को छूसने लगा। कुछ देर छूसने के बाद उसने लिंग मेरे मुँह से निकाला और थोड़ा पीछे खड़ा हो गया। मुझे पता था कि वो जब झड़ने वाला होता था तो यही करता था।

उसका ये करना एक ईशारा भी था। उसे थोड़ा वक्त चाहिए था। मैं अब पीठ के बल लेट गया। मेरा लिंग सावधान मुद्रा में खड़ा था। उसने मेरे लिंग को अपने हाथ में लिया और उसे ऊपर नीचे करने लग गया। मेरी सिसकियाँ निकल रही थी। एक हाथ से वो लिंग को ऊपर नीचे करता और दूसरे से मेरी छातियों को दबा रहा था। मुझे असीम आनन्द मिल रहा था। कुछ देर बाद उसके हाथ रुक गये और वो मेरे लिंग को मुँह में लेकर चूसने लगा। उसकी तकनीक अभी बेसिक ही थी लेकिन मुझे इसी में मजा आता था। जैसे जैसे उसके होंठ मेरे लिंग पर अपना काम कर रहे थे वैसे वैसे मैं भी धक्के देता जा रहा था। हमारा तालमेल गजब का था। मेरे हाथ उसके सिर के पीछे चले गये और मैं अपने लिंग से उसके मुँह के साथ मैथुन करने लगा। कुछ ही देर में मैं अकड़ गया और उसके अन्दर मेरा वीर्य गिर गया।मेरे हाथों से उसके सिर को आज़ाद कर दिया और वो उठ गया। उसने बेड के सामने रखे कटोरी में वीर्य थूका। फिर पानी से कुल्ला किया। हम ये काम रोज करते आ रहे थे इसलिए कैसे क्या होगा इसका हमे पता था।
 
मैं अब संतुष्ट था लेकिन उसको अभी संतुष्ट होना बाकी था। मुझे पता था मुझे क्या करना है। मैंने उसके लिंग को दुबारा मुँह में लिया। और उसके साथ ही उसके हाथ में के वाई जेली थमा दी। उसने जेली निकाली और मेरे गुदा छिद्र में लगाने लगा। उसे गुदा मैथुन पंसद था जबकि मुझे केवल औरतों के अन्दर जाने में रूचि थी। मर्दों की गुदा न जाने क्यों मुझे आकर्षित नहीं करती थी। खैर, उसने जेली लगायी और तब तक मैं उसके लिंग को तैयार करता रहा। उसके बाद मैंने बगल की टेबल से कंडोम का पैकेट उठाया और एक कंडोम निकालकर उसके लिंग पर पहना दिया। कंडोम आम फ्लेवर था जो मुझे पसंद था और मैं दुबारा उसके लिंग को चूसने लगा। कुछ देर बाद वो तैयार था और मैं भी। मैंने अब उसके कंडोम चढ़े लिंग पर के वाई जेली लगानी शुरू कर दी। फिर उसने मुझे पीठ के बल लेटाया और मेरे निताब्मों के नीचे तकिया फिट कर दिया। अब वो उँगलियों से मेरे गुदा द्वार में प्रवेश करने लगा। एक ऊँगली से पहले उसने अन्दर बाहर किया और फिर दूसरी ऊँगली भी डाल दी। कुछ देर बाद जब मेरा गुदा द्वार इन सबके लिए अभ्यस्त हो गया तो उसने अपने लिंग का सोपाड़ा मेरे गुदा द्वार पे टिकाया। वो अब मेरे तरफ झुका हुआ था और मेरे को किस कर रहा था। थोड़ी देर में उसका लिंग मेरे गुदा में प्रविष्ट हो चुका था। वो अब धक्के लगाने लगा। वो कभी मेरे मुँह को चूमता तो कभी मेरे गर्दन को। उसके धक्के बेदस्तूर जारी रहे। और मैं आनन्द का अनुभव करता रहा। पूरे कमरे में हमारे शरीर की थपथपाहट के इलावा केवल पंखे चलने की आवाज आ रही थी। कोई कुछ नहीं कह रहा था।

फिर जैसे उसका शरीर एक दम से अकड़ गया और वो निढाल होकर मेरे ऊपर गिर गया। मैंने अपने टांगों की गिरफ्त में उसे ले लिया। उसका मुँह मेरे गर्दन के बगल में था और वो बुरी तरफ हांफ रहा था। 
मैं उसके बालों में हाथ फिराने लगा। 

कुछ देर में मैं और राजेश नग्न लेटे हुए थे। वो पंखे को घूर रहा था। 

उसने कहा,'मेरी इधर ये आखिरी रात है।'

'हम्म', जानता हूँ मैंने कहा।

'मैं शादी कर रहा हूँ।' उसने कहा।

'बधाई।' मैंने कहा।

'तुम्हे और कुछ नहीं कहना',उसने कहा।

'अपनी बीवी का ख्याल रखना', मैंने कहा।

'तुम क्या करोगे?', उसने कहा।

'नया किरायेदार ढूँढूँगा।', मैंने कुटिल मुस्कराहट के साथ कहा।

राजेश ने मेरे मुँह को चूम लिया और हम दूसरे राउंड के लिए रेडी हो गये।
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