01-06-2020, 04:30 PM
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मैं, दीदी और हमारा राज
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Incest मैं, दीदी और हमारा राज
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01-06-2020, 04:30 PM
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मैं, दीदी और हमारा राज
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
01-06-2020, 04:30 PM
मैं रिचा खन्ना लखनऊ से ! इस समय मैं 30 वर्ष की शादीशुदा महिला हूँ।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
01-06-2020, 04:31 PM
मेरा यौन जीवन भी काफ़ी स्वछन्द रहा है। मैं जब 18 साल की थी और बारहवीं में पढ़ती थी तब मैंने अपने प्रथम सहवास का आनन्द लिया था। वही घटना मैं आपको आगे बताने जा रही हूँ।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
01-06-2020, 04:31 PM
हमारे परिवार में सिर्फ़ चार लोग थे, मैं, मेरी बड़ी बहन सुनीता और मेरे मम्मी-पापा। हमारे घर में एक ड्राइंग रूम और दो बेडरूम थे। एक बेडरूम में मम्मी-पापा और दूसरे में हम दोनों बहनें सोती थी। इसके अलावा ऊपर की मंजिल पर एक कमरा था जिसमें राज रहा करता था।
पापा सुनील खन्ना सरकारी नौकरी में थे और मम्मी सविता खन्ना भी एक कॉलेज में अध्यापन कार्य करती थी। उस समय हम पुणे(महाराष्ट्र) में रहते थे। हम चारों के अतिरिक्त एक सजीला युवक राज हमारे घर में घर के सभी काम करने के लिए रहता था। राज पूरा दिन घर में रह कर सारा काम करता था। एक दिन मैं कॉलेज से ग्यारह बजे ही आ गई और सीधे अपने कमरे में जाने लगी तो मैंने देखा कि सुनीता राज के साथ कमरे में थी, दोनों पूरे नंगे थे, राज बेड पर लेटा था और सुनीता उसके ऊपर बैठ कर आगे की ओर झुकी हुई धीरे धीरे हिल रही थी, राज के मुँह में सुनीता का एक चुचूक था। दोनों में से किसी ने मुझे नहीं देखा पर मेरे मुख से चीख सी निकली- सुनीता, यह क्या हो रहा है? जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
01-06-2020, 04:32 PM
और मैं वहाँ से सीधे मम्मी-पापा के कमरे में भाग आई। मैंने देखा ही नहीं कि मेरे चीखने के बाद उन दोनों ने क्या किया।
कोई पांच मिनट बाद वो दोनों मेरे पास आए और सुनीता मेरे सामने बैठ कर मेरे कन्धों पर अपने दोनों हाथ रख कर मुझे कहने लगी- देख रिचा, तूने जो भी देखा, मम्मी को मत बताना ! राज मेरे पीछे बैठ गया और मेरी पीठ पर हाथ रख कर सहलाने लगा। उस समय सुनीता ने सिर्फ़ टॉप और पैंटी और सुनील ने सिर्फ़ अन्डरवीयर पहना था। सुनीता की गोरी नंगी जांघें मेरे सामने थी और उसे देख कर मेरे मन में कुछ कुछ होने लगा था। सुनीता मुझे मनाते मनाते अपने हाथ मेरे गालों पर ले आई और उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए। इससे पहले मुझे ऐसा कोई अनुभव नहीं था, मुझे सुनीता का चुम्बन बहुत भाया और मेरे बदन में आग सी भर गई। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
01-06-2020, 04:32 PM
राज मेरी पीठ सहलाते सहलाते अपने हाथ मेरे वक्ष पर ले आया और धीरे धीरे मेरी चूचियाँ सहलाने लगा। मुझे यह सब काफ़ी अजीब सा लग रहा था लेकिन मज़ा भी आ रहा था। सुनीता ने चूमते चूमते मुझे पीछे की तरफ़ झुका कर राज के ऊपर गिरा दिया और खुद मेरे ऊपर आकर मेरा कमीज ऊपर उठा कर मेरी चूचियों पर ब्रा के ऊपर ही अपने होंठ रगड़ने लगी।
पीछे से राज ने धीरे धीरे मेरा कमीज ऊपर सरका कर उसे मेरे गले से निकाल कर मेरे बदन से बिल्कुल जुदा कर दिया। मैं चाह कर भी उन दोनों का विरोध नहीं कर पा रही थी। कमीज़ उतरने के बाद सुनीता मे मेरी एक चूची मेरी ब्रा से बाहर खींच ली और चूसने लगी। इसी बीच राज ने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा भी मेरी चूचियों का साथ छोड़ कर एक तरफ़ पड़ी मेरा मुँह चिड़ा रही थी। इसके बाद राज के हाथ मेरी चूचियों को मसलने लगे और सुनीता कई उंगलियाँ मेरी सलवार के नाड़े तक पहुंच चुकी थी। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
01-06-2020, 04:32 PM
राज मेरी कमर के नीचे से निकल कर मेरे ऊपर झुक गया और मेरे होंठ उसके होंठों की गिरफ़्त में आ गए। वो मुझे पूरे जोर से चूम-चाट रहा था। सुनीता मेरी सलवार मेरी टांगों से अलग करने में लगी थी। राज मुझे चूमते चूमते मेरी चुचूक को चूसने लगा और दूसरी चूची को मसलने लगा। अब चूंकि मेरा चेहरा राज की जांघों के पास था तो मुझे उसकी जांघों के बीच से उसके पसीने, वीर्य और पेशाब की सी मिलीजुली गन्ध आ रही थी जिससे मुझे और ज्यादा उत्तेजना होने लगी। मेरे मन में यह विचार भी आ रहा था कि मैं इनका विरोध क्यों नहीं कर रही हूँ।
सुनीता मेरी सलवार उतारने के बाद मेरी गोरी, नर्म, मक्खन सी जांघों को चूम रही थी और जीभ से चाट भी रही थी। मेरी योनि से जैसे रिसाव सा हो रहा था बिल्कुल वैसा महसूस हो रहा था जैसे मासिक धर्म में होता है। मैं बिल्कुल बेजान गुड़िया की भान्ति बिस्तर पर पड़ी थी और राज और सुनीता मेरे बदन से मनचाहे ढंग से खेल रहे थे, पैंटी के अतिरिक्त मेरे शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था। राज मेरी चूचियों को चूसते चूसते मेरे नंगे पेट की और बढ़ा और मेरी नाभि छिद्र में अपनी जीभ घुसा दी। उसका एक हाथ पैंटी के ऊपर से ही मेरी योनि का जायजा लेने लगा था। अब सुनीता ने मेरे बदन को पूर्णतया राज के हवाले कर दिया और उसने बिस्तर से उठ कर राज के अन्डरवीयर को उसकी टांगों से सरका कर उतार दिया। राज का उत्थित लिंग मेरे गालों पर टकरा रहा था और उसकी गंध मुझे कभी अच्छी लगती तो कभी बुरी। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
01-06-2020, 04:33 PM
सुनीता ने राज के लिंग को अपने हाथ में लिया और उसे मेरे गालों, होंठों पर रगड़ने लगी। जब लिंग गालों पर आता तो मुझे बहुत अच्छा लगता लेकिन जब होंठों पर आता तो मुझे घिन सी होती और मैं उससे बचने की कोशिश में अपना चेहरा इधर-उधर घुमाने लगती। उधर राज का एक हाथ मेरी पैंटी सुरक्षा को तोड़ते हुए उसके अन्दर घुस चुका था और दूसरा हाथ मेरी पैंटी को सरकाने की जी तोड़ कोशिश में लगा था लेकिन मेरे भारी कूल्हों के नीचे मेरी पैंटी दबी होने के कारण उसे सफ़लता नहीं मिल रही थी।
तभी राज ने जबरन मेरी टांगें ऊपर हवा में उठाई और एक ही झटके से मेरी पैंटी मेरे टखनों तक सरका दी। मेरी चूत के आसपास छोटे छोटे मखमली बाल थे क्योंकि एक हफ़्ते पहले ही मैंने हेयर रिमूवर प्रयोग किया था। अब राज ने अपने होंठ मेरी अनछुई चूत के द्वार पर रखे और अपनी जीभ अन्दर घुसेड़ने की कोशिश करने लगा। सुनीता अब राज के लण्ड का अग्र भाग मेरे स्तनाग्रों पर रगड़ रही थी और बीच बीच में कभी लण्ड तो कभी मेरे चुचूक चूस लेती। उत्तेजना के मारे मेरे कूल्हे अपने आप उछल उछल कर मेरी योनि को राज के मुख पर पटक रहे थे। राज और सुनीता दोनों समझ चुके थे कि अब मैं चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार हूँ। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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01-06-2020, 04:33 PM
सुनीता ने राज से कहा- राज ! चोद दे साली को ! खोल दे इसकी चूत ! इसे भी दिखा दे कि चुदने में कितना मज़ा है।
राज मेरे ऊपर से उठा, मेरी जांघों के बीच आया, सुनीता ने मेरी एक टांग पकड़ी, दूसरे हाथ से राज का लण्ड पकड़ कर मेरी योनि-छिद्र पर लगाया और बोली- लगा धक्का राज ! और मेरी चीख निकल गई- हाय मम्मी ! मर गई मैं ! इतने में सुनीता का हाथ मेरे मुँह पर जम गया और मेरी आवाज घुट कर रह गई। बस उसके बाद वही सब ! धीरे धीरे मेरा दर्द गायब होने लगा, मुझे मज़ा आने लगा और राज धक्के पर धक्का लगाने लगा। जब राज का छुटने को था तो सुनीता पहले ही बोल पड़ी- राज, अन्दर मत करना जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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01-06-2020, 04:34 PM
काफ़ी देर लगी राज को छुटने में !
जैसे ही राज मेरी चूत से अपना लौड़ा निकाल कर मुठ मारने लगा, सुनीता ने मेरी चूत से निकले खून से सने राज के लण्ड को अपने मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी। राज सुनीता दीदी के मुँह के अन्दर ही झड़ गया। इसके बाद काफ़ी देर हम ऐसे ही लेटे रहे और फ़िर सुनीता ने राज से एक बार अपनी चुदाई कराई हालांकि राज की बिल्कुल इच्छा नहीं थी और ना ही उसमें तीसरी चुदाई की हिम्मत थी। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
01-06-2020, 04:35 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
01-06-2020, 04:36 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
01-06-2020, 04:36 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
04-06-2020, 01:54 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-11-2020, 11:33 AM
(01-06-2020, 04:30 PM)neerathemall Wrote: . https://cdni.pornpics.com/1280/1/297/897...5_911b.jpg जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
08-03-2024, 03:53 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
08-03-2024, 03:54 PM
मेरी प्यारी दीदी
m
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
08-03-2024, 03:55 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
08-03-2024, 03:56 PM
(08-03-2024, 03:54 PM)neerathemall Wrote: मेरा नाम सोनू है और मेरे दीदी का नाम प्रीती है बात तब की है जब मैं 10th क्लास मे था और मेरी दीदी 12th क्लास में थी हम दोनों मैं किसी भी नार्मल भाई बेहेन की तरह प्यार था बचपन से हम साथ थे मेरे दीदी मेरा बहुत ध्यान रखती थी लेकिन मेरी लाइफ मै 1 दिन एसा आया की मेरा उसको देखने का ढंग ही बदल गया .जब दीदी 12th मै थी तो उनका फिगर होगा 34-30-34 लम्बे बाल 5'5 हाइट गोरा कलर .हम साथ मे ही कॉलेज जाते थे।मेरे मन मे उनके लिए कुछ भी गंदे विचार नहीं थे लेकिन उस 1 दिन ने सब कुछ बदल दिया। उस दिन सन्डे था हमारे कॉलेज की छुट्टी थी मै और मेरे दीदी साथ ही सोते थे उनके और मेरे बेड के बीच 1 टेबल रखी हुई थी।हा तो उस दिन सन्डे के दिन मम्मी ने मुझे बोला की जा सोनू दीदी को उठा दे 9 बज रहे है मैंने कहा हा मम्मी मैं अपने रूम मे गया तो दीदी सो रही थी गर्मियों के दिन थे तो दीदी रात मे गाउन पेहेन लेती थी उस दिन सुबह जब मै दीदी को उठाने पहुंचा तो दीदी साइड करवट में सो रही थी और उनका गाउन ऊपर हो गया था मैंने जेसे ही उन्हें उठाने के लिए उनपे से चद्दर हटाई मेने अपनी दीदी के नंगी चिकनी टांग देखी उनका गाउन उनकी thigs तक ऊपर हो गया था और जेसे ही मेने उनकी नंगी गोरी और चिकनी टांग देखी मुझे पता नहीं क्या होगया मेरे लंड मे 1 दम से हरकत हुई न चाहते हुए भी मुझे दीदी के ऊपर उठे गाउन मे से उनकी नंगी चिकने thighs म मजा आ रहा था बिलकुल गोरी साफ़ और चिकनी thigs थी मेरे दीदी की उनकी नंगी गोरी thigs देख के क मुझे पता नहीं क्या हो गया था आज तक मैंने किसी भी लड़की का एसा कुछ नहीं देखा था उस समय मुझे ये तक नही पता था की लड़की होती क्या है बस स्टडी और खेलना ही जानता था 1 दम से आज मैंने वो देखा जिसका मुझे आज तक पता नहीं था दीदी की thigs देखने के बाद मुझे और देखने की इच्छा हुई तो मैंने दीदी के गाउन को बड़े ध्यान से धीरे 2 डरते 2 थोडा सा और ऊपर किया तो मुझे उनके हिप्स की स्टार्टिंग दिखाई दी वो नजारा भी क्या नजारा था दोस्तों मेरे जवान बड़ी बेहेन की पूरी नंगी चिकनी टांग हिप्स तक मेरे सामने थी मुझे एसा अनुभव पहले कभी नहीं हुआ था मुझे पता नहीं क्या हो गया था मैंने फिर उनका गाउन ध्यान से थोडा और ऊपर किया अब मुझे उनकी पेंटी नजर आ गई उन्होंने black कलर की पेंटी पेहेन रखी थी मेरी दीदी मेरे सामने अपनी पेंटी मे सो रही थी मेरा लंड बिलकुल खड़ा हो गया था मैंने पहली बार किसी लड़की की पेंटी और हिप्स देखे थे मेरी दीदी के हिप्स देख के मैं पागल हो गया पता नहीं क्या हो गया था मुझे मैं उनकी पेंटी को छूना चाहता था जेसे ही मैंने अपना हाथ अपनी दीदी की thigs पे रखा मम्मी ने आवाज लगा दी "प्रीती क्या हुआ उठी नहीं तू " और मैं वहा से भाग गया मेरा साथ एसा कुछ होगा मैंने कभी नहीं सोचा था मेरी दीदी के लिए मेरी फीलिंग्स अब बदल चुकी थी उस दिन दीदी उठी ब्रश किया और सबको गुड मोर्निंग कहा और मुझे भी हमेशा की तरह गले लगा के विश किया उस दिन दीदी के गले लगने पर मुझे 1 अजीब सा एहसास हुआ उनकी कोमल स्किन उनके बालो की खुशबु उनके बदन के स्पर्श से आज मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं डाइनिंग टेबल पे बता था जब दीदी में मुझे झुक के गुड मोर्निंग विश किया. जेसे ही दीदी झुकी तो मेरी नजरे दीदी के कुर्ते के अंदर गयी क्या नजारा था दीदी के कुर्ते के अंदर का उन्होने कुर्ते के अंदर ब्लैक शमीज पेहेन रखी थी और शमीज के अंदर ब्रा पेहेन रखी थी उनकी ब्रा का शेप तो मुझे दिखा लेकिन कलर नही दिखा क्योंकि उनकी शमीज का कलर ब्लैक था लेकिन अंदर क्या शेप बन रहा था उनके झुकने के कारन उनके बोबे थोड़े से लटक भी गए थे क्या बोबे थे मेरी बेहेन के मैंने तो कभी गोर ही नहीं किया था की मेरी दीदी के बोबे इतने मोटे हें.मुझे हग करके वो भी टेबल पर बैठ गए नाश्ता करने के लिए वो न्यूज़ पेपर पढ़ रही थी लेकिन मेरी नजर तो बार बार उनपे ही जा रही थी वो कुछ भी लेने के लिए हाथ इधर उधर करती तो उनके कुर्ते के गैप मे से मुझे उनकी शमीज और ब्रा की स्ट्रैप्स दिखाई देती जिसे देखने मे मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं बार बार दीदी की शमीज और ब्रा के स्ट्रैप्स उनके कुर्ते की साइड के गले मे से देख रहा था उनके अंदर के शरीर की गोरी गोरी कोमल skin देखने मे मुझे बड़ा मजा आ रहा था नाश्ता करते हुए मै किसी न किसी बहाने से दीदी का हाथ टच कर रहा था मैंने सोचा की अब और कुछ ज्यादा केसे मजे लिए जाये तभी दीदी ने मुझसे बोल "अरे सोनू मुझे सॉस की बोतल लाके देना किचन मे से " मै खड़ा हुआ और दीदी को सॉस की बोतल लाके दी और पीछे से दीदी के गले मै हाथ दाल के खड़ा हो गया और उनके कुर्ते के गले मे झाँकने लगा दीदी तो मुझे देख नहीं सकती थी उन्होंइ कहा की "क्या हुआ सोनू आज बड़ा प्यार आ रहा है तुजे अपनी दीदी पे " मैंने कहा नहीं दीदी वो तो एसे ही" और मैंने दीदी के कुर्ते के अंदर पास से देखा उनकी शमीज और उनकी ब्रा मुझे अब साफ़ नजर आ रे थी मैंने अब हाथ गले से निकाल कर उनके कंधो पे रख लिया और उनकी ब्रा स्ट्रैप्स को महसुस करने लगा ये सब करते हुए मेरा लंड बिलकुल टाइट खड़ा था इच्छा तो हो रही थी की पीछे से खड़े होके उनके कुर्ते के गले मे हाथ डाल के उनके बोबे दबा दू उनकी ब्रा फाड़ के चूस लो उनके मोटे कोमल बोबो को लेकिन कुछ कर भी तो नहीं सकता था।सबका नाश्ता ख़तम हो चूका था और दीदी भी नाश्ता करके घर की साफ़ सफाई मे लग गए थी अब मै बस इसी फिराक म था की दीदी झुके और उनके बोबे देखलू मै दीदी के आस पास ही था 1दम से मम्मी ने कहा "प्रीती तू झाड़ू पूछे का कम ख़तम कर बर्तन और खाना मै कर लुंगी " दीदी ने कहा ठीक है मम्मी की ये बात सुनके मुझे मजा आया था क्योंकि मुझे पता था की अब मेरे बेहेन झाड़ू निकालेगी झुक झुक के वो जेसे ही झुकी झाड़ू निकलने के लिए मुझे उसकी ब्रा दिखाई दी मैंने पहले बार अपनी बेहेन की ब्रा और बोबे इतने क्लियर देखे थे मैंने सोचा दीदी की शमीज कहा गई शायद गर्मी के कारन उतार दी होगी जेसे 2 वो झुकती मुझे उसके ब्रा मे क़ैद बोबो के दर्शन होते हाय कितने मोटे मोटे बोबे थे रस से भरे हुए कितने कोमल होंगे ये बस यही सोच के और दीदी के ब्रा देख देख के मेरे हालत ख़राब हो चुकी थी मेरे लंड मे इतना तेज दर्द होने लग गया था की मैं बता नही सकता मै फटाफट बाथरूम गया वहा मैंने देखा दीदी के टॉवल के नीचे उनकी शमीज लटकी हुई थी मैंने उस शमीज को उठाया और सुंघा इतने कमसीन खुशबु थी उस शमीज मे दीदी के बोबो की शमीज सूंघते 2 अपने आप ही मेरे हाथ मेरे लंड पर चले गए और मैं अपना लंड हिलाने लगा ये सोच के की ये शमीज दीदी ने पेहेन रखी थी इसमें उसकी ब्रा थी और ब्रा में उसके मोटे कोमल बोबे थे और ये सोचते 2 मै झर गया आज जेसा सुकून आज जेसी फीलिंग मुझे कभी नहीं हुई थी अब मैंने सोचा की अगर दीदी की शमीज से इतना मजा आया मुझे तो दीदी को पूरी नंगी देखने मे कितना मजा आएगा......जेसे ही मैं बाहर निकला मैंने दीदी के तकिये के नीचे उनके सेलफोन की लाइट चमकते देखी मैंने जाके सेलफोन चेक किया तो दीदी के सेलफोन1 पे मेसेज था मैंने वो मेसेज खोला उसमें लिखा हुआ था "गुड मोर्निंग मेरी सेक्सी जान क्या कर रही हो " वो मेसेज पड़ के मुझे शॉक लगा मैंने सोचा"ये क्या दीदी का कोई bf भी है " मुझे बहुत गुस्सा आया लेकिन मैंने अपने गुस्से को दबा लिया और मैं समझ गया की अगर ये लोग फोन पे chat करते हें तो नेट पे भी करते होंगे इनको पकड़ने के 1लिए प्लान सोच लिया . फिर मैंने सेलफोन वापस तकिये के नीचे रख दिया वो मेसेज डिलीट करके जब मैं हॉल मे गया तो दीदी पोछा लगा रही थी उनका कुरता थोडा पानी का काम करने के कारन गीला हो गया था इसी वजह से जब बी वो झुकती थी तो वो बहुत ज्यादा लटक रहा था मैं ये मौका नहीं छोड़ना चाहता था मैं 1 कॉमिक्स लेकर सामने बैठ गया जहा दीदी पोछा लगा रही थी और छुप छुप के उसकी ब्रा देखने लगा जब भी वो झुकती उसकी ब्रा का क्लियर व्यू मुझे दीखता क्योंकि कुरता गीला हो गया था , उसके झुकने पर उसकी ब्रा मे क़ैद उसके मोटे मोटे बोबे लटकते और ऊपर नीचे होते ये देख के मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा जब दीदी अपने हाथ उठा कर shelf साफ़ कर रही थी तो मैंने उनके underarms देखे वहां पर 1 भी बाल नहीं था बिल्कुल चिकना था मैंने सोचा दीदी क्या अपनी चुत के बाल बी साफ़ करती होगी क्या ये सब सोच 2 कर मेरा लंड वापस टाइट हो गया तभी दीदी ने मुझे बुलाया "सोनू सुन जरा ये पानी के बाल्टी ऊपर लेके चल मैं तेरे पीछे 2 ऊपर आती हु " मैंने कहा हा दीदी मै बाल्टी लेके ऊपर चड़ा 2-3 सीडिया चडके 4th सीडी पे मेरे हाथ से पानी की बाल्टी छुट गई और सारा पानी दीदी के ऊपर गिर गया दीदी मुझ पर चिल्लाने लगी "पागल हे क्या अक्ल नहीं हे क्या तेरे में नहीं उठ रही थी तो बोल देता सारे कपडे गीले हो गए "लेकिन मेरा ध्यान तो मेरे बेहेन के हुस्न प था गीले होने के कारन उसके कुरता और कैपरी उसके शरीर से चिपक गए थे अब मुझे उसकी ब्रा का शेप बिलकुल क्लियर दिख रहा था और उसकी पेंटी का शेप भी मुझे साफ़ 2 दिख रहा था दीदी ने low waist पेंटी पेहेन रखी थी उसके बदन का 1-1 उभार मुझे नजर आ रहा था क्या मोटे 2 बोबे बाहर दिख रहे थे पतली कमर मोटी गांड गीले बाल बिलकुल कंचा लग रही थी फिर उसने मुझसे कहा की "क्या देख रहा है अब ध्यान से आना खुद मत गिर जाना सारे कपडे गीले कर दिए मेरे " मम्मी ने कहा अरे कपडे चेंज करले जल्दी नहीं तो सर्दी लग जाएगी मुझे पता था की अब दीदी बाथरूम मैं जाएंगी कपडे चेंज करने और ये मेरे लिए अच्छा मौका था उसे पूरी नंगी देखने का | दीदी अपने गीले कपड़ो को चेंज करने के लिए बाथरूम मे गई ये मेरे लिए अच्छा मौका था अपनी दीदी को कपडे चेंज करते हुए पूरी नंगी देखने का दीदी के बाथरूम का दरवाजा बंद करने के थोड़ी देर बाद मै बाथरूम के बाहर आकर खड़ा हुआ और बाथरूम के अंदर देखने की कोशिश करने लगा मेरे दिमाग मे ये चल रहा था की दीदी अब अपना टॉप उतार रही होंगी अब दीदी केवल ब्रा मे होंगी मेरा लंड पूरा खड़ा था और मै बाथरूम के दरवाजे मे कोई छोटा सा छेद या दरार ढूँढ रहा था जहा से मुझे बाथरूम के अंदर का बेहतरीन नजारा सामने आ जाए लेकिन मेरे फूटी किस्मत साला दरवाजे म कोई दरार या छेद ही नहीं था तो मैंने नीचे झुक के दरवाजे और ज़मीन के बीच के गैप मे से अंदर देखने के कोशिश की मुझे नीचे बाथरूम की टाइल्स के reflaction से कुछ धुन्दला सा नजर आया लेकिन कुछ दिखा नहीं बस दीदी की टांगें दिखी फिर दीदी का टॉप नीचे गिरा फिर कैपरी फिर दीदी की काली ब्रा नीचे गिरी फिर पेंटी नीचे गिर मै झुके हुए ही अपने लंड को सहलाने लगा की अब दीदी बाथरूम मे पूरी नंगी होगी मै अपना लंड हाथ मे लेके इधर उधर घूम रहा था की कही से तो बाथरूम के अंदर देखने की जगह मिल जाए लेकिन कही कुछ जगह नहीं मिली मै वापस नीचे के गैप मे से देखने लगा दीदी ने साथ ही नहाना भी स्टार्ट कर दिया था दीदी बाथरूम मे पट्टे पे बैठकर नहा रही थी मुझे उनकी थोड़ी सी नंगी thigs के दर्शन हुए इतने मे मम्मी ने मुझे आवाज दी और मै चला गया सोचते हुए की दीदी नंगी बाथरूम मे है कहा 2 साबुन लगा रही होगी अपने नंगे जिस्म पे कहा 2 हाथ फेर रही होगी ये सोच सोच के मेरा दिमाग ख़राब और लंड बिलकुल टाइट खड़ा था २ जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
08-03-2024, 03:59 PM
जेसे ही दीदी नहा के बहार निकली मै जल्दी से बाथरूम मे घुस गया मैंने दीदी के टॉवल के नीचे देखा दीदी के उतरे हुए ब्रा और पेंटी लटके हुए थे मैंने दीदी की ब्रा को अपने हाथ मे लिया और उसे सूंघने लगा दीदी की ब्रा के कप्स को सहलाने लगा दीदी की ब्रा मे से इतनी प्यारी और मादक खुशबू आ रही थी की सूंघते ही मेरा लंड इतना टाइट हो गया जितना पहले कभी नहीं हुआ था फिर मैंने दीदी पेंटी ली और उसे सूंघा और उसे सूंघ कर कसम से दोस्तों मेरी हालत ही ख़राब हो गए दीदी की पेंटी मे से उनकी चूत के थोड़े डिस्चार्ज थोड़े पसीने की खुसबू थी उनकी पेंटी को मैंने अपने पूरे मुह पे फेरा उसे चाटा उसमे से नमकीन स्वाद आया लेकिन जो भी था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैंने अपनी दीदी की पेंटी को अपने मुह पे और उनकी ब्रा को अपने लंड पे लपेट कर अपने लंड को हिलाने लगा मै पूरी तरह से दूसरी ही दुनिया मे था आँखें बंद करके दीदी की पेंटी को सूंघते हुए उनकी ब्रा अपने लंड पे सहलाते हुए हिलाने मे मुझे इतना मजा आ रहा था ये सोच रहा था की दीदी नंगी होके अपने हाथ से मेरा लंड हिला रही है और इतने मे मै झर गया और मेने अपने लंड का सारा मुट दीदी के ब्रा पे निकाल दिया इतना अच्छा मुझे कभी नहीं लगा था मेने फिर उनकी ब्रा को साफ़ करके वापस वही लटका दी और बाहर आ गया। दीदी ने नहा के 1 लॉन्ग कुरता और लेगिस पेहेन ली थी वो बाहर अपने गीले बालो को सूखा रही थी और मै साइड मे खड़ा 2 कुर्ते मे से दीदी के बोबे देख रहा था कितने मोटे और बाहर कि तरफ निकले हुए थे जेसे ही वो अपने बालो को झडकती उनके बोबे ऊपर नीचे हिलते उन्हें देखते 2 मै ये सोच रहा था की नहा के दीदी ने कौनसे कलर की ब्रा और पेंटी पहनी होगी मै कब अपनी दीदी को पूरी नंगी देखूंगा केसे उनको नंगी देखु और तभी दीदी ने पुछा "क्या देख रहा हे सोनू "मैंने मन मे सोचा दीदी आप नंगी केसी दिखोगी और आपको नंगी केसे देखू ये सोच रहा हु
उस दिन शाम को दीदी लैपटॉप लेके बैठी थी जब मै अपने फ्रेंड के घर से आया तो मैंने दीदी से पूछा की "दीदी क्या कर रही हो नेट पे " जेसे ही मैं पास गया दीदी जोर से चिल्लाई "मम्मी इस सोनू को बुलाओ ना ये मुझे काम नहीं करने दे रहा" मम्मी ने मुझे डांट के बुला लिया लेकिन मैंने सोचा की मैंने क्या किया मैं तो बस पूछ रहा था फिर मुझे समझ आया की दीदी शायद अपने bf से चैट कर रही होगी इसलिए उन्हें मुझसे प्रॉब्लम हो रही थी मै चुपके से उन्हें छुप के देखने लगा की वो कर क्या रही है जहाँ मैं छुपा हुआ था वह से दीदी की पीठ मुझे दिख रही थी कभी दीदी जोर से हंसती कभी गुस्सा होने का नाटक करती इस से मुझे पक्का यकीन हो गया की वो नेट पे चैट कर रही है अपने bf से दीदी की पीठ मेरी तरफ थी इसलिए मुझे दिखा नहीं की वो किस से और किस साईट पे चैटिंग कर रही है और तभी वो हुआ जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी दीदी ने इधर उधर देखा की कोई है तो नहीं और अपना कुरता ऊपर कर दिया मुझे पीछे से दीदी की नंगी पीठ और उनकी वाइट ब्रा स्ट्रैप्स और ब्रा का हुक दिखाई दिया मैं शोक्केड़ रह गया और अब मुझे पता चल चुका था की दीदी अपने bf से विडियो चैट कर रही है और अपने bf को अपना कुरता ऊपर करके अपनी ब्रा दिखा रही है शायद वो कह रहा होगा की कुछ दिखाओ फिर दीदी ने वापस इधर उधर देखा मझे पता था की मुझे अब कुछ और भी दिखने वाला है तभी दीदी ने इधर उधर देखा खड़ी हुई और अपनी लग्गिएस अपने घुटनों तक नीचे कर दी मुझे पीछे से उनकी वाइट पेंटी मे क़ैद बड़ी और मोटी गोरी गांड दिखी मेरा हाथ अपने लंड पर चला गया और मै हिलाने लगा अपने लंड को दीदी की पेंटी और गांड देखते 2 मझे ये भी लग रहा था की साला वो लड़का तो मेरी दीदी का सारा माल सामने से देख रहा होगा उनकी ब्रा मे क़ैद उनके मोटे और टाइट बोबे उनके पेंटी मे छुपी हुई उनकी कोमल चूत ये सोच सोच के मैं झर गया और अब दीदी ने भी चैटिंग बंद कर दी थी मैं वही छुपा रहा दीदी जब बाहर गयी और मम्मी से बातें करने लगी तब मैंने लैपटॉप मे browsing history चेक की उसमे लास्ट साईट FB थी मुझे पता था की दीदी FB पे अपने BF से video चैट कर रही थी और उसे सब दिखा रही थी अब मैंने सोचा की यार अगर दीदी का पासवर्ड मुझे मिल जाए तो मुझे उनकी chats भी पड़ने को मिल सकती है की दीदी आखिर क्या बातें करती है इतने मे पापा आ गए और हम सब खाना खाने लगे खाना खाते 2 मै बस यही सोच रहा था की अब दीदी सोने के लिए अपने कपडे चेंज करेंगी और गाउन पहनेगी मैंने सोच लिया था की कोशिश करूँगा दीदी को नंगी देखने की वो बाथरूम मैं गई और मैं नीचे बाथरूम के दरवाजे और फर्श के गैप मे से अंदर झाँकने लगा दीदी की पहले लेग्गिस नीचे गिरी फिर उनका कुरता और तभी दीदी 1 दम से बाथरूम के दरवाजे की तरफ जल्दी से चलती हुई आयी मेरी गांड फट गयी की कही दीदी ने मुझे देख तो नहीं लिया मैं बेड के नीचे चुप गया और दीदी ने मम्मी को आवाज लगाई "मम्मी मेरा गाउन देना अलमारी मे से " मम्मी ने कहा हां देती हु मैं बेड के नीचे ही छुपा हुआ था..... जब मम्मी ने दीदी को गाउन दिया तो मम्मी ने दीदी से पूछा " प्रीती तेरे पास पैड का एक्स्ट्रा पैकेट पड़ा है क्या " ये सुन के मेरे लंड मे अंगडाई आने लगी मैंने सोचा की मेरे मम्मी या तो पीरियड्स मे है या होने वाली हे दीदी ने कहा "नहीं मम्मी मेरी डेट तो अभी 10 दिन बाद है आपको जरुरत है क्या " मम्मी ने कहा "हाँ मैं हो गई हू मुझे लगा मेरे पास पैड का पैकेट रखा है तू चेक करना मैंने तुझे 2 पैकेट दिए थे पिछले महीने 1 whisper choice का था और 1 stayfree का था जिसमे 5 पैड्स बचे हुए थे " ये सब सुनके मेरा लंड टाइट खड़ा था और मैं उसे सहला रहा था मैंने कभी नहीं सोचा था की मेरे साथ एसा होगा तभी दीदी ने कहा "हा मम्मी शायद stayfree होगा रुको मैं देखती हु" और दीदी ब्रा पेंटी पहने हुए ही बाथरूम सी बहार निकले उन्हें क्या पता था की बेड के नीचे छुपा हुआ मै ये बातें भी सुन रहा हु और आखिर मे किस्मत ने मेरा साथ दे ही दिया और मैंने अपने बेहेन को ब्रा और पेंटी मै देख ही लिया दीदी ने वाइट ब्रा और वाइट low waist पेंटी पहनी हुई थी क्या सेक्सी लग रही थी उनकी ब्रा तो इतनी टाइट थी की लग रहा था की उनके मोटे बोबे ब्रा फाड़ के बाहर आ जाएँगे उनकी नंगी गोरी चिकनी टाँगे देख के मेरी तो हालत ख़राब हो गई और उनकी क्या गांड थी मोटी चिकनी गोरी गांड देख के मेरी आँखें फटी रह गयी अपनी दीदी को ब्रा पेंटी मे देखते हुए मैंने वापस मुट मारा और जब मेरा मुट निकला तो इतना सारा निकला और मुझे इतना आंनंद प्राप्त हुआ की मैं उसे बयां नहीं कर सकता मुट मारने के बाद भी मेरा लंड बिलकुल टाइट खड़ा हुआ था और मैंने दीदी को ब्रा पेंटी मे देखा और सोचा की आज रात को तो इनके कोमल बदन को छुना ह़ी है ## उस दिन रात को मेरे दिमाग मे बस यही चल रहा था की दीदी के नाजुक कोमल बदन को केसे छुआ जाये मैं बस रात को odd टाइम का वेट करने लगा उस समय रात के 2 बजे थे गर्मियों के दिन थे दीदी बस चद्दर मे सो रही थी मैं धीरे से उठा और उनके बेड की तरफ गया दीदी आराम से सो रही थी मैंने चद्दर हटाया धीरे 2 , दीदी करवट लेके 1 के ऊपर 1 अपनी 1 टांग रख के सो रही थी जिस से उनकी मोटी गांड बाहर की तरफ निकली हुई थी मैंने धीरे से गाउन पे से दीदी की गांड पे हल्का सा किस किया फिर दीदी का फेस देखा वो आराम से सो रही थी फिर मैंने धीरे 2 उनका गाउन ऊपर किया मुझे उनकी टांगें दिखी मैंने हलके से अपनी उंगलियों का स्पर्श किया कितनी चिकनी टांगें थी दीदी की फिर मैंने धीरे से उनके हाथो को टच किया फिर मैंने उनके गाउन को थोडा और ऊपर किया और उनकी thigs देखी मैंने उनकी thigs पे धीरे से और ध्यान से किस किया फिर मै घूम के उनके बेड के सामने की तरफ गया और दीदी के होठो को टच किया फिर मैंने ध्यान से धीरे 2 अपनी उंगलिया उनके बोबो की तरफ बड़ाई और उन्हें बहुत ध्यान से हलके से छुहा मेरा लंड बिलकुल टाइट था 1 तरफ तो ये डर की दीदी जग ना जाए मुझे पकड़ न ले तो दिल कह रहा था की बस अब आगे कुछ मत कर लेकिन लंड दिमाग पे हावी हो चूका था दिमाग ने कहा अभी तक कुछ नहीं हुआ तो कुछ नहीं होगा और मैंने वापस दीदी के बोबो को हलके से टच किया कितने नरम बोबे थे मेरी बेहेन के टाइट और कोमल मैंने 1 बोबे को छुआ और हलके से दबाया इतने मे दीदी ने करवट ले ली मेरे गांड फटी और मई भाग के अपने बेड पे लेट गया उस समय रात के 3:15 हो रहे थे मै वापस उठा और दीदी का गाउन वापस ऊपर किया दीदी का कोई रिएक्शन नहीं था फिर मैंने धीरे से दीदी का गाउन उनकी हिप्स तक ऊपर किया और मुझे उनकी वाइट पेंटी नजर आयी मुझसे रहा नहीं गया और मैंने दीदी की पेंटी पे से उनकी गांड को हलके से टच किया फिर उनकी पेंटी को सुंघा फिर उनकी गांड पे किस किया मै 1 हाथ से अपने लंड को सहला रहा था और दुसरे हाथ से अपनी दीदी की गांड को छु रहा था अब मेरे इच्छा दीदी की पूरी पेंटी और उनकी चूत देखने की हुई मैंने उनका गाउन थोडा और ऊपर कर दिया और इतने मै दीदी ने अपने हाथ से अपना गाउन नीचे किया और उठ गयी मै जल्दी से उनके बेड के नीचे बैठ कर tommy (हमारे पेट से बातें करने लगा ) दीदी ने मुझे घूर के देखा और कहा " क्या कर रहा है तू सोनू " मैंने कहा दीदी पता नहीं टॉमी आपके बेड के नीचे बैठा है और हलके से रो रहा ह क्या हुआ इसको खाना नहीं दिया क्या आज दीदी ने उसे देखा फिर मुझे देखा पंखा भी तेज चल रहा था और कूलर भी तो शायद दीदी को लगा की हवा से उनका गाउन ऊपर हो गया था मेरी तो गांड फट के गले मे आ गए दीदी ने कहा "तू सोजा मै देखती हु टॉमी को " मै चुपचाप अपने बेड की तरफ गया और लेट गया और शुक्र मनाने लगी की दीदी को शक नहीं हुआ फिर मैंने आगे कुछ करने का नहीं सोचा और सो गया सुबह उठा तो दीदी मुझसे पहले उठ चुकी थी और नहा कर तैयार हो चुकी थी उनकी फ्रेंड का अज बर्थडे था तो वो वहा जा रही थी जेसे ही मेने दीदी को देखा तो देखता रह गया उन्होंने सूट पेहेन रखा था रेड और वाइट कलर का पतला सा कुरता रेड सलवार और रेड चुन्नी ३ Find Reply 03-11-2020, 10:35 AM, #3 मेरी प्यारी दीदी उस कुर्ते मे से दीदी के मोटे बोबे इतने बाहर आ रहे थे की मेरा दिमाग ख़राब हो गया दीदी ने शायद कुर्ते के नीचे आज शमीज नहीं पहनी थी तो उनकी वाइट ब्रा मुझे साफ़ 2 दिख रही थी मैंने सोचा की 1 पानी बाल्टी लाके दीदी के कुर्ते प डाल दू तो अंदर का सारा माल बाहर दिख जाएगा फिर मैंने दीदी की सलवार की तरफ देखा उनकी सलवार का कपडा इतना पतला था की कुर्ते के साइड के कट मे से उनकी गोरी मोटी thigs आराम से दिख रही थी मैंने सोचा की आज तो अपनी दीदी को नंगी देख कर ही रहूँगा इतनी सेक्सी परी तो मैंने आज तक नहीं देखी दीदी को ये कपडे उतारते हुए तो जरुर देखूंगा मैंने मम्मी से पुछा की दीदी वापस कब आएगी मुम्मी ने कहा शाम तक आएगी मुझे पता था की दीदी अपने कपडे तो चेंज बाथरूम मे ही करेगी तो मैंने 1 तीखा pechkus (पेचकस ) लिया और दीदी के बाथरूम के दरवाजे मे छेद करने लगा और छेद कर दिया इतना की किसी को नजर भी न आए और मुझे बाथरूम के अंदर का सब दिख जाए और उस छेद के अंदर मैंने पेपर टुकड़ा डाल दिया ताकि कमरे की लाइट से किसी को पता नहीं चल जाए की बाथरूम दरवाजे मे छेद हे जब दीदी अपने बाथरूम मे अपने कपडे चेंज करेंगी तो मै उस छेद मैं पेचकस से धक्का देके के उस पेपर के टुकड़े को हटा दूंगा और दीदी को कपडे उतारते हुए और उनके इतने प्यारे और मोटे बोबे उनकी चिकनी चूत मोटी गोरी गांड सब देखूंगा बिलकुल नंगी देखूंगा सब आज जिनके वजह से मैं अभी तक इतना तदपा था , लेकिन आज मैं अपनी दीदी को नंगी देखने वाला था जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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