16-02-2020, 08:18 AM
मैं बहुत गहरी नींद में सोया था. हल्के से मेरी नींद उचटी, दिमाग हलकी सी खुमारी में था. आप सब जानते हैं कि इसे अर्ध-निद्रा की स्थिति कहते हैं. सबसे पहले पता चला की मेरा हाथ किसी और के शरीर पर था। तुरंत नींद टूटी और दिमाग पूरी तरह जाग गया. मैं अपनी बांयी करवट सोया था. मेरे पैर मेरे पेट की तरफ मुड़े हुए थे. बांया हाथ तकिये के निचे था और दाहिना हाथ ………………………….रुकिए बताता हूँ.
सुम्मो बाई भी अपनी बांयी करवट पर सोइ हुई थी। उसकी पीठ मेरी छाती से सटी थी. उसके पैर मेरे जैसे ही पेट की तरफ मुड़े थे और उसकी जांघो का पिछला भाग मेरी जांघो के सामने वाले हिस्से से सटा था. हम दोनों नंगे थे. मेरे दाहिना हाथ सुम्मो की चूची को छू रहा था. इसे पोर्न में SPOON POSITION कहते है. इस पोजीशन में चुदाई का अपना एक अलग ही मज़ा है. खास कर के जब सामने आइना हो. औरत की एक टांग उठी हुई होती है। मर्द औरत के पीछे से लंड डालकर चोद रहा होता है. आईने में चुदाई देख कर दोनों उत्तेजित होते हैं और चुदाई का पूरा पूरा मज़ा उठाते हैं. अगर मर्द चाहे तो इस sex position में स्पर्श को नियंत्रित कर सकता है. यानि चाहे तो पूरा औरत से चिपक जाये या फिर अपनी छाती को औरत की पीठ से अलग कर ले और उसकी पीठ पर हाथ चलाये, उसके कूल्हों को मसले दबाये. वैसे मैंने सुम्मो बाई को हर पोजीशन में चोदा हुआ था और मुझे पता था कि यह उसकी फेवरिट पोजीशन नहीं थी. उसे पूरी चुदाई के दौरान अपनी एक टांग उठाये रखना पसंद नहीं था. उसकी फेवरिट पोजीशन reverse cowgirl है. यानि इस तरह मर्द के ऊपर चढ़ कर चोदना कि उसकी पीठ और गांड मेरे मुंह की तरफ हो। इस तरह चुदते समय अपनी चुत में घुसते बाहर आते मेरे लंड को देखकर उसे बहुत मज़ा आता था. दूसरी बात कि चुदाई की स्पीड पर उसका पूरा नियंत्रण रहता था. मुझे भी इस पोजीशन में बहुत मज़ा आता था क्योंकि मैं उसकी गांड के छेद में उंगली करता रहता था और उसके ठोस कूल्हों को सहलाता दबाता रहता था.
यह सब सोचते सोचते मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया और सुम्मो के कूल्हों की लकीर पर ठोकरें मारने लगा. होने वाली घमासान चुदाई के बारे में सोचकर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई और मैंने अपने आप को मन ही मन "यु लकी डॉग" कहा. अब सुम्मो को उठाना भर था. मेरा अनुभव था कि वह कभी चुदाई के लिए मना नहीं करती थी. घटिया बाजारू भाषा में कहें तो सुम्मो एक चुद्दकड़ औरत थी. मैंने अपने लक पर इतराते हुए एक बार फिर अपने आप को "यु लकी डॉग" कहा और सुम्मो का चूचक (NIPPLE) पहले सहलाया और फिर अंगूठे और ऊँगली के बिच लेकर दबा दिया. मेने शायद ज्यादा ही जोर से दबा दिया था इसलिए मेरे हाथ पर एक थप्पड़ पड़ा और सुम्मो की गुस्से से भरी आवाज आयी, "सोने दो ना". मैंने उसके कान में कहा, "सोइ रहो ना, बस सीधी हो जाओ".
"क्यों?."
उसकी आवाज़ से स्पष्ट था कि उसकी नींद भी उड़ गयी थी. अब मज़ा आएगा मैंने सोचा.
"तुमको मालूम नहीं क्यों?"
"नहीं"
सुम्मो को चुदाई के समय गन्दी बातें करना बहुत पसंद था. इसमें वह बढ़ चढ़ हिस्सा लेती थी.
"तुमको चोदना है."
"सुबह सुबह और कोई काम नहीं है"
"तुमको चोदना काम थोड़े ही है. ये तो दोनों के लिए मजा है."
"मुझे नींद आ रही है. मुझे अभी नहीं चुदवाना।"
"सुम्मो रानी मैं कहाँ कह रहा हूँ कि मत सोवो. बस सीधी हो जाओ और पैर थोड़े से चौड़े कर लो. बाकि काम मैं कर लूंगा."
बहुत ही बदमाश और चोदने के भूखे हो बाबूजी कहते हुए सुम्मो पीठ के बल हो गई. उसकी दाहिनी टांग मेरे ऊपर आ गई और बांयी टांग फ़ैल गई. मेरी और सुम्मो की घमासान वाइल्ड चुदाई की भूमिका बन गई थी. मैंने अपना शरीर उसकी टांग के निचे से निकला और मैं उसके फैले हुए पैरों के बिच आ गया.
मैंने तुरंत लंड उसकी चुत में नहीं घुसाया. पिछले छह महीने में उसको इतनी बार चोदा था कि उसकी सारी पसंद नापसंद मुझे पता थी. वह foreplay और warm up की दीवानी थी. फोरप्ले में उसे सब कुछ पसंद था. चूची चुसवाना, चुत चटवाना , गांड में ऊँगली, गांड चटवाना सबकुछ. वार्म अप हमारी बातचीत से होता था. जैसाकि मैंने कहा है वह डर्टी टॉक में मुज़से भी बढ़कर थी. इसमें कुछ मिनट लगते थे और इस दौरान मेरे लंड और उसकी चुत में आग लग जाती थी. मैंने उसकी सुपर सेंसिटिव दाहिनी चूची को मुंह में भर लिया और तुरंत उसके मुंह से कराह निकली.
"हाय बाबूजी क्या करोगे?"
"तुम बताओ."
"क्यों तुमको पता नहीं बाबूजी कि तुम अब क्या करोगे?"
"नहीं."
"तुम अब करोगे."
"क्या करूँगा?" अब तक सुम्मो समझ गई थी कि आज पहल उसको ही करनी पड़ेगी.
"तुम चोदोगे "
"किसको चोदुँगा ?"
"अपनी सुम्मो को"
"कैसे?”
“हाय डालकर चोदोगे”
सुम्मो बाई भी अपनी बांयी करवट पर सोइ हुई थी। उसकी पीठ मेरी छाती से सटी थी. उसके पैर मेरे जैसे ही पेट की तरफ मुड़े थे और उसकी जांघो का पिछला भाग मेरी जांघो के सामने वाले हिस्से से सटा था. हम दोनों नंगे थे. मेरे दाहिना हाथ सुम्मो की चूची को छू रहा था. इसे पोर्न में SPOON POSITION कहते है. इस पोजीशन में चुदाई का अपना एक अलग ही मज़ा है. खास कर के जब सामने आइना हो. औरत की एक टांग उठी हुई होती है। मर्द औरत के पीछे से लंड डालकर चोद रहा होता है. आईने में चुदाई देख कर दोनों उत्तेजित होते हैं और चुदाई का पूरा पूरा मज़ा उठाते हैं. अगर मर्द चाहे तो इस sex position में स्पर्श को नियंत्रित कर सकता है. यानि चाहे तो पूरा औरत से चिपक जाये या फिर अपनी छाती को औरत की पीठ से अलग कर ले और उसकी पीठ पर हाथ चलाये, उसके कूल्हों को मसले दबाये. वैसे मैंने सुम्मो बाई को हर पोजीशन में चोदा हुआ था और मुझे पता था कि यह उसकी फेवरिट पोजीशन नहीं थी. उसे पूरी चुदाई के दौरान अपनी एक टांग उठाये रखना पसंद नहीं था. उसकी फेवरिट पोजीशन reverse cowgirl है. यानि इस तरह मर्द के ऊपर चढ़ कर चोदना कि उसकी पीठ और गांड मेरे मुंह की तरफ हो। इस तरह चुदते समय अपनी चुत में घुसते बाहर आते मेरे लंड को देखकर उसे बहुत मज़ा आता था. दूसरी बात कि चुदाई की स्पीड पर उसका पूरा नियंत्रण रहता था. मुझे भी इस पोजीशन में बहुत मज़ा आता था क्योंकि मैं उसकी गांड के छेद में उंगली करता रहता था और उसके ठोस कूल्हों को सहलाता दबाता रहता था.
यह सब सोचते सोचते मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया और सुम्मो के कूल्हों की लकीर पर ठोकरें मारने लगा. होने वाली घमासान चुदाई के बारे में सोचकर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई और मैंने अपने आप को मन ही मन "यु लकी डॉग" कहा. अब सुम्मो को उठाना भर था. मेरा अनुभव था कि वह कभी चुदाई के लिए मना नहीं करती थी. घटिया बाजारू भाषा में कहें तो सुम्मो एक चुद्दकड़ औरत थी. मैंने अपने लक पर इतराते हुए एक बार फिर अपने आप को "यु लकी डॉग" कहा और सुम्मो का चूचक (NIPPLE) पहले सहलाया और फिर अंगूठे और ऊँगली के बिच लेकर दबा दिया. मेने शायद ज्यादा ही जोर से दबा दिया था इसलिए मेरे हाथ पर एक थप्पड़ पड़ा और सुम्मो की गुस्से से भरी आवाज आयी, "सोने दो ना". मैंने उसके कान में कहा, "सोइ रहो ना, बस सीधी हो जाओ".
"क्यों?."
उसकी आवाज़ से स्पष्ट था कि उसकी नींद भी उड़ गयी थी. अब मज़ा आएगा मैंने सोचा.
"तुमको मालूम नहीं क्यों?"
"नहीं"
सुम्मो को चुदाई के समय गन्दी बातें करना बहुत पसंद था. इसमें वह बढ़ चढ़ हिस्सा लेती थी.
"तुमको चोदना है."
"सुबह सुबह और कोई काम नहीं है"
"तुमको चोदना काम थोड़े ही है. ये तो दोनों के लिए मजा है."
"मुझे नींद आ रही है. मुझे अभी नहीं चुदवाना।"
"सुम्मो रानी मैं कहाँ कह रहा हूँ कि मत सोवो. बस सीधी हो जाओ और पैर थोड़े से चौड़े कर लो. बाकि काम मैं कर लूंगा."
बहुत ही बदमाश और चोदने के भूखे हो बाबूजी कहते हुए सुम्मो पीठ के बल हो गई. उसकी दाहिनी टांग मेरे ऊपर आ गई और बांयी टांग फ़ैल गई. मेरी और सुम्मो की घमासान वाइल्ड चुदाई की भूमिका बन गई थी. मैंने अपना शरीर उसकी टांग के निचे से निकला और मैं उसके फैले हुए पैरों के बिच आ गया.
मैंने तुरंत लंड उसकी चुत में नहीं घुसाया. पिछले छह महीने में उसको इतनी बार चोदा था कि उसकी सारी पसंद नापसंद मुझे पता थी. वह foreplay और warm up की दीवानी थी. फोरप्ले में उसे सब कुछ पसंद था. चूची चुसवाना, चुत चटवाना , गांड में ऊँगली, गांड चटवाना सबकुछ. वार्म अप हमारी बातचीत से होता था. जैसाकि मैंने कहा है वह डर्टी टॉक में मुज़से भी बढ़कर थी. इसमें कुछ मिनट लगते थे और इस दौरान मेरे लंड और उसकी चुत में आग लग जाती थी. मैंने उसकी सुपर सेंसिटिव दाहिनी चूची को मुंह में भर लिया और तुरंत उसके मुंह से कराह निकली.
"हाय बाबूजी क्या करोगे?"
"तुम बताओ."
"क्यों तुमको पता नहीं बाबूजी कि तुम अब क्या करोगे?"
"नहीं."
"तुम अब करोगे."
"क्या करूँगा?" अब तक सुम्मो समझ गई थी कि आज पहल उसको ही करनी पड़ेगी.
"तुम चोदोगे "
"किसको चोदुँगा ?"
"अपनी सुम्मो को"
"कैसे?”
“हाय डालकर चोदोगे”