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Incest दीदी का ब्लाउज
#1
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#2
ये बात 6 महीने पहले की है जब मेरी पड़ोस वाली नैना दीदी अपनी शादी के बाद पहली बार अपने घर पर आई थे मे उनसे मिलने उनके घर गया मे अंदर जा कर उनकी बाकी बहनो से बात कर रहा था की झट से किसी ने पीछे से आकर मेरे पेन्ट के अंदर हाथ डाल के लंड हिलाने लगा मे शॉक हो गया पीछे घुमा तो देखा की नैना दीदी थी मे शरमा गया और आँखे नीचे कर ली क्योकी उनके घर मे आज से पहले कभी ऐसा हुआ नही था मेने दीदी को बोला ये क्या कर रहे हो दीदी? तो वो बोली तू शरमा क्यो रहा है? तेरे कोई गर्लफ्रेंड नही है क्या? अब रूम मे मे और दीदी ही थे बाकी सब जा चुके थे.

मे दीदी को मेरी तरफ खीच के उनके होठो को चूमने लगा(ये मेरा फर्स्ट टाइम था लेकिन ब्लू फिल्म देख कर मे सब सीख गया था) कुछ देर किस्सिंग के बाद मेरी इच्छा हुई की मे दीदी का बूब्स देखूं और उनको चुसू मेने उनका पल्लू गिरा दिया और ब्लाउज का हुक खोल कर ब्रा उपर उठा दिया पहली बार मेने किसी औरत का बूब्स देखा तो मे पागल हो गया और बूब्स चूसने लगा और बहुत देर तक चूसा मेरा मन कर रहा था की चूस चूस कर बूब्स खाली कर दूँ मुझे मूठ मार के भी कभी ऐसा मजा नही आया था दीदी अपनी आँखे बंद करके अपने होंठो को अपने दातों तले दबा के रख लिया मुझे डर भी लग रहा था की कोई हमें देख ना ले मे उठ गया और दीदी को अपने घर आने को बोल दिया लेकिन मेरी प्यास अभी भी बुझी नही थी.
मे बड़ी बेसब्री से दीदी का इंतजार कर रहा था लेकिन दीदी उस दिन नही आई मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था दूसरे दिन दीदी आई कुछ बातें करने के बाद मेने उन्हे छत पर आने के लिये इशारा किया और मेने उपर जाकर बेड ठीक कर लिया और दीदी का इंतजार करने लगा कुछ देर बाद दीदी आई और कहने लगी तुने मुझे यहा क्यों बुलाया? देख मेरे साथ कुछ शरारत मत करना मे बोला क्या दीदी खड़े खड़े ही बातें करोगे या बेठोगी भी मे दीदी के साथ साथ बेठ गया और दीदी के बालो को पीछे कर लिया और उनके गले मे उंगली फेरने लगा फिर मेने दीदी का पल्लू हटा के ब्लाउज को ज़ोर से खीच दिया इससे उनकी बाहे निकल आई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
मे उनके गले से लेकर बाहों तक चूमने लगा दीदी मस्त हुये जा रही थी और सिसकियाँ ले रही थे मे उनके बूब्स को ब्लाउज के उपर से दबा रहा था बूब्स का जो हिस्सा बाहर निकला हुआ था उसे चूम रहा था मैने दीदी की तरफ देखा तो दीदी आँखे बंद करके मज़े ले रही थी मे धीरे धीरे उनके पेट तक पहुँचा और धीरे धीरे किस कर रहा था झट से दीदी ने मुझे अपने उपर से हटा कर खुद मेरे उपर आ गयी उन्होने मेरा टी-शर्ट उतार दिया और मुझे चूमने लगी दीदी के नरम हाथो का स्पर्श मुझे बहुत अच्छा लग रहा था उन्होने अपने सारे कपड़े निकाल दिये और मेरे कपड़े भी निकाल दिये मेने दीदी से पूछा दीदी आप शादी से पहले तो इतना बोल्ड नही थी अब ये सब क्या हुआ कैसे हुआ? दीदी बोली तेरे जीजा बुझे रोज़ एक बार चोदते है कभी बेडरूम मे कभी किचन मे कभी बाथरूम मे तेरे जीजा ने मुझे चुदक्कड बना दिया है.

अब बिना चुदे मे एक भी दिन मे रह नही सकती और कितना उंगली डालु बोर हो जाती हूँ और आज कल हर किसी से चुदवाने का मन करता है तेरे जीजा के दोस्त घर आते है उनमे से एक है राहुल बहुत सुन्दर लड़का है मेरे साथ बहुत गंदे गंदे मज़ाक करता है मुझे पहले शर्म आती थी लेकिन अब मे उसे खुल के जबाब देती हूँ उससे भी कभी चुदवाने का मन करता है अब मे उनके बूब्स चूस रहा था मे बहुत मन लगा कर बूब्स चूस रहा था दीदी ने मुझे बूब्स से अलग किया और अपनी चूत की तरफ इशारा किया मे नीचे जाकर ज़ोर ज़ोर से उनकी चूत चूस रहा था कुछ देर चूसते ही दीदी का पानी निकल आया मे हिचकिचाता हुआ उनका पानी पी गया अब मेरी बारी थी मेने अपना लंड दीदी के मुँह की तरफ किया दीदी ने आसानी से उसे मुँह मे ले लिया वो बड़े प्यार से उसे चूस रही थी जैसे की वो ये प्रेक्टीस बहुत दिनो से कर रही है मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
2 मिनिट मे मेरा लंड हार्ड हो गया और दीदी के मुँह से निकाल लिया और उनकी चूत के दरवाजे पर रख कर ज़ोर का धक्का लगाया दीदी ने अपने मुँह को हाथ से दबा लिया जिससे आवाज़ बाहर ना जाये मे धक्के मारता रहा दीदी भी मस्त हो रही फिर मेने दीदी को उठा कर डोगी स्टाइल मे होने को बोला फिर मेने लंड फिर से चूत मे डाला और धक्के लगाने लगा और दीदी आह आह आह आह आह करने लगी और मुझे और ज़ोर से डालो और ज़ोर से डालो कहने लगी दीदी एक बार फिर झड़ गई दीदी शायद थक गई थी और बिस्तर पर लेट गई मेने दीदी को पेट के बल लेटा कर फिर अपना लंड उनकी चूत मे डाल दिया और लंड आगे पीछे करने लगा.

कुछ ही पल मे वो गर्म हो गई और उठ के मुझे पीठ के बल लेटा कर लंड के उपर बेठ गई और लंड चूत मे लेने लगी अब मेरी आँखो के सामने दीदी अपने बूब्स को नचा रही थी 10 मिनिट की चुदाई के बाद मुझे महसूस हुआ की मे झडने वाला हूँ मेने दीदी को बोला तो उन्होने बोला की वो भी झडने वाली है और मुझे अपने अंदर ही झडने को बोली और वो बोली की वो गोली ले रही है कोई डर नही है और मे उनके अंदर ही झड़ गया वो भी मेरे साथ ही झड़ गई कुछ देर हम ऐसे ही पड़े रहे फिर हम दोनो उठे और कपड़े पहन के नीचे आ गये मेरी माँ ने दीदी से पूछा की इतनी देर वो कहा थी मे बोला की मे दीदी को अपने कंप्यूटर मे उनकी शादी के फोटो और वीडियो दिखा रहा था फिर हमने खाना खाया और दीदी अपने घर चली गई और कह गई की तेरे जीजा आयेगे आज मुझे लेने मुझे शाम को ससुराल जाना होगा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
मैं एक दिन कॉलेज़ नहीं गया था और घर में ही पोर्न फिल्म देख रहा था। तभी अचानक डोर-बेल बजी।

मैंने सोचा कोई पड़ोसी होगा इसलिए मैं मूवी को पॉज़ करके डोर खोलने चला गया.. डोर खोला तो देखा कि मेरी मौसी की लड़की हमारे घर आई थी।

मौसी की लड़की की चूत की सील तोड़ी इस कहानी में मैंने आपको बताया था की मेरी मौसी की दो लड़कियाँ है जिनमें से बड़ी की शादी हो चुकी है.. और वो शादी के बाद पहली बार घूमने आई थी। जीजा जी को बाजार में कुछ काम था तो दीदी मम्मी से मिलने आ गई।

वैसे दीदी मुझसे भी खुल कर बात करती थी। शादी से पहले तो वो साधारण ही लगती थी.. पर आज तो वो कमाल की लग रही थी.. पीले रंग के सूट सलवार में वो एक मस्त माल लग रही थीं।

दीदी घर पर आई तो मैं बहुत खुश हुआ.. मैंने दीदी को नमस्ते की.. दीदी ने मुझसे पूछा- मौसी और सब लोग कहाँ हैं?
मैंने कहा- दीदी.. घर में आज और कोई नहीं है। मम्मा-पापा बुआ के घर गए है..
तो दीदी बोली- और क्या चल रहा है आजकल फिर..?
मैंने कहा- दीदी कुछ नहीं.. बस इम्तिहान आने वाले हैं.. तो पढ़ रहा हूँ।

लेकिन बातों-बातों में मैं भूल गया कि अन्दर लैपटॉप पर पॉर्न मूवी चलती छोड़ आया हूँ।
जैसे ही दीदी ने कमरे में प्रवेश किया और मेरा लैपटॉप देखा तो मैं डर गया..
दीदी ने पूछा- तो ये पढ़ाई कर रहा है तू?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
मैंने बहाना बनाया कि यह मेरी नहीं है मेरे दोस्त की है.. पढ़ाई कर के बोर हो रहा था.. तो सोचा की कोई मूवी देख लूँ.. पर मुझे नहीं पता था कि इसमें ये सब है।
दीदी ने मुझे शक भरी नजरों से देखा और बोलीं- ज्यादा तेज मत बन..
फिर मैंने बात बदलते हुए कहा- दीदी आप पानी पियोगी?

तो दीदी ने बोला- हाँ.. पिला दे.. और ए.सी. की कूलिंग थोड़ा बढ़ा दे।

मैं रसोई से पानी ले कर आ गया और देखा कि.. दीदी ने अपना दुपट्टा अलग रखा हुआ था और उनके मम्मे सूट से बाहर आते नजर आ रहे थे।
मैं बोला- दीदी, पानी पी लो।
मेरे हाथ अभी भी काँप रहे थे और मैंने पूरा गिलास दीदी के ऊपर ही गिरा दिया।
दीदी गुस्से में बोली- यह तूने क्या किया?

मैं ‘सॉरी..सॉरी..’ करता रहा।
दीदी बोली- चल कोई बात नहीं..

फिर उन्होने जीजू को फोन किया और कहा- मैं मौसी के साथ कहीं जा रही हूँ.. संचित मुझे शाम को छोड़ जाएगा..
इतना कह कर उन्होंने फोन काट दिया।
लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आया कि दीदी के मन में क्या चल रहा था।

फिर अचानक दीदी बोलीं- अब इधर आ..
उन्होंने अपने हाथ ऊपर करके कहा- मेरी कमीज ऊपर खींच।
मैंने कहा- दीदी ये क्या बोल रही हो आप?
वो गुस्से से बोलीं- जल्दी कर.. जो कहा है..

मैं कांप रहा था.. मैंने दीदी की कमीज को ऊपर खींच दिया और वो ब्रा में मेरे सामने आ गई थीं।
मैं निगाहें नीचे करके चोरी-चोरी से उनके मम्मे देख रहा था।

फिर उन्होंने मुझे अपनी सलवार का नाड़ा खोलने को कहा।
इस बार मैंने कुछ नहीं बोला और उनका नाड़ा खींच दिया.. और दीदी के बोलने पर उनकी सलवार भी उतार दी।
अब वो केवल गुलाबी ब्रा और गुलाबी पैन्टी में मेरे सामने थीं।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#7
मैं दीदी का नंगा बदन देख पागल सा हो रहा था.. पर डर के मारे चुपचाप गर्दन नीचे करके खड़ा था।
तभी दीदी बोली- खड़ा क्या है..? जा मेरे कपड़े सूखने के लिए डाल आ..

मैंने वैसे ही किया.. और जब वापिस आया तब भी दीदी मेरे सामने वैसे ही बैठी थीं, वो बोलीं- कैसी लग रही हूँ मैं?
मैंने कहा- दीदी क्या बोल रही हो आप??
दीदी बोलीं- बता न.. कैसी लग रही हूँ..?
मेरा डर थोड़ा कम हुआ.. मैंने कहा- अच्छी लग रही हो।
दीदी अपने दूध दबाते हुए बोलीं- कितनी अच्छी?
मैंने कहा- बहुत अच्छी.. दीदी..

‘तेरी उन पोर्न एक्ट्रेस से भी ज्यादा अच्छी लग रही हूँ क्या मैं..?’
मैंने हिम्मत करके बोल दिया- हाँ दीदी.. वो सब तो आपके सामने कुछ भी नहीं हैं..।
क्योंकि अब तक मैं उन्हें अपने जिस्म की कामुक नुमाइश करते देख कर समझ गया था कि दीदी क्या चाहती थीं।

दीदी अपनी चूत खुजाते हुए बोलीं- तो मुझे प्यार नहीं करेगा?
इतना सुनते ही मैं उन पर टूट पड़ा.. मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर टिका दिए और उन्हें चूसने लगा।
वो बोली- आराम से कर ना..
मैंने कहा- आप चुप रहो.. बस चुप..

मैंने उन्हें उल्टा लिटा दिया और चूसने चाटने लगा।,वो सिसकारियाँ भरने लगी थीं.. गर्म होने लगी थीं.. वो कामुक होकर ‘आह.. आह..’ कर रही थीं और कह रही थीं- आह.. आह.. मजा आ गया.. आराम से कर.. क्या कच्चा खा जाएगा मुझे तू..?

फिर मैंने उनकी ब्रा को खोला और मम्मे चूसने लगा.. वो पागल सी हो गईं।
मैं उन्हें चूसता रहा.. कई बार मैंने निप्पल पर काट भी दिया.. दर्द के मारे वो मेरे बाल नोंच रही थीं।
अब बारी दीदी की फुद्दी के दीदार करने की थी.. मैंने उनके मम्मे चूसते-चूसते अपना एक हाथ उनकी पैन्टी में डाल दिया.. चूत पर एक भी बाल नहीं था.. एकदम मुलायम..और चिकनी चूत थी।

फिर मैंने उनकी पैन्टी निकाली और उनकी गुलाबी चूत को देखा तो मैं पागल हो गयाम, चूत गीली हो रही थी.. मैंने अपने होंठ उस पर रख दिए और पागलों की तरह चाटने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#8
वो पागल सी हो गईं और मेरे कपड़े उतारने लगीं.. फिर अंडरवियर से मेरे लंड को निकाल कर चूसने लगीं।
मैं उनकी फुद्दी चाटता और कभी अपनी उंगली उनकी फुद्दी में घुसेड़ देता.. तो वो चीख पड़ती थीं।
अब वो बोलीं- अब नहीं रहा जाता.. कुछ कर.. डाल दे मेरे अन्दर अपना लंड संचू…

लेकिन मैंने पहले उन्हें मेरा लंड चूसने को बोला.. और उनके मुँह में लौड़ा घुसेड़ दिया।
थोड़ी देर चूसने के बाद वो फिर बोलीं- अब डाल दो.. भैनचोद.. क्यों तरसा रहे हो..??

मैंने उन्हें झट से बिस्तर पर पटका और उनकी टाँगें खोल दीं। अब अपना लंड मैंने उनकी फुद्दी पर लगाया और एक झटका मार कर अपना खड़ा लंड अन्दर डाल दिया और जोर-जोर से धक्के लगाने लगा।

वो ‘आह.. आह.. आह.. आह..’ कर रही थीं।
थोड़ी देर बाद दीदी बोलीं- संचू.. मैं झड़ने वाली हूँ.. थोड़ा और तेज करो..
थोड़ी देर में दीदी झड़ गईं.. पर अभी मैं झड़ने वाला नहीं था.. तो मैंने अपना चुदाई का काम चालू रखा।

काफी देर के बाद मैं भी झड़ने वाला हो गया.. तो मैंने दीदी से बोला- दीदी मेरा छूटने वाला है।
तो दीदी कामुकता से बोलीं- संचू भैनचोद.. चूत में अन्दर ही माल डाल दे..
मैंने सारा पानी उनकी चूत में ही गिरा दिया।

फिर मैं वैसे ही दीदी पर लेट गया।
दीदी बोली- संचू.. बड़ा मज़ा आया आज.

वो मेरे लंड को फिर से सहलाने लगीं.. थोड़ी ही देर में मेरा लंड फिर से अकड़ गया.. और मैं फिर से दीदी की चुदाई करने को तैयार हो उठा था।
दीदी ने भी मेरा साथ दिया.. और अब की बार मैंने उन्हें घोड़ी बना कर उनकी फुद्दी मारी।

इस बार पहले से भी ज़्यादा मज़ा आया और दीदी ने मेरा सारा माल अपने मुँह में डलवाया और बड़े मजे से स्वाद लेते हुए पूरा माल पी गईं।
उसके बाद मैंने दीदी को अपने लंड के ऊपर बिठाया और उन्हें चोदा, मैंने उस दिन दीदी को चार बार अलग-अलग तरीके से चोदा।

अब शाम हो गई थी.. दीदी तैयार हुई और जाने लगीं.. तो मैंने एक बार फिर उन्हें चोदने के लिए बोला।
पहले दीदी ने मना कर दिया.. पर मेरे बोलने पर मान गईं। अबकी बार मैंने सिर्फ़ उनकी सलवार और पैन्टी ही खोली थी।
इस बार की ठुकाई में भी दीदी दो बार झड़ गईं और मैंने भी अपना सारा माल उनके मुँह में ही झाड़ा।

फिर उन्होने अपने कपड़े पहने और हमने 10 मिनट तक एक-दूसरे को चूमा।
उसके बाद दीदी चली गईं..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#9
(06-01-2020, 03:45 PM)neerathemall Wrote: ये बात 6 महीने पहले की है जब मेरी पड़ोस वाली नैना दीदी अपनी शादी के बाद पहली बार अपने घर पर आई थे मे उनसे मिलने उनके घर गया मे अंदर जा कर उनकी बाकी बहनो से बात कर रहा था की झट से किसी ने पीछे से आकर मेरे पेन्ट के अंदर हाथ डाल के लंड हिलाने लगा मे शॉक हो गया पीछे घुमा तो देखा की नैना दीदी थी मे शरमा गया और आँखे नीचे कर ली क्योकी उनके घर मे आज से पहले कभी ऐसा हुआ नही था मेने दीदी को बोला ये क्या कर रहे हो दीदी? तो वो बोली तू शरमा क्यो रहा है? तेरे कोई गर्लफ्रेंड नही है क्या? अब रूम मे मे और दीदी ही थे बाकी सब जा चुके थे.

मे दीदी को मेरी तरफ खीच के उनके होठो को चूमने लगा(ये मेरा फर्स्ट टाइम था लेकिन ब्लू फिल्म देख कर मे सब सीख गया था) कुछ देर किस्सिंग के बाद मेरी इच्छा हुई की मे दीदी का बूब्स देखूं और उनको चुसू मेने उनका पल्लू गिरा दिया और ब्लाउज का हुक खोल कर ब्रा उपर उठा दिया पहली बार मेने किसी औरत का बूब्स देखा तो मे पागल हो गया और बूब्स चूसने लगा और बहुत देर तक चूसा मेरा मन कर रहा था की चूस चूस कर बूब्स खाली कर दूँ मुझे मूठ मार के भी कभी ऐसा मजा नही आया था दीदी अपनी आँखे बंद करके अपने होंठो को अपने दातों तले दबा के रख लिया मुझे डर भी लग रहा था की कोई हमें देख ना ले मे उठ गया और दीदी को अपने घर आने को बोल दिया लेकिन मेरी प्यास अभी भी बुझी नही थी.
मे बड़ी बेसब्री से दीदी का इंतजार कर रहा था लेकिन दीदी उस दिन नही आई मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था दूसरे दिन दीदी आई कुछ बातें करने के बाद मेने उन्हे छत पर आने के लिये इशारा किया और मेने उपर जाकर बेड ठीक कर लिया और दीदी का इंतजार करने लगा कुछ देर बाद दीदी आई और कहने लगी तुने मुझे यहा क्यों बुलाया? देख मेरे साथ कुछ शरारत मत करना मे बोला क्या दीदी खड़े खड़े ही बातें करोगे या बेठोगी भी मे दीदी के साथ साथ बेठ गया और दीदी के बालो को पीछे कर लिया और उनके गले मे उंगली फेरने लगा फिर मेने दीदी का पल्लू हटा के ब्लाउज को ज़ोर से खीच दिया इससे उनकी बाहे निकल आई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#10
Heart Heart Heart
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#11
[Image: Saumya-Tandon.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#12
[Image: saumya-tandonbb.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#13
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#14
मस्त अपडेट।
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#15
welcome
(11-01-2020, 11:15 PM)bhavna Wrote: मस्त अपडेट।

thanks
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#16
[Image: bstf6jux4lw6-SS.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#17
दीप्ति ने भांजे से चुदाई की
(07-01-2020, 11:23 AM)neerathemall Wrote: [Image: Saumya-Tandon.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#18
(07-01-2020, 11:23 AM)neerathemall Wrote: [Image: Saumya-Tandon.jpg][Image: 012-1000-ANUSHKA.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#19
mast.......
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#20
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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