03-12-2019, 08:48 PM
आपको मैं अपने बारे में बता दूं, मेरा रंग एकदम गोरा है, मेरे शरीर पर बाल बहुत कम हैं, मैं अपना लंड और गांड को हमेशा शेव करके साफ़ रखता हूँ.
यह उस टाइम की बात है, जब मैंने कॉलेज ज्वाइन किया था. नये लोग, नये टीचर, नई लड़कियां, नये लड़के, सब बहुत अच्छा अच्छा था. कॉलेज के लगभग दो महीने पूरे हो गए थे, सब लोग दूसरे को समझने लगे थे. हमारी क्लास में एक सर पढ़ाने आते थे, जो कि मेरे उन 12 वीं क्लास वाले सर की तरह थे, जिनकी कहानी मैंने पहले भी बताई थी.
इन टीचर की उम्र लगभग 35 वर्ष, देखने में अच्छी कद काठी और ये शादीशुदा हैं. इनकी बीवी भी काफ़ी सुंदर हैं. वे लगभग 32 वर्ष की हैं, भरा हुआ बदन है. उनका फिगर 36-34-37 का एकदम ठंसा हुआ है, अभी तक इनके कोई औलाद नहीं हुई थी.
मैं आपको बता दूं कि ये दोनों लोग बाइसेक्सुअल हैं. दोनों एक दूसरे के बारे में जानते थे और बहुत ही ओपन माइंडेड हैं.
एक दिन मैं क्लास में अपने मोबाइल पर गे सेक्स स्टोरी पढ़ रहा था, उस वक्त यही टीचर मुझे पढ़ा रहे थे. अचानक वो मेरे पास आ गए और मेरा मोबाइल मांगने लगे.
मैंने कहा- सर, अब ऐसा दोबारा नहीं होगा.. प्लीज़ माफ़ कर दीजिये.
पर वो नहीं माने और मेरे मोबाइल को ले कर उन्होंने अपने पास रख लिया.
क्लास ओवर हो गई, उसके बाद मैंने उनसे अपना मोबाइल लेने की बहुत रिक्वेस्ट की.. पर उन्होंने कहा कि लंच टाइम में आके ले लेना.
तब तक उन्होंने मेरा मोबाइल चैक कर लिया कि मैं क्या कर रहा था.
जब मैं लंच में उनके पास मोबाइल लेने गया तो उन्होंने मुझसे पूछा- क्या तू गे है?
मैं एकदम से सकपका गया, मैंने कहा- नहीं सर, वो तो बस ऐसे ही पढ़ रहा था.
टीचर बोले- सच बताओ.. इसमें कोई बुरी बात नहीं है.
मैं बोला- मैं बाइसेक्सुअल हूँ.
वो बोले- ठीक है.. पर ये सब क्लास में मत किया करो.
मैंने कहा- ओके सर.
और अपना मोबाइल लेकर चला गया.
उसके बाद से उनका व्यवहार मेरी तरफ कुछ अलग सा हो गया था, वो मुझसे बातें करते, मेरी क्लास में खूब तारीफ करते. उन्होंने मेरा नंबर ले लिया था, तो कभी कभी ऐसे ही मुझे फोन ही कर लिया करते थे और मैसेज भी करते.
अब वो मुझे सेक्स वाले जोक्स भी भेजा करते थे और मैं भी उनको कभी कभी भेज देता था.
एक दिन रात को वो मुझसे से मैसेज केI थ्रू बात कर रहे थे, तभी उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैंने कभी सेक्स किया है?
तो मैंने भी कह दिया- हां.
तो वो पूछने लगे- किसके साथ?
तो मैंने उनको अपनी 12 वीं क्लास वाली कहानी के बारे में बताया.
इस पर उन्होंने उधर से मुझे किस वाला स्माइली भेज दिया. मैंने उनको इसका रिप्लाई हंसने वाली स्माइली से कर दिया.
फिर वो पूछने लगे कि मुझे उन टीचर की याद आती है?
तो मैंने कह दिया- हां, कभी कभी आती है.
फिर वो बोले- जब याद आती है तो क्या करते हो??
तो मैंने कहा- बस कुछ नहीं.. अपना लंड हिला लेता हूँ और हंस दिया.
वो भी उधर से हंस दिए.
उसके बाद वो मुझसे बोले- अगर तुमको ज्यादा याद आया करे तो तुम मुझसे बात कर लिया करो.
मैंने कह दिया- ओके सर.
फिर उन्होंने मुझे बातें शेयर की कि वो बाइसेक्सुअल हैं.. और उनका पार्ट्नर भी पहले था लेकिन अब नहीं है. वो भी पार्ट्नर की तलाश में हैं. अगर मैं चाहूँ तो उनका पार्ट्नर बन सकता हूँ.
यह सुन कर मैं बहुत खुश हो गया और बोला- ओके सर.
तो वो बोले- यार मुझे सर मत बुलाया करो, आज से तुम मुझे जानू कह सकते हो.
मैंने कहा- ओके जानू ठीक है.
इसके बाद हम दोनों ने एक दूसरे को गुडनाइट बोला और सो गए.
उन्होंने मुझे लंच टाइम उनके केबिन में आने को कहा. मैं उनसे अकेले में मिलने को बहुत एग्ज़ाइटिड था, पर शरम भी बहुत आ रही थी. मैं उनसे मिलने गया, उन्होंने मुझे अन्दर बुला कर केबिन को अन्दर से बंद कर दिया और मुझे बैठने को बोला.
वो भी मेरी पास वाली चेयर पर आकर बैठ गए और मेरा हाथ अपने हाथों में पकड़ कर मुझसे बोला कि वो मुझे बहुत पसंद करते हैं.
मैंने भी कह दिया- सर, आप भी मुझे अच्छे लगते हैं.
फिर उन्होंने मुझे गाल पर किस कर दिया, मैं थोड़ा शर्मा गया.
तो वो बोले- अब कैसी शरम, अब तो हम पार्ट्नर्स हैं ना.
मैंने कहा- हां सर, पर हम लोग अभी खुले नहीं हैं ना.
तो वो बोले- इसमें कौन सी बड़ी बात है, लो अभी खुल जाते हैं.
ये कह कर उन्होंने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगे. मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था, बहुत दिनों के बाद किसी ने मुझे चूमा था. मैं भी उनके होंठों को चूसने लगा. उन्होंने अपना हाथ मेरी पैंट के ऊपर से मेरे लंड पर रख दिया, जो कि पहले से ही खड़ा हो गया था.
उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं तेरे लंड को देख सकता हूँ?
मैंने हां में सिर हिला दिया और उन्होंने मेरी पैंट की ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाल कर उसे अपने हाथों में ले लिया. उनके हाथों के स्पर्श से मेरा लंड और तन गया, हालांकि मेरा लंड ज्यादा बड़ा नहीं है… ये लगभग 4 इंच लंबा एक इंच मोटा ही है.
उन्होंने पूछा- क्या मैं तेरे लंड को प्यार सकता हूँ?
मैंने हां में सिर हिला दिया. फिर टीचर ने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगे. मेरे मुँह से अहह आह आह की आवाजें निकलने लगीं. मैंने बहुत दिनों से सेक्स नहीं किया था, इसलिए मेरा लंड बहुत जल्दी झड़ने वाला हो उठा था. मैंने कहा- सर मेरा रस निकलने वाला है.
पर वो मेरी बात को अनसुना करके मेरा लंड चूसते रहे और मेरा सारा वीर्य उनके मुँह में निकल गया. सर मेरे लंड का पानी मजे से पी गए.
फिर मैंने कहा- सॉरी सर, आपके मुँह में निकल गया.
तो बोले कि मुझे वीर्य पीना अच्छा लगता है.
मैं उनको प्यार से देखने लगा.
वो बोले- तुम्हारा वीर्य बहुत टेस्टी था.
फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि मुझे अच्छा लगता है वीर्य पीना?
तो मैंने हां में सिर हिला दिया.
तो वो बोले- पीना है अभी?
मैंने भी हां कह दिया. मैं तो वैसे ही लंड चूसने के लिए तड़प रहा था.
फिर वो कुर्सी पर बैठ गये और मैं घुटनों के बल बैठ गया. मैंने सर की ज़िप खोली और उनका बड़ा सा लंड बाहर निकाल लिया.
मैं सर का लंड देख कर हैरान रह गया था इतना बड़ा लंड देखा, तो एक बार के लिए तो गांड फट गई. पर मन ही मन मैं खुश भी हो रहा था कि इतना बड़ा लंड चूसने को मिलेगा.. और गांड की खुजली भी दूर हो जाएगी.
मैंने तुरंत ही सर के लंड को अपने मुँह में ले लिया और एक अबोध की तरह कुल्फी सा लंड चूसना शुरू कर दिया. उनके मुँह से ‘उहह अहह..’ की आवाजें निकलने लगीं. वो मेरा सर पकड़ कर लंड को मेरे मुँह में अन्दर तक घुसेड़ने लगे. मैंने अपने मुँह और बड़ा सा करते हुए खोल दिया. उनका लंड मेरे गले तक आ गया, वो और तेज़ से धक्के मारने लगे. लंड थोड़ा और अन्दर घुस गया.
जब मैं सहन नहीं कर पाया, तब सर ने लंड बाहर निकाल लिया. फिर मैंने धीरे धीरे लंड चूसा.
उन्होंने कहा- एक बार और अन्दर तक ले लो.. मैं अपना वीर्य तेरे गले के अन्दर निकालना चाहता हूँ.
मैंने कहा- ओके सर, ट्राइ करता हूँ.
उन्होंने मुझसे कहा कि तुम कुर्सी पर बैठ जाओ.. अपनी गर्दन पीछे लटका लो, फिर मैं पीछे से तुम्हारे मुँह में लंड डालूँगा.
मुझे उनका यह सुझाव अच्छा लगा, मैंने वैसा ही किया. वो पीछे से आए और अपने लंड को पूरा अन्दर तक मेरे मुँह में घुसेड़ दिया. आज तक मैंने इतना अन्दर कभी नहीं लिया था. फिर उन्होंने एक दो झटके मारे और सारा वीर्य मेरे गाले में उतार दिया, जो सीधे अन्दर तक चला गया. जो बाकी रह गया था, वो मैंने चाट के साफ़ कर दिया.
दोस्तो, मुझे उस दिन बहुत मज़ा आया था, मैं कभी भूल नहीं सकता वो मज़ा.
फिर हम लोगों ने अपने कपड़े ठीक किए और बातें करने लगे. मैंने उन्हें कहा- आज मुझे बहुत मज़ा आया.
वो भी बोले कि उन्हें भी बहुत मज़ा बहुत समय के बाद मिला.
फिर उन्होंने पूछा कि अब हम दोनों बाकी का प्यार कब करेंगे?
मैंने कहा- जब भी आप बोलो?
फिर मैं वहां से चला गया. सर का लंड चूस के बहुत अच्छा लग रहा था, बस गांड के मरवाने का इंतज़ार था.
फिर जल्द ही वो दिन भी आ गया, उन्होंने मुझसे फोन करके कॉलेज के बाद अपने केबिन में आने को कहा. वहां से वो मुझे अपने घर ले गए. उनके घर पर कोई नहीं था. तो मैंने उनसे पूछा कि सर आपकी वाइफ कहां हैं?
वो बोले कि वो कुछ दिनों के लिए अपने मायके गई हुई है.
मुझे ये सुन के बहुत अच्छा लगा कि अब जब तक भाभी वापस नहीं आ जातीं, मेरी बहुत चुदाई हुआ करेगी.
फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं खाना या पीना चाहता हूँ, पर मैंने मना कर दिया. फिर सर बोले कि ओके ठीक है.. मैं नहा के आता हूँ.
मैंने उन्हें शरमाते हुए कहा कि क्या मैं भी आपके साथ नहा सकता हूँ.
वो बोले- इससे अच्छी क्या बात होगी चलो, थोड़ा रोमांन्स भी हो जाएगा.
फिर टीचर ने अपने सारे कपड़े उतार दिए, उनका लंड और बॉडी देख कर मेरे तनबदन में आग सी लग गई. ऐसा लगा कि जाकर अभी सर के लंड को अपने मुँह में ले लूँ.
तभी वो मुझसे बोले- तुम भी अपने कपड़े उतार कर बाथरूम में आ जाओ.
मैंने भी फटाफट अपने कपड़े उतारे और बाथरूम की तरफ उनके पीछे चल दिया. वो वहां शावर के नीचे खड़े हुए थे पानी उनके ऊपर से लेके नीचे लंड तक बह रहा था. सर के लंड से पानी की धार नीचे गिरती हुई बहुत मनभावन लग रही थी.
मैं उनके पास जाके खड़ा हो गया और उनसे चिपक गया. उन्होंने भी मुझे बांहों में भर लिया. हम दोनों पानी में भीग रहे थे, दोनों के बदन आग की तरह गर्म हो रहे थे. मुझसे चिपक कर उनका और मेरा दोनों लंड खड़े होके आपस में टकरा रहे थे, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
तभी उन्होंने मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया. मेरी बॉडी में तो जैसे करेंट दौड़ रहा था, उनके चूसने से. मैं भी उनके होंठों को चूसने में साथ देने लगा. धीरे धीरे उनका लंड और बड़ा होता गया.
फिर वो मेरी गर्दन पर और मेरे छोटे बूब्स को चाटने लगे, मुझे इन सब में बहुत आनन्द आ रहा था. फिर उन्होंने मुझे साबुन दिया और बोले कि तुम मेरे पूरे शरीर पर साबुन लगा दो.
मैंने ऐसा ही किया, उनकी बॉडी पर साबुन लगाने लगा, उनके बूब्स, उनकी जांघों, उनके बॉल्स, उनके लंड पर और उनकी गांड पर साबुन लगा दिया. उन्हें इसमें बहुत आनन्द आ रहा था और मुझे भी मजा मिल रहा था.
उसके बाद में वो मेरी बॉडी पर साबुन लगाने लगे, मेरे लंड और गांड के छेद पर अच्छे से साबुन मल दिया. फिर वे मुझसे चिपक कर शावर के नीचे खड़े हो गए.
जब हम दोनों नहा लिये तो सर मुझे अपनी गोद में उठा कर कमरे में ले गए. उन्होंने मुझे वहां बेड पर लिटा दिया और बोले- मेरी एक फैंटेसी है और ये फैंटसी मैं तुम्हारे साथ पूरा करना चाहता हूँ.
मैंने पूछा- वो क्या है जानू?
तो टीचर बोले कि वो मुझे एक औरत की तरह तैयार करके चोदना चाहते हैं.
मुझे भी उनकी बात काफ़ी पसंद आई तो मैंने भी हां कर दी.
उनको ये सुनकर बहुत अच्छा लगा और वो सामान लाने चले गए. जब आए तो सारी चीजें लेकर आए, जो एक औरत को सजने में लगती हैं. मैं भी इस नये अनुभव के लिए बहुत एग्ज़ाइटेड था.
सर मुझे प्यार से सारी चीजें पहनाने लगे. पहले उन्होंने मुझे चड्डी पहनाई फिर ब्रा, फिर ब्लाउज और लास्ट में साड़ी पहना दी. मुझे ये सब पहनने में बहुत मज़ा आ रहा था. फिर उन्होंने मुझे लड़कियों वाली विग पहनाई और मेरे हाथ और पैरों में नेल पॉलिश लगाई. मुझे पैरों में पायल और हाथों में चूड़ियां पहनाईं. उसके बाद मेरे चेहरे पर लिपस्टिक और पाउडर और काजल लगाया.
उनको ये सब बहुत अच्छे से आता था, मुझे भी इसे तैयार होकर अच्छा लग रहा था. मेरा पूरा मेकअप करने के बाद उन्होंने मेरे साथ एक सेल्फी ली और बोले- चलो अब तुम बेड पर बैठ जाओ.. मैं अभी आता हूँ.
तभी वो बाहर से अपने कपड़े पहन कर आए, मेरे पास बैठे, मेरे हाथों को अपने हाथ में लिया और उन पर किस करने लगे. मुझे इन सब में बहुत मज़ा आ रहा था. मेरे अन्दर भी हवस की लहर दौड़ रही थी.
उसके बाद वो मेरे होंठों को चूमने लगे. मेरी होंठों की लिपस्टिक उनके होंठों पर भी लग गई, मैं भी उनका सर पकड़ कर ज़ोर से किस करने लगा. हम दोनों की जीभ एक दूसरे के मुँह में घूम रही थीं, हम दोनों हवस की आग में जल रहे थे. मेरे नेल पोलिश लगे हुए हाथ उनके बालों में घुस कर उनको मेरे मुँह और घुसा रहे थे.
तभी मैंने दूसरे हाथ से उनका लंड पकड़ लिया था जो कि पज़ामे के ऊपर से बहुत बड़ा लग रहा था. तभी वो कान में आकर के बोले- मेरा लंड नहीं चूसोगी रानी.
मैंने गहरी साँस भरते हुए कहा- हां जी.
वो बेड पर खड़े हो गए और अपना पज़ामा उतार दिया. उनका बड़ा और मोटा लंड मेरे मुँह के सामने था. मुझे अपने ऊपर बिल्कुल भी काबू नहीं था और झट से उनका लंड पकड़ कर चूसने लगा. उनके लंड से उनके प्रीकम वाले वीर्य की खुशबू आ रही थी, जो कि मुझे और उत्साहित कर रही थी.
उनका लंड चूसते ही उनके मुँह से सिसकारियां निकलने लगी. वो मेरे मुँह को ही गांड समझ कर चोदने लगे.
मैंने उनका लगभग आधा लंड मुँह में भर लिया था और पूरा लेने की कोशिश कर रहा था कि अचानक उन्होंने ज़ोर से धाक्का मारा और पूरा लंड मेरे मुँह में घुसेड़ दिया. मुझे भी लंड चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था.
उसके बाद उन्होंने अपना लंड मेरे मुँह से निकाल दिया और मेरी साड़ी उतारने लगे. मेरी साड़ी उतारने के बाद उन्होंने अपना कुर्ता भी उतार दिया और मुझे बेड लिटा दिया. इसके बाद सर मेरी ब्रा खोल कर मेरे बूब्स को चाटने लगे. इन सबसे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. चड्डी के अन्दर से मेरा लंड खड़ा हो गया था.
तभी उन्होंने मेरी चड्डी भी उतार दी और मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया. सर मेरी लुल्ली को हिलाने लगे, थोड़ा सा हिलाते ही मेरी लुल्ली लंड बन कर बड़ी हो गई.
फिर वे मेरे ऊपर 69 की पोज़िशन में आ गए और लंड मेरे मुँह में डाल कर मेरे लंड को चूसने लगे. हम दोनों को ही एक दूसरे के लंड चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था. पर मेरा ज्यादा बड़ा नहीं था तो वो आराम से चूस रहे थे और उन्होंने अपने लंड को मेरे मुँह में पूरा पेल दिया था.
फिर उन्होंने मेरे लंड को चूसना छोड़ दिया और अपने लंड से धक्के मारके मेरे मुँह को चोदने लगे. उनका लंड मेरे गले गले तक आ गया था. फिर भी टीचर और ज़ोर लगा के अन्दर डालने की कोशिश कर रहे थे और इसमें मैं भी उनका साथ देने की कोशिश कर रहा था. मुझे भी लंड गले में लेने में मज़ा आ रहा था, उन्होंने मेरा मुँह तब तक चोदा, जब तक की उनका सारा वीर्य मेरे गले में निकल नहीं गया.
उनका सारा वीर्य मैंने पी लिया और चाट के उनका लंड साफ़ कर दिया.
फिर थोड़ी देर के लिए वो बस लेटे रहे और मैं भी उनके पास लेटा रहा और उनके लंड को सहलाता रहा.. ताकि वो दोबारा खड़ा हो जाए. थोड़ी देर में उनका लंड दोबारा खड़ा हो गया, उसके बाद मैंने उनका लंड थोड़ी देर मुँह में लेकर चूसा ताकि ठीक से खड़ा हो जाए.
उसके बाद उन्होंने मुझे घोड़ी बनने को बोला और मेरी गांड खोल कर छेद को चाटने लगे. मेरे अन्दर फिर से तूफान जाग गया. मैं पूरा मदहोश हो गया था. मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लगी थीं. मेरा रोम रोम गांड मरवाने को बेताब हो रहा था. मैं अपने हाथों से पकड़ कर उनका चेहरा अपनी चूतड़ों में घुसेड़ रहा था और वो भी जीभ मेरी गांड के अन्दर डाल कर मुझे मजा दे रहे थे.
मुझे रहा नहीं जा रहा था, मैं उन्हें कह बार बार कह रहा था कि अब मेरी गांड मार दो, पर सर मुझे और तड़पा रहा थे. मेरे मुँह से चुदास से लिप्त चीख निकल रही थी. मुझसे और सब्र नहीं हो रहा था. मैंने उनसे दोबारा कहा- जानू मेरे अन्दर अपना लंड डाल दो.
पर वो नहीं माने, मेरी गांड में एक उंगली डाल कर उसको अभी भी चाट रहे थे. मैं गांड मरवाने की बेचैनी से छटपटा रहा था.
काफ़ी देर बाद जब उन्होंने देखा कि मैं पूरा गर्म हो गया हूँ, तब उन्होंने ढेर सारा थूक मेरी गांड पर डाला और झटके से अपना पूरा लंड मेरे छेद के अन्दर घुसेड़ दिया. उनके इस अचानक से लंड घुसेड़ देने मेरी चीख निकल गई, पर एक तृप्ति का अहसास भी हुआ. उनका मोटा लंड, एक गरम रॉड की तरह मेरी गांड में घुसा हुआ था. मेरे मुँह से सिसकारियां निकल रही थीं.
तभी उन्होंने मेरी गांड में धक्के मारना शुरू कर दिए और मेरे मुँह से आहह आहह की आवाजों से कमरा भर गया. वो लगातार मेरी गांड में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारे जा रहे थे और मेरे अन्दर आनन्द ही आनन्द भर रहा था.
तभी उन्होंने मुझे पोज़िशन चेंज करने को कहा. अब मैं बेड पर लेटा था और मेरी टांगें उनके कंधे पर थीं. फिर से उन्होंने मुझे खूब ज़ोर ज़ोर से पेलना शुरू कर दिया. वो मेरे मुँह को देख रहे थे, जिस पर आनन्द की लहरें साफ़ दिख रही थी. उन्होंने बोला- मेरा रस निकलने वाला है.
मैंने हामी भरी तो उन्होंने मेरे अन्दर ही रस निकाल दिया. ठीक उसी वक़्त मेरे लंड से ही भी पिचकारी निकल गई.
वो ऐसे ही लंड घुसा कर मेरी गांड में मेरे ऊपर लेट गए और हम दोनों थोड़ी देर तक ऐसे ही लेटे रहे.
यह उस टाइम की बात है, जब मैंने कॉलेज ज्वाइन किया था. नये लोग, नये टीचर, नई लड़कियां, नये लड़के, सब बहुत अच्छा अच्छा था. कॉलेज के लगभग दो महीने पूरे हो गए थे, सब लोग दूसरे को समझने लगे थे. हमारी क्लास में एक सर पढ़ाने आते थे, जो कि मेरे उन 12 वीं क्लास वाले सर की तरह थे, जिनकी कहानी मैंने पहले भी बताई थी.
इन टीचर की उम्र लगभग 35 वर्ष, देखने में अच्छी कद काठी और ये शादीशुदा हैं. इनकी बीवी भी काफ़ी सुंदर हैं. वे लगभग 32 वर्ष की हैं, भरा हुआ बदन है. उनका फिगर 36-34-37 का एकदम ठंसा हुआ है, अभी तक इनके कोई औलाद नहीं हुई थी.
मैं आपको बता दूं कि ये दोनों लोग बाइसेक्सुअल हैं. दोनों एक दूसरे के बारे में जानते थे और बहुत ही ओपन माइंडेड हैं.
एक दिन मैं क्लास में अपने मोबाइल पर गे सेक्स स्टोरी पढ़ रहा था, उस वक्त यही टीचर मुझे पढ़ा रहे थे. अचानक वो मेरे पास आ गए और मेरा मोबाइल मांगने लगे.
मैंने कहा- सर, अब ऐसा दोबारा नहीं होगा.. प्लीज़ माफ़ कर दीजिये.
पर वो नहीं माने और मेरे मोबाइल को ले कर उन्होंने अपने पास रख लिया.
क्लास ओवर हो गई, उसके बाद मैंने उनसे अपना मोबाइल लेने की बहुत रिक्वेस्ट की.. पर उन्होंने कहा कि लंच टाइम में आके ले लेना.
तब तक उन्होंने मेरा मोबाइल चैक कर लिया कि मैं क्या कर रहा था.
जब मैं लंच में उनके पास मोबाइल लेने गया तो उन्होंने मुझसे पूछा- क्या तू गे है?
मैं एकदम से सकपका गया, मैंने कहा- नहीं सर, वो तो बस ऐसे ही पढ़ रहा था.
टीचर बोले- सच बताओ.. इसमें कोई बुरी बात नहीं है.
मैं बोला- मैं बाइसेक्सुअल हूँ.
वो बोले- ठीक है.. पर ये सब क्लास में मत किया करो.
मैंने कहा- ओके सर.
और अपना मोबाइल लेकर चला गया.
उसके बाद से उनका व्यवहार मेरी तरफ कुछ अलग सा हो गया था, वो मुझसे बातें करते, मेरी क्लास में खूब तारीफ करते. उन्होंने मेरा नंबर ले लिया था, तो कभी कभी ऐसे ही मुझे फोन ही कर लिया करते थे और मैसेज भी करते.
अब वो मुझे सेक्स वाले जोक्स भी भेजा करते थे और मैं भी उनको कभी कभी भेज देता था.
एक दिन रात को वो मुझसे से मैसेज केI थ्रू बात कर रहे थे, तभी उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैंने कभी सेक्स किया है?
तो मैंने भी कह दिया- हां.
तो वो पूछने लगे- किसके साथ?
तो मैंने उनको अपनी 12 वीं क्लास वाली कहानी के बारे में बताया.
इस पर उन्होंने उधर से मुझे किस वाला स्माइली भेज दिया. मैंने उनको इसका रिप्लाई हंसने वाली स्माइली से कर दिया.
फिर वो पूछने लगे कि मुझे उन टीचर की याद आती है?
तो मैंने कह दिया- हां, कभी कभी आती है.
फिर वो बोले- जब याद आती है तो क्या करते हो??
तो मैंने कहा- बस कुछ नहीं.. अपना लंड हिला लेता हूँ और हंस दिया.
वो भी उधर से हंस दिए.
उसके बाद वो मुझसे बोले- अगर तुमको ज्यादा याद आया करे तो तुम मुझसे बात कर लिया करो.
मैंने कह दिया- ओके सर.
फिर उन्होंने मुझे बातें शेयर की कि वो बाइसेक्सुअल हैं.. और उनका पार्ट्नर भी पहले था लेकिन अब नहीं है. वो भी पार्ट्नर की तलाश में हैं. अगर मैं चाहूँ तो उनका पार्ट्नर बन सकता हूँ.
यह सुन कर मैं बहुत खुश हो गया और बोला- ओके सर.
तो वो बोले- यार मुझे सर मत बुलाया करो, आज से तुम मुझे जानू कह सकते हो.
मैंने कहा- ओके जानू ठीक है.
इसके बाद हम दोनों ने एक दूसरे को गुडनाइट बोला और सो गए.
उन्होंने मुझे लंच टाइम उनके केबिन में आने को कहा. मैं उनसे अकेले में मिलने को बहुत एग्ज़ाइटिड था, पर शरम भी बहुत आ रही थी. मैं उनसे मिलने गया, उन्होंने मुझे अन्दर बुला कर केबिन को अन्दर से बंद कर दिया और मुझे बैठने को बोला.
वो भी मेरी पास वाली चेयर पर आकर बैठ गए और मेरा हाथ अपने हाथों में पकड़ कर मुझसे बोला कि वो मुझे बहुत पसंद करते हैं.
मैंने भी कह दिया- सर, आप भी मुझे अच्छे लगते हैं.
फिर उन्होंने मुझे गाल पर किस कर दिया, मैं थोड़ा शर्मा गया.
तो वो बोले- अब कैसी शरम, अब तो हम पार्ट्नर्स हैं ना.
मैंने कहा- हां सर, पर हम लोग अभी खुले नहीं हैं ना.
तो वो बोले- इसमें कौन सी बड़ी बात है, लो अभी खुल जाते हैं.
ये कह कर उन्होंने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगे. मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था, बहुत दिनों के बाद किसी ने मुझे चूमा था. मैं भी उनके होंठों को चूसने लगा. उन्होंने अपना हाथ मेरी पैंट के ऊपर से मेरे लंड पर रख दिया, जो कि पहले से ही खड़ा हो गया था.
उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं तेरे लंड को देख सकता हूँ?
मैंने हां में सिर हिला दिया और उन्होंने मेरी पैंट की ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाल कर उसे अपने हाथों में ले लिया. उनके हाथों के स्पर्श से मेरा लंड और तन गया, हालांकि मेरा लंड ज्यादा बड़ा नहीं है… ये लगभग 4 इंच लंबा एक इंच मोटा ही है.
उन्होंने पूछा- क्या मैं तेरे लंड को प्यार सकता हूँ?
मैंने हां में सिर हिला दिया. फिर टीचर ने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगे. मेरे मुँह से अहह आह आह की आवाजें निकलने लगीं. मैंने बहुत दिनों से सेक्स नहीं किया था, इसलिए मेरा लंड बहुत जल्दी झड़ने वाला हो उठा था. मैंने कहा- सर मेरा रस निकलने वाला है.
पर वो मेरी बात को अनसुना करके मेरा लंड चूसते रहे और मेरा सारा वीर्य उनके मुँह में निकल गया. सर मेरे लंड का पानी मजे से पी गए.
फिर मैंने कहा- सॉरी सर, आपके मुँह में निकल गया.
तो बोले कि मुझे वीर्य पीना अच्छा लगता है.
मैं उनको प्यार से देखने लगा.
वो बोले- तुम्हारा वीर्य बहुत टेस्टी था.
फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि मुझे अच्छा लगता है वीर्य पीना?
तो मैंने हां में सिर हिला दिया.
तो वो बोले- पीना है अभी?
मैंने भी हां कह दिया. मैं तो वैसे ही लंड चूसने के लिए तड़प रहा था.
फिर वो कुर्सी पर बैठ गये और मैं घुटनों के बल बैठ गया. मैंने सर की ज़िप खोली और उनका बड़ा सा लंड बाहर निकाल लिया.
मैं सर का लंड देख कर हैरान रह गया था इतना बड़ा लंड देखा, तो एक बार के लिए तो गांड फट गई. पर मन ही मन मैं खुश भी हो रहा था कि इतना बड़ा लंड चूसने को मिलेगा.. और गांड की खुजली भी दूर हो जाएगी.
मैंने तुरंत ही सर के लंड को अपने मुँह में ले लिया और एक अबोध की तरह कुल्फी सा लंड चूसना शुरू कर दिया. उनके मुँह से ‘उहह अहह..’ की आवाजें निकलने लगीं. वो मेरा सर पकड़ कर लंड को मेरे मुँह में अन्दर तक घुसेड़ने लगे. मैंने अपने मुँह और बड़ा सा करते हुए खोल दिया. उनका लंड मेरे गले तक आ गया, वो और तेज़ से धक्के मारने लगे. लंड थोड़ा और अन्दर घुस गया.
जब मैं सहन नहीं कर पाया, तब सर ने लंड बाहर निकाल लिया. फिर मैंने धीरे धीरे लंड चूसा.
उन्होंने कहा- एक बार और अन्दर तक ले लो.. मैं अपना वीर्य तेरे गले के अन्दर निकालना चाहता हूँ.
मैंने कहा- ओके सर, ट्राइ करता हूँ.
उन्होंने मुझसे कहा कि तुम कुर्सी पर बैठ जाओ.. अपनी गर्दन पीछे लटका लो, फिर मैं पीछे से तुम्हारे मुँह में लंड डालूँगा.
मुझे उनका यह सुझाव अच्छा लगा, मैंने वैसा ही किया. वो पीछे से आए और अपने लंड को पूरा अन्दर तक मेरे मुँह में घुसेड़ दिया. आज तक मैंने इतना अन्दर कभी नहीं लिया था. फिर उन्होंने एक दो झटके मारे और सारा वीर्य मेरे गाले में उतार दिया, जो सीधे अन्दर तक चला गया. जो बाकी रह गया था, वो मैंने चाट के साफ़ कर दिया.
दोस्तो, मुझे उस दिन बहुत मज़ा आया था, मैं कभी भूल नहीं सकता वो मज़ा.
फिर हम लोगों ने अपने कपड़े ठीक किए और बातें करने लगे. मैंने उन्हें कहा- आज मुझे बहुत मज़ा आया.
वो भी बोले कि उन्हें भी बहुत मज़ा बहुत समय के बाद मिला.
फिर उन्होंने पूछा कि अब हम दोनों बाकी का प्यार कब करेंगे?
मैंने कहा- जब भी आप बोलो?
फिर मैं वहां से चला गया. सर का लंड चूस के बहुत अच्छा लग रहा था, बस गांड के मरवाने का इंतज़ार था.
फिर जल्द ही वो दिन भी आ गया, उन्होंने मुझसे फोन करके कॉलेज के बाद अपने केबिन में आने को कहा. वहां से वो मुझे अपने घर ले गए. उनके घर पर कोई नहीं था. तो मैंने उनसे पूछा कि सर आपकी वाइफ कहां हैं?
वो बोले कि वो कुछ दिनों के लिए अपने मायके गई हुई है.
मुझे ये सुन के बहुत अच्छा लगा कि अब जब तक भाभी वापस नहीं आ जातीं, मेरी बहुत चुदाई हुआ करेगी.
फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं खाना या पीना चाहता हूँ, पर मैंने मना कर दिया. फिर सर बोले कि ओके ठीक है.. मैं नहा के आता हूँ.
मैंने उन्हें शरमाते हुए कहा कि क्या मैं भी आपके साथ नहा सकता हूँ.
वो बोले- इससे अच्छी क्या बात होगी चलो, थोड़ा रोमांन्स भी हो जाएगा.
फिर टीचर ने अपने सारे कपड़े उतार दिए, उनका लंड और बॉडी देख कर मेरे तनबदन में आग सी लग गई. ऐसा लगा कि जाकर अभी सर के लंड को अपने मुँह में ले लूँ.
तभी वो मुझसे बोले- तुम भी अपने कपड़े उतार कर बाथरूम में आ जाओ.
मैंने भी फटाफट अपने कपड़े उतारे और बाथरूम की तरफ उनके पीछे चल दिया. वो वहां शावर के नीचे खड़े हुए थे पानी उनके ऊपर से लेके नीचे लंड तक बह रहा था. सर के लंड से पानी की धार नीचे गिरती हुई बहुत मनभावन लग रही थी.
मैं उनके पास जाके खड़ा हो गया और उनसे चिपक गया. उन्होंने भी मुझे बांहों में भर लिया. हम दोनों पानी में भीग रहे थे, दोनों के बदन आग की तरह गर्म हो रहे थे. मुझसे चिपक कर उनका और मेरा दोनों लंड खड़े होके आपस में टकरा रहे थे, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
तभी उन्होंने मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया. मेरी बॉडी में तो जैसे करेंट दौड़ रहा था, उनके चूसने से. मैं भी उनके होंठों को चूसने में साथ देने लगा. धीरे धीरे उनका लंड और बड़ा होता गया.
फिर वो मेरी गर्दन पर और मेरे छोटे बूब्स को चाटने लगे, मुझे इन सब में बहुत आनन्द आ रहा था. फिर उन्होंने मुझे साबुन दिया और बोले कि तुम मेरे पूरे शरीर पर साबुन लगा दो.
मैंने ऐसा ही किया, उनकी बॉडी पर साबुन लगाने लगा, उनके बूब्स, उनकी जांघों, उनके बॉल्स, उनके लंड पर और उनकी गांड पर साबुन लगा दिया. उन्हें इसमें बहुत आनन्द आ रहा था और मुझे भी मजा मिल रहा था.
उसके बाद में वो मेरी बॉडी पर साबुन लगाने लगे, मेरे लंड और गांड के छेद पर अच्छे से साबुन मल दिया. फिर वे मुझसे चिपक कर शावर के नीचे खड़े हो गए.
जब हम दोनों नहा लिये तो सर मुझे अपनी गोद में उठा कर कमरे में ले गए. उन्होंने मुझे वहां बेड पर लिटा दिया और बोले- मेरी एक फैंटेसी है और ये फैंटसी मैं तुम्हारे साथ पूरा करना चाहता हूँ.
मैंने पूछा- वो क्या है जानू?
तो टीचर बोले कि वो मुझे एक औरत की तरह तैयार करके चोदना चाहते हैं.
मुझे भी उनकी बात काफ़ी पसंद आई तो मैंने भी हां कर दी.
उनको ये सुनकर बहुत अच्छा लगा और वो सामान लाने चले गए. जब आए तो सारी चीजें लेकर आए, जो एक औरत को सजने में लगती हैं. मैं भी इस नये अनुभव के लिए बहुत एग्ज़ाइटेड था.
सर मुझे प्यार से सारी चीजें पहनाने लगे. पहले उन्होंने मुझे चड्डी पहनाई फिर ब्रा, फिर ब्लाउज और लास्ट में साड़ी पहना दी. मुझे ये सब पहनने में बहुत मज़ा आ रहा था. फिर उन्होंने मुझे लड़कियों वाली विग पहनाई और मेरे हाथ और पैरों में नेल पॉलिश लगाई. मुझे पैरों में पायल और हाथों में चूड़ियां पहनाईं. उसके बाद मेरे चेहरे पर लिपस्टिक और पाउडर और काजल लगाया.
उनको ये सब बहुत अच्छे से आता था, मुझे भी इसे तैयार होकर अच्छा लग रहा था. मेरा पूरा मेकअप करने के बाद उन्होंने मेरे साथ एक सेल्फी ली और बोले- चलो अब तुम बेड पर बैठ जाओ.. मैं अभी आता हूँ.
तभी वो बाहर से अपने कपड़े पहन कर आए, मेरे पास बैठे, मेरे हाथों को अपने हाथ में लिया और उन पर किस करने लगे. मुझे इन सब में बहुत मज़ा आ रहा था. मेरे अन्दर भी हवस की लहर दौड़ रही थी.
उसके बाद वो मेरे होंठों को चूमने लगे. मेरी होंठों की लिपस्टिक उनके होंठों पर भी लग गई, मैं भी उनका सर पकड़ कर ज़ोर से किस करने लगा. हम दोनों की जीभ एक दूसरे के मुँह में घूम रही थीं, हम दोनों हवस की आग में जल रहे थे. मेरे नेल पोलिश लगे हुए हाथ उनके बालों में घुस कर उनको मेरे मुँह और घुसा रहे थे.
तभी मैंने दूसरे हाथ से उनका लंड पकड़ लिया था जो कि पज़ामे के ऊपर से बहुत बड़ा लग रहा था. तभी वो कान में आकर के बोले- मेरा लंड नहीं चूसोगी रानी.
मैंने गहरी साँस भरते हुए कहा- हां जी.
वो बेड पर खड़े हो गए और अपना पज़ामा उतार दिया. उनका बड़ा और मोटा लंड मेरे मुँह के सामने था. मुझे अपने ऊपर बिल्कुल भी काबू नहीं था और झट से उनका लंड पकड़ कर चूसने लगा. उनके लंड से उनके प्रीकम वाले वीर्य की खुशबू आ रही थी, जो कि मुझे और उत्साहित कर रही थी.
उनका लंड चूसते ही उनके मुँह से सिसकारियां निकलने लगी. वो मेरे मुँह को ही गांड समझ कर चोदने लगे.
मैंने उनका लगभग आधा लंड मुँह में भर लिया था और पूरा लेने की कोशिश कर रहा था कि अचानक उन्होंने ज़ोर से धाक्का मारा और पूरा लंड मेरे मुँह में घुसेड़ दिया. मुझे भी लंड चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था.
उसके बाद उन्होंने अपना लंड मेरे मुँह से निकाल दिया और मेरी साड़ी उतारने लगे. मेरी साड़ी उतारने के बाद उन्होंने अपना कुर्ता भी उतार दिया और मुझे बेड लिटा दिया. इसके बाद सर मेरी ब्रा खोल कर मेरे बूब्स को चाटने लगे. इन सबसे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. चड्डी के अन्दर से मेरा लंड खड़ा हो गया था.
तभी उन्होंने मेरी चड्डी भी उतार दी और मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया. सर मेरी लुल्ली को हिलाने लगे, थोड़ा सा हिलाते ही मेरी लुल्ली लंड बन कर बड़ी हो गई.
फिर वे मेरे ऊपर 69 की पोज़िशन में आ गए और लंड मेरे मुँह में डाल कर मेरे लंड को चूसने लगे. हम दोनों को ही एक दूसरे के लंड चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था. पर मेरा ज्यादा बड़ा नहीं था तो वो आराम से चूस रहे थे और उन्होंने अपने लंड को मेरे मुँह में पूरा पेल दिया था.
फिर उन्होंने मेरे लंड को चूसना छोड़ दिया और अपने लंड से धक्के मारके मेरे मुँह को चोदने लगे. उनका लंड मेरे गले गले तक आ गया था. फिर भी टीचर और ज़ोर लगा के अन्दर डालने की कोशिश कर रहे थे और इसमें मैं भी उनका साथ देने की कोशिश कर रहा था. मुझे भी लंड गले में लेने में मज़ा आ रहा था, उन्होंने मेरा मुँह तब तक चोदा, जब तक की उनका सारा वीर्य मेरे गले में निकल नहीं गया.
उनका सारा वीर्य मैंने पी लिया और चाट के उनका लंड साफ़ कर दिया.
फिर थोड़ी देर के लिए वो बस लेटे रहे और मैं भी उनके पास लेटा रहा और उनके लंड को सहलाता रहा.. ताकि वो दोबारा खड़ा हो जाए. थोड़ी देर में उनका लंड दोबारा खड़ा हो गया, उसके बाद मैंने उनका लंड थोड़ी देर मुँह में लेकर चूसा ताकि ठीक से खड़ा हो जाए.
उसके बाद उन्होंने मुझे घोड़ी बनने को बोला और मेरी गांड खोल कर छेद को चाटने लगे. मेरे अन्दर फिर से तूफान जाग गया. मैं पूरा मदहोश हो गया था. मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लगी थीं. मेरा रोम रोम गांड मरवाने को बेताब हो रहा था. मैं अपने हाथों से पकड़ कर उनका चेहरा अपनी चूतड़ों में घुसेड़ रहा था और वो भी जीभ मेरी गांड के अन्दर डाल कर मुझे मजा दे रहे थे.
मुझे रहा नहीं जा रहा था, मैं उन्हें कह बार बार कह रहा था कि अब मेरी गांड मार दो, पर सर मुझे और तड़पा रहा थे. मेरे मुँह से चुदास से लिप्त चीख निकल रही थी. मुझसे और सब्र नहीं हो रहा था. मैंने उनसे दोबारा कहा- जानू मेरे अन्दर अपना लंड डाल दो.
पर वो नहीं माने, मेरी गांड में एक उंगली डाल कर उसको अभी भी चाट रहे थे. मैं गांड मरवाने की बेचैनी से छटपटा रहा था.
काफ़ी देर बाद जब उन्होंने देखा कि मैं पूरा गर्म हो गया हूँ, तब उन्होंने ढेर सारा थूक मेरी गांड पर डाला और झटके से अपना पूरा लंड मेरे छेद के अन्दर घुसेड़ दिया. उनके इस अचानक से लंड घुसेड़ देने मेरी चीख निकल गई, पर एक तृप्ति का अहसास भी हुआ. उनका मोटा लंड, एक गरम रॉड की तरह मेरी गांड में घुसा हुआ था. मेरे मुँह से सिसकारियां निकल रही थीं.
तभी उन्होंने मेरी गांड में धक्के मारना शुरू कर दिए और मेरे मुँह से आहह आहह की आवाजों से कमरा भर गया. वो लगातार मेरी गांड में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारे जा रहे थे और मेरे अन्दर आनन्द ही आनन्द भर रहा था.
तभी उन्होंने मुझे पोज़िशन चेंज करने को कहा. अब मैं बेड पर लेटा था और मेरी टांगें उनके कंधे पर थीं. फिर से उन्होंने मुझे खूब ज़ोर ज़ोर से पेलना शुरू कर दिया. वो मेरे मुँह को देख रहे थे, जिस पर आनन्द की लहरें साफ़ दिख रही थी. उन्होंने बोला- मेरा रस निकलने वाला है.
मैंने हामी भरी तो उन्होंने मेरे अन्दर ही रस निकाल दिया. ठीक उसी वक़्त मेरे लंड से ही भी पिचकारी निकल गई.
वो ऐसे ही लंड घुसा कर मेरी गांड में मेरे ऊपर लेट गए और हम दोनों थोड़ी देर तक ऐसे ही लेटे रहे.