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Gay/Lesb - LGBT ट्रेन में हिजड़े के मोटे मोटे मुम्मे दबा कर गांड मारी//पूर्ण//
#1
Heart 
मैं मोहन बंसल एक व्यापारी हूँ मेरी उम्र 32 साल है। अभी तक मेरी शादी नहीं हुई है, किसी को चोदने का मन होता है लेकिन खुद को कन्ट्रोल में रख कर अपने काम पर ज्यादा ध्यान देता हूँ। मैं काम के सिलसिले से रात की ट्रेन में सफर कर रहा था, ट्रेन खाली थी ज्यादा लोग नहीं थे सभी के रिजर्वेशन दूर दूर थे।

ट्रेन की लाइट बंद कर के सभी सोये थे। 1 बजे के करीब कुछ आवाज से मेरी नींद खुल गयी मैंने देखा हिजड़े ट्रेन में पैसे मांग रहे थे। मैं बहोत कंजूस आदमी हूँ, सोने का ड्रामा किया और हिजड़ों की आवाज से नहीं जागा। मेरी आँख बंद थी उनमे से एक हिजड़े ने मेरा लंड मेरी जीन्स के ऊपर से पकड़ लिया और जोर से दबा दिया मुझे दर्द हुआ।
 
हिजड़ा मेरा लंड रगड़ने लगा मेरे अंदर जोश की लहर दौड़ गयी मेरा 7 इंच का लंड जीन्स में खड़ा हो कर तम्बू बना लिया। मैं धीरे से आँखे खोल कर देखा 2 हिंजड़े थे। दूसरा बोला देख साला सोने का ड्रामा कर रहा है। देख कैसे लौड़ा खड़ा हुआ है इसका, खोल चैन निकाल बाहर देखे कितना बड़ा है।
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#2
जिस हिजड़े ने मेरा लंड पकड़ा हुआ था वो जीन्स की चैन खोल कर मेरा लंड बाहर निकाल लिया। दोनों की एक साथ आवाज आयीहाय हाय देख रे कैसा तगड़ा मोटा लंड है साले का।

वो दोनों मेरा लंड हाथ से छू रही थी, जिस तरफ मेरा सर था अँधेरा था मैं अपनी आँखें हलकी खुली कर के उनको देख रहा था। उसमे से एक बोली रुक साले को अभी मजा चखाती हूँ।
वो मेरा लंड जोर से पकड़ कर चींटी काटी मैं चीख कर उठ गया और बोला क्या कर रही है तू ?

वो दोनों कहने लगी साले सोने का नाटक क्यों कर रहा है?
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#3
मैं चुप था, वो पैसे मांगने लगी लेकिन मैं कंजूस आदमी देने से इंकार कर दिया।



दोनों हिंजड़ो में से एक बिल्कुल लड़की की तरह दिख रही थी उसको देख कर मेरे अंदर चुदाई की प्यास जाग गयी। वो हिजड़ा मेरा लंड पकड़ ली और बोली पैसे निकाल नहीं तो आज इसको नहीं छोड़ने वाली, इसको शांत करना है तो बता मेरे पास छेद है।
इतना बोल कर वो अपनी साड़ी उठा दी और मोबाइल की टॉर्च ऑन कर बोली ले देख चूतिये छेद है। उसकी योनि औरत के जैसे ही थी लेकिन विकसित नहीं हुई थी।
मैं बोला इसको कैसे चोदुँगा?
वो मुझे गली देते हुए बोलीअरे माधरचोद यहाँ तेरा लौड़ा जायेगा भी नहीं मेरी गांड में डालना पड़ेगा, बोल गांड मारेगा तो बता दोनों मेसे किसी को चुन ले जिसकी मरेगा


मैं बोला- तेरी लूंगा मैं,, लेकिन ऐसे चलती ट्रेन में कोई आ गया तो ?


वो बोली कोई नहीं आएगा हमारे और साथी है इस ट्रेन में सब जुगाड़ है तू चिंता मत कर लेकिन गांड मरवाने का 1000 रूपया लुंगी।


मैं ठहरा कंजूस मेरी 1000 रूपया सुन के लंड ढीला पड़ गया गया, मैं बोला 500 दूंगा बोल चलेगा ?
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#4
 

वो मान गयी, मैं अपना जीन्स नीचे सरका दिया और उसको मेरे ऊपर आने को बोला।

दूसरा हिजड़ा खड़ा देख रहा था अपने ब्लाउज से तेल का पाउच निकाला और मेरे लंड के ऊपर डाल के मलने लगा।

दूसरी वाली अपना साड़ी उठा कर मेरे लैंड पर बैठी, मेरा लंड सुरपपप से उसकी गांड में चला गया उसकी गांड मुलायम और गरम थी। वो ऊपर निचे हो कर झटके देने लगी।

ट्रेन के झटकों के साथ वो भी हिल रही थी उसके गांड गोरे गोरे हवा में ऊपर नीचे हो रहे थे, मैं उसको बोला ऐसे मजा नहीं आ रहा चूचियाँ दिखा दो एक बार छू कर देखना चाहता हूँ।

वो बोली इसके 100 रुपया और लगेगा, मैं जोश में था मान गया। वो आपने ब्लाउज खोल कर ब्रा उतार दी उसके बूब्स काफी बड़े और टाइट थे हवा में गोल गोल घूमने लगे मैं दोनों बूब्स पकड़ कर दबाने लगा, क्या मस्त मुलायम बूब्स थे मजा आ रहा था। 
 
दूसरी वाली अपना बूब्स बाहर निकाल कर मेरे मुँह में डाल कर बोली ले मेरा मजा फ्री में लेले मजा आये तो कुछ दे देना मैं चुपचाप उसके बूब्स चूसने लगा। मेरी दोनों तरफ से मौज थी।


अब वो मेरे मुँह से बूब्स निकाल कर अपने साथी को बोली अरे रेशमा चल उठ मैं अब इसका लंड लुंगी।

पहली वाली मेरे लंड से उठ कर मेरे मुँह के ऊपर घुटनो के बल कुतिया बन कर चढ़ गयी। और दूसरी मेरे लंड पर जा बैठी और जोर जोर से गांड हिला हिला कर चोदने लगी पच पैच थप तहप की आवाज आ रही थी।

पहली वाली जिसे नाम रेशमा था, वो मेरे मुँह में अपना गांड रगड़ने लगी मुझे अच्छा नहीं लगा लेकिन जोश इतना था मैं उसके दोनों बूब्स हाथ से मसलते हुए उसकी गांड चाटने लगा।

10 -12 मिनट की चुदाई के बाद मेरा वीर्य छूटा और हिजड़े की गांड में भर गया। वो चमक कर खड़ी हुई और बोली अरे भोसड़ी के जब निकलने वाला था बताया क्यों नहीं साला गांड गन्दा कर दिया।

दोनों अपने कपडे ठीक करने लगी मैं अपना चड्डी और जीन्स ऊपर किया और लाइट चालू कर बैठ गया। मुझे ऐसे चुदाई में बहोत मजा आया था, आज मैं खुस ज्यादा था इसलिये मेरी कंजूसी का पता ही नहीं चला और मैं 1000 रुपये अपने खुसी से उन दोनो को दिया।

दोनों मुझे चुम्मा दे कर हाय हाय करती आगे चली गई किसी और से गांड मरवाने।
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#5
अपनी कहानी पड़ने का आनंद ही कुछ और होता है //
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#6
[Image: 79047411_025_ba5d.jpg]



Shemale 
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#7
[Image: 79047411_027_a80a.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#8
(09-02-2024, 10:59 AM)neerathemall Wrote:
[Image: 79047411_025_ba5d.jpg]



Shemale 

नीरा जी आपने मेरी कहानी पर अपनी तरफ से फोटो डाल कर मुझे निहाल किया इसके लिए कोटि कोटि कोटि आभार
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#9
(10-02-2024, 09:38 AM)suneeellpandit Wrote: नीरा जी आपने मेरी कहानी पर अपनी तरफ से फोटो डाल कर मुझे निहाल किया इसके लिए कोटि कोटि कोटि आभार

Namaskar Namaskar Namaskar
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#10
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#11
[Image: 88536502_044_c3aa.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#12

[Image: 88536502_050_2614.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#13
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#14

[Image: 36030344_027_d0ea.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#15
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#16
[Image: 36030344_132_9664.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#17
[Image: 36030344_181_adb2.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#18
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#19
[Image: 64796588_002_1f63.jpg]







बाद में हिजड़े ने मेरी गाँड मार ली । तब समझ में आया कि ये अच्छी बात नहीं है ! कहानियों में तो आसान सा लगता है ! पर…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#20

[Image: 64796588_004_e2fd.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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