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Adultery Kamini Ki Vasna
#1
Index
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#2
कामिनी की शादी को अभी एक साल भी नहीं हुआ था और उसके पति को उसके साथ संभोग में कोई दिलचस्पी नहीं रही। कारण यह नहीं था कि कामिनी में कोई कमी थी, बल्कि उसके पति को सेक्स में कोई रूचि ही नहीं थी।
कामिनी काम की अग्नि में झुलसी जा रही थी। रोज इन्टरनेट पर ब्लू-मूवीज देख कर अपनी काम-अग्नि कोई कब तक शांत कर सकता था। ऐसा ही कुछ कामिनी के साथ भी हुआ।
कामिनी देखने में तो पूरी सेक्स की देवी थी। सुंदर सुडौल वक्ष, पतली नाज़ुक कमर, उस पर भरे हुए गोल नितम्ब यानि सामने अगर कोई वाकई में मर्द हो, तो बिना चुदाई किए नहीं छोड़ेगा। कामिनी अपने मन को मारती भी तो कब तक।
एक दिन सुबह-सुबह जब दरवाजे की घंटी बजी, तो कामिनी को भी नहीं पता था कि वो अब सेक्स के किस दरवाजे को खोलने जा रही थी। जिस को खोलने के बाद उसकी ज़िंदगी में सेक्स के सिवा और कुछ भी नहीं रहने वाला था।
सुबह के 4:30 बजे थे। दूध वाला तो 5 बजे तक आता है, इतनी जल्दी कौन आ गया? यही सोचते-सोचते कामिनी ने दरवाज़ा खोला। दरवाजे पर एक 5 फुट 10 इंच लंबा, चौड़ी मांसल छाती, पहलवानों जैसा कसरती बदन वाला एक मर्द खड़ा था।
कामिनी की आँखें खुली की खुली रह गईं। कामिनी बिना कुछ पूछे उसे ऊपर से नीचे तक देखती रह गई। तभी सामने खड़े मर्द ने उसे अपना परिचय दिया।
उसने अपना नाम भीम बताया और कहा- वह उनके दूध वाले भोला का जीजा है और किसी कारणवश उनके दूधवाले को अपने गाँव जाना पड़ा है। और आज से वो ही उनके लिए दूध लेकर आएगा।
कामिनी का ध्यान उसकी बातों में कम पर उसके दमकते बदन पर ज़्यादा था। और होता भी क्यों नहीं, भीम ने अपने कंधे पर एक गमछा रखा हुआ था। चौड़ी छाती पूरी खुली हुई थी और केवल एक सफेद रंग की धोती पहन रखी थी। जो पारदर्शी होने के कारण बदन को ढक कम दिखा ज़्यादा रही थी।
यही नहीं कमर और जाँघ के पास के हिस्से को देख कर ऐसा लग रहा था कि शायद उसने धोती के अंदर कुछ नहीं पहना था।
कामिनी यही सब देख रही थी कि अचानक भीम ने उससे कहा- बीवी जी दूध ले लीजिये।
कामिनी ने जैसे-तैसे अपने होश बटोरे और मुड़कर अंदर दूध का बर्तन लेने चली गई। पर अंदर जाते वक्त से लेकर वापस आने तक वो केवल भीम के बदन के बारे में ही सोचती रही।
और बाहर आते ही उसने भीम से कहा- तुम दूध वाले हो या पहलवान?
यह सुन कर भीम मुस्कुरा दिया और कंधे से गमछा उतारकर बाजू में रखते हुए, जैसे शौच के लिए बैठते हैं, उस तरह से पंजों के बल पैरों को ज़्यादा खोलते हुए बैठ गया। ऐसा करने से उसकी धोती का एक तरफ का खुला हुआ भाग, बाईं जाँघ को पूरी तरह से प्रदर्शित करते हुए नीचे हो गया।
अब कामिनी के सामने उसकी बाईं जाँघ उसके आंडों तक बिल्कुल नंगी दिख रही थी। तभी कामिनी ने ध्यान दिया कि भीम उसे बोल रहा था कि वो पेशे से दूधवाला है। पर उसे पहलवानी का शौक जवानी से ही था। इसलिए उसका बदन पहलवान जैसा हो गया है।
यह बात सुन कर कामिनी का ध्यान फिर टूटा और उसने बातचीत आगे बढ़ाते हुए उससे पूछा- तुम इतनी जल्दी क्यों आए हो?
भीम बोला- मुझे मेरे साले के चले जाने से, दो लोगों का काम करना पड़ रहा है। इसलिए उसे जल्दी आना पड़ा।
यह बोलते-बोलते उसने दूध का पतीला कामिनी की ओर कर दिया। पर कामिनी का ध्यान तो कहीं और ही था। उसकी आँखें तो भीम के पैरों के बीच में घुसी हुई थीं।
वो तो यह सोच रही थी कि जो उभार सामान्य अवस्था में कसी हुई धोती के अंदर इतना बड़ा दिख रहा है, वह उत्तेजित अवस्था में बिना किसी बंधन के कितना प्रबल, प्रचंड, व्यापक, कामुक और सुंदर दिखाई देता होगा।
कामिनी का ध्यान अपने लवड़े में घुसा देख कर भीम को कामिनी की मनोदशा का अहसास हो गया।
उसने उसे भंग करते हुए कामिनी से कहा- बीबी जी, अगर आप कहें तो मैं देर से ही आऊँगा।
यह सुनकर कामिनी का ध्यान फिर टूटा और उसकी नज़रें भीम से चार हो गईं। ऐसा होते वक्त भीम ने कामिनी को एक मनमोहक स्वीकारोक्ति सी मुस्कान दी, और फिर से अपना सवाल दोहराया।
अब कामिनी का ध्यान भीम के रस भरे होंठों पर गया और उसकी चिकनी चूत ने काफ़ी सारा पानी छोड़ दिया। ऐसा होते ही कामिनी के होश ठिकाने आए। उसके दिमाग़ में भीम के सवाल और जवाब दोनों ही ने, दस्तक दी।
कामिनी ने अपनी साँस गुटकते हुए भीम से कहा- उसे कोई परेशानी नहीं है।
ऐसा बोलते-बोलते उसकी जीभ उसके होठों को गीला कर गई। और उसका ध्यान फिर से भीम के चिकनी जांघों से होते हुए उसके लवड़े पर जा कर रुक गया। कुछ पल ऐसे ही बीतने के बाद कामिनी का ध्यान फिर टूटा और उसने देखा कि भीम उसे देख, अभी भी मुस्कुरा रहा था। बिना हिले, बिना कुछ कहे, कामिनी को अपने लवड़े के पूरे दर्शन दे रहा था।
यह देख कामिनी सकपकाती हुई खड़ी हो गई। कामिनी के खड़े होने के बाद, भीम भी मुस्कुराता हुआ खड़ा हो गया।
कुछ पल के लिए वहाँ ऐसा मौन था, मानो जैसे कोई वहाँ था ही नहीं।
फिर भीम ने मुस्कुराते हुए कहा- मैं कल आता हूँ।
और वो दूध का कंटेनर लेकर लिफ्ट से नीचे चला गया। उसके जाने के बाद कामिनी दूध का पतीला ले कर किचन में चली गई और पतीला रख कर अपनी बाल्कनी में जाकर खड़ी हो गई।
कुछ ही पल में उसे भीम बिल्डिंग से बाहर अपनी साइकल की ओर जाते दिखाई दिया। पर कमाल की बात तो यह थी कि साइकल में अपना कंटेनर टाँगने के बाद भीम ने सिर उठा कर सीधा कामिनी की ओर देखा। मानो उसे पता था कि वो उसे ताक रही होगी। और फिर प्यारी सी कातिलाना मुस्कान देते हुए साइकल पर चढ़ कर गेट की तरफ चल दिया।
कामिनी के लिए यह बिल्कुल आशा से परे था। भीम के जाने के बाद तो जैसे उसके होश ही उड़ गये थे। सारा दिन वो केवल उसके बारे में ही सोचती रही। ऊपर वाला भी कामिनी पर मेहरबान ही था। ऑफिस जाने के बाद उसके पति का फोन आया कि उसे एक अर्जेंट मीटिंग के लिए लंदन जाना पड़ेगा और वो दोपहर की फ्लाइट से ही जाने वाला है। इसलिए वो घर जल्दी आएगा। उसका ज़रूरी समान पैक कर दे।
पति के जाने के बाद तो कामिनी सेक्स के लिए पागल सी हुई जा रही थी। उसका मन कर रहा था कि अभी भीम आ जाए और उसे जम कर चोदे। उसकी अतृप्त प्यास को अपने वीर्य से सराबोर कर दे। इस चाह में वो अपने सारे कपड़े उतार कर, बिल्कुल नग्न होकर अपने आप को दर्पण में देखने लगी।
उसने पाया कि सोच मात्र से उसके वक्ष इतने उभर गये थे। जब भीम उसे चोदेगा तो उसे कितना आनन्द आएगा। यही सोचते-सोचते उसकी चूत ने फिर पानी छोड़ दिया।
पानी छूटते ही कामिनी ने ध्यान दिया कि उसकी चूत के बाल काफ़ी बड़े हो गये हैं, इसलिए वो तुरंत बाथरूम में चली गई और हेयर-रिमूवर लगा कर अपने अनचाहे बालों को हटा दिया।
अब तो वो बिल्कुल चिकनी हो गई थी। उसकी चूत एक छोटी बच्ची की तरह चमकने लगी थी। इसके बाद उसने अपने बदन को और मुलायम करने की सोची और सारे बदन पर खूब सारा उबटन लगा कर उसे मखमली और कोमल कर लिया।
कुछ घंटों की देखभाल के बाद कामिनी का बदन एक खूबसूरत अप्सरा के समान दमकने लगा था। वो फिर से दर्पण के सामने नग्न आ कर खड़ी हो गई। अपने आप को देख, उसे अपनी खूबसूरती पर नाज़ हुआ और फिर वो बिस्तर पर लेट कर भीम के साथ अपने संभोग की कल्पना करने लगी।
उसके मन में अलग-अलग मुद्राओं, अलग-अलग तरह के रति काम कलाओं के विचार आने लगे। तभी उसने घड़ी के घंटों की आवाज़ सुनी और पाया कि रात के 10 बज चुके थे।
कामिनी ने अपनी अलमारी से एक पारदर्शी छोटे साइज़ की, गहरे गले की काले रंग की नाइटी निकाली और उसे पहन लिया।
नाइटी की लंबाई केवल उसकी चूत तक ही थी। उसका पीछे का भाग तो पूरा खुला हुआ था। यानि नाइटी का कपड़ा केवल उसके नितंबों के हिस्से पर ही था। नाइटी गले पर एक डोरी से बँधी थी। और डोरी के दोनों दूसरे छोर, वक्षों के लगभग बीच पर आकर सामने के भाग से जुड़े हुए थे।
कामिनी के वक्ष आधे ही ढके थे। यही नहीं गले की बीच की गहराई नाभि के दो अंगुल ऊपर ही ख़त्म हो रही नाइटी ज़्यादा ढीली नहीं थी। इसलिए लगभग बदन से चिपकी हुई थी। नाइटी कामिनी के बदन के उतार-चढ़ाव को साफ़ दिखा रही थी।
नाइटी पहनने के बाद कामिनी रसोई में गई। दोपहर का बचा हुआ खाना खाने लगी, कारण उसे कुछ बनाने का मन नहीं था और वो कोई काम करके थकना नहीं चाहती थी।
खाना खाने के बाद कामिनी टीवी देखने बैठी पर उसका मन नहीं लगा तो वो कंप्यूटर पर पोर्न देखने लगी। कल्पना से परे आज उसका मन पोर्न देखने में भी नहीं लगा तो वो बिस्तर पर आकर लेट गई।
आज कामिनी को नींद कहाँ आनी थी ! कुछ देर बाद उसने अपनी नाइटी बिस्तर पर उतार फेंकी और नग्न ही बाल्कनी में आ कर खड़ी हो गई। क्योंकि सामने खुला मैदान था और इस वक्त रात के 12 बज चुके थे। उसे किसी के देखने का डर नहीं था। आज तो वो इतनी गर्म हो चुकी थी कि अगर कोई देख भी लेता तो शायद उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ता।
कामिनी को बाल्कनी में खड़े हुए कुछ वक़्त ही हुआ था कि अचानक ज़ोरों की बरसात शुरू हो गई। कुछ देर ठंडी हवा खाने के बाद कामिनी बाथरूम में चली गई, और गरम पानी के टब में घुस गई। जब पानी ठंडा हो गया तो वो बाहर आ गई।
उसने अपने शरीर पर खूब सारा बॉडी लोशन लगा कर मालिश की। इसके बाद वो वापस बिस्तर पर आकर नग्न ही लेट गई। और भीम के ख्यालों में खो गई।
तभी अचानक कामिनी को घंटी बजने की आवाज़ आई उसने तुरंत घड़ी की ओर देखा और पाया कि रात के 3 बजे थे। वो एकदम विचलित हो गई और उसे लगा कहीं उसका पति वापस तो नहीं आ गया। यह सोचते हुए उसने अपनी नाइटी उठा कर पहन ली, और दरवाज़े की तरफ भागी दरवाज़ा खोलते ही जो उसने देखा तो उसके होश ही उड़ गए।
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#3
Very good
Some would say I am the REVERSE 
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#4
(30-07-2019, 05:04 PM)Theflash Wrote: Very good

yourock Thanks
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#5
Plz update soon
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#6
(31-07-2019, 09:28 AM)sneh Wrote: Plz update soon

yes bro
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#7
तभी अचानक कामिनी को घंटी बजने की आवाज़ आई उसने तुरंत घड़ी की ओर देखा और पाया कि रात के 3 बजे थे। वो एकदम विचलित हो गई और उसे लगा कहीं। उसका पति वापस तो नहीं आ गया। यह सोचते हुए उसने अपनी नाइटी उठा कर पहन ली, और दरवाज़े की तरफ भागी दरवाज़ा खोलते ही जो उसने देखा तो उसके होश ही उड़ गए।
सामने भीम बारिश में भीगा हुआ बिल्कुल नंगा सा खड़ा था। कामिनी ने अपनी फटी हुई आँखों से देखा कि उसने कमर पर एक सफेद रंग का काफ़ी पतला पूरा पारदर्शी कई गजह से छेद वाला, काफ़ी ऊँचा और छोटा सा गमछा बँधा हुआ था।
गमछा कमर के बाईं तरफ से बँधा था और उसकी बाईं जाँघ कमर तक लंबाई में आधी खुली हुई थी। यानी बाईं साइड पर उसके शरीर पर केवल गमछे की गाँठ मात्र थी। यही नहीं गमछा दाईं तरफ़ से भी फटा हुआ था, जिस वजह से दाईं जाँघ भी कमर से 10 अंगुल नीचे से लंबाई में आधी खुली हुई दिख रही थी।
अब क्योंकि गमछा सफेद पारदर्शी और गीला था। भीम के भीमकाय लंड का आकार भी साफ दिख रहा था। भीम का लंड और गमछे का किनारा दोनों एक ही जगह ख़त्म हो रहे थे।
इतना सब कुछ कामिनी ने केवल कुछ ही पलों में देख लिया था। लेकिन वो इस बात पर ज़्यादा अचम्भित थी कि रात के 3 बजे भीम उसके दरवाज़े पर ऐसी अवस्था में कैसे आ गया?
इससे पहले कि वो कुछ बोल पाती, भीम ने उससे कहा- आज दोपहर में उसे किसी काम से दूसरे शहर जाना था। इस वजह से वो जल्दी आ गया।
कामिनी यह सुन कर उसके लण्ड को देखने लगी।
तभी भीम बोला- बीबी जी, आप कहीं यह तो नहीं सोच रहीं कि मैं आज धोती पहन कर क्यों नहीं आया? तो मैं आपको बता दूँ कि मेरे पास दो ही धोती हैं और मेरी सूखी हुई धोती आज उड़ कर गोबर में गिर गई। अब क्योंकि आज दोनों ही धोती गीली थीं, तो मैंने गमछा ही पहन लिया। रास्ते में बारिश होने से मैं भीग गया हूँ।
भीम अपनी बातों को कहते हुए कल की तरह ही उकडूं बैठ गया। ऐसा करने से उसका गमछा गीले होने और तनाव के कारण दाईं जाँघ की फटे हुए छोर से 5 अंगुल और फट गया। अब उसकी बाईं जाँघ तो बिल्कुल नंगी थी। दाईं जाँघ भी काफ़ी हद तक नंगी हो गई थी। यह सब इतनी जल्दी हुआ कि कामिनी खड़ी की खड़ी रह गई।
तभी भीम ने कहा- बीबी जी, दूध का बर्तन ले आइए।
कामिनी उसकी बात सुन कर स्तब्ध अवस्था में रसोई की ओर चल दी। उसने यह भी नहीं सोचा कि भीम ने भी उसे उसकी सेक्सी नाइटी में पूरा नंगा देख लिया होगा। कल की तरह ही वो अंदर जाते वक्त से लेकर वापस आने तक केवल भीम के बदन के बारे में ही सोचती रही।
और फिर उसने भीम की तरह ही बैठते हुए दूध का बर्तन भीम को सौंप दिया। उसके पश्चात उसकी नज़रें भीम के लटकते मध्यम आकार वाले अमरूदों जैसे आंडों और 6 इंच लंबे 4 इंच गोलाई वाले लंड पर गईं। जो कि इस वक्त गमछे के ऊपर हो जाने की वजह से पूरे नंगे दिख रहे थे।
इस वक्त भीम उसके सामने, इतने पास पूरा का पूरा नंगा बैठा था। जिस वक्त कामिनी यह सब देख रही थी, उसे नहीं पता था कि उसकी चिकनी चूत भी भीम के सामने बिल्कुल नंगी थी।
यही नहीं उसके वक्ष भी नाइटी के लटकने से पूरे के पूरे साफ नंगे दिख रहे थे। और कल की तरह ही, आज भी भीम ने उसे अपने लंड को देखते हुए देख लिया था। वो बिना कुछ बोले उसी अवस्था में काफ़ी देर तक बैठा रहा। पर क्योंकि आज कामिनी भी उसके सामने नंगी थी, सो उसके लंड ने हरकत करना चालू कर दिया था। अब वो फूल कर बड़ा हो रहा था। ऊपर-नीचे हिल रहा था।
लंड की हरकत से कामिनी को एहसास हुआ कि वो वहाँ दूध लेने के लिए बैठी थी। उसकी नज़रें भीम से चार हो गईं। भीम ने कल की तरह ही उसे प्यार भरी मुस्कान दी। कामिनी एकदम से खड़ी हो गई। उसने भीम के हाथ से दूध का बर्तन ले लिया और मुड़ कर अंदर जाने लगी।
तभी भीम भी जल्दी से खड़ा हो गया और उसने कहा- बीबी जी, अगर आपके पास कोई दूसरा गमछा हो, तो मुझे दे दो क्योंकि मेरा गमछा पूरा गीला हो गया है।
यह सुन कर कामिनी मुड़ी और उसने देखा कि भीम का लंड हवा में तन गया है। गमछा उसके पीछे लटक रहा है।
कामिनी यह देख कर फिर कुछ पलों के लिए वहीं खड़ी रह गई, पर जैसे ही लंड ने फिर से हरकत की, उसने अपनी आँखें बंद कीं और भीम के सवाल के बारे में सोचा।
फिर उसने कहा- तुम रूको, मैं आती हूँ।
और वो अंदर रसोई में चली गई। अंदर जाने के बाद कामिनी ने सोचा कि अगर आज वो बेशर्म नहीं हुई तो उसे कभी सेक्स का सुख नहीं मिलेगा। उसने सोचा कि अब तो वो भीम के साथ सेक्स ज़रूर करके रहेगी।
यही सोचते हुए वो बाहर आ ही रही थी कि उसने कपड़े के फटने की आवाज़ सुनी। उसने देखा कि भीम वहाँ बिल्कुल नंगा, तने हुए लण्ड के साथ, हाथ में गमछा लिए खड़ा था। वो गमछे को लंड के सामने कुछ ऐसे खड़ा था कि लंड ढक कम, दिख ज़्यादा रहा था।
इससे पहले कि कामिनी कुछ बोलती, भीम खुद ही बोल पड़ा- बीबी जी, गमछा गीला होने के कारण पूरा फट गया।
कामिनी को उसकी बात पर यकीन तो नहीं हुआ पर उसे यह समझ में आ गया कि शायद भीम ने यह सब कुछ जानबूझ कर किया है।
तभी कामिनी ने बनते हुए कहा- अरे कोई बात नहीं, तुम अगर मेरी मदद कर दो तो, मैं तुम्हारे लिए गमछा निकाल देती हूँ।
यह सुन कर भीम ने कहा- क्यों नहीं बीबी जी।
“क्या मैं अंदर आ जाऊँ?”
तो कामिनी ने कहा- क्या तुम बाहर खड़े हुए ही मेरी मदद कर सकते हो?
यह कह कर उसने भीम को प्यारी सी आमंत्रण देती हुई मुस्कान दी। भीम भी समझ गया कि शायद बीबी जी को उसकी चालाकी का आभास हो गया है।
उसने दूध का बर्तन उठा कर दरवाज़े के अंदर प्रवेश किया और बाजू में रख कर उसने दरवाजा बंद कर दिया। वो अभी भी शराफ़त का नाटक करते हुए गमछे को लंड के सामने लेकर खड़ा था।
यह देख कामिनी ने भी उसे बोतल में उतारने की सोची और उसने कहा- गमछा बेडरूम के ऊपर की अलमारी में पड़ा है।
और भीम को उसके पीछे आने को कहा। बेडरूम की ओर जाते वक़्त कामिनी को अपने सेक्सी नाइटी और खूबसूरत बदन के प्रदर्शन का अहसास हुआ, और उसमें एक अलग सा आत्मविश्वास पैदा हुआ।
कमरे में पहुँचने के बाद उसने भीम से कहा- घर में कोई सीढ़ी नहीं है इसलिए तुमको मुझे अपने कंधों पर उठाना पड़ेगा।
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#8
Super..... Please update more....
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#9
(01-08-2019, 10:48 AM)Suryahot123 Wrote: Super..... Please update more....

next update tomorrow
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#10
update will be coming in shortly
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#11
Great start and very erotic.
I think you have to make Bhim Master of kamini.
Waiting..
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#12
3 साल से tomorrow nahin hua hai?
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