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Fantasy SEX STORIES --- 21 CENTURY KI SAMBOG KAHANIYA
#1
रहना है तेरी चूत में – 1

[Image: 3g33mn30iwrw.jpg] 
हैल्लो दोस्तों, कैसे हैं आप सभी ? मेरा नाम मनीष है और मैं मुंबई का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 26 साल है और मैं फिलहाल फॉरेन जाने की सोच रहा हूँ | दोस्तों, आज मैं आप लोगो को एक कहानी बताने जा रहा हूँ | ये कहानी मेरी पहली कहानी है और मैं आप लोगो से उम्मीद करता हूँ कि आप लोगो के मेरी ये कहानी जरुर पसंद आयगी | तो अब मैं ज्यादा समय नहीं लूँगा और अपनी कहानी चालू करता हूँ |
दोस्तों, मैं स्कूल टाइम और कॉलेज टाइम से ही बहुत बिंदास बंदा था | मेरी लाइफ में न ही चुदाई मायने रखती  थी न ही कोई लड़की | बस मेरे कुछ दोस्त थे जिनको लड़की चोदने का बहुत शौक था | एक दिन की बात है दोस्तों, मैं और मेरा दोस्त सिग्नल ओपन होने का वेट कर रहे थे | तभी मुझे एक लड़की दिखी | उस का नाम रीना है और अब वो मेरी बीवी है | मैं उसको देख कर पागल सा हो गया | वो पैदल कहीं जा रही थी | उसका फिगर बहुत सेक्सी है और दिखने में बहुत ही सुन्दर है | मैं उसी टाइम उसपे फ़िदा हो गया | जी हाँ मुझे उससे प्यार हो गया | मैंने बिना कुछ सोचे ही उसके पीछे गाड़ी लगाने की सोचा उतने में ही हम ट्रक से टकरा गए | मैं तो उठ के उस लड़की की पीछे पीछे भागने लगा | बेचारा मेरा दोस्त को सिग्नल तोड़ने के जुर्म में चालान भरना पड़ा | जब वो लड़की शौपिंग माल गयी तो मैं भी उसके पीछे वहां चला गया | मैं उसके प्यार में पड़ गया था | उसने कॉफ़ी पी तो मैंने उसका डिस्पोजल उठा लिया | जिस प्लेट में खाना खाई वो भी उठा ली | उसके बाद पता नहीं दोस्तों वो अपनी फ्रेंड के साथ चली गयी | मै उसे देख ही नहीं पाया | एक दिन बात है दोस्तों, मैं और मेरे दोस्त मेरे घर में बैठ के मस्ती कर रहे थे | तभी मेरा मन सिगरेट पीने का किया तो मैंने अपने दोस्त से कहा कि चल यार आते हैं बाहर से | फिर हम दोनों जैसे ही टपरे में गए | तभी मेरी नजर उसकी फ्रेंड पर पड़ी | जिसका नाम श्रुति है | मैंने सिगरेट फेंकी और अपने दोस्त से कहा कि अबे चल मुझे उस लड़की की फ्रेंड मिल गई है |
फिर हमने उसे रोका | उसने पूछा कि आप लोग कौन हैं ? तो मैंने बताया कि जिस लड़की के साथ आप उस दिन थी ना उसके फ्रेंड्स हैं | तो उसने कहा अच्छा तो आप लोग रीना के फ्रेंड हैं | तब मुझे उसका नाम पता चला | तो फिर उसने पूछा कि तुम लोगो को मुझसे क्या काम है ? तो मैंने कहा कि यार मुझे उससे कुछ बहुत जरुरी बात करनी है | पर मेरे पास उसका नंबर नहीं है | तो मुझे श्रुति ने नंबर दे दिया | मैं बहुत खुश हो गया | उसके बाद हम श्रुति को थैंक्स बोल के वापस टपरे गए और सिगरेट पीने लगे | फिर हम घर आ गए | रात हो चुकी थी मैं घर पर ही था | मेरे घर में मैं और बस मेरे पापा रहते हैं जो कि एक दम दोस्त जैसे हैं | तभी मैंने कॉल किया रीना के नंबर पर | जैसे ही फ़ोन उठा तो मैं हैल्लो भी नहीं बोल पाया | और उसकी दोस्त श्रुति ने बोलना चालू कर दिया कि हैल्लो राजीव क्या बात है ? अकेले अकेले मिलने का प्लान बना लिया रीना से | मुझे बताया तक नहीं | पर मुझे सब पता है कि तुम दोनों की अगले हफ्ते सगाई है और तुम सगाई से पहले रीना के साथ टाइम स्पेंड करना चाहते हो | पर तुम दोनों ने एक दूसरे को नहीं देखा इसलिए पहले जान पहचान बढ़ाना चाहते हो | इतना सब सुन कर मैंने फोन काट दिया | मेरे दिम्माग की बत्ती बुझ गई | बहनचोद मेरे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था | मैं नीचे गया तो देखा कि मेरे पापा और मेरे दोस्त बैठ कर मस्ती कर रहे थे | मैंने उन्हें सारी बात बता दी | अब साला सभी टेंशन में आ गये कि इसको पहली बार कोई लौंडिया पसंद आई | और वो भी अपनी मैया चुदवाने में लगी है | तभी मेरे दोस्त ने मुझे आईडिया दिया कि देख गांडू लौंडिया ने लौंडे को देखा नही है | उसे नहीं पता कि राजीव कैसा दिखता है | तो तू एक काम कर तू ही राजीव बन के चले जा | पर लौड़े सुन एक हफ्ते बाद नहीं तू अभी कल जा | फिर मैंने पूछा कि मादरचोद अगर इसी बीच राजीव का फोन आ गया तो मेरे लौड़े लग जायेंगे | तभी मेरे पापा ने कहा कि तुम लोग अभी जाओ और उसके फोन का तार काट दो | हम लोग ने उसके घर जा कर उसके फोन का तार का दिया | अगले दिन मैंने उसके घर पर ढेर सारे फूल भिजवाये इम्प्रेस करने के लिए पर वो परेशान हो गयी थी | उसके बाद मैं खुद फूल ले के गया और कहा कि अ ब्यूटीफुल रोज फॉर अ ब्यूटीफुल लेडी | तो उसने गुस्से में कहा कि मादरचोदो और कोई काम नही है क्या झांटे सुलगा दी सुबह से फूल भेज भेज कर | जैसे ही मैंने अपना नाम राजीव बताया तो उसने दरवाजा बंद कर दिया | बहनचोद मेरा दिमाग सटक गया फिर मैंने दरवाजा खटखटाया |
उसने खोला और खुद ही बोल पड़ी राजीव फ्रॉम अमेरिका मैंने कहा यस | उसके बाद हम बैठ कर बात करने लगे | उसके बाद उसने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली और मैंने कहा कि यार अपन एक हफ्ता साथ में बिताएंगे | 5 दिन में ही वो मुझसे अच्छा खासा इम्प्रेस हो गयी | छटवें दिन उसका जन्मदिन था | तो मैंने उससे कहा कि चल यार तेरे घर में ही तेरा बर्थडे मनाएंगे | तो उसने भी हाँ कर दिया | उसके बाद हमने उसका जन्मदिन साथ में बहुत अच्छे से मनाया | तभी अचानक लाइट चली गई | जैसे ही लिघ गयी उसके बाद बारिश शुरू हो गई | अब समां रंगीन हो चुका था और हम दोनों आँखे आपस में लड़ने लगी | उसके बाद उसने मेरे होंठ में अपने होंठ रख दिए और मेरे होंठ को चूसने लगी | मैं भी उसका साथ देते हुए उसके होंठ को चूसने लगा साथ में उसके दूध को भी दबाने लगा | फिर उसके बाद मैंने उसके सलवार को उतार दिया और ब्रा को भी | उसके परकी टाइप के दूध हैं | अब मै उसे हाँथ से दबाते हुए उसके निप्पलस को अपनी ऊँगली से मसलने लगा और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए सिस्कारियां लेने लगी |
फिर मैंने उसके दू दूध को अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से मसलते हुए चूसने लगा | वो भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए मेरे लंड को सहलाने लगी ऊपर से ही | उसके बाद मैंने उसके पूरे कपडे उतार दिए और उसे लेटा दिया | अब मैं उसकी टाँगे चौड़ी कर के उसकी चूत चाटने लगा | और उसके मुंह इ आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ की सिस्कारियां निकलने लगी | अब मैंने भी अपने सारे कपडे उतार दिया और पूरा नंगा हो गया | उसके बाद उसने मेरे लंड को चाटना चालू कर दिया और अच्छे से मेरे लंड को चाटने लगी तो मैं भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए सिस्कारियां लेने लगा | फिर उसने मेरे लंड को अपने मुंह में डाल ली और चूसने लगी | मैं भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए उसके दूध को मसलने लगा |
फिर मैंने उसे घोड़ी बना दिया और उसकी चूत में अपना लंड डाला और चोदने लगा और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते चुदाई के मजे लेने लगी | फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दिया और जोर जोर से उसके दूध मसलते हुए चोदने लगा और वो भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए ससिस्कारिया लेने लगी | करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद मैंने उसकी चूत में ही झड गया | और उसके बाद लाइट भी आ गयी | अब दोनों दोनों बाजू मेंलेते हुए बात करने लगे और शादी के बारे में प्लानिंग करने लगे |
इस कहानी के अगले भाग में मैं बताऊंगा कि हमारी शादी कैसे हुई |
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#2
KYA MEIN CONTINUE KARU PART 2 Mein Please give some suggestion.
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#3
रहना है तेरी चूत में – 2
[Image: n4zuyu4krnuf.jpg]

हैल्लो दोस्तों मैं मनीष आप लोगो के सामने फिर से कहानी को पूरा करने के लिए हाजिर हूँ | मुझे उम्मीद है कि आप लोगो को इस कहानी का पहला भाग अच्छा लगा होगा | और मैं आशा करता हूँ कि आप लोगो को मेरी कहानी का ये भाग भी पसंद आयगा |


उसकी चुदाई के बाद मैं घर आ गया | पर मेरी गांड फटने लगी थी अगले दिन का सोच कर | क्यूंकि अगले दिन राजीव आने वाला था | अगले दिन उसे सब सच्चाई पता चलने वाली थी रीना को | जब रीना को सच्चाई का पता चला कि मैं झूट बोल के रीना को पटाया था | अब वो मुझसे नफरत करने लगी थी और मुझसे बात नही करती थी | मुझसे फ़ोन पे भी बात नहीं करती थी और श्रुति से बोल दिया कि अगर ये कही भी मिले तो लंड के बाल से बात भी मत करना | इसने गांडू ने झूट बोल के मुझे चोदा | अब तो बहनचोद मेरा भी पारा हाई हो गया था क्यूंकि मादारचोद मुझसे प्यार करती है और बहनचोद उस राजीव के साथ शादी करेगी | मैंने अपने दोस्तों को फ़ोन किया और कहा कि बहनचोद उस लौंडे को मारने चलना है | तो उन्होंने पूछा किसे तो मैंने बताया उसी राजीव को | अब हम उसके घर का पता पता करके गये उसके घर | राजीव उस समय घर में नहीं था | हम सब उसके घर में तोड़-फोड़ करने लगे | उसके दोस्त को भी मेरे दोस्त लोग ने मारा | तभी राजीव घर आया | मैं उसे देख के चौंक गया | वो भी मुझे देख के चौंक गया | क्यूंकि कॉलेज में हम साथ में थे और हमारी आपस में कभी नहीं बनी | आज इतने सालो बाद हम मिलेंगे और ऐसे मिलेंगे ये हमने कभी नही सोचा था |

मैंने राजीव की कॉलर पकड़ी और कहा कि सुन बे मादरचोद | ये कोई कॉलेज का खेल नहीं है | ये मेरी जिन्दगी का सवाल है | इसलिए लौड़े समझा रहा हूँ ध्यान से सुन | मैं रीना से बहुत प्यार करता हूँ और रीना भी मुझसे प्यार करती है | तेरे आने की वजह से कुछ मिस-अंडरस्टैंडिंग हो गयी है | तो भलाई इसी में है कि तू यहाँ से उलटे पाओ भाग जा | धमकी देने के बाद हम सब उसके घर से निकल गये | पर वो मादरचोद हरामी है ये बात मैं बहुत अच्छे से पहले से जानता हूँ | मुझे मालूम था कि वो नहीं जायगा | उस बहनचोद ने रीना से मिल के सब बता दिया जो कुछ भी किया था हमने | रीना ने श्रुति के जरिये मुझसे अपना गुस्सा निकलवाया | मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मैं कैसे उससे बात करू | एक दिन मैंने खूब दारू पिया | मैंने फिर अपने दोस्तों से कहा कि इस लंड के बाल को मारेंगे आज | हम लोग फिर अपार्टमेंट में गए और जब वो कार से निकला तभी मेरे दोस्तों ने मारना शुरू कर दिया | अब वो उनकी पकड़ में था | मैं भी हाँथ में पंच फंसा कर गया और मारने वाला था कि रुक गया | पता ही नहीं क्यूँ मेरे हाँथ उसपे उठे ही नहीं | मैंने उससे कहा मादरचोद जा यहाँ से | तो मेरे दोस्तों ने कहा अबे लौड़े मारना अच्छा मौका है मार इस भडवे को |

पर मैंने सिर्फ यही कहा छोड़ दो बे इसको | जा बे लौड़े तू | फिर वो चला गया और हम सब बैठे थे दारू पी रहे थे | मैंने अपने दोस्तों से कहा कि अबे माँ चुदाये वो लड़की | बहनचोद को भूल जाऊंगा | तभी मेरे दोस्त ने कहा अबे झान्टू तू तो उसे प्यार करता है न | तो मैंने कहा माँ की चूत ऐसे प्यार की लौड़े से वो मेरे बहन की लौड़ी | फिर एक दिन सगाई हो रही थी उसकी और राजीव के तब मेरे पापा वहां गए | जब उन्होंने समझाया राजीव को तो वो मादरचोद ने कुछ भी नहीं सुना | फिर एक दिन हम पिक्चर देख कर लौट रहे थे | तभी रास्ते में वो भी लौंडो के साथ आया | और मैं तो अपने दोस्तों के साथ ही रहता था | तब हम लोग की बीच मुन्ह्चोदी हुई और हल्की फुलकी धक्का मुक्की हुई | उसने मुझे कार्ड दिया और कहा कि सुन बे लौड़े मेरी और रीना की शादी हो रही है और बहनचोद गलती से भी मत आना | मैंने भी कह दिया जा बे भड्वो की शादी में जाता भी नहीं हूँ | फिर हम चले गए अपने अपने रास्ते | मैंने भी कॉल लैटर का जवाब दे दिया और जिस दिन उसकी शादी थी उसी दिन मेरी फ्लाइट भी थी | पता नही क्या हुआ वो लंड का बाल राजीव मेरे पास आया एअरपोर्ट और वहा मुहचोदी करने लगा | तो मैंने भी कहा दिया कि भोसड़ी के अपना काम देख तू | मेरे फटे में टांग मत अडाना | तभी रीना भी वहां आ गयी | और उसने मुझसे कहा कि मादरचोद तू मुझे छोड़ के जायगा क्या ? मैं समझ गया कि इनकी बहन की चूत शादी नही हुई इनकी |

फिर उसके बाद मैंने राजीव को थँक्स कहा तो उसने कहा सुन बे लौड़े तेरे मेरे बीच कभी दोस्ती नहीं होगी समझा | मैंने भी कहा ठीक है गांडू | फिर मैंने अपनी फ्लाइट कैंसिल कर दी और हम सब घर आ गए | फिर मैं और रीना मेरे रूम में गए | वो तो शादी के जोड़े में ही थी | फिर मैंने उसके घूंघट को उतारा तो वो शरमाने लगी | तो मैंने कहा कि क्यू रे लौड़ी पहली चुदाई हुयी थो तब तू नहीं शरमाई अब क्यू शरमा रही है ? तो उसने कहा कि अच्छा ठीक है नही शरमाती | उसने इतना ही कहा कि मैंने अपने होंठ उसके होंठ पे रख दिए और उसके होंठ को चूसने लगा | वो भी मेरा साथ देते हुए मुझे किस करने लगी और मेरे होंठ को चूसने लगी | फिर मैंने उसकी साड़ी का पल्लू उतार दिया और ब्लाउज के बटन खोल दिए | अब मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके दूध को मसलने लगा तो वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करने लगी | फिर मैंने उसकी ब्रा भी खोल दिया और उसके दोनों दूध को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा | वो भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए मेरे सिर के बालो को सहलाने लगी | उसके बाद मैंने भी अपने कपडे पूरे उतार कर नंगा हो गया |

अब वो मेरे लंड को चाटने लगी और मेरे मुंह से आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ की सिस्कारिया निकलने लगी | फिर उसने मेरे लंड को अपने मुंह में डाला और चूसने लगी आगे पीछे करते हुए | मैं भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए उसके बालो को समेटने लगा | मेरे लंड चुसाई के बाद मैंने उसकी पूरी साड़ी उतार दिया | अब मैं उसे लेटा कर उसकी टाँगे चौड़ी कर दिया और अपनी जीभ उसकी चूत पर रख कर फेरने लगा | वो भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए सिस्कारिया लेने लगी | फिर मैंने उसकी चूत के अन्दर अपनी जीभ डाल कर चूसने और चाटने लगा तो वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी |  फिर मैं उसकी टाँगे उठा कर अपने कंधे पर रख लिया और उसकी चूत में अपना लंड टिका कर एक ही झटके में अन्दर घुसेड दिया और चुदाई करने लगा | वो भी अपनी गांड उठा उठा कर आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करने लगी | फिर मैंने अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ाते हुए उसकी चूत को जोर जोर से धक्के मार मर के चोदने लगा और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए आहे भरने लगी | फिर करीब 45 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना माल उसकी चूत में ही डाल दिया |

उसके बाद दोस्तों उसके घर वालो की और मेरे घर वालो की बैठक हुई और फिर हमारी शादी तय हो गयी | शादी के कुछ महीने बाद ही वो प्रेग्नेंट हो गयी | तो दोस्तों, ये थी मेरी कहानी | मैं उम्मीद करता हूँ कि आप लोगो को मेरी कहानी का ये भाग भी बहुत पसंद आया होगा |
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#4
(Bhabhi Ki Kunwari Behan Ki Sealtod Chudai)
[Image: gt0l8s65ykqi.jpg] 

मैं पिछले 3 साल से दिल्ली में पढ़ाई कर रहा हूँ. मेरी उम्र अभी 24 साल है. मेरा कद 5 फुट 9 इंच है. मैं गोरे रंग का हूँ. चूंकि जिम जाता हूं इसलिए ख़ासा गठीला बदन है. सब मिलाकर बहुत हैंडसम दिखता हूँ.

मैं अपनी पहली कहानी लिख रहा हूँ, यदि गलती दिखे तो प्लीज़ माफ कीजियेगा.
बात एक साल पहले की है, जब मैं अपने घर गोरखपुर गया था. मेरे घर पे मेरी भाभी के चाचा की लड़की हमारे घर पे आयी थी. उसका नाम दीक्षा है. दीक्षा बला की खूबसूरत लड़की है. बिल्कुल गोरे रंग की है. उसका कद 5 फुट 6 इंच है. उसके 35 साइज़ के स्तन, 29 इंच की बलखाती कमर और 38 इंच की उठी हुई गांड है. वो लखनऊ में रहकर पढ़ाई करती है.
दीक्षा से पहले से मेरा परिचय तो नहीं था, पर भाभी ने हमारा परिचय कराया और एक घर में होने के कारण हमारे बीच बातें होने लगीं. हम साथ में खाते थे, बहुत देर तक बैठकर किसी टॉपिक पे बात करते थे.
शाम को मैं उसे गोरखपुर घुमाने बाइक पे ले जाता था. बीच में ब्रेक लगाने पे वो मेरे ऊपर आ जाती थी, जिससे उसकी चूचियां मेरी पीठ से दब जाती थीं और मैं इसका पूरा मजा ले रहा था. वैसे तो मैं कई लड़कियों को चोद चुका हूँ, पर दीक्षा मुझे ज्यादा मस्त लगी.
ऐसे धीरे धीरे हमारी दोस्ती बढ़ने लगी. फिर दीक्षा की पढ़ाई आरम्भ हो चुकी थी, तो वो लखनऊ अपने हॉस्टल में चली गयी, मैं भी दिल्ली आ गया. पर हमारे बीच फ़ोन पे हमेशा बात होती रहती थी. मैं उसको प्रपोज़ करना चाहता था, पर नहीं कर पा रहा था.
एक दिन मैंने उसके व्हाट्सैप पर मैसेज किया- मुझे तुमसे कुछ कहना है.
दीक्षा का मैसेज आया- क्या कहना हैं बोलो?
मैं- तुम बुरा तो नहीं मानोगी?
दीक्षा- अरे बोलो तो सही … क्या बात है, मैं पक्का नहीं बुरा मानूंगी.
मैं- सच!
दीक्षा- अरे हां बाबा सच … अब बोलो!
मैं- दीक्षा मैं बहुत दिन से फील कर रहा हूँ कि मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ, आई रियली लव यू.
दीक्षा- मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ … पर बता नहीं पा रही थी.

उसकी इस बात से मेरी तो मानो बांछें खिल गई थीं. फिर हमारे बीच रात भर बातें होने लगीं. अब हम धीरे धीरे सेक्स पे भी बात करने लगे. दीक्षा भी खुलकर मुझसे बात करने लगी.
मैंने दीक्षा से कहा- मुझे तुमसे मिलना है, मैं लखनऊ आना चाहता हूँ.
दीक्षा ने भी सहमति दे दी. मैं दिल्ली से लखनऊ आया और दीक्षा को बुला लिया. दीक्षा भी हॉस्टल में ये बोलकर आयी थी कि वो घर जा रही है.
फिर हमने एक होटल में रूम लिया. मैं दीक्षा को किस करना चाहता था, पर दीक्षा सहज नहीं महसूस कर रही थी. तो हम लगेज होटल में रखने के बाद घूमने चले गए. हम वहां एक मॉल में गए, वहां पिज़्ज़ा खाया. फिर मूवी देखने गए थिएटर में बहुत काम लोग थे, तो मैंने दीक्षा का हाथ अपने हाथ में लेकर सहलाना शुरू कर दिया.
दीक्षा के कंधे को मैं अपने दूसरे हाथ से सहला रहा था. फिर मैंने उसकी कमर में हाथ डाला. क्या मस्त अहसास था. दीक्षा बिल्कुल चुप थी. मैं दीक्षा के गालों के पास अपना होंठ ले गया और उसके गाल को अपने नाक से छूने लगा. उसने भी अपनी आंखें बंद कर लीं. मैंने अपने होंठ को उसके गाल पे रख कर उसे चूमने लगा. उसने मेरी तरफ को ही अपने गाल कर दिए. मैंने अपने होंठों से उसके गाल की मुलायम त्वचा को पकड़कर चूसना चालू कर दिया. साथ ही अपने हाथ से उसकी कमर और जांघ को भी सहलाए जा रहा था.
उसकी तरफ से कोई विरोध न पाकर मैंने अपने होंठ से उसके होंठ पकड़ लिए. अब उसका नीचे वाला होंठ, मेरे होंठों में था और मेरा ऊपर वाला होंठ उसके होंठों में आ गया. वो भी लिप किस में मेरा साथ देने लगी.
कुछ ही देर में सनसनी बढ़ गई और अब मैं उसके होंठों को चूसे जा रहा था. उसने भी अपने होंठ से मुझे खाना शुरू कर दिया था. मैंने अपने एक हाथ को उसके मम्मों पे रख दिया.
आह … क्या मस्त चूचे थे. मैंने उसके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया. वो गर्मागर्म सिसकारियां लेने लगी. मैं अपने होंठों से उसकी गर्दन को चूमते हुए उसके मम्मों की तरफ बढ़ने लगा. उसकी शर्ट के कुछ बटन खोलने के बाद मैंने उसके नंगे चूचे को हाथ से सहलाना शुरू कर दिया. उसके मम्मे बिल्कुल रुई की तरह मुलायम थे, बिल्कुल गुलगुले.
फिर मैंने एकदम झटके से अपना मुँह उसके निप्पल पर लगाया और उसके एक मम्मे को अपने मुँह में पूरा भर लिया. वो इससे वो तेज सिसकारी लेने लगी. मुझे उसके सिसकारी का डर नहीं था क्योंकि थिएटर में हमारे आस पास कोई था ही नहीं.
अब मैंने उसके पूरे मम्मे को मसलते हुए मुँह से तेज तेज चूसना शुरू किया. मैंने उसके अधिकांश दूध को अपने मुँह में भर लिया था. साथ ही उसके दूसरे चूचे को हाथ से मसल रहा था.

मैंने अपनी पैंट का ज़िप खोलकर अपना लंड बाहर निकाला. मेरा लंड करीब 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है. मैंने लंड को दीक्षा के हाथ में दे दिया.
वो बोली- बाप रे इतना बड़ा और गर्म है तुम्हारा ये …
मैंने कहा- इसका कोई नाम भी होता है.
उसने शर्मा कर कहा- इत्ता बड़ा ल..लंड.

मैंने हंस कर उसके चूचे दबा दिए.
अब वो जोश में होने के कारण मेरे लंड को तेज-तेज ऊपर नीचे करने लगी. मुझे बहुत मजा आ रहा था. तभी मैंने उसकी जीन्स के बटन को खोला और उसे उसकी कमर से थोड़ा नीचे कर दिया. मेरा हाथ पेंटी के अन्दर चला गया. मैंने उसकी नंगी चुत पे जैसे ही हाथ लगाया, वो बिल्कुल पगला सी गई. उसने मुझे कसके पकड़ लिया. मैं उसकी चुत को सहलाने लगा. मेरा मन उसकी चुत को चूसने का था, पर मैं थिएटर में था, तो नहीं चूस सका. मेरे हाथों की रगड़ से कुछ ही देर में वो झड़ने लगी.
झड़ने के बाद वो बोली- चलो होटल में चलते हैं.
मेरा भी यही मन था. क्योंकि थिएटर में हम दोनों गर्म तो हो गए थे, वो झड़ भी चुकी थी. पर ऐसे ना वो संतुष्ट हुई, ना मैं संतुष्ट हुआ.
अब हम मूवी को बीच में छोड़कर होटल के रूम में आ गए. कमरे में आते ही मैंने दरवाजा बंद कर दिया और दीक्षा को पीछे से अपने बांहों में ले लिया. दीक्षा की पीठ मेरी छाती से पूरी तरह सटी हुई थी. उसकी मस्त सी गांड मेरे लंड से दबी हुई थी. उसकी जांघ मेरी जांघ से मिली हुई थी. अब मैंने पीछे से उसकी गर्दन पे अपने होंठ रखे और उसे चूमना शुरू कर दिया. मैं उसकी गांड को लंड से रगड़ रहा था और अपने हाथों से उसके पेट तथा कमर को सहला रहा था.

अब मैं अपने हाथों को ऊपर करके उसकी कमीज के ऊपर से उसके मम्मों को दबाने लगा. दीक्षा बहुत ही मादक सिसकारियां ले रही थी, जो मुझे और मदहोश कर रही थीं. अब स्थिति ये थी कि दीक्षा की गर्दन तथा कानों को अपने होंठों से चूस रहा था. उसकी गांड को अपने बड़े लंड से रगड़ रहा था तथा मम्मों को हाथों से तेज-तेज दबाए जा रहा था.

फिर मैंने झट से दीक्षा को आगे से घुमाकर उसके होंठों को पूरा अपने होंठों में भर लिया. दीक्षा तेज तेज होंठ को चूस रही थी. हम दोनों एक दूसरे की जीभ को चूसने लगे. दीक्षा इस तरह मेरे बांहों में थी कि उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां मेरी छाती से बिल्कुल चिपक गयी थीं. मैं उसके होंठों को चूसते हुए उसके गांड को हाथ में लेकर दबाने लगा.

अब मैंने दीक्षा की शर्ट को निकाल दिया और अपनी टी-शर्ट को भी हटा दिया. दीक्षा मेरी छाती और बांहों के पहलवानी कटावों को बड़े ध्यान से देख रही थी. मैं दीक्षा की गर्दन को चूमने लगा और ऐसे ही चूमते हुए उसके कंधों को पूरी तरह से अपने होंठों में लेकर चूमने लगा. मैं ऐसे ही चूसते हुए उसके एक मम्मे को ब्रा के ऊपर से ही मुँह में लेने लगा. ब्रा के ऊपर से ही उसके दोनों मम्मों को एक-एक करके मुँह में लेकर दांत से काटने लगा. वो मेरे सर को अपने मम्मे पे दबाए जा रही थी. कुछ पल बाद मैंने उसकी ब्रा को भी निकाल दिया.

आह क्या हसीन नजारा था. उसके चूचे एकदम सुन्दर सुडौल तराशे हुए थे.

मैं अब दोनों मम्मों को हाथ से पकड़कर सहलाए जा रहा था और फिर तेज-तेज दबाने लगा. उसके एक मम्मे को मुँह में भर के चूस रहा था, दूसरे को हाथ से दबा रहा था. उसके निप्पल पे होंठ के बीच में रखकर दबाए जा रहा था और जीभ से चाट रहा था. कभी कभी उसके निप्पल को दांत से हल्के काट लेता था, वो पूरी तरह मदहोश हो गयी थी.

उसके गर्म हो जाने के बाद मैंने उसके पेट को चूमना तथा चूसना शुरू किया. मैं उसकी नाभि में अपना जीभ डालकर चूसने लगा. एक बार फिर से दीक्षा के पीछे जाकर उसकी पूरे पीठ को चूमते तथा चाटते हुए कमर तक आ गया. फिर मैंने उसके जीन्स को भी निकाल दिया.

वो अब केवल पैंटी में थी. पैंटी में वो बिल्कुल अप्सरा लग रही थी. मैं उसको अपनी गोद में उठाकर चूमते हुए बिस्तर पे ले आया और उसके पेट के बल लिटा दिया. मैंने उसकी नंगी जांघ पे चूमना शुरू कर दिया. उसकी मरमरी जांघ चूमते हुए जैसे ही उसके गांड तक पहुंचा, क्या मस्त खुशबू आ रही थी उसकी चुत से.

मैंने उसके पैंटी के ऊपर से उसके नितम्बों को मुँह में भर लिया और दबाते हुए दांत से हल्के हल्के काटने लगा. वो मस्ती में गांड ऊपर उठाए दे रही थी. मैंने उसकी पैंटी को दांत में पकड़ कर जांघ तक खिसका दिया और फिर एक झटके में उसकी पैंटी को निकाल दिया.

वो अब बिल्कुल नंगी हो गयी. मैंने भी अपना जीन्स और अंडरवियर निकाल दिया.

नंगी दीक्षा मेरे सामने थी. मैं उसके नंगे नितम्बों को मुँह में लेकर चूसने लगा और अपने हाथों से उसके शरीर के नाजुक अंग सहलाने लगा. मैंने हाथ से उसके दोनों नितम्बों को फैला दिया. क्या मस्त नजारा था. उसकी गांड बिल्कुल गुलाबी रंग की थी. उसकी चुत भी पानी पानी हो गई थी. मैंने अपनी जीभ को उसकी गांड के छेद में पेलना शुरू किया. वो एकदम जोश में आ गयी.

मैंने उसकी गांड को जीभ से चाटते हुए दीक्षा को पीठ के बल कर दिया और अब मैं उसके नंगी फूली हुई चुत को हाथ से सहलाने लगा. उसकी चुत से लगातार पानी बह रहा था. मैं उसकी चुत के दाने को अपनी जीभ की नोक से टुनयाते हुए रगड़ने लगा. उसके दोनों पैर मेरे कंधे पे थे. मैं उसकी चुत में अपनी जीभ डालकर जीभ से चोदने लगा.

वो मेरे सर को अपनी चुत पे तेजी से दबा रही थी. मेरी जीभ से चोदने के कारण वो आह-आह कर रही थी. वो मस्ती में बोल रही थी- और अच्छे से पंकज … मजा आ रहा है.
मैं अपनी जीभ उसकी गांड में डालकर जीभ को खींचते हुए चुत तक ला रहा था. फिर चुत में जीभ डाल कर मैं उसकी मक्खन चूत को टंग फक कर रहा था.


थोड़ी देर तक ऐसे करने के बाद वो बोली- पंकज अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है … प्लीज़ मुझे चोद दो.
मैंने अपना लंड उसके हाथ में दिया.
वो बोली- पंकज मैं मर जाऊँगी क्योंकि तुम्हारा लंड बहुत बड़ा और मोटा है.
मैंने उसे समझाया- अरे कुछ नहीं होगा, तुम बहुत मजे करोगी.


फिर मैंने लंड को चूसने के लिए कहा, वो थोड़ा ना-नुकर करने के बाद लंड चूसने लगी. थोड़ी देर में उसे भी लंड चूसने में मजा आने लगा. मुझे तो बहुत मजा आ ही रहा था. वो मेरे लंड के सुपारे को जीभ से चाट रही थी और जितना लंड उसके मुँह में जा सकता था, उतना अन्दर लेकर चूसे जा रही थी.

फिर वो कामुकता से बोली- अब बस करो, अब मुझे शांत कर दो.
मैं उसकी चाहत को समझ गया. मैं उसके ऊपर चढ़ गया, उसके मम्मे को मुँह में ले कर चूसने लगा और लंड को उसकी चुत पे रगड़ने लगा. उसकी चुत पूरी तरह गीली हुई पड़ी थी.
वो टांगें फैलाते हुए बोली- पंकज अब मत तड़पाओ … मुझे जल्दी से चोद दो.


मैंने अब अपने लंड में वैसलीन लगा ली और थोड़ी वैसलीन उसकी चुत पे लगाकर उसके ऊपर लंड सैट कर दिया. मुझे मालूम था कि गुब्बारा फटेगा तो तेज आवाज होगी, इसलिए मैंने उसके होंठों को अपने होंठ में दबा लिए और चूमने लगा.
मैंने लंड को उसकी चुत पे सैट कर दिया था. उसकी चूत की फांकें लंड लीलने को लपलपा रही थीं. मैंने लंड को रगड़ते हुए एक धक्का मारा. उसके मुँह से आह निकल गई.
वो तड़फने लगी और बोली- उई माँ … मर गई … पंकज बहुत दर्द हो रहा है … आह … मेरी फट जाएगी.

पर मैं रुका नहीं. मैंने एक और तेज धक्का मारा. अब मेरा आधा लंड उसकी चुत में घुस गया था. वो तेज स्वर में चिल्लाने की कोशिश करने लगी और रोने लगी.

वो बोली- उम्म्ह… अहह… हय… याह… निकालो … जल्दी निकालो पंकज मैं मर जाउंगी.

मैं कुछ देर ऐसे ही रुक गया और उसको चूमने लगा. उसके एक मम्मे को मसलने लगा. अपना हाथ नीचे करके उसके चूतड़ों को सहलाने लगा. थोड़ी देर ऐसा करने पर उसका दर्द थोड़ा कम हुआ. अब वो खुद हिलने लगी.

मैं उसको चूमते हुए धीरे धीरे लंड को चुत में अन्दर बाहर करने लगा. इस तरह धीरे धीरे पूरा लंड उसकी चूत में अन्दर तक चला गया.
वो मस्ती से कहने लगी- पंकज, अब चोद दो मुझे.


मैं उसको पूरा पकड़ के तेज तेज धक्के मारने लगा.
वो चिल्लाने लगी- आह-आह … आह बस ऐसे ही और तेज पंकज …
मैं लंड को तेज-तेज चुत में अन्दर-बाहर करने लगा. पूरे कमरे में फच-फच की आवाज़ गूँज रही थी.


थोड़ी देर ऐसे चोदने के बाद मैंने उसको अपने ऊपर ले लिया और उसके मम्मों को अपनी छाती में लगाकर उसके गालों को चूमते हुए नीचे से तेज तेज धक्के देने लगा.

हम दोनों के मुँह से आह-आह निकल रही थी. मैंने उसकी गांड पे हाथ रखकर एक हाथ की एक उंगली उसकी गांड में पेल दी. इस तरह लंड चुत की चुदाई कर रहा था और उंगली से उसकी गांड की चुदाई हो रही थी.

करीब 5-7 मिनट इस पोजीशन में चोदने के बाद वो पेट के बल औंधी हो गयी. मैं पीछे से उसके ऊपर आ गया. उसकी चूत खुल गई थी, सो इस बार मैंने पूरी ताकत से उसकी चुत में लंड पेल दिया और अन्दर बाहर करने लगा.

वो मस्ती से चिल्लाए जा रही थी- आह बस पंकज ऐसे ही और तेज और तेज मुझे और चोदो आह … आआह्ह … और तेज … आज मेरी चुत को फाड़ दो …
अपना हिल स्टेशन मतलब अपनी गांड नीचे से उठा उठाकर वो भी ऊपर को धक्के मार रही थी. वो बोले जा रही थी- आई लव यू … मस्त है तुम्हारा लंड जान … बहुत मस्त है, आज मैं जन्नत में हूँ … बस मुझे चोदते रहो.


मैं भी दनादन लंड आगे पीछे कर रहा था और उसके पूरे शरीर को चूमते हुए चोदे जा रहा था.

करीब ऐसे ही 10 मिनट तक घमासान चुदाई के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा, तो मैं समझ गया कि अब वो झड़ेगी. मैंने अपना स्पीड को बढ़ा लिया.
लगभग 15-20 धक्के के बाद वो झड़ गयी और आहें भरने लगी. उसकी चुत से बहुत गर्म पानी निकाला, जिससे मेरा लंड भीग गया.


मैं भी 2 मिनट चोदने के बाद झड़ने वाला था, मैंने कहा- अन्दर ही निकाल देता हूँ.
वो बोली- नहीं बाहर निकालो.


मैं झट से लंड बाहर निकाल कर उसकी पीठ पर आह आह करते हुए लंड हिलाने लगा. मेरे लंड से एक बहुत तेज पिचकारी निकली और आह भरते हुए मैं झड़ने लगा. झड़ जाने के बाद मैं उसकी बगल में लेट गया.
चुदाई के कारण हम दोनों हाफं रहे थे. कुछ देर बाद जब उसने बेड पर खून देखा, तो बोली- ये खून कहां से आया?
मैंने उसको समझाया- ये पहली बार सेक्स करने के कारण निकला खून है, तुमने आज सेक्स किया है, तो आज तुम्हारी सील टूट गई है. उसी का खून है.
वो मेरी तरफ देखने लगी.
मैंने बताया- आज के बाद अब तुम्हें ना ही दर्द होगा और ना खून निकलेगा.
वो बोली- हां मैं जानती हूँ. हॉस्टल में मेरी फ्रेंड ने बताया था.
मैंने कहा- अच्छा तुम हॉस्टल में यही सब करती हो.


फिर हम दोनों हंसने लगे.

मैं उसको सहारा देकर बाथरूम ले गया क्योंकि इतनी भयंकर चुदाई के बाद उससे चला नहीं जा रहा था. उसको अच्छे से साफ किया, उसकी चूत को भी साफ किया. फिर हम दोनों ने कपड़े पहन लिए.

हमें भूख भी लग आई थी, तो मैंने खाना आर्डर किया.
खाने के बाद मैं फिर से उसको चोदना चाहता था, पर वो बोली- अभी नहीं, पहले मुझे थोड़ी देर आराम करने दो.


एक घंटे सोने के बाद मैंने उसको अपनी बांहों में ले लिया और चूमने लगा. वो धीरे धीरे फिर गर्म होने लगी.
इसके बाद कैसे मैंने उसको दोबारा चोदा, नहाते हुए कैसे उसकी गांड मारी, वो सब मैं आपको अगली कहानी में बताऊंगा. वो मेरे साथ कुल 4 दिन रही … और इन चार दिनों में वो मुझसे कितनी बार किन किन आसनों में चुदी, ये सब आपको लिखूंगा.

दोस्तो, मेरी ये पहली सेक्स कहानी आपको कैसी लगी. कृपया मेल द्वारा कमेंट करके जरूर बताएं.
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