Posts: 82,800
Threads: 804
Likes Received: 9,676 in 7,984 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
वो अब ghoom के अपना सर मेरे गोद में रख ली, मैं इतनी करीब से उनके होठ जो गुलाबी और गाल लाल लाल और चूच कि गोलाई को नज़दीक से महसूस कर रहा था, अचानक देखा वो आँख बंद कर ली करीब १० मिनट के बाद मैं उनके होठ को अपने ऊँगली से छुआ वो कुछ भी नहीं बोली मैंने फिर गाल छुआ वो चुप रही आँख बंद था, करीब पांच मिनट बाद मैंने उनके चूच को थोड़ा छुआ फिर थोड़ा फिर थोड़ा और बाद में पूरा हथेली दोनों हाथ कि दोनों चूच पे रख दिया, गाडी सरपट भाग रही थी, मेरा सांस भी उसी रप्तार में चल रहा था, तबभी मैंने देखा वो मेरे हाथ को पकड़ के अपने चूच पे रख के दबाब देने लगी, मैं भी उनके चूच को दबाने लगा, फिर वो उठी बैठ गयी कुछ भी नहीं बोली और अपना कुर्ता खोल दी वो अब ब्रा पे थी और फिर वो वैसे ही लेट गयी ओह्ह्ह्ह माय गोड क्या चीज़ लग रही थी यार मैं तो पागल हो गया था मैंने चूची दबाई पर मन नहीं मान रहा था मैंने उनके पीठ के पीछे हाथ घुसाया और ब्रा का हुक खोल दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 82,800
Threads: 804
Likes Received: 9,676 in 7,984 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
फिर वो खुद ब्रा को साइड में रख दी, मैंने उनके चूच को अपने मुह में ले लिया और पागलो कि तरह करने लगा कभी एक कभी एक दोनों को पी रहा था दबा रहा था और अपना हाथ उनके होठ पे कभी पेट पे कभी कंधे पे सहला रहा था, वो अपना होठ अपने दाँतों से काट रही थी और मोअन कर रही थी आअह आअह उह्ह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हाईईईईईईईई उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म उछ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, फिर मै उनके पैर के साइड जाके उनका लेगिन उतार दी और फिर पेंटी भी वो मेरे सामने विशालकाय औरत खूबसूरत सेक्स बम, कभी ना भूलने बाला शरीर देखा मैंने दोनों पैर को फैलाकर उनके चूत को चाटने लगा, करीब १० मिनट चाटने के बाद बोली क्या और तड़पाओगे या कुछ और भी करोगे, मैंने अपना लंड निकाल के चूत पे रख के एक ही झटके में अंदर कर दिया, फिर क्या था दे दना दन, करीब १० मिनट के बाद मैं लेट गया और वो चढ़ गयी, आसपास के लोग सब सो गए थे, और अब फिर वो गांड उछाल उछाल के चुदवा रही थी, करीब २० मिनट बाद दोनो झड़ गए, फिर कुछ देर तक साथ पकड़ के लेटे रहे पर दिक्कत हो रहा था, मैं ऊपर चला गया, करीब २ घंटे बाद फिर उठाई, और फिर मेरा लंड को अपने मुह में लेके चाटने लगी, फिर मैं काफी गरम हो गया फिर चोदने लगा, रात भर करीब ३ बार चोदा मैंने, सुबह करीब १० बजे मुंबई पहुंच गए,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 82,800
Threads: 804
Likes Received: 9,676 in 7,984 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
पर वो बोली एक काम करते है, हम लोग आज होटल में रह जाते है कल सुबह मैं अपने सास के यहाँ जाउंगी और आप भी काम कल ही करना, तभी वो अपने हस्बैंड को फ़ोन कि हाँ जी आज का ट्रैन है जी, कल हम मुंबई पहुंच जायेगे और फिर सास को भी वो झूठ बोली,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 82,800
Threads: 804
Likes Received: 9,676 in 7,984 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
फिर हमदोनो एक होटल में गए और खाना, पीना (बियर) और चुदाई करते रहे, आज भी जब मैं उस दृश्य को याद करता हु, तो खुश हो जाता हु, हमारे ज़िंदगी का एक खूबसूरत याद है और मैं कभी भी भूलना भी नहीं चाहता हु,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 82,800
Threads: 804
Likes Received: 9,676 in 7,984 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
दोस्त की बहन को शर्ट पहनाकर उसके ही रूम में चोदा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 82,800
Threads: 804
Likes Received: 9,676 in 7,984 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
(22-08-2022, 02:56 PM)neerathemall Wrote: दोस्त की बहन को शर्ट पहनाकर उसके ही रूम में चोदा
मैं बिहार के कटिहार जिले के रहने वाला हूँ। मेरी पढाई खत्म हो चुकी थी, इसलिए मेरे घर वालों ने मुझे आई ए एस की तैयारी के लिए दिल्ली भेज दिया। बिहार में बच्चा पैदा होते ही उसके घर वाले लालबत्ती का ख्वाब देखने लगते है की एक दिन लड़का सिविल परीक्षा पास करके कोई बड़ा अधिकारी बनेगा और लाल बत्ती पाएगा। साथ में मेरे दोस्त गोपाल की जवान बहन पिया को भी भेज दिया। गोपाल मेरे घर के बगल ही रहता है और मेरे घर वालों की तरह उसके घर वाले भी उनकी बहन पिया को आई ए एस बनाना चाहते थे इसलिए हम दोनों को दिल्ली साथ में भेज दिया गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 82,800
Threads: 804
Likes Received: 9,676 in 7,984 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
“बेटा जीवनलाल, पिया का ख्याल रखना। तुम्हारे ही भरोसे मैं उसको दिल्ली भेज रही हूँ” पिया की माँ मुझसे बोली चलते समय
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 82,800
Threads: 804
Likes Received: 9,676 in 7,984 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
हम दोनों दिल्ली आ गए और मुखर्जी नगर में सिविल की तैयारी करने लगे। मुखर्जी नगर को दिल्ली में सिविल की तैयारी करने वालो का गढ़ माना जाता है। हम लोग एक ही बिल्डिंग में कमरा किराये पर लेकर रहने लगे। आपको बता दूँ की मैं पढने में काफी होशियार था, इसके साथ ही मैं काफी चोदू टाइप का आदमी था और कई लडकियों की रसीली चूत का शिकार कर चूका था। धीरे धीरे गोपाल की बहन पिया मुझे बहुत अच्छी लगने लगी, हम दोनों एक ही उम्र के २१ २१ साल के थे। धीरे धीरे पिया भी मुझे पसंद करने लगी। यहाँ दिल्ली में हमे कोई देखने वाला तो था नही, तो मैंने पिया का कमरा छुडवा दिया और अब वो मेरे ही साथ रहने लगी। मैंने उसे २ ३ बार चोद भी लिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 82,800
Threads: 804
Likes Received: 9,676 in 7,984 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
उसके बाद तो मुझे उसकी चूत पीने और मारने दोनों की आदत सी पड़ गयी। हम दोनों पढाई भी करते थे और चुदाई भी करते थे। सुबह ५ बजे मैं उठकर चाय बना देता था और पिया को जगा देता था। चाय पीने के बाद हम दोनों ५ से ८ बजे तक इतिहास का पेपर तैयार करते थे, फिर एक बिहारी होने के कारण हम नास्ते में सत्तू और दही खाते थे। मुझे और पिया दोनों को ये बहुत पसंद था। वो इसे बिहारियों का होर्लिक्स कहती थी। उसके बाद नहाधोकर हम कोचिंग चले जाते थे और ११ से १ बजे तक कोचिंग पढ़ते थे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 82,800
Threads: 804
Likes Received: 9,676 in 7,984 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
उसके बाद आकर हम दोपहर में अपनी बिल्डिंग की मेस में ही खाना खाते थे। इस पूरी बिल्डिंग को बिहारी भवन कहा जाता था क्यूंकि यहाँ पर सिर्फ बिहार के स्टूडेंट्स ही चारों तरफ दिखते थे। खाना बनाने में बहुत वक़्त बर्बाद होता है, इसलिए हम दोनों खाना मेस में ही खाते थे। खाना खाकर ३ बजे तक सोना, उसके बाद ६ बजे तक पढ़ना, फिर शाम को ८ बजे बत्रा सिनेमाहाल का एक चक्कर लगता था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 82,800
Threads: 804
Likes Received: 9,676 in 7,984 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
दिल्ली की चमक दमक और लडकियों को हम ताड़ते थे, मैं से मतलब सिर्फ मैं, क्यूंकि पिया तो खुद ही एक लड़की है। ये हम दोनों का रोज का रूटीन था। अब तक ६ महीने हम लोगो को हो गये थे साथ में रहते। आज फिर से मेरा गोपाल की बहन पिया को चोदने का मन था। रात में पढाई के बाद हम साथ एक ही बिस्तर पर लेट गये।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 82,800
Threads: 804
Likes Received: 9,676 in 7,984 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
“पिया…..ऐसे ही सूखे सूखे….चूत दो ना यार!! सुबह से इतनी पढाई की है, कुछ मौजमस्ती तो होनी ही चाहिए” मैंने कहा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 82,800
Threads: 804
Likes Received: 9,676 in 7,984 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
“नही….कल…कल मुझे चोद लेना!” वो बहाना मारते हुए बोली
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 82,800
Threads: 804
Likes Received: 9,676 in 7,984 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
मैं सब जानता था की ये उसकी पुरानी आदत थी, जब मेरा उसकी चूत मारने के बड़ा दिल होगा, तब वो जरुर बहाना मारेगी और मुझे खूब सताएगी। मैं ये अच्छे से जानता था। मैंने उसे बेड पर पकड़ लिया और हम दोनों हंसी ठिठोली करने लगे। कुछ देर बाद वो चुदने को तैयार हो गयी। मेरी बड़ी इक्षा थी की उसको शर्ट पैंट पहनाकर चोदू तो मैंने उसको अपनी चेक शर्ट पहना दी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 82,800
Threads: 804
Likes Received: 9,676 in 7,984 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
उसका पजामा मैंने निकाल दिया था। उसने सिर्फ काली रंग की चुस्त ब्रा पहन रखी थी और मेरी चेक शर्ट उसने पहन रखी थी। अब दोस्तों आपको क्या बताऊ की किसी लडकी को शर्ट पहनाकर चोदना , मजा आ जाएगा। आज पहली बार मैंने जाना की लडकियाँ शर्ट पहनकर तो बहुत ही हॉट, सेक्सी और अलग दिखती है। ये बात मुझे आज ही पता चली।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 82,800
Threads: 804
Likes Received: 9,676 in 7,984 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
फिर हम प्यार करने लगी। गोपाल की बहन पीया का रंग काफी साफ़ था, अगर मैं उसे लेकर दिल्ली नही आता तो कभी उसकी रसीली बुर चोदने को नही मिलती। हम दोनों प्यार करने लगे। पिया मेरे ही साथ बेड पर लेट गयी। उसने मेरी शर्ट पहन रखी थी और मैंने उसके बाल खोल दिए थे, उफफ्फ्फ्फ़ वो खुले बालों में शर्ट और सिर्फ पेंटी पहने कितनी हॉट और सेक्सी लग रही थी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 82,800
Threads: 804
Likes Received: 9,676 in 7,984 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
मैंने पिया की शर्ट की सिर्फ ३ बटन नीचे से खोल दी तो उसका नंगा पेट और नाभि ठीक मेरे सामने आ गया। मैं जीभ लगाकर उसका पतला सेक्सी पेट चूमने लगा, फिर नाभि चूमने लगा। कुछ देर बाद मैंने पिया की शर्ट की सारी बटन खोल दी, पर शर्ट नही निकाली। अगर शर्ट निकाल देता तो सब मजा ही खत्म हो जाता। उसके बाद मैं उसके दूध पीने लगा। ३६ इंच के शानदार गहराए किसी पके इलाहाबादी अमरुद से दिखने वाले दूध मेरे सामने थे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 82,800
Threads: 804
Likes Received: 9,676 in 7,984 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
मैं किसी भी हालत में पिया के कुदरती इलाहाबादी अमरुद का अपमान नही कर सकता था। इसलिए मैंने उसके दूध को तुरंत हाथ में ले लिया और कसकर अमरुद दबाने लगा। उफफ्फ्फ्फ़…इतनी बड़ी बड़ी रसीली सफ़ेद चिकनी छातियाँ मैंने आजतक नही देखी थी। मैंने मजे से गोपाल की बहन पिया के मस्त मस्त अमरुद दबाने लगा और फिर लेटकर उसके दूध पीने लगा। जरुर पिया को उपरवाले ने बड़ी फुर्सत से बनाया होगा। इससे पहले इसकी कहीं शादी वादी हो, मुझे इसको जी भर के चोद लेना चाहिए। मैंने सोचा और मैं तेज तेज पिया के दूध दबाने लगा और मुंह में लेकर पीने लगा। बड़ी देर तक मैंने उसके दूध दबाए, फिर उसकी पेंटी मैंने उपर से ही चाटने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 82,800
Threads: 804
Likes Received: 9,676 in 7,984 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
काली चुस्त पेंटी में वो कमाल की चोदने ठोंकने वाली सामान लग रही थी। मैंने कपड़े निकाल दिए और पूरी तरह से नंगा हो गया। उसके बाद पीया की बुर को उसकी काली पेंटी के उपर से ही मैं किसी कुत्ते की तरह चाटने लगा। पेंटी का कपड़ा बहुत महीन था, इसीलिए मेरे होठ पिया की चूत में साफ साफ़ हलचल मचा रहे थे। पिया “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी…. ऊँ..ऊँ…ऊँ….किस माय पुसी!!…..किस माय पुसी( मेरी चूत को पियो)” की तेज तेज आवाज लगा रही थी। एक बिहार की लड़की चुदाई में भी कितनी अच्छी इंग्लिश इस्तेमाल कर सकती है, आज मैंने देखा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 9,763
Threads: 0
Likes Received: 4,340 in 3,572 posts
Likes Given: 48,418
Joined: Feb 2022
Reputation:
66
•
|