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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
राहुल मीना की चूत को चाटने रहा था और उसके चूत के दाने को अपने होंठ से चूसने लगा | मीना आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए बोली कि बस कर मारेगा क्या ? हाय कितना मजा आ रहा है |

मुझे तो ऐसा लग रहा है कि तुझसे अपनी चूत हेमशा तुझसे ही चुद्वाऊ | फिर राहुल ने कहा कि चल अपन अब चुदाई करते हैं | बहुत टाइम से मुझे चुदाई करने नहीं मिली | फिर मीना ने कहा कि चोद दे | फिर राहुल ने अपना लंड मीना की चूत में टिकाया और धीरे धीरे उसकी चूत में अपना लंड डालने लगा | अब राहुल का लंड मीना की चूत के अद्नर था और राहुल जोर जोर से धक्के मार मार के चोदने लगा |

मीना भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए चुदाई का मजा लेने लगी | राहुल ने फिर अपनी स्पीड बढ़ा दिया और उसके दूध मसलते हुए उसकी चूत चोदने लगा और मीना भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए सिस्कारिया लेने लगी |

आधे घंटे की चुदाई के बाद राहुल मीना के मुंह में झड़ गया | मीना ने उसके माल को पी लिया |[Image: 35853482_023_9fdc.jpg]

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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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मम्मी की दोस्त को उनके घर पर ही चोदा






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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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मेरे घर में मैं हूँ और मेरे दो बड़े भाई हैं जो कि बाहर रह कर जॉब करते हैं | कटनी में मैं और मम्मी पापा ही रहते हैं | मेरी मम्मी लेडीज क्लब की मेम्बर हैं तो मम्मी की फ्रेंड्स घर आती रहती हैं | उनमे से मम्मी की एक बेस्ट फ्रेंड है जिनका नाम अंजना है | वो मैरिड हैं और उनकी उम्र लगभग 36 के आस पास ही होगी | वो इतनी उम्र में भी ऐसी दिखती हैं कि मॉडर्न लडकियो को भी फेल कर दे | वो हमारे घर अक्सर आया जाया करती हैं | वो दिखने में गोरी हैं और उनका सुडोल शरीर आकर्षण का केंद्र हैं | वो कपड़े भी बहुत टाइट पहनती हैं जिस वजह से उनके दूध और गांड का उभार साफ़ नजर आता है | मैं जब भी उनको देखता तो मेरा लंड खड़ा हो जाता और उनके नाम की मुठ मार लेता | वो एक खुले विचारों वाली महिला हैं | एक बार मम्मी और पापा मार्किट गये हुए थे और जैसे ही मम्मी पापा निकले तो वो घर आई | मैंने उनको बताया कि मम्मी पापा मार्किट गए हैं और कुछ ही देर में आ जायेंगे | तो आंटी घर पर ही वेट करने लगी | उन्होंने मुझसे पूछा कि कैसे हो ? मैंने भी कहा अच्छा हूँ और फिर उन्होंने पूछा कि पढाई कैसी चल रही है ? मैंने कहा फर्स्ट क्लास चल रही है और हम दोनों ऐसे ही नार्मल बात करने लगे | करीब आधे घंटे बाद मम्मी आ गई तो फिर वो दोनों बात करने लगे | आंटी के पति एक बिसनेस मैंन हैं और वो अक्सर बाहर ही रहते हैं | एक दिन की बात है आंटी ने मम्मी को कॉल कर के कहा कि मनोज को घर भेज दो थोडा काम है | फिर मम्मी ने मुझे कहा तो मैं तुरंत राजी हो गया | मैं जल्दी से तैयार हो गया और आंटी के घर गया | आंटी ने बहुत मस्त गाउन पहना हुआ था और उनकी गोरी चिकनी टांग देख कर मेरा मन मचल उठा | मैंने आंटी से पूछा कि आंटी आप को क्या काम था मुझसे ? तो उन्होंने कहा तुम बैठो मैं चाय बना कर लाती हूँ फिर अपन चाय पीते हुए बात करेंगे | मैंने कहा ठीक है और सोफे पर बैठ गया | मेरी नजर सोफे पर पड़ी ब्रा पर गया तो मैंने उसे उठाया और पेंटी भी पड़ी थी ठीक ब्रा के नीचे | मैंने पेंटी उठाया और उसे सूंघने लगा | पेंटी में से एक मादक खुशबु आ रही थी जिसे सूंघ कर मेरा लंड खड़ा हो गया | मैं पेंटी को अपने लंड पर रगड़ने लगा | शायद आंटी ने मुझसे ऐसा करते हुए देख ली | उन्होंने मुझसे कहा क्या कर रहे हो मनोज ? मैं एक दम से झेम्प गया और पेंटी को नीचे रख दिया और कहा कुछ नहीं आंटी | फिर आंटी ने चाय दी मुझे पीने के लिए और वो भी बैठ गई | हम दोनों ऐसे ही नार्मल बात करने लगे | फिर आंटी ने मुझसे पूछा कि मनोज क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है ? मैंने कहा नहीं आंटी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है | ये बात सुन कर वो खुश हो गई | उन्होंने मुझसे कहा तुमने कभी सेक्स किया है ? मैंने कहा नहीं आंटी किसके साथ सेक्स करता कोई है ही नहीं | तब तक हम दोनों की चाय ख़त्म हो गई तो उन्होंने कहा अगर तुम्हे मेरे साथ सेक्स करने का मौका मिले तो करोगे क्या ? मैं ये बात सुन कर मैं बहुत खुश हुआ तो तुरंत ही हाँ कर दिया | आंटी उठ कर मेरे पास आई और मेरे होंठ को अपने होंठ से दबा कर किस करने लगी | मैं भी उनको सहलाते हुए उनका साथ देने लगा किस करने में | उसके बाद मैंने उनका गाउन उतार दिया | अब वो मेरे सामने ब्रा और पेंटी में थी | ब्लैक कलर की ब्रा पेंटी में आंटी बहुत सेक्सी लग रही थी | मैं ब्रा के उपर से ही उनके दूध को दबाने लगा तो वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए सिस्कारिया लेने लगी | फिर मैंने ब्रा भी उतार दिया और उनके दूध को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा तो वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए मेरे सिर पर हाँथ से सहलाने लगी | मैं जोर जोर से उनके दूध को मसलते हुए चूस रहा था और निप्पलस भी होंठ से दबा कर चूस रहा था और वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए मजे ले रही थी | दोस्तों आप लोग ये कहानी हिंदीसेक्सकहानियां डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं|
फिर उन्होंने मेरे कपड़े उतार कर मुझे पूरा नंगा कर दिया और मेरे लंड को अपनी जीभ से चाटने लगी तो मेरे मुंह से भी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह की सिस्कारिया निकलने लगी | फिर उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह में लिया और चूसने लगी तो मैं आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए उनके मुंह की चुदाई करने लगा | वो बहुत अच्छे से मेरे लंड को चूस रही थी और मैं आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए मजे ले रहा था | फिर मैंने उनको सोफे पर ही लेटा दिया और उनकी चूत चाटने लगा तो वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए कसमसाने लगी | मैं चूत को चाटते हुए चूत के चने को भी चूस रहा था और वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए मजे ले रही थी | फिर मैंने अपने लंड को उनकी चूत पर टिका कर अन्दर डाल दिया और चोदने लगा तो वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी | फिर मैंने अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ा दिया और जोर जोर से शॉट लगाते हुए चोदने लगा और वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए मचलने लगी | करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद मैंने अपना माल उसकी चूत के उपर ही निकाल दिया |[img]Carol Wing[/img]Carol Wing[Image: 12.jpg]

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(25-10-2021, 12:03 PM)neerathemall Wrote:
मम्मी की दोस्त को उनके घर पर ही चोदा






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पडोसी के बेटे से चुदाई







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Alisia

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नाम सोनिया है और मैं चंडीगढ़ की रहने वाली हूँ | मेरी उम्र 32 साल है और मैं दिखने में सांवली हूँ | मैं भले ही सांवली हूँ पर मेरा फेस कट अच्छा है | मेरी हाईट 5 फुट 5 इंच है और और मेरा फिगर भी बहुत गदराया हुआ है | मेरे दूध मध्यम साइज़ के हैं और मेरे चूतड बड़े और गोल हैं |



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Shivali


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Ella Nori

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Canella


जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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मेरे घर में मैं हूँ और मेरे सास ससुर के अलावा एक बेटी है जो अभी स्कूल की पढाई कर रही है | मेरे सास ससुर ज्यादा बूढ़े नहीं है लेकिन वो ज्यादातर अपना समय मंदिर में ही बिताते हैं जो कि हमारे घर से थोड़ी दूरी पर है | दोस्तों मेरे पति प्राइवेट जॉब करते थे लेकिन एक बार उनके ऊपर ट्रक चढ़ गया तो उनकी उससे डेथ हो गई | अब मैं ही अपनी बेटी का पालन पोषण करती हूँ और मेरे पति के पास जितना भी पैसा है वो बस इलेक्ट्रिसिटी के बिल जमा करना, बेटी के स्कूल की पढाई फीस देना | इन सब कामो में लगता है | मेरे ससुर सरकारी नौकरी करते थे इसलिए उन्हें पेंशन मिलती है जिससे बाकी के खर्च निकलते हैं | मैं भी पढ़ी लिखूं हूँ लेकिन हमारे ससुराल पक्ष में किसी भी महिला को जॉब करने की इजाजत नहीं है इसलिए मैं कुछ नहीं करती हूँ | बाकि राशन पानी जो भी है वो मेरे पापा भेज देते हैं क्यूंकि हमारा बहुत बड़ा खेत है और वहां पर दाल चावल गेंहू इत्यादि की खेती की जाती है | मैं अपने पड़ोसियों से ज्यादा मतलब नहीं रखती हूँ क्यूंकि मेरा नेचर ऐसा नहीं है कि मैं किसी के साथ भी जल्दी घुलमिल जाऊं | बस मेरी एक औरत से ही बात होती है और वो है सीमा |
सीमा बहुत ही अच्छी है और उसका पति बाहर सरकारी नौकरी करता है | उसका एक बेटा है जो कि मेरी बेटी के साथ ही पढता है | वो अक्सर पढने के लिए हमारे घर आ जाता है और मेरी बेटी भी कभी कभी चली जाती है | मेरी बेटी और उसका बेटा दोनों एक ही क्लास में हैं और दोनों ही पढाई में अच्छे हैं | मेरी भी सीमा से काफी पटती है | एक दिन वो अपने पति के पास कुछ दिन के लिए गई तो उसने कहा कि रोहन ( उसका बेटा ) को अपने घर रखले | मैं एक हफ्ते में आ जाउंगी | तो मैंने कहा ठीक है लेकिन वो बस हमारे घर रात ही गुजारता था दिन के समय या तो स्कुल या तो घर पर ही रहता | मैं कुछ समय से नोटिस कर रही थी कि वो मेरी तरफ हवास भरी निगांहो से देखता था | पर मैंने उसे कुछ भी नहीं कहा | वो अक्सर मुझे देख कर अपने लंड को हाँथ से दबाने लगता तो मैं समझ गई कि ये मुझे चोदना चाहता है | चुदना तो मैं भी चाहती थी लेकिन अपने घर में | एक दिन मेरी बेटी तो स्कूल चली गई थी और मेरे सास ससुर दोनों ही मंदिर गए हुए थे | तो मैंने रोहन को अपने घर बुलाया और उसे कहा कि चल खाना खा ले बन गया है | तो उसने खाना खाया और फिर से अपने घर चला गया | मैं मन में सोचने लगी कि अब कैसे इसे बोलू कि तू आ और मुझे चोद दे | फिर मैंने उसे बाहर से ही आवाज़ लगाई तो उसने कहा हाँ आंटी मैं दो मिनट में आता हूँ |
उसके बाद उसको मैंने अपने घर बुलाया और उसको अपने कमरे में ले कर गई | वो उस समय मुझसे बहुत शर्मा रहा था तो मैंने उसके चेहरे को अपने हाँथ से उठाया और उसकी आँखों में आँखे डाल कर देखने लगी | तो वो भी मेरी आँखों में झाँकने लगा | मेरी आँखों में उसका चेहरा और उसकी आँखों में मेरा चेहरा नजर आ रहा था | फिर मैं धीरे धीरे अपने होंठ उसके होंठ के पास ले गई और उसके होंठ से चिपका कर किस करने लगी | वो भी मेरा साथ देते हुए मेरे होंठ को चूमने लगा | मैंने उसके होंठ को चूसते हुए उसकी टी-शर्ट को उतार दिया | हमने तकरीबन 5 मिनट तक किस किया | उसके बाद मैं उसके सीने पर अपने हाँथ फेरने लगी और उसके निप्पलस को भी होंठ से चूसने लगी तो वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊउंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां लेने लगा | फिर मैंने उसके लोअर को भी उतार दिया और अंडरवियर के उपर से ही लंड को हिलाने लगी | फिर मैंने उसके अंडरवियर को भी उतार दिया और उसे पूरा नंगा कर दिया | मैं उसके लंड को हिलाने लगी तो वो अकड़ने लगा | फिर मैंने उसे लेटाया और लंड को हिलाते हुए चाटने लगी तो वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊउंह ऊम्ह करते हुए सिस्करियाँ लेने लगा | मैं उसके लंड को जीभ से चाटते हुए गीला करने लगी |
मैं उसके दोनों को गोटों को चूसने लगी तो वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊउंह ऊम्ह करते हुए बिचाकने लगा | फिर मैंने उसके लंड को अपने मुंह में लिया और लोलीपोप की तरह चूसने लगी तो वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊउंह ऊम्ह करते हुए मेरे दूध को दबाने लगा | मैं उसके लंड को जोर जोर से ऊपर नीचे करते हुए चूस रही थी और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊउंह ऊम्ह करते हुए अपनी गांड उठा उठा कर मेरे मुंह में अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा | मैंने उसके लंड को 15 मिनट तक चूसा | उसके बाद मैं खड़ी हुई और अपनी साड़ी का पल्लू नीचे कर के ब्लाउज को भी उतार दिया तो वो झट से उठ कर मेरे दोनों दूध को ब्रा के ऊपर से ही मसलने लगा तो मेरे मुंह से भी आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊउंह ऊम्ह की सिस्कारियां निकलने लगी | जब मैंने ब्रा को उतार दिया तो वो लपक कर मेरे दोनों दूध को चूसने लगा तो मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊउंह ऊम्ह करते हुए उसके सिर के बाल को सहलाने लगी | वो मेरे दोनों दूध को बहुत जोर जरो से मसलते हुए चूस रहा था और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊउंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां ले रही थी | उसके बाद उसी ने मेरा पेटीकोट और पेंटी उतार दिया | उस समय मेरी थोड़ी थोड़ी झांटे थी | उसने मुझे लेटा दिया और मेरी दोनों टांगो को अपने कंधे में रख कर मेरी चूत को अपनी जीभ से सहलाने लगा तो मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊउंह ऊम्ह करते हुए कसमसाने लगी | वो मेरी चूत को चाटते हुए ऊँगली से चोद भी रहा था और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊउंह ऊम्ह करते हुए मजे ले रही थी | कुछ देर मेरी चूत चाटने के बाद उसने अपने लंड को मेरी चूत में रगडा और एक ही शॉट में अन्ह्दर घुसेड दिया और चोदने लगा तो मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊउंह ऊम्ह करते हुए चुदाई के मजे लेने लगी | फिर उसने एक दम से अपनी चुदाई कि रफ़्तार बढ़ा दिया और जोर जोर से मेरी चूत को चोदने लगा तो मैं भी आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊउंह ऊम्ह करते हुए अपनी कमर उठा उठा कर चुदाई में साथ देने लगी | उसके बाद उसने थोड़ी देर के लिए अपना लंड निकाला और फिर से अन्दर घुसेड कर चोदने लगा तो मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊउंह ऊम्ह करते हुए एक बार झड़ गई | कुछ देर की चुदाई के बाद उसने अपना मुट्ठ मेरी चूत के ऊपर ही छोड़ दिया |[Image: 0005_120311.jpg][Image: 0007_120314.jpg]

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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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(25-10-2021, 12:06 PM)neerathemall Wrote: नाम सोनिया है और मैं चंडीगढ़ की रहने वाली हूँ | मेरी उम्र 32 साल है और मैं दिखने में सांवली हूँ | मैं भले ही सांवली हूँ पर मेरा फेस कट अच्छा है | मेरी हाईट 5 फुट 5 इंच है और और मेरा फिगर भी बहुत गदराया हुआ है | मेरे दूध मध्यम साइज़ के हैं और मेरे चूतड बड़े और गोल हैं |

मेरी चूत मारी गई खेत मे
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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मैं इस बात से बहुत खुश थी कि हमारे गांव में इस वर्ष भी मेला लगने वाला है। मैं एक छोटे से गांव की रहने वाली हूं और हमारा गांव बिहार में है हमारा गांव पटना से 5 घंटे के रास्ते पर है। मैं इस बात से खुश थी कि इस वर्ष भी हम लोग मेले में खूब धूम धड़ाका करेंगे हर साल की तरह हमारे गांव में मेला लगता है इस बार भी मेला लगने वाला था। मेले की पूरी तैयारियां हो चुकी थी मैं अपनी मां के साथ बैठी हुई थी तो मेरी मां मुझे कहने लगी सोनिया तुम इस बार के मेले में जाओगी। मैंने अपनी मां से कहा मां मैं बचपन से आज तक हर बार मेले में गई हूँ तो इस बार मैं कैसे मेला छोड़ सकती हूं। मेरी मां कहने लगी सोनिया कई बार तुम्हें देख कर लगता है कि जब तुम्हारी शादी हो जाएगी तो तब मैं तुम्हारे बिना कैसे रहूंगी।
मेरी मां का मेरे प्रति बहुत लगाव है वह मुझे कहने लगी जब तुम छोटी सी थी तो मैं तुम्हारा हाथ पकड़कर तुम्हें मिले में घुमाने के लिए ले जाया करती थी लेकिन तुम मेले में काफी जिद करती थी जिस वजह से मुझे तुम्हारे लिए मेले से हर वर्ष खिलौने लाने पड़ते थे और तुम कुछ समय बाद उन खिलौनों को तोड़ दिया करती थी। मेरे पिताजी भी आ चुके थे वह कहने लगे अरे मां बेटी की क्या बातचीत चल रही है। मेरे पिताजी हमारे घर के बाहर लगी पलंग पर बैठ गए और हम लोगों से बात करने लगे उनकी आवाज बड़ी कड़क है पिता जी कहने लगे इस बरस तो मेले में नाटक भी होने वाला है इसकी बड़ी चर्चाएं हैं कि पटना से कुछ कलाकारों की टीम आ रही है। मैं इस बात से बहुत खुश थी क्योंकि मुझे नाटक देखने का बड़ा शौक था और जब भी मेले में नाटक लगता तो मैं उसे देखने जरूर जाया करती। मेला शुरू होने में अब सिर्फ 5 दिन बचे हुए थे लेकिन 5 दिन कैसे निकल गए पता ही नहीं चला। हम लोग जब पहले दिन मेले में गए तो वहां पर काफी धूल और मिट्टी उड़ रही थी तभी कुछ दुकानदार आपस में भिड़ गये वह लोग झगड़ा करने लगे सब लोग तमाशबीन बने हुए देख रहे थे कोई भी उन्हें समझाने के लिए या बीच में छुड़ाने के लिए नहीं गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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मैं और मेरी सहेलियां भी वहां से चली गई कुछ देर तक हमने देखा लेकिन लोगों को तो जैसे उन लोगों के झगड़े में भी मनोरंजन लग रहा था इसलिए सब लोग देखे जा रहे थे मैं और मेरी सहेलियां वहां से दूर जा चुकी थी। मैंने अपनी सहेलियों से कहा कि आज तो हम लोग घर चलते हैं क्योंकि मुझे नहीं लगता कि आज का दिन कुछ ठीक रहने वाला है। हम लोग अपने घर चले गए मैं जब घर गई तो मेरी मां ने मुझसे पूछा सोनिया तुम घर जल्दी आ गई मैंने कहा वहां पर कुछ लोग आपस में झगड़ा कर रहे थे और सब लोग वहां पर तमाशबीन बने देख रहे थे इसलिए मुझे कुछ ठीक नहीं लगा और मैं घर चली आई। मेरी मां कहने लगी बेटा तुमने बिलकुल ठीक किया अब धीरे धीरे गांव में भी सब लोग लोगों का स्वभाव बदलता जा रहा है आपस में झगड़े बहुत ज्यादा होने लगे हैं पहले सब लोग आपस में बड़े प्रेम से रहा करते थे। मैंने अपनी मां से कहा अब मैं कल ही मेले में जाऊंगी अगले दिन मैं अपनी सहेली रूपा के साथ मेले में गई थी उस दिन नाटक देखने के लिए काफी भीड़ जमा हो चुकी थी। रुपा मुझे कहने लगी लगता है आज बड़ा अच्छा नाटक होने वाला है हम लोग भी जमीन पर बैठे हुए थे और तभी मंच से हमारे गांव के रामु चाचा ने सब लोगों को संबोधित करते हुए कहा बस कुछ देर बाद ही नाटक शुरू होने जा रहा है आप लोगों को बड़ा ही आनंद आएगा। उन्होंने नाटकों के पात्रों का भी परिचय दिया और उसके कुछ देर बाद नाटक शुरू हो गया सब लोग नाटक देखने के लिए बैठे हुए थे। नाटक के पहले पात्र ने मंच पर अपनी जबरदस्त एंट्री से सबको हड़बड़ कर दिया सब लोग बहुत खुश थे और लड़के तो सीटिया बजा कर उस पात्र को जैसे उसके कलाकार सम्मान दे रहे थे और हम लोग नाटक में इतना खो गए कि पता ही नहीं चला कि कब वह तीन घंटे का नाटक खत्म हो गया। सब लोगों ने बड़ी जोरदार ताली बजाई और जितने भी पात्र वहां पर थे सब लोगों ने उनका बड़ा सम्मान किया।
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हमारे ही गांव के कुछ चुनिंदा लोगों ने उनके सम्मान में कुछ पैसे भी दिए और अब मैं और मेरी सहेली रूपा अपने घर की तरफ जा रहे थे तभी रास्ते मैं उसी नाटक मंडली गायक कलाकार से टकरा गई। मैंने जब उसे देखा तो मैंने उसे कहा ओ भैया क्या तुम्हें दिखता नहीं है वह कहने लगा गलती से हो गया आप मुझे माफ कर दीजिए लेकिन तभी रूपा ने मुझे कहा अरे तुम तो वही हो ना जो पटना से आए हुए हो। वह कहने लगे हां मेरा नाम अजय है और मैं पटना में रहता हूं वहीं पर हम लोग रहते हैं। अजय से बात कर के अच्छा लग रहा था और वह काफी देर तक हम लोगों से बात करता रहा। अजय ने हमसे कहा कभी आप पटना आये तो मुझे जरूर मिलेगा। मैंने अजय से कहा ठीक है कभी हमारा पटना आना हुआ तो हम लोग जरूर मिलेंगे रूपा ने अजय से पूछा वैसे आप लोग यहां कितने दिनों तक रहने वाले है। अजय कहने लगा हम लोग तो अभी यहां पर कुछ दिन और रहेंगे। वह लोग हर रोज एक नया नाटक सब लोगों को दिखाना चाहते थे और उन कुछ दिनों में मेरी अजय के साथ बहुत अच्छी बातचीत हो गई।
अजय भी शायद मुझे प्यार करने लगा था उसका प्यार एक तरफा ही था लेकिन मुझे इस बात की चिंता सता रही थी कि कहीं मेरे पिताजी और मां को इस बारे में पता ना चल जाए। गांव के माहौल में कभी भी इस बात की स्वीकार्यता नहीं थी इसलिए मैं काफी डरी हुई थी मैं और अजय ऐसे ही चोरी छुपे मिलने लगे थे। हम दोनों चलते चलते अपने गांव से थोड़ी दूरी पर निकल गए और वहां पर बैठकर हमने काफी देर तक एक दूसरे से बात की अजय के साथ बात कर के मुझे बहुत अच्छा लगा और मुझे ऐसा लगा कि जैसे अजय अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहता है। मैंने अजय से कहा तुम काफी मेहनती हो तुम जरूर अपने जीवन में आगे बढ़ोगे। अजय कहने लगा मेरी मां भी हमेशा यही कहती है और जब मुझे तुमसे बात करने का मौका मिला तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे तुम्हारे अंदर भी मेरी मां का कोई रूप छुपा हो तुम बिलकुल मेरी मां की तरह बात करती हो वह भी मुझे ऐसे ही समझाती रहती हैं और जिस प्रकार से तुम से मेरी मुलाकात हुई है वह भी किसी इत्तेफाक से कम नहीं है। मुझे भी अजय का साथ पाकर अच्छा लगा लेकिन जब अजय ने यह कहा कि मैं कल पटना लौट जाऊंगा तो मुझे यह बात हुई बुरी लगी। उस दिन मुझे अजय को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मै उसे अपनी बाहों में ले लू लेकिन मैं गांव की एक सीधी-सादी सी लड़की थी इसलिए मेरे अंदर इतनी हिम्मत ना थी परंतु अजय ने हिम्मत दिखाते हुए आखिरकार मुझे गले लगा लिया। जब अजय ने मुझे गले लगाया तो मेरे अंदर से उत्तेजना जागने लगी थी मेरे अंदर से एक करंट सा निकलने लगा। मैं अजय से गले मिलकर बहुत खुश थी जब अजय ने मेरे गुलाब जैसे होठों को अपने होठों से चुंबन किया तो मैं बिल्कुल रह ना सकी। मैंने अजय से कहा तुम मेरे होठों को बड़े अच्छे से चूम रहे हो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। हम दोनों पास के एक खेत में चले गए वहां कुछ दिखाई नहीं दे रहा था इसलिए हम दोनों ने खेत में जाकर एक दूसरे को काफी देर तक चुंबन किया जिससे कि हम दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो गए।
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जैसे ही अजय ने मेरे स्तनों का रसपान करना शुरू किया तो मुझे थोड़ा शर्म सी आ रही थी मैंने अपनी नजरें झुका ली थी लेकिन मैं अंदर ही अंदर बड़ी खुश थी। अजय का मोटा सा लिंग देखकर मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी पहली बार ही मैंने किसी पुरुष के लंड को अपने हाथों में लिया था मेरे लिए यह बड़ा ही अच्छा था। मैं उसके लंड को अपने हाथों से हिलाती रहती धीरे धीरे में उसके लंड को हिला कर खड़ा करने लगी अजय का लंड एकदम से तन कर खड़ा हो चुका था। वह मेरी योनि में जाने के लिए तैयार था अजय ने मुझे नीचे लेटाते हुए मेरी योनि को चाटना शुरू किया। काफी देर तक अजय मेरी योनि का रसपान करता रहा उसने मेरी योनि से पानी तक निकाल दिया था। जब अजय ने अपने मोटे लंड को मेरी योनि में प्रवेश करवाया तो मैं चिल्ला उठी मुझे बड़ा दर्द होने लगा लेकिन जिस गति से अजय धक्के दिए जा रहा था उससे मेरे मुंह से मादक आवाज निकल जाती और मेरी योनि से खून भी निकल रहा था।
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मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी मेरी योनि अब खून से लतपत हो चुकी थी लेकिन जैसे ही मेरी योनि पर लंड का प्रहार होता वैसे ही मेरी योनि में दोबारा से जोश पैदा हो जाता। मुझे बड़ा मजा आ रहा था मेरी योनि में चिकनाई बढ़ती जा रही थी मेरी योनि की चिकनाई मे इतनी ज्यादा बढ़ोतरी हो गई कि मै अजय के लंड की गर्मी को ज्यादा समय तक नहीं झेल सकती थी और जैसे ही मेरी योनि में वीर्य की कुछ बूंदें जाने लगी तो मुझे एहसास हो गया कि मेरी योनि मे वीर्य गिरने वाला है। मुझे गर्मी का एहसास हो चुका था और कुछ ही क्षणों बाद मेरी योनि में वीर्य गिर चुका था जिसके साथ मेरी इच्छा पूरी हो चुकी थी। मेरी चढ़ती हुई जवानी दोबारा से ढल चुकी थी मैंने अपनी योनि को साफ किया तो मेरी योनि से वीर्य अब तक टपक रहा था। मेरी योनि में इतना ज्यादा वीर्य टपक चुका था कि मैंने जब अपने कपड़े पहने तो उसके बाद भी मेरी पैंटी पर वीर्य गिरता जा रहा था।
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टेंशन मे चूत मरवाकर बहुत राहत मिली

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मेरा नाम सोनिया है मैं एक छोटे से गांव की रहने वाली हूं और हमारा गांव बिहार में है हमारा गांव पटना से 5 घंटे के रास्ते पर है।अब मैं भोपाल की रहती हूं, मेरी शादी को 10 वर्ष हो चुके हैं, इन 10 वर्षों के बीच में मैंने कई बार अपनी जिंदगी में कई बड़े उतार-चढ़ाव देखे है लेकिन उसके बावजूद भी मैंने हमेशा ही अपने पति का साथ दिया। कई बार उनकी गलती होने के बावजूद भी मैं हमेशा उनके साथ खड़ी रहती हूं। पिछले एक वर्ष से वह विदेश में नौकरी कर रहे हैं, वह मेरे भैया के साथ विदेश नौकरी करने के लिए चले गए, वह जिस कंपनी में नौकरी करते थे उस कंपनी में एक दिन उनका मैनेजर के साथ झगड़ा हो गया था इसलिए वह काफी समय तक घर पर ही बैठे रहे। मैंने जब यह बात अपने भैया को बताई तो भैया कहने लगे तुम अपने पति को मेरे साथ भेज दो।
उन्होंने ही मेरे पति सुरेश के सारे कागजात बनवाएं और उन्हें अपने साथ विदेश लेकर चले गए, वह हर महीने विदेश से मुझे पैसे भेज देते हैं जिससे कि अब हमारी आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर हो चुकी है और मैं भी अपने बच्चों का अच्छे से ध्यान रख पाती हूं। मेरे पास काफी समय बच जाता है इसलिए मैं छोटे बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाती हूं जिससे कि थोड़े बहुत पैसे मैं भी कमा लेती हूं, मैं हमेशा ही अपने पति से फोन पर बात करती हूं यदि मैं कभी उन्हें फोन नहीं कर पाती तो वह मुझे फोन कर देते हैं। एक बार हमारे पड़ोस में एक परिवार रहने के लिए आया, उन्हें यहां रहते हुए ज्यादा समय नहीं हुआ था, वह लोग शुरू में तो अच्छे से रहते थे परंतु बाद में वह लोग कॉलोनी के लोगों को काफी परेशान करने लगे, जिस वजह से कॉलनी के लोगों ने निर्णय लिया की इनसे घर खाली करवा दिया जाए। एक दिन सब लोगों ने मीटिंग की और उस दिन घर के जो मालिक थे हमने उनसे भी बात की और उन्हें घर खाली करवाने के लिए कह दिया लेकिन जब वह लोग घर छोड़ रहे थे तो उससे कुछ दिनों पहले मेरे घर पर चोरी हो गई, मुझे उन लोगों पर पूरा शक था क्योंकि वह लोग देखने से ही गलत प्रवृत्ति के प्रतीत होते थे। मैंने यह बात अपने पति से छुपाई मुझे लगा कि मैं उन्हें यह बात बताऊंगी तो शायद वह चिंता करेंगे इसीलिए मैंने उनसे इस बारे में बात नहीं की लेकिन उसी वक्त मेरे देवर को कुछ पैसों की आवश्यकता पड़ गई और वह मेरे पास आ गए, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मुझे क्या करना चाहिए क्योंकि मैं उन्हें मना भी नहीं कर सकती थी।
उन्होंने मेरे पति से फोन पर बात कर ली थी और उन्होंने भी मुझसे कहा कि तुम उसे कुछ पैसे दे देना, उन्हें अपना घर बनवाना है इसलिए उन्हें पैसों की आवश्यकता है। मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, जब मेरे देवर घर पर आए तो मेरे दिमाग में यही चल रहा था कि मैं इन्हें क्या बोलूं, मैं उन्हें मना भी नहीं कर सकती थी, मैं सोचने लगी कि मुझे क्या करना चाहिए। हमारे कॉलोनी में एक महिला हैं वह ब्याज में पैसे देती हैं, मुझे लगा की मुझे उनसे बात करनी चाहिए। मैं अपने घर के छत पर चली गई और मैंने उन्हें फोन किया तो वह मुझे कहने लगी कि तुम्हें पैसों की क्या आवश्यकता पड़ गई, मैंने उन्हें बताया कि मुझे पैसों की जरूरत है क्योंकि घर में कुछ काम है, वह मुझे अच्छी तरीके से जानती हैं और उन्हें मेरा नेचर भी पता है इसलिए उन्होंने मुझे मना नहीं किया और कहा कि कल तुम मुझसे पैसे ले लेना। मैं भी अब थोड़ा राहत महसूस कर रही थी और खुश भी थी, मैं जब नीचे आई तो मेरे देवर सोफे पर बैठे हुए थे और वह चाय पी रहे थे, मैं भी उनके साथ बैठ गई। मैने उनसे पूछा घर में आपकी पत्नी कैसी हैं, वह कहने लगे घर में तो सब अच्छे है, बस सोच रहा हूं कि अब घर बनवा लिया जाए इसलिए मुझे कुछ पैसों की आवश्यकता थी तो मैंने भैया से मदद मांगी, उन्होंने कहा कि घर पर चले जाओ, तुम्हें तुम्हारी भाभी पैसे दे देंगे। मैंने अपने देवर से कहा कि आप कल शाम को घर पर आ जाना मैं आपको कल पैसे दे देती हूं, वह कहने लगे भाभी जी बस अपनों का ही सहारा होता है, मैंने तो अपने दोस्तों से भी कहा लेकिन उन्होंने तो हाथ खड़े कर दिए परंतु इस वक्त मुझे पैसों की सख्त जरूरत थी
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इसलिए मैंने भैया को फोन किया तो भैया ने झट से हां कह दी।
मैंने उन्हें कहा हां आप यह बात तो सही कह रहे हैं, अपने ही मजबूरी के वक्त काम आते हैं। वह काफी देर तक मेरे साथ बैठे हुए थे, जब उन्होंने कहा कि मैं अब चलता हूं तो मैंने भी उनसे कहा ठीक है आप कल शाम को आ जाइएगा। मै अगले दिन ब्याज पर पैसे ले आई थी और शाम के वक्त मेरे देवर जी भी घर पर आ गए, मैंने उन्हें पैसे दे दिए और अपने पति से भी फोन पर बात करवा दी थी, अब वह भी खुश थे और मैं भी थोड़ा निश्चिंत थी लेकिन मुझे यह समझ नहीं आ रहा था कि वह पैसे मैं वापस कैसे करूंगी, मेरे देवर जी तो अपने घर चले गए लेकिन मैं बहुत दुविधा में थी। उस दिन शाम के वक्त बच्चे ट्यूशन में पढ़ने आए तो मेरा उन्हें पढ़ाने का मन नहीं हो रहा था, मैंने उस दिन उन्हें जल्दी घर भेज दिया। सब बच्चे घर जा चुके थे लेकिन मेरी समझ में नहीं आ रहा था मुझे क्या करना चाहिए। उस रात में अकेली बैठी हुई थी, मैंने अपनी अलमारी से शराब की बोतल निकाली और उसमें से दो चार पैक मार लिए, जब मुझे थोड़ा नशा हो गया तो मुझे चूत मरवाने की तलब होने लगी मैंने सोच लिया था मै अपनी चूत किसी से तो मरवाऊंगी।
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मैंने अपनी सहेली से उसके बायफ्रेंड का नंबर मांग लिया, जब वह मेरे पास आया तो मैं उसकी कद काठी देखकर उस पर फिदा हो गई।
मैंने उसके कपड़े उतार दिए, उसने भी मेरे कपड़े उतार दिए अब हम दोनों ही एक दूसरे से सेक्स करने के लिए उतारू थे। वह मुझे कहने लगा मैंने तो पम्मी को बहुत बार चोदा है लेकिन आज तुम्हें मुझसे चुदना है जब मुझे पम्मी ने यह बात बताई तो मैं तुम्हें चोदने के लिए उतारू था। मैंने उससे कहा बात कर के तुम समय बर्बाद मत करो, मैंने उसके लंड को अपने मुंह के अंदर लिया और उसके लंड को मैं चूसने लगी। उसका लंड मैंने इतनी देर तक चूसा की वह पूरी तरीके से गिला हो चुका था। मैंने उस से कहा आज तुम मेरी चूत मारकर मेरी टेंशन को दूर कर दो, उसने मेरे दोनों पैर चौडे किए और जैसे ही उसने अपने कड़क लंड को मेरी योनि के अंदर प्रवेश करवाया तो मैं मचल रही थी। उसने धीरे धीरे मेरी चूत के अंदर अपने लंड को डाल दिया, उसका बड़ा लंड मेरी चूत के अंदर उतरा तो मुझे ऐसा लगा जैसे कोई कड़क चीज मेरी चूत में चली गई हो। मैंने काफी समय से अपनी चूत नहीं मरवाई थी लेकिन उसके साथ मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने अपने दोनों पैर इतने चौडे कर लिए की वह मुझे कहने लगा तुम अपने पैरों को और चौड़ा कर लो ताकि मेरा लंड तुम्हारी चूत में आसानी से जा सके। उसका लंड मेरी चूत में इतनी तेजी से जा रहा था, मुझे बहुत मजा आ रहा था और उसे भी बहुत मजा आया। उसने मेरे साथ 10 मिनट तक संभोग किया, उसने मेरे पूरे बदन को लाल कर दिया था जिस प्रकार से उसने मुझे चोदा में संतुष्ट हो गई थी। जब उसका वीर्य मेरी योनि में गिरा तो मैं बड़े मजे ले रही थी, उसने मुझे कहा मुझे तुम्हारे साथ एक बार और सेक्स करना है। हम दोनों ने कुछ देर आराम किया, जब उसका लंड दोबारा से खड़ा हो गया तो उसने मुझे उल्टा लेटा दिया और मेरी योनि के अंदर जैसे ही उसका कड़क लंड गया तो मैं चिल्लाने लगी। उसका लंड उस वक्त बहुत ज्यादा कठोर हो चुका था और इतनी तेजी से वह मुझे झटके दे रहा था जैसे कि वह मेरी गांड और चूत को एक साथ मिलाना चाहता हो। उसने बड़ी तेजी से मुझे झटके दिए, मेरी चूतडे उससे टकरा रही थी, मुझे बड़ा मजा आ रहा था। हम दोनों ने एक दूसरे के साथ बहुत देर तक संभोग किया, जब उसका वीर्य पतन होने वाला था तो उसने मेरी बड़ी सी चूतड़ों के ऊपर अपने वीर्य को गिरा दिया। उसका वीर्य इतना ज्यादा गर्म था कि मैंने उसे अपनी गांड पर मल लिया। उस दिन मेरी टेंशन काफी हद तक दूर हो गई थी।
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गांव में सुंदर कन्या को चोदने का मजा लिया
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मेरा नाम राजेंद्र है मैं सरकारी स्कूल में अध्यापक हूं, मैं बिहार के एक छोटे से कस्बे में कार्यरत हूं और यहां पर मुझे दो वर्ष हो चुके हैं। मैं जब स्कूल में पढ़ाने आया तो यहां पर पूरी व्यवस्थाएं नहीं थी इसलिए मैं बहुत परेशान हो गया, मैं सोचने लगा मैं कहां पर आ गया हूं लेकिन मैंने हार नहीं मानी और मैंने सोचा कि मुझे कुछ नया करना पड़ेगा। मैं जिस क्षेत्र में था वहां पर ज्यादा पढ़े-लिखे लोग नहीं थे इसीलिए मैंने अपने घर पर फ्री में ट्यूशन पढ़ाने की सोची, मेरे पास स्कूल के बच्चे आते थे और वह लोग मुझसे फ्री में ट्यूशन पढ़ते थे। मैं किसी भी बच्चे से कोई भी पैसा नहीं लेता था जिससे कि उनकी पढ़ाई में भी सुधार होने लगा। मेरे इस कार्य की सब लोग सराहना करने लगे और सब लोग मुझसे बड़े खुश रहने लगे। मैं अब सब लोगों के बीच में चर्चित होने लगा था और सारे लोग मुझे मास्टर जी कह कर बुलाते थे।
मैंने भी बचपन में बहुत ही परेशानियों के बीच में पढ़ाई की थी इसलिए मुझे भी यह ज्ञान था कि यदि मेरी वजह से किसी बच्चे का भला हो जाए तो उसका जीवन सुधार सकता है इसीलिए मैंने यह फैसला लिया। सब बच्चो को मैं अच्छे से पढ़ाने लगा, जो भी बच्चा मेरे पास आता था वह बहुत ही अच्छे से पढ़ता था। उनके माता पिता मेरे लिए कुछ ना कुछ भिजवा देते लेकिन मुझे वह पसंद नहीं था, उसके बावजूद भी मुझे उनसे लेना पड़ता था क्योंकि वह लोग मुझे कहते कि यदि आप हमारे बच्चों के लिए इतना कुछ कर रहे हैं तो क्या हम आप के लिए इतना भी नहीं कर सकते। एक दिन मैं शाम के वक्त बच्चों को पढ़ा कर बाहर टहलने के लिए निकल रहा था, उस वक्त मैंने देखा कि वहां पर एक महिला और एक पुरुष का झगड़ा हो रहा है, मैं जब उनके पास गया तो वह दोनों एक दूसरे पर बहुत ही बुरी तरीके से चिल्ला रहे थे। मैंने उन दोनों को समझाते हुए शांत करवाया। वह लोग मुझे पहचान चुके थे इसलिए उन लोगों ने मुझे अपने घर में बैठा लिया। जब मुझे पता चला कि वह दोनों पति पत्नी है तो मैंने उन दोनों से पूछा कि तुम दोनों इतना क्यों झगड़ रहे हो तो वह कहने लगे कि मैं अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करता हूं लेकिन उसके बावजूद भी यह हमेशा ही मुझसे झगड़ती रहती है और कहती है कि आप मेरी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
मैंने उन दोनों को अपने पास ही बैठा लिया, मैंने उन दोनों को समझाते हुए कहा कि इसमें तुम दोनों की गलती नहीं है लेकिन यदि तुम इसी प्रकार से करोगे तो तुम्हारे बच्चों पर इसका बहुत ही बुरा असर पड़ेगा और मैंने उन महिला को भी समझाया कि जितना आपके पति कमाते हैं आपको उतने में ही संतुष्टि करनी चाहिए यदि आप ज्यादा के लालच में रहेंगे तो शायद आपके पति पर उस चीज का गलत असर पड़ेगा। वह भी मेरी बातों को समझ गए, उस दिन दोनों ने ही मुझे अपने घर पर रुकने के लिए कहा, मैंने उस दिन उन लोगों के घर पर ही भोजन किया। जब मैं अगले दिन अपने घर पर बैठा हुआ था तो मेरे पास कुछ महिलाएं आ गई और वह कहने लगे कि आप हमें भी थोड़ा बहुत पढ़ा दीजिए क्योंकि हम लोग भी ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं। मुझे उन्हें पढ़ाने में कोई आपत्ति नहीं थी इसलिए मैंने उन्हें भी पढ़ाना शुरू कर दिया और जब मैंने उन्हें पढ़ाना शुरू किया तो मुझे बहुत ही मेहनत करनी पड़ रही थी क्योंकि उन लोगों ने काफी समय पहले ही स्कूल छोड़ दिया था इसी वजह से मुझे उन्हें पढ़ाने में बड़ी दिक्कत हो रही थी। उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी और मैंने उन्हें पढ़ाने की पूरी कोशिश की। मैं अब उन्हें हमेशा ही शाम के वक्त पढ़ता था। गांव में मेरी सब लोग इज्जत करते थे। एक दिन मैं स्कूल से लौट रहा था, उस वक्त मुझे एक लड़की ने रोक लिया, वह लड़की दिखने में बहुत ही अच्छी लग रही थी और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे वह किसी शहर की रहने वाली है। जब वह मेरे पास आई तो उसने मुझे अपना परिचय दिया, उसका नाम सोनिया है। मैंने सोनिया से पूछा क्या आपको मुझसे कुछ काम था, वह मुझे कहने लगे मुझे यहां लोगों से पता चला कि आप लोगों के लिए यहां पर बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और उन्हें पढ़ा भी रहे हैं। मैंने सोनिया से कहा हां मैं उन्हें पढ़ाता हूं। सोनिया ने मुझे बताया कि मैं भी इसी गांव की रहने वाली हूं और मैं मुंबई में रहती हूं लेकिन मैं भी इसी गांव में रहकर कुछ करना चाहती हूं, मैंने उसे कहा कि क्यों ना फिर तुम यहां पर कोई ट्यूशन सेंटर खोल दो, मैं बच्चों को निशुल्क पढ़ाता हूं।
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तुम भी यदि उन्हें पढ़ाओ तो तुम्हें भी अच्छा लगेगा। वह कहने लगी हां मैं भी यही सोच रही थी। उसने एक घर किराए पर ले लिया और वहां पर ही हम दोनों बच्चों को और महिलाओं को पढ़ाते थे। सोनिया एक बहुत ही अच्छी और समझदार लड़की है और मेरी नजरों में उसकी बहुत इज्जत है क्योंकि वह अपने गांव के लिए बड़ा अच्छा काम कर रही थी। एक दिन खाली वक्त में हम दोनों बैठे हुए थे, सोनिया मुझसे पूछने लगी कि क्या आपकी शादी हो चुकी है, मैंने उसे बताया कि मेरी शादी तो हो चुकी थी लेकिन मेरी पत्नी के साथ मेरा डिवोर्स हो गया है क्योंकि हम दोनों के विचार एक दूसरे से बिल्कुल भी नहीं मिलते इसीलिए हम दोनों ने अलग रहने का फैसला कर लिया है। उसके बाद सोनिया ने मुझसे कुछ भी नहीं पूछा। हम दोनों में बहुत ही अच्छी दोस्ती होने लगी थी एक दिन सोनिया मेरे साथ मेरे घर पर बैठी हुई थी उस दिन वह खाना बना रही थी। जब हम दोनों साथ में बैठ कर बात कर रहे थे तो वह मुझसे चिपक रही थी, मुझे नहीं पता कि उस दिन उसके दिल में क्या चल रहा था लेकिन मुझे उसके साथ बैठना बड़ा अच्छा लग रहा था। मैंने जब सोनिया की जांघों पर हाथ रखा तो मुझे ऐसा लगा जैसे वह मुझसे कुछ चाहती हो। मैंने सोनिया के होठों पर अपने हाथ को रखा तो वह अपने आप ही नीचे लेट गई।
मैंने उसके नरम और गुलाबी होठों को अपने होठों में लेकर चूसना शुरू किया उसके होठों से खून भी निकलने लगा। मैंने उसके स्तनों को दबाते हुए उसके सारे कपड़े उतार दिए जब मैंने उसके गोल मटोल स्तनों को देखा तो मैं बिल्कुल भी नहीं रह पाया और मैंने उन्हें चूसना शुरू कर दिया मैंने सोनिया के स्तनों से खून भी निकाल दिया था, उसके स्तनों पर मैंने लव बाइट भी दी थी। मैंने सोनिया की योनि पर अपनी जीभ से टच किया तो वह बड़ी है मादक आवाज में सिसकियां ले रही थी, मैंने भी तुरंत अपने लंड को सोनिया की योनि पर लगा दिया उसकी योनि बहुत गर्म हो रखी थी। मैंने जैसे ही उसकी नरम और मुलायम योनि के अंदर अपने लंड को डालना शुरू किया तो उसकी योनि से खून निकल रहा था और वह दर्द से कराह रही थी लेकिन मैंने भी धीरे धीरे उसकी योनि के अंदर अपने लंड को डाल ही दिया। जैसे ही मेरा लंड सोनिया की योनि के अंदर घुसा तो उसकी योनि से खून की धार बाहर की तरफ निकल आई और उसकी योनि पूरी तरीके से छिल चुकी थी। मुझे उसकी टाइट चूत मारने में बड़ा आनंद आ रहा था, मैंने उसे किस करते हुए बड़ी तेज गति से चोदना शुरू कर दिए। मैं उसे झटके मारता तो वह अपने मुंह से सिसकियां ले रही थी, मुझे उसे चोदने में बड़ा मजा आ रहा था। सोनिया मुझे कहने लगी आपके साथ तो मुझे सेक्स कर के बहुत मजा आ रहा है और आज आपने मेरी जवानी को सफल बना दिया। मेरा वीर्य सोनिया की योनि में गया तो मुझे बड़ा अच्छा महसूस हुआ जब मैंने उसको उल्टा किया तो उसकी बड़ी गांड के अंदर से मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर घुसा दिया और उसे झटके देने लगा। मैंने उसे बड़ी तेजी से चोदना शुरू किया जिससे की उसकी बड़ी बड़ी चूतडे मुझसे टकराती तो मेरे अंदर से सेक्स को लेकर एक अलग ही प्रकार का जोश पैदा हो जाता। मैंने उसे बड़ी तेज गति से चोदना प्रारंभ किया मैंने उसे इतनी देर तक चोदा की उसकी योनि से खून निकल ही रहा था लेकिन मेरा भी पूरा लंड छिल चुका था, जब मेरा वीर्य पतन हुआ तो वह बहुत ही खुश हो गई।
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