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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
सीमा दीदी मुझसे चुदी बॉयफ्रेंड समझकर






सीमा दीदी मुझसे चुदी बॉयफ्रेंड समझकर
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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कैसे एक बहन ने नशे की हालत में अपने भाई को चोदा बॉयफ्रेंड समझ कर.. मेरा नाम रवि है और उम्र २३ साल. मेरी एक दीदी है सीमा जो २८ साल की है. दीदी की बर्थडे में उसके बॉयफ्रेंड ने अपने फार्महाउस में एक पार्टी रखी थी. उसका बॉयफ्रेंड कुणाल मेरा भी अच्छा दोस्त है इसलिए उसने मुझे भी पार्टी में बुलाया था… दीदी ने आज ब्लैक कलर की वन पीस ड्रेस पहनी थी, जो बहुत ही छोटी थी… जिसमे दीदी की गदरायी चौड़ी गांड बहुत कसी हुई लग रही थी.. वैसे दीदी का फिगर बहुत ही कातिलाना है.. बड़ी बड़ी चूचियां जैसे दूध से भरे हुए जग्स, लम्बी हाइट, पतली कमर और बाहर निकली भारी गांड. उनकी ड्रेस में पूरा क्लीवेज दिख रहा था, ३८ की अधनंगी चूचियां ऐसा लग रहा था जैसे पहाड़ो को ड्रेस में कैद कर रखा हो. मेरा बुरा हाल था दीदी की गदरायी जवानी देख कर..
दीदी के कॉलेज के काफी दोस्त आये थे, दीदी ने केक कटा और कुणाल को खिलाया, फिर दीदी ने मुझे भी खिलाया.. मैंने दीदी को हग किया और हैप्पी बर्थडे विश किया. फिर हम सब दारू पिने लगे और डांस करने लगे. दीदी मस्त गांड हिला हिला कर सेक्सी डांस कर रही थी… उसकी चूचियां बहुत हिल रही थी और आधे से ज्यादा नंगी दिख रही थी. कुणाल उसको पकड़ कर किश कर रहा था और उसकी भारी चुत्तड़ो को दबा रहा था… मुझे भी मजा आ रहा था.. पर कुणाल की जगह मैं अपनी दीदी के बदन का मजा लेना चाह रहा था…दीदी और कुणाल काफी नशे में चूर थे.. फिर रात १२ बजे सब लोग चले गए अब सिर्फ मैं, सीमा दीदी और कुणाल थे उसके फार्म हाउस पर… और हम तीनो दारू पिने लगे… मैं काफी धीरे धीरे दारू पि रहा था…कुणाल और दीदी ने काफी दारू पि ली थी और वो दोनों आउट हो गए.. कुणाल वही सोफे पर सो गया… मैं दीदी के पास गया.. और उसकी अधनंगी बदन को निहार रहा था.. मस्त चिकनी सेक्सी टंगे थी.. गोरी गोरी चूचियां मुझे दबाने के लिए पुकार रही थी.. मेरा हाथ दीदी की चूचियों पर चला गया और मैं दीदी की चूचियों को दबाने लगा… फिर मैंने दीदी की नैक पर किश किया… दीदी मॉन करने लगी… ओह्ह्ह्हह्ह कुणाल … अह्ह्ह्हह
मैं समझ गया की दीदी नशे में मुझे कुणाल समझ रही है… मैंने सोचा यही सही मौका है सीमा दीदी को चोदने का… दीदी की ऑंखें अभी भी नहीं खुल रही थी… मैंने दीदी को उठाया और सामने के एक कमरे में ले गया.. कुणाल अभी भी सोफे पर गहरी नींद में सो रहा था… कमरे में मैंने दीदी को बेड पर फेंक दिया और उसके बदन से खेलने लगा… उसकी बड़ी बड़ी चूचियों को खूब दबाया…फिर मैंने ड्रेस को दीदी के कंधो से उतरा और उनकी चूचियों को नंगा कर दिया.. क्या बड़े बड़े आम थे साली के… १० १० किलो के दूध के जग लग रहे थे… मैंने दीदी की चूचियों को खूब मसला और चूसा… दीदी अभी भी मुझे कुणाल समझ रही थी… ओह्ह्ह्हह्ह कुणाल …. आअह्ह्ह्हह की आवाजे निकल रही थी..फिर मैं उसकी मोटी मोटी सेक्सी टांगो को सहलाने लगा और किश करने लगा… मैंने ड्रेस को थोड़ा ऊपर उठा दिया और उसकी पैंटी उतर दी… अब दीदी की बूर मेरे सामने नंगी पड़ी थी… बहुत ही चिकनी और टाइट चुत थी उसकी…मैंने अपनी उंगली दीदी की चुत में डाल और अंदर बाहर करने लगा.. दीदी का कण्ट्रोल खो रहा था… अह्ह्ह्ह कुणाल.. फ़क मी बोल रही थी..

मैंने अपना ९” का लौड़ा दीदी की बूर में रखा और जोरदार झटका मारा.. मेरा सुपाड़ा बूर को चीरता हुआ अंदर धंस गया…दीदी की आँख खुल गयी… पर मैंने दीदी को हग करके रखा था इसलिए उसे पता नहीं चला की मैं कुणाल नहीं हूँ… मैंने देरी ना करते हुए लम्बे लम्बे शॉट्स मारे और अपना पूरा लंड दीदी की बूर में डाल दिया… दीदी की चीख निकल आयी… मैं ५ मिनट ऐसे ही रहा फिर धीरे धीरे दीदी को चोदने लगा… मैं बहुत तेजी से अपना लंड दीदी की बूर में अंदर बाहर करने लगा…दीदी को भी मजा आने लगा…..

दीदी: ओह्ह्ह्हह कुणाल… अह्ह्ह्हह फ़क मी कुणाल
मैं: दीदी मैं हूँ कुणाल नहीं…
दीदी: ओह माय गॉड रवि तू है … तू ये क्या कर रहा है.. चल हट मेरे ऊपर से…अपनी बहन को चोद रहा है…

मैंने चोदना नहीं छोड़ा और स्पीड बढ़ा दी…

मैं: सॉरी दीदी नशे में मुझे पता नहीं चला…
दीदी: अह्हह्ह्ह्ह… ओह्ह्ह्हह्ह … अब तो पता चल गया ना अब जल्दी निकल इसे…
मैं: पर दीदी अब निकालने का मन नहीं कर रहा है… वैसे भी दीदी मेरा लंड तो आपकी बूर में घुस ही चूका है चुदाई भी स्टार्ट हो गयी है.. दीदी प्लीज मुझे पूरा कर लेने दो…
दीदी: उईईईईई माँ रवि पर ये गलत है.. तू अपनी बहन को चोद रहा है…
मैं: नहीं दीदी मैं एक सेक्सी माल को चोद रहा हूँ.. जिसे चुदने में भी मजा आ रहा है…
दीदी: अह्हह्ह्ह्ह भाई… मजा तो आ रहा है.. पर हम ऐसा नहीं कर सकते.. चल जल्दी निकल अपना लंड…

मैंने दीदी की बात नहीं मानी और ताबड़ तोड़ दीदी को चोदने लगा…

मैं: दीदी प्लीज मान जाओ ना … मुझे भी मजा आ रहा है…और तुम भी मजा ले रही हो.. थोड़ी देर की हो तो बात चोद लेने दो मुझे…
दीदी: ओह्ह्ह्हह्हह … उईईईईई ऊऊऊओ रवि मजा तो मुझे भी बहुत आ रहा है.. और तू मस्त चोद भी रहा है… मगर…
मैं: उफ्फ्फ्फ़ दीदी मगर वगर छोड़िये…अब मेरा लंड जब आपकी बूर में चला ही गया है तो चुदाई का मजा लिजीये…
दीदी: आआअह्हह्ह्ह्ह भाई ठीक है… अगर तू बहनचोद बनना ही चाहता है तो … मार ले मेरी चुत…

ये सुनना था की मेरा जोश बढ़ गया और मैं लम्बे लम्बे शॉट मारने लगा.. पूरा रूम दीदी की चीखो से गुजने लगा…फचा फच का मधुर चुदाई संगीत पूरी रूम में बज रहा था…

मैं: ओह्ह्ह्हह दीदी … यू आर सो स्वीट…आपको कब से चोदने का मन कर रहा था…
दीदी: आअह्ह्ह्ह भाई… कीप फकिंग मी… मिटा ले साले अपनी वासना
मैं: उफ्फ्फ्फ़ दीदी क्या बदन है आपका… इतने बड़े बड़े आम है आपके.. जिसे देख कर ही लंड फुंकारने लगता है…
दीदी: उईईईईई …उईईईईई और चोद भाई … इन चूचियों को दबा दबा कर चोद मुझे

दीदी की चूचियां हर शॉट के साथ हवा में उछाल रही थी… मैं चूचियों को दबा दबा कर चूस रहा था और मेरा लंड दीदी की बूर को चोद रहा था….

मैं: आह्ह्ह्ह दीदी… हैप्पी बर्थडे… और ये रहा मेरा गिफ्ट…
दीदी: भाई… तेरा गिफ्ट बहुत अच्छा है…. आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह … पर अभी मेरा मन नहीं भरा है….गिव मी मोर भाई…और तेज… फ़क मी माय लिटिल ब्रदर…
मैं: उफ्फ्फ्फ़ दीदी… जब तक बोलोगी तब तक आपकी चुदाई होगी.. डोंट वरी
दीदी: ओह्ह्ह्हह सो स्वीट रवि… मैं झड़ने वाली हूँ थोड़ा और तेज मार अपना लंड मेरी बूर में .. और झाड़ दे अपनी बहन को..
मैं: येलो दीदी..

मैंने बहुत तेजी से दीदी को चोदने लगा. उनकी चूचियों को दबा दबा कर अपना लंड दीदी की बूर में पेल रहा था…. दीदी की मॉनिंग अब काफी लाउड हो गयी… अह्ह्ह्हह फ़क मी रवि…अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उईईईईई करते हुए दीदी झड गए और मैं भी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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चचेरी बहन का नंगा बदन : उसको पटाकर चोदा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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मैं राहुल मल्होत्रा अपने वाशरूम से निकल रूम में आया तो चचेरी बहन शीतल बेड पर आराम से लेटी हुई थी हालांकि उसका ड्रेस ठीकठाक था, स्कर्ट और टॉप्स पहने लेटी हुई थी और मुझे देख वो अंगड़ाई लेते हुए बोली ” कितना बदन दुख रहा है राहुल
( मैं उसके बूब्स के उभार को टॉप्स पर से ही देखता हुआ ) सो क्या दीदी, रात में ट्रेन में सोई नहीं थी
( वो ) ऊहुं, कोई खर्राटे भर रहा था तो कोई बातें कर रहा था बस करवट लिए बर्थ पर लेटी हुई थी
( मैं उसके पैर के पास बैठा ) ओह तो खाना खाकर आराम से सो जाइए
( शीतल ) गर्मी भी बहुत है साथ ही उस कमरे में ए सी तक नहीं है
( मैं ) तो क्या हुआ, आप मेरे बेड पर सोइए और मैं उस रूम में सो जाऊंगा ” इतने में दीदी अपनी पैर को मेरे गोद में रखकर इशारे से उसको दबाने को बोली तो मैं भी सोचा इसी बहाने शीतल के बदन पर हाथ तो फेर सकूंगा और मैं दीदी के पैर को दबाने लगा तो मेरा हाथ अब उसके स्कर्ट के अन्दर घुसकर मालिश कर रहा था और वो दोनों पैर सीधा किए मेरे गोद में रखी हुई थी, इतने में मॉम रूम में आई और देखते हुए बोली ” बहन की सेवा में भाई लगा हुआ है ” तो झटपट उठकर शीतल बैठ गई ” हां आंटी दरअसल रात को ट्रेन में नींद ही नहीं आईं







Kate Sin
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( मॉम ) ठीक है, खाना खाकर सो जाओ और मालिश राहुल से करवा लेना
( शीतल ) ठीक है आंटी, आपकी इजाजत हो तो मैं इसी रूम में सो जाऊं
( मॉम मुस्कुराने लगी ) तुम्हारा ही तो घर है, जहां सोना है सो जाओ ” फिर दोनों रूम से बाहर निकले और सबलोग एक साथ ही खाना खाने लगे, डैड बोले ” राहुल तू दीदी को अपने रूम में ही रहने देना और तुम उस रूम में सो जाना ” मैं सर हिलाकर हामी भरा फिर सब खाना खाकर अपने अपने रूम में चले गए, मैं अपने रूम आकर एक किताब लिया फिर मोबाइल उठाकर बगल के रूम चला गया तो शीतल बेड पर लेटी हुई थी ” हां दीदी अब आप जाकर मेरे रूम में आराम से सोइए
( वो हंसने लगी ) क्यों तुम्हें गर्मी नहीं लगती चल तू भी दोनों बातें करेंगे फिर वहीं सो जाना ” मुझे लग रहा था कि दीदी मुझे सेक्स के लिए प्रपोज कर रही है लेकिन उनके मन में क्या चल रहा है, पता नहीं तो दोनों मेरे रूम में आ गए और शीतल दरवाजा सटाकर वाशरूम चली गई तो राहुल ए सी ऑन करके बेड को ठीक किया, वैसे भी दो लोगों के लिए बेड था तो मैं चुपचाप बेड के किनारे पर बैठा हुआ शीतल का इंतजार कर रहा था और वो आकर बोली ” क्या हुआ आराम से लेट, बुद्धू की तरह चुपचाप बैठा क्यों है ” और शीतल बेड पर आकर लेट गई तो मैं भी उठकर पहले तो लाईट ऑफ किया फिर नाईट बल्ब ऑन करके बेड पर लेट गया। दोनों के बीच दूरी थी तो दोनों का पैर सीधा और तभी शीतल करवट लेकर मुझे देखने लगी तो मैं भी करवट होकर लेट गया ” क्या और कुल कर दूं
( शीतल ) नहीं बस थोड़ा और पैर दबा दे ” तो मैं उठकर उनके कमर के पास बैठा फिर उनके एक पैर अपने गोद में रखकर दबाने लगा, कोमल पैर साथ ही चिकने भी उसकी मालिश करता हुआ उपर की ओर बढ़ने लगा तो मेरी नजर उनके चेहरे पर पड़ी, उनका गोरा चेहरा लाल हो चुका था तो आंखें बन्द थी और मेरे हाथ के स्पर्श ने उन्हें कामुक कर दिया था। राहुल दीदी कि जांघ को पकड़ दबाने लगा तो मेरा लंड भी खड़ा होने लगा और उसकी जांघ के उपरी ओर बढ़ते हुए मैं उसकी कामग्नि को भड़का रहा था, अब मेरा हाथ उनके जांघ के पिछले भाग यानी चूतड़ पर पहुंच चुका था तो उपरी और निचले दोनों हिस्से की मालिश करता हुआ उसको गर्म कर चुका था और मेरा लंड शॉर्ट्स के अंदर ही टाईट हो चुका था। शीतल का लम्बा कद साथ ही सेक्सी फिगर और उसके पैर से जांघों तक की मालिश ने मुझे कामुक कर दिया था और जैसे ही मेरा हाथ उनके पेंटी पर से चूत का स्पर्श किया, वो हड़बड़ा कर मेरा हाथ स्कर्ट के अंदर ही पकड़ ली और उठकर बैठ गई तो मेरा हाथ उनके हाथ ने स्कर्ट के ऊपर से पकड़ रखा था तो मेरा हाथ उसके स्कर्ट के अन्दर था फिर भी उसके पैंटी पर उंगली फेरने लगा तो दीदी का गोरा चेहरा तमतमा कर लाल हो चुका था और वो अपना हाथ मेरे शॉर्ट्स के उपर रखकर लंड को पकड़ दबाने लगी तो अब दोनों काम की ज्वाला में जल रहे थे, मैं उसके चेहरे पर उंगली फेरने लगा ” प्लीज़ आप लेटिए, ऐसा मालिश करूंगा कि हमेशा याद रखेगी ” लेकिन वो मेरे करीब खिसककर मेरे गर्दन में हाथ डाले मेरे गोद में ही बैठ गई तो उसका गोल गुंबदाकार चूतड़ मेरे लंड पर दबाव बना रहा था लेकिन मैं तो जोश में आकर शीतल के चेहरा को ही चूमने लगा तो वो मेरे बदन से चिपककर मेरे पीठ सहलाने लगी, दोनों एक दूसरे को चूमने लगे तो वातानुकूलित कमरे में भी दोनों को गर्मी होने लगी तभी शीला मेरे मुंह से ओंठ निकालकर गोद पर से उतरकर बेड पर बैठ गई फिर बोली ” राहुल, प्लीज़ तुम उस रूम में जाओ, मैं खुद को काबू में नहीं रख पाई
( मैं उठा ) ओके, सॉरी गलती मेरी ही थी। ” और मैं उठकर जाने लगा लेकिन इच्छा तो नहीं थी फिर भी बगल वाले रूम में गया, दरवाजा बंद करके बेड पर लेट
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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हुल अपने रूम में चचेरी बहन शीतल को छोड़कर बगलवाले रूम में चला आया तो उसके और मेरे बीच जो चुम्बन प्रक्रिया पल भर के लिए हुई थी उससे मैं गर्म हो उठा था तो बिना मुठ मारे रह नहीं सकता था, फिलहाल बेड पर लेटकर मोबाइल में पोर्न वीडियो ऑन किया और देखने लगा तो शीतल के नग्न बदन को वाशरूम में पल भर के लिए देखा था साथ ही उनके बदन मालिश करते हुए उनके पैर से जांघों तक की मालिश करके कोमल अंगों का स्पर्श मिला था, सनी लियोन की नग्न बदन और उसके बॉय फ्रेंड का मूसल लंड उसकी मुंह में देखता हुआ लंड को शॉर्ट्स से बाहर निकाला फिर सहलाने लगा तो रात के ११:०० बज रहे थे, मेरे रूम में नाईट बल्ब ऑन था तो दरवाजा बंद और मैं पोर्न मूवी देखने में मस्त था तभी मुझे रूम में किसी की आहट सुनाई दी, वाशरूम के दरवाजे की ओर नजर फेरा तो शीतल दीदी खड़ी थी और मैं झटपट अपने लंड को शॉर्ट्स में डालकर मोबाइल पर चल रहे पोर्न वीडियो को ऑफ किया तो शीतल मुझे देख बोली ” सोची देखूं कि तुम सो रहे हो या ” मैं उसके बूब्स को देखता हुआ इस क़दर गर्म हो उठा की पास आते ही जरूर उसे पकड़ लेता लेकिन वो बेड के पास ही खड़ी रही ” ओके भाई, गुड नाईट चलती हूं ” तो वो अपनी कमर बलखाते वाशरूम के रास्ते रूम में जाने लगी लेकिन तभी वो मुड़कर देखी फिर उंगलियों से मुझे इशारा की, समझ गया कि सेक्स का आमंत्रण मिला है तो मैं पल भर बाद वाशरूम घुसा फिर फ्रेश होकर उसी रास्ते शीतल के रूम में गया तो वो बेड पर लेटी हुई थी। मुझे देख दीदी उठकर बैठी तो मैं उनके सामने बैठ गया, उनके हाथ में एक ब्लेक रंग की रुमाल थी फिर वो मेरे करीब आकर बोली ” अब तुम अपनी आंखें बन्द करो ” मैं अपनी आंखें बंद किया तो शीतल मेरे पीछे जाकर बैठी और मेरे आंखों पर रुमाल की काली पट्टी बांध दी, मैं चुपचाप बैठा रहा फिर वो मेरे कंधे को पकड़ मुझे लिटा दी और मैं लेटा हुआ सोच रहा था कि आखिर शीतल मेरे साथ क्या करेगी। पल भर बाद मुझे एहसास हुआ कि मेरी बनियान और शॉर्ट्स खुल चुकी है तो दीदी मेरे लंड को पकड़ सहला रही है, अब तो मैं अपने सीने पर चुम्बन पा रहा था तो अपना हाथ बढ़ाकर शीतल की बदन पर रखा तो उसकी पीठ को सहलाने लगा लेकिन मुझे तो कोमल अंगों का स्पर्श मिलने लगा, समझ गया कि वो भी कपड़ा उतार चुकी है तो मैं दीदी के ओंठ का प्यार चेहरा पर पा रहा था तो अपना हाथ उसकी बांहों पर लगाया और फिर उसकी बूब्स मेरे हाथ में आ गई तो उसको जोर जोर से दबाने लगा, तो शीतल मेरे छाती से पेट की ओर चूम रही थी साथ ही मेरे लंड को पकड़ सहलाने में मस्त थी लेकिन मेरे आंखों पर रुमाल की पट्टी की वजह से कुछ दिख नहीं रहा था और मैं बोला ” शीतल प्लीज़ खोल दो ना
( वो बोली ) सब कुछ तो खोल चुकी हूं ” तभी मैं खुद ही रुमाल को खोलने लगा फिर शीतल के सेक्सी नग्न बदन का झलक मिला और वो शरमाने लगी तो मैं उसको बेड पर लिटाकर उसके उपर सवार हुआ फिर उसके ओंठ चूमने लगा, तो दीदी अपनी जीभ मेरे मुंह में घुसा दी और मैं शीतल का जीभ चूसने लगा और वो मेरे पीठ सहलाते हुए मस्त थी, उसके सर के नीचे हाथ लगाकर उसके चेहरा को थोड़ा ऊपर किए हुए था ताकि उसकी जीभ पूरी तरह से चूस सकूं, इधर लंड उसकी चूत के मुहाने पर ही ठोकर मार रही थी और पल भर बाद वो मेरे चेहरे को पीछे करके जीभ निकाल पड़ी रही। मैं २३ साल की जवान लड़की का नग्न बदन देख रहा था तो उसकी उफान लेती चूचियां सहलाने लगा फिर झुककर उसके स्तन को मुंह में लिए चूसने लगा तो शीतल मेरे सर पर हाथ फेरने में मस्त थी ” उह ओह आह राहुल, तुम तो पुराने खिलाड़ी लगते हो ओह कितनी गुदगुदी
( मैं चूची छोड़कर ) किधर बेबी ” तो वो शर्म से चेहरा फेरकर हाथ से बुर की ओर इशारा की और मैं उसके दाहिने बूब्स को चूसने लगा और मेरा ६-७ इंच लम्बा लंड टाईट हो चुका था। गर्मी के मौसम में वातानुकूलित कमरे में दो नग्न जिस्म एक दूसरे को प्यार कर रहे थे तो दीदी की चूची छोड़कर मैं उसके कमर के पास बैठा फिर उसकी गान्ड के नीचे तकिया लगाने लगा तो वो बोली ” रुको जरा फ्रेश होकर आने दो ” तो शीतल अपने छाती से टॉवेल लपेटकर वाशरूम चली गई और मैं लेट गया, पल भर बाद आकर मेरे ऊपर सवार हो गई तो उसके दोनों जांघों के बीच मेरा चेहरा था साथ ही उसका मुंह मेरी लंड के पास तो समझो ६९ पोजीशन में सेक्स का मज़ा लेने जा रहे थे और मेरे चेहरे के उपर शीतल की मस्त चूतड़ थी तो वो खुद टॉवेल खोलकर नग्न हो गई, अब उसके गोल गुंबदाकार गान्ड को देखता हुआ चेहरा उपर उठाए चूतड़ को चूमने लगा तो दीदी मेरे लन्ड को किस्स करने में मस्त थी और मैं शीतल की गान्ड के छेद को उंगली से फैलाकर जीभ से चाटने लगा तो मेरा सुपाड़ा उसके ओंठों के बीच था जिसको वो चूसते हुए झांट में उंगली फेरने लगी, मैं उसकी टाईट गान्ड की छेद में जीभ डाले चाट रहा था तो वो आखिरकार मेरा २/३ लंड मुंह में लेकर चूसने लगी और मैं अब उसकी चूत के खूबसूरत फांकों को चूमते हुए गान्ड में उंगली करने लगा, इतनी मस्त जवानी तो मेरी दीपा दीदी भी नहीं है तो उसकी चूत के फैले फांकों के बीच जीभ रगड़ने लगा और समझ आ रहा था कि ये पहले से चुदाई का लुफ्त उठा रही है, वैसे भी इस उम्र में अकेलापन सब को महसूस होता है तो ये तो मॉडर्न ख्यालात की लड़की है और उसकी चूत को जीभ से चाटते हुए मेरा लन्ड अब पूरी तरह से उसके मुंह में टाईट था तो वो मुंह का झटका देकर मुखमैथुन कर रही थी, अब मैं बुर से जीभ निकालकर सांसों पर नियंत्रण करने लगा तो शीतल लंड को चूसने में मस्त थी ” उह ओह आह बेबी अब नहीं प्लीज़ अब चाटो ” तो दीदी गीले लंड को मुंह से निकालकर जीभ से चाटने लगी और राहुल फिर से उसकी चूत को चाटने लगा, बुर की सुंगध प्राकृतिक थी तो लंड को चाट चाट कर वो फिर से मुंह में ले ली और राहुल अब दोनों फांक को ओंठो के बीच लेकर चूसने लगा लेकिन एक मिनट के अंदर ही मेरे मुंह में चूत का रस था तो मैं चिल्ला उठा ” उह ओह अब झड़ेगा साली रण्डी आह पी ले ” तो लंड से वीर्य का फव्वारा उसकी मुंह में छूट पड़ा और शीतल उसे पीकर मेरे बदन पर से उतरकर हंसने लगी…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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चचेरी बहन का नंगा बदन : उसको जबरदस्ती चोदा


Roxanna


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(08-01-2021, 03:26 PM)neerathemall Wrote: [Image: 93249671_007_73a0.jpg]

(11-01-2021, 05:09 PM)neerathemall Wrote: चचेरी बहन का नंगा बदन : उसको जबरदस्ती चोदा

राहुल के बड़े अंकल आजमगढ़ में पुलिस ऑफिसर हैं तो उनके दो बच्चे, एक शीतल ( २३ साल ) और दूसरा विवेक ( १९ साल ) उनके साथ रहते है और उनकी पत्नी सुनीता काफी मॉडर्न ख्यालात की औरत है तो साल भर पहले मैं अपनी बड़ी चाची को चोदकर आनंद उठाया था, ये बात साल भर पहले की है जब शीतल दीदी किसी एग्जाम के लिए कानपुर आईं थीं और शीतल दीदी का गोरा सुंदर मुखड़ा, ५’५ इंच का कद और उनके सेक्सी फिगर मुझे अब भी याद है तो उनके गोल गुंबदाकार चूतड़ को याद कर मैं मुठ भी कई दफा मार चुका था और आज शाम शीतल दीदी को रिसीव करने मुझे कानपुर जंक्शन जाना था, वैसे भी ये मुंह फ्ट्ट और घमंडी किस्म की लड़की है लेकिन मॉम के कहने पर उसे पिक करने जाना था। शाम के ०६:१५ बजे मैं अपनी बाईक से कानपुर जंक्शन के लिए निकल पड़ा तो मई महीने की गर्मी और उमस भरी शाम काफी परेशान कर रही थी, ट्रेन का स्थिति जाना तो आधे घंटे देर से पहुंचने की संभावना थी तो मैं विजय नगर चौराहा पर पहुंचकर वाईन शॉप से एक ठंडी बियर खरीदा फिर वहीं पर पीने लगा, थोड़ी देर बाद जंक्शन के लिए निकल पड़ा तो ट्रैफिक काफी अधिक थी साथ ही मेरा मन बियर के नशे में मस्त था और आखिरकार कानपुर जंक्शन पहुंचा फिर एक प्लेटफॉर्म टिकट खरीदकर प्लेटफॉर्म नंबर ४ पर गया, अब ट्रेन आने का वक्त हो चला था तो मैं प्लेटफॉर्म पर ही घूमने लगा और जैसे ही ट्रेन की सूचना हुई मैं ए सी टू टायर के बौगी के जगह की ओर बढ़ा फिर ०७:३५ शाम को ट्रेन प्लेटफॉर्म में घुसी और मैं पल भर बाद ही शीतल दीदी को ट्रेन से उतरते देखा, उनके पास गया तो उनके हाथ में एक बड़ा सा ट्रॉली बैग था और दीदी मुझे देखकर मुझसे गले मिल ली तो मैं भी उनके पीठ थपथपाकर स्वागत किया फिर मैं उनके बैग लिए उनके साथ प्लेटफॉर्म से निकल पड़ा तो दीदी बोली ” तुम बाईक से आए हो
( मैं ) हां दीदी, क्यों
( वो ) इस बैग को रखकर बाईक पर बैठना मुस्किल है
( मैं ) आप आराम से बैठिए बाकी बैग पीछे चैन से बांध दूंगा ” तो बाईक के सीट के पीछे बैग को बांधा और अब मैं बाईक स्टार्ट किया तो शीतल दीदी ब्लू रंग की लेगिंग्स और स्लीवलेस कुर्ती पहन रखी थी, वो दोनों पैर दो दिशा में किए बैठी तो उसके तन का अगला हिस्सा मेरे तन के पिछले हिस्से से सटना तय था और वहीं हुआ, अब बाईक मेन रोड पर लिया तो शीतल के दोनों बूब्स का दबाव मेरे पीठ पर पड़ रहा था और दीदी बेझिझक होकर मेरे कमर से हाथ लपेट दी तो मैं तेज रफ्तार से बाईक चलाने लगा और शीतल दीदी के हाथ मेरे कमर पर इस क़दर थे मानो वो मेरी प्रेमिका हो तो पूछी ” तुम ड्रिंक्स भी करते हो
( मैं ) नहीं दीदी, आपको कौन बताया
( शीतल ) मेरे नाक को सुंगध मिल रही है राहुल ” तो वो मेरे कंधे पर सर रखकर ऐसे बैठी थी मानो रास्ते में ही उसके साथ सेक्स हो जाए, बहुत ही गरम तेवर और गुस्सैल लड़की शीतल को लेकर घर पहुंचा तो मेरा लंड जींस के अंदर ही टाईट हो चुका था, फिर अपने रूम जाकर कपड़ा बदलने लगा और हाथ मुंह धोकर शॉर्ट्स पहने डायनिंग हॉल आया तो मॉम और डैड वहां बैठे हुए थे तो मैं भी वहीं बैठा फिर शीतल रूम से बाहर आई तो उसको शॉर्ट्स और टॉप्स में देख मॉम भी थोड़ा गुस्सा हुई लेकिन कुछ नहीं बोली ” बैठो चाय पियोगी।
( वो मेरे बगल में बैठकर ) नहीं आंटी, कॉफी पीने का मन है फिर स्नान करूंगी बहुत गर्मी हो रही है ” तो मॉम उठकर किचन चली गई तो डैड अपने रूम और अब मैं उसके नग्न टांग सहित चिकने जांघों को देख रहा था तो शीतल अपने सर को सोफ़ा के बैक पर रखकर अपनी दोनों बूब्स उभार रही थी, जी कर रहा था कि पटक कर चोद डालूं, वैसे भी मुझसे उम्र में दो साल बड़ी थी तो वो पूछी ” तो बैंकिंग क्षेत्र में नौकरी के लिए तैयारी चल रही है
( मैं ) हां दीदी ” फिर मॉम कॉफी लेकर आई फिर दोनों कॉफी पीने लगे तो मॉम किचन चली गई, वो कॉफी पीते हुए मेरे लंड के उभार को कंख्किया कर देख रही थी तो मैं उसके बूब्स सहित जांघ को फिर वो कप रखकर बोली ” चलूं स्नान करने, दीपा के रूम में ए सी नहीं है ना
( मैं ) नहीं वैसे आप मेरे रूम में सो सकती हैं ” तो वो मुंह चमकाकर उठी और चली गई और मैं उसके चूतड़ को देख आहें भरने लगा तो शीतल की बूब्स का एहसास पाकर मैं कामुक हो उठा था लेकिन इस गुस्सैल और घमंडी लड़की के बदन पर हाथ लगाना मानो किसी आग की भट्टी में कूदना हो, वो चली गई तो मैं अपने रूम जाकर लेट गया और मेरे और दीदी के रूम का कॉमन वाशरूम है जिसका दरवाजा दोनों रूम में खुलता है तो शीतल वाशरूम में होगी, ये मैं जान रहा था साथ ही उसने मेरे दरवाजे की कुण्डी अंदर से बन्द की होगी ये भी मुझे मालूम था। रात के ०८:४० हो रहे थे तो बियर पीने के बाद मैं नशे में मस्त था तो अब मुझे तेजी से पीसाब लगी सोचा की पल भर रुककर ही वाशरूम का दरवाजा इधर से खोलता हूं तब तक शायद उसका स्नान हो जाए, फिर मैं उठा और दरवाजे को धक्का दिया तो दरवाजा खुलते ही मेरी नजर सीधे शीतल दीदी के नग्न जिस्म पर गई और वो स्नान करके अपने तन को टॉवेल से पोंछ रही थी, मैं घबराकर तुरंत ही दरवाजा बन्द किया फिर अपने बेड पर आकर बैठ गया तो उसकी नग्न जिस्म की तस्वीर मेरी आंखों में थी, उसके दोनों बूब्स साथ ही नग्न पेट से जांघों तक को देख चुका था लेकिन कहिए तो बुर दर्शन पल भर के लिए ही हुआ था और मेरा लंड पूरी तरह से टाईट हो गया फिर कुछ देर बाद शीतल मेरे रूम में घुसी और बोली ” सॉरी अंदर से कुण्डी लगाना भूल गई ” मैं उठकर वाशरूम घुसा फिर मूतने लगा,[Image: 6.jpg]


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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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चचेरी बहन की कामुकता : उसके बदन को प्यार किया
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राहुल अपने रूम में चचेरी बहन शीतल को छोड़कर बगलवाले रूम में चला आया तो उसके और मेरे बीच जो चुम्बन प्रक्रिया पल भर के लिए हुई थी उससे मैं गर्म हो उठा था तो बिना मुठ मारे रह नहीं सकता था, फिलहाल बेड पर लेटकर मोबाइल में पोर्न वीडियो ऑन किया और देखने लगा तो शीतल के नग्न बदन को वाशरूम में पल भर के लिए देखा था साथ ही उनके बदन मालिश करते हुए उनके पैर से जांघों तक की मालिश करके कोमल अंगों का स्पर्श मिला था, सनी लियोन की नग्न बदन और उसके बॉय फ्रेंड का मूसल लंड उसकी मुंह में देखता हुआ लंड को शॉर्ट्स से बाहर निकाला फिर सहलाने लगा तो रात के ११:०० बज रहे थे, मेरे रूम में नाईट बल्ब ऑन था तो दरवाजा बंद और मैं पोर्न मूवी देखने में मस्त था तभी मुझे रूम में किसी की आहट सुनाई दी, वाशरूम के दरवाजे की ओर नजर फेरा तो शीतल दीदी खड़ी थी और मैं झटपट अपने लंड को शॉर्ट्स में डालकर मोबाइल पर चल रहे पोर्न वीडियो को ऑफ किया तो शीतल मुझे देख बोली ” सोची देखूं कि तुम सो रहे हो या ” मैं उसके बूब्स को देखता हुआ इस क़दर गर्म हो उठा की पास आते ही जरूर उसे पकड़ लेता लेकिन वो बेड के पास ही खड़ी रही ” ओके भाई, गुड नाईट चलती हूं ” तो वो अपनी कमर बलखाते वाशरूम के रास्ते रूम में जाने लगी लेकिन तभी वो मुड़कर देखी फिर उंगलियों से मुझे इशारा की, समझ गया कि सेक्स का आमंत्रण मिला है तो मैं पल भर बाद वाशरूम घुसा फिर फ्रेश होकर उसी रास्ते शीतल के रूम में गया तो वो बेड पर लेटी हुई थी। मुझे देख दीदी उठकर बैठी तो मैं उनके सामने बैठ गया, उनके हाथ में एक ब्लेक रंग की रुमाल थी फिर वो मेरे करीब आकर बोली ” अब तुम अपनी आंखें बन्द करो ” मैं अपनी आंखें बंद किया तो शीतल मेरे पीछे जाकर बैठी और मेरे आंखों पर रुमाल की काली पट्टी बांध दी, मैं चुपचाप बैठा रहा फिर वो मेरे कंधे को पकड़ मुझे लिटा दी और मैं लेटा हुआ सोच रहा था कि आखिर शीतल मेरे साथ क्या करेगी। पल भर बाद मुझे एहसास हुआ कि मेरी बनियान और शॉर्ट्स खुल चुकी है तो दीदी मेरे लंड को पकड़ सहला रही है, अब तो मैं अपने सीने पर चुम्बन पा रहा था तो अपना हाथ बढ़ाकर शीतल की बदन पर रखा तो उसकी पीठ को सहलाने लगा लेकिन मुझे तो कोमल अंगों का स्पर्श मिलने लगा, समझ गया कि वो भी कपड़ा उतार चुकी है तो मैं दीदी के ओंठ का प्यार चेहरा पर पा रहा था तो अपना हाथ उसकी बांहों पर लगाया और फिर उसकी बूब्स मेरे हाथ में आ गई तो उसको जोर जोर से दबाने लगा, तो शीतल मेरे छाती से पेट की ओर चूम रही थी साथ ही मेरे लंड को पकड़ सहलाने में मस्त थी लेकिन मेरे आंखों पर रुमाल की पट्टी की वजह से कुछ दिख नहीं रहा था और मैं बोला ” शीतल प्लीज़ खोल दो ना
( वो बोली ) सब कुछ तो खोल चुकी हूं ” तभी मैं खुद ही रुमाल को खोलने लगा फिर शीतल के सेक्सी नग्न बदन का झलक मिला और वो शरमाने लगी तो मैं उसको बेड पर लिटाकर उसके उपर सवार हुआ फिर उसके ओंठ चूमने लगा, तो दीदी अपनी जीभ मेरे मुंह में घुसा दी और मैं शीतल का जीभ चूसने लगा और वो मेरे पीठ सहलाते हुए मस्त थी, उसके सर के नीचे हाथ लगाकर उसके चेहरा को थोड़ा ऊपर किए हुए था ताकि उसकी जीभ पूरी तरह से चूस सकूं, इधर लंड उसकी चूत के मुहाने पर ही ठोकर मार रही थी और पल भर बाद वो मेरे चेहरे को पीछे करके जीभ निकाल पड़ी रही। मैं २३ साल की जवान लड़की का नग्न बदन देख रहा था तो उसकी उफान लेती चूचियां सहलाने लगा फिर झुककर उसके स्तन को मुंह में लिए चूसने लगा तो शीतल मेरे सर पर हाथ फेरने में मस्त थी ” उह ओह आह राहुल, तुम तो पुराने खिलाड़ी लगते हो ओह कितनी गुदगुदी
( मैं चूची छोड़कर ) किधर बेबी ” तो वो शर्म से चेहरा फेरकर हाथ से बुर की ओर इशारा की और मैं उसके दाहिने बूब्स को चूसने लगा और मेरा ६-७ इंच लम्बा लंड टाईट हो चुका था। गर्मी के मौसम में वातानुकूलित कमरे में दो नग्न जिस्म एक दूसरे को प्यार कर रहे थे तो दीदी की चूची छोड़कर मैं उसके कमर के पास बैठा फिर उसकी गान्ड के नीचे तकिया लगाने लगा तो वो बोली ” रुको जरा फ्रेश होकर आने दो ” तो शीतल अपने छाती से टॉवेल लपेटकर वाशरूम चली गई और मैं लेट गया, पल भर बाद आकर मेरे ऊपर सवार हो गई तो उसके दोनों जांघों के बीच मेरा चेहरा था साथ ही उसका मुंह मेरी लंड के पास तो समझो ६९ पोजीशन में सेक्स का मज़ा लेने जा रहे थे और मेरे चेहरे के उपर शीतल की मस्त चूतड़ थी तो वो खुद टॉवेल खोलकर नग्न हो गई, अब उसके गोल गुंबदाकार गान्ड को देखता हुआ चेहरा उपर उठाए चूतड़ को चूमने लगा तो दीदी मेरे लन्ड को किस्स करने में मस्त थी और मैं शीतल की गान्ड के छेद को उंगली से फैलाकर जीभ से चाटने लगा तो मेरा सुपाड़ा उसके ओंठों के बीच था जिसको वो चूसते हुए झांट में उंगली फेरने लगी, मैं उसकी टाईट गान्ड की छेद में जीभ डाले चाट रहा था तो वो आखिरकार मेरा २/३ लंड मुंह में लेकर चूसने लगी और मैं अब उसकी चूत के खूबसूरत फांकों को चूमते हुए गान्ड में उंगली करने लगा, इतनी मस्त जवानी तो मेरी दीपा दीदी भी नहीं है तो उसकी चूत के फैले फांकों के बीच जीभ रगड़ने लगा और समझ आ रहा था कि ये पहले से चुदाई का लुफ्त उठा रही है, वैसे भी इस उम्र में अकेलापन सब को महसूस होता है तो ये तो मॉडर्न ख्यालात की लड़की है और उसकी चूत को जीभ से चाटते हुए मेरा लन्ड अब पूरी तरह से उसके मुंह में टाईट था तो वो मुंह का झटका देकर मुखमैथुन कर रही थी, अब मैं बुर से जीभ निकालकर सांसों पर नियंत्रण करने लगा तो शीतल लंड को चूसने में मस्त थी ” उह ओह आह बेबी अब नहीं प्लीज़ अब चाटो ” तो दीदी गीले लंड को मुंह से निकालकर जीभ से चाटने लगी और राहुल फिर से उसकी चूत को चाटने लगा, बुर की सुंगध प्राकृतिक थी तो लंड को चाट चाट कर वो फिर से मुंह में ले ली और राहुल अब दोनों फांक को ओंठो के बीच लेकर चूसने लगा लेकिन एक मिनट के अंदर ही मेरे मुंह में चूत का रस था तो मैं चिल्ला उठा ” उह ओह अब झड़ेगा साली रण्डी आह पी ले ” तो लंड से वीर्य का फव्वारा उसकी मुंह में छूट पड़ा और शीतल उसे पीकर मेरे बदन पर से उतरकर हंसने लगी…….c
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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Hawash ki aag
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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Akash ka nanga kaala jism bilkul kisi nigro ki tarah dikh raha tha sharab ke nashe me uski dono aankhe khun ki tarah laal laal ho chuki thi uske ek hath me whisky ki bottle to dusre hath se vo sana ki balon ko mutthi me pakad rakha tha aur sana sofe ke niche uske dono jangho ke bich bilkul nangi baith kar apne mehandi lage gori hatheli me uska kaala mota vishal lund apne pakiza muh me le kar kisi randi ki tarah chus rahi thi… uffff saali chhinal ab to tu lund chusne me expert ho gayi hai lund par se hath hata aur mere taraf dekhti huyi lund chus kamini……..
Akash ki baat sun vo jhat se apna hath lund par se hata upar akash ki aankho me jaise hi dekhi vo khud se bol padi.. haay allaah ufff aaj to akash bilkul vahasi janawar dikh raha hai….. vo soch hi rahi thi ki akash ne whisky ke bottle ka muh bend kar apne lund ke jad par rakh halka halka whisky giraane laga…… use aisa karate dekh sana uske lund ko muh se bahar karane ki koshish ki par us zaalim ne to uske ballon ko kas kar mutthi me pakad rakha tha.. lund se hota huwa neat whisky (jisme bilkul hi pani nahi mila huwa tha) sana ki muh me jane lagi thi.. ek ajeeb se muh banayi vo par akash ki pakad itni majboot thi ki vo kuch nahi kar pa rahi thi uske lund se hota huwa whisky dhire dhire vo pine lagi thi uska gala to jal raha tha par vo karati bhi kaya uski chut me to shola bhadaka huwa tha jise kewal akash hi bujha sakta tha….. aaaaaah kamini kuttiya pi ja puri bottle saali randi bhagwan kasam aaj teri chut ko jawalamukhi bana dega Akash………
Akash bilkul jhuth nahi bol raha tha jaise jaise sharab sana ke pet me ja rahi thi us par nasha haabi hone laga tha us se uski chut ki aag aur bhadak rahi thi ab vo khud se lund ko pakad kisi bhukhi kuttiya ki tarah se chusti huyi lund se sharab pine lagi thi…..
Akash ne jab dekha ab to ye pura nashe me ho chuki hai uske muh se lund bahar kar use bed ke pass la kar pet ke bal uska aadha jism bed par kiya kamar se niche uske dono pair jameen par the… vo jhuk kar uski gori gaand ko chouda kar us par bahut sara honey daal uski gaand ki faak ko jibh se chatne laga essssssshhh haay alaaah aaaaaah akashhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh (pahali baar vo akash bhai na bol kar kewal akash boli thi) aur chato meri gaand essssssshhh bahut accha lag raha hai akash uyyyyyeeeeeeeeessssssssshhhhhhh….. par akash uski baat sun nahi raha tha gaand ki suraakh par jibh laga kutte ki tarah chatne laga fir slowly apna bich waali moti anguli uski gaand ki chhed me push karane laga……. aaayyyyyyyyyyyyeeeeeeeeeeesssssssssssshhhhhh aaaaaamiiiiiiiiiii aaaaaaaaaahhh akash plssss lund dhire daalo dard ho raha hai aaaaaah… uski baat sun akash hans pada… bahanchod ye meri anguli hai mera lund nahi… lund bhi daalunga par itni jaldi nahi re kamini kuttiya……
Honey ki vajah se sana ki gaand aur uske hath dono lubricant ho gaye the ghap se puri anguli sana ki gaand me jaise hi ghusi vo dard se… haaaay mai mar gayi…. cheekh kar apne dono hatho se bedsheet mutthi me pakad li aur akash ghap ghap uski tight gaand me apna mota anguli pelne laga…… sana nashe me to thi par dard se bhi tadap rahi thi… par akash to zaalim mard tha use dard ki koi parwaah nahi ghach ghach anguli pele ja raha tha sana ke gaand ki muh dhire dhire badi ho kar khulti ja rahi thi…. tabhi vo gaand se anguli bahar kar uski gori gori badi chuttad ko dekhte huye chataak chataak maarne laga……. aaaaaah akash bhai uffffff dard ho raha par maza bhi aa raha maaro meri gaand par aur maaro essssssshhh.. apni hawash ki aag me jal rahi sana aaj bilkul pagal ho chuki thi.. akash janwar ki tarah thappad uski gaand par maarte maarte uski gori chuttad ko puri laal kar diya………. par akash to aaj pura plan pahale hi kar chuka tha is khel ko kaise khelna hai…. vo jhuk kar uski dono jangh ko halka sa faila kar apna kaala mota lund uski chut ki muh par rakh jor se jhatka diya oooooouuuucccch ohhhhhhhhaaaaaaaamiiiiiiii aaaaakaaaaaaasssssssshhhhhhhhhh essssssshhh.. sana dard se bilbila padi par akash ka lund uski chut ko cheerta huwa pura andar ghus gaya aur vo bhi uski pith par let kar dono hath aage kar uski dono boobs ko pakad berahami se daba daba kar masalne laga….
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ROSETT




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Akash ab puri rafatar se uski chut chod raha tha aur dhire se vo dilodo bhi pura uski gaand me ghusa kar uski gaand bhi chodne laga aaaaaah…..
Sana ke chut aur gaand par ek sath hamala ho raha tha apni life me pahali baar sana aisa maza le rahi thi vo kafi der tak aisa maza chahti thi par chut uska sath chhorne lagi aur fach fach apna ras fek di jis se Akash ka lund pura gila ho gaya sana ka jism akaad gaya.. aur tabhi akash ne uski gaand se dilodo bahar kar gaand ki muh chhota hone se pahale hi ek jhatke me apna lund uski gaand me pel diya…. aur sana dard se cheekh padi ko akash ne ek hath aage kar uska muh kas kar daba liya… akash ka lund dilodo se mota hone ki vajah se abhi aadha hi ghusa tha isliye sana ki muh ko aur Kas kar daba akash ghach se maara aur sana dard se apne jism ko yethate huye sikod li vo chaah kar bhi cheekh nahi pa rahi thi kayo ki akash ka majboot hatehili se uska muh daba huwa tha….
Aur akash kisi zaalim haiwaan ki tarah ghach ghach ghacha ghach ghacha ghach sana ki gaand chodne laga tha aur sana dard se andar hi andar tadap rahi thi tabhi akash ne jor se jhtka diya pura 8inch lamba 3inch mota lund jad tak uski gaand me dhasa aur lund se garam garam sperm nikal kar uski gaand me bhar gaya akash bhi beshudh ho kar vaise hi uski pith par leta raha…
Sana ki tight gaand ki vajah se Akash ka lund loose hona suru huwa to vo uth kar bed par let gaya.. sana bhi uske bal me aa kar let gayi aur apne gori hatheli se uske chhati ko sahala rahi thi chhati ke baalon se khel rahi thi… subah hone waali hai andhere me hi nikal ja aur free rahi to ph karana mai tujhe bula lunga…..
Haa thik hai akash bhai meri chut ko ab aapke lund ke bina raha kanha jata hai… tabhi uski nazar dildo par padi jo bilkul lund jaisa tha use dekh vo boli… accha to aap ye lund meri gaand me daale the akash bhai tabhi mai soch rahi thi ki aaj 2/2 lund kaise? …
Tujhe 2 kaya kisi din 4 lund se bhi chudwana padega randi saali chhinal ha ha ha ha ha ha ha ha… sana tab tak kapde pahan chuki thi vo bhi vaisa hi jawab dete huye… aapke lund ke liye sana 4 kaya 40 lund bhi le legi akash bhai.. aur haste huye jhuk kar akash ke kaale gaal ko apni gulabi hotho se chum kar nikal gayi wanha se……..
Ghar aa kar aaj chain se let gayi kayo ki aaj uski chut ki payas aisa akash se bujha diya tha ki chut gaand dono me dard ho raha tha vo kab so gayi pata nahi chala… subah aamir bhi aa gaya uske pass duplicate chabhi thi hi vo andar aaya to dekha sana beshudh soyi hai uska jism dekh use dil huwa ki use payar kare par dar kar sana ko touch tak karane ki himaat nahi huyi.. vo fresh huwa aur dono ke liye chai bana raha tha tabhi door bell baji jis se sana ki bhi nind khul gayi… aamir me kanha itni himaat thi ki vo sana ko bole ja kar door kholo isliye khud hi door khola… jaise hi door khola vo hakka bakka rah gaya aisa kaise ho sakta hai… suraj pashim se uday ho sakta hai par ye mere door par????? aisa ho nahi sakta kabhi.. vo use dekh kar yahi soch raha tha ki sana ki aawaz aayi kaun hai aamir kis ne door bell bajayi thi aur tum khade khade wanha kar kaya rahe ho….. aamir kaya jawab deta vo to saamne jo dekh raha tha us se uski saans ruk gayi thi uske muh se aawaz tak nahi nikal pa rahi thi…. late hota dekh sana khud se door par aayi aur uski bhi aankhe failti chali gayi……
(aakhir kaya huwa tha ki dono itne surprise the? next kise kaun chodne waala tha? kis ki chut aur gaand me kis ka lund jane waala tha? aapke in sab sawaalon ka jawab iske agale part –[Image: w_95E6F68E4B8E75B45D14F58AEA876E37.jpg]


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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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mmmmmmmmmmmmmmmmmmmm[Image: 99235372_017_3146.jpg]

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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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mmmmmmmmmmmmm
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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nmnmnm
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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लॉकडाउन में भाभी ने मेरी प्यास बुझायी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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ये घर में सेक्स की कहानी अभी लॉकडाउन की ही है. जो भी मेरे साथ घटा था, आज मैं उसे इस साइट के माध्यम से आप सबको बताना चाहता हूं.

मैं अभी 26 साल का हूँ. मेरी फैमिली में मैं, मेरे पापा-मम्मी और भाई-भाभी रहते हैं. एक बहन है, जिसकी शादी हो चुकी है.

भाई भाभी मुझसे 2 साल बड़े हैं. मेरी भाभी का नाम नीलम है. भाभी दिखने में बहुत सुंदर हैं. उनका रंग एकदम दूध सा गोरा है और भरा हुआ शरीर है. भाई की मार्केटिंग की जॉब है … तो वो बाहर जाते रहते हैं.

मैं बहुत सीधा और साधारण सा दिखने वाला लड़का हूँ, ज्यादा डींगें हांकना मुझे आता नहीं है. मैं खुद के लिए वो सब नहीं लिखूंगा कि मेरा लंड इतना बड़ा है … या मैं दिखने कोई सलमान खान जैसा हूँ. मैं एक औसत कद काठी का 5 फ़ीट 7 इंच वाला नवयुवक हूँ.

हुआ यूं कि इसी साल 20 मार्च को भाई अपने मार्केटिंग के काम मुम्बई गए थे. उनको उधर एक हफ्ते का काम था.

उसके बाद लॉकडाउन लगा, तो भाई वहीं फंस गए. यहां सबको टेंशन हो रही थी. सबसे ज्यादा भाभी को चिंता हो रही थी.
वैसे सब कुछ सामान्य था. भाई उधर ठीक से रह रहे थे. उन्हें उधर रहते हुए अब एक महीना होने जा रहा था.

भाभी को भैया से दूर होने से शारीरिक भूख सताने लगी थी.

मेरा और मेरी भाभी के बीच अब तक कोई ऐसा वैसा सम्बन्ध नहीं था. मैं कभी भी अपनी भाभी के बारे में गलत नहीं सोचा था … और न ही उनके लिए मेरे मन में कभी कोई गलत ख्याल ही आया था.

भाई को गए हुए एक महीना हो गया था, तो भाभी भी उदास रहती थीं. मैंने उनके साथ खेलने के लिए लूडो और कैरमबोर्ड निकाल लिया था, जो काफी दिनों से धूल खा रहा था.

सारे दिन मैं भाभी के कमरे में उनके साथ लूडो ओर कैरम खेलता रहता, जिससे घर वालों को भी कोई ऐतराज नहीं था.

शुरू में तो मम्मी भी कई बार कमरे में आ जाती थीं कि हम दोनों क्या कर रहे हैं.

भाभी का और मेरा कमरा पहली मंजिल पर है. मम्मी के घुटनों में दर्द रहता है, तो वो ज्यादा ऊपर नहीं आती थीं … और पापा तो अपने आप में ही मस्त रहते थे.
उनको किसी की टेंशन नहीं थी.

ऐसे ही एक दिन दोपहर का टाइम था, हम दोनों लूडो खेल रहे थे. लूडो खेलते खेलते हम दोनों ही काफी बोर हो गए थे … तो मैं भाभी के साथ बेड पर ही लेट गया.[Image: 10817550_028_10b8.jpg]

भाभी मुझसे बात करने लगीं- अब तेरी गर्लफ्रेंड का फोन नहीं आता … क्या बात है … उससे कट्टी हो गई है क्या?
मैंने बताया- हां यार भाभी … उससे मेरा ब्रेकअप हो गया है.
भाभी ने पूछा- क्यों?

अब इसका रीज़न तो मुझे खुद भी नहीं पता था कि मेरी गर्ल फ्रेंड ने मुझसे बोलना क्यों छोड़ दिया.
मैं ठहरा सीधा साधा, तो ज्यादा तेल लगाना मुझे आता नहीं था. उसने मुझसे बोलना बंद कर दिया था, तो मैंने भी उसे भाव नहीं दिया.

मैं भाभी से बोला कि पता नहीं क्यों … उसने बस मुझसे बात करना छोड़ दिया है.
भाभी बोलीं- ऐसे कोई बिना बात के थोड़े ही बात करना छोड़ देता है, तुमने उसका दिल दुखाया होगा.
मैंने कहा- नहीं भाभी, आप तो मेरा स्वभाव जानती हो, उसने बिना किसी बात के मुझसे बोला छोड़ दिया है.

मुझे अपनी गर्लफ्रेंड की याद आ गई और मेरी आंखों में आंसू आ गए.

ये देख कर पहले तो भाभी मुझे चुप करा रही थीं मगर वो जितना मुझे चुप होने के लिए बोल रही थीं, मुझे उतना ज्यादा रोना आ रहा था, जो एकदम नेचुरल था.

फिर अचानक से भाभी ने मुझे जोर से गले लगा लिया. मैंने भी अपना सर भाभी के सीने में छिपा लिया. हम दोनों वैसे ही कम से कम 2 से 3 मिनट वैसे ही चिपके रहे.
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जब मैं नार्मल हुआ तो भाभी ने मुझे छोड़ दिया. उन्होंने मुझे पानी पिलाया और मैं अपने कमरे में चला गया.

शाम हुई तो भाभी मुझे बड़ी प्यार से देख रही थीं. भाभी ने खाना बनाया, सबने खाया. भाभी खाना खाते हुए बोलीं कि चलो कैरम खेलते हैं.
मैं बोला- ठीक है.


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थोड़ी देर में मैं भाभी के कमरे में आ गया, तो भाभी वहीं खड़ी थीं. उन्होंने मुझे फिर से गले लगा लिया और टाइट हग कर लिया.

इस समय मेरा लंड खड़ा होने लगा और मन में चलने लगा कि न जाने आज भाभी को क्या हो गया है, इतनी जोर से मुझे क्यों भींच लिया है.

मेरा लंड उन्हें चुभने लगा, तो मैंने अपने मन से ही उन्हें सफाई देते हुए कहा- भाभी सच में मुझे अपनी गर्लफ्रेंड की बड़ी याद आ रही है.

भाभी भी समझ गई थीं कि लंड खड़ा होने की वजह से मैं ऐसा कह रहा हूँ. भाभी बोलीं कि होता है इस उम्र में … लड़कियां होती ही हैं ऐसी कि कोई भी मिला पैसे वाला, तो उसके साथ हो गईं. तू टेंशन न ले.

अब भाभी को लेकर मेरे ख्यालात बदल चुके थे. मैं भाभी को दूसरी ही नज़र से देख रहा था. मुझे भाभी अब एक अप्सरा से कम नहीं लग रही थीं. मेरी हवस मुझ पर हावी हो रही थी.

इतने में भाभी ने अपनी जकड़न ढीली की और बोलीं- चल खेलते हैं.
हम दोनों खेलने लगे.[Image: 10817550_042_4922.jpg]

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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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आज भाभी की चुचियां भी कुछ ज्यादा ही ज्यादा दिख रही थीं. उन्होंने नाइटी के अन्दर पिंक कलर की ब्रा पहनी थी, जो कि एकदम साफ़ दिख रही थी. उनके दूध देख कर मेरा लंड लोअर में टेंट बन रहा था, जो छुपाए नहीं छिप रहा था.
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भाभी भी पता नहीं क्यों काफी खुश थीं, वो मेरी तरफ देख देख कर स्माइल कर रही थीं, शायद उनको मेरा खड़ा होता लंड दिख गया होगा.

हम दोनों का मन दूसरे खेल की तरफ चलने लगा. भाभी बड़ी झुक झुक कर स्ट्राइकर चला रही थीं, जिससे उनकी पूरी चूचियां मुझे हिलती दिख रही थीं.

हमारा गेम कुछ देर बाद खत्म हुआ और भाभी जीत गयी थीं.

भाभी मेरे गाल पकड़ कर बोलने लगी- बच्चे मुझसे नहीं जीत पाओगे.
मैं बोला- भाभी मैं बच्चा नहीं हूँ. आपको भी मालूम है.
मेरी इस बात पर भाभी हंस दीं और बोलीं- हां न तू छोटा है और न तेरा!
इतना कह कर वो चुप हो गईं, मैं समझ गया कि भाभी मेरे लंड के लिए कह रही थीं.[Image: 10817550_059_678e.jpg]

मैं भी हंसते हुए अपने रूम में आ गया और अन्दर आकर मैं भाभी की चूचियों को याद करते हुए मुठ मारने लगा. कुछ ही देर में मेरे लंड से माल छूट गया और मैं लेट गया.[Image: 10817550_065_dba7.jpg]

उस पूरी रात मेरे सपनों में भाभी के चुचे ही बार बार सामने आ रहे थे. मुझे नींद नहीं आ रही थी. जैसे तैसे सोया तो सुबह देर से उठा.

सोकर उठने के बाद मैंने नहाया और नाश्ता के लिए आ गया.

मम्मी ने ही नाश्ता दिया.
मैंने उनसे पूछा कि मम्मी, आज भाभी कहां हैं?
मम्मी ने बताया कि वो अभी ही ऊपर गयी है.

मैं नाश्ता करके ऊपर गया और उनके कमरे में चला गया. अन्दर जाते ही मैंने भाभी को हग कर दिया.

भाभी हंस कर बोलीं- क्या बात है देवर जी … आज बड़े रोमांटिक लग रहे हो?[Image: 10817550_064_9c4f.jpg]
मुझे उनसे ऐसे बोलने की उम्मीद नहीं थी. भाभी ने कोई ऐतराज नहीं किया.

मैंने उनको छोड़ा भी नहीं, मैं यूं ही भाभी को अपनी बांहों लिए लिए बोला कि आज मुझे प्रीति की बहुत याद आ रही है.
प्रीति मेरी गर्लफ्रेंड थी.

तो भाभी ने मुझे थोड़ा दूर किया और बोलीं- अगर प्रीति यहां होती, तो क्या करते?
मैंने भाभी को गाल पर चूम लिया और बोला- और बताऊं कि क्या करता![Image: 10817550_075_a04d.jpg]

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तो भाभी झूठ मूठ का गुस्सा दिखा कर बोलीं- मैं तेरी भाभी हूँ … तेरी गर्लफ़्रेंड नहीं हूँ.

उनके इस रिएक्शन से पहले तो मैं डर गया और उनसे अलग होते हुए बोला कि सॉरी भाभी, एक तो मैं उसको मिस कर रहा था और ऊपर से आपने ऐसे पूछा कि मुझसे रहा ही नहीं गया.
भाभी स्माइल करते हुए मेरे पास आईं और बोलीं- कभी भी उसकी याद आए, तो मेरे पास आ जाना.[Image: 10817550_069_b408.jpg]

वे मेरे इतना पास थीं कि 3 या 4 इंच ही दूर होंगी.
मैंने उन्हें फिर से हग कर लिया और इस बार ड्रामा करते हुए रोने लगा.
भाभी मुझे कसते हुए बोलीं- बहुत प्यार करता है उससे!
मैंने हां में सिर हिला दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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भाभी ने मुझे मेरे गाल पर किस कर दिया. उनकी चुम्मी से मेरा लंड तो बस लोअर फाड़ कर बाहर आने को बेताब हो गया था.
मैंने भी बदले में भाभी को उनके गाल पर और माथे पर 3-4 किस कर दिए.
भाभी मुझसे देखते हुए मुस्कुराने लगीं और बोलीं- चल खेलते हैं.

मैंने मना कर दिया और बस मैं भाभी को देखते जा रहा था.
भाभी ने पूछा- क्या हो गया … बड़े प्यार से देख रहे हो?

मैं भाभी के पास गया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख कर उन्हें किस करने को आगे बढ़ा.
उन्होंने कुछ भी रियेक्ट नहीं किया, तो मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ धर दिए और चूमने लगा. कुछ सेकंड बाद भाभी की तरफ से भी साथ मिलने लगा.[Image: single_20_0500861131823.jpg?1468963668]


बस फिर क्या था मेरी तो लॉटरी लग गयी.
हम दोनों ने लम्बी स्मूच की.
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कम से कम 8 से 10 मिनट तक हम दोनों यूं ही एक दूसरे से लगे रहे.

फिर भाभी में मुझे धक्का दिया और नीचे देखने के लिए भागीं. फिर वो सीढ़ियों से वापिस आईं और दरवाजा बंद करके कैरम बोर्ड को ऐसे सैट कर दिया कि कोई आए, तो उसे लगे कि हम दोनों नीचे बैठ कर खेल रहे हों.

फिर भाभी फिर बेड पर आ गईं और मुझे अपने साथ खींच लिया. मैं बेड पर गिरा तो वो मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे फिर से होंठ से होंठ लगा कर स्मूच करने लगीं. मुझे मजा आने लगा ऐसा महसूस होने लगा, जैसे मैं स्वर्ग में सैर कर रहा होऊं.

एक लम्बे स्मूच के बाद भाभी एकदम पगला सी गई थीं. वो मुझे गालों पर, कान पर किस करने लगीं. भाभी ने जैसे ही मुझे कान की लौ पर किस किया, तो मैं एकदम से सिहर उठा.

अब मैं गर्मा गया था तो मैंने भाभी को धक्का मार कर उन्हें अपने नीचे ले लिया.
मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और उन्हें बेतहाशा चुम्बन करने लगा. कभी मैं उनके गाल पर चूमता, तो कभी गले पर, कभी कान के आस पास.

जैसे ही मैंने भाभी के चुचे छुए, तो भाभी उठ कर बैठ गयी और उन्होंने अपना टॉप उतार दिया.

उनके गोरे दूध काली ब्रा में कैद देख कर मैं तो पागल होता जा रहा था. भाभी का कंचन सा गोरा बदन और उस पर काली ब्रा बड़ा कहर ढा रही थी.[Image: single_041_1631099209977.jpg?1492703488]

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मैंने ब्रा की स्ट्रिप कंधे से नीचे कर दीं. वो मुझे वासना से देखे जा रही थीं.

मैंने उनकी दूधिया घाटी को देखते हुए भाभी को बिठा दिया और पीछे से ब्रा का हुक खोल दिया.
जैसे ही ब्रा से आजाद हुए पिंक निप्पल मुझे दिखे. आह … उनके रसीले दूध देख कर मैं मानो बौरा गया था.[Image: 47926928_006_01f9.jpg]

मैंने अपने होंठ उनके एक चुचे के निप्पल पर धर दिए और चूसने लगा. भाभी के मुँह से मादक सीत्कार निकल गई और वो मुझे अपने हाथ से दूध पिलाने लगीं.
मैंने बारी बारी से भाभी के दोनों अमृत कलश चूसे और मसले.

कुछ देर बाद उनको देखते ही मैंने उनके एक दूध को पूरा अपने मुँह में लेने की कोशिश की तो भाभी बहुत उत्तजित हो गयी थीं.[Image: 53330286_271_2dde.jpg]

वो बोलीं- क्यों सता रहा है … अभी पहले जल्दी से अन्दर डाल दे … ये सब बाद में कर लियो. तुझे जो भी करना हो, कर लेना लेकिन अभी बड़ी आग लगी है, प्लीज़ पहले तू अपना मेरे अन्दर डाल दे.

मैंने उन्हें चूमा और उनको हाथ से उठाने की कोशिश की.
भाभी खुद से उठ गईं और फटाफ़ट अपना लोअर और पैंटी को निकाल कर नंगी हो गईं.[Image: 87236814_187_a1aa.jpg]

फिर भाभी ने मेरा लोअर खींच निकाला और चित लेट कर मुझे अपने ऊपर ले लिया.

भाभी ने अपनी दोनों टांगें खोल दीं. वो वासना में मेरे खड़े लंड को देखते हुए बोलीं- डाल जल्दी.

मैंने भी देर न करते हुए भाभी की चिकनी चुत पर लंड टिका दिया और धक्का दे दिया.[Image: 87236814_267_575e.jpg]


चुत लंड एकदम चिकने हो चुके थे. हल्के से झटके में ही लंड चुत के अन्दर घुसता चला गया.

भाभी चुत बिल्कुल गीली थी. लंड अन्दर गया तो मानो जन्नत मिल गई थी. मुझे तो ऐसा लगा कि न जाने आज कितने दिनों बाद चुत का स्वाद मिल गया हो.

बस अब क्या चाहिए था … इस लॉकडाउन में मुझे वैक्सीन मिल गई थी.

मैंने पूरा लंड चुत के अन्दर जड़ तक पेला तो भाभी की कराह निकल गई.
वो सीत्कार करते हुए बोलीं- आह … पूरे एक महीने बाद लंड मिला है.

मैं झटके मारने लगा.
भाभी मस्ती से आह ऊह कर रही थीं और खुद भी नीच से अपनी गांड उठा आकर जोर जोर से झटके मार रही थीं.

मुझे भाभी की चुदाई करने में बहुत मज़ा आ रहा था. कोई पांच मिनट बाद भाभी झड़ गईं.

उनके दो मिनट बाद मेरा भी होने वाला था. मैंने भाभी से बोला कि मैं आ रहा हूँ.
भाभी बोलीं- नहीं … अभी नहीं.

लेकिन मेरा हो गया और मैंने भाभी के अन्दर ही अपना वीर्य झाड़ दिया.
मेरा लंड अभी भी भाभी के अन्दर ही था.

मगर भाभी शायद फिर से चार्ज हो गई थीं और उनके झटके फिर से चालू हो गए थे. मैं लंड को अन्दर डाले हुए उन्हें शांत करने में लगा रहा.
कोई 4-5 झटकों बाद भाभी भी झड़ गईं.

हम दोनों ने चुदाई के बाद एक दूसरे को देखा और स्माइल दे दी.

फिर भाभी उठीं और कपड़े पहन कर नीचे चली गईं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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