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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
जो कुछ भी हो रहा था, उस पर यकीन करना कठिन था-उसकी माँ रात के 4 बजे उसके पास लेटी हुयी एक गन्दी किताब के पृष्ठ पलटते हुये उसकी सबसे मनपसन्द फोटो के बारे में पूछ रही हैं! उसे अपनी माँ के इरादों के बारे में कुछ भी पता नही था, लेकिन यह लगने लगा था कि कुछ दिलचस्प होने वाला है. नम्रता ने एक बार फिर उससे पूछा ” बता ना, सबसे अच्छा कौन सा लगता है तुझे?”.

नीरज ने शरमातें हुये किताब ली और अपनी मनपसन्द फोटो वाला पेज खोल दिया. नम्रता ने फोटोवाली लड़की को देखा. वो एक बड़ी छातियों वाली विलासी लड़की थी. नम्रता ने लड़की की छातियों की तरफ इशारा करते हुये नीरज से पूछा ” ये इतने बड़े-बड़े है, इसीलिये अच्छी लगती हैं ना तुझे?”

नीरज अबतक बुरी तरह से उत्तेजित हो चुका था. उसने अपनी माँ के चेहरे की ओर देखा. जो उसकी ओर बड़ी ममता और स्नेह से देख रही थी. फिर वो मुस्करायी और बोली,”नीरज इतना शरमा मत. मेरे सवाल का जवाब दे ना”. नीरज ने सिर हिलाया. बड़ी छातियों की वजह से ही वो लड़की उसे इतनी पसन्द थी.[Image: 0002_120435.jpg]

नम्रता अब तक पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी. उसने सोचा कि यही समय वो पता करने का है जो वो अपने बेटे से चाहती थी. उसने साड़ी का पल्लू एक तरफ गिरा कर अपनी छातियों को अपने हाथों में भर लिया और बोली, “देख, मेरे तो इस लड़की से भी ज्यादा बड़े है”. यह सुन कर नीरज उसके चेहरे को एकटक घूरता ही रह गया. उसका आवेश अब चेहरे पर साफ झलक रहा था, यह देखकर नम्रता का साहस और बढ़ गया. “रूक मैं तुझे ब्लाउज खोल कर दिखाती हूँ”.[Image: 0006_120440.jpg]


यह कह कर उसने तेजी से अपना ब्लाउज खोल दिया. ब्रेजरी में कस कर बन्धी उसकी छातियाँ सामने आ गयी. अब वो नीरज का एक हाथ ब्रेजरी के हूक पर ले गयी और खोलने को कहा. कपकपांते हाथों से नीरज ने हूक खोल दिया. नम्रता ने जल्दी से ब्रा उतारी और फर्श पर फेंक दी.

नीरज उसकी सुन्दर छातियों को एकटक घूरने लगा. वो बड़ी और सुडौल थीं तथा बाकि के शरीर की तरह ही साँवली थीं. चूचिया (निप्पल) बड़ी थी और सख्त लग रही थी. नीरज पहली बार किसी औरत की छातियाँ देख रहा था और ये छातियाँ किसी और की नही बल्कि उसकी अपनी माँ की है,

यह ख्याल उसे बुरी तरह उत्तेजित कर रहा था. इतना आवेश उसने पहले कभी अनुभव नही किया था. अभी तक नीरज ने अपनी माँ के अलावा किसी ओर नजर से नही देखा था पर पहली बार उसे लगा उसकी माँ भी एक कामोत्तेजक औरत है. वास्तव में उसके स्कूल के दोस्त अगर उसकी माँ को देखेंगे तो “माल” बोलेंगे.

नीरज अब नम्रता की छातियों को छूने के लिये बेताब हो रहा था और जब नम्रता ने उससे शरारती आवाज में कहा,”नीरज, इनको छूने का मन नही कर रहा क्या तेरा?”, उसने तुरंत अपने हाथ नम्रता की छातियों पर रख दिये. छातियों पर फेरते समय उसके हाथ उत्त्तेजना से काँपने से लगे.

उसके दिमाग में कहीं न कहीं यह था कि जो कुछ हो रहा है वो गलत और पाप है पर अत्यधिक काम-वासना के कारण अपनी माँ की तरह वो भी आत्मा की आवाज की परवाह नही कर रहा था. फिर भी उसे यह सोचकर डर लगा कि कहीं उसके पापा उठ गये और उन्होने ने उन लोंगो को इस तरह देख लिया तो! इसीलिये उसने अपनी माम से कहा,”मम्मी, पापा या राजेश जाग गये तो!”.

नम्रता जानती थी कि जो कुछ भी वो कह रहा था वो नामुमकिन नहीं था. लेकिन अशोक बहुत गहरी नीन्द में सोता था इसलिये उसके उसके जागने की सम्भवना बहुत कम थी. उसका छोटा बेटा राजेश भी गहरी नीन्द में सोने वालों में था.[Image: 0005_120439.jpg]



इससे भी ज्यादा इस समय उस के ऊपर वासना इस कदर सवार थी कि अब वो रूकना नही चाहती थी. बड़ी मुलायम और शान्त आवाज में वह बोली,”उसकी चिंता मत कर. तेरे पापा रात को एक बार सोते हैं, तो फिर सीधा सुबह को ही उठते हैं. और तेरा छोटा भाई भी वैसा ही है.”
[Image: 0010_120448.jpg]
अब दोनों ही संयम खोते जा रहे थे. और अब तक उन्हें पता चल गया था कि उन्हें एक दूसरे की जरूरत है. नमता भी उतावली होने लगी थी. जल्दी से उसने अपने बेटे की शर्ट खोल दी. फिर पैंट खोल कर घुट्ने तक उतार दी. लिंग के कसाव के कारण उसकी अण्डी एक तम्बू की तरह लग रही थी. व्यग्रतासे नम्रता ने उसे नीचे उतार दिया. वो एकटक अपने बेटे के पूरे कसाव को देखने लगी. प्यार से उसने लिंग को हाथ में लिया और कोमलता से उसे सहलानी लगी. वो नही चाहती थी कि नीरज का अभी से वीर्यपतन हो. उसे लगा कि अब पूरे कपड़े उतारने का समय आ गया है.
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वो बिस्तर के पास खड़ी हो गयी और अपनी साड़ी उतार दी. इसके बाद पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, पेटीकोट घुटनों से होता हुआ फर्श पर गिर पड़ा. फिर उसने पहले से ही खुले हुये ब्लाउज को उतार कर फर्श पर फेंक दिया. जब पेंटी की बारी आयी तो उसने सोचा कि ये काम नीरज को करने देते हैं.”नीरज ये उतार”. नीरज उत्साहपूर्वक उसकी पेंटी उतारने लगा. माँ की रोयेंदार झाड़ियाँ सामने आने पर उसने किसी तरह अपनी उत्तेजना को दबाया. उन रोयेंदार झाड़ियों के बीच ही उसकी माँ की योनि थी. वो इतनी सुन्दर लग रही थी कि वो उसे छूने के लिये उतावला हो गया.

अपनी पेंटी उतारने के बाद नम्रता ने अपने बेटे को पूर्ण नग्न होने में मदद की. फिर वो बिस्तर पर लेट गयी और नीरज से फुसफुसा कर बोली,”चल मेरे उपर आ जा”. नीरज के ऊपर आने पर नम्रता ने उसे अपनी बाँहों मे कस लिया. दोनों ने एक क्षण के लिये एक दूसरे को देखा. अब नम्रता ने फुसफुसा कर कहा,” नीरज, एक पप्पी दे अपनी मम्मी को”. यह सुनते ही उसने अपने होंट नम्रता के होंटों पर रख दिये. मुंह खोलने पर जब उनकी जीभे मिली तो ऐसे आनन्द की अनुभूति हुयी, जो पहले कभी भी नही हुआ था.

इस चुम्बन के बाद नीरज की झिझक खत्म हो गयी. नम्रता को अब उसे कुछ भी समझाने की जरूरत नहीं थी. उसने नम्रता के शरीर के हर हिस्से को बड़े ध्यान से देखा. उसके पूरे चेहरे को चूमने के बाद वो नीचे की ओर गया और छातियाँ चूसने लगा. नीरज ने उसकी छातियों को पुचकारा, गुदगुदाया,चूसा और सहलाया.
[Image: 0016_120446.jpg]
अब नम्रता के मुंह से कराहट निकलने लगी. तब अचानक वो बोली, “नीरज एक पप्पी दे”. नीरज उसके मुख को चूमने ही वाला था कि वो मुस्करायी और बोली, “बुद्धु कही का, इन होटों पर नही, नीचे वाले होटों पर पप्पी चाहिये मुझे”. नीरज थोड़ी देर के लिये शरमाया फिर वो नीचे मुड़ गया. अपना मुह उसकी योनि के पास ले जा कर वो थोड़ी देर के लिये रूक गया. वहाँ से कस्तूरी जैसी गन्ध आ रही थी और उसे यह गन्ध बड़ी मादक लगी.

उसने एक गहरी सांस नें इसे भर लिया और अपने होंट अपनी माँ की योनि के होंटों पर रख दिये. उसने कुछ समय पहले एक फोटो देखी थी जिसमें एक आदमी एक औरत की योनि चाट रहा था, उस समय उसे यह सब बड़ा घृणित लगा था. पर इस समय बड़ा प्राकृतिक और सुन्दर लग रहा था. नीरज ने जब योनि को फैलाया और योनि पर गुदगुदाया तो नम्रता तेजी से कराहने लगी. जल्दी ही उत्तेजना अनियंत्रित होने लगी, अब नम्रता अपने बेटे को अपने अन्दर चाहती थी.

वो कराहते हुये बोली, ” नीरज अब अपनी मम्मी के अन्दर आ जा”. नीरज ने एक बार उसकी योनि को चूमा, फिर अपना चेहरा उसके चेहरे के पास ले आया. उन्होनें कुछ समय तक एक दूसरे को देखा, फिर नीरज ने अन्दर डालना शुरू किया. अपने अनुभवहीनता के कारण नीरज लड़खड़ाया तो नम्रता ने उसे अपने अन्दर घुसाने में मदद की. लेकिन नीरज ने तुरंत ही बाहर निकाल लिया. नम्रता ने पूछा,”क्या हुआ?”

नीरज ने उत्तर दिया,” मम्मी कंडोम तो है नहीं. आप प्रेगनेंट हो गयीं तो!”. नम्रता ने अनुभव किया कि वो सच कह रहा था. वो प्रेगनेंट हो सकती थी. लेकिन काम-वासना के कारण उसे इसकी कोई परवाह नहीं थी. वो उतावली होकर मुलायम आवाज में बोली, ” मुझे परवाह नहीं उसकी. अभी बस मुझे तेरा प्यार चाहिये. चल फिर से अन्दर आ, जल्दी से. अगर प्रेगनेंट होती हूँ, तो होने दो”.

इसलिये नीरज ने एकबार फिर से उसकी योनि में अपना लिंग घुसा दिया. वो थोड़ा रूका फिर उसके अन्दर जाने लगा. इस समय नम्रता एक हाथ से उसकी पीठ सहला रही थी और दूसरा हाथ को उसके बालों में फिरा रही थी. यह सब बहुत समय तक नहीं चला. 2-3 मिनट के बाद ही नीरज उसके अन्दर फूट पड़ा. नम्रता को एक क्षण के लिये गुस्सा आया क्योंकि अभी वो संतुष्टि के आस-पास भी नहीं थी.

लेकिन उसे जल्दी ही याद आ गया कि यह उसके बेटे का पहला मौका है. उसने उसके दुबारा कड़ा होने का इंतजार किया और इस बार जब उसने अन्दर किया, वो बोली, “नीरज इस बार आराम से करना. जल्दबाजी मत करना. ठीक है?. नीरज ने गरदन हिलायी. इस बार सब कुछ अच्छा गया. नम्रता को ऐसे चरम सुख का अनुभव हुआ जिसने उसके शरीर को कंपा कर रख दिया. नीरज का भी वीर्य-पतन हो गया.[Image: 0014_120450.jpg]

उन्होनें 3 बार और संसर्ग़ किया और जब वो इससे निपटें किया तो 5.30 बज चुके थे. वो दोनों अब थका हुआ महसूस कर रहे थे. इससे भी ज्यादा, उन्हें इस बात का डर था कि अशोक या राजेश किसी भी समय उठ सकतें हैं. इसीलिये बेटे को अंतिम बार चूमने के बाद नम्रता ने अपने कपड़े उठाये और अपने कमरे में चली गयी.

उस दिन जब दोपहर में वो लोग अकेले थे हो फिर से संसर्ग़ किया. संसर्ग़ समाप्त के बाद नम्रता को एक अच्छा विचार आया. उस रात खाने के समय उसने अपने पति से खर्राटें के बारे में शिकायत की और कहा कि उसके लिये खर्राटें अब असहनीय हो गये हैं. इसीलिये अब वो दूसरे कमरे में सोयेगी. अशोक यह बात मान गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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भाई बहन का सेक्सी गेम
मैं तब दसवी कक्षा मैं पढ़ता था और मरी बड़ी बाहेंन बारावी कक्षा में.बात उन दिनोकी है जब मैंने अपने दसवी के एक्जाम दिया था और छुटियों मई हम लोग बहार सोये थे .अचानक मेरा हाथ उसके पीठ पे फेरने लगा ऐसा कु हुआ यह बात मरी समाज में नहीं ई पर में बहोत गरम हो गया था.थोड़ी देर बाद हमें अन्दर जाना पड़ा कुंकी बहार बहोत मुच्च्हर कट रहे थे.घर में जाके मैंने फिरसे उसे किस किया और उसके मुम्म्ये दबाये उसने कुछ नहीं किया .ऐसा बहोत दिनों तक चलता रहा की में उसको कभी रातमें सोने के बाद किस करता या फिर उसके मुम्म्ये दबाता.कभी कभी ओह घुसा कराती पर कभी कभी साथ देती लेकिन ऐसा ढोंग करती थी जैसे वोह गहरी नींद में हो और उसको मालूम ही नहीं की में उसको किस कर रहा हु और उसके मुम्म्ये दबा रहा हु.
एक दिन हम शहर जा रहे थे और बस में हमें बहोत ही छोटी जगह मिली तो वोह मुजसे काफी चिपक के बैठी थी सफ़र तक़रीबन डेड घंटे का था.में बहोत खुश था के अब में उसको गरम कर सकता हु और हुआ भी ऐसे ही जब गाड़ी chalne लगे तब मैंने धेरे धेरे उसे अपने हाथ से तौच करना चालू किया पहेले वोह मुजे ताल रही थे पर जब उसे लगा की में मानने वाला नहीं हु तो वोह धेरे धेरे मेरा साथ देने लगे और मुजे उसके मुम्म्ये दबाने के लिए हाथ आगे के सिट पे रख दिया अब में उसके मुम्मय धेरे धेरे एक हाथ से दबाने लगा और वोह गरम हो चुकी थे .लेकिन गाड़ी में सोने का नाटक कर रही थे.पर हम कुछ कर नहीं पाए.ऐसा के बार हुआ पर मरी हिम्मत नहीं होती थी उसको सधे सधे बात करने की.
एक दिन हमको परीक्षा के बहाने एक शहर में किराये के रूम में रहेना पड़ा तब हम दोनों अकेले थे.पढ़े के बाद हम सोने का नाटक कर रहे थे.रूम की बिजली बंद करके में (और वोह भी) अँधेरे में एक दुसरे को प्यासी निगाहों से देख रहे थे पर दोनों की हिम्मत नहीं हो रही थी कुछ कहेने की.तो मैंने सोचा की अभी परीक्षा है तो वोह मुजे कुछ करने नहीं देगी फिर में जाके टोइलेट में मुतके मुठ मरने लगा(टोइलेट को दरवाज़ा नहीं था) तब रूम में अँधेरा था तो वोह अचानक मेरी टोइलेट के बहार आके दरवाजे पर रुक गए मैंने उसे देखा लेकिन मुठ मारनी बंद नहीं किया और वोह मुजे देखती गए पर मरी हिम्मत नहीं हुए के उसे पकडू और चोदु.कुछ देर बाद में वापिस आया और वोह अन्दर चली गए तो में टोइलेट के बहार जाके खड़ा हुआ फिर उसने ऊँगली करना चालू किया था उसने भी मुजे देखा और ऊँगली करना बंद नहीं किया.फिरभी मेरी हिम्मत नहीं हुए की में उसे पकडू और चोदु.
एकदिन वोह कुछ कम के बहाने शहर गए हुए थे तो रस्ते में आते समय एक आदमी ने उसे बहोटी ही गरम किया.कभी वोह आदमी उसके मुम्म्ये सहेलाता तो कभी पेट पये हाथ फिरता कभी पूछी पे हाथ फेरता(यह सब उसने मुजे बाद में बताया)किसी आदमी ने उसे उसे चुने का यह पहेला अनुभव था,तो उस दिन रत को वोह बहोत ही गरम हो गए थी.हम सब बहार सो रहे थे मुजे नींद नहीं आ रही थे तो में करीब ११ बजे अन्दर जाके टी. वि देखने लगा.वोह मेरा लेने के लिए तैयार है इसका मुजे कुछ पता नहीं था और में सेक्सी गाने का चैनल लगाके देख रहा था.कुछ देर बाद वोह अन्दर ऐ बाकि लोग बहार सो रहे थे.जब वोह अन्दर ऐ तो उसने निचे जमीं पर चादर डाली और वही सोने का नाटक करने लगी और टी वि भे देखने लगी अब वोह बहोत ही गरम हो चुकी थी उस आदमी ने शायद बहोत ही गरम किया था(में उस आदमी का बहोत शुकर गुज़र हु के उसके कारन मुजे अपनी बड़ी बाहें को चड़ने का आनंद अज तक मिल रहा है)फिर तक़रीबन आड़े घंटे बाद वोह उठी और मेरे पास एके सो गए और मुजे टी व् बंद करने को बोलसा जिससे की रूम में अँधेरा हो तो मैंने वैसे किया.कुछ देर बाद में भी गरम हो गया और सोचने लगा की क्या किया जाये.अँधेरे में हम एक दुसरे को प्यासी नजरोसे घुर रहे थे.
पर किसीकी हिम्मत नहीं हो रही थे.तब उसने पहेला स्टेप लिया और मुजे कण में पुचा के कही कुछ होगा तो नहीं? में समाज गया की इसका मतलब क्या है तो मैंने भे उसे कहा कुछ नहीं होगा अगर हम सावधानी से कम लए .फिर उसने मुजसे लिपट गए यह मेरा पहेला अनुभव था के कोए लड़की लिपटे.उस वोक्त मैंने तम्बाखू खी थी इसलिए में उसको बोला के तुम रुको में बहार जाके देख के आता हु के सब सोये हुआ हैं या नहीं फिर में बहार जाके सबको देखके ए तो सब सो रहे थे और हम दोनों अन्दर अकेले अँधेरे में थे.में तम्बाखू ठुन्काके आया तो वोह बोली प्लेअसे जल्दी करो तो में उसके पास जाके उसको लिपट गया.कुछ देर बाद ऐसे ही पड़े रहेने से मेरा ६ इंच का लैंड काफी बड़ा हो गया.और में धेरे धेरे उसके मुम्म्ये सहलाने लगा.कभी उसके पीठ पे हाथ प्फेरता तो कभी गंद पे.वोह बहोत गरम हो चुकी थी तो उसने बिना कुछ बोले अपना निघत गौण निकल दिया.फिर वोह सिर्फ ब्रा और पंटी में थी.फिर मैंने उसे भी उतर दिया अब वोह बिलकुल नंगी मेरे सामने पड़ी थे.फिर मैंने अपने कपडे भे उतारे और नंगा हो गया.
कभी में उसके मुम्म्ये दबाता तो कभे गंद पे हाथ फिरता वोह काफी अवजे निकल रही थी जसे ऊऊउह आआअह्ह्ह प्ल्ज़ कुछ करो जल्दी वरना में मर जाउंगी प्लेअसे करो फिर मैंने अपने ६ इंच कलंद उसकी छुट में डाला तो वोह कुछ धेरे से चींख पड़ी तो मैंने उसे कहा की आवाज़ मत करो तो वोह बोली ठीक हैं.तो में उसे जोर जोर से छोड़ने लगा लेकिन उसकी अवजे बंद नहीं ही में फिर से उसे बोला की आवाज़ नहीं निकलना लेकिन वोह बोली अवजे अपने अप अ रही है में कोशिश कर रही हूँ के aavaz न आए पर मेरे धक्के देने से अपने अप्प ही उसके मुह से आवाज़े आ रही थी Namaskar
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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पापा और मौसी का चुदाई वाला प्यार

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम रितेश है और मेरी उम्र 22 साल की है. मेरी हाईट 5.4 इंच है.. रंग गोरा और लंड का साईंज 8 इंच है और में एक कॉलेज में पढ़ता हूँ. दोस्तों आज में जो कहानी बताने जा रहा हूँ वो एकदम सच्ची है दोस्तों ये कुछ 10 महीने पुरानी बात है.. जब में कॉलेज के 1st ईयर में था.
मुझे अभी भी शायद याद है वो जनवरी का महीना था और बहुत ठंड पड़ रही थी. तभी अचानक मेरी माँ बीमार हो गयी और उन्हे तुरंत हॉस्पिटल में भर्ति किया गया. फिर घर पर मेरे अलावा मेरे 2 छोटे भाई और एक बहिन भी थी.. जो स्कूल में पढ़ते थे. फिर जब माँ हॉस्पिटल में होती थी तो बच्चो का खाने बनाने की समस्या होती थी इसलिए मेरी माँ ने अपनी छोटी बहन यानि कि मेरी मौसी को फोन करके कुछ दिनों के लिए बुला लिया.
मौसी को लेने पापा खुद रेलवे स्टेशन गये. फिर मौसी के आने से घर का खाना हम सभी सदस्यों को फिर से नसीब होने लगा था और बच्चे भी बहुत खुश थे. मौसी अपने दो लड़को के साथ आई थी उनके पति सरकारी दफ़्तर में चपरासी है. फिर कुछ दिन बाद ऐसे ही मेरी माँ की तबीयत बिगड़ती गयी जिसके कारण उन्हें एक महीना और हॉस्पिटल में रहना पड़ा.[Image: 2.jpg?coupon=10069&c=0]

तभी इन एक महीनों में मौसी हमारे साथ बहुत घुल मिल गयी. फिर वो कहीं पर भी जाती तो पापा के साथ उनकी बाईक पर उनके साथ बैठकर जाती.. जैसे कि वो उनकी पत्नी हो और ये बात मुझे बहुत ख़टकती थी. लेकिन में ज्यादा ध्यान नहीं देता था. फिर में कॉलेज को सुबह जाता था और शाम को वापस आता था और मेरे भाई बहन भी शाम को स्कूल से आते.
फिर दिन भर मौसी और उनके दो बच्चे घर पर रहते और पापा सुबह ऑफीस चले जाते. मौसी दिखने में थोड़ी सांवली और थोड़ी मोटी थी. लेकिन उनके बूब्स बहुत बड़े बड़े थे और बड़ी भारी गांड थी और शायद उनका साईंज 36–34-40 होगा और मौसी हमेशा साड़ी पहनती थी और उनका ब्लाउज हमेशा टाईट होता था जिसमे से उनके बड़े बड़े बूब्स निकल कर आते थे.[Image: 6.jpg?coupon=10069&c=0]

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मौसी हमेशा लाल कलर की लिपस्टिक लगाती थी और माथे पर बड़ा सा सिंदूर लेकिन मौसी का स्वभाव बहुत ही अच्छा था. वो पापा के साथ एक दोस्त वाला व्यवहार करती थी. फिर पापा हमेशा किचन में जाकर मौसी का हाथ बांटते लेकिन ये बदलाव उनमे अचानक कैसे आया.. समझ में नहीं आया. वो कभी भी माँ को घर के किसी भी काम में मदद नहीं करते थे.s

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फिर एक दिन में कॉलेज से जल्दी घर पर आ गया. तभी मैंने देखा कि पापा की बाईक सामने वाले पार्क में खड़ी थी और मौसी के दोनों बच्चे बाहर आँगन में खेल रहे थे. तभी में घर में अंदर गया फ्रेश हुआ लेकिन घर पर कोई भी नहीं था और फिर में पानी पीने किचन में जाता.. उससे पहले ही मुझे किचन में से कुछ खुसुर फुसुर आवाज़ आने लगी. फिर मैंने छुपके देखा और फिर जो कुछ मैंने उस वक्त देखा में उसे देखकर एकदम से दंग रह गया.. पापा किचन में मौसी की बाहों में थे और फिर वो दोनों एक दूसरे से लिपट कर चुंबन ले रहे थे.
तभी मौसी की आवाज़ आ रही थी.. आज के लिये बस करो ना अब बच्चे आ जाएँगे. फिर पापा ने कहा कि मेरी जान आज तुम मुझे मत रोको. फिर यह कहकर पापा ने मौसी को करीब दबा लिया और फिर वो उनकी पीठ को और गांड को पीछे से मसलकर मसाज करने लगे और मौसी हल्की हल्की आवाज़ कर रही थी शह्ह्ह्ह आह्ह्ह. फिर मौसी अपने दोनों हाथ से पापा के बालों को सहलाने में लगी हुई थी. फिर पापा ने मौसी को उठाकर ऊपर बैठा दिया और उनकी साड़ी को ऊपर करके अपना एक हाथ अंदर डाल दिया और चूत के अंदर ऊँगली डाल दी.
मौसी के मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी.. शायद वो अब गरम हो चुकी थी. फिर पापा ने एक हाथ से उनके बूब्स भी दबाने शुरू किये और एक हाथ से चूत की चुदाई. तभी मौसी ने एकदम से उन्हें धक्का दिया और बोली जानू अब बस हो गया.. बाकी रात में करेंगे हर रोज की तरह. ये सुनकर में हैरान हो गया. फिर मुझे पता चल गया कि ये दोनों रोज रात में ऐसे ही हरकतें करते है.
फिर में कुछ देर टीवी देखता रहा और फिर टीवी की आवाज़ सुनकर पापा बाहर आ गये और फिर बोले तुम कब आए? तभी मैंने कहा कि अभी अभी एक मिनट पहले. तभी पापा इतना सुनकर दूसरे रूम में चले गये लेकिन उनके चहरे से साफ साफ दिख रहा था कि वो मुझसे कुछ छुपा रहे है. फिर में सोचने लगा कि में अपने रूम में सोता था इसलिए मुझे पता नहीं चलता था कि क्या होता था. हमारा छोटा घर है. एक बेडरूम जहाँ पर में अपने भाई बहन के साथ सोता हूँ और एक हॉल में मौसी अपने दोनों बच्चो के साथ सोती थी और पापा बालकनी में सो जाते थे.
तभी मैंने ठान लिया था कि आज की रात किसी ना किसी बहाने से इनका सारा कार्यक्रम मुझे देखना ही है. फिर में रात होने का बड़ी बेसब्री से इंतजार करने लगा. फिर रात में सोने के वक़्त में अपने रूम में चला गया और मौसी हॉल में सोने के लिए गद्दे बिछा रही थी. मौसी अपने दोनों बच्चो के साथ सोती थी और उस दिन पापा ने बच्चो से कहा कि चलो बच्चो मेरे साथ बालकनी में सोते है आज में तुम्हे बहुत सी अच्छी अच्छी कहानियाँ सुनाउंगा. फिर ये कहकर पापा ने दोनों बच्चो को बालकनी में सुला लिया जो कि कुछ ही देर में सो गये. फिर मुझे उनका पूरा प्लान पता चल गया था.
फिर मौसी अकेले हॉल में थी वो भी यही चाहती थी की बच्चे जल्दी सो जाए तो उनका काम शुरू हो. फिर मैंने भी अपना पत्ता खोला और फिर हॉल में जाकर मौसी से बोला कि मौसी मेरे रूम में एक चूहा मरा है जिसकी बदबू आ रही है तो में आज सोफे पर सो जाता हूँ. तभी मौसी ने मुहं लटकाकर कहा कि ठीक है तुम चाहो जहाँ सो जाओ. फिर में सोफे पर सो गया अब मुझे लगा कि पापा नहीं आएँगे क्योंकि मेरे सामने ये कुछ नहीं करेंगे और फिर में ऐसे ही लेटा रहा. तभी कुछ देर बाद आधी रात में मैंने सोने का नाटक करते हुए थोड़ी आँख खोलकर देखा कि तभी पापा मौसी के पास आकर बोले.. उठो ना. तभी मौसी बोली अरे तुम.. आज नहीं देखो रितेश यहीं पर सोफे पर सोया है कुछ 5 मिनट की बहस के बाद पापा बोले देखो वो सो रहा है हम बिना आवाज़ करे सब कुछ करेंगे.
तभी मौसी बोली कि अच्छा बाबा और ये कहकर मौसी और पापा ने पप्पी ले ली और फिर मौसी बोली ओह्ह तुम भी ना बदमाश हो बड़े. ये कहकर वो दोनों एक गद्दे पर सो गये और फिर दोनों एक दुसरे को सहलाने लगे. फिर मौसी ने अपने बाल खुले छोड़ दिए और फिर पापा को बोली कि ओह जानू मेरे पास आओ ना. फिर पापा बनियान और लूँगी में थे और मौसी साड़ी में थी. तभी पापा बोले कि अरे रानी क्या ये साड़ी पहनी तुमने तुम्हारे पास मेक्सी या गाउन नहीं है क्या? तभी मौसी बोली कि नहीं में लाना भूल गयी और दीदी की मेक्सी मुझे फिट नहीं होती. तभी पापा बोले कि कोई बात नहीं हम कल शॉपिंग पर चलते है तुम एक अच्छी से देखकर ले लेना.
तभी मौसी बोली कि हाँ मुझे ब्रा और पेंटी भी लेनी है. फिर पापा बोले कि क्यों तुम्हारे पास नहीं है क्या? फिर मौसी बोली कि अरे बाबा तुमने मेरे बूब्स दबा दबा कर बड़े कर दिए है अब वो मेरे फिट नहीं हो रहे.. मुझे अब बड़ी साईज़ की ब्रा लेनी पड़ेगी और मेरी पेंटी भी फट गई है. तभी पापा बोले कि हाँ बाबा जो लेना है ले लेना. फिर में चुपचाप उन लोगों की बातें सुन रहा था फिर थोड़ी देर में दोनों एक दूसरे को किस करने लगे. फिर मौसी हर बार अपने दोनों पैरो से पापा के पैरो पर रगड़ती रही. फिर कुछ देर बाद मौसी ने अपने पैर से पापा की लूँगी को ऊपर किया और अपना एक हाथ लूँगी के अंदर डाल दिया.
तभी पापा ने मौसी के होंठो पर एक चुम्मि दी मुआहह. फिर मौसी ने भी एक चुम्मि दी अहमम्मुहह. फिर मौसी अपनी जीभ पापा के होंठो पर फैरने लगी. तभी पापा ने तुरंत मौसी की जीभ को अपने मुहं में डाल लिया. फिर पापा ने लूँगी पूरी हटा दी अब पापा बनियान और अंडरवियर में थे. फिर मौसी बोली में नहीं कपड़े उतारूँगी मुझे बहुत शरम आती है. तभी पापा बोले कि मत शरमाओ मेरी जान.. ये कहकर पापा ने मौसी को फिर चूमना शुरू किया और फिर चूमते चूमते पापा ने मौसी के ब्लाउज का बटन खोल दिया और मौसी चूमने में व्यस्त थी. फिर उनके पता चलने से पहले ही मौसी ब्रा में थी.
तभी मौसी ने अपने ब्लाउज को निकालकर साईड में रख दिया. फिर मौसी ने भी बिना कहे अपनी साड़ी उतार दी. अब मौसी ब्रा और पेंटी में थी और पापा अंडरवियर में थे और फिर पापा उसके बूब्स दबा रहे थे. तभी मौसी की भी सांसे तेज होती जा रही थी. फिर पापा बूब्स दबा रहे थे लेकिन वो ब्रा पहने हुई थी. फिर पापा ने ब्रा और पेंटी को मौसी से आजाद कर दिया. फिर जैसे ही पापा ने ब्रा उतारी उनके गोर गोर 36 के बूब्स पापा के सामने आ गए. फिर पापा पागल से होने लगे और मौसी को नीचे दबाकर उसके बूब्स पर टूट पड़े. फिर एक हाथ से उनके सीधे बूब्स को और जोर से और फिर दूसरे बूब्स को अपने मुहं में लेकर चूस रहे थे और हल्के हल्के दबा रहे थे. फिर पापा के हर बार दबाने के साथ मौसी का जोश बढ़ता जा रहा था और फिर वो पापा के सर को पकड़कर अपने बूब्स में दबा रही थी. फिर पापा जोर से उनको चूसने और मसलने लगे.
फिर मौसी को भी मजा आने लगा और मौसी के मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी उम्म हहाहा मरी में थोड़ा धीरे चूसो प्लीज… क्या मस्त चूचियाँ थी उनकी बहुत गोरी, सॉफ्ट और बहुत ही नाज़ुक पापा बेकाबू हो गये थे. फिर पापा ने उनकी चूचियों को जी भरकर चूसा और फिर वो चूसते-चूसते एक हाथ को उनकी चूत पर ले गये और फिर ऊपर से ही उनकी चूत को सहलाने लगे. फिर थोड़ा नीचे आकर उनकी चूत पर जीभ फैरने लगे तो मौसी पागल हो उठी. फिर पापा धीरे-धीरे उनकी चूत को सहलाने लगे.
सच में मौसी की चूत बहुत ही सेक्सी और कोमल थी. पापा तो बस मदहोश हो गये थे. फिर पापा धीरे धीरे उनकी चिकनी चूत को सहलाने लगे और उनकी चूत के दाने को उँगलियों से धीरे धीरे मसलने लगे. तभी मौसी की चूत बहुत गीली हो चुकी थी और मौसी अपने पैरो को सिकोड़ने लगी. तभी पापा समझ गये कि अब वो पूरी तरह से गरम हो चुकी है. फिर पापा ने जल्दी से उनकी पेंटी को खोलकर उसे उतार दिया और फिर चूत को चूमने लगे. तभी मौसी पापा के सर को जोर जोर से दबाने लगी और पापा भी जोश में आकर उनकी चूत को चूसने लगे. तभी पापा अपने आपे से बाहर हो रहे थे.
फिर पापा ने अब मौका गंवाए बिना मौसी की चूत के पास मुहं लेकर गये और फिर चूत पर चूम लिया. तभी मौसी ने अपने दोनों पैर चौड़े कर दिये. फिर मौसी की चूत को देखकर साफ़ पता लग रहा था कि मौसी ने अपने बाल आज ही साफ़ किये थे मतलब आज वो इसके लिए तैयार थी. फिर पापा चूत के दाने को जीभ से चाट रहे था और जीभ को अंदर भी डाल रहे थे मौसी की चूत में. फिर मौसी बहुत गरम हो गई थी और वो अपनी कमर उठाकर पापा की जीभ को अंदर लेने लगी. फिर मौसी के दोनों हाथ पापा के सर पर थे और वो पापा के सर को दबाकर उनका मुँह अपनी चूत के और पास ले जाने की कोशिश कर रही थी.
तभी पापा उठे और अपनी अंडरवियर जल्दी से उतार दी और फिर पापा जल्दी से नीचे आए और फिर अपने दोनों पैर फैला कर लेट गये और मौसी को अपने ऊपर खींच लिया. तभी मौसी समझ गई और फिर मौसी लंड को हाथ में लेकर ऊपर नीचे करने लगी. फिर जैसे ही मौसी ने हिलाना शुरू किया पापा तो जन्नत का मजा महसूस करने लगे. फिर पापा ने लंड को मुहं में लेने को कहा. तभी मौसी तुरंत ही मान गई. फिर धीरे-धीरे मौसी ने लंड के टोपे को मुँह में ले ही लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. फिर कुछ 15 मिनट तक मौसी ने पापा के लंड को चूसा होगा.
तभी मौसी बोली कि अब मुझसे कंट्रोल नहीं होता अब डाल दो. पापा भी अब तैयार थे तभी पापा ने एक तकिया उनकी कमर के नीचे लगाया और फिर मौसी की जाँघें अपनी जाँघों पर चढ़ा लीं. फिर पापा अपने लंड को मौसी की चूत पर फैरने लगे और अब उनकी चूत तन्दूर की तरह गरम थी. फिर पापा अपने लंड को धीरे धीरे मौसी की चूत में घुसाने लगे.. लेकिन उनकी चूत बहुत गीली थी. फिर लंड का सुपाड़ा चूत के अन्दर जाते ही वो जोर से बोली कि मुझे बहुत दर्द हो रहे है. फिर पापा वहीं पर रूक गये और उनकी चूचियों को सहलाने लगे और फिर मौसी के होठों को चूमने लगे. तभी थोड़ी देर में मौसी जोश में आ गई और अपने चूतड़ उठाने लगी. तभी पापा ने ऊपर से थोड़ा जोर लगाया और फिर लंड उनकी चूत में तीन इंच घुस गया. तभी मौसी जोर से चिल्लाने लगी और पापा ने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिये.
फिर मौसी आँखें बंद किये सिसकियाँ भर रही थी. तभी पापा को सही मौका मिला और अचानक उन्होंने एक जोर का झटका दिया और अपना पूरा लंड उनकी चूत में घुसेड़ दिया. तभी वो बहुत जोर से चीखी और जोर से तड़पने लगी और कहने लगी कि बाहर निकालो शायद बच्चे उठ चुके है. तभी पापा वहीं पर रूक गये और फिर पापा ने मौसी को प्यार से समझाया कि मेरा पूरा लंड चूत में चला गया है. अभी थोड़ा सा दर्द होगा लेकिन बाद में जो मज़ा आएगा वो तुम्हे तुम्हारा पूरा दर्द भुला देगा और बच्चो की तुम चिंता मत करो मैंने आज खाने में नींद की कुछ गोली मिला दी है. तभी मेरे समझ में आया कि पापा ने आज मुझसे खाने के लिये क्यों पूछा था लेकिन मैंने खाना खाया ही नहीं.
फिर पापा ने मौसी के लाख कहने पर भी अपना लंड उनकी चूत से बाहर नहीं निकाला. फिर पाँच मिनट तक पापा सिर्फ़ बूब्स को चूसता रहे और मौसी के पूरे शरीर पर हाथ फैरते रहे. तभी धीरे धीरे मौसी का दर्द कम हुआ और फिर पापा को जोश आने लगा और वो पापा से चिपक गई और अपने चूतड़ उठाने लगी. फिर उनकी चूत लंड को कभी जकड़ती और कभी ढीला छोड़ती. फिर पापा इशारा समझ गये और फिर पापा ने धीरे धीरे अपने लंड को उनकी चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
तभी थोड़ी देर में मौसी को भी मज़ा आने लगा और फिर मौसी भी गांड को उठाकर चुदाई का मज़ा लेने लगी. फिर करीब 15 मिनट तक पापा ने उसे बिना रुके चोदा और इतनी देर में मौसी की चूत भी गीली हो गई और उनका दर्द कम हो गया और मौसी भी बहुत मज़े लेकर चुदवाने लगी. फिर मौसी भी नीचे से गांड हिलाकर पापा का साथ दे रही थी और बोल रही थी अह्ह्ह ईईइ जोर से तेज और तेज करो.. मुझे चोदते रहो जोर से और जोर से चोदो मुझे.
तभी पापा ने पूरे जोश में आकर तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए. फिर कुछ देर बाद मौसी एकदम से अकड़ने लगी और पापा की पीठ और कन्धों पर नाख़ून चुभाने लगी और फिर एकदम से पापा से लिपट गई और झड़ गई.. लेकिन पापा तो अभी भी जोश में थे. तभी मौसी बोली कि रुको मत पता नहीं कब मौका मिले फ़िर उनकी आँखों से आँसू निकल पड़े लेकिन पापा रुके नहीं और फिर पापा अपने लंड को अंदर बाहर करते रहे. कुछ देर बाद मौसी को भी मज़ा आने लगा और मौसी भी पापा का साथ देने लगी.
तभी वो अपनी कमर को पापा के साथ साथ आगे पीछे करने लगी. इसलिए मज़ा और ज़्यादा आने लगा ऐसा करते करते कुछ देर बाद मौसी फिर झड़ गयी. उनकी गरम चूत गीली हो गई और वो शांत पड़ गई लेकिन पापा रुके नहीं और फिर से उन्हें चोदते रहे. तभी मौसी ने पापा को रुकने को कहा लेकिन पापा रुके नहीं और अपना काम करते रहे. फिर लगभग 10 मिनट के बाद पापा भी झड़ने लगे तो पापा ने पूछा कि बाहर निकालूँ? तभी मौसी बोली कि में मजा लेना चाहती हूँ तुम अंदर ही डाल दो. फिर पापा ने जोर जोर से झटके मारे और फिर थोड़ी देर में अपना सारा वीर्य मौसी की चूत में निकाल दिया.
दोस्तों क्या बताऊँ जिस समय उन दोनों की चुदाई चल रही थी मेरा लंड खड़ा होकर कुतुबमीनार बन चुका था. मुझे उनकी चुदाई देखकर मुठ मारने की इच्छा होने लगी. लेकिन वो दोनों मेरी छाती पर मूंग दल रहे थे और में लंड को काबू में ले रहा था. उनकी चुदाई से में सातवें असमान में उड़ रहा था ऐसा मजा मुझे आज तक नहीं मिला था.
तभी मौसी बोली कि तुम्हारे गरम गरम वीर्य को में अपनी चूत में महसूस करना चाहती थी. तभी पापा ने पूछा कि तुम्हे मजा आया ना? फिर मौसी बोली कि अभी तो पूरी रात है तुम तो बिना रुके मजा देते रहो. आज हमे बच्चो की कोई चिंता नहीं. फिर उस रात पापा ने 3 बार और सेक्स किया और फिर पापा  और मौसी दोनों फिर वापस अपनी अपनी जगह पर आकर सो गये. फिर पापा ने सुबह उठकर दिनचर्या का काम पूरा का किया और ऑफिस चले गए. फिर जब कभी भी उन्हें मौका मिलता वो फिर से चुदाई करते थे. फिर जब माँ की तबियत ठीक हुई तब कहीं जाकर मौसी अपने घर गई और वो भी मेरे कई बार ताने मारने पर. लेकिन मुझे अभी भी शक है कि वो दोनों कहीं ना कहीं चुदाई जरुर करते होंगे लेकिन मैंने अभी तक माँ को ये बात नहीं बताई.
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[Image: 93249671_007_73a0.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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शादी में विन्नी दीदी की ठुकाई

(08-01-2021, 03:26 PM)neerathemall Wrote: [Image: 93249671_007_73a0.jpg]
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रा नाम रोहित है, मेरी उम्र २५ साल है. एक बार मैं अपने रिलेटिव की शादी पर गया था. पार्टी एक होटल में थी, वहा एक रूम में मेरे कजिन ने दारू का इंतजाम किया हुआ था जो किसी परिवार वालो को पता नहीं थी… हम सब भाई ऊपर जाते दारू का पैक लगा कर फिर निचे आकर डांस करते.
मेरी एक कजिन है विन्नी दीदी, उसने देख लिया की हम सब बीच बीच में कही चले जा रहे थे. उसने हमारा पीछा किया और रूम तक आ गयी. दीदी ने हम सबको दारू पीते हुए देख लिया..

दीदी: अच्छा ये सब हो रहा है यहाँ पर
हमने दीदी को देखा तो हम सब डर गए.
मैं: दीदी प्लीज किसी को मत बताना…
दीदी: अकेले अकेले दारू पिओगे तो जरूर बताऊंगी
मैं: ओह्ह्ह दीदी आप भी पिओगी
दीदी: क्यों नहीं… मुझे भी चढ़ानी है थोड़ी सी


https://www.xvideos.com/video59581675/on..._one_night.
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दोस्तों विन्नी दीदी ३२ साल की शादी शुदा औरत है. पर है वो जबरदस्त कंटाप माल. दीदी का बदन ३८-३०-३८ होगा. दीदी ने ब्लैक कलर की साड़ी पहनी हुई थी, जिसमे उनका गोरा बदन बहुत खिल रहा था. टाइट ब्लाउज में कैद दूध से भरे हुए बड़े बड़े स्तन क़यामत लग रही थी. ब्लाउज काफी डीप थी, जिससे काफी क्लीवेज दिख रहा था. हम सब नशे में थे, मैं दीदी के साथ डांस करने लगा. दीदी पर नशा छा गया था. मैं डांस के बहाने दीदी के जवान बदन को ताड़ रहा था.. दीदी की गोरी कमर ब्लैक साड़ी में मस्त लग रही थी.. दीदी ने साड़ी बहुत निचे से बाँधी थी, एकदम अपनी बूर से ऊपर. साड़ी में कसी हुई दीदी की भारी भरकम चुत्तड़ बहुत ही सेक्सी लग रही थी. दीदी हर बीट के साथ अपनी गांड मटका रही थी.. मैं दीदी की भारी गांड पर अपना लंड रगड़ रगड़ कर नाच रहा था… रात के १२ बज चुके थे और DJ बंद हो गया…

दीदी: भाई अभी तो मजा आना शुरू ही हुआ था…
मैं: दीदी आपको और पार्टी करनी है क्या…
दीदी: हाँ भाई…
मैं: ठीक है दीदी आप मेरे रूम में चलो… वहा म्यूजिक और दारू दोनों का इंतजाम है

मैं दीदी को लेकर अपने कमरे में ले गया. वहा मैंने और दीदी ने २ पैक और लगाए. मैंने अपने मोबाइल पर सांग्स लगा दिया और हमदोनो डांस करने लगे. दीदी काफी नशे में थी… उनको अब कुछ होश नहीं था… उनकी साड़ी का पल्लू पूरा हट चूका था, और उनके बड़े बड़े बॉल्स ब्लाउज से साफ़ दिख रहे थे. दीदी की चूचियां बहुत ज्यादा बाउंस हो रही थी… जिसे देख कर मेरा लंड पूरा खड़ा हो चूका था.

दीदी: भाई सिर्फ देखता ही रहेगा क्या
दीदी ने मेरी आँखों को देख लिया था..
मैं: सॉरी दीदी
दीदी: रोहित मेरे भाई सॉरी की क्या बात है.. इस ऐज में होता है… तुझे अगर देखना है तो देख सकता है….

दीदी मुझसे चिपक कर डांस करने लगी…. मैं भी दीदी के बदन को सहलाने लगा और अपना हाथ दीदी की भारी गांड पर रख दिया.. और धीरे से प्रेस कर दिया.
मैं: दीदी मुझे सिर्फ देखना नहीं है…
दीदी: ओह्ह्ह तो मेरा भाई और क्या करना चाहता है
मैं: दीदी मैं आपकी इस गदरायी बदन को भोगना चाहता हूँ… आपका ये भाई आपको पूरी नंगी करके अपने बिस्तर पर रगड़ रगड़ कर चोदना चाहता है..
दीदी: ओह्ह्ह्हह रोहित तूने मेरी आग भी भड़का दी है… और तेरे जीजाजी भी नहीं है यहाँ पर..
मैं:दीदी आज मुझे ही अपना पति समझ लो…
दीदी: ठीक है भाई.. चल अब अपनी बीवी की प्यास बुझा…
दीदी मुझे पागलो की तरह किश करने लगी… दीदी ने मेरी शर्ट फाड़ दी और मेरी छाती को किश करने लगी. मैंने दीदी को तुरंत पीछेसे अपनी आगोश में ले लिया और उनकी नेक और पीठ पर किश करने लगा और उनकी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा… ओह्ह्ह्ह भाई… फिर मैंने दीदी की ब्लाउज में हाथ डाला और उनकी चूचियों को दबाने लगा…. अह्ह्ह्हह्हह रोहित….. और दबा भाई जोर से.. मैंने ब्लाउज की डोर खोल दी.. दीदी ने ब्रा नहीं पहनी थी, जिससे उनके तरबूज हवा में उछलने लगे.. बहुत ही बड़ी बड़ी और भरी हुई चूचियां थी. जिसे देख कर मुंह में पानी आ गया… मैं चूचियों को जोर जोर से दबाने लगा… अह्हह्ह्ह्ह भाई…. दीदी की तरबूज जैसी बड़ी बड़ी रसीली चूचियां मेरे हाथो में थी जिसे मैं खूब मसल और चूस रहा था… ओह्ह्ह्हह्हह भाई…. मजा आ रहा है…
मैं: साली रंडी कितनी बड़ी बड़ी चूचियां है तेरी…. इसको दबा दबा कर चूसने में बहुत मजा आ रहा है
दीदी: ओह्ह्ह्हह्ह मेरे राजा…. चूस ले अच्छे से मेरे भाई…
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फिर मैंने दीदी की साड़ी उतर कर फेंक दी.. दीदी के गोरे और गदराये बदन पर अब सिर्फ एक चड्डी थी.. जो दीदी की भारी गांड के बीच में फंसी हुई थी. मैं दीदी का पुरा बदन चुम रहा था.. दीदी की चौड़ी गांड को खूब मसला… फिर मैंने दीदी को अपने बिस्तर पर ले गया… अब मैंने दीदी की चड्डी भी उतार दी… मेरे सामने दीदी की प्यारी चिकनी चुत थी… जो बहुत गीली हो चुकी थी..
दीदी: ओह्ह्ह्हह भाई अब मत तड़पा भाई… बुझा दे अपनी दीदी की प्यास…
मैं दीदी के ऊपर चढ़ गया और अपना ८” का लौड़ा दीदी की बूर में रगड़ने लगा… मैंने लंड अंदर नहीं डाला, बस दीदी की बूर के ऊपर घिस रहा था….
दीदी: ओह्ह्ह्हह…. अबे बहनचोद हरामी डाल क्यू नहीं है
मैं: उफ्फ्फ दीदी आप तो मेरे सपनो की रानी हो… बहुत मजे से चोदूँगा मैं आपको
फिर मैंने अपना लंड दीदी की बूर में पेल दिया.. लंड दीदी की बूर को फाड़ता हुआ पूरा अंदर चला गया…
दीदी: ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह भाई… फाड़ दिया रे तूने मेरी बूर…
मैं: उफ्फ्फ्फ़ विन्नी दीदी… आज आपकी बूर में अपना लंड डालने का सपना पूरा हो गया
दीदी: उईईईईई माँ… भाई बहुत ही मोटा लंड है तेरा… चल अब ठोकना शुरू कर मुझे…
मैं: ठीक है मेरी रांड..

मैं घाचा घच अपना लंड दीदी की बूर में पेलने लगा… ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह राजा…. आह्ह्ह्ह और तेज भाई…
मैं अपना लंड बाहर निकाल कर फिर दीदी की बूर में पूरा पेल देता था…..
दीदी: ओह्ह्ह्हह बहनचोद… कीप फकिंग माय पुसी……
मैं: उफ्फफ्फ्फ़ मेरी रंडी दीदी… बहुत मजेदार बदन है आपका
दीदी: आअह्ह्ह्ह भाई…. निकाल अपनी ठरक… और ले ले मेरी जवान बदन का मजा

मैं दीदी की बड़ी बड़ी चूचियों को चूस चूस कर चोद रहा था.. आअह्ह्ह्हह भाई… फ़क मी रोहित… मेक मी योर स्लट बेबी…..
मैं ३० मिनट तक दीदी को बहुत बुरी तरह चोद रहा था.. मेरा लंड दना दन दीदी की बूर में जा रहा था…. ओह्ह्ह्हह्ह भाई फ़क मी डार्लिंग… और तेज भाई
मैं: उफ्फफ्फ्फ़… विन्नी दीदी…. आप जैसी रंडी को चोदने में बहुत मजा आ रहा है…
दीदी: आआह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह भाई…. मैं झड़ने वाली हूँ भाई… फ़क मी हर्डर बेबी….. मेक मी कम…
मैं: अह्हह्ह्ह्ह विन्नी… खा मेरा पुरा लंड…..
दीदी: उफ्फफ्फ्फ़ भाई….. ओह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्ह मेरी चूची दबा कर जोर से मार मेरी चुत भाई…
हर शॉट के साथ दीदी की फुटबॉल जैसी चूचियां उछल रही थी. मैं दीदी की चूचियों खूब दबा और चूस रहा था…. दीदी अब बहुत तेज चिल्ला रही थी…. मैं भी पूरी ताकत से अपना लंड दीदी की बूर में पेल रहा था.
दीदी: अह्हह्ह्ह्ह भाई…. उईईईईई ओह्ह्ह्ह…… मेरा झड़ने वाला है… आअह्ह्ह्हह भाई मैं गयी..
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yourock
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ghar ghar ki apni story
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main apni didi ko un ki friend ki mahndi attend karna gay thay, mari didi ki age 25 saal thi buhat he piyare or buhat achi lumbe hight ki hain un ki hight 5,7 or smart or good looking thi, didi gori chiti or lumba kala baal or jisam gora chitta to tha saath motta motta mumma jo un ko or be piyara karta, or un ki sadool motti hips jo kese ko be pagal kar dayn, dosto hum her larki ko phalhi nazar main piyara chahra dakhta hain.

or phir agar os ka mumma motta or hips sadool or motti na hon to bolta hain ya to kuch nahi, magar wo be to kese ki behan hoti hai or agar acha motta sadool mumma or motti hips or oper sa piyara chahra ho to wo hum ko utne os ki care karne hoti hai koi larka na es ko pata lay ya koi zaberdasti chood na dala. to mujha be mom dad na apni bare didi ka aik tarha guide banaya hua tha, es ko saath jao, es ko lay aao, or ese baat sa mari didi ka saath dosti be kafie ho gae thi, or aik dost na incest video or story site bata di thi to stories read karta hua mera mind jo saaf tha os main be kharabi ho gae thi. apni bare didi jo mujh sa 5 saal bare thi, jab be wo mera saath ab moter cycle per jati to mera saath phalha jab zeyda pass lagti to main kuch or agay ho jata tha, magar ab main or saath lag kar motercycle chalta, kabhi didi ka breast saath lagta tha qamer per or kabhi jab didi na apna patla gora haath mera shoulder per ya paait per rahka hota to main didi ka haath per rahk dayta, anyway

didi ki friend ki mahandi per didi na light skin colour ka rashmai suit pahana hua tha, or didi or kuch un ki friends na group main dance kiya to buhat sa log na dakha jasa her shaadi main hota hai or kuch larka jo aik dosra ko comments da raha hota hain, to didi or os ki friends mil ker dance karti rahi or dance main jasa qamer ko her larki hilati hai or apni hips per haath rahk kar ya hips sa thumhka marti hain hum sab ki behana, wase mare didi ko dakh dakh kar saath khara larka bolta.. uuuffff yaar kiya mast hai ya wali….. oyaaa yaaaar es ki gaand dakh… oyaa tari phan di….. es ka mumma kiya motta hain… ya sab comments hum sab ki behano ko milta hain magar main apna kaano sa sun raha tha apni didi ka liya. jo mera saath aik larka khara tha wo saath wala ko bol raha tha… yaar es ki choot andar sa kasay hill rahi hoge.. es ki gaand marna ko dil kar raha hai, ya baatain sun sun kar thak gea tha, didi na dance khatam kiya or hum logo na khana khaya or wapes ghar aa raha thay moter bike per to didi boli tum phalha buhat khush thay phir tum ko kiya hua jo jaldi wapes ghar ko ja raha ho?

maine didi ka haath per haath rahk diya or bola, didi such bolon to udhar jo larka thay wo buhat he bura thay aap ka liya itna ganday words use kar raha thay ka aap sooch nahi sakti… jis per didi na mujha pecha sa kiss ki mera shoulder per or boli… daffa karo aysa larka her taraf hota hain, in ki baaton per gussa nahi khata, itna main mare bike ka pecha koi 3 bikes wala larka lag gay, or wo bike ki lights didi per maar raha thay. didi na pecha mur kar dakha or mujha boli, tum bus araam sa bike chalao, tum gussa na karna hum 2 hain or ya 6 log hain, udhar aik na awaaz lagae, oyaaa es ki gaand dakha, shalwar sa es ki panty nazar aa rahi hai… kiya piyare motti gaand hai es ki.. ab ya words koi be bhai sun lay wo be apni behan ka liya jo os ka saath ho os bechara per kiya guzarti hai. ( please aysa kabhi mat karna ) edhar maine bike ko slow kiya to didi boli… kiya kar raha ho? bike ko slow nahi bus taiz rahko in ko bolna do…

phir aik bike wala mari bike ka pass aya or onchi awaaz main bola… waaa… kiya bra pahan rahka hai chora strip wala… kitna ka liya hai ya bra…? didi na ab apna chahra mera shoulder per rahk kar chupha liya tha, phir bola aray bra ka kiya size hai?…. ya to bata do..? edhar saath he aik larka na didi ki qamer per haath phaair diya, jis sa didi mera saath or chipak gae.. or boli… ya kutta mare qamer per haath phaair raha hai…. edhar raat 2 baja hua thay or road per koi trafic be nahi thi or humara ghar ki taraf to wasay be itne tarafic nahi hoti thi din main, ab to raat thi. itna main 2 bike wala mera agay aa gay thay or un bike walon na apni speed kam ki hue thi jis sa maine be speed koi 20 per tha, or aik bike wala jo didi ki qamer ki taraf bike chala raha tha saath saath wo bola… aray tari ya behan hai ya gf hai? kiya maza ki cheez hai ya… es ka bra to baata do kes size ka hai? or panty nazar aa rahi hai es shalwar sa buhat maza ki thighs or gaand hai es ki…. jis per mujha gussa to aya hua tha main bola… please yaar hum ko tang na karo hum ko jana do… or wo bola acha tari ya kiya lagti hai? buhat maza ka maal hai buhat teyaar hue khider sa la raha ho es ko?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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main bola.. hum shaadi sa aa raha hain please tang na karo… jis per wo bola…. oh achaaa.. to kese choot ki shaadi thi ya lund ki? main chup ho gea… or wo baar baar pochta ja raha tha… to mujha bolna para…. haan choot ki thi… jis per wo bola achaa to os choot ka bra size kiya tha? main phir chup ho gea.. main halki awaaz main bola kes mushkil main par gea hun…. didi jo mera shoulder per apna chahra rahka thi, boli…. 36 bra….. main phir bola….. yaar koi 36 bra use karti thi… please yaar hum ko jana do… magar wo khider chup rahna wala tha.. phir bola… achaa to ya kon hai tari….? such such bol… jis per didi boli… es ko bol do ka main tumare biwi hun…. or maine be yahe bol diya.. jis per wo onchi awaaz main bola…. bhabhi ji….. kase hain..? aap ki choot ko humara bhai achi tarha bajta hai naaa? didi chup rahi magar wo bolta raha… or phir bola… acha to tari es sexy biwi ka bra size kiya hai? jhoot na bolna warna edhar check kar layn gay… ahahahaha…. jis per didi jald boli mujha…. es bagairat ko bolo… uuff…. es ko bolo….. 38 hai…… main bola… 38 hai yaar… please bus or tum log sharam karo mera saath mari wife hai or tum log kasay tang kar raha ho… jis per wo bola…. oyaaa tari behan ki choot phaaron…. tu na kes tarha baat ki hai?

roko apni bike edhar… tari behan ki gaand main lund dalon…. tari behan ko kuttiya bana kar choodu……….
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main ab such main darr gea tha or didi be darr gae thi qu ka didi or zoor sa mera saath chipki hue thi or apna haath ko mera paait per rahka hua ko mera paait per daba rahi thi… jis per mujha phir sa wohi bike wala bola… achaa chal apna lund to dakha zara…. hum to dakha zara kasa lund hai tera jo tari ya biwi layti hai… or edhar os na phir sa didi ki qamer per haath phaaira… or wo baar baar bol raha thay mujha or phir bola agar nahi nikala ga to bike rok kar hum tari biwi main daal kar check karan gay kitna lund ya layti hai… jis per maine ab didi ka gora patla haath sa haath utha liya or apni pant ki zip khool di… jis per wo bola… oya…. tari biwi qu nahi haath sa pakar kar bahir nikalti hai? raat ko be too ya haath main pakar layti ho ge na….. chal bhabhi apna husband ka lund ko bahir nikalo…. or zara hum be dakhan kasay haath sa tum muth marti ho ge… warna humara lund pakar kar muth maaro… husband ka passand nahi too…. jis per didi bechare na apna gora chitta patla lumba haath ko mera paait sa necha ko lay aye halka halka phaairte hue or phir mare pant ki zip jo khuli hue thi os main daal diya…
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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maine underwear nahi pahana hua tha, to didi ka haath seedha mera soya hua lund per laga to didi aik baar ruk gae.. magar wo bike wala saath saath bol raha thay to didi na dubra mera soya hua lund ko halka sa pakra or os ko bahir ko nikalna lag pare… mera lund soya hua be lumba motta lund tha, or lund ka cap mare thigh sa laga hua tha beech main jean ki cut thi jis sa phansa hua tha, or mujha thore dard hue to uuhh… ki…. to didi boli….. sorry….. or mera soya hua 5 inch lumba lund bahir ko nikaal diya jo kafie motta lund tha, aik throbing lund tha… healthy lund or motta lumba cap wala lund tha jo didi na araam sa or ruk ruk kar bahir nikala.. or bike ki petrol tank sa lag gea tha.. udhar wo bola.. ohhh behan chood…. oyaa tera itna bara lund hai…. behan chood…. tari behan ko chodu…. dosto didi na apni 3 fingers sa mera lund ko bahir nikala tha.. or udhar wo log mujha gaaliyan da raha thay.. or ab bol raha thay… oya tu ya itna bara lund apni es biwi ka andar daal dayta ho ga…? ya be to kese ki behan hai… es ki to choot phaar dayta ho ga… aik bola…. ese liya he es ki biwi itne garam hai or apna motta mumma or gaand ki chudai sa motti ho gae hai…



phir bola…. chal bhabhi zara muth maar… pakar lay es ka lund apna haath main.. ho ja shuro…. warna edhar bike roko to humare be muth maar day… edhar didi na apna piyara gora chitta naram saath main mera lund ko araam sa or ruk ruk kar haath main pora pakar liya… oohhhh my god… or didi buhat he araam araam sa mera lund ko apna haath sa sahla rahi thi.. didi ki garam saansay mujha mari gardan per feel ho rahi thi… or edhar mera lund jasay didi ka haath main aya to itne jaldi behan ka haath main jawaan hua ka pata na chala.. or didi ka haath ki grip main nahi aa raha tha.. mera lund ab phol kar lumba or motta ho gea tha koi 9 inch tak lumba or 2 inch sa zeyda motta lund jo pre tarha hard khara tha. or udhar wo logo ki aanhkaian kholi hue thi or bol raha thay… es behan chod ka lund kitna bara hai… phir aik bola…. oyaa tari behan ki choot be kiya motta lips wali hai, jasa tera lund motta hai…?


jis per main bola…. nn… nnahi… mm… mmujhaa nahi pata…. main full josh main aa gea tha jis sa mera mu khushk ho gea tha..
udhar didi lund ko buhat araam sa sahla rahi thi apna patla nazuk haath sa, jis sa aaj os na mujha parhtha bana kar diya thay. edhar maine apna aik haath ko moor kar pecha didi ki thigh per rahk layta to kabhi bike ka handle ko pakar layta zoor sa… udhar wo log baar baar poch raha thay… kuch to baata tari behan ki choot ka lips be motta hon gay jasa tera lund motta hai….. to maine lumbe saans li… or halki awaaz main didi sa bola… kiya bolon in ko..? to didi na mera kaan main halki awaaz main boli…. haan na…. main phir didi ko bola… didi kiya bolon in ko…? didi phir boli…. haan…. motta…. uhh…… motta lips….. haain…. or maine apna haath ko didi ka haath per rahk kar didi ka haath ko apna lumba motta lund per zoor sa daba diya…. or phir un bike walon ko bola…. ho sakta hai os ka be motta lips hon…. edhar wo bola… bhabhi ji…. zara zoor sa lund ko hilaoo… zor sa oper necha karo…. kiya piyara haath hain or kasay bara lund pakar rahka hai… jis per didi lund per apna haath ko oper sa necha tak lay atti. udhar un ka right breasts mari qamer sa saath chipka hua feel ho raha tha… or main apna haath ko phir sa didi ki thighs per rahk diya tha.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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edhar hum ab ghar ka qareeb ponch gay thay, es main road sa saath he left per aik single road nikalti thi or turn hota he 2th house humara tha, maine bike sa cut maar kar bike ko taiz kar liya or ghar ka agay break laga di… udhar wo log darr gay thay ka ya apna ghar ponch gea hai jis sa wo apni bikes pecha moor kar wapes chala gay… edhar jab main ghar ka bahir ruka to didi na mera lund ko zoor sa pakar rahka tha. or ose tarha saath chipki hue apni aanhkaian band ki hue thi, main bola didi ghar aa gea hai… to didi na apni aanhkain kholi.. or boli… oh…. haan…. or haath main mera lund wasay pakre rahka.. kuch dayr tak didi relex hue or edhar main didi ka haath ki tight grip apna lund per feel kar raha tha or saath dakh raha tha… didi kuch dayr baad mera lund ko chhor diya or bike sa utar aye.. or maine ghar ki chabee didi ko di or didi gate ko khool diya or maine bike andar khare ki, sab log apna rooms main thay… edhar jab main bike sa utar kar khara hua to didi apna piyara lips ko daba kar sharma kar mujha dakha or phir boli…. ab tum ghar aa gay ho… main bola haan didi mujha buhat darr lag raha tha…
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didi thore phir hanse or edhar udhar dakh kar mujha boli… ab es ko be apna ghar main daal lu… mujha samhj nahi aye to didi na mera lund per haath rahk kar dabaya mera lund or boli es ka bol rahi hun pagal…. ya bolta hua didi apna room main chali gae…. or main hansta hua apna room main aa gea, ab room main na mujha sakoon aa raha tha or na didi ko…. main bed per seedha layta hua tha jean sa lumba motta lund jo didi na nikaal rahka tha or bahir khara hua tha.. aik taraf shukar karta ka didi bach gae un sa, or dosre taraf jab didi ka sochta to lund or hard ho jata. kuch dayr hue to mera room ka door thora sa or halka sa knock hua or saath door khul gea, edhar maine lund per dono haath rahka hua aanhkaian band ki hue thi, didi room main enter hue or halki awaaz main boli, kuch layna hai tum na? main sonay lage thi sucha poch lu… jis per main kuch na bola to didi chalti hue mera pass aa gae or mera pass khare ho kar phir boli, kuch layna hai? to maine apni aanhkaian kholi to didi apna sleeping dress main thi. white red or green colour ka print wala khula sa kurta pahan rahka tha jo kafie loose tha raat ka liya. or didi ki lipstick wasay thi. maine dono haath pecha kiya to mera lund fut sa seedha khara ho gea
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jis sa didi mu per apna haath rahk kar boli… ufff toobaaa.. ya abhi tak nahi soya… or didi mera pass bahat gae or kabhi mera lund ki taraf dakhti to kabhi mujha, phir boli… ya andar qu nahi ja raha… main bola didi pata nahi try kar raha hun, aap na bahir nikala tha to aap andar kar dayn.. jis per didi boli… es ko soft karo ga to he andar jae ga… main bola didi soft nahi ho raha aap kar do na… jis per didi phir apna haath ko kabhi agay karti to kabhi pecha or phir lund ko pakar liya buhat piyar sa or araam sa. or boli.. itna garam… es ko to buhat gussa lagta hai aya hua…. main bola aap piyar karo ge to es ka gussa utar jae ga…. jis per didi boli…. achaaa jiii….. or didi na aik chhoti se kiss mera lund ka motta lumba cap per ki. jo mujha buhat acha laga, main bola or karo na…. didi be full garam thi magar mu sa nahi bol rahi thi.. didi na phir zara or kiss ki or phir apna lips ka andar thora sa lay liya, edhar didi na mera paait per sir rahka hua tha or wo jasa lund per kiss or kabhi mu main cap lay layti,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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maine didi ka shoulder per haath rahk diya or apna haath ko aishta aishta necha lay gea or didi ka motta mumma per rahk diya, jasa mumma zoor sa dabaya to didi na lund ka pora motta lumba cap ko mu main lay liya. edhar main didi ka mumma ko haath sa press karta raha or didi kabhi mera cap ko mu main adha lay kar choosti to kabhi pore cap, or main bol utha didi….. i am cuming…. or maine didi ka mu main apni cum apna dhoodh ki zoor daar pichkare marna lag para or… or mujha laga didi jasa mera lund ka dhoodh peeti ja rahi thi, or lund ko necha sa zoor sa pakar rahka tha. or mera lund zoor sa jhatka khata raha, kuch dayr baad didi na mera lund ki lumbe motti cap ka chhota sa hole sa dhoodh ko chata or sami hard jab lund hua to hansti hue boli.. lu es ko jean main dala ab to bahir nahi nikla ga… or didi bahir chali gae.


agla din shaam ko didi sa pata chala ka bhabhi or bhai 2 din sa chup chup hain or bhai gussa main hain, humare bhabhi ki shaadi ko 3 saal sa kuch mounth zeyda ho ga thay, or koi bacha nahi hua tha. or 4 din phalha ya be raat ko wapes aa raha thay to in bikes walon na bhabhi or bhai ko kafie tang kiya tha or bhai na bhabhi sa mood bana rahka hai, bhabhi ki age be didi jitne thi. ya sun kar mujha be bohat ajeeb laga. maine didi ko bola tum pocho to bhabhi sa zara piyar sa aysa kiya hua or es main bhabhi ki koi galti nahi… ya to bhai be janta hain.. jis per didi boli haan qu ka subha sa bhabhi mujh sa raat ka poch rahi thi ka tum logo ko be bikes walon na tang kiya tha? to main nahi maane or ab tum be bhool kar be mat maana.. or bhai ab bahir jata hain to pochti hun un sa… phir tum ko baataon ge.


raat ko bhabhi, didi ko room main kafie dayr bahthi rahi, edhar main 2 baar didi ka room ka chaker laga chuka tha, koi 12 baja bhabhi chali gae to didi ka pass gea to didi hansti hue boli….. mujha pata hai qu itna chaker laga raha ho mera room main, main didi ka saath bed per tangay necha latka kar batha raha or didi ki qamer per haath rahk diya or bola… didi hum dost be to hain na… baatao na mujha.. jis per didi na baataya ka jab ya log wapes aa raha thay to jo un logo na humara saath kiya wohi in ka saath be hua, magar aik baat zeyda hue in ka saath……… didi kuch dayr chup rahi or boli…. ya ka bhabhi ka saath un main sa 2 na sex kiya tha… oh my god…. wo kasay didi? didi boli ka bhai ka chhota tha to wo bola tari biwi ka kiya banta ho ga es chhota sa.. main bola kiya didi..? to didi boli haan na wohi jo tera buhat bara hai magar bhai ka chhota hai… or.. or kya didi? to didi na lumba saans liya or boli… kese aik ka kafie bara penis tha to jab bhabhi main dala to bhabhi bechare wet ho gae thi necha say…. or un logo na bhai ko bolta raha dakho kitne wet ho gae hai tari biwi… jab sa itna bara penis es na dakha hai…. bhai ko jalan hoti rahi or jab un main sa aik na apna bara penis bhabhi ka andar daal diya or saath pochta raha jasay hum sa pochta thay….
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to bhabhi bechare bolti rahi ka haan buhat bara hai buhat motta hai… bohat maza aa raha hai… ya baatain bhai ko bure lage.. bhai ese liya bhabhi sa gussa kha raha hain… main bola didi baat to theek hai bhai ki…. to didi boli…. tum adami log nahi samjhta… jo be chhaha marze sa ya zaberdasti sa penis ourat ka andar jay ga or kafie dayr tak andar raha ga to koi be ourat garam to jae ge, or jab lumba motta penis andar ragar kar andar bahir ho ga qu na wet hoti bhabhi…. or jasay wo kutta log bolta hain to bhabhi be bolti rahi ka haan bohat bara hai bohat motta hai… phanta hua ja raha hai…. edhar main jo didi ka saath chipka hua batha tha or didi ki qamer per haath tha wo haath mera qamer sa hota hua, didi ka left motta mumma ki side per aa gea tha or qumeez ka oper sa mumma ko daba raha tha or mera haath ko naram sa feel ho raha tha, didi boli… bhabhi bechare ab bhai ko yahe bol rahi hai ka un logo ka liya wo bolti rahi hai or maine koi maza nahi liya… magar bhai bolta hai ka tum os ka penis per jhatka kha kar farig qu hue thi?

maine didi ka shoulder per sir rahk diya or bola… didi, bhabhi such main farig hue thi…? to didi boli… ab jab itna lumba motta andar laga ga or ragar kar andar bahir aya ga to bhabhi farig to zaroor hon ge, dakho… kese be laki ka bang hota hai to larki tab tak fight karti hai jab tak andar koi cheez na jae… or jab andar penis chala jata hai to os ki fight khatam ho jati hai, edhar maine didi ka mumma per apna pora haath lay aya or zoor sa daba diya mumma to didi boli……… uuuuufffff….. kitna zalim tum log hota ho…. itna zoor sa dabata ho ka maza nahi phir gussa he atta hai…. daffa ho jao…. maine didi ko sorry ki or bola…. didi kasam sa aap mujha itne piyare lagti ho na ka main baata nahi sakta, main didi ka mumma ko ab araam araam sa daba raha tha or saath didi ki gori chitti lumbe gardan per kiss kar raha tha to didi boli.. aik or baat be hai wo be sunaon tum ko? main bola haan na baata do…. didi na mujha haath sa pecha kiya or boli.. ya baat seriuse hai.. didi boli wo baat tumare or bhabhi ki hai… jis per main be zara darr ker theek tarha hua or bola kasam sa didi bhabhi ki taraf aaj tak bure nazar sa dakha nahi hai…
to didi thore hanse or boli…. aaj mom bhabhi ko bol rahi thi ka itna saal ho gay hain koi bacha nahi ho raha.. or agar tumara husband main koi problem hai jasay tum baata rahi ho to… hum ko phir be bacha chhaya…. agar tumara husband bacha paida nahi kar sakta to mera chhota baita be hai… jis per main ya sun kar seedha ho kar bahat gea or didi ki taraf dakha… didi be thore muskare or boli haan such bol rahi hun… mom boli tum mera chhota baita ko time do or apna husband ko kuch nahi batana or try karo bacha layna ki… jis per bhabhi boli.. mom wo mera chhota bhai ki tarha hai… mom boli bhai ki tarha hai bhai to nahi na….. mom koi 1 mounth sa bhabhi ko bol rahi hain, magar mujha aaj bhabhi na baat ki hai… or un ko sharam aa rahi hai kasay wo karan… mujha didi ki baat per yaqeen nahi aya to didi boli ya baat suchi hai… ab tum bolo… kiya tum apna sead bhabhi ko do gay? wo tumara bacha ki maa ban jayn ge or hum sab ko khushi mila ge or bhai ko kiya pata chala ga… main bola didi mujha buhat ajeeb sa lag raha hai… didi boli haan ese tarha bhabhi ko be ajeeb lag raha hai, agar bolo to main tum dono ki help kar dayti hun phir baad main khud karta rahna.. main bola theek hai magar kasay? to didi boli wo time per chhor do, ab bhabhi or bhai ko kuch din do un main dubra understanding ho jae ge
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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