Thread Rating:
  • 7 Vote(s) - 2 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
3


दाई के बाद आराम से अपने कमरे में सो गए, और अगले दिन दीदी कालेज चली गई तो मै भी अपने दोस्तो से मिलने चला गया। लेकिन मेरा ध्यान उनके नग्न जिस्म पर ही होता है। तो मै अपने दोस्तो से मिलने के बाद मैं घर के लिए निकला।















दीदी घर पर नहीं थी, मुझे नींद आ गई और थकावट के कारण मै २-३ घंटे तक सोता रहा। शाम के ५:३० बजे नींद खुली और मै अपने कमरे से बाहर आया तो देखा कि रिया और मम्मी चाय पी रही है। तभी मै भी वहीं बैठा और कुछ देर के बाद मम्मी ने मुझे चाय बनाकर दी, और मै रिया के साथ बैठा चाय पी रहा था।

रिया – क्या हाल है दीपक, क्या बात दिन में सौ रहे थे?

मैं – हां थोड़ी थकावट हो रही थी इसलिए।

रिया मुस्कुराते हुए बोली – हां रात को कुछ ज्यादा ही मेहनत कि थी ना, तब तो मेरी लहर रही थी।

मैं – क्या लहर रही थी रिया ?

रिया – अबे चूपकर तुमको सब मालूम है।

और फिर मै अपने घर के छत पर जाकर टहलने लग गया, कुछ देर तक वहीं पर घूमता रहा और फिर नीचे आया तो रिया अपने कमरे में थी। उस रात तो कहीं कुछ नहीं हुआ और अग्ला दिन भी सामान्य दिन की तरह ही बीत गया।

शाम को मैं घर से बाहर जाने लगा, तो मम्मी कुछ सामान लाने को बोली

आखिर में यही सोचा कि अगर रिया मुझे सेक्स के लिए उकसएगी तभी आगे कुछ किया जाएगा। मैं घर सामान लेकर लौटा और फिर अपने कमरे में कपड़ा बदलकर फ्रेश हुआ और डायनिंग हाल में आ गया। रिया अपने रूम में ही थी तो मै वहीं बैठकर मम्मी को आवाज दी और बोली।

रिया – मम्मी एक काफी बनाना प्लीज मेरे लिए।

और फिर कुछ देर बाद रिया भी मेरे पास बैठी हुई थी, वो काले रंग के बिन बाहों वाले एक फ्रॉक पहने हुई थी। जोकि उसके घुटने तक उसे ढक रही थी, लेकिन बैठते ही फ्रॉक उसके जांघों पर आ गई और हम दोनों काफी पीने लग गए।

लेकिन मेरी नजर उसकी जांघों पर जा रही थी तो रिया मुस्कुराई और बोली।

रिया – मौका अच्छा है, मम्मी किचन में है। तुम हाथ लगा सकते हो।

तो मै रिया के जांघ पर अपने हाथ को फेरने लग गया और मेरा हाथ धीरे धीरे उसकी फ्रॉक के अंदर कमर की ओर जाने लगा, उसके मोटे चिकने जांघों को सहलाता हुआ मेरा हाथ उसके पैंटी तक पहुंच गया। और मै अपनी हथेली को पेंटी पर रगड़ने लग गया ,बुर का एहसास तो मिल रहा था और रिया के चेहरे पर सुखद एहसास भी साफ नजर आ रहा था।

मेरा लंड बरमूडा के भीतर टाईट होने लगा तो रिया मुझे धीरे से बोली – चल छत पर घूमते है।

मैं – मम्मी को बोल दो नहीं तो वो तुझे ढूंढेगी।

और फिर मै छत पर पहुंचा, वहां एक लकड़ी की चोंकी पड़ी हुई थी। तो मै छत पर टहलता हुआ रिया दीदी का इंतजार करने लगा। कुछ देर के बाद रिया वहां आई और मेरे बगल में बैठकर मेरे बरमूडा के ऊपर से लंड को पकड़ लिया और वो बोली।

रिया – साला ये तो तुरंत खड़ा हो गया है।

और मै रिया के फ्राक को कमर की ओर करता हुआ पैंटी को उसके कमर से नीचे करने लगा। वो भी अपनी चूत को नग्न करने में मेरी मदद कर रही थी, और अब मैं उसकी नग्न बुर पर हाथ फेरने लगा। तो वो मेरे बरमूडा के किनारे से अपना हाथ अंदर डाला और मेरे लंड को बाहर निकल कर हिलाने लगी।

तभी मेरे अंदर का जानवर जाग उठा और मै दीदी के पैर के पास बैठकर उसके चुतर को चौंकी के किनारे पर किया। उसके दोनों पैर दो दिशा में थे, तो मेरे सामने उसकी नग्न बुर चमक रही थी।

सड़क के किनारे लगे भेेपर लाईट से थोड़ी रोशनी छत पर आ रही थी। अब मैं रिया के बुर पर चुम्बन देने लगा, तो वो सिसकने लगी और बोली।

रिया – ओह ऊं आह दीपक ये ले मेरी बुर में जीभ घुसाके मेरी बुर को अच्छे से चाट।

और फिर मैंने रिया बुर को फैला दिया और मै अपनी जीभ से उसकी बुर को चाटने लग गया। उससे प्राकृतिक गंध आ रही थी, और मैं दीदी कि चूत के अंदर जीभ पेलता हुआ मै बुर चाट रहा था।

मेरा लंड टाईट हो चुका था और रिया मेरे बाल को कसकर पकड़े मेरा चेहरा अपने बुर की ओर धंसा रही थी। मै कुछ देर तक बुर को कुत्ते की तरह लपालप चाटता रहा और वो बोली।

रिया – हाई मेरी बुर में कितनी खुजली हो रही है, अब चूस ना अपनी बहन की चूत को।

और फिर मै दीदी की बुर के दोनों फांक को मुंह में भरकर चूसने लग गया। मेरे पूरे बदन में आग लगी हुई थी, तो रिया मजे में सिसकारी भर रही थी। मै भी दीदी की बुर को मुंह से बाहर किया और अब मैं चौंकी पर बैठ गया।

रिया मेरे पैर के पास बैठकर मेरे बरमूडा को नीचे की ओर खींस्का दी और मेरे नग्न लंड को थामकर चूमने लगी। मेरा ७-८ इंच लम्बा २ इंच मोटा लन्ड रिया के हाथ में था। और वो उसको चूमते हुए उसके सुपाड़ा को अपने चेहरे पर रगड़ने लगी तो मेरा लंड पूरी तरह से चोदने को आतुर हो गया।

लेकिन अभी तो दीदी मुखमैथुन करने को उग्र थी ।अब वो अपना मुंह खोलकर लंड को अन्दर ली और फिर चूसते हुए मेरे झांट पर उंगली घुमा रही थी। मेरा तो हाल खराब हो रहा था।

अब वो मेरे लंड को पकड़कर मुंह का झटका देने लगी और फिर मै बोला।

मैं – रिया तेजी से चूस बे रण्डी आह बहुत मजा आ रहा है।

और वो मेरे लंड को मुंह से बाहर करके अपने जीभ से मेरे लंड चाटने लग गयी। ,मेरा लंड पूरी तरह से गरम हो चुका था, वो लंड के हर हिस्से पर जीभ फेर फेर कर उसे चाट रही थी।

मुझे ऐसा लग रहा था मानो वो लॉलपोप को चाट रही है। तभी रिया मेरे लंड को मुंह में भर ली और सर का तेज झटका देते हुए मुखमैथुन करने लगी। मै अपना हाथ उसके सीने पर लगाकर उसके बूब्स को दबाने लग गया। और वो रण्डी लंड चूसने में मगन थी।

कुछ देर के बाद वो मेरा लंड छोड़कर उठी और बेशरम लड़की की तरह अपने फ्रॉक को कमर तक ऊपर कर के अपनी टांग फैला दी। उसका एक पैर चौंकी पर था तो दूसरा जमीन पर और मै बुर पर मुंह लगाकर चूमने लगा

तभी रिया बुर को फालका दी तो मै जीभ से बुर चाटने लग गया और बुर में रस जमा हुआ था। उसका स्वाद लेते ही मैं मस्त हो गया था और फिर दीदी बोली।

दीदी – अब छोड़ो मेरी बुर को।

मैं – चोदने का मन कर रहा है

दीदी – अभी संभव नहीं है।

और फिर हम दोनों चौंकी पर बैठकर एक दूसरे को निहारने लग गए, ,मेरे लंड को थामकर हिलाते हुए अब मेरे चेहरे को चूमने लगी। तो मै रिया के रसीले ओंठो को चूसता हुआ बूब्स दबा रहा था। और रिया मेरे लंड को तेजी से हिला कर ऊपर नीचे कर रही थी।

तभी रिया अपना जीभ मेरे मुंह में घुसा दी तो मै दीदी के जीभ को चूसता हुआ, अपने लंड पर उसके हाथ का एहसास पा रहा था। कुछ देर तक जीभ को चूसता रहा और दीदी मेरा लंड हिलाती रही।

फिर वो मेरे मुंह से अपना जीभ निकाल कर मुस्कुराने लगी, लेकिन लंड थामे हस्तमैथुन करते रही थी।

मै रिया के चूची को दबाता हुआ बोला – रिया चूस ना मेरे लंड को ,वीर्य का स्वाद नहीं लोगी क्या ?

रिया – बिल्कुल भी नहीं।

मैं – ओह बुर चटवाने में बहुत मजा आता है, रस तो तेरी बुर का चाट लिया मैंने और तुम।

रिया – ठीक है साले अब मेरी मूह को ही चोद।

अब रिया मेरे पैर के पास बैठी थी, वो मेरे लंड को चूमते हुए झांट में उंगली घुमा रही थी। तो मै दीदी की चूची को मसलने में मशगूल था। अब रिया अपने लंबी जीभ को मुंह से बाहर की और उस पर मेरे लंड का सुपाड़ा रगड़ने लगी। मुझे काफी मजा आने लगा और रिया अपने जीभ पर कुछ देर तक मेरे लंड को रगड़ने के बाद, लंड को मुंह में ले लिया।

और फिर सर का तेज झटका देते हुए मुखमैथुन करने लगी, मेरे लंड को किसी खेली खाई लड़की की तरह चूस रही थी और मेरा हाथ उसके मुलायम चूची को मसलकर मस्त था। अब मेरा लंड आखिरी पड़ाव पर था और वो रण्डी तेजी से मुखमैथुन कर रही थी।

अब मेरा लन्ड माल फेंकने पर था, तभी मै सिसकने लगा और मैं बोला।

मैं – अबे साली रण्डी और तेज लंड चूस, मेरा माल निकलने वाला है।

तभी रिया के सर पर हाथ रखकर पूरा लंड उसके मुंह में पेल दिया और सुपाड़ा उसके गले में जाकर अटक गई और मेरा लंड वीर्यपात करा दिया तो रिया वीर्य पान करके मस्त हो गई। अब मेरा लंड सुस्त पड़ गया और दोनों अपने कपड़े को ठीक करने लगे। दीदी मेरे गाल को चूम ली और बोली।

दीदी – कल रात तुझसे चूदना भी है।

और दोनों छत से अपने रूम में आ गए।














...........................4
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
4...............




और फिर हम दोनों उस रात अपने – अपने कमरे में सो गए। अगली सुबह दीदी रिया अपने कालेज के लिए निकली, तो मै दीदी को कालेज छोड़ने के लिए गया। हम दोनों बाईक पर सवार होकर उसके कालेज के गेट पर पहुंचे, और रिया बोली।

रिया – आज का क्लास बोरिंग है तो एक घंटे बाद मुझे यहां पर लेने आ जाना।



मुझे रिया के कालेज के गेट पर १० मिनट में पहुंचना था, फ़िर मैं वहां से निकल पड़ा और दीदी के कालेज के पास पहुंच कर दीदी का इंतजार करने लगा। रिया कुछ देर के बाद कालेज से निकली और मेरे साथ बाईक पर बैठ गई।

वो मेरे कमर पर हाथ और साथ में एक हाथ कंधे पर रख कर बैठी हुई थी, उसका एक बूब्स मेरे पीठ से चिपका हुआ था। मै बाईक तेज रफ्तार से चला रहा था, कुछ देर बाद रिया मुझसे बोली।

रिया – दीपक आज गंगा के किनारे बैठते हैं प्लीज।

मैं – लेकिन वहां जाकर क्या करेंगे हम ?
रिया – चलो तो पहले।

फिर मै बाईक को तेज रफ्तार से चलाने लग गया, और करीब आधे घंटे के बाद गंगा घाट पहुंचे गये। तो दीदी रिया ने मुझे गंगा के किनारे एक लॉज के पास रुकने को बोला, और वो बाईक से उतरकर सीधा लॉज में चली गई। कुछ देर बाद वापस आई और मुस्कुराते हुए बोली।

रिया – एक कमरा शाम तक के लिए है।

मैं – लेकिन क्या ये जगह सही होगी, अगर हम पकड़े गए तो ?

रिया – अरे डरपोक, तू अंदर चल तो मैं सब बताती हूं तुझे।

दीदी रिया के इस काम से मैं बहुत अचंभित था, फिर मैं लॉज के अंदर घुसा तो रिसेप्शन पर एक लड़का बैठा हुआ था। और वो मुस्कुराते हुए एक चाभी देते हुए बोला।

लड़का – ऊपर की मंजिल पर २०९ नंबर का कमरा है।

फिर रिया दीदी ने उसे ५०० रू का नोट दे दिया। फिर हम दोनों ऊपर की मंजिल पर जाने लगे , और दीदी रिया अब कमरे का ताला खोला और हम दोनों अंदर चले गए। मेरी ओर देखते हुए रिया बोली।

रिया – पानी की बोतल मंगवा लेते है और खाने का ऑर्डर दे देते है, ठीक है ना ?

मैं – ठीक है दीदी।

और फिर होटल के सर्भिस स्टाफ को फोन करके सब कुछ का ऑर्डर रिया ने कर दिया, वो मेरे बगल में बैठी पर अंदर से दरवाजा खुला हुआ था।

मै बोला – कमरा तो बढ़िया है दीदी।

रिया – अबे साले चोदु अभी तो बीबी बोल ले मुझे।

मैं – अभी तो तुम मेरी दीदी ही हो, बीबी बनोगी तब तो कहूँगा बीवी।

इतने में एक लड़का आकर पानी का बोतल दे कर वापिस चला गया। रिया ने उठकर दरवाजा को बंद किया और मेरी बगल में बैठकर मुझे घूरने लग गयी।

रिया अब बेड के किनारे पर बैठकर अपने टॉप्स को निकाल देती है, उसके बूब्स ब्रा में काफी खूबसूरत दिख रहे थे। फिर रिया अपने लेगिंग्स को कमर से नीचे करने लगी और उसने मुझे भी कपडे उतारने को बोला। मै अपने शर्ट और जींस को उतारकर एक खूंटी में टांग दी, और सिर्फ कच्छा और बनियान में बैठे गया।

दीदी सिर्फ पेंटी और ब्रा पहन कर बैठी थी, उसकी मदमस्त जवानी को देख मैं तड़प उठा। तभी २३ साल की मस्त माल बेड पर लेट गई और मै भी उसके बगल में बैठ गया, उसके बदन को निहारता हुआ। मैं अपना हाथ उसकी जांघ पर रख दिया। रिया के गोल गोल बूब्स उसके सीने कि खूबसूरती बढ़ा रहे थे।

तो मै अब रिया के जिस्म पर झुक कर उसके चेहरे को चूमने लग गया। उसके बूब्स को दबाता हुआ मैं उसके होंठो को मुंह में लेकर चूसने लग गया। और रिया अब मेरे बदन पर हाथ फेरने लग गयी। अब रिया अपना आपा खो चुकी थी और वो अपने लंबी जीभ को मेरे मुंह में भरकर चुसवा रही थी।

उसके बूब्स को ब्रा पर से मसलते हुए, मैं उसकी जीभ को चूस रहा था। और पल भर बाद रिया मेरे चेहरे को पीछे की ओर कर दिया। मेरे मुंह से जीभ बाहर निकाल कर रिया ने अपना हाथ अपने पीछे की ओर ले जाकर अपनी ब्रा को भी खोल दी। तो मै उसके एक चूची को पकड़कर उसके घूंडी को जीभ से चाटने लगा और मैं बोला।

मैं – अरे जानेमन मेरे रहते हुए, तू कपडे खुद क्यों उतार रही है ?

रिया – चल अब दूध पी और अपनी बकवास बंद कर।

और मै रिया के एक चूची को मुंह में लेकर उसे चूसता हुआ दूसरे स्तन को दबाने लग गया। वो मुझे अपने छाती से लगाकर दूध पीला रही थी, और मेरा लंड कच्छा में टाईट हो रहा था। रिया की सिस्कान निकलते हुए बोली।

रिया – आह ओह ऊं और तेज चूसो ना मेरी चूची को।

मेरा लंड तो अब पूरी तरह से टाईट हो गया था, लेकिन मुझे अभी रिया को पहले गरम करना था। उसकी दूसरी चूची चूसता हुआ मैं मस्त हो रहा था, फिर मै दीदी के सपाट पेट से लेकर कमर तक को चूमने लग गया।

रिया अपने दोनो पैर को बिस्तर पर रगड़ रही थी ,तभी मै दीदी की चुतर के नीचे एक तकिया डाला। और उसके जांघों को दो दिशा मे करके, मैं उसकी पेंटी पर नाक लगाकर बुर को सूंघने लगा। रिया के पेंटी की डोरी को खोला और उसकी चूत को नग्न कर दिया।

रिया की चूत चिकनी और बिन बार की थी और दोनों फांक ब्रेड पकोड़े की तरह फूली हुई थी। अब मै बुर के मुहाने पर नाक लगाकर बुर सूंघने लग गया, और फिर बुर पर होंठ सटाकर चूमने लग गया।

मैं रिया की बदन के हरेक अंग के साथ वक़्त बिताना चाहता था, अब बुर को चूमता हुआ दीदी कि बुर के फांक को अलग किया। और जीभ से बुर चाटने लग गया, दीदी मेरे बाल को कस रही थी।

वो मेरे सर को अपने चूत की ओर धंसा रही थी, और मै उसकी चूत को जीभ से चाटने मे लगा हुआ था। दीदी सिसकते हुए बोली।

रिया – अबे साले कुत्ते सिर्फ बुर चाटता रहेगा या चोदेगा भी।

तो मैंने रिया की बुर को छोड़कर सर ऊपर किया। रिया बेड पर नंगे लेटि हुई थी, तो मै अब रिया के चेहरे के पास बैठा और अपना कच्छा खोल दिया। मेरा लंड पूरी तरह से टाईट हो गया था।

तो मै दीदी के होंठो पर अपने लंड का सुपाड़ा रगड़ने लगा और टाईट लंड धीरे धीरे उसके मुंह में जाने लग गया था। रिया अपने मुंह को खोलकर मेरा लंड ले कर चूसने लग गयी, तो मै उसके दोनों बूब्स को मसलने लग गया।

अब रिया की आंखें बंद थी और मै उसके सर के पीछे हाथ लगाकर थोड़ा ऊपर किया और लंड से उसका मुंह को चोदने लग गया। मेरे लंड का सुपाड़ा उसके गले मे अटक रहा था और मै रिया के मुंह को अपने लंड से चोदता जा रहा था। कुछ देर के बाद रिया मेरा लंड मुंह से निकालकर उस पर जीभ फेरने लग गयी और अब हम दोनों गरम हो चुके थे।

अब रिया वाशरूम जाकर फ्रेश हुई और मै भी फ्रेश हो गया। फिर हम दोनों बेड पर नंगे ही थे, रिया बोली।

मैं कमर से एक तौलिया लपेट रखा था, तो दीदी वाशरूम घुस गई थी, अब वो स्टाफ वाला चला गया। तो मैंने दरवाजा बंद किया और वाशरूम का दरवाजा खटखटाने लग गया।



रिया – चल अब अपनी बीबी की चुदाई कर।

और वो बेड पर लेट गई तो मै उसकी जांघों के बीच घुटने के बल बैठकर, लंड को उसकी बुर में पेलने लग गया। आधा लंड आराम से दीदी की चूत में चला गया था, और मैने कमर थामे एक जोर का झटका बुर पर दे दिया। जिससे मेरा लंड अब बुर के अंदर चला गया था और मै अब जोर जोर से चुदाई करने लग गया।

रिया – अबे साले तेरा लंड तो लोहे कि सलाख की तरह गरम और कड़ा है, अपनी बीबी की बुर फाड़ेगा क्या ?
मै चोदता हुआ बोला – जरूर बे साली, तुझे चोद चोदकर अपनी रण्डी बना दूंगा आज।

और मेरा लंड उसकी बुर में तेजी से दौड़ लगा रहा था, अब मै रिया के जिस्म पर सवार होकर चुदाई करता रहा रहा था। रिया मेरे बदन को सहलाते हुए मेरे होंठो को चूमने लग गयी। कुछ देर के बाद रिया चिल्लाने लगी और बोली।

रिया – ओह आह ऊं दीपक और तेज मुझे चोदो मेऋ बुर का पानी निकलने वाला है।

और पल भर बाद रिया की बुर से रस निकलने लग गया, मै अब अपना मुंह उसकी बुर पर लगाकर रस कोजीभ से चाटने लग गया। और कुछ देर तक रिया की बुर के रस का स्वाद लेता रहा।
फिर मैंने रिया को बेड पर कुत्तिया बना दिया, जिससे मेरे सामने उसकी गांड आ गयी। दीदी की गोल गुंबदाकार गान्ड को चूमता हुआ अब उसके गान्ड के मुहाने को जीभ से चाटने लग गया। तो वो पीछे मूड कर मुझे देख रही थी, फिर मैने दीदी की चूत में लंड को घुसा दिया।

और मैं उसकी कमर थामकर जोर का झटका दिया। रिया की रसीली चूत में मेरा लंड था और अब तिब्र गति से चुदाई करता हुआ, मस्त हो रहा था। तभी रिया अपने चूतड़ को आगे पीछे करने लगी और मै उसके सीने से लटकते चूची को दबा रहा था। और साथ ही उसकी बुर को चोद रहा था।

रिया की बुर गरम हो चुकी थी, तो मेरा लंड अब पल दो पल का मेहमान था। वो अपने चूतड़ को हिलाते हुए हान्फ़ रही थी और बोल रही थी।

रिया – अब बस करो मेरे जानू बुर की गर्मी को अपना रस झाड़ कर शांत कर दो।

और कुछ देर बाद उसकी बुर में रस गिरा कर मैं शांत पड़ गया। हम दोनों थक कर बेड पर ही लेते रहे।


..............................................5
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
5...........................















खैर जब रिया मुझसे चुद ही चुकी है, तो फिर हस्तमैथुन की क्या जरूरत थी। एक दोपहर जब मम्मी जी अपने कमरे में जाकर सो गई थी। तो मै दीदी के कमरे में चला गया, पापा ऑफ़िस गए हुए थे।

दीदी और मेरे कॉलेज में छुट्टी थी, मैं जैसे ही कमरे में घुसा तो दीदी बेड पर एक मैगजीन लिए लेटी हुई थी। वो मुझे देख कर बोली।

दीदी – क्या दीपक इधर कहाँ?

मैं मुस्कुराते हुए बोला – कुछ नहीं दीदी।

फिर मैं उनके पैर के पास बैठकर उनको देखने लगा, तो वो मुस्कुराई, लेकिन मेरी नजर तो उनके टॉप्स के गोलाई पर थी। मैं उनकी चूची को घूरता हुआ, उनके पैर को सहलाने लगा और धीरे धीरे ऊपर की ओर बढ़ने लगा।

मेरे हथेली कि रगड़ से दीदी का चेहरा लाल हो रहा था, और वो अपने होंठो पर अपने दाँत गडा रही थी। उसके स्कर्ट के द्वार के करीब मेरा हाथ था, कि तभी रिया हड़बड़ा कर उठी और मेरा हाथ थाम कर बोली।

दीदी – नहीं दीपक अभी प्लीज़ रहने दो फिर कभी।

लेकिन मैंने उनकी बातों को अनसुनी करते हुए, फिर से अपना हाथ उनकी जांघ पर रख दिया। और जांघ को सहलाते हुए उसकी चूची को जोर से मसल दिया और वो बोली।

दीदी – आह आउच इतने जोर से मत दबायो।

अब मेरा हाथ उनकी जांघ के उपरी हिस्से में पहुंच चुका था, रिया फिर से बेड पर लेट गई। तो मैंने उसके जांघ को रगड़ते हुए अब उसकी कमर के पास बैठा और जोर जोर से स्तन मसलने लगा।

रिया अब मेरे काबू में आ चुकी थी, लेकिन दिन का वक़्त था। इसलिए चोरी पकड़ी ना जाए, सो कमरे का दरवाजा खुला ही रखा था।

लेकिन मेरा ध्यान उधर ही था, पल भर बाद मेरा लंड बरमूडा में टाईट हो गया। और मेरा हाथ बुर को पेंटी पर से ही रगड़ रहा था।

दीदी – आह ओह ऊं दीपक मेरी जान निकाल दोगे क्या?

अब मै उसकी स्कर्ट को कमर तक करके उसकी पैंटी की डोरी को खोलने लगा। और फिर मैंने उसकी बुर को नंगा कर दिया।

वो थोड़ा डर रही थी, लेकिन मै उसकी दोनों जांघों को दो दिशा में खोल कर उसकी बुर को निहारने लग गया। फिर एक तकिया उसकी गान्ड के नीचे लगा दिया।

अब मैंने अपना चेहरा जांघों के बीच कर दिया, और मैं उसकी बुर को चूमने और चाटने लग गया। चिकनी चूत पर होंठ को लगाकर प्यार करने का आनंद ही अलग आ रहा था।

लेकिन उसकी बुर से प्राकृतिक खुस्बू आ रही थी, अब मैंने उसकी दोनों फांको को अलग किया और बुर के छेद में जीभ डाल कर उसकी बुर चाटने लग गया।

रिया मेरे बाल को कसकर पकड़ रही थी और और वो बोल रही थी।

दीदी – उह आह दीपक इतनी गुदगुदी बुर में दिन में ही चोदोगे क्या मुझे आज?

उनकी चूत को मैं जींभ से एक कुत्ते की तरह कुरेद रहा था, और वो सिसक रही थी। अब मेरा लंड बरमूडा से निकलने को आतुर था।

तभी मैंने रिया की बुर को मुंह में लेकर पल भर तक चुभलाया, और उसके कमर को थामकर मैं उसकी बुर को चूसता रहा। मुझे काफी मजा आ रहा था, तभी उस रण्डी ने मेरे चेहरे को पीछे की ओर धकेला और अपनी बुर को मुझसे स्वतंत्र कर लिया।

रिया की बुर चमक रही थी और वो अब मुझे बेड पर लिटा कर, मेरा बरमूडा खोलने लग गयी। फिर वो उठकर अपने कमरे का दरवाजा लगा कर आई। मेरे लंड को थामकर वो झुकी और मेरे लंड पर चुम्बन देने लगी।

मेरे लंड का गरम चमड़ा खींच कर, वो अपने होंठो से लंड को चूम रही थी।

मेरा हाथ दीदी की चूची को दबाने लग गए ऐसा लग रहा था, मानो कोई दूध से भरी थैली हो। वो अब मेरे लंड का सुपाड़ा अपने नाक से लगाकर सुघ्ने लगी, तो मै जोर जोर से स्तन दबाने लग गया।

दीदी की मुख से आह ओह उह ऊं शब्द निकल रहे थे।

तो वो अपना मुंह खोलकर पूरा लंड अंदर घुसा लेती। अब मुंह को बंद करके लंड चूसने लग गयी। लेकिन उसका सर स्थिर था और मै उसकी चूची को दबाता हुआ बोला।

मैं – आह बहुत मजा आ रहा है, जानू अब मुंह का झटका तो दे दो।

और रिया की नज़र मुझसे लड़ी ,मानो वो काम की मूर्ति हो। तभी वो अपने मुंह का झटका मेरे लंड पर देने लगी, मेरा लंड अब पूरी तरह से खड़ा हो चुका था। किसी लोहे कि सलाख की तरह, उसके गरम मुंह में पड़ा था।

कुछ देर बाद रिया मेरे लंड को मुंह से निकालती और उस पर अपनी लम्बी जीभ फेरने लग जाती।

वो मेरे लंड को बिल्कुल आईसक्रीम की तरह चाट रही थी, फिर वो दुबारा मेरे लंड को मुंह में ले कर और मुखमैथुन करने लगी। तो मेरा हाल खराब होने लग गया था।

मैं – अब बस भी करो रण्डी मेरे लंड का माल पीकर ही दम लेगी क्या?

लेकिन रिया कुछ देर तक चूसती रही, और फिर में वाशरूम भागा और पिसाब्ब करके वापस आया। तो मैंने देखा रिया बेड पर बैठी हुई थी।

अब उसने मुझे बेड पर धकेल दिया, तो अब मैं बेड पर लेटा हुआ था। रिया अब मेरे मुंह के ऊपर अपने चूत्तर रख कर मुझे बुर चाटने का न्योता दिया।

उसके दोनों पैर दो दिशा में थे, तो मेरे मुंह से २-३ इंच की दूरी पर उसकी बुर थी। तभी मै उसकी कमर को थामा सिर को ऊपर कि ओर किया, और बुर चूमने लग गया।

लेकिन रिया अपनी उंगली की मदद से बुर को फैला रही थी, और मेरी जीभ उसकी चूत चाटने लग गया। ये मेरे लिये एक अनोखा आनंद था।

जब मेरे मुंह के ऊपर दीदी चुतर को करके बुर चटवा रही थी, मेरा जीभ उसकी बुर को लपालप चोद रही थी।

दीदी – आह ओह हाई रे बुर चाट मेरी।

और मै जीभ से दीदी की चूत को चोदता चूसता रहा, फिर कुछ पल बाद दीदी चिंख पड़ी।

दीदी – ओह अब चूस ना साले मुंह में लेकर पानी पीने को मिलेगा तुझे।

और मै उसकी चूत के गद्देदार फांक को मुंह में लिया, और फिर बुर का पानी मुंह में आने लग गया। दीदी की चूत का पानी काफी स्वादिष्ट था। मेरा लंड अब मूसल लंड हो चुका था, लेकिन रिया के अनुसार चुदाई नहीं करनी थी।

इसलिए मैंने दीदी को बेड पर सुलाया और उसके स्तन को पकड़कर मुंह में भर लिया। मैं दीदी की चूची को चूसता हुआ, उनका दूसरा स्तन मसल रहा था। और वो अपने छाती से मुझे लगाकर, मुझे अपना दूध पीला रही थी।

दीदी – उह आह ओह अब बुर चोदो.

ये सुनकर मै दुसरी चूची को चूसा और फिर दीदी को कुतिया की तरह बिस्तर पर कर दिया।

मैं रिया की गांड़ के सामने लंड पकड़ बैठा था, और फिर लंड का सुपाड़ा बुर में पेल कर कमर पकड़ कर मै घुटने के बल बैठ गया। और रिया की टाईट चूत में मेरा २/३ लंड घुसने के बाद ऐसा लग रहा था मानो लंड अंदर फस गया।

तो मैंने थोड़ा सा लंड बाहर खींचा और और जोर का धक्का उस मादरचोद रण्डी की बुर में दे दिया। तो अब मेरा पूरा लंड बुर के अंदर था, और मै तेज गति से दीदी कि बुर चोद रहा था। मेरा शेर बुर में दौड़ लगा रहा था।

अब मै दीदी की रसीली चूत को चोदकर झूमने लग गया। रिया अब पीछे मुड़कर देख कर मुझे आंख मारी, तो मै उसकी बुर को पूरी ताकत और गति से चोदने लग गया।

अब धीरे धीरे उसकी रसीली चूत गरम होने लगी, और वो बोली।

दीदी – आह ऊं उह दीपक बहुत मजा आ रहा है चोदते रहो।

और मै उसके सीने से लगे स्तन को दबाता हुआ मजा ले रहा था।

७-८ मिनट से रिया की बुर को चोद रहा था और फिर कुछ देर बाद में मेरा माल झड़ने की ओर था। तो चुदाई की गति को तेज कर दिया, और रिया अपने कमर केको स्प्रिंग की तरह आगे पीछे करने लगी।

वो चुदाई के मजे को डबल कर रही थी और बोली।

दीदी – वाह दीपक तुम तो अब चोदने मे एक्स्पर्ट को चुके हो। मेरी बुर में अब लहर आ रही है, तुम अब अपना माल झाड़ दो।

मैं – जरूर मेरी रानी तेरी बुर चोद चोद कर तो मेरा लंड काफी मोटा होने लगा है।

मै अब चुदाई के अंतिम पड़ाव पर था और रिया भी गान्ड हिला हिला कर झूम रही थी। अब मेरे लंड से वीर्य गिरना शुरू हुआ।

मैं – आह उह ये लो बे रण्डी अपनी बुर को वीर्य पीला।

मेरे लंड से वीर्य की तेज धार रिया की बुर में निकलने लग गयी। अब बुर से बाहर भी रस आने लग गया। मै लंड को बुर से बाहर निकाला, तो रिया अपने मुंह में मेरा लंड लेकर चूसने लगी और वीर्य का स्वाद चखने लग गयी।

दोनों अब बारी बारी से वाशरूम गए और अपने गुप्तांग को साफ करके वापस कमरे में आए। फिर मै अपना बरमूडा और गंजी पहना और दीदी अपने टॉप्स और स्कर्ट को पहन ली।

फिर मै उसके कमरे से बाहर निकल गया।




................................................6
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
6............................












हम दोनों जवानी के मजे लेने में लगे हुए थे, रिया २३ साल की खूबसूरत लड़की है। तो दीपक २१ साल का जवान लड़का है। रिया की छरहरी बदन का क्या तारीफ करूं, उसकी लंबाई ५’६ फीट तो कमर पतली, बाल लंबे और घने तो चूची सुडौल है।

मानो नारंगी का जोड़ा छाती पर रख दिया हो, और चुतर एक दम गोल गुंबदाकार है। उसकी मोटी चिकनी जांघों का दीदार सब को नहीं होने वाला था, और जांघों के बीच का हिस्सा वहीं तो जन्नत है।

एक दम फूली हुई बुर और गद्देदार फांक, लालिमा लिए इस चूत को चाटना हो या चोदना। कोई भी इस काम में पीछे नहीं रहेगा।

दीपक का कसरती बदन और लम्बा बदन (६’० फीट) जो किसी भी लड़की या औरत को रिझाने के लिए काफी है। जबकि उसका लंड ७-८ इंच लम्बा और २ इंच मोटा है, लेकिन देर तक बुर में टिकने की छमता उसमे है।
....................................................................................................................................................................









आज सुबह जब दीदी कॉलेज के लिए तैयार हो रही थी, तभी मै उनके कमरे में जाकर उसे बोला।

मै – मुझे भी आज कॉलेज जाना है, साथ चलोगी?

रिया – ओह तो कौन सा ड्रेस पहनूं आज मैं?

दीपक – जो तुम्हे आरामदायक लगे।

और वो मेरे इशारे को समझ गई, फिर दोनों कालेज के बहाने घर से निकले और रिया मेरे बाईक के पिछले सीट पर बैठ गई। वो दोनो पैर को एक ही दिशा में करके मेरे कंधे पर हाथ रखे अपने स्तन को पीठ पर से सटा कर बैठी थी।

उसका दूसरा हाथ मेरी कमर पर था, मै बाईक तेजी से चला रहा था। तो रिया जानबूझ कर मेरे पीठ से अपने चूची को दबाने लगी, और मै उसकी इस हरकत से मस्त हो रहा था। कुछ देर के बाद हम दोनो कानपुर के बाहरी इलाके में पहुंच गए।

फिर मै दीदी को एक होटल में लेकर गया, ये जगह कानपुर दिल्ली हाईवे पर है। और होटल में जगह ३-४ घंटे के लिए भी मिल जाता है। होटल के अतिथि कक्ष पहुंचा और एक वातानुकूलित कमरा शाम तक के लिए मैंने लिया था।

दीदी थोड़ी संकोच में थी, लेकिन फिर हम दोनों कमरे में दाखिल हो गए। बाद में मैंने होटल स्टाफ को बुलाया और कुछ सामान ऑर्डर किया, एक छोटे से कमरे में हम दोनों बेड पर बैठे हुए थे।

वक्त सुबह का १०:३५ हो रहा था और जब लड़का कुछ सामान देकर चला गया। तब मैंने दरवाजा बंद किया, रिया बेड के किनारे बैठी थी और मै उसके सामने खड़ा था। तो उसने मेरे लंड के उभार को पकड लिया।

मैं – आउच इतने जोर से मात दाबाओ यार।

रिया मेरी जींस खोलने लगी और वो बोली – साले बहुत फड़फड़ा रहा है आज मैं तुझे बताती हूं।

दीपक – इतनी गर्मी है तो आज होटल के स्टाफ को भी तेरे चुदाई की दावत देनी होगी।

फिर रिया मेरी जींस को खोल दी और फिर वो भी खड़ी हो गई, वो मेरे सीने से चिपक कर मुझे चूमने लग गयी। तो मेरा हाथ उसके चूतड़ पर फिसलने लग गया, अब मेरी दीदी मुझे कसकर पकड़ रही थी।

और वो मेरे ओंठो को मुंह में भरकर चूस रही थी, मेरे छाती को उसके गुदाज चूची का एहसास मिलने लग गया था। और वो मेरे जीभ को चूसते हुए मुझसे लिपट कर खड़ी थी। अब मेरा लंड खड़ा हो गया था।

और मेरा हाथ रिया की कमर पर आ गया था, तो मैंने दीदी की स्कर्ट को नीचे की ओर खींच दिया। अब उनकी स्कर्ट रिया की जांघों तक जा पहुंची थी, फिर हम दोनों गरम होने लग गये, अब मै अपना होंठ उनके मुंह से निकाल लिए।

तो रिया अपना पूरा मुँह खोल लिया, रिया के इशारे को समझते हुए मैंने उसके मुंह में अपनी पूरी जीभ घुसा दी। और वो मेरे जीभ को चूसते हुए मेरे चूतड़ को सहला रही थी, मुझे दीदी की चिकनी गान्ड का स्पर्श मिलने लग गया।

हम दोनों एक दूसरे की बाहों में समाए मजे ले रहे थे, फिर मेरा हाथ दीदी की पेंटी की हुक को पकड़ने लग गया था और अंततः रिया की पेंटी और मेरा कच्छा खुल चुका था।

रिया अब मेरे जीभ को छोड़ दिया, और अब वो बेड के बीचोबीच आ गयी। तभी रिया मेरे शर्ट उतारने लग गयी, तो मैने उसके टॉप्स और ब्रेसियर को उतार दिया। अब हम दोनों पूर्णतः नग्न हो गये थे

तो रिया मेरे लंड को पकड़ कर बोली – क्या समान मंगवाया था?







अब रिया ने मुझे बेड पर धकेल दिया। और वो बड़ी बहन की तरह खुद ही अपनी हरकत करने लग गयी, मै बेड पर टांग सीधे किए लेटा हुआ था। तो रिया मेरे बदन पर सवार हो गई, वो अपने चेहरे को मेरे लंड की ओर करने लग गयी।

फिर उसने अपनी गान्ड को मेरे चेहरे के ऊपर रख दी, अब उसके दोनों पैर दो दिशा में थे। तो दीदी मानो मेरे ऊपर कुतिया बन गयी थी। मैने दीदी की चूत का दीदार किया और उसके चूतड़ को सहलाने लग गया।

मैं उसकी बुर पर होंठ लगाने लगा, और बुर को चूमता हुआ मस्त होने लग गया। रिया मेरे लंड के चमड़े को खींचकर सुपाड़ा को अपने ओंठो पर रगड़ रही थी। तभी रिया की बुर को चूमकर मैंने अपनी उंगली की मदद से बुर के छेद को फैलाया।

अब मैंने सर को थोड़ा ऊपर किया, और मैंने दीदी की कमर को कसकर पकड़ रखा था। फिर मैंने बुर में जीभ घुसा दी, और मैं बुर चाटने लगा गया।

तो दीदी मेरे लंड के २/३ हिस्से को अपने मुंह में भरकर चूस रही थी, दोनों काम क्रिया में लीन थे। दीदी अब अपने सर का झटका लंड पर दे देकर मुखमैथुन करने लगी, तो मै भी रिया की बुर को कुते की तरह लपालप चाटने लग गया।

कमरे में दोनों की मधुर सिसकने की आवाज ‘’आह और चूसो बे रण्डी उह ऊं आह चाट बे कुत्ते।” ऐसी मस्त आवाज आ रही थी। और फिर मैने रिया की बुर को चाटना छोड़ दिया, तो दीदी मेरे लंड को जीभ से चाटने लग गयी।

अब मेरा बदन पूरी तरह से गरम हो गया था, तो लंड भी लोहे की गरम सलाख बन चुका था। अब सिर्फ चुदाई बाकी थी, पल भर बाद रिया मेरे बदन पर से उतर कर वाशरूम भागी। तो मै भी अंदर घुस गया, मैंने देखा कि वो बैठ कर मुत रही थी।

तो मैने भी पेशाब किया और हम दोनों बेड पर आ गए। रिया अब बिस्तर पर लेट गई तो मै उसके दोनों पैर को दो दिशा में करके बुर को निहारने लग गया। उसकी बुर की चमक के साथ दर्रार स्पष्ट दिख रही थी।

तो मै अब उसके दोनों जांघों के बीच लंड थामे बैठा हुआ था, फिर मैंने एक तकिया उसकी गान्ड के नीचे डाल दिया। अब बुर और लंड एक दूसरे को निहार रहे थे, तो मै लंड के सुपाडे को बुर में घुसाने लग गया।

रिया की चूत गरम और सुखी थी, तो धीरे धीरे आधा लंड बुर में मैंने पेबस्त कर दिया। फिर मैंने रिया की कमर को थामा, और मैंने एक जोर का झटका बुर में दे दिया। तो मेरा लंड बुर को चीरता हुआ अंदर चला गया, और उसकी चिंक्ख और वो बोली।

रिया – उई मां बुर का भर्ता करेगा क्या बे साले कुत्ते आराम से कर ना।

दीपक ने अग्ला धक्का दिया और वो बोला – जरूर बे रण्डी तेरी बुर को तो मै आज गुफा बना दूंगा।

अब मेरा लंड गरम बुर में चिकने पथ पर दौड़ लगाने लगा गया, तो रिया की आंखें बंद हो गयी थी। फिर मैं उसकी एक चूची को मसलता हुआ मस्त था, करीब ३-४ मिनट तक चोदने के बाद रिया चिल्ला उठी।

रिया – हाई अबे मादरचोद जोर से चोद ना पानी आने वाला है।

अब मेरा लंड पूरी गति से बुर को चोद रहा था, कुछ धक्के के बाद उसकी बुर रस फेंकने लग गयी। और अब गीली बुर को चोदने में “फच फचा फाच “की आवाज आ रही थी। फिर मैंने दीदी की बुर में से लंड निकाल लिया।

रिया के मोटे चिकने जांघों के बीच मैंने अपना चेहरा लगाया और बुर को फलकाकर जीभ से रस का स्वाद लेने लग गया। वो अपने चूतड़ को ऊपर कर रही थी, मानो मेरे मुंह को अपनी बुर में घुसा लेगी।

तो मै बुर के रस को चाटता रहा और मेरा लंड कुछ पल के लिए आराम करने लग गया। दीदी की बुर का रस नमकीन था, तो मै उसे चाटता रहा और रिया मेरे बाल को कसकर थामे सिसक रही थी।

रिया – हाई बे बुर चोद अब लंड क्या तेरा लंड तेरी मां की बुर में घुसा हुआ है। चोद चोद बे साले मादरचोद चोद मुझे।

ये सुनकर मेरा दिमाग गरम हो गया, और मैने रिया को बेड पर कुतिया बना दिया। वो अपने घुटने और कोहनी के बल शरीर को संतुलित कर रखी थी, तो मै घुटने के बल उसकी गान्ड के सामने बैठा हुआ था।

मैं रिया के मदमस्त चूतड़ को निहारता हुआ, अपना लन्ड पकड़ कर बुर में पेलने लग गया। रिया सर घुमाकर मुझे देख रही थी, तो मैने थोड़ा सा लंड घुसते ही एक जोर का धक्का मार दिया। तो रिया मुस्कुरा दी, और मैने उसकी कमर को पकड़ा।

मैंने फिर से जोर का झटका बुर में दे दिया, मैंने अब की बार जानबूझकर तिरछा लंड डाला था। इससे उसे बहुत दर्द हुआ और वो चिलाते हुए बोली।

रिया – अरे बहन चोद बुर की झिल्ली तो तोड़ ही चुके हो, अब क्या मेरी सुहागरात के पहले बुर को इतना ढीला कर दोगे। कि तेरा जीजा मेरी बुर देख ही मेरे चुदाई का अंदाज़ लगा ले कि मैं कितनी बड़ी रंडी हूँ।

दीपक – ओह रिया चुदाई के वक़्त अपनी शादी की बात मत किया कर ।

अब मेरा लंड रसीली चूत को दे दनादन पेल रहा था, तो बिना बुर और लंड के गरम हुए लंड का माल फेंकना संभव ही नहीं था। तो रिया एक चुद्कर लड़की की तरह अपने चूतड़ को हिलाने लग गयी।

हम दोनों चुदाई में मसगुल थे, अब मेरा हाथ उसके सीने से लटके चूची को थामने लग गया। अब तक बुर का रस अब धुंआ हो चुका था, अब असली मर्दानगी दिखाने का वक़्त आ चुका था।

देर तक नहीं चोदूंगा तो बाद में बोलेगी की तेरे लंड में जान नहीं है, इसलिए मैं आराम से चोदता हुआ। उसके चूतड़ के झटके को सहने लगा गया, साथ ही मैं उसकी चूची को मसल कर मजा ले रहा था और अब रिया बोली।

रिया – अरे बहन चोद अब बुर में इतनी आग लगी हुई है, जरा बारिश तो कर दे।

अब रिया की बुर का हाल खराब हो गया था, और मेरा लंड अब झड़ने के करीब था। तो मैं तेज रफ्तार से उसकी चुदाई करने लग गया।

................................................7
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
vvvvvvvvvvvvvv
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
ggggggggggggg
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,






रिया और दीपक एक हफ्ते अपने घर में ही मजे लेने वाले थे, चूंकि हम दोनों के पापा और मम्मी किसी काम से पैतृक गांव जाने वाले थे।

हम दोनों भाई और बहन अकेले अपने घर में रहने वाले थे। रिया घर में अकेली थी, जब मैं पापा और मम्मी को छोड़ने कानपुर सेंट्रल स्टेशन गया था, शाम की ट्रेन में दोनों को आरक्षित श्रेणी में बिठा कर मै घर की और चल दिया।

मै घर तकरीबन ०८:०० बजे पहुंचा, आज दिन में कालेज की क्लास और फिर स्टेशन जाकर दोनों को छोड़ना, काफी थकावट महसूस कर रहा था और घर घुसते ही मैं बोला।

मैं – रिया एक कप काफी जरा बना देना।

रिया मुस्कुराते हुए बोली – तुम भी ना दीपक, अभी काफी पीने का वक़्त है क्या? चलो जा फ्रेश हो कर आयो और खाना खा लो, उसके बाद फिर तुम सो जाना।

मै खुद किचेन में चला गया और कॉफी बनाने लग गया, तभी पीछे से रिया आकर मुझे दबोचने लग गयी और अपने मुलायम चूची को मेरे पीठ से रगड़ने लग गयी। तो मै सर पीछे घुमाकर उससे बोला।

मैं – इतनी थकावट में काफी की जगह तुम मुझे जकड़ रही हो?

रिया मुझे गर्दन चूमने लग गयी और बोली – सो क्या, इतनी जल्दी मेरे से मन भर गया तुम्हारा?

दीपक – नहीं रे, इससे भी कभी किसी का मन भरा है क्या?

तभी मैं काफी ले कर कमरे में आया, तो रिया एक कप काफी को दो कप में करके ले आयी। फिर हम दोनों डायनिंग हाल में बैठकर काफी पीने लग गये। रिया पीले रंग के नाइटी में मस्त दिख रही थी, तो मेरा ध्यान उसके बूब्स पर जा रहा था।

रिया – एक हफ्ते तक हम दोनों बिंदास मस्ती करेंगे, ना कोई देखने वाला और ना हि कोई रोकने वाला।

मै रिया के दाहिने बूब्स को पकड़ दबाने लग गया और मैं बोला – जरूर रिया, घर में साडी जरूरत की सामान मैं कल ही ला कर रख दूंगा, फिर उसके बाद हम दोनों को घर में ही मजा करना है।

हम दोनों का काफी पिना हो गया था, तो मै उसके स्तन को पुचकारते हुए मस्त होने लग गया। तभी रिया मेरी शर्ट के बटन को खोलने लग गयी, तो मै उसके करीब होकर उसकी गर्दन को चूमने लग गया।

मुझे उसके बालो से शैंपू की सुगंध आ रही थी। अब मै रिया को बाहों में लेकर चूमने लग गया, उसकी बाईं चूची मेरे सीने से लग रही थी, तो रिया मेरे से चिपकने को आतुर हो रही थी। मेरे होंठ उसके चेहरे और होंठ को चूम रहे थे, और उसके हाथ का एहसास अपने जींस पर पा रहा था।

रिया मेरे जींस को खोलने में लीन थी, तो मै उसके रसीली होंठो को चूसता हुआ। उसके बूब्स को सहला रहा था। दोनों निर्भीक होकर अपने ही घर में एक दूसरे से लिपटे हुए थे, तब तक मेरी शर्ट और जींस खुल चुकी थी।

रिया अपने होंठ को स्वतंत्र करके अपनी लम्बी सी जीभ मेरे मुंह में दे रही थी, और मै दीदी की जीभ को चूसता हुआ उसके हाथ का एहसास अपने लंड के उभार पर पा रहा था। दोनों की आंखे बंद थी, और सांसे आपस में टकरा रही थी।

फिर मैं ३-४ मिनट तक दीदी की जीभ को चूसता रहा, वो मेरे चेहरे को पीछे धकेल कर अपनी जीभ को मेरे मुंह से निकालने लग गयी। अब उसने मेरी छाती पर अपना सर रख दिया।

रिया – पता नहीं जब भी तुम्हे देखती हूं मन डोलने लगता है।

दीपक – कोई बात नहीं, एक बार अपने आशिक या बॉयफ्रेंड से चुद लोगी तो मेरे से ध्यान हट जाएगा, वैसे भी हम दोनों की ये प्रेम दास्तां कुछ साल की ही तो है।

रिया अपना चेहरा मेरी और करते हुए बोली – क्यों मेरी शादी होने के बाद तुम मुझे मजे नहीं दोगे?

दीपक – क्यों नहीं।

फिर रिया को मै अपने गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया, और मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया। वो नाइटी में बहुत मस्त दिख रही थी, तो मै उसके करीब बैठकर उसके नाइटी को ऊपर की और करने लग गया।

तो रिया समझदार लड़की की तरह अपनी नाईटी को अपने बदन से निकालने लग गयी। उसके दोनों नग्न बूब्स खूबसूरत लग रहे थे, तो उसका सपाट पेट नाभि तक चमक रहा था। लेकिन चूत पेंटी में ही थी, और मै उसके बदन पर हाथ फेरने लग गया।

उसके गोलाई को मसलता हुआ, मैं उसके स्तन पर झुका। तो रिया अपना स्तन पकड़ कर मेरे मुंह में भरने लग गयी। उसके स्तन का २/३ हिस्सा मेरे मुंह में था, तो मै उसकी चूची को चूसता हुआ उसके दूसरे चूची को दबाने लग गया।

उसके मुंह से ओह आह ऊं जैसे शब्द निकल रहे थे, और मेरा लंड कच्छा के अंदर टाईट हो चुका था। तभी रिया मेरे चूतड़ को सहलाने लग गयी, और वो धीरे से मेरा कच्छा को उतारने लग गयी।

अब मैं उसके दूसरे स्तन को चूसता हुआ, उसके दुसरे चूसे के निपल को मैं उंगली में लेकर मसलने लग गया। इससे रिया अपने दोनो पैर को एक दूसरे से रगड़ रही थी, पल भर तक मैंने उसकी चूची को चूसा।

फिर मैं वाशरूम चला गया, वहां मैंने अपना कच्छा को खोलकर रख दिया और मैं पेशाब करके लंड को धोने लग गया। फिर मैं वापस कमरे में नंगा ही आया, तो रिया मेरे लंड को देख बेड पर उठकर बैठ गई।

अब जब मै बेड पर बैठा तो, उसने मुझे बिस्तर पर धकेल दिया। और वो मेरे लंड को हाथ में पकड़ने लग गई, धीरे धीरे लंड को हिलाते हुए उसने अपना चेहरा मेरे लंड पर झुकाया। फिर उसने मेरे लंड को चुसना शुरू कर दिया।

वो मेरे लंड को अपने होंठो से रगड़ रही थी, जिससे मेरा बुरा हाल हो रहा था। मै अब अपना हाथ आगे करके उसके सीने से लग गये स्तन को पकड़ने लग गया, और मैं धीरे धीरे उसके बूब्स को दबाने लग गया।

तो रिया ने मुझसे नजर मिलते हुए अपना मुंह खोला, और उसने मेरे पुरे लंड को अपने मुंह में भर लिया। अब वो मेरे पुरे लंड को चूस रही थी, और मेरा लंड और ज्यादा सकत हो गया था। तभी रिया मेरी झांटो में हाथ घुमाते हुए, मेरे लंड को मुंह से धके देने लग गयी।

मेरा लंड अब लोहे की सलाख़ बन चूका था, फिर मैं चिलाते हुए बोला – अरे मादरचोद रंडी मेरा लंड अपने मुंह में हि खलास करेगी क्या? और फिर क्या तेरा बाप तुझे चोदेगा?

फिर कुछ देर और उसने मुख्मेथुन किया, फिर रिया ने गीले लंड को मुंह से बहार निकला। फिर वो मेरे गीले लंड को अपनी जीब से चाटने लग गयी। अब मेरा मन उसे चोदने का था, पर वो साली अभी भी मेरा लंड चाटे जा रही थी।

फिर कुछ देर बाद वो बाथरूम में चली गयी, मैं बेड पर लेटा हुआ उसका इंतज़ार कर रहा था। फिर कुछ देर बाद वो बेड पर आ कर बैठ गयी, फिर मैंने लेटाया और मैं उसकी कमर के पास बैठ गया।

फिर मैंने रिया के चूतडो के निचे एक तकिया रख दिया। रिया की चूत अभी उसकी पंटी में कैद थी, फिर मैंने उसकी चिकनी मोटी जांघ को चुमते हुए उसकी चूत पर हाथ लगाने लग गया। फिर मैं पंटी के उपर से ही उसकी चूत को ऊँगली से मसलने लग गया।

रिया – अबे हरामी कम से कम मेरी पंटी तो उतर दे, और मेरी चूत को चोद ना की उसको मसल।

पर मैं रिया को गरम कर रहा था, फिर उसकी दूसरी जांघ को चूमने लग गया। इससे वो अपनी चूत को हवा में उचकाने लग गयी। फिर मैं उसकी पंटी को निचे करने लग गया, पर उसने अपनी दोनों जांघों को एक साथ चिपका लिया।

ताकि मैं उसकी चूत के दर्शन न कर सकूं। फिर मैं सीधा उसकी कमर पर झुका और चुमते हुए मैं उसको कस कर पकड़ने लग गया। कुछ देर तक मैं उसकी कमर को चूमता रहा, तो रिया अपनी दोनों को जांघों को दोनों दिशा में करके अपनी चूत मुझे चमकाने लग गयी।

उसकी गदेदार चूत हीरे की तरह चमक रही थी, तो मैं अपनी लगाकर उसकी चूत को फैला रहा था। अब मैं झुककर उसकी चूत के आंतरिक हिस्से को देखने लग गया, वैसे भी रिया इतना नहीं चुदी थी, कि मुझे उसकी चूत का आंतरिक भाग पूरी तरह से दिख जाये।

रिया – अरे बहन चोद क्या खोज रहा है मेरी चूत में।

तो फिर मै चूत में जीभ घुसा कर उसकी चूत को चाटने लग गया, फिलहाल मेरा लंड कड़े लोहे की तरह था। फिर भी वो मेरे काबू में था, सो मैं उसे अपनी जीभ से उसकी चूत को चोदने मस्त था

रिया अपनी चूतड़ को ऊपर की और करते हुए खुद ही अपनी चूची दबा रही थी। मै कुत्ते की तरह उसकी चूत को लपालप चाट रहा था।

रिया- उह ओह उम आह लगता है चूत का रस निकाल कर ही चोदेगा।

तो मै चूत को मुंह में भर कर लेमंचूस की तरह चूसने लग गया, कुछ देर बाद रिया बोली।

रिया – आह मेरा चूत ओह पानी फेकेगी अब ले पि इसे।

फिर उसकी चूत का रस मेरे मुंह में आ गया, तो मै दीदी की चूत के रस को पीकर चूत को चाटने लग गया। वैसे भी मै रिया की चूत का मूत्र बियर में मिलाकर पी चुका था।

रात्रि के ०९:२५ हो चुके थे, और हम दोनों अब अपने काम क्रीड़ा कि आखरी तैयारी में लग गए। रिया वाशरूम जाकर अपनी चूत को साफ करने लग गयी, और मूत्र क्रिया करके बेड पर आ गयी।

फिर दीदी अब बेड पर लेटकर अपने चूत को सहलाने लग गयी, तो मै अपना लंड हाथ में लिए उसको दिखा रहा था। इतने में मेरा मोबाइल बज उठा और पास पड़े टेबल पर हाथ लगाकर मोबाइल लिया। फिर मैं मम्मी से बात करने लग गया।

माँ – ट्रेन खुले आधा घंटा हो गया, तुम घर पहुंचे की नहीं अभी तक?

दीपक – हां माँ, सब ठीक है और दीदी अपने कमरे में पढ़ाई कर रही है।

मम्मी – ठीक है वक़्त पर खाना खा लेना और रिया का ख्याल रखना।

मै तो रिया दीदी का पूरा ख्याल रख रहा था, अब बाते बंद हुई तो मै दीदी के दोनों मोटे जांघों के बीच लंड पकड़े बैठ गया। रिया अपने चूतड़ के नीचे अब भी तकिया रखे हुई थी, ताकि दोनों का ओज़ार आमने सामने आ जाये।

अब मैं दीदी की चूत के दरार पर सुपाड़ा रगड़ने लग गया, तो वो उंगली की मदद से चूत फैलाने लग गयी। धीरे धीरे सुपाड़ा सहित १/३ लंड मैंने चूत में घुसा दिया, और फिर एक तेज झटका चूत में दे दिया। अब मेरा मूसल लंड चूत में था तो रिया चिंख उठी और बोली।

रिया – बाप रे बाप मेरी चूत को फ़ाड़ के ही दम लग गया क्या? धीरे चोद ना भाई।

मैं दीदी को चोदते हुए बोला – धीरे धीरे चोदूंगा साली तो तू अपनी सहेली को सुनाओगी की मेरे भाई के लंड में जान नहीं है, अब चुप चाप चुद आराम से।

और फिर मेरा लंड रिया की चूत को चीरता हुआ चूत की गहराई तक जा रहा था। वैसे भी ये मर्द जाति की एक भूल ही है, कि वो सोचता है कि मैंने चूत की गहराई तक में अपना लंड पेलकर चुदाई की है।

लेकिन ये हकीकत है कि लड़की हो या महिला, उसकी चूत की गहराई चुदाई के बाद बढ़ती ही जाती है। अब रिया की चुदाई करते हुए, मैं उसके जिस्म पर सवार हो गया था। तो मेरी चुद्दक्कर बहन मेरे होंठ को चूमते हुए, मेरी कमर को कसकर पकड़ रही थी।

और वो अपने चूतड़ को ऊपर नीचे करने लग गयी, वाकई धीरे धीरे चुदाई में वो एक्स्पर्ट हो रही थी। मेरी छाती उसके स्तन का एहसास पा रही थी, रिया की चूत में लंड पेल पेल कर मैंने चूत को आग की भट्टी बना दिया।

रिया अब शांत लेट कर चुद रही थी, फिर अचानक वो चिंख्ने लग गयी और वो बोली – दीपक अब चूत में आग लग गयी हुई है, प्लीज़ रस झाड़ दो ना।
मैं उसके होंठ चुमते हुए बोला – अभी वक्त लगेगा तो एक ब्रेक लेते है।

फिर मै रिया के जिस्म पर से हट गया और मूतने चला गया। जबकि रिया बिस्तर पर नग्न लेटी हुई थी, मै अब डायनिंग रूम गया और रेफ्रजिरेटर से एक मख्खन कि टिकिया को निकाला और वापस आ गया।

रिया टांग चिहारे चूत बिचकाए लेटी हुई थी, मुझे देख कर वो बोली – क्या अब बहन की चूत को मक्खन लगाकर चोदोगा?

दीपक – जरूर, इससे चूत की गर्मी भी इससे शांत पड़ेगी और तुमको भी चुदाई में मजा आएगा।

फिर मै रिया की चूत के सतह पर बटर की टिकिया रगड़ने लग गया, वो खुद ही चूत को फैला कर मै बटर की टिकिया को अंदर घुसाने लग गया। ताकि बटर चूत की गर्मी से पिघल कर अंदर के मार्ग को चिकना और गिला कर दे।

आखिरी में मै चूत के अंदर टिकिया घुसकर अपना चेहरा चूत पर झुकाया, और चूत को जीभ से लपा लप चाटने लग गया। मुझे चूत चाटने में बेहद आनंद मिलता है, और कुछ देर बाद उसकी बूब्स को भी मसलने लग गया।

अब रिया की चुदाई होने वाली थी, सो मैंने उसको बेड पर कोहनी और घुटने के बल कर दिया। रिया बिल्कुल कुतिया की माफिक बेड पर थी, तो मै उसके चूतड़ के सामने लंड पकड़ कर बैठ गया।

रिया अब मुझे निहार रही थी, तो मै उसकी चूत में लंड घुसाने लग गया। मेरा पूरा लंड आराम से रिया की चूत निगल गई, और मै उसकी कमर को पकड़कर तेज चुदाई करने लग गया। चूत का रास्ता चिकना था और लंड पूरी गति से चुदाई कर रहा था।

तो दीदी भी अब अपने चूतड़ को आगे पीछे करने लग गयी, अब वो भी चुदाई का मजा वो बढ़ा रही थी। तो मै उसको चोदता हुआ, उसकी चूची दबाने लग गया।

रिया – और तेज चोद साले तेज फ़ाड़ मेरी चूत तू ही तू मेरी चूत की खुजली मिटा सकता है।

अब मेरा हाल खराब था और अब मेरा लंड आत्मसमर्पण करने को तैयार था, तो रिया अपना चूतड़ हिला डुलाकर चुदाई का मजा ले रही थी। अब उसकी चूत में भी सुखाड़ था और मेरा लंड भी आग हो चुका था।

फिर मै चिख उठा और मै बोला – ये ले साली चुद्कड मेरा निकल रहा है।

और मेरा लंड चूत में वीर्य गिराकर शांत पड़ गया, हम दोनों थक चुके थ


















,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
9.........................

रिया और मै दोनों नग्न अवस्था में ही थककर सो गए, रात के १०:३० बजे दोनों को गहरी निद्रा सो गये थे। तो हम दोनों बिना खाना खाए ही बेड पर निढाल हो गए। फिर देर रात तकरीबन ०१:०० बजे मेरी नींद खुली, तो मेरा लंड मुरझाया हुआ था।

और दीदी करवट लिए सो रही थी, कुछ देर तक मै उनको घूरता हुआ उनकी पीठ और चूतड़ को सहलाता रहा। फिर दीदी ने चित होकर आंखें खोली और वो बोली।

दीदी – क्या कर रहे हो जानू, बहुत गर्मी लग रही है चलो स्नान करते है।

मैं दीदी के स्तन को पुचकारते हुए बोला – हां चलो ना, साथ में स्नान करेंगे फिर खाना भी खाना है।

तो रिया मेरे साथ वाशरूम घुसी, फिर हम दोनों झरने के नीचे जमीन पर बैठ गए। झरने से पानी दोनों के बदन पर गिर कर बदन को गीला कर रहा था। रिया और मै दोनों आमने सामने अपने चूतड़ को जमीन पर रखकर आराम से बैठे हुए थे, तो दीदी मेरे छाती को सहला रही थी और मै उसके मुलायम चूची को दबा रहा था।

दोनों का बदन पानी से भिंग गया तो मैंने झरने को बंद करके एक बॉडी शैंपू लिया, और फिर बैठकर रिया के गले से चूची तक शैंपू लगाने लग गया। वो मेरे छाती से कमर तक शैंपू लगाते हुए मेरे बदन की मालिश कर रही थी।

उसके चिकने बदन पर शैंपू लगाता हुआ, मैं उसके चूची को मसलने लग गया। तो वो अब मेरे जांघ से लंड को शैंपू से सराबोर करके, मेरे लंड को हाथ में लेकर धीरे धीरे हिलाने लग गई। लंड २ १/२ घंटे से आराम कर रहा था।

तो उसमें जान आने लग गयी और मैने अब दीदी की बुर पर शैंपू लगाकर बुर को झाग युक्त कर दिया। दोनों के बदन का अगला हिस्सा झाग से ढका हुआ था, और वो मेरे लंड को पकड़ हिलाते हुए मस्त हो रही थी।

तो मै दीदी की चूत में एक उंगली करके बुर को कुरेदने लग गया, शैंपू बुर के अंदर पेल रहा था ताकि बुर को अंदर से साफ कर सकूं। अब दीदी मुझे मुड़ने को बोली तो मै पीछे की ओर घूम गया, और रिया मेरे पीठ से लेकर चूतड़ तक शैम्पूक से मालिश करने लग गई।

कुछ देर बाद मैने रिया को खड़ा होने बोला और अब वो खड़ी हो गयी, तो मै उसके पीछे खड़ा होकर उसके बदन की मालिश सहित शैंपू से सफाई करने लग गया। दोनों अब आमने सामने नग्न अवस्था में खड़े थे।

फिर मैंने झरने को खोला और अब दो जिस्म एक दूसरे से लिपटकर स्नान करने लग गये, मेरा लंड अब अर्ध रूप से खड़ा हो चुका था। तो मै दीदी की चूतड़ को सहला रहा था और तभी रिया मेरे ओंठो को चूमने लग गई।

तो मै रिया की चूत में उंगली पेलकर बुर को कुरेदने लग गया, और रिया मेरे ओंठ को मुंह में लेकर चूसने लग गई। दोनों के बदन पे पानी गुजर रहा था, तो अब दो बदनो मे आग और ऊपर से पानी आ रहा था।

ऐसे दोनों का स्नान हो रहा था, मैं तो दीदी कि बुर को उंगली से चोदता हुआ मस्त था। मेरा लंड अब असली रूप में आने लग गया, कुछ देर के बाद दोनों एक दूसरे से अलग हुए। अब दोनों का बदन साफ हो चुका था, और फिर दोनों एक दूसरे के गीले बदन को तौलिए से साफ करने लगे।

अब दोनों नग्न अवस्था में ही कमरा में आए और फिर रिया किचेन से खाना लेकर आई। तो वहीं हम दोनों खा लिया और हाथ मुंह धोकर नग्न ही एक साथ सो गए।

कुछ देर के बाद दोनों गहरी निंद्रा में चले गए और सुबह रिया की नींद पहले खुली। लेकिन मै अभी तक सो रहा था, मेरी आंखें तब खुली जब मुझे अपने गाल पर चुम्बन का एहसास हुआ। मानो मै सपना देख रहा था, आंखें खुली तो रिया मेरे चेहरे के करीब बैठी हुई थी।

मेरा लंड खड़ा होकर मानो दीदी को सलामी दे रहा था, तभी मै पास पड़े चादर से लंड को ढक लिया और उठकर बोला।

मैं – एक चाय बना दो ना।

रिया शायद स्नान ध्यान करके तैयार थी, फिर वो उठकर चली गई। तो मै वाशरूम जाकर फ्रेश हुआ और फिर अपने रूम में आकर बरमूडा पहन लिया। सुबह के ०९:०० बज रहे थे तो डायनिंग हाल में बैठकर मैं दीदी के साथ चाय पीने लग गया, फिर दीदी मुस्कुराते हुए बोली।

दीदी – दिन में खाना क्या बनाऊ?

दीपक – मैं खाना बाहर से लेकर आ जाऊंगा।

रिया थोड़ा शरमाने लग गई और बोली – ओह मतलब दिन भर फुलटास आराम।

दीपक – जरूर।

और कुछ देर बाद घर में काम करने के लिए दाई आ गई, चाय पीने के बाद मै तैयार हुआ और मैंने दीदी से पूछा।

मैं – मै बाज़ार जा रहा हूं, खाने का आर्डर कर दूंगा तो खाना दोपहर में घर पहुंचा देगा और आप भी कुछ मंगवाना है तो मुझे बता दो।
रिया – हां, कोई गर्भनिरोधक गोलियां ले लेना ताकि।

दीपक – ठीक है।

मै घर के पास वाले बाज़ार गया और फिर वहां के एक रेस्तरां में जाकर खाने का ऑर्डर किया। , लेकिन दवाई दुकान पर जाकर चुप चाप खड़ा हो गया।

चूंकि वहां दो तीन लोग और थे, इसलिए गर्भनिरोधक दवाई मांगने में मुझे शर्म आ रही थी। फिर एक स्टाफ मुझसे पूछा और वो बोला – हां भैया, क्या लेना है?

दीपक धीरे से बोला – वो गर्भनिरोधक गोली “टुडे” लेनी है।

फिर उसने मुझे दवाई का एक पैकेट दिया और मै एक पॉलीथिन बैग में बियर और पॉकेट में गोली रखे घर की ओर चल पड़ा। घर में दाई काम कर रही थी तो बियर का थैला छुपाकर अंदर करना था, ताकि उसकी नजर उस पर ना पड़े।

मै घर के अंदर दाखिल हुआ और सीधे अपने रूम जाकर थैला को टेबल पर रख दिया, अब बाहर निकला तो रिया अपने रूम में लेटी हुई थी। और दाई किचन में काम कर रही थी, अब मैं उसके जाने का इंतज़ार था।

मैं दीदी को निहारता हुआ बोला – खाने का ऑर्डर कर दिया, १:३० बजे खाना पहुंच जायेगा।

रिया लेटे हुए बोली – लेकिन दीपक थकावट बहुत हो रही है।

दीपक – कोई बात नहीं, दाई को जाने दो तेरे बदन की मालिश कर दूंगा।

रिया – चुपकर साले तेरा मालिश सब समझती हूं, तू तो।

दीपक – चल फिर दूसरा उपाय भी है,

फिर मै उसके रूम से बाहर निकला तो दाई किचन से बाहर निकलते हुए मुझे बोली।

दाई – भैया, आज शाम मैं नहीं आ सकती, मुझे कुछ काम है।

फिर वो चली गई तो मैने घर का दरवाजा बंद किया, अब मेरा ध्यान रिया पर था, लेकिन मै उससे सटने वाला नहीं था। वो क्या करेगी मैं वो हि जानने वाला था।

तकरीबन आधे घंटे के बाद रिया मेरे रूम में आई, तो वो मेरे बेड पर बैठ कर बोली।



तो मै उठा और दोनों डायनिंग हाल में आकर सोफ़ा पर बैठ गये, फिर फिर मै ग्लास लेकर आया तो मैंने देखा कि, रिया आसमानी रंग के फ्रॉक में खूबसरत दिख रही है।

उसके जांघ के कुछ हिस्से नग्न थे, और वो पैर पर पैर चढ़ाकर बैठी हुई थी। मै भी उसके पास में बैठा रिया मेरी ओर खिंसक रही थी, तो मै उसके काफी करीब आ गया था।

अब दोनों के कंधा सटने लग गये और जांघें आपस में टकरा रही थी। रिया के फ्रॉक का डीप गला चूची के कुछ भाग को प्रदर्शित कर रहा था। एक दूसरे की जांघों को सहलाने लग गये, और रिया मेरे बरमूडा के किनारे में से अपना हाथ अंदर घुसाने लग गयी। वो मेरे लंड को पकड़ कर बरमूडा के कोने से बाहर निकालने लग गयी, और धीरे धीरे उसे सहलाते हुए मस्त होने लग गयी।

तो मेरा हाथ रिया की फ्रॉक में घुस चुका था, और अब पेंटी पर घूमने लग गया। दोनों बियर का आनंद लेते हुए एक दूसरे से मजे ले रहे थे। अब दोनों र एक दूसरे की आंखों में झांकने लग गये।

तो मै रिया की बुर को पेंटी पर से ही कुरेद रहा था और वो मेरे बरमूडा को उतारने लग गयी। मैने अपनी बनियान उतार दी, तो रिया मेरे सामने खड़ी होकर अपने एक पैर को सोफ़ा पर रख कर खड़ी हो गयी.

मै उसके फ्रॉक को कमर तक करके उसकी जांघों के बीच अपना चेहरा करने लग गया, और पेंटी पर अपना नाक रगड़ने लग गया। अब वो सिसकने लग गई और वो पेंटी खुद ही खोलकर बुर को नग्न करने लग गयी।

मै उसके छेद पर नाक रगड़ने लग गया और वो मेरे बाल को कसकर पकड़ रही थी। अब रिया की बुर को मैं चूमने लग गया, तो उसने अपनी फ्रॉक बदन से निकाल दिया। और मै उसकी बुर को उंगली की मदद से फैला कर जीभ से बुर चाटने लग गया।

रिया का जिस्म ब्रा के सिवाय पूरा नंगा था, और मै उसकी बुर को चाटता हुआ उसके चूतड़ को सहला रहा था। रिया की बुर के अंदर जीभ घूसाकर मैं उसकी बुर का स्वाद ले रहा था, तो मेरा लंड अब खंबे की तरह खड़ा हो गया था।

उसकी बुर की गहराई तक मैं अपनी जीभ को पेल पेल कर मस्त हो रहा था, तो रिया बोली।

रिया – हाई मै मर गई कुत्ते बुर को कितनी देर तक जीभ से चोदेगा।

तो मै थोड़ा रुका और दीदी की बुर को मुंह में भरकर चुभलाने लग गया, अब उसकी दोनो टांगे कांप रही थी, कुछ देर के बाद रिया मेरे बाल को पकड़े मेरे चेहरे को पीछे की ओर धकेलने लग गयी।

फिर मै वाशरूम भागा, मूतने के बाद लंड धोकर वापस आया तो रिया सोफ़ा पर बैठी हुई थी। अब मै उसके बगल में बैठकर उसकी चूची को दबाने लग गया, तो रिया मेरे ओंठ और गाल को चूमकर कर बोली।

रिया – आज देर रात तक हम दोनों सिर्फ एक दूसरे के साथ मुखमैथुन का आनंद लेंगे।

फिर मै दीदी की चूची पर मुंह लगा कर स्तनपान करता हुआ दूसरा स्तन मसलने लग गया, और रिया मेरे लंड को हिलाने लग गई। हम दो जिस्म एक दूसरे के पूरक हो चुके थे, और मै चूची चूसता हुआ उसकी पीठ को सहला रहा था।

रिया – उह आह हाई बे मादरचोद चूस साले अपनी बहन की चूची चूस, साले तुम्हे दूध भी पिलाऊंगी ओह बुर में कितनी खुजली है।

ये सुनता ही मै दूसरी चूची मुंह में लेकर चूसने लग गया, और रिया की बुर में उंगली पेलकर बुर कुरेदने लग गया। रिया की बुर बहुत गरम थी और मुझे अब उसके पानी का इंतजार था, तभी मै जोर जोर से उंगली अंदर बाहर करता हुआ चूची चूसने लग गया।

रिया – उह आह अब नहीं दीपक मेरी बुर का रस फेंकने वाली है, अब अपना मुंह लगा मेरी बुर पर।







,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,10
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
10.....................

रिया की चूची चूसकर मै उसकी बुर को कुरेद रहा था, कि तभी रिया फिर से बुर चाटने की मांग कर बैठी। और दीपक अब रिया की पैरों के सामने जमीन कर बैठा गया, और रिया का चेहरा लाल हो चुका था।

उसकी दोनों चूची चुस्वाकर मानो स्ट्रीट की भेपर लाईट हो चुकी थी, तभी उसने दीदी की चूतड़ को सोफ़ा के किनारे किया, और उसके दोनों पैर को सोफ़ा पर रख दिया।

रिया दोनों पैर रिया फैलाकर बैठी हुई थी, तो मै जमीन पर बैठकर उसके मोटे जांघों के बीच अपना चेहरा लगा कर उसकी बुर को चूमने लग गया। फिर रिया ने बुर का द्वार खोल दिया, अब दीदी की चूत को मैं लपा लप कुत्ते की तरह चाटने लग गया।

रिया का हाल खराब था, उसकी चूत गरम और सुखी हुई थी। तो मै बुर के मानसल हिस्से को मुंह में लेकर चूसने लग गया, वो भी कुछ देर के बाद अपने चूतड़ को ऊपर की ओर करने लगी।

फिर दीदी कि चूत ने रस फेंक दिया, मै रस का स्वाद लेकर बुर को छोड़ा और फिर जीभ घुसा कार रस को चाटने लग गया। फिर अंत में एक उंगली उसकी बुर में डालकर रस से उंगली को गीला किया, फिर मैं उस उंगली को दीदी के मुंह में डालकर बोला।

मैं – चख साली अपनी चूत के रस का स्वाद।

मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा था, लेकिन आज का दिन और रात सिर्फ मुख से प्यार करने का तय हुआ था। चुदाई रहित काम वासना आज होने वाली थी, और वो हि हो रहा था।

तभी रिया मेरे पैर के पास बैठी और उसने मेरे लंड को थाम लिया। लंड का चमड़ा टाईट होने की वजह से वो खुद नीचे आ चुका था, और रिया मेरे लंड पर होंठ सटाकर चुम्बन देने लगी।

तो मै अपना हाथ दीदी के गोलाई पर लगाकर चूची दबाने लग गया, और वो लंड का सुपाड़ा अपने चेहरे पर घुमाने लग गयी। तो मेरा हाल खराब होने लग गया, फिर वो मेरे लंड को मुंह में भरकर चूसने लग गयी।

फिलहाल स्थिर मुख से लंड को चूसा जा रहा था और मै सिसक ले कर बोल रहा था।

मैं – अबे साली अपने सर का झटका दे ना आह।

मेरा लंड उसके मुंह में लंबा और कड़ा होने लग गया। तो रिया कुछ देर के बाद मेरे लंड को सर का झटका देते हुए मेरे झांट में उंगली घुमा रही थी। और उसके मुखमैथुन की क्रिया से मेरा लंड अब गरम हो चुका था। रिया तेजी से मुख का झटका लंड पर दे रही थी। तो मै भी उसकी चूची को दबा कर मजा ले रहा था, पल भर बाद रिया लंड को मुंह से बाहर निकल कर उसे अपनी लम्बी जीभ से चाटने लग गयी।

मेरा जी कर रहा था कि अभी इस साली चूद्दक्कर को चोद डालूं, लेकिन ये संभव नहीं था। तो रिया मेरे लंड को छोड़कर वाशरूम चली गई और मै ग्लास में बियर भरने लग गया।

उस वक़्त १२:४० दोपहर का हो रहा था और तभी रिया नग्न अवस्था में कमर बलखाते हुए मेरे पास आई, और वो मेरे जांघ पर अपना चूतड़ रख कर मेरे गले में बाहों का हार पहनाने लग गयी।

रिया के मांस्ल चूतड़ का एहसास मेरी जांघों को मिल रहा था, तो दीदी कि बाईं चूची मेरे सीने से चिपकी हुई थी। तभी रिया मेरे होंठो पर अपना होंठ रखकर चूमने लग गयी।

मै उसकी पीठ को सहला रहा था, रिया की तेज सांसें मेरी सांसों से टकरा कर हम दोनों कि कामुकता को बढ़ा रही थी। अब रिया मेरे होंठो को अपनी जीभ से चाटने लग गयी।

तो मेरा मुंह खुलने लगा और उसकी लम्बी सी जीभ मेरे मुह में आ गयी, मैं उसकी जीभ को चूसते हुए रिया के पीठ से लेकर उसके चूतड़ को सहला रहा था।

मेरा लंड गरम हो चूका था, पल भर बाद रिया जीभ निकाल कर होंठ को चूमने लग गयी और वो बोली।

रिया – अब मैं तेरे लंड का वीर्य पियूंगी।

दीपक – निकलेगा तब तो पियोगी साली।

रिया – जरूर, एक बात पूछूं?

दीपक – जरूर जानेमन।

रिया – कोई गेर तेरी बहन को चोदेगा तो तुझे कैसा लगेगा?

दीपक – जानू कल तेरी शादी होगी, तो तू अपने पति से ही चुदेगी, तो मुझे उससे क्या दिक्कत होगी भला?

रिया – अरे सीधे ये बता, अगर मेरे साथ तेरे अलावा एक और लड़का होगा और।

दीपक – तू पागल हो गई है क्या, किसी लड़के के साथ मजे लेना है तूने तो तेरी मर्जी, लेकिन मै भी रहूं तो वो लड़का क्या सोचेगा?

रिया – ये तो है?

मै सोफ़ा पर बैठा हुआ था तभी रिया मेरे सामने बैठी और मेरे लंड को पकड़कर अपने मुंह में भरने लग गयी। फिर सर का तेज झटके देते हुए वो मुखमैथुन करने लग गयी।

तो मै रिया की पीठ को सहलाने लग गया, उसकी एक चूची को मसलता हुआ मैं मस्त था और मुझे पता था कि जल्द ही मेरे लंड का रस उसकी मुंह में झड़ेगा।

और रिया उसको पीयेगी, इसलिए दीपक उसके बाल को कसकर पकड़ कर उसे नीचे से जोर जोर से लंड का झटका उसके मुंह में देने लग गया। दीदी की मुख चुदाई का आनन्द लेता हुआ सब कुछ भुला चुका था।

रिया के मुंह से कुछ ऐसे स्वर निकल रहे थे – उह ऊं आह।

और मेरे लंड से थोड़ा सा वीर्य निकल गया तो मैने अब दीदी की मुख चुदाई बंद कर दी, और रिया अब लंड को मुंह में लेकर तेजी से मुखमैथुन करने लग गयी।

तो मै सिसक लेते हुए बोला – आह उह और तेज बे रण्डी चूस ना आज तेरी मुंह में मूतुंगा।

और फिर कुछ देर के बाद मेरे लंड ने उसके मुंह में अपना दम तोड़ दिया, रिया लंड से निकले वीर्य को पीकर मस्त हो गई। और वो फिर लंड के सुपाड़ा को चाटने लग गयी।

मै थक चुका था और दीदी मेरे लंड पर लगे वीर्य को चाट कर ही मुझे छोड़ कर लेट गयी। फिर दोनों थककर लेट गए













.....................................11
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
11.......................

मुठ मारने का आनंद ही अलग है। वो भी तब जब आप अपनी आंखे बंद करके किसी खूबसूरत लड़की या औरत की नग्न बदन की कल्पना करते हैं।

दीपक अपनी बड़ी बहन रिया के नग्न बदन से सात दिन तक खेलता रहा, और सच में अब उसे उबन सी होनी लगी थी तो दीपक अपनी बहन से बोला।

दीपक – अब अगले १५ दिन तक हम दोनों एक दूसरे की ओर देखेंगे तक नहीं।

रिया – सही है, लेकिन मुझे पता है, कि तुम हि मेरे बदन पर हाथ लगाकर मुझे गरम करोगे।

दीपक – ठीक है तो लगी शर्त, कौन किसको पहले छूता है?

और दोनों फिर सामान्य जीवन जीने लगे, मम्मी पापा के वापस आने पर घर का माहौल बदल गया था। और एक सप्ताह तक सही में हम दोनों एक दूसरे के करीब भी नहीं आए। एक रविवार मै दीदी के कमरे में घुसा तो रिया अपने कमरे में नहीं थी।

लेकिन मेरी नजर उसकी ब्रा और पैन्टी पर टिक सी गई, बेड पर रखा पीले रंग का जालीदार ब्रेसियर और पैन्टी देख मेरा लन्ड तमतमा उठा। निश्चित रूप से रिया वाशरूम में थी और उसकी ब्रा और पेंटी शायद स्नान करने के बाद उसके गुप्तांगों पर सुशोभित होती है।

तभी मै रिया के दोनों कपड़े को उठाकर अपने बरमूडा के पॉकेट में रखे, और मैं अपने कमरे में दाखिल हो गया। अब उसकी ब्रा और पैंटी को मैने अपने वार्डरोब में रख दिया और मैं एक किताब लेकर बेड पर लेट गया।

फिर किताब पढ़ते हुए मैं इस इंतजार में था, कि कब रिया मेरे पास आकर अपने ब्रा और पेंटी की खबर मुझसे लेगी। लगभग एक घंटे के बाद रिया मेरे कमरे में आई, उसने घुटने तक की स्कर्ट और टॉप्स पहन रखी थी।

मै उसे देखकर मुस्कुराया और मैं बोला – आओ दीदी, बैठो।

रिया – अबे दीदी के बच्चे, मेरे कमरे से तूने जो चोरी की है, वो किधर है?

मै – तुम्हारा कमरा मै गया तक नहीं और क्या चोरी हुआ है जरा बताना?

रिया एक बेशर्म लड़की की तरह अपनी स्कर्ट को कमर तक उपर करके बोली -सारे कपड़ा सूख रहे है, और जो पहनने के लिए रखी थी वो तुम उठा लाए हो।

उसकी बुर की लालिमा देख मुंह में पानी आ गया और मैं बोला – दीदी घर में इस पर कपड़ा डालने की क्या जरूरत है, इसे भी ताजी हवा लगने दो।

दीदी स्कर्ट नीचे कर चुकी थी, और इधर मेरा देखते ही टाईट हो गया था।

दीपक – बिल्कुल नहीं बेबी।

फिर रिया मेरी कमर के पास बैठकर मुझे देख रही थी, तो वो अचानक से उसने अपना हाथ बढ़ाकर मेरे लंड के उभार को पकड़ लिया और जोर से दबा दिया।

मैं – आऊच ये क्या कर रही हो?

और उसने दुबारा मेरे लंड को पकड लिया, पर अब उसने आराम से बरमूडा के किनारे से बाहर निकाल दिया। अब नग्न लंड को हाथ में लेकर हिलाते हुए मस्त हो रही थी तो मै बोला।

मैं – शर्त तो हार गई बेबी।

रिया – तुम अगर मेरी ब्रा और पैंटी इधर नहीं लेकर आते तो फिर मै नार्मल ही रहती। लेकिन हार तुम्हारी हुई है।

मेरा लन्ड खड़ा हो चुका था और रिया उसको कसकर थामे हिला रही थी। तभी मै आवेश में आकर उठा और सीधे वाशरूम में मूतने चला गया। मूतने के बाद लंड को धोकर एक तौलिए से साफ किया और मैं अपने कमरे में आया, तो रिया बेड के किनारे बैठे मुस्कुरा रही थी।

मैं बोला – मेरे वार्डरोब में तुम्हारा गायब किया हुआ सामान रखा हुआ है निकलो।

रिया – अरे तुम गुस्से में क्यों हो।

और ये कहते ही वो मेरे सामने खड़ी हुई, मै कुछ समझ पाता इससे पहले ही उसने मेरा बरमूडा जोर से नीचे की ओर खींच दिया। मेरा टाईट लंड उसके हाथ में था, लेकिन उसकी मंशा तब मुझे समझ में आई।

जब वो बेड पर बैठे मेरे लंड को पकड़ कर सीधा मुंह खोल कर पूरा लन्ड मुंह में भरने लग गयी। रिया अब मुखमैथुन की कला में दक्ष हो चुकी थी, अपने सर का झटका देते हुए जोर जोर से मेरा लंड चूसने लग गयी तो मै सिसक रहा था।

मैं – ओ अबे साली रण्डी, घर में मम्मी पापा है। अगर उन्होंने देख लिए तो तेरी गान्ड फाड़ देंगे।

लेकिन रिया लंड चूसने लाने में लीन थी और मेरा लंड उसकी मुंह में लोहे की सलाख की भांति गरम और कड़ा हो चुका था। कुछ पल बाद रिया ने अपने मुंह से मेरा गीला लंड बाहर निकाल दिया।

और अब वो उसको थामे जीभ से चाटने लग गयी, तो मेरे पैर में कम्पन होने लग गये। रिया लंड को चाटकर सीधे वाशरूम भागी। मै सोच रहा था कि रिया को अभी पटक कर चोद डालूं या फिर बुर चाटकर लंड का रस उस रण्डी को पिला दुं।

इतने में रिया वापस कमरे में आई और मेरे बेड पर लेट कर बोली – दीपक, मम्मी कुछ काम से बाहर गई है। लेकिन वक़्त कम और काम ज्यादा है।

दीपक – शर्त तो हार गई, अब क्या लेना है बोल?

रिया – छुपकर नहीं खुलकर चुद्वाती हूं।

और मैं रिया के कमर के पास बैठकर उसकी स्कर्ट को ऊपर करने लग गया। वो बेशर्म लड़की की तरह अपनी दोनों टांगों को फैला कर लेट गयी। तो मैने एक तकिया रिया के नितम्ब के नीचे डाल दिया, और अब अपना चेहरा दीदी कि दोनों मस्त जांघों के बीच करके बुर का दीदार करने लग गया।

सही में जब से रिया चूत चुदाई करवाने लगी, तो उसकी बुर की खूबसूरती देखने लायक थी। मैं उसको चूमता हुआ उसकी बुर के छेद में एक उंगली पेल कर उसे रगड़ने लग गया।

मैं बुर के दोनों फांक को चूमकर मस्त हो रहा था, तो वो सिसकने लगी और बोली – अरे कुते, लंड में जंग लगा है क्या, उंगली पेल रहा है?

लेकिन मै रिया की बुर को चूम चूम कर मस्त हो रहा था और अब बुर की आग असहनीय थी। तो मैंने उंगली निकालकर अब बुर की फांकों को फैलाया, और मैं अपनी जीभ रिया की बुर को चाटने लग गया।

तो रिया अपने चूतड़ को उच्काने लगी, वो सिसक लेते हुए बोली – उई मां, इतनी खुजली ही रही है चोद ना दीपक।

लेकिन मै बुर के अंदर जीभ लपालप करता हुआ उसके पानी पीने को तरस रहा था। दीदी की चूत की पानी का स्वाद नमकीन था, तो अब मेरा लंड पूरी तरह से गुफा में जाने को तरस रहा था।

तभी मै रिया की चिकनी और गद्देदार चूत को मुंह में भर कर चूसने लग गया, और वो तड़पते हुए बोली – अब अब नहीं, प्लीज़ छोड़ दो आह बुर का पानी।

फिर मैं बुर का रस को पीकर मस्त हो उठा। घर में सिर्फ हाम दोनो हि थे और रिया को मैने एक हफ्ते से नहीं चोदा था। और साथ ही एक शर्त भी मैं जीत चुका था।

अब रिया वाशरूम चली गई तो मै उसका इंतजार करने लग गया। रिया के गोल गोल स्तन, पतली कमर और गोल गुंबदाकार गान्ड किसी को सम्मोहित करने के लिए काफी थी।

वो बेड पर आकर लेटी तो मैने उसको कोहनी और घुटने के बल कर दिया। अब स्कर्ट कमर पर था तो उसकी गान्ड देख मुंह में पानी आ गया, । खैर अब तक उसकी गान्ड को चोदने का मुझे मौका नहीं मिला था।

तो मै अब घुटने के बल होकर लंड को बुर में घुसाने लग गया। सुपाड़ा सहित १/२ लंड आराम से बुर में चला गया और मै उसकी कमर को कसकर पकड़े एक जोर का धक्के से लुंड को उसकी बुर में डालने लग गया।

रिया – बाप रे, बुर का भर्ता बना देगा क्या?

मै चोदता हुआ बोला – चूपकर साली कुती एक तो पेंटी और ब्रा के बहाने बुर दिखाने आ गई और शर्त हार कर भी बोलती है।

रिया – बुर में आग लगी हुई है जानू, वो तो एक बहाना था लेकिन तुम भी तो मेरा ब्रा और पैंटी लेकर आए थे।

अब उसकी गीली चूत में मेरा लंड पूरे गति से चुदाई कर रहा था, यकीन ही नहीं हो रहा था कि इस चूत को मैंने पहले भी चोदा है। और रिया अब पीछे की ओर देखते हुए अपने चूतड़ की हिलाने लगी। सही में दोनों काफी मजे ले रहे थे और वो बुर की गर्मी से राहत चाहती थी।

रिया – अब रहम करो बे चोदु।

मै- दम मार जल्दी ही माल झाड़ूगा।

बुर की आग में मेरा लंड तेज गति से चुदाई कर रहा था, फिर लंड का दम घुटने लगा तो मेरा लंड रिया की चूत में वीर्य झाडने लग गया। फिर दोनों अलग हुए और फ्रेश होकर कपड़ा पहन आराम करने लगे।

















.........................................





.......................................................................................................................................................................................
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
12














,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,









शनिवार के सुबह ही मेरी दीदी रिया की चिकनी चूत खुजलाने लगी, तो मेरे दिल में भी उनको चोदने की इच्छा थी। बस मै शर्त हारना नहीं चाहता था, एक २२-२३ साल की कुंवारी लड़की अपने जिस्म की आग को कैसे शांत करती है।




वो तो मुझे नहीं पता लेकिन रिया की लंड के लिए तड़प हमेशा उसे मेरे करीब खींच लाती थी। रविवार के सुबह घर के सभी सदस्य साथ बैठकर चाय पी रहे थे, तो मेरी नजर कभी रिया के स्तन पर जाती तो कभी उसके जांघों की ओर जाती।

वो सलवार कमीज़ पहन कर बैठी हुई थी। उसका गोरा मुखड़ा, सुराही नुमा गर्दन, टेनिस बॉल समान चूची तो सपाट पेट लेकिन मेरी बहन के बदन का निचला भाग अधिक भारी और सेक्सी था।

उसकी गोल गुंबदाकार चूतड़ और मोटे चिकने जांघों के साथ उसके बीच में बुर, दोनों फांक गद्देदार और दरार काफी कसी हुई है। तो रिया बुर को काफी हद तक बाल रहित रखती थी।

चाय पीने के बाद, रिया वहां से उठकर चली गई तो मम्मी बोली -रिया को लेकर ब्यूटी पार्लर जाऊंगी, तुम स्नान करके नाश्ता कर लेना।

मैं – कोई खास बात।

मम्मी – हां, कल उसे देखने के लिए लड़के वाले आ रहे है।

तो अब मै क्या बोलत, खैर मै उठकर अपने कमरे में चला गया। फिर वाशरूम घुसा, स्नान करते वक़्त सिर्फ रिया को सोच रहा था। लेकिन उसकी शादी होने पर मुझे ही परेशानी थी, खैर स्नान करके डायनिंग हाल में घुसा और फिर नाश्ता लेने के लिए किचन चला गया।

नाशता कर ही रहा था कि रिया और मम्मी दोनों अपने अपने कमरे से बाहर निकले और फिर मम्मी बोली।

मम्मी – बेटा मै एक घंटे में आ जाऊंगी।

मै रिया को घूरता हुआ बोला – ठीक है।

वो काले रंग की स्कर्ट और टॉप पहने हुए थी, उनके जाने के बाद मेरा नाश्ता खत्म होते ही मैने घर का दरवाजा बंद कर दिया। पापा भी किसी दोस्त के घर गए हुए थे, तो अकेले में मैने अपना मोबाइल लिया और बेड पर लेटकर एक पोर्न वीडियो देखने लग गया।

रिया की शादी उसको कुछ खास परेशान नहीं करती, आखिर हर लड़की का ये एक सपना होता है। और २२-२३ साल की लड़की के लिए अपनी जवानी को संभालना काफी कठिन भी होता है और वो भी बिना किसी बॉयफ्रेंड के।

खैर मै पोर्न वीडियो देखने में मशगूल था। पोर्न वीडियो देख मेरा लन्ड टाईट हो गया और मै एक नग्न महिला को दो लड़कों के साथ मजे लेते देख अपने लंड को बरमूडा से बाहर निकाल कर उसे धीरे धीरे हिलाने लग गया। महिला एक लड़के के लंड को चूसते हुए दूसरे से चूद रही थी, वो बिस्तर पर घोड़ी बनकर गान्ड की ओर से लंड लिए दूसरा लंड मुंह में भर मुखमैथुन करने में मस्त थी।

तो उसके दोनों स्तन सीने से लटक रहे थे जिसे एक लड़का पकड़कर दबा रहा था। तभी मैने वाशरूम जाकर पिसाब किया और फिर बेड पर आकर लेट गया। अब आराम फरमाते हुए मैं लंड को ठंडा कर रहा था।

रिया के रहते मुठ मारकर लंड को ठंडा करना बेवकूफी था और फिर मेरी आंख लग गई। मेरी नींद मोबाइल की घंटी बजने से टूटी, तो मै मम्मी का नंबर देख कर थोड़ा हैरान रह गया। फिर मैंने मोबाइल पर कॉल रिसीव किया और मैं बोला. ।

मैं – हां मम्मी, बोलो?

मम्मी – दरवाजे के बाहर खड़ी हूं।

फिर मैंने जाकर दरवाजा खोला, मुझे देख कर मम्मी गुस्से में थी और वो बोली – इतनी देर से दरवाजा खटखटाया और तुम कहाँ थे?

मैं – मेरी आंखें लग गई थी।

फिर मम्मी अपने कमरे में चली गई और रिया अपने कमरे की ओर चली गयी। मै कुछ देर रुककर रिया के कमरे में घुसा तो उसको देख दिमाग सन्न रह गया। वो अपने स्कर्ट और टॉप्स को उतारकर सिर्फ पेंटी और ब्रा में खड़ी थी।

लेकिन उसका चेहरा दीवार की ओर था तो मै हल्के कदम से उसके करीब पहुंचा और पीछे से दबोच लिया। रिया मेरे छुअन से डर गई, पीछे देखते हुए बोली।

रिया – पता है ना, कल मुझे लड़के वाला देखने आयेगें।

मै रिया की गोलाई को दबाने लग गया और मैं बोला – तो क्या हुआ बेबी, उसको जों देखना है वो तो ऊपर से ही दिख जाएगा।

रिया – क्यों शादी के बाद क्या वो अंदर का हिस्सा नहीं देखेंगे?

मै रिया के गर्दन को चूमने लग गया और बोला – वो तो तुम्हारे पति देखेंगे, नाकि उनके मम्मी और पापा।

रिया मुझे पीछे की ओर धकेलने का प्रयास कर रही थी और बोली – चुपकर साले कुत्ते, जब देखो मुझे देख मुंह से लार टपकाने लगता है।
दीपक अपनी दीदी की चूची को जोर जोर से मसलता हुआ अपने लंड को उसके चूतड़ पर गड़ा रहा था। तभी कमरे से बाहर पैर की आहट सुनाई दी, तो मै डर सा गया। मैंने तभी रिया को छोड़ा और वो अपना नाइटी लिए वाशरूम घुस गई।

मैं दीदी के बेड पर लेटकर एक किताब उठा कर और उसे पढ़ने लग गया। पल भर बाद मै दीदी के कमरे से बाहर गया, तो मम्मी किचन में थी। फिर मैं सीधे अपने कमरे में घुसा और बेड पर लेटकर सोचने लग गया कि किस तरह से रिया को अपने खड़े लंड से जल्दी चोदा जाये।

खैर वक़्त दोपहर के १२:३० हो रहे थे, तो मुझे पता था कि मम्मी खाना बनाकर मार्केट निकलेगी और शायद वो कुछ देर आराम करे। फिर हम सब ने एक साथ खाना खाया। तभी मै डायनिंग रूम गया, तो मम्मी किचन में ही थी और मै एक ग्लास पानी लेने के लिए रेफ्रिजरेटर के पास गया।

तो मम्मी पीछे देखते हुए बोली – मै अब आराम करने जा रही हूं, अगर नींद लग जाय तो एक घंटे बाद उठा देना।

फिर मम्मी अपने रूम चली गई और में मौका पाते ही रिया के कमरे में चला गया। वो बेड पर लेटकर एक किताब पढ़ रही थी, मुझे देख का वो उठकर बैठ गई और मै उसके सामने बैठकर बोला।

मैं – एक तो तुम शर्त मुझसे हार चुकी हो, उस पर से इतना नखरा।

रिया मुस्कुराने लगी और बोली – चल बोल जल्दी से, अभी यहां तेरा क्या काम है।

तो मै झट से उसके गर्दन के पीछे हाथ लगा कर उसके होंठो को चूमने लग गया। चूमते चूमते मैं उसके रसीले होठो को अपने मुंह में भरकर चूसने लग गया।
रिया नाइटी में मस्त माल लग रही थी, और वो धीरे से मेरे गोद में बैठकर अपने दोनों पैर को मेरे कमर से लपेटने लग गयी। उसकी गद्देदार गान्ड को जांघों पर रख मै काम की दुनिया में खो गया।

अब उसका स्तन मेरे छाती से चिपक रहे थे, जैसे हि मैंने उसके होंठो को चुसना बंद किया, तभी उसने अपनी लम्बी जीभ बहार निकल कर मेरे मुंह में डाल दी। अब रिया को मै अपने आगोश में कर चुका था और दोनों के लिए एक घंटे का वक़्त काफी था।

रिया की जीभ को चूसते हुए मै उसके चूतड़ को सहला रहा था, तो वो कामुकता की आग में जल रही थी। मैंने रिया की नाइटी को कमर तक कर उपर कर दी, अब तो उसका नग्न चूतड़ मेरे जांघों को सुखद अहसास दे रहे थे।

मैं उसको सहलाता हुआ, दीदी की जीभ को चूस रहा था। लेकिन वो ३-४ मिनट में ही मेरा चेहरा पीछे की ओर करके अपना जीभ मुंह से निकालने लग गयी। दी। मेरा हाथ उसकी पीठ को सहला रहा था, तो रिया मेरे गर्दन और चेहरा को चूमने में लीन थी।

फिर रिया मुझे बेड पर धकेलने लग गयी, अब मै लेटा हुआ था तो बरमूडा के ऊपर से ही मेरे टाईट लंड का उभार स्पस्ट था। रिया उसको थामकर बरमूडा को नीचे करने लगी और मेरे नग्न लंड को पकड़ अपना चेहरा उस पर लगाने लग गयी।

मेरा लन्ड काफी गरम हो चुका था, जो पोर्न वीडियो देख पहले से ही खड़ा हो चुका था। शायद उसकी मुखमैथुन की कला ही उसके वीर्य को निकाल देती बांकी रिया उसके चमड़े को नीचे करके सुपाड़ा को अपने होठों पर रगड़ने लगी। अब रिया मेरा लन्ड मुंह में भरकर चुभलाने लगी तो मै सिसक रहा था ।

मैं – उई आह जरा सर का तो झटका दे साली।

और रिया अब अपने सर का झटका देते हुए मेरा लन्ड का हाल खराब कर रही थी, तभी मै बोला – बेबी जरा रुकना।

रिया – क्या हुआ साले, सुबह से ही मेरे गान्ड के पीछे घूम रहे हो और इतने में हालत खस्ता हो गयी?

मैं – जरा ६९ आसन में हो जाओ।

फिर दीपक लेटा हुआ था और रिया को अपने बदन पर लेटने को बोला। दीदी मेरे मुंह के ऊपर अपने चूतड़ को कर दी तो उसकी दोनों टांगें दो दिशा में थी, और उसका चेहरा मेरे लंड के पास था।

अब रिया के नाइटी को कमर तक करके उसकी पेंटी को खोल फेंका तो बुर देवी का दर्शन हुआ। रिया मेरे लंड को मुंह में लेकर मुखमैथुन करने लगी, तो मै उसके बुर की फांक को अलग करके जीभ से चाटने लग गया।

उसकी कसी हुई चूत में जीभ घुसाकर कुत्ते की भांति चाटने लग गया, और मेरा लंड तो आग का गोला बन चुका था। रिया मेरा लन्ड मुंह से निकालकर उसको चाटने लग गयी, और मै अब बुर में उंगली घुसाकर कुरेदने लग गया।

तो रिया मेरे लंड को फिर से मुंह में भरकर चूसने लगी और उसका स्थिर मुंह मेरे लंड का हाल खराब कर रहा था। तभी रिया की बुर से पानी निकलने लग गया, मै उंगली निकाल अब जीभ से बुर चाटता हुआ मस्त हो रहा था।

तो रिया अब तेजी से सर का झटका देते हुए मेरे गरम लंड का रस निकालने में लीन थी। तभी मुझे रस निकलने का एहसास हुआ और मैने नीचे से कमर उठा पूरा लंड उसके मुंह में घुसा दिया। मेरा सुपाड़ा उसके गले में अटक गया, और लंड पिचकारी की भांति उसके मुंह में वीर्यपात करा दिया। फिर दोनों अलग होकर फ्रेश हुए और मै अपना कमरा चला गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
,












[Image: welcome.gif]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
Heart 
Shaadi Shuda Didi Bani Meri Patni
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
(29-01-2020, 12:14 PM)neerathemall Wrote: Shaadi Shuda Didi Bani Meri Patni

दोस्तों मेरे घर मे कुल 4 सदस्य है, मेरे पापा 50 साल, मेरी माँ 45 साल और मेरी बड़ी बहन स्नेहा 32 साल और मैं अरुण 28 साल। मेरी बहन की शादी हो गयी है, उसकी शादी को 8 साल हो चुके है, उनका एक 5 साल का बच्चा है, और वो जीजा जी के साथ इंदौर में रहती है।

दोस्तों मेरी बहन का फिगर 34 32 34 है, जो मुझे बाद में मालूम हुआ। अब कहानी पर आते है। जैसा कि मैने बताया मेरी बहन एक दम मस्त माल लगती है, और मैं 18 साल की उम्र से ही अपनी बहन को चोदना चाहता हूं।

ये हुआ यूं कि इस रक्षाबंधन पर मेरी बड़ी बहन स्नेहा रखी पर मेरे घर आई, और साथ मे मेरे जीजा जी भी आये हुए थे। लेकिन जीजा जी दीदी को घर छोड़कर चले गए। मैंने अपनी दीदी को देखा तो देखता ही रह गया, क्योंकि अब तो दीदी बहुत सेक्सी लगने लगी थी।

जैसा कि मैंने बताया कि मैं बचपन से ही अपनी बहन का दीवाना था । दोस्तो मैं एक बात बताना भूल गया, कि मेरी अभी तक शादी नही हुई है। और न ही मैं करना चाहता हूं, क्योंकि मैं जिस लड़की से प्यार करता था उसने मुझे धोखा दे दिया है।

ऐसी बजह से मै शादी नही करना चाहता। मेरे लंड का साइज 7 इंच मोटाई 3 इंच है, दीदी के आने से सब बहुत खुश थे। फिर रात में सब खाना खा रहे थे, तभी दीदी बोली- अरुण अब तो शादी कर ले ।

मैं – दीदी मुझे शादी नही करनी।

दीदी – तो क्या अकेले ही जिंदगी जियेगा, माँ पापा की उम्र अब बच्चों को खिलाने की है। कितने दिन और जियेंगे उनका भी सपना है अपनी बहू और नाती को देखने का।

मैं – दीदी मैंने कह दिया ना, कि मै कभी शादी नही करूँगा। (यह कहकर मैं उठकर अपने कमरे में चला गया)

तोड़ी देर बाद दीदी मेरे कमरे में आई और मेरे बेड पर बैठ गई और बोली- अरुण तू शादी क्यों नही करना चाहता चल बता मुझे?

मैं – दीदी आपको तो सब पता है, कि में जिस लड़की से प्यार करता था। उसने मुझे धोखा दे दिया है इसलिए मै अब किसी से भी शादी नही करूँगा।

दीदी – तो क्या उसके लिए, तू अपनी जिंदगी बर्बाद कर देगा।

मैं – दीदी मेने कह दिया ना मुझे शादी नही करनी बस।

दीदी – भाई तुझे मेरी कसम है, सच मे शादी नही करनी, या फिर तुझमे कोई कभी है।

मैं – दीदी मुझमे कोई कमी नही है चाहो तो आजम कर देख लो। (मैं जोश में आकर कह दिया क्योंकि मुझे शादी के लिए ज्यादा परेशान किया जा रहा था।)

दीदी मेरी बात सुनकर एकदम शांत हो गई। मैंने फिर कहा दीदी क्या हुआ अब क्यों शांत हो गई हो आप?

दीदी – भाई मुझे तुमसे यह उम्मीद नही थी।

मैं फिर बोला – दीदी मैंने क्या गलत कह दिया? मुझमे कोई कमी नही है आपको अगर लगता है कि मुझमे कमी है, तो आप मुझे आजम कर देख लो।

दीदी फिर शांत रही मैं फिर बोला – दीदी मैं एक शर्त पर शादी कर सकता हूँ। अगर आप मेरी शर्त मानो और किसी से कुछ नही कहोगी तो मै बोलू। (मैंने आप लोगो को बताया था, कि मैं अपनी बड़ी दीदी को चोदना चाहता था, इसलिए मैंने जानबूझकर यह सब कहा।)

दीदी – भाई अगर तुम शादी के लिए तैयार हो जाओ, तो मैं तुम्हारी हर शर्त मानने के लिए तैयार हूं।

मैं – दीदी आपको मेरी कसम खानी पड़ेगी।

दीदी – तुम्हारी कसम भाई मैं तुम्हारी हर शर्त मानने को तैयार हूं, और किसी को कुछ नही कहूंगी।

मैं – दीदी मुझे आपको चोद कर आपको अपने बच्चे की माँ बनाना है, अगर आप इस के लिए तैयार हो तो मैं शादी के लिए तैयार हूं बोलो?

दीदी – भाई तुम्हे पता भी है, तुम क्या कह रहे हो। मुझे तुमसे यह उम्मीद नही थी।

मैं – दीदी इसमे बुरा क्या है अभी आपने ही कहा है, कि आप मेरी हर शर्त मानोगी और इससे आपको भी पता चल जाएगा मुझमे कोई कमी है या नही।

दीदी – ऐसा नही हो सकता।

मैं – तो फिर मेरी शादी को भूल जयो।

दीदी – भाई तुम समझते क्यों नही मैं तुम्हारी बड़ी बहन हूँ। अगर माँ पापा और तुम्हारे जीजा को पता चलेगा तो क्या होगा ये सोचा है तुमने कभी?

मैं – दीदी इस कमरे में मेरे और तुम्हारे अलावा कोई नही है फिर कैसे पता चलेगा किसी और को?

दीदी कुछ देर शांत रही और फिर सोच कर बोली।

दीदी – भाई मुझमे इस क्या है, जो तू मेरे साथ यह सब करना चाहता है।

मैं – मैं क्या करना चाहता हूँ दीदी?

दीदी – वो ही जो तूने अभी कहा है मुझे।

मैं – क्या कहा है मैंने ऐसा आपको (और मैं धीरे धीरे खिसकर दीदी के बिल्कुल नजदीक पंहुच गया।)

दीदी – तुझे नही पता क्या कहा है तूने?

मैं दीदी की जाँघ पर हाथ फेरते हुए बोला- क्या समझू आप बता दो दीदी?

और मैं दीदी से बात करते हुए उनके जांघो को सहला रहा था।

दीदी – बच्चा पैदा करना तूने।

मैं – मतलब ( इतना बोल कर मैंने दीदी के दूध पर हाथ रख दिये, और हल्के हल्के दवाने लग गया)

दीदी सैयद गर्म होने लगी थी, इसलिए वो एक दम से बोली।

दीदी – मुझे चोद कर अपने बच्चे की माँ बनाना है तूने।

मैं – तो आप तैयार हो क्या मेरे बच्चे की माँ बनने के लिए?

दीदी – हाँ मैं तैयार हूं, लेकिन तुम्हे शादी करनी पड़ेगी।

मैं – दीदी मैं शादी तभी करूँगा, जब आप मेरे बच्चे की माँ बन जाएगी।

मैं – तो शुरू करूँ?

दीदी – क्या ?

मैं – आपको माँ बनाने का कार्यक्रम ?

दीदी – भाई अगर तू मुझे माँ बना देगा. तो मै सब को क्या बोलूंगी?

मैं – दीदी पहले आप मुझे चोदने दो बाकी बाद में सोचेंगे इस बारे में।

दीदी – तो आ चोदना मुझे तुझे रोकाकिसने है? ( मेरी बातों से दीदी बहुत गर्म हो गई थी।)

मैं इतना सुनकर दीदी पर टूट पड़ा और उन्हें लिप् किस करने लगा। दीदी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, मेरी जीभ दीदी के मुहँ में थी।

जिसे दीदी चूस रही थी, मैं भी दीदी के होंठो को चूस रहा था,और एक हाथ से दीदी के बड़े बड़े दूध को मैं मसल रहा था।

करीब 15 20 मिनट बाद हमारे होंठ अगल हुए दीदी और मैं दोनो बहुत जोर से हांफ रहे थे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
ccccccccccccccc
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
चूत के चक्कर में गांड मरवा बैठा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
Heart 
(29-01-2020, 01:00 PM)neerathemall Wrote: चूत के चक्कर में गांड मरवा बैठा

,












ये कहानी मेरी एक दोस्त चंचल (बदला हुआ नाम ) और उसके बॉयफ्रेंड स्वरुप (बदला हुआ नाम) की है। तो चलिए ये कहानी मैं चंचल की जुबानी ही सुनता हूँ, जैसे उसने मुझे बाताया है।

दोस्तों मेरा नाम चंचल है, उम्र २२ साल और और मैं इंजीनियरिंग तृतीया वर्ष की छात्रा हूँ। ये कहानी एक साल पहले की है, जब चौथी सेमेस्टर के बाद के छुट्टियां चल रही थी। २ महीने पहले ही स्वरुप और हम दोनों औपचारिक रूप में गिर्ल्फ्रेंड और बॉयफ्रेंड बने थे।

वो ५ फुट ११ इंच का एवरेज बॉडी वाला गोरा लड़का है, और मेरी ५ फुट ४ इंच की , ३४ की चूचियां है, और ३६ की गांड। हम दोनों को कुछ करने का ज्यादा मौका नहीं मिला था। बस कॉलेज में जब मौका मिलता, तो वो मेरी चूत में ऊँगली करता और मै उसका लंड चूस देती थी।

फिर सेमेस्टर एग्जाम के बाद छुट्टियां हुई। और एक दिन हम दोनो ने घूमने का कार्यक्रम बनाया। उसने लोकल वेंडर से एक बाइक भाड़े पर ली और हमदोनो NH 116B पर लॉन्ग ड्राइव के लिए निकल पडे।

फिर शायद सोया दिल्ली के आसपास हमे एक छोटा सा जंगल मिला। हमने बाइक वहां ले ली। कुछ दूर जाने बाद हमे एहसास हुआ की ये जगह बहुत ही शुनसान है। मेरे बॉयफ्रेंड को मस्ती सूझी और उसने बाइक एक जगह रोकी और हम लोग जंगल के अंदर चलने लगे।
थोड़ी दूर चलने के बाद हमे एक साफ़ सुथरी जगह मिली। हम लोगो ने वह अपना सामान रखा और चादर बिछा कर बैठ गए। फिर स्वरुप ने मुझे कहा।

स्वरूप – चलो आज कर ही लेते है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
मैंने पूछा – यहाँ?

स्वरूप – हां, देखो यह दूर दूर तक कोई दिख नहीं रहा है। खुले आसमान के निचे मज़ा भी ज्यादा आएगा, और ये हमारा पहला अनुभव यादगार रहेगा।

मैंने कहा – ठीक है।

अब वो आगे बढ़कर मुझे मेरे होठो पर चूमने लग गया, मैं भी उसका साथ देने लग गयी। फिर उसने मेरी नीली जीन्स के बटन्स खोले और मैं खड़ी होकर जीन्स और पैंटी एक साथ शरका कर निचे से पूरी नंगी हो गयी।

स्वरुप ने भी अपनी जीन्स और अंडरवियर उतर दी। हम दोनो उस सुनसान जगह पर निचे से नंगे थे और हमारे क्लीन शेव्ड अंतरंग दोपहर के रौशनी में चमक रहे थे। फिर मैं चादर पे लेट गयी, और वो मेरी चूत के साथ अपनी उँगलियों से खेलने लग गया।

मैं गुदगुदी के मारे हंस रही थी, कि अचानक से उसने अपनी जुबान मेरी चूत पर लगा दी। और मेरी सिसकरी निकल गयी। मैं छटपटान लगी और मैं बोली।

मैं – लंड डाल दो प्लीज।

पर वो न माना और वो बोला – इतनी जल्दी! अभी तो बस सुरुवात है।

फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह के सामने कर के चूसने का इशारा किया, और मैं लंड को चूसने लग गयी, जैसे वो एक आइसक्रीम हो। अब उसने मेरी पिंक टॉप तो पूरा ऊपर सरका दिया, और मेरी ब्रा को भी बिना खोले सरका कर दोनों को एक एक कर के बारी बारी से चूसने लगा।

फिर वो अपना लंड ले के चूत के पास आया और ऊपर रगड़ने लग गया। और वो धीरे से लंड को अंदर सरका रहा था। चुकी मैं मूली से बहुत बार सेक्स कर चुकी हूँ, इसलिए मुझे ज्यादा तकलीफ नहीं हुई, पर फिर ये मेरे लिए एक अलग एहसास था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
एक जिन्दा चीज़ मेरे शरीर के अंदर जा रही थी। एक अलग सा सुकून मिल रहा था, अभी स्वरुप ने दो धक्के मारे ही थे की दूर से आवाज़ आयी “तोमरा की कोरचो ” (तुमलोग क्या कर रहे हो)।

हमने पीछे मुड कर देखा तो दो हट्टे काटते आदमी खड़े थे। मै एक दम डर गयी और वो बिछी हुई चादर को मैंने अपने ऊपर लपेट लिया। स्वरुप अपने जीन्स की तरफ भगा पर उन्होंने उसे पकड़ लिया।

स्वरुप उनके सामने गिड गिराने लगा कि हमे जाने तो यहाँ फिर नहीं आएंगे। एक ने अपना फ़ोन निकला और सबकुछ रिकॉर्ड करने लग गया। मैंने उसे रोकना चाहा तो मेरी चादर फिसल गयी मेरा भी नंगा बदन कैमरा में आ गया।

मैंने अपनी चूत को हाथो से ढकने के कोशिश करने लगी। तभी वो लोग बोले।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
वो – देखो डरने के जरुरत नहीं है, हमे पता है तुमलोग यहाँ क्या कर रहे हो और अगर मेरी बात मानोगे तो कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।

हम लोगो ने पूछा क्या? और उन्होंने कहा ।

वो – एक बार मुझसे से सेक्स कर लो, हम लोग चले जायेंगे और ये वीडियो भी डिलीट कर देंगे।

स्वरुप रोने लगा और वो बोला – सर ये मेरी गिर्ल्फ्रैंड है, ऐसा मत करो आप कुछ पैसे ले लो।

वो नहीं माने और बोले – पैसा नहीं चाहिए हमे ऐसी माल चाहिए।

फिर हम दोनों वह रोने लग गये। फिर उन लोगो ने आपस में बंगाली में कुछ बात की और कहा।

वो – देखो फाइनल ऑफर मनना है तो मानो नहीं तो ये वीडियो पुलिस को दे दूंगा। और फिर जानते ही हो वो क्या करेंगे।

हमने पूछा की क्या है ऑफर ?

वो – देखो ये तुम्हारी गर्लफ्रेंड है इसलिए हम इसमें अपना लंड नहीं डालेंगे। हम बस ऊपर ऊपर से मजा लेंगे, लेकिन हम दोनों का लुंड तुम्हे लेना होगा।

ऐसा उन्होंने स्वरुप को कहा, ये सुन कर हम दोनों असमंजस में आ गये।

मैंने स्वरुप से कहा – मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है बस तुम मुझे यहाँ से निकालो।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply




Users browsing this thread: 4 Guest(s)