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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
#21
समीर उसकी स्वचालित जिज्ञासा से चकित था जैसा कि उसने
बेसब्री से समीर के पायजामे के नाड़े को खोला और बहुत ही जल्दी से पजामे को खींच कर अलग कर दिया
वह एक अनुभवी सवार की तरह उस पर चढ़ गई और उसके कठोर शरीर पर धक्के लगाने लगी l जैसा ही वह आगे झुकी उसके लंबे बा्लों ने उसके चेहरे को ढ्क लिया और उसके बालो के इत्र की खुशबू ने उस पर विजय प्राप्त की l
उसने अपने सिर को बग़ल में कर के उसके चेहरे को बालों के आवरण से मुक्त कर दिया
और अपने होठों को उसके मुंह पर मजबूती से आरोपित कर दिया l
उसका दाहिना हाथ उसके
बालों के मध्य मे विचरण कर रहा था और जबकि उसका बाँया हाथ उसके पेट पर उत्तेजना की लहरें उठा रहा था l
उसके सारे शरीर पर सनसनीखेज लहरें. उसकी ब्रा उसके सीने के नीचे रगड़ खा रही थी और कपड़े के माध्यम से उभड़नेवाला निपल्स में गुदगुदी लग रही थी l

उसके होंठो ने कामुक यात्रा की शुरूआत
गाल, ठोड़ी और कान को चाट्ने से हुई . समीर अंदर के दानव ने बंधन तोड़ दिये और उसके हाथ बेसब्री से नितंबों पर वासनात्मक रूप से चल रहे थे
. उसने अपनी बहन के बारे मे सभी विचार खो दिये थे फर्श पर उसे अपने नियंत्रण मे करने के लिए
उसके शरीर पर चढ़ गया वह भी पीछे नहीं थी और उसने भी समीर की
कमर के चारों पैर लपेट और उसे अपनी तरफ़ पूरी ताकत लगा कर खींच लिया. वह अभी भी कमर के नीचे कपड़े पहने हुए थी फिर भी अपने शरीर से समीर को धक्के लगा रही थी l
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#22
" समीर एक क्षण मुक्त होने में कामयाब हुआ और कहा "तुम आज से बेहतर महसूस करोगी
आप करने जा रहे हैं.
मेरी जीभ तुम्हारी चूत को मजा देने जा रही है जब तुम मेरा घर छोड़ कर जा रही होगी तब तुम्हारे होठ दर्द कर रहेम होगें और तुम्हारी योनि की चौड़ाई कुछ बढ़ चुकी होगी
"हाँ," Asma उत्साह से चिल्लाया. "मैं ऐसी बाते सुनने के लिए तरस गई हूँ प्यार की ऐसी बाते ,बस करते जाओ

समीर के नीचे की उत्तेजना बढती जा रही थी और उसकी टागों के बीच उसकी बहन के होने के अहसास मात्र से ही उसे उत्तेजना की सरस जगंली धारा बहती हुई महसूस हो रही थी
उसकी नजरें
उन उभड़े स्तनों पर थीं, जो बंद ब्रा तड़क कर बाहर आने के लिये उतावले प्रतीत हो रहे थे . परिवार की जान,उसकी अपनी सेक्सी बहन उससे हर भी तरीके से चुदने के लिए तैयार थी


समीर अपनी बहन के उन नाजुक होंठो को चबाने के प्रलोभन से बच न सका उसकी . उसने तुरंत उसके साथ अपनी जीभ भिड़ा दी
यद्यपि वह उसके चुंबन का इंतज़ार कर रही थी और अपने हाथों मे उसके मजबूत कन्धे जोश मे आकर जकड़ लिए
"मुझे पर आवरण के साथ मिठाई खानी है कह कर समीर ने उसकी ब्रा पर छ्लांग लगाई और उसके स्तनों को एक दूसरे के बाद चूसने लगा
. वह ले लिया
मुंह के अंदर लगभग पूरे स्तन को लेकर तेजी से स्तनों को चूसने लगा
और उसके स्तन और उसके ब्रा के मिश्रित स्वाद को चखा.
वह जितनी जोर से चूसता उतनी ही जोर से उसकी सिस्कारी निकलती एक चूसने के बाद वह,
दूसरे को चूसना शुरू करने से पहले दोनों के बीच में विश्राम करने लगा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#23
आप ऐसा सामान्य रूप सलमा से करते हैं?" उसने जिस अन्दाज में बात की, उसने कमोत्तेजना के आन्नद को भंग कर दिया
संतोषजनक चूषण सत्रावसान के बाद समीर ने बेचैन हो ब्रा हुक को जल्द बाजीमें नोच डाला
वह उसकी आँखों में चमकदार उम्मीदों की किरणों को देख सकता था जब वह उसके
नग्न स्तनों पर झुक रहा था. उसके हाथ उसके शरीर के बीच से फ़र्श पर उसके नितम्बों को जकड़ रहे थे
जबकि उसका मुंह उसके बाएं स्तन पर आ चुका था. वह जानबूझकर अपने नाखूनों से उसके नरम मुलायम नितम्बो पर निशान बना रहा था
जबकि उसकी उभरे हुए स्तन उसके मुंह की गिरफ्त में थे
. वह जल्दी से कभी
बाएँ स्तन को तो कभी दायें स्तन को चूस रहा था वापस आ गया है और कभी कभी धीरे से उसकी निपल्स काट भी ले रहा था
. वह हर बार जब वह सिसकारी भरती तो क्षण भर के लिये ठहर जाता मानो कि उसे भी तक्लीफ़ हो रही है और पुनः गोलार्द्धों पर जिव्हा की चोटों की बौछार कर देता


समीर अब और अधिक सक्रिय लग रहा था उसने अस्मा के बाकी कपड़े भी पैरों से निकाल दिये और उसकी पैन्टी निकालने में भी देरी नहीं की उसके भग प्रदेश में थोड़े से बाल थे जो योनि को आच्छादित करने में असमर्थ थे l
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#24
पहली बार ,उसने गौर किया कि उसकी बहन पली बार शर्म से लाल हुईl

उसे बहन सेक्स की बारीकियों मे जाने की चिन्ता नहीं थी अतःउसने बिना कोई देरी किये अपनी बहन की चूत पर मुँह रख दिया और अपनी खुरदरी जीभ से उसकी चूत पर तेजी से प्रहार करने लगा
कुछ क्षण बाद, उसकी जीभ मुँह से लपलपाकर निक्ली और उसकी तर चूत की गहराइयों में समाती चली गई l
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#25
भाई के द्वारा उसके बह्ते हुए प्रेम द्रव्य को चाट्ने से उत्पन्न कामोन्माद से अस्मा की साँस उखड़्ने की कगार पर पहुँच गई l
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#26
"Yessss!" Asma चिल्लाई और उसका शरीर हवा में एक धनुष की तरह धनुषाकार हो गया l




[Image: wwwbsh.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#27
समीर के चेहरे पर sadistic मुस्कराहट उभर आई और उसने विद्युत गति से अपनी दो उँगलियाँ अस्मा की योनि में घुसा दीं l
Asma क्षणिक विराम के बाद पुनः चिल्लाने लगी जैसे ही उसके भाई की उँगलिया उसकी योनि की अतल गहराइयों मे तेजी से आ जा रहीं थीं और अस्मा कामुक सिसकारियाँ लेते लेते कामोन्माद में चिल्लाने लगती l



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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#28
उसे अपनी बीबी की याद ताजा हो गई जो समागम से पूर्व इस तरह के उँगल चुदाई का आन्न्द लेने से नहीं चूकती थी l
उसकी उंगलियाँ तब तक उसकी चूत में खल्बली मचाती रही जब तक कामोन्माद के चरम शिखर पर पहुँच कर उसने आन्नद से चिल्ला कर योनिरस नहीं छोड़ दिया और उस रस की फ़ुहार की कुछ छींटे उसके चेहरे पर आ गिरींl

"ओह ! समीर ! कितना प्यारा था ", अब पता चला कि पिछ्ले कितने दिनों से इस सुख से वंचित थी और समीर के ने जैसे ही झुक कर उसके चेहरे के समीप आने काप्रयास किया उसने अपने होठ उसके होठो पर रख दियेl

समीर ने अपने शरीर को तिरछा कर अपने ब्रीफ़ से छुट्कारा पाया इस बीच उसकी बहन उसके ने उसके मीनार के समान खडे लण्ड का दीदार किया l
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#29
समीर ने अपने शरीर को तिरछा कर अपने ब्रीफ़ से छुट्कारा पाया इस बीच उसकी बहन उसके ने उसके मीनार के समान खडे लण्ड का दीदार किया l


उसने पहल करते हुए आलिंगनबद्ध होकर उसके माथे से लेकर उदर तक चुम्बनों की बरसात कर दीl
और धीरे से उसने हाथ नीचे सरकाकर उसके लण्ड पर हल्के -हल्के प्रहार करने आरम्भ कर दिये जिससे प्रतीक्षित चुदाई का शुभारम्भ किया जाएऔर यह जानने के लिये कि उसके भाई को मजा आ रहा है,ऊपर देखाऔर उसके लण्ड पर एक चुम्बन रख दिया ,
अपनी बहन के नाजुक होठों का अह्सास पाकर समीर ने स्वयं को मेघों के मध्य उड़ता हुआ महसूस किया l
उसने अपने भाई के लण्ड पर इस तरह से जिव्हा फ़िराई कि उसका कोई भी हिस्सा न छूटा l
समीर के सिर तुरंत वापस झटका लगा जैसे ही उसने समीर का समूचा लण्ड अपने मुहँ रूपी जादूई गुफ़ा मे घुसा लिया l
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#30
अपने मुँह के भीतर उसे भाई का लण्ड अद्वितीय प्रतीत हो रहा था अस्मा की आखे यद्यपि बन्द थी किन्तु पूरी तन्मयता से अपने भाई के लण्ड को चूस रही थी और ऐसा लग रहा था कि मानो उसके भाई का लण्ड गले में ठोकरे मार रहा था
यद्यपि समीर चाह रहा था कि यह चुसाई कुछ लम्बे समय तक चले किन्तु उसे अन्तसमीप नजर आया
ऐसा प्रतीत होता कि अस्मा को इसका अहसास हो गया था ऐसी हालत में वह सब तेजी से कर रही थी और तभी समीर ने उसके मुँह के भीतर ही अपना ढेर वीर्य छोड़ दिया जो उसके गले में जाकर विलीन हो गया
समीर ्के लण्ड ने तुरन्त सिकुड़्ना प्रारम्भ कर दिया
और धीरे धीरेनीचे बैठ्ने लगा जो बहन की चिन्ताका विषय था उसके हाथों ने नीचे जाते हुए लण्ड को पकड
लिया और उसे थपथपाने लगी उसके हाथो के कमाल ने उसमें जान डाल दी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#31
वह जल्दी से उठ खडी हुई और उसके अच्छी तरह से फैले पैरों के बीच में भाई को पाकर वह रोमांचित थी समीर अपनी शरारती बहन को अपने लण्ड पर बैठा पाकर बहुत ही खुशः हुआ वह आगे पीछे हो रही थी

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#32
कामुक अन्दाज में अपने निचले होठ को चबाते हुए वह उसके लण्ड पर बहुत आहिस्ता से बैठी कि कम से कम एक इंच लण्ड उसकी चूत में अवश्य रहे
एक बार अपनी स्थिति सुनिश्चित कर लेने के बाद उसने इस तरह से चुदाई शुरू की कि लग्भग आधा लण्ड उसकी चूत में ही रहे अपनी बहन से इशारा पाकरउसने अपना धड़ उसकी चूत पर मधुर गति से मारने लगा
थोड़ी ही देर में ,उसकी चूतने लण्ड पर शिकंजा कस लिया और चूत के भीतर घर्षण महसूस किया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#33
समीर स्वाभाविक रूप से दोनो में से मजबूत था और अब यह उसकी बारी थी कि कुछ प्रभाव दिखा सके उसका शरीर इस तरह से ऊपर नीचे हो रहा था कि मानो हाइड्रोलिक मशीन हो जो उसकी बहन को आन्नद से पागल करे जा रहा था l
उसने और त्तेजी से धक्के लगाने चालू कर दियेजिससे उसका शरीर गति से तारतम्य बनाने केलिये उछल रहा था इससे उसकी बहन के उरोज उछल -उछ्ल कर उसके भाई के लिये अद्भुत नजारा प्रस्तुत कर रहे थे यद्यपि अस्मा के घुटने दर्द से दुखने लगे थे फ़िर भी उसने गति धीमी कर आन्नद मे कमी न आने दी
समीर की कमर की नसों मे धीमी सुरसुराहट शुरू हो गई थी जो मष्तिषक में पहुँचने से पहले उसके मेरु दण्ड तक जाती थी जिससे उसे यह आभास हो रहा था कि वह किसी भी पल स्खलित हो सकता है l
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#34
''समीर मेरे साथ ही स्खलित होना '' मैं लगभग झड़ने वाली हूँ! "वह परमानंद में चिल्लायी''

समीर ने मन ही मन कामना की कि वह इस स्वाभाविक क्रियाको धता बता सकेऔर अपनी बहन के चेअहरे पर उठने वाले कामोद्दीपक भावों पर नजर रखते हुए उसने अपनी गति और बढ़ा दी जिससे वह अपनी बहन के साथ ही स्खलित हो
वह समीर को इस तरह से धक्के मार रही थी कि मानो स्प्रिंग लगी हो ,कामोत्तेजना के अन्तिम क्षणों मे उसकी चीखें इतनी तीव्र थीं कि पड़ोसी भी जाग जाएं
वे जल्द ही कामोन्माद्जनित स्वर्गीय
आन्नद के शिखर की अनुभुति कर एक दूसरे के शरीर मे नाखून पैबस्त कर दे रहे थे, तभी समीर उस चरम पर पहुँच गया और अस्मा की योनि के भीतर ही झड़्ने लगा और उसके गर्भ को अपने वीर्य से सीँच दिया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#35
उसका सिर दायें से बायें झूमा और इस तरह से नीचे झुका कि उसके लंबे बाल पीछे से आ कर उसकी नग्न छातियों को ढक लें क्षण भर में उनके शरीर संभोग जनित श्रम से श्लथ व शांत हो गये l
उसने धीरे धीरे अपने सिर को उठाया और पूर्णता की अनुभूति कर मुस्करा दी यद्यपि उसके भाई का लण्ड अभी भी उसके भीतर वीर्य छोड़ रहा था जब तक उसके भाई ने वीर्य की अन्तिम बूँद उसके भीतर न छोड़ दी सिसकी लेती हुई बैठी रही और उसके हाथ उसके कन्धे पर विश्राम करते रहे शीघ्र ही वह निढाल होकर उस पर लुढ़्क गई और उसके आगोश में ही थोड़ी देर तक रही इस बीच वे दोनों चुप थे l
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#36
"समीर," वह फुसफुसाई" ”क्या नाश्ता पसन्द आया? ”
समीर उत्तर में उसके होठों को चूम लिया l
" अगर तुम आज काम छोड़ सको तो लंच भी हाजिर हो सकता है l”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#37
यदि आप अकेले हैं ,तो वर्षगांठ का उत्सव मनाने कितनाकथिन हो जाता हैसमीर
ने ठंडी साँस ले कर अपने को ही बेहद अकेला महसूस किया
इस सालगिरह पर. , उसकी पत्नी् सलमा प्रसव के लिए गई थी
नई बंबई के उपनगरीय इलाके में छोटे से फ्लैट उसकी अनुपस्थिति में प्रेतवाधित घर की तरह लग रहा था ,उसने खुद को कोसा कि बच्चे के लिये जल्दी करने की क्या जरूरत थी ?
मध्य दिसम्बर और सर्दियों का अद्भुत दिन था
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#38
neerathemall
Junior Member


Nude Celebrities Posts: 7
Joined: May 2013
Reputation: 0
Location:
RE: शादी की सालगिरह बहन के साथ
मेरे अनुवाद को जस का तस उतार दिया ,यहाँ तक कि चित्र भी वही !
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#39
शुक्रिया
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#40
दीदी की जेठानी को छोड़ा - Xossip
https://xossip.com/showthread.php?t=1294085 - Translate this page
Jan 14, 2014 - Didi ki Jethani ko Choda. दीदी की जेठानी को .. प्यारे दोस्तों , जैसा के मैं ने आप को बताया था के मेरी दीदी के बाद मैं ने उनकी जेठानी को भी चोदा हैi.यह उस वक़्त कि बात है जब दीदी कि डिलीवरी को १५ दिन हुए थे ओर मेरे भांजे का नामकरण ...
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