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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
अब सुनीता के बगल में सोने से मुझे वो काफ़ी गर्म लग रही थी। तो मैंने बिना कुछ कहे अपनी एक टाँग उसके पैरो पर रख दी और अपना एक हाथ उसके पेट पर रखकर अपनी उंगली चलाने लगा और उससे चिपककर सो गया। अब हमने चादर ओढ़ रखी थी इसलिए किसी को हम पर शक भी नहीं हुआ था। अब 1-2 घंटे तक हम लोग ऐसे ही बातें करते रहे, फिर ज़्यादा रात होने को आई तो हम अपने- अपने घर चले गये। अब सुनीता और मेरे बीच में इतना सब कुछ होने के बाद भी मेरी आगे बात बढ़ाने की हिम्मत नहीं हुई। लेकिन में जो चाहता था, वो सुनीता ने ही कर दिखाया था। फिर उसने मेरे अंकल के लड़के को एक मैसेज देकर मेरे पास भेजा, तो उसने कहा कि सुनीता दीदी ने तुझे बुलाया है। तो मैंने कहा कि कहाँ बुलाया? तो उसने कहा कि उनके घर पर। तो मैंने कहा कि ठीक है और में अपने घर से खाना खाकर लगभग 10 बजे रात को सुनीता के घर गया तो सब लोग अलाव लगाकर ताप रहे थे, क्योकि गावं में लोग जल्दी नहीं सोते और ठंड में ऐसे ही अलाव में तापते ह ।
अब आधी रात तक में गया तो में कुछ देर तक अलाव के पास बैठा रहा। फिर मैंने बुआजी से पूछा कि सुनीता दीदी कहाँ है? तो उन्होंने कहाँ कि घर में अंदर चूल्‍हे के पास ताप रही है। फिर में अंदर गया तो सुनीता अकेले चूल्‍हे में ताप रही थी। अब में भी उसके बाजू में जाकर तापने लगा और पूछा कि क्यों बुलाया? तो उसने कहा कि कल शाम को भाभी के घर तुम क्या कर रहे थे? अब ये सुनकर तो में डर गया था, पता नहीं अब ये क्या कहने वाली है? फिर मैंने कहा कि कुछ भी तो नहीं। फिर सुनीता ने ही कहा कि तुम मेरे पेट पर अपना हाथ फैर रहे थे और मुझसे चिपक भी रहे थे, तुम मेरे साथ क्या करना चाहते थे? अब वो इतना खुलकर बोल रही थी। लेकिन फिर भी मेरी गांड फट रही थी, अब में कुछ नहीं बोल रहा था। फिर सुनीता ने फिर से पूछा कि बोलो क्या करना चाहते हो? लेकिन में कुछ बोल नहीं पा रहा था। अब में सोच रहा था कि में क्या कहूँ? कैसे कहूँ? क्योंकि मैंने कभी किसी लड़की को आज तक नहीं चोदा था और ना ही किसी को प्रपोज किया था।
फिर से सुनीता ने कहा कि ऐसे चुप रहने से काम नहीं चलेगा, कुछ तो बोलो क्या करना चाहते हो? फिर में कुछ देर तक सोचता रहा और जब में कुछ बोलने की हिम्मत नहीं कर पाया तो मैंने उसको अपनी तरफ घुमाया और उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और एक लंबी लिप लॉक किस कर दिया। फिर मैंने कहा कि बस अब ठीक है। तो सुनीता बोली कि बस इतना ही करना था और कुछ नहीं। तो मैंने कहा कि करना तो है, लेकिन यहाँ तो सब लोग बैठे है। तो फिर उसने कहा कि कल सब लोग खेत में चले जाएगे और में बीमारी का बहाना बनाकर घर पर ही रहूँगी, तो तुम दोपहर में घर आना और गावं में भी कोई नहीं रहेगा, क्योंकि गावं में दिन में लोग ज़्यादातर खेत में चले जाते है। फिर में घर जाकर सो गया, लेकिन अब मुझे नींद नहीं आ रही थी, क्योंकि अब मुझे कल का बेसब्री से इंतजार था
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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अगले दिन सुबह उठा और उठकर नाश्ता करके दोपहर का इंतजार करने लगा। अब दोपहर भी हो गई थी, फिर मैंने जल्दी से खाना खाया और सुनीता के घर चला गया। तो मैंने देखा कि वहाँ कोई नहीं था, फिर में वापस आने लगा, तो वो मुझे सामने से आते हुए मिली। फिर मैंने पूछा कि कहाँ गई थी? तो वो बोली कि भाभी के घर गई थी। फिर मैंने पूछा कि घर पर कोई है तो नहीं, तो उसने कहा कि कोई नहीं है। फिर हम जल्दी से अंदर गये और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। फिर जैसे ही उसने दरवाजा बंद किया, में तो भूखे कुत्ते की तरह उस पर टूट पड़ा और उसके होंठो, गालों, गर्दन सब जगह खूब किस करने लगा, उसने साड़ी पहन रखी थी। फिर उसने कहा कि थोड़ा रूको तो सही में बिस्तर लगा लेती हूँ, हमारे पास 4 घंटे है हम खूब मजे से करेगें, तो मैंने कहा कि ठीक है।
फिर उसने बिस्तर लगाया और फिर वो कंघी लेकर अपने बालों में कंघी करने लगी। अब मुझसे से सब्र नहीं हो रहा था, अब मेरा लंड पेंट में बहुत टाईट हो रहा था। फिर मैंने सुनीता को पीछे से जाकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसके दोनों बूब्स को अपने एक-एक हाथ में पकड़कर दबाने लगा। अब मेरी पेंट में खड़ा लंड उसकी साड़ी के ऊपर से ही उसकी गांड की दरारो में रगड़ने लगा था। फिर कुछ ही देर में मेरा पानी मेरी पेंट में ही छूट गया और फिर मैंने उसे छोड़ दिया और बेड पर आकर बैठ गया। फिर उसने कहा कि क्या हुआ? तो मैंने कहा कि मेरा काम तो हो गया। अब वो ये सुनकर ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगी। फिर मैंने पूछा कि तुम हंस क्यों रही हो? तो वो बोली अभी तो कुछ हुआ ही नहीं और तुम कह रहे हो कि मेरा काम हो गया। तो मैंने कहा कि हाँ यार मेरा तो पानी भी निकल गया है और मेरी अंडरवेयर भी खराब हो गई है।
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अब वो ये सुनकर और ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगी थी। फिर वो अपनी हंसी रोककर बोली कि लाओ में तुम्हारी अंडरवेयर धोकर सूखा देती हूँ, थोड़ी देर में सूख जाएगी और में तुम्हें सीखा भी दूँगी कि चुदाई कैसे करते है? तो मैंने कहा कि ठीक है। लेकिन मुझे टावल दो मुझे शर्म आती है में तुम्हारे सामने अपनी अंडरवेयर कैसे निकालूं? फिर उसने कहा कि ठीक है मेरे भोले राजा और मुझे टावल दिया। फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसे धोने के लिए अपनी अंडरवेयर दे दी। फिर उसने मेरी अंडरवेयर धोकर सूखा दी और मेरे पास बिस्तर पर आ गई। फिर मैंने पूछा कि तुम भी तो अपने कपड़े उतारो। तो उसने कहा कि सच में तुम मेरे भोले राजा हो, तुम्हें चुदाई के बारे में कुछ भी पता नहीं है। फिर वो बोली कि तुम पहली बार कर रहे हो ना इसलिए जल्दी से तुम्हारा पानी निकल गया, अब में कहती हूँ वैसा करो, तो मैंने कहा कि ठीक है।
फिर सुनीता ने कहा कि तुम्हें मुझे पूरी नंगी करना है, लेकिन एक-एक कपड़े और आराम-आराम से उतारकर समझे। अब में समझ गया था, क्योंकि मैंने ब्लू फ़िल्मो में देखा था। फिर सुनीता ने कहा कि पहले साड़ी से शुरू करो, तो मैंने कहा कि ठीक है। फिर मैंने धीरे-धीरे करके सुनीता की साड़ी निकालकर फेंक दी। अब वो ब्लाउज और पेटीकोट में थी, अब में उसके बूब्स देखकर उसके ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा था। अब वो अपनी गर्दन ऊपर करके लंबी-लंबी साँसे लेने लगी थी। फिर मैंने उसका ब्लाउज भी खोल दिया, अब ब्लाउज खोलते ही उसके गोरे-गोरे बूब्स बाहर आ गये। अब में आपको बता दूँ कि गावं में लेडीस ब्रा और पेंटी नहीं पहनती थी। अब में पहले सुनीता के एक बूब्स को अपने मुँह में लेकर पीने लगा था और दूसरे बूब्स को अपने एक हाथ से टाईट दबाने लगा था। अब वो मदहोश होती जा रही थी और मेरी पीठ पर अपना हाथ फैरती जा रही थी।
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फिर मैंने सुनीता को बिस्तर पर गिरा दिया और उसका पेटीकोट भी उतार दिया। अब वो पूरी नंगी मेरे सामने बिस्तर पर अपनी आँखे बंद किए हुए सीधी लेटी हुई थी। फिर मैंने भी अपना टावल निकाल फेंका, अब में भी पूरा नंगा हो गया था। अब में उसकी क्लीन शेव चूत को देखता ही रह गया था, जिसमें से हल्का-हल्का भूरे कलर का पानी बह रहा था। अब में भी उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठो पर अपने होंठ लगाकर किस करने लगा और सुनीता के बूब्स भी दबा रहा था। अब इतनी देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और हल्का-हल्का पानी छोड़ने लगा था। अब में लगातार सुनीता के बूब्स दबाए जा रहा था और उसे किस भी किए जा रहा था। लेकिन अभी तक सुनीता ने अपनी आँखे नहीं खोली थी। फिर उसने धीरे से अपने हाथ में मेरे लंड को पकड़ा, वैसे मुझे बहुत ही असीम आनंद मिला था। फिर सुनीता ने मेरे लंड को कुछ देर तक अपने हाथ में लेकर मसला। फिर सुनीता अपनी दोनों टांगे चौड़ी करके मेरे लंड को अपनी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगी। लेकिन मेरे लंड का टोपा ही अंदर जा रहा था और बाकी का लंड बाहर ही था।



[Image: Monal+Gajjar+Latest+Stills+Cinema65+%2810%29.JPG]
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अब चूत और लंड का इतना ही स्पर्श हुआ था, जो कि मेरा पहला अनुभव था मुझे मजा आ गया था, जिसे में यहाँ लिखकर नहीं बता सकता हूँ। फिर में सुनीता के ऊपर से हटकर उसकी दोनों जाँघो के बीच में आ गया और उसकी जाँघो को थोड़ा और फैलाया और फिर अपने लंड को सुनीता की चूत में ऊपर नीचे करके अपना आधा लंड घुसा ही दिया, क्योंकि वो वर्जिन नहीं थी। फिर उसकी दोनों टांगो को चौड़ा करके अपने लंड को सुनीता की चूत में घुसाकर उसके ऊपर लेटकर अपने दोनों हाथों को उसकी कांख के नीचे से उसके कंधो को पकड़कर अपने लंड से सुनीता की चूत में एक जोरदार धक्का मारा। जिससे मेरा पूरा का पूरा लंड सुनीता की चूत में पच की आवाज़ के साथ घुस गया। जिससे सुनीता की ज़ोर से चीख निकल गई और अब उसकी आँखो में आँसू आ गये थे, वो वर्जिन तो नहीं थी, लेकिन वो काफ़ी दिनों से चुदी नहीं थी इसलिए वो एकदम से चिल्ला उठी थी
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अब मुझे भी मेरे लंड में थोड़ा दर्द हुआ, फिर क्या था? जैसे ही सुनीता की चूत में मेरा पूरा लंड घुसा तो अब में धक्के पे धक्के मारे जा रहा था और सुनीता दर्द से कराह रही थी। अब मुझे उसकी कराहने की आवाज सुनकर और जोश आ रहा था और में और तेज़ी से उसे चोदने लगा था। अब में उसे गपागप चोदे जा रहा था और सुनीता अहहाआह अहहह आहे भरती जा रही थी। फिर करीब 20 मिनट तक लगातार धक्के मारने के बाद में सुनीता की चूत में ही झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया। अब वो भी दो बार झड़ चुकी थी, अब उसने मुझे कसकर अपने सीने से लगा लिया था। फिर कुछ देर तक सुनीता की चूत में लंड डाले ही हम दोनों चिपकर सोए रहे। फिर हम दोनों ने उठकर अपने-अपने कपड़े पहन लिए और फिर में अपने घर आ गया।
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Heart भैया ने भाभी समझकर चोद दिया मुझे Heart










































Heart
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आज मैं आपके लिए अपने ज़िंदगी की एक हकीकत पेश कर रही हु, मैं भाई के लण्ड से चुद गयी, पहले तो मेरी इच्छा नहीं थी, मुझे लग रहा था ये सारे गलत है पर बाद में मुझे लगा की नहीं अपनी वासना की भूख शांत कर लू, उस समय मेरे छूट में भी पानी आ गया था और मेरी धड़कन भी तेज हो गयी थी, और मैं अपने आप को रोक नहीं पाई सलवार का नाड़ा ढीला किया और भैया का मोटा लण्ड अपने बूर में समा ली और गांड उठा उठा के धक्का देने लगी, आपको मैं अपनी पूरी कहानी बताती हु, मैं भी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम की रेगुलर पाठक हु, मुझे यहाँ पे कहानी पढ़ना बहुत अच्छा लगता है,

मेरी उम्र २१ साल की है और मेरे भाई की २७ साल की, भाई की शादी इसी साल हुयी थी, भाभी बड़ी ही हॉट है, वो ऐसी है जैसे की पटाखा हो, कोई भी मर्द उसको देख ले उसकी रात की नींद उड़ जाये, भाई की भी नींद आजकल उडी हुयी है, क्यों की आज कल दिन में २ बार तो मैंने उसको देखा है भाभी को चोदते हुए. पर आज वाक्या ऐसा हुआ की मैं चुद गई.

रात के करीब ११ बज रहे थे, भैया अपने दोस्त की शादी की पार्टी में से आये थे, भाभी का शाम से ही पेट दर्द कर रहा था तो वो मेरी माँ के कमरे में पेट पे गरम पानी की थैली से सिकाई करवा रही थी और उनको नींद आ गया, मैंने माँ से कहा माँ भाभी को बोलो अपने कमरे में सोने के लिए तो बोली सोने दे अभी आराम हो जायेगा, मैं भी सोची माँ सही बोल रही है, तभी लाइट चली गयी, मेरा नाईटी नहीं मिल रहा था तो मैंने भाभी की नाईटी डाल ली और छत पे सोने चली गयी, माँ भाभी निचे सो रही थी भाभी माँ के कमरे में थी, भैया आये रात के करीब ११ बजे वो भाभी के कमरे में गए, भाभी वह नहीं थी, वो समझ गए की लाइट नहीं है हो सकता है की वो छत पे होगी.

वो छत पे आ गए, मैं हलकी हलकी नींद में थी, भैया आये और बोला सपना (भाभी) मेरी डार्लिंग तुम यहाँ हो मेरा लण्ड तुम्हे निचे ढूंढ रहा था देखो देखो कैसे खड़ा होक तुम्हे बुला रहा है, भैया की आवाज साफ़ साफ़ नहीं निकल रही थी, उन्होंने काफी पि ली थी, मैं चुप हो गयी मैं सोच की अभी चले जायेगे, पर वो मेरे पास लड़खड़ाते हुए बैठ गए मैंने कहा भैया मैं हु नेहा, तो भैया बोले साली मेरे से मजाक कर रही हु, क्यों आज तुम्हे मेरा मोटा लण्ड नहीं चाहिए, आज तो मैं तुम्हे खुश कर दूंगा, फिर बोली यार सपना तुम मुझे इस नाईटी में बहुत ही खूसूरत और सेक्सी लगती है, जी तो करता हु चूस लू तेरे बदन को, मैं समझ गई की मेरा भाई ज्यादा पि रखा है मैं उठ के बैठी जाने के लिए तभी वो मुझे, धक्का दे दिया और मैं वापस अपने तकिये पे गिर पड़ी.
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सच पूछिये तो मुझे भी लगा की आज मौके का फायदा उठाया जाए , मैंने अब भाई को हेल्प करने लगी मैंने अपनी टांग फैला दी भाई बीच में आ गया सलवार पहनी थी नाड़ा मैंने ढीला कर दिया, ऊपर तो सब कुछ खुला हुआ था भाई मेरा चूच को ऐसे दबा रहा था जैसे बच्चे के हाथ में कोई खिलौना हाथ लग गया हो, मैं भी अब भाई को होठ को चूसने लगी और अपना जीभ उसके मुह में डालने लगी, फिर वो मेरा सलवार खोल दिया और पेंटी में हाथ घुसा दिया, वो धीरे धीरे सहलाने लगा, मेरी चूत गरम और गीली हो चुकी थी, मेरा चूच तन गया था, होठ सुख रहे रहे थे पर भाई बार बार चूस के गिला कर रहा था, फिर उसने मेरी पेंटी खोल दी.

निचे सरक गया और मेरी चूत को चाटने लगा मैंने अब बहुत ही परेशान हो रही थी, क्यों की आजतक किसी ने मेरी चूत को हाथ तक नहीं लगाया था और आज सीधे कोई चाट रहा है, मैं तो बौखला गयी थी, करती क्या मैंने भाई को थोड़ा ऊपर खींचा ताकि वो मुझे अब चोद सके वो नशे में था. वो अपना मोटा लण्ड मेरे चूत पे रखा और गाली देते हुए मेरे चूत के अंदर डाल दिया, बोला ले साली मैंने कहा था ना मेरा लण्ड तुम्हे ढूंढ रहा है, मैंने तो फरफरा गई, दर्द होने लगा पर छत पे थी मैं कोई आवाज भी नहीं निकाल सकती, करती क्या चुप रहना ही बेहतर समझा,

फिर क्या था वो मेरी टांगो को ऊपर उठा दिया, मेरे चूच को दोनों हाथ से पकड़ लिया और ले दना दन, वो हचा हच कर के चोद रहा था मेरी चूत गीली हो चुकी थी और दर्द का एहसास भी हरेक झटके के साथ खत्म हो रहा था, मुझे भी मजा आने लगा मेरी चौड़ी गांड भाई का पूरा बजन उठाये हुए था, बूर से फच फच की आवाज आ रही थी, मैं मदहोश होने लगी ये मेरी पहली चुदाई थी वो भी अपने भी भाई के द्वारा, भाई गाली दे रहा था, हरेक झटके पे एक गाली और मैं पूरी हिल रही थी उसके झटके से, फिर थोड़े देर बाद वो शांत हो गया मैं भी इसके पहले दो बार झड़ चुकी थी पर भाई मुझे लगातार चोदे जा रहा था और फिर एक लम्बी आह लेते हुए अपना सारा मलाई मेरे चूत के अंदर ही डाल दिया, और वो शिथिल हो कर निचे लेट गया. मैं तुरंत ही पेट के बल लेट गयी क्यों की दर था की कही गर्भ ना रह जाये मैं भाई के वीर्य को चूत से बाहर निकलने के लिए लेट गई.

फिर मैं धीरे से उसका हाथ हटाई जो की मेरी चूच पे था और नाईटी पहनी और निचे आ गयी, रात के कररीब १२.३० हो गए थे, भाभी और माँ एक साथ ही सोई थी, मैंने भाभी को जगाया, वो बोली भैया आ गए, मैंने कहा हां वो छत पे है, भाभी उठी और छत पे चली गई. सुबह पहले तो मुझे २ घंटे तक नींद नहीं आई फिर सो गई, सुबह उठी तो सब कुछ नार्मल था, भैया ड्यूटी जाने के लिए तैयार हो रहे थे भाभी नाश्ता तैयार कर रही थी माँ पूजा कर रही थी, यानी को भैया को भी नहीं पता चला को रात में उसने मुझे चोदा था. आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी, प्लीज बताये, रेट तो बनता है दोस्त और मैं कल फिर एक कहानी ला रही हु, भैया ने भाभी समझकर चोद दिया मुझे
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bananaभैया ने मुझे चोदा भाभी समझकरऔर मैंने भी मौके का खूब मजे bananaलिए   banana 









banana banana 
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मेरा नाम विनीता है, आज मैं आपको अपनी एक बड़ी ही हॉट चुदाई की कहानी सूना रही हु, ये चुदाई की कहानी मेरे और मेरे बड़े भैया रणवीर के बारे में है, आप को मेरी ये कहानी बहूत ही ज्यादा हॉट लगेगी, क्यों की आज भी वो दिन जब याद करती हु, तभी मेरी चूत गीली हो जाती है. और अपनी चूचियां खुद ही अपने हाथों से मसलने लगती हु, आज मैं कोशिश करुँगी जो उस रात को हुआ था मैं हु बहु आपको बता दू. दोस्तों मैं के बहूत ही बड़ी फैन हु, आपको खुद ही देख लीजिये आपको इस वेबसाइट जैसी हॉट कहानियां कहीं नहीं मिलेगी. मैं तो इस वेबसाइट की कहानी पढ़ पढ़ कर मैं अपनी चूचियां खूब दबाती हु और अपने चूत में ऊँगली करती हु, अब मैं आपका समय बर्बाद नहीं करुँगी.

मैं 21 साल की हु, मैं कानपूर की रहने बाली हु, मेरे भैया जो मेरे से सिर्फ एक साल बड़े है, ये कहानी जुलाई की है. मेरी शादी 12 जून को हुई थी. और 2 जुलाई को मेरे भैया की शादी हुई, मैं अपने ससुराल से वापस आ गई थी क्यों की भैया की जो शादी होनी थी. दोस्तों पर मेरे चूत को लंड की आदत हो गई थी क्यों की शादी के बाद थोड़े दिनों तक ही ससुराल में रही थी, तो खूब चुदी थी, पर जब मैं अपने मायके आई तो मुझे अपने पति का लंड याद आने लगा था. भैया के शादी में मेरे पति भी आये थे पर वो दो दिन में ही चले गए और मैं थोड़े दिन के लिए और रह गई थी. भैया की शादी के चार दिन बाद की ये कहानी है. माँ और पापा दोनों मन्नत मांगे थे की दोनों बच्चों की शादी करने के बाद हरिद्वार जाना था. और वो दोनों चले गए.

घर में मैं और नई नवेली भाभी और भैया थे, मैं तो दिन रात सजी संवरी रहती थी क्यों की मेरी भी शादी हुई थी, हम दोनों ननद भाभी एक दूसरे का लाल लाल कपडे चूड़ियां, शेयर करते थे, और खूब खुश रहते थे, एक दिन की बात है हम दोनों ननद और भाभी ही घर पर थे, क्यों की भैया की जिगरी दोस्त की शादी थी इसलिए वो बरात चले गए थे, वो लेट नाईट वापस आते, तो मैं और भाभी दोनों एक ही बेड पर सो गए थे, रात को लाइट चली गई थी, गर्मी का दिन था, पंखा भी बंद हो गया था, भाभी ज्यादा कोमल है, क्यों की वो दिल्ली की रहने बाली है. वो हमेशा एयर कंडीशनर में रहने बाली है, यहाँ पंखा भी चलना बंद हो गया था. इसलिए वो इधर उधर घूमने लगी. और मेरी नींद कब लग गई पता ही नहीं चला.
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अचानक मेरे होठ को किसी ने जोर से चूमने लगा. और मेरी चूचियों को दबाने लगा. मैंने देखा तो भैया थे, उनके मुह से शराब की बदबू आ रही थी, मैंने कुछ बोलना चाही पर उन्होंने मेरा मुह दबा दिया, जोर से और बोले की विनीता सुन लेगी. मैं समझ गई को वो भाभी समझ कर मेरी चूचियों को दबा रहे थे और किश कर रहे थे, असल में हम दोनों दुल्हन की तरह ही थे लाल लाल साडी में ऊपर से बिजली नहीं थी. इसवजह से वो मुझे पहचान नहीं पाए. और वो मेरे ब्लाउज के हुक को खोल दिए और मेरी चूचियों को दबाने लगे. मैंने कहा ये क्या कर रहे हो, आपने शराब पिया है. उन्होंने मेरा मुह फिर से दबा दिया, वो काफी ज्यादा नशा में थे. वो काफी मजबूत है इसलिए मैं उनको रोक नहीं पाई.

और देखते ही देखते उन्होंने मेरी साडी ऊपर कर दी और पेंटी उतार दी, अब दोस्तों सच बताऊँ मुझे भी अच्छा लगने लगा. क्यों की मैं खुद भी लंड की प्यासी थी. मैं चुचाप हो गई. और उन्होंने अपना लंड निकाला और मेरी चूत के ऊपर रखा और जोर से पेल दिए. मैं छटपटा गई. क्यों की भैया का लंड मेरे पति के लंड से ज्यादा मोटा और लंबा महसूस हो रहा था. मेरे मुह से चीख निकल गई. उन्होंने फिर से मेरे मुह को बंद कर दिया और बोले साली तुमको समझ नहीं आ रहा था. मेरी बहन को पता चल जायेगा. वो आँगन में सोई हुई है. मैंने समझ गई की भाभी आँगन में सोई है. लाइट जाने की वजह से. मैं चुपचाप हो गई. और लंड का मजा लेने लगी.

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मैंने अपना ब्रा का हुक खोल दिया, और मैंने अपनी चूचियां अपने भाई के मुह से लगा दी. वो मेरी चूचियों को अपनी दांतो से काट रहे थे. और मसल रहे थे. मैं सातवे आसमान में थी. मेरे शरीर का रोम रोम खड़ा हो गया था. मैं अपने आप को भाई के हवाले कर चुकी थी. और चुदाई का मजा ले रही थी. भैया जोर जोर से धक्का लगा रहे थे. मैं भी अपना गांड उठा उठा कर लंड पेलवा रही थी. मेरी चूत काफी गीली हो गई थी. चूचियां तन गई थी. मैंने अपने भाई को बाहों में भर लिया, और अपने पैरो से लपेट ली. मेरा भाई नशे में होने के कारण वो समझ ही नहीं पा रहा था की आज उसकी बहन चुद रही थी. भाभी तो गांड फाड़ कर आँगन में सो रही थी. उसके बाद वो गालियां दे दे के चोद रहे थे.

दोस्तों क्या बताऊँ पति से ज्यादा खुश भैया कर रहे थे. उनका गठीला बदन लंबा लौड़ा, मोटा लौड़ा और वो जोर जोर से चोदना नशे की हालत में. करीब २० मिनट की चुदाई मुझे खुश कर दिया. और वो झड़ गए. और झड़ते ही तुरंत ही सो गए. मैंने अपने कपडे ठीक की ब्रा पहनी, ब्लाउज पहनी, तब तक भैया खराटे लगाने लगे. मैं उठी और आँगन में जाके भाभी को उठाई, बोली की भैया आ गए है. वो जाकर भैया के साथ सो गई. और मैं वही आँगन में लेट गई. नींद जब खुली तो सुबह हो चुकी थी. भैया को आजतक पता नहीं चला की वो रात भाबी को नहीं अपने बहन यानी की मुझे चोदा था. दोस्तों आशा करती हु की मैं टूटी फूटी शब्दों में अपनी बात को
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मेरा नाम आकाश है, मेरी शादी को अभी १ महीने हुए है, और मेरी एक बहन है सिमर जिसकी शादी मेरे शादी से सिर्फ पंद्रह दिन पहले ही हुई है. और आजकल यहाँ आयी हुई है. मैं पलवल में रहता हु, और दिल्ली में नौकरी करता हु, मेरी बीवी बहूत ही ज्यादा हॉट है, इस वजह से मैं कुछ ज्यादा ही चुदक्कड़ हो गया है, मुझे तो लगता है दिन रात अपने बीवी को चोदते ही रहू गजब की माल है यार, एक महीने से चोदे जा रहा हु तब भी अभी तक चूत ढीली नहीं हुई है, अभी भी टाइट है. तो मेरा और भी ज्यादा चोदने का मन करते रहता है. इस वजह से मैं कोई भी दिन मिस नहीं करना चाहता और चुदाई रोज करता हु,

मेरी बीवी और बहन दोनों आजकल एक जैसे ही कपडे पहन रही है जैसा की नई नवेली दुल्हन पहनती है. रात के करीब आठ बजे अचानक विजली चली गई थी निचे बहूत गर्मी था और मैं छत पर विछावन डाल कर बैठ गया और मैं शराब की बोतल निकाल कर पिने लगा, बस लास्ट पैक ही बचा था उसको ख़तम कर रहा था. निचे मेरी बीवी खाना बना रही थी, सोचा की निचे जाकर खाना थोड़ा कहूंगा और उसको आज गांड मारूँगा, तभी सीढ़ियों पे छन छन पायल की आवाज आने लगी मैं समझ गया की मेरी बीवी ऊपर आ रही है. मैं काफी नशे में था, तभी मुझे याद आया था की मैं नमकीन मंगवाया था वही लेके आई थी, पर पेग तो ख़तम हो चूका था.

मेरे करीब आकर बोली की लो, मैंने कहा मेरी जान जब दारु ख़तम हो गया तब नमकीन लाइ है. और हाथ पकड़ कर खीच लिया और चूचियां दबाने लगा. और कहने लगा, साली तुम आजकल रोज मुझे तड़पा रही है. मेरा लैंड आजकल हमेशा पेलने का मन करता है. और तुम है जो की काम में ही बीजी रहती है, मैं मैंने फटा फट ब्लाउज का हुक खोल दिया और चूचियां निकाल कर पिने लगा, तभी बोल पड़ी क्या कर रहे हो? मैंने कहा चुप हो जा साली, कोई सुन लेगा, बस दस मिनट में ही काम तमाम कर देता हु, अँधेरा होने की वजह से ज्यादा कुछ दिखाई नहीं दे रहा था और बचा खुचा नशे में तो और भी पता नहीं चल पा रहा था. मैंने तुरंत ही पेटीकोट ऊपर कर दिया और पेंटी उतार दिया, इधर उधर देखा कोई ऊपर तो नहीं आ रहा है और लंड निकाल कर पेल दिया.

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आह की आवाज आई तो मैंने कहा क्यों फट गई तेरी चूत क्या, साली आज तो और भी टाइट है, आज तो ऐसा लग रहा है जैसा की सुहाग रात के दिन लगा था, और मैंने चोदने लगा, जोर जोर से लंड को उसके चूत में डालने लगा, और मैंने फिर चूचियों को दबाते हुए चोदने लगा. और मैं खलाश हो गया क्यों की जल्दी चोदना था क्यों की कोई ऊपर आ जाता. मैंने कहा पहन ले पेंटी. वो उठकर बैठ गई और पेंटी पहन ली. मैंने कहा कैसा लगा. वो बोली अच्छा लगा भैया, मैंने तो सन्न रह गया मेरी बहन की आवाज थी, मैंने कहा कौन रंभा? तो बोली हां भैया भाभी बोली की नमकीन दे आओ ऊपर और आपने वो काम कर दिया जो की बहन भाई में नहीं होता है. पर जो भी था अच्छा था, आपने मन खुश कर दिया, काश मुझे भी ऐसा लंड मिलता. मैं समझ गया की मेरी बहन एक नंबर की चुदक्कड़ है. भाई से चुद कर इसको कोई गीला शिकबा नहीं है. मुझे लगा की क्यों ना इस मौके का फायदा उठाया जाये.

तभी मेरी बीवी ऊपर आ गई मेरी बहन बैठी थी, मेरे पास ही, मेरी बीवी आकर बोली क्या बात है जी अँधेरे में आप बहन भाई क्या बात कर रहे है. ससुराल की कहानी सूना रही है क्या? मैंने कहा हां बोल रही है अपने ससुराल के बारे में, तभी मेरा मोबाइल बजा, मेरी ससुर जी का फ़ोन था तो मैंने अपने बीवी को फ़ोन दे दिया, मेरी बीवी वापस फ़ोन दे दी बोली पापा आपसे बात करना चाहते है, मैंने कहा मुझसे बोली हां, मैंने नमस्ते किया वो बोले बेटा कल सुबह वृन्दावन जा रहे है, तो सोचा की मोना (मेरी पत्नी) को भी और आपको भी ले चलु, मैंने कहा पापा जी कल तो मैं जा नहीं पाउँगा, सुबह ड्यूटी भी नहीं जानी है क्यों की कल पलवल में ही कुछ काम है, आप मोना को ले जाओ. मैं बाद में चला जाऊंगा, मोना ये सुनकर खुश हो गई, क्यों की वो वृन्दावन अपने पापा और मम्मी के साथ जाने बाली थी, मैंने कहा अरे मोना चली जाओ. कल घर में कोई भी नहीं होगा, कल सुबह माँ और पापा भी मां जी के घर जा रहे है, घर में सिर्फ मेरी बहन और मैं था, तो मैंने मन ही मन प्लान बना लिया की कल पूरा कपड़ा उतार कर, सारे माल का मुआयना कर के चूत मारूँगा.

हुआ भी सब प्लान के अनुसार, घर आठ बजे तक खाली हो गया, मेरी बहन और मैं बचा सिर्फ घर पे, उसके बाद मैंने में दरवाजा खूब अच्छी तरह से लॉक कर दिया, और अंदर आते ही. उसको गोद में उठा लिया और पलंग पर पटक कर, एक एक कपडे उतारने लगे, ओह्ह्ह दोस्तों मैं हिल गया, उसकी चूचियों को देखकर, गजब का सॉलिड था, बिच में पिंक छोटा सा निप्पल, फिर मैंने बाकी के कपडे उतार दिए, और निचे जाकर टांग को थोड़ा अलग अलग कर कर चूत को देखने लगा, मैंने कहा बहन तुम्हारी चूत तो गजब लग रही है अंदर लाल है. तो वो बोली हां भैया, वो ज्यादा चोद नहीं पाते है उनका लंड बहूत छोटा है. इतना सुनते ही मेरा लंड और कडा हो गया. और मैंने फिर उसके चूत को चाटने लगा. वो आह आह आह करने लगी.

फिर मैंने उसके चूत पे लंड को सेट किया और दोनों हाथों से चूचियों को पकड़ा और जोर से धक्का दिया, और पूरा का पूरा लंड मैंने अंदर पेल दिया, वो आह आह आह करने लगी और मैंने जोर जोर से अंदर घुसाने लगा. वो भी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी. फिर तो दोस्तों मैं धन्य हो गया गजब की माल को पाकर, मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था की मैं अपने बहन को इस तरह से चोद पाउँगा, फिर क्या था हम दोनों अलग अलग पोज में, एक दूसरे को संतुष्ट करते रहे, और दिन भर चुदाई चलती रही, आप यकीं नहीं करेंगे, वो अपना पैर फैला फैला कर चल रही थी क्यों की आज उसकी चूत की जबरदस्त चुदाई पहली बार हुई थी, तभी कोई दरवाजे पे आया और कुण्डी बजाया जल्दी जल्दी दोनों कपडे पहने वो दूसरे कमरे में चली गई. और मैंने जाकर गेट खोला तो मेरी पत्नी वापस आ गई थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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banana मेरी कामुक दीदी : रात भर मुझसे चुदवाई और धमकी दी की माँ को नहीं बताना banana



























banana
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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मेरी बहन सरिता दीदी का ही है, शादी में लेट क्या हो रहा है वो मुझे ही अपने जाल में फंसा ली और अब मुझसे ही चुदवाती है और वो भी रोज रोज मुझे कभी कभी डर भी लगता है की कही मेरी दीदी मुझसे ही प्रेग्नेंट ना हो जाये, पर मैं कर भी क्या सकता हु, वो अब मुझे कहती है की ये बात किसी और की नहीं बताना, थोड़े दिन की ही तो बात है फिर मेरी शादी हो जाएगी और मैं अपने पति के पास चली जाउंगी फिर तुम्हे तंग नहीं करुँगी, मैं इसलिए चुप हु क्यों की मुझे भी लगता है की कही अगर मैं नहीं चोदा तो वो कही और चुदबायेगी इसलिए अच्छा है की अपने घर की इज्जत अपने ही घर में रह जाये.

दोस्तों पहले तो मुझे लग रहा था की मैं ये कहानी किसी और को नहीं बताऊँ पर मेरा मन नहीं मान रहा था, मेरे अंदर ये बात काटे खा रहा था की क्या मैं सही कर रहा हु क्या मैं गलत कर रहा हु, मैं अपने दिल का बोझ ख़तम करने के लिए आप लोगो को सामने अपनी

मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर में रहता हु, मैं आपको शहर का नाम नहीं बताऊंगा क्यों की मैं अपनी पहचान जाहिर नहीं करना चाहता, मेरे घर में मैं मेरी बहन सरिता दीदी मेरे पापा और मेरी माँ है. पापा को ढाबा है जीटी रोड पर वो अक्सर ढाबा में ही रहते है और वही सोते है. ये जो चुदाई की शुरुआत है वो तब की है जब मेरी माँ नानी घर गयी थी क्यों की नानी की तबियत ख़राब थी, हम घर में दोनों भाई बहन थे, मैं २१ साल का हु और मेरी बहन २६ साल की है. उसके लिए काफी लड़का ढूढ़ रहे है पर अभी तक कोई काबिल नहीं मिला है. जब से उसके लिए लड़का ढूंढने का काम शुरू हुआ था तब से वो ना जाने किस ख्वाब में रहने लगी, देर रात तक जागती, कभी कभी उसका पलंग से आवाज आने लगता, मैंने धीरे धीरे नोटिस करना चालू किया की वो आखिर रात में करती क्या है की जोर जोर से पलंग हिलता और आवाज आती. मुझे ऐसा लगने लगा की वो शायद अपने चूत में कुछ डालती है और थोड़े देर में शांत होती है और फिर सो जाती है.

ये सारे कारनामा हम रोज रोज देखते थे, क्यों की हम दोनों एक ही कमरे में सोते थे, पर अलग अलग पलंग पर सोते थे, कुछ दिन बाद मैंने नोटिस किया की वो रात में अपनी पेंटी और ब्रा खोल कर सोने लगी. क्यों की उसकी चूचियां साफ़ साफ़ नजर आती थी उसकी नाईटी से, बड़ी बड़ी सॉलिड सॉलिड, दोस्तों मेरा भी मन ख़राब होने लगा, अपनी बहन की इस हरकत से, है भी बहूत ही हॉट, सरिता दीदी की साइज ३६-२४- ३६ है, दोस्तों किसी का भी दिमाग ख़राब हो जाये उसके चूतड़ को पीछे से देखकर और आगे से उनकी चूचियों को देखकर, बड़े बड़े लंबे लंबे बाल गुलाबी होठ, लंबी और गोरी जबरदस्त दिखती है. जब वो काजल और होठ को गुलाबी रंग से रंगती है तब तो वो सेक्स की देबि लगती है.

दोस्तों ऐसे ही दिन बीतने लगा. मैं भी रात में मजे लेने लगी. अब मैं भी अपनी आँख अपनी बहन को देखकर सेकने लगा. उस दिन की बात है जब माँ नानी के यहाँ गई थी. रात के करीब ११ बजे थे गर्मी का दिन था. वो हल्का सा बेडशीट ओढे थी. मैं सोने का नाटक करने लगा. तभी फिर से उसका पलंग हिलने लगा. फिर करीब दस मिनट में ही शांत हो गई. मैं समझ गया की मेरी दीदी आज भी अपने चूत में शायद बैगन पेल रही है. तभी वो उठी, उसकी चुचिया साफ़ साफ़ टाइट दिख रही थी. निप्पल भी साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था. जब वो उठी और बाथरूम के तरफ जाने लगी. उसकी चूतड़ हिलोरे मारते हुए चलने लगी. गजब की लग रही थी बाल निचे तक थे खुला हुआ, मैं तो मर गया दोस्तों, मेरा लंड खड़ा हो गया, ऐसा लग रहा था की मैं चोद दू,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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