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Adultery *अंजामे मोहब्बत*
#1
*अंजामे मोहब्बत*
 **इस कहानी के सभी पात्र और घटनाए काल्पनिक है, मेरी हर कहानी की तरह इसका भी किसी भी व्यक्ति शहर या घटना से कोई संबंध नहीं है किसी व्यक्ति स्थान या समुदाय का नाम का होना संयोग मात्रहै**

*सोफिया आलम नकवी*



में सोफिया आलम नकवी कुछ सालों के लंबे अंतराल के बाद एक नई कहानी के साथ आप की बारगाह में हाजिर हु,देख कर अच्छा लगा के आज कल नए राइटर काफी उम्दा रचनाएं लिख रहे है पिंक बेबी कोमला रानी जैसे बड़े राइटर्स आज भी अपनी बेहद खूबसूरत रचनाओं से पाठकों के दिलो दिमाग पर जादू किये हुए है,


दस्ताने मोहब्बत यह कहानी है नैनीताल की सीमा नाम की मासूम लड़की और उस की पवित्र मोहब्बत के आगाज और अंजाम की,


*सीमा शर्मा* 25 साल की सुंदर सुशील पढ़ी लिखी शादीसुदा महिला थी,सीमा एक गंभीर स्वभाव की अपने पति से दिलो जान से मोहब्बत करने वाली औरत थी उसका पति अजय उसकी जिन्दगी उसका प्यार उसका खुदा उसका सब कुछ था उसके एक इशारे पर वो जान कुर्वान कर सकती थी,5 साल पहले जब सीमा 20 साल की थी तब सीमा ने अजय से लव मैरिज की थी,सीमा नैनीताल में अपने परिवार के साथ रहती थी और अजय का परिवार भी नैनीताल में ही रहता था,दोनों ने नैनीताल के एक ही कॉलेज से ग्रेजुएसन की थी बही दोनों को प्यार हो गया था एक ही कास्ट के होने की बजह से घरवालो ने 20 साल की होते ही हँसी खुसी दोनों की शादी कर दी थी, शादी के 1 साल बाद ही अजय को दिल्ली में अच्छी जॉब मिल गई थी और दोनों 4 साल से खुसी खुसी दिल्ली में रह रहे थे,
आज संडे था सुबह के 10 बज गए थे लेकिन सीमा आज सुबह से ही काफी व्यस्त थी 5 बजे उठी थी नहा धोकर मंदिर जा के पूजा करने के बाद 8 बजे से रसोई में घुसी जल्दी जल्दी खाना बना रही थी,सीमा संडे को सामान्य दिनों से अधिक ब्यस्त रहती थी क्योंकि संडे को उसका प्यारा पति अजय दिन भर घर पर ही होता है और दोपहर से ही बोतल खोल कर बैठ जाता था और कभी पकोड़े कभी पनीर भुर्जी कभी डोसा जाने क्या क्या बनवाता रहता है, अभी उसका सुहाग उसका पति परमेस्वर अजय बाथरूम में नहा रहा था,
पंडित जी ओ पंडित जी कितना नहाओगे पनीर चीले ठंडे हो जाएंगे जल्दी आओ मैने चाय गैस पर रख दी,सीमा की सुरीली आवाज घर में गूँज उठी,
वहाँ बाथरूम में सावर चल रहा था और अजय कमोड पर बैठ मोबाइल देखता हुआ अपने 5" के लंड को बेदर्दी से मरोड़े जा रहा था,
सीमा की आवाज सुनकर अजय हड़बड़ा जाता है और उसके हाथ से मोबाइल फिसल कर बाथरूम के फर्स पर गिर जाता है,गुस्से से अजय का दिमाक भन्ना जाता है वो मन ही मन कहता है साली रंडी कुतिया छिनार रंडी का मूत साली कुतिया सारे चीले तेरी गांड़ में घुसाऊ कमीनी ने डरा दिया पूरा मोबाइल भीग गया,
लेकिन जल्दी हीअजय अपने आप को सँभाल के कहता है,अजय,
जानू बस 2 मिनिट में आता हूं चीलों का नाम सुनकर मुह में पानी आ गया लव यू जानू,
अजय से आई लव यू सुनकर सीमा मयूरी की तरह खिल उठती है और मस्ती में गुन गुनती चाय बनाने लगती है,
उधर बाथरूम में अजय फिर मोबाइल देख कर लंड मरोड़ने लगता है,मोबाइल पर एक 3 सम वीडियो चल रहा था जिसमें एक काला लड़का एक गोरे लड़के की गांड मार रहा था और एक गोरी औरत जो गांड़ मराने वाले गोरे लड़के की वाइफ थी उस काले लड़के की गांड़ चाट रही थी,वीडियो में गोरा लड़का अंग्रेजी में अपनी पत्नी से कह रहा था आ आ रंडी जोर से चाटो मेरे आशिक की गांड़ ओ ओ डार्लिंग मेरे यार की गांड़ में जीभ डाल कर गांड़ का माल खा लो,ओ ओ मेरे जान ओ पूरा लंड डाल दो मेरी गांड़ में ओ ओ मुझे अपनी रंडी बना लो ओ ओ,,
ऐसा हॉट वीडियो देख कर अजय के मुह से आहे निकलने लगी आ आ ओ ओ maaaaaa और अजय के लंड से वीर्य की बौछार होने लगी अजय आँखे बंद किये अलौकिक आनंद में खो जाता है और निढाल होकर दीवार से सर लगा  कर लंड हिलाता जाता है,बाथरूम की दीवार पर लंड के लाल सुपढे से निकलते गाढ़े और गर्म वीर्य के लच्छे गिरते चले जाते है,
अजय बाथरूम से बाहर आकर,,सीमा मेरी जान में आ गया लाओ जल्दी से चीले लाओ मुझे भूख लगी है,
सीमा,,ला रहीं हु बाबा बैठो तो जरा,, पहले तो इतना देर तक बाथरूम में घुसे रहे अब जल्दी जल्दी करते हो,,
फिर सीमा नास्ता लेकर डायनिंग टेबल पर बैठ जाती है और अजय को सर्व करती है,
अजय और सीमा नास्ता करने लगते है,
तभी अजय सीमा से कहता है,,यार सीमा में आज लंच नहीं करूंगा मुझे एक दोस्त से मिलने उस के घर जाना होगा में वही लंच कर लूंगा,
यह सुनकर सीमा मुह फुला के अजय से कहती है,,यह क्या बात हुई अजय? में सुबह से शाही पनीर आलू के परांठे और मटर पुलाओ बना रही हूं और आप कहते है लंच दोस्त के साथ करेंगे ऐसा था तो आप को पहले बताना था ना यार अब यह सब कोन खायेगा? मेरी पूरी मेहनत बेकार गई,,पूरा संडे बिगाड़ दिया मेरा,,
अजय,,अरे मेरी जान नाराज क्यों होती हो शाही पनीर आलू परांठे और मटर पुलाओ में ही खाऊँगा लेकिन आज रात डिनर में ओके मेरी जान अब खुश हो जा और जल्दी से अपने अधरों का रस पिला दो आज सुबह से तुमने मुझे किस भी नही दी,,
सीमा,,हटो जी जब देखो किश किश ही करते रहते हो सुबह सुबह यह सब नहीं किया जाता जनाब रात को मिलिये फिर जितना चाहे किश लेना,,कह कर सीमा किचिन की तरफ जाने लगती है,,
तभी अजय सीमा का हाथ पकड़ कर उसे अपनी ओर खीचता है और सीमा अजय के सीने से टकराती है,अजय एक हाथ सीमा की कमर में डालता है और दूसरे हाथ से सीमा के बाल पकड़ कर उसका चेहरा अपने चेहरे के पास करता है,,सीमा ओर अजय दोनों एक दूसरे की आँखों मे देखते है,,सीमा की सासें भारी होने लगती है आँखे मुंदने लगती है,,सीमा के सुर्ख गुलाब की तरह लगते अधर थर थराने लगते है उन पर ज़मी ओस की बुंदे काँपने लगती है सीमा की बाहें अजय को जकड़ लेती है और अजय अपने गरम ओठ सीमा के मादक लबों पर रख देता है दोनों पति पत्नी दुनियां भूल कर प्रेम सागर में डूबने लगते है,10 मिनिट की लंबी किश के बाद अजय सीमा को छोड़ देता है और सीमा भी होश में आती है फिर जल्दी से शरमा के किचिन में भाग जाती है,,अजय अपनी वाइफ सीमा की कमजोरी जानता है,सेक्स ही सीमा की सब से बड़ी कमजोरी है,दुनियां वालों के लिए सीमा जितना सीधी गंभीर और सरीफ है अजय के साथ होने पर वह उतनी ही हॉट और कामुक हो जारी है,अजय आखिर सीमा की मोहब्बत है उस की जिंदगी है,साथ ही अजय से उसने सभी सामाजिक और धार्मिक रस्मो रिवाजों के साथ सात जन्मों तक अटल रहने वाले शादी के बंधन को स्वीकार था उसने शादी के पवित्र बचनों को दिल से स्वीकार किया था अजय उस के लिए परमेस्वर का दर्जा रखता था वह उस का पति परमेस्वर था जो उसने तन मन से स्वीकार था,हर सामान्य पत्नी की तरह सीमा भी अजय के साथ बेफिकर हो कर जीवन का आनंद उठती थी,सुबह उठ कर घर के कामों से लेकर रात को पति के साथ बिस्तर में सोने तक सम्पूर्ण तन मन समर्पण के साथ अपना योगदान देती थी,
सीमा एक माध्य्मवर्गीय परिवार की लड़की थी जो 20 साल तक घर के काम और पढ़ाई में लगी रही फिर सीमा को 20 साल की बाली उमर से ही अजय से मोहब्बत हो गई और शादी भी हो गई,अजय एक सामान्य लड़का था लेकिन दोस्तों की सोहवत कहे या खुद के अंतर मन की चाह अजय छोटी उम्र से ही गे हो गया था,उसे बडे बडे काले मर्दाना लंड को चूसना और गांड़ में लेना पसंद था,अजय एक सरीफ घर का पड़ा लिखा सरीफ लड़का था बहुत सारे भारतिय पुरषों की तरह वो भी अपनी विकृत भावनाओं को परिवार और मित्रों से छुपाके रखता था,
अजय बचपन से ही दिमाक का बहुत तेज़ था वो जानता था के वो अपनी विकृत काम पिपासा को अपने सर्किल के लोगों के साथ शेयर नही कर सकता है,इस लिए वो लो-क्लास लोगों को अपना निशाना बनाता था,कभी पैसे देकर कभी शराब पिला कर वो गरीब मजदूर ऑटो वाले लोगों को फंसा के उनका लंड चूसता था और गांड़ मराता था,अजय पिछले 15 साल से यह सब कर रहा था लेकिन 4 साल से सीमा के साथ शादी होने के वाद उसे काफी परेशानी होने लगी थी दिन भर वो जॉब पर रहता फिर शाम से घर मे सीमा के साथ,उसे गांड़ मराने का समय नहीं मिल पाता था,और उसे मजबूरी में सीमा के साथ सेक्स भी करना पड़ता था,वो गे था अब एक गांडू क्या जाने सीमा जैसी स्वपन सुन्दरी के रस भरे योनाग्गों की मधुरता का स्वाद उन की कामुक सुगंध का नशा दो पवित्र प्रेमियों के काम रस से भीगे शरीरो के मिलन की अलौकिक अनुभूति का परालौकिक आनंद,एक तरफ सीमा तन मन से कामक्रीड़ा का आनंद लेती है अपने पवित्र शरीर को अपने पति परमेस्वर को दिल खोल कर अर्पित करती है और खुद भी पति पत्नी के पवित्र मिलन के अलौकिक आनंद की अनुभूति को भोगती है,दूसरी तरफ अजय गे है उसमें भी वॉटम सो अजय ठहरा लंड प्रेमी उसे तो बदबूदार गंदे काले लंड पसंद है,लड़कियों में उसे कोई इनट्रेस्ट नही है चूत तो उसके लिए बस एक मूतने का छेद मात्र है,इस बजह से अजय को सीमा के साथ सेक्स करना बहुत बुरा लगता है लेकिन सराफत की मजबूरी है और सामाजिक बंधन के डर के कारण उसे अच्छा पति होने का दिखावा करना होता है ना चाहते हुए भी सीमा के साथ संभोग करना होता है,रात को अजय के साथ बाहों में तो सीमा होती है लेकिन दिल दिमाक में बस गंदे लोगों के बदबूदार लंड दिखते रहते है,जब कि दूसरी तरफ सीमा सम्पूर्ण समर्पण के साथ खुल कर अपने पति अपने प्रेमी के साथ कामक्रीड़ा का आनंद लेती है,
आगे देखते है गांडू अजय और मुहबत के रंग में रंगी सीमा जैसी सरीफ औरत की जिंदगी क्या रंग दिखायेगी,
अब अजय तैयार होकर बाहर जाने लगता है,
सीमा दरवाजा बंद कर लो में दोस्त के घर जा रहा हू शाम तक आऊँगा,यह कह कर अजय घर से निकल जाता है,सीमा खाना बना चुकी थी अब वो साम तक फ्री थी वो आके घर का दरवाजा बंद करती है और अपने बेडरूम में जाके टीवी पर अपना फेवरेट सीरियल नागिन देखने लगती है,
दूसरी तरफ आज सुबह से ही अजय का मन बहुत बेचैन था 6 महीने हो गए थे 6 महीनों से उसने गांड़ नहीं मराई थी उस की गांड़ में बहुत जोर से खुजली हो रही थी उसकी गांड़ गरम गरम 9"का लंड माँग रही थी,
दोस्त के घर जाना तो एक बहाना था जब कि अजय घर से निकल कर बस स्टैंड की तरफ चला जा रहा है वो जनता था के बस स्टैंड के पास एक पुराना पार्क है जहाँ लो-क्लास के लोग चरस गांजा फूंकते है और नशे के जुनून में एक दूसरे की गांड़ मारते है,अजय यहाँ 3-4 बार आ चुका है और एक बार एक लड़के को 200 रुपये देकर उस के लंड का माल पी चुका है लेकिन उसे अभी तक ऐसा कोई बंदा नहीं मिला जिसके पास सेफ जगह हो और जो अपने 9" के लंड से उसकी गांड़ फाड् दे,
तभी तो कहते है दुनियां के खेल निराले, साली 95% लोगो को चूत की तलाश है वहीं अजय जैसे 5% लोग अपनी गांड़ के लिये लंड खोज रहे है,और जनाब कुदरत का तमाशा देखो इन 5% गांडू लोगों को सीमा जैसी दिलकश हसीन मदमस्त प्यार करने वाली पत्नी मिल जाती हैं, वहीं 95% लोगों को ना सीमा जैसी मखमली गुलाब की पंखुड़ी जैसी चूत मिलती है ना अजय जैसे गांडू की बदबूदार गांड़,
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*अंजामे मोहब्बत* - by SOFIYA AALAM NAKVI - 13-10-2023, 05:08 PM



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