28-02-2019, 10:39 AM
होली हो और साली न हो, बहुत ना इंसाफी है।
होली हो, साली हो और उसकी चोली न खुले, बहुत ना इंसाफी है।
चोली में हाथ घुसे, और साली की गाली न हो, बहुत ना इंसाफी है।
जीजा और साली की होली, नंदोई और सलहज की होली,
ननद और भाभी की होली।
ससुराल में मची पहली होली का धमाल, एक साली की जुबानी, कैसे खेली जीजा ने होली?
कैसे खोली जीजा ने चोली? और फिर क्या-क्या खुला?
और अब शुरू होती है कहानी, होली जीजा साली की।
होली हो, साली हो और उसकी चोली न खुले, बहुत ना इंसाफी है।
चोली में हाथ घुसे, और साली की गाली न हो, बहुत ना इंसाफी है।
जीजा और साली की होली, नंदोई और सलहज की होली,
ननद और भाभी की होली।
ससुराल में मची पहली होली का धमाल, एक साली की जुबानी, कैसे खेली जीजा ने होली?
कैसे खोली जीजा ने चोली? और फिर क्या-क्या खुला?
और अब शुरू होती है कहानी, होली जीजा साली की।