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SAAHAB, AAPKI PATNI KEE CHOOT SABSE PYARI HAI
#1
मेरी नाम विनोद है । मैं अभी ४० साल का हूँ । बढिया नौकरी है । २ बेटियों और एक बेटे का बाप हूँ । दोनों बेटियाँ जवानी के दहलीज़ को पार कर अपने कपड़े उतरवाकर कुऑंरी चूत में लंड घुसने का इंतज़ार कर रही है। मेरा लौडा भी दोनों बेटियों के अनदेखी मस्त चूत में घुसने के लिए तैयार हैं लेकिन कोई मौक़ा नहीं मिल रहा है।
 
लेकिन अभी जो कहानी आप पढ़ेंगे वो मेरी बेटीयों की चुदाई की नहीं मेरी नवेली दुल्हन जिसमें १८ साल पूरा ही किया था, उसकी मस्त चुदाई की कहानी है ।
 
ये २१ साल पहले की बात है । मैंने कॉलेज की पढ़ाई ख़त्म की और अपने गॉंव आया । १५ दिनों के बाद ही मेरे मामा और बाबू जी मुझे दूसरे गॉंव ले गये । मुझे पहले नहीं बताया गया कि हम वहाँ क्यों जा रहे है। हम उस गॉंव के मुखिया के घर गये । वहाँ मैंने देखा कि औरतें और लड़कियों मुझे घूर रही हैं । तब तक अपनी बहनों, मॉं , मामी को छोड़ किसी और औरत का बदन भी नहीं छुआ था । चुदाई के  बारे में सुना था । किसी किसी कॉलेज की मस्त खुबसूरत लड़कियों को देखकर लौडा खड़ा भी होता था । झूठ नहीं कहूँगा कभी कभी मॉं और मामी की चुचियों को देखकर लौडा भी हिलाया था लेकिन तब तक किसी को चोदना क्या चुची भी नहीं देखा था ।
 
हम वहॉं कुछ देर बैठे और अचानक एक साड़ी पहनी हुई लड़की दूसरी तीन औरतों के साथ अंदर आई। मुझे शरबत का ग्लास देते समय एक नज़र मेरी तरफ़ देखा और मुस्कुरा कर दूसरी तरफ़ घूम गई । मैंने उसे तुरंत पसंद कर लिया । वो लड़की कमरे से बाहर गई और कुछ ही देर बाद एक शादीशुदा औरत मेरा हाथ पकड़ एक दूसरे रुम में ले गई। मुझे रुम के अंदर घकेलते हुए बोली ,
 
“ दामाद जी , आपकी घरवाली कमरे में है , आपको १५ मिनट देती हूँ जो करना है किजीए. अगर दम है तो मंजू को चोद भी सकते हो ! “
 
खिलखिलाती हुई वो औरत रुम को बंद करते हुए भाग गई । दो कदम आगे गया तो देखा कि जिसने मुझे शरबत दिया था वहीं नज़रें झुकाये खड़ी थी । अब तक मैं समझ गया था कि मुझे यहाँ क्यों लाया गया है । और इस तरह मुझे इस लड़की के साथ एक कमरे में बंदकर दिया है उसका मतलब साफ़ था । हमारी शादी तय हो गई है । यूँ तो लड़कियों के मामले में बहुत शर्मिला था पर मुझे मज़ाक़ करने की आदत थी ।
 
मैं ———-  मुझे तुम बिलकुल पसंद नहीं हो ।मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता ।
 
मेरी बात सुनते ही वह मेरे बहुत नज़दीक आ गई । मेरी ऑंखें में देखते हुए बोली ,
 
“ विनोद जी , अब मैं आपको पंसद हूँ या नहीं कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है । मैंने सबसे कह दिया है कि तुम मुझे बहुत पसंद हो । तुम मुझसे शादी करो या ना करो मैं ही तुम्हारी घरवाली हूँ और मैं ही तुम्हारे बच्चों की मॉं भी बनुंगी । “
 
मुझे तो ये लड़की पहले ही नज़र में पसंद आ गई थी । इसकी बोल्ड बिंदास बातों ने मुझे इस लड़की मंजु का दीवाना बना दिया । लेकिन मैं इसकी , घर के बाहर की किसी भी लड़की के बदन का स्पर्श करना चाहता था ।मालूम नहीं मुझमें कहॉं से हिम्मत आ गई । शायद उसकी बातों ने ही हिम्मत दी हो ।
 
 मैंने कहा,
 
“ अभी मुझे एक चुम्मा दो तब शादी करूँगा । “
 
“धत्त”
 
बोल कर अपने दोनों हाथों से चेहरा को ढक लिया । मैंने जाकर दरवाज़ा को अंदर से बंद किया । फिर बोला ,
 
“ मेरी प्यारी घरवाली, अब इस कमरे का दरवाज़ा तभी खुलेगा जब तुम चुम्मा दोगी । “
 
मेरी बात सुन उसने चेहरे से हाथ हटाया । मेरे एक गाल को ज़ोर से पिंच करते हुए बोली ,
 
“ सहेलियों ठीक ही कहती थी कि शहर के लड़के से विवाह मत करो , बहुत हरामी होते हैं , बहुत ग़लत आदमी के साथ फंस गई हूँ जो करना है जल्दी करो , मुझे बाहर जाने दो । “
 
उसकी बात ख़त्म हुई लेकिन उसकी बातों ने मेरा जोश बहुत ही बढ़ा दिया । मैंने उसे बाँहों में बांधा और ताबड़तोड़ गालों का चुम्मा लिया , होंठों को चूसा । दोनों हाथों से उसकी कड़क चुत्तरों को मसला और फिर उसे पीछे घुमाया और बाँहों के नीचे से दोनों हाथों को घुसाकर दोनों चुचियों को खुब मसला ।
 
उसने ५-६ मिनट मुझे मस्ती लेने दिया । तब वह बोली .
 
“ अब तुमने अगर तुरंत दरवाज़ा नहीं खोला तो चिल्ला दूँगी । अगर मुझे नंगा देखना चाहते हो तो अपने मॉं बाप से बोलो कि हमारी शादी जल्दी करे । तुम मुझे बहुत पसंद हो । “
 
वो खुद घुमी और मुझे चुमते  हुए होंठों को चूसते हुए लड़की ने कपड़ों के उपर से लौडा को मसला ।मंजु अलग हुई और दरवाज़ा खोल कर बाहर चली गई ।
 
घर के बाहर की किसी लड़की, ज़िंदगी की पहली लड़की को प्यार किया , सहलाया , चुम्मा लिया । मैं बहुत खुश था । मेरे होनेवाले ससुराल के लोग भी बहुत खुश थे ।
 
 वास्तव में यह शादी दो महिना पहले ही तय हो गई थी । लेकिन अपनी सहेलियों के कहने पर मंजु ने ज़िद्द कर दी कि शादी के पहले वो अपने होने बाले दुल्हा से मिलेगी तभी शादी के लिए हॉं कहेगी । कई लोगों ने , बाप ने , मामा , भाइयों ने भी कहा कि उन्होंने लड़के  को देखा है, उससे बात की है । एक बड़े भाई ने कहा था ,
 
“ मंजु, विनोद हमारे जैसा देहाती , गंवार नही है बहुत ही सुंदर हैं. जवान है और बहुत मज़बूत भी दिखता है, तुम्हें बहुत खुश रखेगा । “
 
लेकिन मंजु ज़िद्द पर अड़ी रही । आख़िर मंजु ने अपने होने बाले दुल्हा को देख लिया । देखा ही नहीं उसे पहली ही झलक में पसंद भी कर लिया । पहली ही मुलाक़ात में विनोद ने जो हरकतें की वह उसे और भी पंसद आई   ।
 
बिनोद की हरकतें उसे इतनी पसंद आई कि रात जब उसके रुम में कई और लड़कियाँ सो रही थी तब भी वह जवानी में पहली बार पुरी नंगी हुई । झॉंटों भरी चूत को मसला ही नहीं अपनी अंगुलियों को भी चूत में घुसाते हुए बार बार फुसफुसाती रही ,
 
“ विनोद जल्दी अपना लंबा मोटा लंड मेरी चूत में पेलो, चोद चोद कर मेरी चूत को फाड़ डालो । “
 
मंजु ने चूत और चूची रगड़ना तभी बं किया जब वह पूरी तरह से ठंडी हो गई , झड़ गई । कपड़े पहन कर सुबह लेट तक सोई । विनोद भी अपनी ज़िंदगी की पहली लड़की को प्यार कर बहुत खुश थी लेकिन उसने मंजु जैसा हत्त्थु नहीं मारा ।
 
दोनों परिवार को शादी की जल्दी थी । लेकिन विनोद ने जब मंजु को प्यार किया उसके ५० वें दिन दोनो की शादी बहुत धूमधाम से हुई । ७ वें दिन दुल्हन ससुराल आई ।
 
दुल्हन के रीति- रिवाज के अनुसार सुहाग रात विवाह के चौथे रात ही होती है लेकिन विवाह के तीसरे ही सुबह मंजु का मासिक पीरियड शुरू हो गया । उसके चौथे ही दिन बाल धोकर नहाया और शाम को ससुराल पहुँच गयी । अगले ही दिन विनोद को एक बड़ी कम्पनी से साक्षात्कार की चिट्ठी आई । सभी ने कहा कि घर में बहु के कदम पड़ते ही एक बढिया खबर आई।
 
दूसरी रात भी नहीं ससुराल में तीसरी रात विनोद ने अपनी पत्नी के साथ सुहाग रात मनाई। विनोद ने बहुत खुशामद की लेकिन मंजु ने साईट नहीं जलाने दिया । लेकिन ज़िंदगी की पहली चुदाई से दोनों बहुत खुश थे । चूत में पहला लौडा घुसा तो मंजु छटपटाने लगी । विनोद की भी पहली चुदाई थी , शुरु में उसे भी बहुत तकलीफ़ हुई । लेकिन विनोद ने बढिया चोदा । मंजु के ठंडा होने के बाद ही बाद ही झंडा ।
 
पहली चुदाई से दोनों बहुत खुश थे । एक दूसरे के उपर टॉग चढ़ाकर दोनों ने प्यार भरी बातें की । पुरा समय मंजु लौडा सहलाती रही । लंड कड़ा हुआ और फिर जमकर चुदाई। चुम्मा के अलावा कोई दूसरा ओरल नहीं । विनोद ने चुचीयों को एक बार भी नहीं चूसा । सुबह में घर की औरतें और जवान लड़कियों ने बिस्तर की हालत देखी । चादर पर कई गहरे धब्बे थे । विनोद की दोनों बड़ी बहनें बहुत खुश थी कि उनके खुबसूरत भाई को कुवॉंरी लडकी चोदने के लिए मिली ।
 
अगली दो रात भी २-२ बार खुब जमकर चुदाई । मंजु ने नंगा होने में कोई आना-क़ानी नहीं की लेकिन अपने घरवाले को अपना खुबसूरत. मख्खन से भी चिकना बदन एक बार भी देखने नहीं दिया ।
 
अगली शाम विनोद के इटंरंभ्यु के लिए जाना था । मंजु को पति से ३ रात अलग रहना बढिया नहीं लग रहा था लेकिन उसने कुछ कहा नहीं । लेकिन उस परिवार में पति के अलावा कोई और था जो चाहता था कि उसकी बहु हमेशा ख़ुश रहे । दिन के खाना के समय विजेन्द्र बाबू . विनोद के पिता जी ने विनोद से कहा कि वह बहु को भी साथ ले जाए । उनकी बात काटने की हिम्मत किसी में नहीं थी ।
 
प्रोग्राम यह तय हुआ कि अगले दिन बहु को देवगढ़ में बाबा विश्वनाथ का दर्शन करवाने के बाद इंटरव्यू के लिए रॉंची जायेगा । तीन दिन से मंजु ससुराल में थी लेकिन उस समय पहली बार ससुर को गौर से देखा और देखते ही उसके दिल ने कहा .
 
“ मंजु , विनोद बढिया है लेकिन अगर तु विनोद के बदले उसके बाप से शादी करती तो तु और भी ज़्यादा खुश रहती । “
 
मंजु माथा पर आँचल डाले हुए ससुर को ही देखती रही । विनोद के पिताजी मंजु के बाबूजी से ७-८ साल बड़े जरुर होंगे लेकिन पुरे जवान दिखते थे । लेकिन मंजु को अपने ही दिल की बात समझ नहीं आई । तब तक मंजु सिर्फ़ यही जानती थी कि शारीरिक संबंध सिर्फ़ पति के साथ ही होता है। पति पत्नी के अलावा परिवार में होने बाले अश्लील संबंधों के बारे में मंजु को कोई जानकारी नहीं थी ।
 
दोनों सुबह देवगढ़ पहुँचे । बढिया धर्मशाला में एक कमरा लिया । बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया । आस पास के जगहों को भी देखा । तीन घंटा धर्मशाला में आराम किया । विनोद चुदाई करना चाहता था लेकिन मंजु ने कहा कि धर्मशाला में चुदाई क्या चुम्मा भी नहीं लेने देगी ।नहीं ही लेने दिया । रात की ट्रेन से सुबह राँची पहुँचे ।
 
शहर के एक होटल में कमरा लिया । नहा धोकर दोनों ने कमरे में ही नाश्ता किया । मंजु को सब समझा-बुझा कर विनोद ९ बजे के बाद अपने साक्षात्कार के लिए निकल गया । विनोद ने कहा कि ३ बजे के पहले आ जायेगा और उसके बाद सिनेमा देखने जायेगा । मंजु ने सोचा की कहानी किताबें पढ़कर , सोकर ५-६ घंटा समय गुज़ार लेगी ।
 
तीन रात लगातार चुदाई के बाद पिछली २ रात कोई चुदाई नहीं हुई थी । मंजु बेड पर लेटकर “मनोहर कहानियों “ पढ़ रही थी । शादी के पहले ही उसके एक भाई जो उस से २ साल भी बड़ा नहीं था उसी ने अपनी बहन को इस मैगज़ीन को पढ़ने की आदत लगाई थी । इस मासिक मैगज़ीन में सिर्फ़ सेक्स की ही मज़ेदार कहानियाँ रहती थी । गंदे शब्दों का प्रयोग नहीं होता था लेकिन कहानियाँ मज़ेदार होती थी ।
 
विनोद को गये आधा घंटा भी नहीं हुआ घी कि दरवाज़े पर आहट हुई । बिना किसी डर भय के दरवाज़ा खोला । देखा कि सामने एक बहुत ही साधारण कपड़े पहने हुए एक अधेड़ उम्र का आदमी खड़ा है। देखने में भी साधारण ही था ।
 
मंजु——- क्या हुआ काका , क्या चाहिए?
 
सामने खड़ा आदमी ५० साल का था । होटल का नाई था । साथ में जिन्हें चाहिए उनकी मालिश भी करता था । रोज़ हर कमरे में जाकर बाल काटने, मालिश करने का काम ढूँढता था । रोज़ कुछ ना कुछ काम मिल ही जाता था । कई बार कमरे में रहने बाले अपना बाल कटबाते थे , दाढ़ी बनबाते थे । साथ ही अपने नंगे बदन की पूरी मालिश करवाने के बाद साथ आई औरत की झॉंट साफ़ क़रने  के साथ साथ औरत के नंगे बदन की पूरी मालिश भी करवाते थे ।
 
उस दिन होटल में आये आधा घंटा ही हुआ था । १०-१२ कमरों का चक्कर काट कर आया था लेकिन तब तक उसे कोई काम नहीं मिला था ।
 
इस काका का नाम प्यारेलाल था । हँसता खेलता भरा पूरा परिवार था । अपनी सैलुन था  लेकिन ५ साल पहले हुए दंगों में सब कुछ चौपट हो गया । सिर्फ वह और उसकी एक ज़बान बहु बचे । वह अपनी बहु से बार बार दूसरी शादी करने के लिए बोलता रहा लेकिन वह विधवा बहु ससुर को छोड़कर कहीं नहीं गई । अब ५ सालों से बहु और ससुर एक पति पत्नी जैसा ही रह रहे थे । बहु चाहती थी कि ससुर उससे विवाह कर बच्चे पैदा करें लेकिन यह संभव नहीं था । सरकार से मुआवज़ा मिला लेकिन नया दुकान चालू करने के लिए बहुत चाहिए था ।
 
बहु के ही सलाह पर प्यारे ने होटल में काम ढूँढने लगा। कई होटलों में चक्कर काटने के बाद “ संगम “ होटल में काम मिल गया । सुबह ८ से लेकर दिन के २ बजे तक इस होटल में काम करता था और घर जाकर शाम ५ बजे तक बहु की सेवा करता था । शाम को एक मशहूर सैलुन में ३ घंटा काम करता था । शुरु औसतन रोज़ की ३००/- से ज़्यादा कमाई हो जाती थी जो ससुर बहु के लिए काफ़ी था
 
लेकिन इस संगम होटल में काम शुरु करने के १५ दिन बाद ही एक कमरे में ४५ साल के आदमी ने अपनी ४० साल की पत्नी के सामने कहा कि प्यारे दोनों के नंगे बदन की तेल से मालिश करें । जब से , क़रीब ६ महिना पहले से, ससुर बहु साथ रहने लगे थे तो बहु ने साफ़ कह दिया था कि ससुर बहु को नहीं चोदना चाहता है तो ना चोदे लेकिन उसे हर रोज़ कम से कम एक बार बहु के पूरे बदन की तेल मालिश करनी पड़ेगी । बेचारा प्यारे क्या करता ! बहु की मालिश शुरु की ।
 
मालिश दस मिनट भी नहीं हुई थी , ससुर का लम्बा मोटा लंड बहु के चूत की गहराई नापने के लिए अंदर घुसता गया । ससुर की चुदाई से जवान बहु इतनी खुश हुई की अगली सुबह ही ससुर से अपना झॉंट भी साफ़ करवाया। फिर क्या, रोज़ २-३ बार की चुदाई और हर दिन दोनों एक दूसरे के नंगे बदन की मालिश करने लगे । बहु को ससुर का लंड अपने पति के लंड से ज़्यादा पसंद आया ।
 
सेठ से अपनी और पत्नी के बदन की तेल मालिश की बात सुन प्यारे ने कहा कि वो ये सब काम नहीं करता है। प्यारे घर आ गया । रोज़ की तरह उसने सारी बात बहु को बताई और सुनते ही उसने ससुर को खुब गाली दी और बुरा भला कहा । बहु ने कहा था कि होटल के आदमी ने अपनी और उसकी घर बाली के नंगे बदन की मालिश के लिए कहा और उसने मना कर दिया ।
 
बहु ने धमकी दी कि बदन की मालिश ही नहीं अगर कोई उसे लंड की भी मालिश करने बोले, या लंड चूसने और बीबी या किसी और का झॉंट भी साफ़ करने बोले तो प्यारे मना नहीं करेगा , सब काम करेगा । और उसके बाद से प्यारे ने कभी किसी को किसी काम के लिए मना नहीं किया ।
 
बहु के बोलने पर प्यारे दुबारा होटल गया । सेठ से माफ़ी माँगी । सेठ ने पहले अपनी मालिश करवाई। बीबी के सामने नंगा हुआ। सेठ ने कह नहीं लेकिन औरत के सामने प्यारे ने लंड की मालिश की और लंड झड़ गया । लंड की मालिश देख औरत बहुत गर्म हो गई और पूरी नंगी हो कर बेड पर लेट गईँ । प्यारे ने पहले उसके पिछबारे की खुब मालिश की , जैसा बहु के साथ करता था चुत्तरों को खुब मसला, अंगुलियों को तेल में डूबा डूबा कर ५-७ मिनट गॉंड के अंदर बाहर किया लेकिन दोनों में से किसी ने मना नहीं किया ।
 
औरत को सीधा किया तो देखा कि बूर पर झॉंटो का जंगल है । बिना औरत या मर्द से पुछे प्यारे ने दाढ़ी बनाने बाले रेजर से झॉंट को साफ़ कर बूर को चिकना किया चूचियो को मसलते हुए बूर में बहुत तेज़ी से अंगुलियों को अंदर बाहर करता रहा । औरत झड़ गई, पुरी तरह से पस्त हो गई । बहु ने जो रेट कहा था वही प्यारे ने मॉगा । मालिश का २००/- . लंड मालिश का अलग से ५० । प्यारे ने कहा कि सिर्फ़ कोई झॉंट साफ़ करायेगी तो १००/- और अगर पुरे  वंदन की मालिश करवायेगी तो मुफ़्त में झॉंट साफ़ कर देगा । रेट से सिर्फ़ ४५०/- ही बनता था लेकिन औरत ने ६००/- देते हुए कहा कि उसे अगले दिन भी मालिश करवानी है।
 
घर जाकर बहु के हाथ में ६००/- रख सारी बात बताई । बहु इतनी खुश हुई कि जोश में चुदवाया, पहली बार गॉंड में लंड लिया , पहली बार ही किसी लंड को चुसा और प्यारे ने भी जोश में आकर पहली बार किसी बूर पर , बहु के बूर पर मुँह लगाया । बूर का स्वाद इतना बढ़िया लगा कि चाटता ही रहा । रात में भी दोनों ने सिर्फ़ लँड और बूर को ही चूसा , चाटा । अगले दिन प्यारे ने सिर्फ़ उसी रुम में पूरा समय गुज़ारा । घरवाला के सामने औरत ने दो बार चुदवाया , लंड चूसा और प्यारे ने बूर चूस चाट कर औरत को पागल कर दिया । प्यारे के जाते ही दोनों ने होटल छोड़ दिया ।
 
४ साल से ज़्यादा समय गुजर गया । हर महिना प्यारे को कम से कम ४ ऐसे मर्द ऐसे मिल जाते थे जो अपने सामने अपनी औरत की नंगी मालिश करवाते थे , झॉंट भी साफ़ करवाते थे लेकिन उस पहली औरत के बाद किसी ने चुदाई के लिए नहीं कहा । क़रीब क़रीब सभी औरतें मालिश के समय , ख़ासकर जब प्यारे बूर में अंगुली करता था तो चुदाई के लिए तड़पती थी , कसमसाती भी थी लेकिन प्यारे से चोदने के लिए नहीं बोल पाई । ना ही प्यारे में हिम्मत थी कि खुद ही औरत के बूर में लंड पेल दे । बहु ने भी नहीं समझाया कि औरत की कौन सी हरकत से मालूम होता है कि औरत चुदाई के लिए बेक़रार है । ४ साल से ज़्यादा समय से प्यारे को सिर्फ़ अपनी बहु की ही चूत मिल रही थी ।
 
और उस समय प्यारे ने पहली बार होटल के किसी कमरे में किसी भी लड़की या औरत को अकेले देखा ।
 
‘LIVE LIFE CHAMPA STYLE
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Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.


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SAAHAB, AAPKI PATNI KEE CHOOT SABSE PYARI HAI - by bhukhalund - 08-09-2022, 11:37 PM



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