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Adultery बर्बादी को निमंत्रण
#1
प्रस्तुत कहानी के सभी पात्र एवं घटनाक्रम काल्पनिक है। यदि किसी पात्र और घटना का किसी भी प्रकार से किसी  वास्तविकता से संबंध पाया जाता है तो इसे मात्र एक संयोग कहा जायेगा। इस कहानी के माध्यम से मेरा एक लेखक के तौर पर किसी जाति , धर्म या सम्प्रदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई उद्देश्य नहीं है अपितु इस कहानी के माध्यम से मैं एक लेखक के तौर पर आप सभी पाठकों का अपनी कहानी के माध्यम से मनोरंजन करने की मंशा रखता हूँ। प्रस्तुत कहानी में पेश किए गए चित्र गूगल से लिये गए है जिनका सम्पूर्ण श्रेय गूगल को जाता है। आशा करता हूँ आपको कहानी पसन्द आएगी।


अपडेट - 1


बड़ी सुख शांति से कट रहे जीवन में एक ऐसा तूफान आया कि घर परिवार और सारी सुख शांति गर्मी से भाप बन कर उड़ गई। कुछ समझ ही नही आ रहा था कि इस तूफान को रोक जा सकता था या ये तूफान खुद हमारा ही चुनाव था।

सरिता: 

[Image: 5c24a2c172520.jpg] 

25 साल की नव विवाहिता खूबसूरत योवन से परिपूर्ण । मॉडर्न होने के साथ साथ संस्कारी बहु।


राज: 

[Image: 5c24a4185882a.jpg] 

25 साल का एक लड़का मॉडर्न लेकिन संस्कारी। पढ़ने में होशियार था इस लिए लंदन से एम बी ए करके अपने पिता का बिज़नेस संभाल रहा था।

राज और सरिता दोनों बनारस के है लेकिन बिज़नेस के सिलसिले में दोनों पिछले 2 साल से दिल्ली रह रहे है। 

सरिता के परिवार में चार सदस्य है। सरिता की माँ  सरला सरिता के पिता जगमोहन सरिता की छोटी बहन रीता।


वहीं राज के परिवार में सदस्य संख्या थोड़ी ज्यादा है। राज के परिवार में राज की माँ चाँदनी , 

राज के बड़े भैया सुरेश 

[Image: 5c24a4e6dbbf9.jpg] 

और उनकी पत्नी श्रीमति चंचल 

[Image: 5c24a555e8ce8.jpg] 

और  राज की छोटी बहन पूजा 

[Image: 5c24a5ae6d6ff.jpg] 


और आरती।

[Image: 5c24a5fb2cbd2.jpg]


सब कुछ सही चल रहा था। हंसी मजाक चारों तरफ खुशियां ही खुशियां । बस राज के पिता नहीं होने से घर मे थोड़ी सी मायुशी थी  लेकिन वो सब भी राज की पत्नी सरिता  के आने के बाद कहीं गुम हो गयी थी। 

राज के बड़े भाई सुरेश का विवाह राज से कुछ तीन साल पहले हुआ था। इसलिए राज की माँ थोड़ा सा परेशान रहने लगी । क्योंकि अब सुरेश के विवाह को करीब पांच साल होने को आये है और चाँदनी अभी तक अपने बड़े बेटे से पोते पोती की खुशियों की गुहार लगा रही है। चाँदनी ने कई बार चंचल से भी कहा कि अब तो मुझे पोते पोती के दर्शन कर लेने दो बड़ी बहू।

 दरअसल जब चंचल विवाह करके घर आई थी तो उसने सुरेश से कहा था कि वो शादी के पांच सालों तक कोई बच्चा नही चाहती। अपनी सास की अब पांच साल के बाद कि गयी मांग चंचल के लिए भी नाजायज नहीं थी। लेकिन चंचल करे भी तो क्या करे । पिछले पांच सालों से चंचल गर्भ निरोधक गोलियाँ खा रही थी। लेकिन पिछले तीन चार महीनों से उसने वो भी बंद कर दी थी। सुरेश के सारे प्रयाश असफल हो रहे थे। चंचल को बच्चा नही हो पा रहा था। उसका एक सबसे बड़ा कारण ये था कि सुरेश एक तो काम मे बहुत व्यस्त रहता था दूसरा गर्भनिरोधक के चलते चंचल के गर्भ मैं भी शिथिलता आ गयी थी जो कि दवाओं से चंचल ने दूर कर लिया लेकिन अब सुरेश उस मात्रा में वीर्य नहीं दे पा रहा था जिस से बच्चा ठहर सके। 

धीरे धीरे परिवार में मायूसी छाने लगी थी। संस्कारी घर होने के कारण चाँदनी चंचल और सुरेश को दूसरे विवाह के लिए मजबूर भी नही कर सकती थी। इसलिए उसने सब कुछ ऊपरवाले के भरोसे छोड़ दिया। 

वहीं राज अपनी पत्नी सरिता के साथ दिल्ली रह रहा था। इन दोनों भाइयों ने अपने पिता के बिज़नेस के दो भाग बना लिए थे । एक बनारस में संभाल रहा था तो  दूसरा दिल्ली में उसकी नींव डाल रहा था ।

जब राज ने सरिता से बच्चे के बारे में पूछा तो सरिता ने शर्मा कर कहा कि दीदी (जेठानी चंचल) ने भी तो पांच साल का परहेज किया है तो मुझे भी पांच साल दो न। राज सरिता की बात पर मुस्कुरा उठा लेकिन कुछ कहा नहीं।
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
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Hawas ka ghulam
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बर्बादी को निमंत्रण - by Rocksanna999 - 27-12-2018, 12:45 PM



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