17-01-2019, 08:18 PM
सोनू मेरी चूत से निकलते हुए पानी को चाटने लगा, मगर मेरी चूत से इतना पानी निकल रहा था की सोनू का पूरा चेहरा भीग गया। थोड़ी देर बाद मैंने अपनी आँखें खोली तो सोनू वैसे ही बैठा मेरी चूत को चाट रहा था और उसका मुँह मेरी चूत के पानी से गीला था।
मैंने उठते हुए सोनू को धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और खुद उसके पेट पर बैठते हुए अपनी जीभ निकालकर उसके मुँह से अपनी चूत का लगा हुआ पानी साफ करने लगी। सोनू ने अपने हाथों से मेरी चूचियों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाते हुए अपना मुँह खोलकर मेरी जीभ को पकड़ लिया और उसे चाटने लगा।
मैं फिर से गरम होने लगी। मैंने सोनू के मुँह से जीभ निकालकर नीचे होते हुए उसकी बालों वाली छाती पर फिराने लगी। सोनू का लण्ड झटके खाता हुआ मेरी गाण्ड पर टक्कर मारने लगा। मैं सोनू के लण्ड का स्पर्श पाते ही सिहर उठी और नीचे होते हुए अपनी चूत को सोनू के लण्ड पर रगड़ने लगी। सोनू का लण्ड अपनी चूत पे रगड़ते ही मेरे मुँह से निकल पड़ा- “अयाया...”
सोनू ने मेरी कमर में हाथ डालकर नीचे झुका लिया और नीचे से अपने लण्ड को मेरी चूत पर रगड़ते हुए मेरे गुलाबी होंठों का रस चूसने लगा। मैं सोनू के ऊपर ऐसे झुकी हुई थी की उसका लण्ड मेरी गाण्ड से लेकर मेरी चूत के दाने तक रगड़ खा रहा था। मैं अपनी चूचियों को सोनू के सीने पर रगड़ते हुए, अपने चूतड़ उसके लण्ड पर आगे-पीछे करने लगी। मैं जैसे ही अपने चूतड़ों को थोड़ा आगे सरकाती सोनू का लण्ड सीधा मेरी चूत के छेद को चूम लेता और मैं उसे अपनी चूत के छेद पर रगड़ते हुए फिर से नीचे हो जाती।
मेरा सारा शरीर हवस की आग में झुलस रहा था। मैं अपने होंठों को सोनू के मुँह से अलग करते हुए नीचे होने लगी। नीचे होते हुए सोनू का लण्ड मेरे पेट से रगड़ता हुआ मेरी चूचियों से टकरा गया। मैंने अपनी चूचियों को थोड़ी देर तक सोनू के लण्ड पर रगड़ा।
सोनू अपने लण्ड पर मेरी चूचियों को रगड़ता महसूस करके सिसक उठा- “आहहह...”
मैंने अपनी चूचियों को सोनू के लण्ड से अलग करते हुए उसके काले लण्ड को अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया। मेरा हाथ सोनू के लण्ड पर पड़ते ही मेरा पूरा शरीर सिहर उठा और मेरा हाथ अपने आप उसके लण्ड पर ऊपर-नीचे होने लगा। मेरा हाथ सोनू के लण्ड पर पड़ते ही मेरी साँसें बहुत जोर से चलने लगी। मेरी चूचियां मेरी साँसों के साथ ऊपर-नीचे हो रही थी। मैंने अपनी धड़कती साँसों के साथ अपनी जीभ निकाली और अपनी जीभ को सोनू के गरम और काले लण्ड के टोपे पर रख दिया।
मेरी जीभ अपने लण्ड पर महसूस होते ही सोनू के मुँह से निकल पड़ा- “आअह्ह्ह...” सोनू के लण्ड से मुझे अजीब किस्म की गंध आ रही थी। मेरी जीभ उसके लण्ड पर पड़ते ही मुझे पूरे शरीर में अजीब किस्म की सिहरन महसूस होने लगी।
मैंने उठते हुए सोनू को धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और खुद उसके पेट पर बैठते हुए अपनी जीभ निकालकर उसके मुँह से अपनी चूत का लगा हुआ पानी साफ करने लगी। सोनू ने अपने हाथों से मेरी चूचियों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाते हुए अपना मुँह खोलकर मेरी जीभ को पकड़ लिया और उसे चाटने लगा।
मैं फिर से गरम होने लगी। मैंने सोनू के मुँह से जीभ निकालकर नीचे होते हुए उसकी बालों वाली छाती पर फिराने लगी। सोनू का लण्ड झटके खाता हुआ मेरी गाण्ड पर टक्कर मारने लगा। मैं सोनू के लण्ड का स्पर्श पाते ही सिहर उठी और नीचे होते हुए अपनी चूत को सोनू के लण्ड पर रगड़ने लगी। सोनू का लण्ड अपनी चूत पे रगड़ते ही मेरे मुँह से निकल पड़ा- “अयाया...”
सोनू ने मेरी कमर में हाथ डालकर नीचे झुका लिया और नीचे से अपने लण्ड को मेरी चूत पर रगड़ते हुए मेरे गुलाबी होंठों का रस चूसने लगा। मैं सोनू के ऊपर ऐसे झुकी हुई थी की उसका लण्ड मेरी गाण्ड से लेकर मेरी चूत के दाने तक रगड़ खा रहा था। मैं अपनी चूचियों को सोनू के सीने पर रगड़ते हुए, अपने चूतड़ उसके लण्ड पर आगे-पीछे करने लगी। मैं जैसे ही अपने चूतड़ों को थोड़ा आगे सरकाती सोनू का लण्ड सीधा मेरी चूत के छेद को चूम लेता और मैं उसे अपनी चूत के छेद पर रगड़ते हुए फिर से नीचे हो जाती।
मेरा सारा शरीर हवस की आग में झुलस रहा था। मैं अपने होंठों को सोनू के मुँह से अलग करते हुए नीचे होने लगी। नीचे होते हुए सोनू का लण्ड मेरे पेट से रगड़ता हुआ मेरी चूचियों से टकरा गया। मैंने अपनी चूचियों को थोड़ी देर तक सोनू के लण्ड पर रगड़ा।
सोनू अपने लण्ड पर मेरी चूचियों को रगड़ता महसूस करके सिसक उठा- “आहहह...”
मैंने अपनी चूचियों को सोनू के लण्ड से अलग करते हुए उसके काले लण्ड को अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया। मेरा हाथ सोनू के लण्ड पर पड़ते ही मेरा पूरा शरीर सिहर उठा और मेरा हाथ अपने आप उसके लण्ड पर ऊपर-नीचे होने लगा। मेरा हाथ सोनू के लण्ड पर पड़ते ही मेरी साँसें बहुत जोर से चलने लगी। मेरी चूचियां मेरी साँसों के साथ ऊपर-नीचे हो रही थी। मैंने अपनी धड़कती साँसों के साथ अपनी जीभ निकाली और अपनी जीभ को सोनू के गरम और काले लण्ड के टोपे पर रख दिया।
मेरी जीभ अपने लण्ड पर महसूस होते ही सोनू के मुँह से निकल पड़ा- “आअह्ह्ह...” सोनू के लण्ड से मुझे अजीब किस्म की गंध आ रही थी। मेरी जीभ उसके लण्ड पर पड़ते ही मुझे पूरे शरीर में अजीब किस्म की सिहरन महसूस होने लगी।