17-01-2019, 08:14 PM
कमल सोनाली आँटी की चूत को चाटने में मस्त था। वो उसका हाथ अपनी गाण्ड पर महसूस करके सिहर उठा
और अपनी जीभ से आँटी के गुलाबी छेद को चाटते हुए अपनी जीभ उसकी गाण्ड तक ले जाने लगा। आँटी कमल की जीभ को अपनी गाण्ड पर महसूस करते ही सिहर उठी। वो अपने हाथ को कमल की गाण्ड पर फिराते हुए अपनी उंगली से उसकी गाण्ड को कुरेदने लगी। कमल अपनी गाण्ड पर आँटी का हाथ महसूस करते ही कॉप उठा और अपनी जीभ को कड़ा करते हुए आँटी की चूत में घुसा दिया।
उईई... अहह...” सोनाली आँटी अपनी चूत में कमल की जीभ को महसूस करते ही सिसक पड़ी। वो कमल के लण्ड को अपने मुँह में जोर से चूसने लगी और कमल अपनी जीभ को आँटी की गरम चूत में अंदर-बाहर करते हुए अपनी उंगली से आँटी की गाण्ड को कुरेदने लगा।
सोनाली आँटी इस दोहरे हमले को बर्दाश्त ना कर सकी। आँटी कमल के लण्ड को अपने मुँह से निकालते हुए उसके मुँह पर सीधा बैठ गई। कमल की पूरी जीभ आँटी के चूत में थी। सोनाली का जिश्म अकड़ते हुए झटके खाने लगा, और वो मजे से अपनी आँखें बंद करके आह्ह्ह..” ओहह... करते हुए कमल की जीभ पर झड़ने लगी। आँटी की चूत से निकलते हुए पानी से कमल का पूरा मुँह गीला हो गया।
कमल ने अपनी जीभ से सोनाली के पानी को जितना हो सकता था चाट लिया और आँटी को अपने ऊपर से हटाते हुए बेड पर लेटा दिया। आँटी ने कुछ देर बाद अपनी आँखें खोली, उसकी साँसें अभी तक तेज चल रही थी। आँटी ने कमल की तरफ देखा उसके मुँह पर अब भी आँटी का रस लगा हुआ था और वो सीधा बेड पर लेटा हुआ था। आँटी उठते हुए अपनी दोनों टाँगें फैलाकर कमल के पेट पर बैठ गई और नीचे झुकते हुए अपनी जीभ निकालकर उसके मुँह पर लगा हुआ अपनी चूत का पानी चाटने लगी।
सोनाली आँटी ने कमल का पूरा चेहरा साफ करने के बाद अपनी जीभ को उसके होंठों पर रख दिया, कमल ने अपना मुँह खोलकर आँटी की जीभ को पकड़ लिया और उसे चूसने लगा। कमल का लण्ड पूरा तना हुआ आँटी की गाण्ड को पीछे से छू रहा था। कमल ने अपने हाथों से आँटी की बड़ी-बड़ी चूचियों को पकड़ लिया और आँटी को अपने ऊपर से नीचे गिराते हुए खुद उसके ऊपर चढ़ गया। कमल ने आँटी के ऊपर चढ़ते हुए उसकी चूचियों को दबोच लिया और उन्हें बहुत जोर से अपने हाथों में भरकर दबाने लगा।
कमल सोनाली आँटी की चूचियों को इतने जोर से मसल रहा था की ‘ओईईई... माँ... आँटी के मुँह से चीख निकल गई।
कमल ने आँटी की चीख की परवाह ना करते हुए उसकी एक चूची को अपने मुँह में भर लिया और उसे बहुत जोर दबाते हुए चूसने लगा। कमल कुछ देर तक आँटी की चूचियों का रस पीता रहा। उसका लण्ड आँटी के पेट पर बहुत जोर से रगड़ खा रहा था। कमल ने अपने लण्ड को आँटी की दोनों चूचियों के बीच रखा और उसकी दोनों चूचियों को अपने हाथों से पकड़ते हुए अपने लण्ड को उसके बीच आगे-पीछे करने लगा। कमल का लण्ड आँटी की बड़ी-बड़ी चूचियों से होता हुआ उसके होंठों को छू रहा था और आँटी अपनी जीभ निकालकर उसके लण्ड पर फिरा रही थी।
और अपनी जीभ से आँटी के गुलाबी छेद को चाटते हुए अपनी जीभ उसकी गाण्ड तक ले जाने लगा। आँटी कमल की जीभ को अपनी गाण्ड पर महसूस करते ही सिहर उठी। वो अपने हाथ को कमल की गाण्ड पर फिराते हुए अपनी उंगली से उसकी गाण्ड को कुरेदने लगी। कमल अपनी गाण्ड पर आँटी का हाथ महसूस करते ही कॉप उठा और अपनी जीभ को कड़ा करते हुए आँटी की चूत में घुसा दिया।
उईई... अहह...” सोनाली आँटी अपनी चूत में कमल की जीभ को महसूस करते ही सिसक पड़ी। वो कमल के लण्ड को अपने मुँह में जोर से चूसने लगी और कमल अपनी जीभ को आँटी की गरम चूत में अंदर-बाहर करते हुए अपनी उंगली से आँटी की गाण्ड को कुरेदने लगा।
सोनाली आँटी इस दोहरे हमले को बर्दाश्त ना कर सकी। आँटी कमल के लण्ड को अपने मुँह से निकालते हुए उसके मुँह पर सीधा बैठ गई। कमल की पूरी जीभ आँटी के चूत में थी। सोनाली का जिश्म अकड़ते हुए झटके खाने लगा, और वो मजे से अपनी आँखें बंद करके आह्ह्ह..” ओहह... करते हुए कमल की जीभ पर झड़ने लगी। आँटी की चूत से निकलते हुए पानी से कमल का पूरा मुँह गीला हो गया।
कमल ने अपनी जीभ से सोनाली के पानी को जितना हो सकता था चाट लिया और आँटी को अपने ऊपर से हटाते हुए बेड पर लेटा दिया। आँटी ने कुछ देर बाद अपनी आँखें खोली, उसकी साँसें अभी तक तेज चल रही थी। आँटी ने कमल की तरफ देखा उसके मुँह पर अब भी आँटी का रस लगा हुआ था और वो सीधा बेड पर लेटा हुआ था। आँटी उठते हुए अपनी दोनों टाँगें फैलाकर कमल के पेट पर बैठ गई और नीचे झुकते हुए अपनी जीभ निकालकर उसके मुँह पर लगा हुआ अपनी चूत का पानी चाटने लगी।
सोनाली आँटी ने कमल का पूरा चेहरा साफ करने के बाद अपनी जीभ को उसके होंठों पर रख दिया, कमल ने अपना मुँह खोलकर आँटी की जीभ को पकड़ लिया और उसे चूसने लगा। कमल का लण्ड पूरा तना हुआ आँटी की गाण्ड को पीछे से छू रहा था। कमल ने अपने हाथों से आँटी की बड़ी-बड़ी चूचियों को पकड़ लिया और आँटी को अपने ऊपर से नीचे गिराते हुए खुद उसके ऊपर चढ़ गया। कमल ने आँटी के ऊपर चढ़ते हुए उसकी चूचियों को दबोच लिया और उन्हें बहुत जोर से अपने हाथों में भरकर दबाने लगा।
कमल सोनाली आँटी की चूचियों को इतने जोर से मसल रहा था की ‘ओईईई... माँ... आँटी के मुँह से चीख निकल गई।
कमल ने आँटी की चीख की परवाह ना करते हुए उसकी एक चूची को अपने मुँह में भर लिया और उसे बहुत जोर दबाते हुए चूसने लगा। कमल कुछ देर तक आँटी की चूचियों का रस पीता रहा। उसका लण्ड आँटी के पेट पर बहुत जोर से रगड़ खा रहा था। कमल ने अपने लण्ड को आँटी की दोनों चूचियों के बीच रखा और उसकी दोनों चूचियों को अपने हाथों से पकड़ते हुए अपने लण्ड को उसके बीच आगे-पीछे करने लगा। कमल का लण्ड आँटी की बड़ी-बड़ी चूचियों से होता हुआ उसके होंठों को छू रहा था और आँटी अपनी जीभ निकालकर उसके लण्ड पर फिरा रही थी।