17-01-2019, 08:13 PM
मैंने झड़ते हुए अपनी गाण्ड को सिकोड़ लिया। मेरी गाण्ड सिकोड़ने से मोहित के मुँह से “आह्ह्ह...' निकल गया। और उसका लण्ड मेरी गाण्ड में ठुमके लगाते हुए अपना वीर्य भरने लगा। मोहित कुछ देर तक मेरी गाण्ड में झड़ने के बाद निढाल होकर बेड पर लेट गया, और मैं भी बेड पर ढेर हो गई। मैं कुछ देर बेड पर लेटने के बाद वहाँ से उठकर अपने कमरे में आ गई और बेड पर लेटते ही थकान की वजह से मुझे नींद आ गई।
सुबह सोनाली आँटी की आवाज सुनकर मैं उठी, वो कह रही थी- “धन्नो उठो कालेज नहीं जाना क्या?”
मैं जल्दी से उठकर फ्रेश होने बाथरूम में चली गई, बाथरूम में आकर मैंने अपने पूरे कपड़े उतारे और शावर ओन करके अपने जिश्म को रगड़-रगड़कर साफ करने लगी। मैं अपने जिश्म को साफ करने के बाद ड्रेसिंग टेबल के सामने आकर अपने जिश्म को निहारने लगी। मेरी चूचियों पर लाल निशान पड़ चुके थे, मेरी चूत और गाण्ड भी सूज चुकी थी। मैं जल्दी से कपड़े पहनकर बाहर आ गई और नाश्ता करने के बाद बिंदिया के साथ कालेज के लिए निकल पड़ी।
रास्ते में मैंने बिंदिया से रोहन के बारे में पूछा।
बिंदिया का चेहरा रोहन का नाम सुनकर शर्म के मारे लाल हो गया। बिंदिया ने शर्म के मारे सिर्फ इतना कहारोहन रात को आया था...”
मैंने उस छेड़ते हुए कहा- “बिंदिया, फिर तो रोहन ने तुम्हें सारी रात सोने नहीं दिया होगा...”
बिंदिया ने शर्माकर अपना कंधा नीचे झुका लिया और मुझसे कहा- “तुम बहुत बदमाश हो, चुप हो जाओ मुझे बहुत शर्म आ रही है...”
हम कालेज में पहुँचकर अपने-अपने अपने क्लासेस में चली गई। मेरे क्लास में घुसते ही कृष्णा मेरे साथ आकर बैठ गया और अपना हाथ मेरी गाण्ड पर रख दिया। मैंने कृष्णा का हाथ पकड़कर दूर झटक दिया। और अपने चहरे पर झूठी मुश्कान लाते हुए कहने लगी- “कृष्णा प्लीज... एग्जाम्स नजदीक हैं मुझे पढ़ाई पर ध्यान देने दो...”
कृष्णा समझ गया की मैं उसके चारे में आने वाली नहीं, इसीलिए वो चुपचाप सीधा होकर बैठ गया। आज मेरा मन कालेज में नहीं लग रहा था, इसलिए मैंने दो तीन क्लासेस अटेंड की और कालेज से निकलकर घर जाने लगी। मैं अपने घर पहुँचकर दरवाजा खटखटाने लगी। थोड़ी देर बाद आँटी ने दरवाजा खोला। मैं आँटी को देखकर हैरान रह गई, वो बिल्कुल किसी दुल्हन की तरह तैयार खड़ी थी।
आँटी ने मुझे देखकर हैरान होते हुए पूछा- “धन्नो तुम इतनी जल्दी कैसे आ गई?”
मैंने कहा- “मेरी तबीयत ठीक नहीं है इसीलिए जल्दी आ गई...”
आँटी ने कहा- “तुम अंदर जाकर आराम करो। मैं पूनम के घर जा रही हूँ..” कहते हुए आँटी घर से निकल गई।
मेरा सिर आँटी के बारे में सोचकर चक्कर खा रहा था। क्योंकी पूनम आँटी एक क्लास टीचर थी और आँटी इस वक्त उसके घर क्या करने गई थी? मेरे दिमाग में अचानक एक आइडिया आया और मैंने आँटी के पीछे पूनम आँटी के घर जाने का फैसला किया।
मैं जानना चाहती थी की आँटी इस वक़्त वहाँ क्या करने गई हैं? और मैं घर को लाक करते हुए पूनम आँटी के घर जाने लगी। मैं पूनम आँटी के घर के पास पहुँचकर अंदर जाने के बारे में सोचने लगी। पूनम आँटी के घर के बाहर एक बड़ा गैलरी वाला गेट लगा हुआ था जो अंदर से बंद था। मैंने अपना हाथ अंदर डालकर गेट को खोल दिया और अंदर जाने लगी। अंदर पहुँचते ही मुझे अजीब-अजीब आवाजें सुनाई देने लगीं।
सुबह सोनाली आँटी की आवाज सुनकर मैं उठी, वो कह रही थी- “धन्नो उठो कालेज नहीं जाना क्या?”
मैं जल्दी से उठकर फ्रेश होने बाथरूम में चली गई, बाथरूम में आकर मैंने अपने पूरे कपड़े उतारे और शावर ओन करके अपने जिश्म को रगड़-रगड़कर साफ करने लगी। मैं अपने जिश्म को साफ करने के बाद ड्रेसिंग टेबल के सामने आकर अपने जिश्म को निहारने लगी। मेरी चूचियों पर लाल निशान पड़ चुके थे, मेरी चूत और गाण्ड भी सूज चुकी थी। मैं जल्दी से कपड़े पहनकर बाहर आ गई और नाश्ता करने के बाद बिंदिया के साथ कालेज के लिए निकल पड़ी।
रास्ते में मैंने बिंदिया से रोहन के बारे में पूछा।
बिंदिया का चेहरा रोहन का नाम सुनकर शर्म के मारे लाल हो गया। बिंदिया ने शर्म के मारे सिर्फ इतना कहारोहन रात को आया था...”
मैंने उस छेड़ते हुए कहा- “बिंदिया, फिर तो रोहन ने तुम्हें सारी रात सोने नहीं दिया होगा...”
बिंदिया ने शर्माकर अपना कंधा नीचे झुका लिया और मुझसे कहा- “तुम बहुत बदमाश हो, चुप हो जाओ मुझे बहुत शर्म आ रही है...”
हम कालेज में पहुँचकर अपने-अपने अपने क्लासेस में चली गई। मेरे क्लास में घुसते ही कृष्णा मेरे साथ आकर बैठ गया और अपना हाथ मेरी गाण्ड पर रख दिया। मैंने कृष्णा का हाथ पकड़कर दूर झटक दिया। और अपने चहरे पर झूठी मुश्कान लाते हुए कहने लगी- “कृष्णा प्लीज... एग्जाम्स नजदीक हैं मुझे पढ़ाई पर ध्यान देने दो...”
कृष्णा समझ गया की मैं उसके चारे में आने वाली नहीं, इसीलिए वो चुपचाप सीधा होकर बैठ गया। आज मेरा मन कालेज में नहीं लग रहा था, इसलिए मैंने दो तीन क्लासेस अटेंड की और कालेज से निकलकर घर जाने लगी। मैं अपने घर पहुँचकर दरवाजा खटखटाने लगी। थोड़ी देर बाद आँटी ने दरवाजा खोला। मैं आँटी को देखकर हैरान रह गई, वो बिल्कुल किसी दुल्हन की तरह तैयार खड़ी थी।
आँटी ने मुझे देखकर हैरान होते हुए पूछा- “धन्नो तुम इतनी जल्दी कैसे आ गई?”
मैंने कहा- “मेरी तबीयत ठीक नहीं है इसीलिए जल्दी आ गई...”
आँटी ने कहा- “तुम अंदर जाकर आराम करो। मैं पूनम के घर जा रही हूँ..” कहते हुए आँटी घर से निकल गई।
मेरा सिर आँटी के बारे में सोचकर चक्कर खा रहा था। क्योंकी पूनम आँटी एक क्लास टीचर थी और आँटी इस वक्त उसके घर क्या करने गई थी? मेरे दिमाग में अचानक एक आइडिया आया और मैंने आँटी के पीछे पूनम आँटी के घर जाने का फैसला किया।
मैं जानना चाहती थी की आँटी इस वक़्त वहाँ क्या करने गई हैं? और मैं घर को लाक करते हुए पूनम आँटी के घर जाने लगी। मैं पूनम आँटी के घर के पास पहुँचकर अंदर जाने के बारे में सोचने लगी। पूनम आँटी के घर के बाहर एक बड़ा गैलरी वाला गेट लगा हुआ था जो अंदर से बंद था। मैंने अपना हाथ अंदर डालकर गेट को खोल दिया और अंदर जाने लगी। अंदर पहुँचते ही मुझे अजीब-अजीब आवाजें सुनाई देने लगीं।