17-01-2019, 08:07 PM
कुछ देर बाद मैंने मोहित को अपने ऊपर से हटाया और उसको चुंबन देते हुए बाथरूम में चली गई। बाथरूम में मैंने शावर ओन किया और नहाने लगी। मोहित भी बाथरूम में आ गया और मेरे साथ शावर के नीचे खड़ा हो गया। मोहित मेरे पीछे खड़ा था, उसने अपने हाथ बढ़ाकर मेरी चूचियों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाते हुए मेरे कंधे को चूमने लगा।
मैंने मोहित से अपने आपको छुड़ाते हुए कहा- “छोड़ो अभी आँटी आने वाली होंगी.”
मोहित मेरी बात को अनसुना करते हुए मेरे कंधे को चूमते हुए मेरी पीठ को चूमने लगा। मेरे मुँह से आह्ह्ह... निकल गई। मोहित मेरी पीठ को चूमते हुए नीचे मेरे चूतड़ों तक पहुँच गया। मोहित ने मेरे चूतड़ों को अपने हाथों से मसलते हुए मुझे दीवार के सहारे थोड़ा झुका दिया। मोहित मेरे चूतड़ों को अपने मुँह में लेकर जोर से चूस और काट रहा था, मेरे मुँह से आह्ह्ह... ओहह... निकल रहा था।
मोहित ने अपनी जीभ निकाली और मेरे चूतड़ों को चाटते हुए मेरी गाण्ड के छेद में फिराने लगा। मैं उसकी जीभ को अपनी गाण्ड में महसूस करते ही उछल पड़ी। मेरे पूरे शरीर में करेंट दौड़ने लगा। मोहित मेरी गाण्ड को अच्छी तरह से चाट रहा था। मुझे अपने पूरे शरीर में अजीब किस्म का अनोखा मजा आ रहा था, जिसके कारण मेरी आँखें मजे से बंद होने लगी। मोहित अब मेरी गाण्ड के साथ मेरी चूत को भी चाट रहा था।
अचानक मोहित सीधा हुआ और अपना लण्ड मेरी गाण्ड पर रगड़ने लगा। मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी, क्योंकी मुझपर हवस का नशा चढ़ा हुआ था। मोहित ने अपने लण्ड पर थूक लगाई और मुझे ज्यादा झुकाते हुये अपना लण्ड मेरी गाण्ड पर सेट करते हुए धक्का लगाया। मोहित का लण्ड मेरी गाण्ड में जाने के बजाए नीचे स्लिप हो
गया।
मैंने मोहित से कहा- “आँटी किसी वक़्त भी आ सकती हैं, और तुम्हारा लण्ड बहुत मोटा है प्लीज... मेरी गाण्ड को कुछ मत करो..."
मोहित ने मेरी बात मान ली और अपना लण्ड मेरी चूत पर रखकर एक धक्का दिया। उसका लण्ड मेरी चूत की गहराइयों में गुम हो गया। मेरे मुँह से मजे से आअह्ह्ह... निकल गया। मोहित मेरी चूत में बहुत जोर के धक्के लगा रहा था। मेरा पूरा शरीर अकड़ने लगा और मैं ‘इस्स्स... करते हुए झड़ने लगी। मोहित मुझे झड़ता हुआ । देखकर बहुत जोर के धक्के लगाने लगा, जिस वजह से मजे के मारे मेरी आँखें बंद हो गई। थोड़ी देर बाद मैंने अपनी आँखें खोली। मोहित वैसे ही मेरी चूत में धक्के लगा रहा था। मेरी चूत में अब जलन होने लगी थी।
मैंने मोहित से कहा- “मुझे चूत में जलन हो रही है, अपना लण्ड निकालो। मैं तुम्हें ऐसे ही झड़ा देती हूँ...”
मोहित मेरी बात मानते हुए अपने लण्ड को मेरी चूत से निकाल दिया, मैं सीधा होकर घुटनों के बल बैठ गई और अपनी चूत के रस से गीले लण्ड को अपनी जीभ से चाटने लगी। मोहित के लण्ड पर मेरी जीभ पड़ते ही उसके मुँह से आह्ह्ह... निकल गई। मुझे उसके लण्ड से अजीब किस्म की गंध आ रही थी। मैंने अपना पूरा मुँह खोलकर मोहित का लण्ड अपने मुँह में भर लिया और अपने होंठों से उसे चूसने लगी। मोहित का लण्ड चूसते हुए मैं अपने हाथों से उसकी गोटियां सहला रही थी, मगर मोहित झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। मेरा मुँह अब दुखने लगा था।
मैं मोहित के लण्ड को अपने मुँह से निकालकर उसे अपने दोनों हाथों से बड़ी जोर से आगे-पीछे करने लगी। मोहित के मुँह से अब जोर की सिसकियां निकलने लगी, और थोड़ी ही देर में उसके लण्ड से पिचकारियां निकलने लगी। मैंने अपना मुँह खोल दिया। मोहित के लण्ड से निकलने वाली पिचकारियों से मेरे पूरा मुँह गीला हो गया और कुछ वीर्य मेरे मुँह के अंदर भी भर गया। मैं अपने मुँह में पड़ा हुआ वीर्य गटकने लगी और अपना मुँह खोलकर मोहित के लण्ड को साफ कर दिया। उसके बाद मोहित और मैंने मिलकर नाहया और अपने कपड़े पहनकर बातें करने लगे।
मोहित ने बातें करते हुए मुझसे पूछा- “धन्नो तुम तो अभी कुँवारी हो या फिर तुम किसी से चुदवा चुकी हो?”
मैंने हँसते हुए कहा- “तुम आम खाओ पेड़ क्यों गिनते हो? वैसे तुम कितनी लड़कियों को चोद चुके हो?”
मेरी बात सुनकर मोहित बौखला गया।
मैंने उससे कहा- “डरते क्यों हो? मैं किसी को नहीं बताऊँगी...”
मैंने मोहित से अपने आपको छुड़ाते हुए कहा- “छोड़ो अभी आँटी आने वाली होंगी.”
मोहित मेरी बात को अनसुना करते हुए मेरे कंधे को चूमते हुए मेरी पीठ को चूमने लगा। मेरे मुँह से आह्ह्ह... निकल गई। मोहित मेरी पीठ को चूमते हुए नीचे मेरे चूतड़ों तक पहुँच गया। मोहित ने मेरे चूतड़ों को अपने हाथों से मसलते हुए मुझे दीवार के सहारे थोड़ा झुका दिया। मोहित मेरे चूतड़ों को अपने मुँह में लेकर जोर से चूस और काट रहा था, मेरे मुँह से आह्ह्ह... ओहह... निकल रहा था।
मोहित ने अपनी जीभ निकाली और मेरे चूतड़ों को चाटते हुए मेरी गाण्ड के छेद में फिराने लगा। मैं उसकी जीभ को अपनी गाण्ड में महसूस करते ही उछल पड़ी। मेरे पूरे शरीर में करेंट दौड़ने लगा। मोहित मेरी गाण्ड को अच्छी तरह से चाट रहा था। मुझे अपने पूरे शरीर में अजीब किस्म का अनोखा मजा आ रहा था, जिसके कारण मेरी आँखें मजे से बंद होने लगी। मोहित अब मेरी गाण्ड के साथ मेरी चूत को भी चाट रहा था।
अचानक मोहित सीधा हुआ और अपना लण्ड मेरी गाण्ड पर रगड़ने लगा। मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी, क्योंकी मुझपर हवस का नशा चढ़ा हुआ था। मोहित ने अपने लण्ड पर थूक लगाई और मुझे ज्यादा झुकाते हुये अपना लण्ड मेरी गाण्ड पर सेट करते हुए धक्का लगाया। मोहित का लण्ड मेरी गाण्ड में जाने के बजाए नीचे स्लिप हो
गया।
मैंने मोहित से कहा- “आँटी किसी वक़्त भी आ सकती हैं, और तुम्हारा लण्ड बहुत मोटा है प्लीज... मेरी गाण्ड को कुछ मत करो..."
मोहित ने मेरी बात मान ली और अपना लण्ड मेरी चूत पर रखकर एक धक्का दिया। उसका लण्ड मेरी चूत की गहराइयों में गुम हो गया। मेरे मुँह से मजे से आअह्ह्ह... निकल गया। मोहित मेरी चूत में बहुत जोर के धक्के लगा रहा था। मेरा पूरा शरीर अकड़ने लगा और मैं ‘इस्स्स... करते हुए झड़ने लगी। मोहित मुझे झड़ता हुआ । देखकर बहुत जोर के धक्के लगाने लगा, जिस वजह से मजे के मारे मेरी आँखें बंद हो गई। थोड़ी देर बाद मैंने अपनी आँखें खोली। मोहित वैसे ही मेरी चूत में धक्के लगा रहा था। मेरी चूत में अब जलन होने लगी थी।
मैंने मोहित से कहा- “मुझे चूत में जलन हो रही है, अपना लण्ड निकालो। मैं तुम्हें ऐसे ही झड़ा देती हूँ...”
मोहित मेरी बात मानते हुए अपने लण्ड को मेरी चूत से निकाल दिया, मैं सीधा होकर घुटनों के बल बैठ गई और अपनी चूत के रस से गीले लण्ड को अपनी जीभ से चाटने लगी। मोहित के लण्ड पर मेरी जीभ पड़ते ही उसके मुँह से आह्ह्ह... निकल गई। मुझे उसके लण्ड से अजीब किस्म की गंध आ रही थी। मैंने अपना पूरा मुँह खोलकर मोहित का लण्ड अपने मुँह में भर लिया और अपने होंठों से उसे चूसने लगी। मोहित का लण्ड चूसते हुए मैं अपने हाथों से उसकी गोटियां सहला रही थी, मगर मोहित झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। मेरा मुँह अब दुखने लगा था।
मैं मोहित के लण्ड को अपने मुँह से निकालकर उसे अपने दोनों हाथों से बड़ी जोर से आगे-पीछे करने लगी। मोहित के मुँह से अब जोर की सिसकियां निकलने लगी, और थोड़ी ही देर में उसके लण्ड से पिचकारियां निकलने लगी। मैंने अपना मुँह खोल दिया। मोहित के लण्ड से निकलने वाली पिचकारियों से मेरे पूरा मुँह गीला हो गया और कुछ वीर्य मेरे मुँह के अंदर भी भर गया। मैं अपने मुँह में पड़ा हुआ वीर्य गटकने लगी और अपना मुँह खोलकर मोहित के लण्ड को साफ कर दिया। उसके बाद मोहित और मैंने मिलकर नाहया और अपने कपड़े पहनकर बातें करने लगे।
मोहित ने बातें करते हुए मुझसे पूछा- “धन्नो तुम तो अभी कुँवारी हो या फिर तुम किसी से चुदवा चुकी हो?”
मैंने हँसते हुए कहा- “तुम आम खाओ पेड़ क्यों गिनते हो? वैसे तुम कितनी लड़कियों को चोद चुके हो?”
मेरी बात सुनकर मोहित बौखला गया।
मैंने उससे कहा- “डरते क्यों हो? मैं किसी को नहीं बताऊँगी...”