17-01-2019, 08:06 PM
मोहित का लण्ड मेरी चूत में अपनी जगह बनाता हुआ जड़ तक घुस गया। मेरे मुँह से उठे दर्द के कारण ‘ऊन्ह निकल गया। मेरे साथ मोहित के मुँह से भी ‘आअहहह' निकल गई। मोहित ने मेरी कमर में अपना हाथ डालते हुए मुझे नीचे झुका लिया और मेरे होंठों को चूमते हुए नीचे से अपने चूतड़ हिलाने लगा। मोहित का लण्ड मेरी चूत में उछल कूद मचाने लगा और मैं अपनी चूत में मीठे मजे के अहसास के साथ अपनी चूत को सिकोड़कर उसका जवाब देने लगी।
मेरे चूत सिकोड़ने से मोहित का लण्ड और ज्यादा फूलने लगा। मोहित मेरे होंठों को चूसते हुए हल्का-हल्का ऐंठ रहा था। मैं अब अपने चूतड़ उठाकर मोहित के लण्ड पर हल्के धक्के लगाने लगी। मोहित का लण्ड मेरी चूत की दीवारों से बहुत जोर की रगड़ खा रहा था। मैं मजे से हवा में उड़ने लगी। मैं मोहित के मुँह से अपने होंठ उठाते हुए सीधी हो गई और मोहित के लण्ड के टोपे तक अपनी चूत उठाकर जोर से नीचे बैठ जाती। ऐसा करने से मेरे सारे शरीर में उत्तेजना के मारे सिहरन होने लगी। 5-6 बार ही मैंने ऐसा किया था की मेरा पूरा शरीर काँपने लगा और उत्तेजना के मारे मेरी आँखें बंद हो गई।
मैं मोहित के लण्ड पे जोर से ऊपर-नीचे होने लगी और कुछ ही देर में हाँफते हुए मोहित के लण्ड पर जोर के धक्के लगाते हुए आह्ह्ह करते हुए झड़ने लगी। मैंने झड़ते हुए अपनी चूत को फिर से मोहित के लण्ड पर सिकोड़ दिया। मोहित के लण्ड ने मेरी चूत में जोर का ठुमका लगाकर उसे जवाब दिया। मैं निढाल होकर उसके ऊपर लेट गई। मोहित मेरे होंठों को चूसने लगा और मेरी जीभ से अपनी जीभ को रगड़ने लगा।
मैं फिर से गरम होने लगी और अपने चूतड़ों को मोहित के लण्ड पर उछालने लगी। मोहित ने मुझे अपने ऊपर से उठाते हुए बेड पर सीधा सुला दिया। मोहित ने मेरी टाँगों को घुटनों तक मोड़ दिया, इस पोजीशन में मेरी चूत उठकर मोहित के सामने आ गई। मोहित ने अपना लण्ड मेरी चूत पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा। उसका लण्ड मेरी गीली चूत में सरकता हुया गायब हो गया। मोहित का लण्ड अंदर घुसते ही मेरे मुँह से आह्ह्ह निकल गई। मोहित अपने लण्ड से मेरी चूत में धक्के मारने लगा।
मैं भी तब तक गरम हो चुकी थी। मैं भी नीचे से अपने चूतड़ उछालने लगी। मोहित का लण्ड मेरी चूत को गहराइयों तक रगड़ता हुआ मेरे पेट तक महसूस हो रहा था। मोहित अब अपना पूरा लण्ड निकालकर जोर से अंदर डाल देता। मोहित के धक्के इतने भयानक थे की उसके हर धक्के के साथ मेरा पूरा शरीर काँप उठता।
मेरे मुँह से उत्तेजना के मारे गालियां निकलने लगी- “मोहित तुम्हारा लण्ड बहुत मोटा और शानदार है, तुम्हारा लण्ड मेरी चूत में गहराइयों तक महसूस हो रहा है। मैं तुम्हें पहले दिन से लाइन दे रही थी, मगर तुम बिल्कुल बुद्धू थे, मेरा इशारा नहीं समझ रहे थे। तुम्हारा गठीला बदन देखकर मेरी चूत में खुजली होने लगी थी, जो आज जाकर तुम्हारे लण्ड ने मिटाई। मैं तुम्हारे लण्ड की गुलाम हो गई हूँ, ऐसा जवान और सख़्त लण्ड मैंने आज तक नहीं चखा...”
मोहित मेरे मुँह से गालियां सुनकर और उत्तेजित होते हुए जोर के धक्के मारने लगा।
मैंने अपनी टाँगों को मोहित की कमर में डाल दिया और कहने लगी- “हाँ ऐसे ही धक्के लगाते रहो ओहह... तुम्हारा लण्ड बहुत मोटा है...”
मोहित भी बहुत गरम हो चुका था। वो मेरी बातों का जवाब देते हुए बोला- “ले रंडी मेरा पूरा लण्ड अपनी चूत में, मैं तुम्हें पहले दिन ही अपने कमरे में सफाई करते हुए पहचान गया था की तुम मेरे लण्ड से जरूर चुदवाओगी..."
मोहित अब बहुत जोर के धक्के देते हुए काँपने लगा और ऊह्ह... करते हुए मेरी चूत को अपने वीर्य से भरने । लगा। मोहित का गरम वीर्य अपनी चूत में महसूस करते ही मैं भी 'आअहह' करते हुए झड़ने लगी। मोहित का लण्ड न जाने कितनी देर तक मेरी चूत को भरता रहा और फिर मेरे ऊपर निढाल होकर लेट गया।
मेरे चूत सिकोड़ने से मोहित का लण्ड और ज्यादा फूलने लगा। मोहित मेरे होंठों को चूसते हुए हल्का-हल्का ऐंठ रहा था। मैं अब अपने चूतड़ उठाकर मोहित के लण्ड पर हल्के धक्के लगाने लगी। मोहित का लण्ड मेरी चूत की दीवारों से बहुत जोर की रगड़ खा रहा था। मैं मजे से हवा में उड़ने लगी। मैं मोहित के मुँह से अपने होंठ उठाते हुए सीधी हो गई और मोहित के लण्ड के टोपे तक अपनी चूत उठाकर जोर से नीचे बैठ जाती। ऐसा करने से मेरे सारे शरीर में उत्तेजना के मारे सिहरन होने लगी। 5-6 बार ही मैंने ऐसा किया था की मेरा पूरा शरीर काँपने लगा और उत्तेजना के मारे मेरी आँखें बंद हो गई।
मैं मोहित के लण्ड पे जोर से ऊपर-नीचे होने लगी और कुछ ही देर में हाँफते हुए मोहित के लण्ड पर जोर के धक्के लगाते हुए आह्ह्ह करते हुए झड़ने लगी। मैंने झड़ते हुए अपनी चूत को फिर से मोहित के लण्ड पर सिकोड़ दिया। मोहित के लण्ड ने मेरी चूत में जोर का ठुमका लगाकर उसे जवाब दिया। मैं निढाल होकर उसके ऊपर लेट गई। मोहित मेरे होंठों को चूसने लगा और मेरी जीभ से अपनी जीभ को रगड़ने लगा।
मैं फिर से गरम होने लगी और अपने चूतड़ों को मोहित के लण्ड पर उछालने लगी। मोहित ने मुझे अपने ऊपर से उठाते हुए बेड पर सीधा सुला दिया। मोहित ने मेरी टाँगों को घुटनों तक मोड़ दिया, इस पोजीशन में मेरी चूत उठकर मोहित के सामने आ गई। मोहित ने अपना लण्ड मेरी चूत पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा। उसका लण्ड मेरी गीली चूत में सरकता हुया गायब हो गया। मोहित का लण्ड अंदर घुसते ही मेरे मुँह से आह्ह्ह निकल गई। मोहित अपने लण्ड से मेरी चूत में धक्के मारने लगा।
मैं भी तब तक गरम हो चुकी थी। मैं भी नीचे से अपने चूतड़ उछालने लगी। मोहित का लण्ड मेरी चूत को गहराइयों तक रगड़ता हुआ मेरे पेट तक महसूस हो रहा था। मोहित अब अपना पूरा लण्ड निकालकर जोर से अंदर डाल देता। मोहित के धक्के इतने भयानक थे की उसके हर धक्के के साथ मेरा पूरा शरीर काँप उठता।
मेरे मुँह से उत्तेजना के मारे गालियां निकलने लगी- “मोहित तुम्हारा लण्ड बहुत मोटा और शानदार है, तुम्हारा लण्ड मेरी चूत में गहराइयों तक महसूस हो रहा है। मैं तुम्हें पहले दिन से लाइन दे रही थी, मगर तुम बिल्कुल बुद्धू थे, मेरा इशारा नहीं समझ रहे थे। तुम्हारा गठीला बदन देखकर मेरी चूत में खुजली होने लगी थी, जो आज जाकर तुम्हारे लण्ड ने मिटाई। मैं तुम्हारे लण्ड की गुलाम हो गई हूँ, ऐसा जवान और सख़्त लण्ड मैंने आज तक नहीं चखा...”
मोहित मेरे मुँह से गालियां सुनकर और उत्तेजित होते हुए जोर के धक्के मारने लगा।
मैंने अपनी टाँगों को मोहित की कमर में डाल दिया और कहने लगी- “हाँ ऐसे ही धक्के लगाते रहो ओहह... तुम्हारा लण्ड बहुत मोटा है...”
मोहित भी बहुत गरम हो चुका था। वो मेरी बातों का जवाब देते हुए बोला- “ले रंडी मेरा पूरा लण्ड अपनी चूत में, मैं तुम्हें पहले दिन ही अपने कमरे में सफाई करते हुए पहचान गया था की तुम मेरे लण्ड से जरूर चुदवाओगी..."
मोहित अब बहुत जोर के धक्के देते हुए काँपने लगा और ऊह्ह... करते हुए मेरी चूत को अपने वीर्य से भरने । लगा। मोहित का गरम वीर्य अपनी चूत में महसूस करते ही मैं भी 'आअहह' करते हुए झड़ने लगी। मोहित का लण्ड न जाने कितनी देर तक मेरी चूत को भरता रहा और फिर मेरे ऊपर निढाल होकर लेट गया।