17-01-2019, 07:52 PM
मोहित के अंडरवेर का उभार देखकर मेरी साँसें ऊपर-नीचे होने लगती हैं। मोहित मेरे सामने आकर खड़ा हो जाता है और मेरे हाथ खींचकर अपने अंडरवेर के उभार पर रख देता है। मेरे हाथ उसके उभार पर पड़ते ही मेरे सारे शरीर में झुरझुरी फैल जाती है। मोहित मेरे सिर को पकड़कर मेरे होंठों पर अपने होंठ रख देता है और उन्हें बेतहाशा चूसने लगता है।
मेरा हाथ अपने आप मोहित के अंडरवेर पर ऊपर-नीचे होने लगता है। मोहित ने अपनी जीभ निकालकर मेरे मुँह में डाल दी। मैं उसकी जीभ को चाटने लगी। मेरे सारे शरीर में सिहरन दौड़ रही थी। मोहित ने अचानक अपने होंठ मेरे होंठों से हटाते हुए, मुझे घुटनों के बल जमीन पर बिठा दिया। मेरा हाथ अब भी मोहित के अंडरवेर के ऊपर था। मोहित ने मेरा हाथ अपने अंडरवेर से हटाया और अपना अंडरवेर उतार दिया। मोहित का अंडरवेर उतरते ही मेरा सिर चकराने लगा, उसका 10” इंच लंबा और 3 इंच मोटा लण्ड मेरी आँखों के सामने झूम रहा
था।
मोहित का लण्ड देखकर मेरा मुँह खुला का खुला रह गया। मोहित ने मेरा हाथ पकड़कर अपने नंगे लण्ड पर रख दिया। मेरा हाथ मोहित के लण्ड पर पड़ते ही मेरा पूरा शरीर कांपने लगा। मोहित का लण्ड बहुत गर्म था, मैं तेज-तेज साँसें लेते हुए उसके लण्ड को सहलाने लगी। मोहित मेरे सिर को पकड़कर अपने लण्ड के पास ले आया। मोहित के लण्ड की गंध मुझे पागल बना रही थी। मेरा मुँह अपने आप खुल गया और मैं जीभ । निकालकर मोहित के लण्ड पर फेरने लगी। मोहित ने मेरे सिर को पकड़कर अपने लण्ड का टोपा मेरे मुँह में रखा और अंदर दबाव डालने लगा। मैंने जितना हो सकता था उतना अपने मुँह को खोल लिया। मोहित के लण्ड का टोपा मेरे मुँह में फँस गया।
मोहित ने अचानक मेरे सिर को जोर से पकड़ते हुए एक जोर का धक्का मार दिया। मोहित का लण्ड मेरे गले तक अंदर घुस गया और मेरे सामने अंधेरा छाने लगा। मेरे आँखों से आँसू बहने लगे, तभी मैं अचानक नींद से जाग गई। मैंने जल्दी से उठकर पानी पिया और सपने के बारे में सोचकर हँसने लगी। मैं सोच रही थी की। मोहित का लण्ड ना जाने कितना बड़ा होगा? मेरे पूरे शरीर में हवस भर गई थी। और मोहित के बारे में सोचतेसोचते मुझे कब नींद आ गई पता ही नहीं चला।
शाम को मैं उठकर फ्रेश होने चली गई। मेरा पूरा शरीर मोहित के बारे में सोचते-सोचते तप गया था। मैंने शावर ओन किया और अपने गरम जिश्म पे ठंडा पानी डालकर उसे ठंडा करने की कोशिश करने लगी। मगर मेरा जिम ठंड पानी पाते ही और ज्यादा गरम होने लगा। मैंने अपनी चूत को सहलाते हुए अपनी दो उंगलियां चूत में डाल दी और उन्हें आगे-पीछे करने लगी। मेरा सारा शरीर अकड़ने लगा और मैं ‘आअह्ह्ह करते हुए झड़ने लगी। मैं झड़ने के बाद कुछ अच्छा महसूस करने लगी।
मैं नहाकर बाथरूम से बाहर निकली और अपने आपको तैयार करके मोहित के कमरे में जाने लगी। मैं जैसे ही मोहित के कमरे में दाखिल हुई, मुझे वो नजर नहीं आया। मैं इधर-उधर देखने लगी, तभी मुझे बाथरूम से पानी गिरने की आवाज सुनाई दी। मैं समझ गई की मोहित नहा रहा है।
मैं वहीं बैठकर उसका इंतजार करने लगी। कुछ देर बाद मोहित बाथरूम से बाहर निकला, मैं उसे देखकर बेहोश होते-होते बची। मोहित सिर्फ एक तौलिया बाँधे हुए बाथरूम से निकला था। उसका जिश्म गोरा और गठीला बिल्कुल किसी बाडी बिल्डर की तरह था। मोहित मुझे देखकर बौखला गया और अपने हाथ से अपने आपको ढकने की नाकाम कोशिश करने लगा।
मेरा हाथ अपने आप मोहित के अंडरवेर पर ऊपर-नीचे होने लगता है। मोहित ने अपनी जीभ निकालकर मेरे मुँह में डाल दी। मैं उसकी जीभ को चाटने लगी। मेरे सारे शरीर में सिहरन दौड़ रही थी। मोहित ने अचानक अपने होंठ मेरे होंठों से हटाते हुए, मुझे घुटनों के बल जमीन पर बिठा दिया। मेरा हाथ अब भी मोहित के अंडरवेर के ऊपर था। मोहित ने मेरा हाथ अपने अंडरवेर से हटाया और अपना अंडरवेर उतार दिया। मोहित का अंडरवेर उतरते ही मेरा सिर चकराने लगा, उसका 10” इंच लंबा और 3 इंच मोटा लण्ड मेरी आँखों के सामने झूम रहा
था।
मोहित का लण्ड देखकर मेरा मुँह खुला का खुला रह गया। मोहित ने मेरा हाथ पकड़कर अपने नंगे लण्ड पर रख दिया। मेरा हाथ मोहित के लण्ड पर पड़ते ही मेरा पूरा शरीर कांपने लगा। मोहित का लण्ड बहुत गर्म था, मैं तेज-तेज साँसें लेते हुए उसके लण्ड को सहलाने लगी। मोहित मेरे सिर को पकड़कर अपने लण्ड के पास ले आया। मोहित के लण्ड की गंध मुझे पागल बना रही थी। मेरा मुँह अपने आप खुल गया और मैं जीभ । निकालकर मोहित के लण्ड पर फेरने लगी। मोहित ने मेरे सिर को पकड़कर अपने लण्ड का टोपा मेरे मुँह में रखा और अंदर दबाव डालने लगा। मैंने जितना हो सकता था उतना अपने मुँह को खोल लिया। मोहित के लण्ड का टोपा मेरे मुँह में फँस गया।
मोहित ने अचानक मेरे सिर को जोर से पकड़ते हुए एक जोर का धक्का मार दिया। मोहित का लण्ड मेरे गले तक अंदर घुस गया और मेरे सामने अंधेरा छाने लगा। मेरे आँखों से आँसू बहने लगे, तभी मैं अचानक नींद से जाग गई। मैंने जल्दी से उठकर पानी पिया और सपने के बारे में सोचकर हँसने लगी। मैं सोच रही थी की। मोहित का लण्ड ना जाने कितना बड़ा होगा? मेरे पूरे शरीर में हवस भर गई थी। और मोहित के बारे में सोचतेसोचते मुझे कब नींद आ गई पता ही नहीं चला।
शाम को मैं उठकर फ्रेश होने चली गई। मेरा पूरा शरीर मोहित के बारे में सोचते-सोचते तप गया था। मैंने शावर ओन किया और अपने गरम जिश्म पे ठंडा पानी डालकर उसे ठंडा करने की कोशिश करने लगी। मगर मेरा जिम ठंड पानी पाते ही और ज्यादा गरम होने लगा। मैंने अपनी चूत को सहलाते हुए अपनी दो उंगलियां चूत में डाल दी और उन्हें आगे-पीछे करने लगी। मेरा सारा शरीर अकड़ने लगा और मैं ‘आअह्ह्ह करते हुए झड़ने लगी। मैं झड़ने के बाद कुछ अच्छा महसूस करने लगी।
मैं नहाकर बाथरूम से बाहर निकली और अपने आपको तैयार करके मोहित के कमरे में जाने लगी। मैं जैसे ही मोहित के कमरे में दाखिल हुई, मुझे वो नजर नहीं आया। मैं इधर-उधर देखने लगी, तभी मुझे बाथरूम से पानी गिरने की आवाज सुनाई दी। मैं समझ गई की मोहित नहा रहा है।
मैं वहीं बैठकर उसका इंतजार करने लगी। कुछ देर बाद मोहित बाथरूम से बाहर निकला, मैं उसे देखकर बेहोश होते-होते बची। मोहित सिर्फ एक तौलिया बाँधे हुए बाथरूम से निकला था। उसका जिश्म गोरा और गठीला बिल्कुल किसी बाडी बिल्डर की तरह था। मोहित मुझे देखकर बौखला गया और अपने हाथ से अपने आपको ढकने की नाकाम कोशिश करने लगा।