17-01-2019, 07:52 PM
रोहन ने मेरी एक चूची का दाना अपने मुँह में भर लिया और उसे चूसने लगा। कुछ देर तक चूची को चाटने के बाद रोहन ने मुझे अपने ऊपर से उठाया और मुझे उल्टा घुटनों के बल लेटा दिया। रोहन मेरे पीछे आ गया और अपने हाथों से मेरी गाण्ड को मसलने लगा। कुछ देर तक मसलने के बाद रोहन मेरे चूतड़ को अपने मुँह में भरकर चाटने लगा।
मेरे पूरे शरीर में फिर से उत्तेजना होने लगी। अचानक रोहन ने मेरी गाण्ड को अपने दातों से काट दिया, तो मेरे मुँह से ओईई निकल गया। रोहन ने मेरी गाण्ड को छोड़ते हुए अपना खड़ा लण्ड पीछे से मेरी चूत में डाल दिया और मेरे चूतड़ों को पकड़कर जोर के धक्के मारने लगा। मैं फिर से गरम होने लगी और अपने चूतड़ों को रोहन के लण्ड पर दबाने लगी। रोहन ने मुझे चोदते हुए अचानक मेरे चूतड़ों पर फिर से थप्पड़ मारने लगा।
मुझे फिर से अजीब मजे का अहसास होने लगा, मेरी आँखें मजे से बंद हो गई और मेरे मुँह से सिसकियां निकलने लगी। अचानक रोहन ने अपने थप्पड़ों और धक्कों की रफ़्तार तेज कर दी, मेरे मुँह से भी जोर की ओह्ह... की आवाजें निकलने लगी। रोहन का लण्ड मेरी चूत में फूलने लगा। मैं समझ गई की वो झड़ने वाला है। मैंने अपनी चूत को सिकोड़कर उसके लण्ड पर दबा दिया। रोहन के मुँह से एक जोर की आह्ह्ह की सिसकी निकली और वो मेरी चूत में जोर के धक्के मारते हुए अपने वीर्य से मेरी चूत को भरने लगा। रोहन के गर्म वीर्य के अहसास से मेरे मुँह से भी ओह... की आवाज के साथ मेरी चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया। रोहन कुछ देर तक मेरी चूत को भरता रहा और फिर मेरी चूत से अपना लण्ड निकालकर नीचे निढाल होकर सो गया।
मैं जल्दी से उठकर अपने कपड़े पहनने लगी, और कहा- “रोहन उठो बहुत देर हो गई है, हमें कालेज जाना है...”
रोहन ने उठकर अपने कपड़े पहने और हम दोनों बाइक पर बैठकर कालेज जाने लगे। रास्ते में रोहन ने मुझसे कहा- “आज जो कुछ हुआ है तुम्हारी मर्जी से हुआ है। इस बारे में बिंदिया को कुछ भी पता नहीं चलना चाहिये..."
मैंने रोहन को तसल्ली देते हुए कहा- “मैं हमारे बारे में किसी को कुछ नहीं बताऊँगी, मगर तुम जब चाहो मुझे चोद सकते हो। मुझे तुम्हारा तगड़ा लण्ड बहुत अच्छा लगा है...”
रोहन मेरी बातें सुनकर हैरान रह गया। उसने कहा- “धन्नो, तुम तो अभी से इतनी गरम और चुदासी बन गई हो, आगे चलकर न जाने क्या करोगी?”
हम कालेज पहुँच गये, हमें बहुत लेट हो गई थी। मैं जल्दी से अपने क्लास में दाखिल हुई और कृष्णा के साइड में जाकर बैठ गई।
कृष्णा ने मुझे देखकर पूछा- “धन्नो इतनी देर किधर गायब हो गई थी?”
मैंने उससे कहा- “मुझे अपनी कजिन के कॉलेज में काम था, मैं रोहन के साथ वहाँ गई थी..”
क्लास खतम होते ही हमारी छुट्टी हो गई। मैं उठकर बाहर आ गई और रोहन और बिंदिया का इंतजार करने लगी। कुछ देर बाद रोहन और बिंदिया आ गये। हम तीनों बाइक पर बैठकर घर जाने लगे।
रास्ते में बिंदिया ने कहा- “धन्नो तुम और रोहन ने करुणा की हेल्प करके बहुत अच्छा किया...”
मैंने हैरान होते हुए पूछा- “तुम्हें कैसे पता बिंदिया?”
रोहन ने बीच में बोलते हुए कहा- “बिंदिया को मैंने बताया था...”
हम घर पहुँच गये। रोहन हमें छोड़कर चला गया। हम जैसे ही अंदर दाखिल हुए अंदर एक लड़का बैठा था और
आँटी और करुणा उससे बातें कर रही थी। हमें देखकर आँटी ने मुश्कुराते हुए हमारा परिचय उस लड़के से कराया- “यह मेरी भांजी धन्नो और यह मेरी बेटी बिंदिया है..” ।
फिर आँटी ने कहा- “बिंदिया और धन्नो यह मेरी चचेरी मौसी का बेटा है और इसका नाम मोहित है, यह यहाँ पर पढ़ने आया है और यह हमारे साथ रहेगा..."
मेरे पूरे शरीर में फिर से उत्तेजना होने लगी। अचानक रोहन ने मेरी गाण्ड को अपने दातों से काट दिया, तो मेरे मुँह से ओईई निकल गया। रोहन ने मेरी गाण्ड को छोड़ते हुए अपना खड़ा लण्ड पीछे से मेरी चूत में डाल दिया और मेरे चूतड़ों को पकड़कर जोर के धक्के मारने लगा। मैं फिर से गरम होने लगी और अपने चूतड़ों को रोहन के लण्ड पर दबाने लगी। रोहन ने मुझे चोदते हुए अचानक मेरे चूतड़ों पर फिर से थप्पड़ मारने लगा।
मुझे फिर से अजीब मजे का अहसास होने लगा, मेरी आँखें मजे से बंद हो गई और मेरे मुँह से सिसकियां निकलने लगी। अचानक रोहन ने अपने थप्पड़ों और धक्कों की रफ़्तार तेज कर दी, मेरे मुँह से भी जोर की ओह्ह... की आवाजें निकलने लगी। रोहन का लण्ड मेरी चूत में फूलने लगा। मैं समझ गई की वो झड़ने वाला है। मैंने अपनी चूत को सिकोड़कर उसके लण्ड पर दबा दिया। रोहन के मुँह से एक जोर की आह्ह्ह की सिसकी निकली और वो मेरी चूत में जोर के धक्के मारते हुए अपने वीर्य से मेरी चूत को भरने लगा। रोहन के गर्म वीर्य के अहसास से मेरे मुँह से भी ओह... की आवाज के साथ मेरी चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया। रोहन कुछ देर तक मेरी चूत को भरता रहा और फिर मेरी चूत से अपना लण्ड निकालकर नीचे निढाल होकर सो गया।
मैं जल्दी से उठकर अपने कपड़े पहनने लगी, और कहा- “रोहन उठो बहुत देर हो गई है, हमें कालेज जाना है...”
रोहन ने उठकर अपने कपड़े पहने और हम दोनों बाइक पर बैठकर कालेज जाने लगे। रास्ते में रोहन ने मुझसे कहा- “आज जो कुछ हुआ है तुम्हारी मर्जी से हुआ है। इस बारे में बिंदिया को कुछ भी पता नहीं चलना चाहिये..."
मैंने रोहन को तसल्ली देते हुए कहा- “मैं हमारे बारे में किसी को कुछ नहीं बताऊँगी, मगर तुम जब चाहो मुझे चोद सकते हो। मुझे तुम्हारा तगड़ा लण्ड बहुत अच्छा लगा है...”
रोहन मेरी बातें सुनकर हैरान रह गया। उसने कहा- “धन्नो, तुम तो अभी से इतनी गरम और चुदासी बन गई हो, आगे चलकर न जाने क्या करोगी?”
हम कालेज पहुँच गये, हमें बहुत लेट हो गई थी। मैं जल्दी से अपने क्लास में दाखिल हुई और कृष्णा के साइड में जाकर बैठ गई।
कृष्णा ने मुझे देखकर पूछा- “धन्नो इतनी देर किधर गायब हो गई थी?”
मैंने उससे कहा- “मुझे अपनी कजिन के कॉलेज में काम था, मैं रोहन के साथ वहाँ गई थी..”
क्लास खतम होते ही हमारी छुट्टी हो गई। मैं उठकर बाहर आ गई और रोहन और बिंदिया का इंतजार करने लगी। कुछ देर बाद रोहन और बिंदिया आ गये। हम तीनों बाइक पर बैठकर घर जाने लगे।
रास्ते में बिंदिया ने कहा- “धन्नो तुम और रोहन ने करुणा की हेल्प करके बहुत अच्छा किया...”
मैंने हैरान होते हुए पूछा- “तुम्हें कैसे पता बिंदिया?”
रोहन ने बीच में बोलते हुए कहा- “बिंदिया को मैंने बताया था...”
हम घर पहुँच गये। रोहन हमें छोड़कर चला गया। हम जैसे ही अंदर दाखिल हुए अंदर एक लड़का बैठा था और
आँटी और करुणा उससे बातें कर रही थी। हमें देखकर आँटी ने मुश्कुराते हुए हमारा परिचय उस लड़के से कराया- “यह मेरी भांजी धन्नो और यह मेरी बेटी बिंदिया है..” ।
फिर आँटी ने कहा- “बिंदिया और धन्नो यह मेरी चचेरी मौसी का बेटा है और इसका नाम मोहित है, यह यहाँ पर पढ़ने आया है और यह हमारे साथ रहेगा..."