17-01-2019, 07:48 PM
मैं जल्दी से भागते हुए रोहन के पास पहुँची। रोहन ने अचानक अपने सामने मुझे देखते हुए हैरानी से कहाधन्नो क्या बात है, तुम इतना हाँफ क्यों रही हो?”
मैंने अपनी साँसों को ठीक करते हुए कहा- “रोहन तुम कहाँ जा रहे हो?”
रोहन ने कहा- “मुझे थोड़ा काम है, मगर तुम क्यों पूछ रही हो?”
मैंने रोहन को करुणा वाली सारी बात बता दी।
रोहन ने मेरी पूरी बात सुनने के बाद मुझे से कहा- “चलो बाइक पर बैठो मैं तुम्हारे साथ चलता हूँ...”
मैं रोहन के साथ उसकी बाइक पर अपनी दोनों टाँगें फैलाकर बैठ गई। रोहन ने बाइक स्टार्ट की, बाइक एक झटके के साथ आगे बढ़ने लगी। मैंने अपने हाथ बढ़कर रोहन की कमर को पकड़ लिया। मेरे नरम हाथ का स्पर्श पाते ही रोहन सिहर उठा। मुझे उसका मजबूत जिश्म पागल बना रहा था। मैं थोड़ा सा आगे सरक कर उसके साथ चिपक कर बैठ गई। मुझे अपनी नरम चूचियों पर उसका मजबूत जिम महसूस हो रहा था। मेरे सारे जिम में सिहरन दौड़ने लगी। मैं रोहन को जोर से पकड़ते हुए उसकी पीठ पर अपनी नरम चूचियां दबाने लगी।
और अपने सिर को उसकी पीठ पर रख दिया। रोहन मेरी नरम चूचियों का स्पर्श पाते ही बोखला गया और गाड़ी अनबैलेंस होने लगी।
मैंने रोहन से अंजान बनते हुए पूछा- “क्या हुआ..”
रोहन ने अपने आपको संभालते हुए शरारत से अपनी पीठ मेरी चूचियों पर दबाते हुए कहा- “नहीं.. कुछ नहीं...”
मैं समझ गई रोहन की मेरी चूचियों का भरपूर मजा ले रहा है। मैंने आगे बढ़ते हुए अपनी चूचियां उसकी ठोस पीठ से रगड़ते हुए अपने हाथ से उसकी कमर को सहलाने लगी। मुझे उसके मर्दाना जिम की गंध पागल बना रही थी। मैंने अपने हाथ से उसकी कमर को सहलाते हुए आगे लेजाकर उसकी शर्ट के ऊपर से उसके पेट को सहलाने लगी। रोहन का उत्तेजना के मारे बुरा हाल था। अचानक बाइक एक खड्ढे से गुजरी और मेरा हाथ अनबैलेंस होकर रोहन के पेट से नीचे होता हुआ उसके पैंट के ऊपर आकर रुक गया।
मुझे उसके पैंट के ऊपर से ही उसके लण्ड का अहसाह होने लगा। क्योंकी रोहन की पैंट में उसका लण्ड खड़ा होकर तंबू बना हुआ था। मैंने जानबूझ कर अपना हाथ थोड़ी देर वहाँ से नहीं हटाया और अपने हाथ को दबाव देकर उसके लण्ड को टटोलने लगी। मुझे पैंट के ऊपर से ही उसका लण्ड पागल बना रहा था। मेरी साँसें फूल रही थी। मैंने कुछ देर बाद अपना हाथ रोहन की पैंट के ऊपर से हटाया। करुणा के कॉलेज के नजदीक पहुँचकर मैं रोहन से कुछ दूर होकर बैठ गई।
हम करुणा के कॉलेज में दाखिल हो गये और बाइक को सड़क से उतारकर उसे साइड लगाया। हम बिल्कुल सही वक़्त पर पहुँचे थे, करुणा के कॉलेज का इंटरवल चल रहा था। हम दोनों करुणा को ढूँढ़ने लगे। थोड़ी ही देर में हमें करुणा मिल गई। वो पार्क में अपनी सहेलियों के साथ बैठकर बातें कर रही थी। हमें देखकर वो हैरान होते हुए बोली- “दीदी तुम और रोहन यहाँ कैसे?”
मैंने करुणा से कहा- “हम तुम्हारी मुशीबत दूर करने आए हैं, बताओ वो कौन सा लड़का है जो तुम्हें तंग करता है?”
करुणा हमें अपने साथ दूसरे पार्क में ले गई। वहाँ पर दो लड़के बैठे थे। करुणा ने एक पतले जिश्म वाले लड़के की तरफ इशारा किया। मैं उस लड़के की बाडी देखकर अचरज में आ गई, वो पतला सा लड़का और काम देखो।
रोहन ने उस लड़के को अपने पास बुलाया और कहा- “तुम इसे तंग क्यों करते हो?”
वो लड़का अकड़कर बोला- “तुम कौन होते हो मुझसे पूछने वाले?”
रोहन ने उसे लड़के को गरेबान से पकड़ते हुए खींचकर एक जोरदार थप्पड़ उसके गाल पर मारा, तो उस लड़के के मुँह पर रोहन की पाँचों उंगलियों के निशान छप गये। उस लड़के के साथ जो दूसरा लड़का बैठा था वो वहाँ से भाग गया।
थप्पड़ खाते ही उस लड़के की होश ठिकाने आ गई और वो गिड़गिड़ा कर माफी माँगने लगा।
रोहन ने उसे वार्निग देते हुए कहा- “आगे से अगर कोई शिकायत मिली तो मैं तुम्हें छठी का दूध याद दिला दूंगा..." रोहन ने जैसे ही उसका गरेबान छोड़ा, वो वहाँ से भाग गया।
करुणा ने रोहन और मुझको शुक्रिया कहा।
मैंने अपनी साँसों को ठीक करते हुए कहा- “रोहन तुम कहाँ जा रहे हो?”
रोहन ने कहा- “मुझे थोड़ा काम है, मगर तुम क्यों पूछ रही हो?”
मैंने रोहन को करुणा वाली सारी बात बता दी।
रोहन ने मेरी पूरी बात सुनने के बाद मुझे से कहा- “चलो बाइक पर बैठो मैं तुम्हारे साथ चलता हूँ...”
मैं रोहन के साथ उसकी बाइक पर अपनी दोनों टाँगें फैलाकर बैठ गई। रोहन ने बाइक स्टार्ट की, बाइक एक झटके के साथ आगे बढ़ने लगी। मैंने अपने हाथ बढ़कर रोहन की कमर को पकड़ लिया। मेरे नरम हाथ का स्पर्श पाते ही रोहन सिहर उठा। मुझे उसका मजबूत जिश्म पागल बना रहा था। मैं थोड़ा सा आगे सरक कर उसके साथ चिपक कर बैठ गई। मुझे अपनी नरम चूचियों पर उसका मजबूत जिम महसूस हो रहा था। मेरे सारे जिम में सिहरन दौड़ने लगी। मैं रोहन को जोर से पकड़ते हुए उसकी पीठ पर अपनी नरम चूचियां दबाने लगी।
और अपने सिर को उसकी पीठ पर रख दिया। रोहन मेरी नरम चूचियों का स्पर्श पाते ही बोखला गया और गाड़ी अनबैलेंस होने लगी।
मैंने रोहन से अंजान बनते हुए पूछा- “क्या हुआ..”
रोहन ने अपने आपको संभालते हुए शरारत से अपनी पीठ मेरी चूचियों पर दबाते हुए कहा- “नहीं.. कुछ नहीं...”
मैं समझ गई रोहन की मेरी चूचियों का भरपूर मजा ले रहा है। मैंने आगे बढ़ते हुए अपनी चूचियां उसकी ठोस पीठ से रगड़ते हुए अपने हाथ से उसकी कमर को सहलाने लगी। मुझे उसके मर्दाना जिम की गंध पागल बना रही थी। मैंने अपने हाथ से उसकी कमर को सहलाते हुए आगे लेजाकर उसकी शर्ट के ऊपर से उसके पेट को सहलाने लगी। रोहन का उत्तेजना के मारे बुरा हाल था। अचानक बाइक एक खड्ढे से गुजरी और मेरा हाथ अनबैलेंस होकर रोहन के पेट से नीचे होता हुआ उसके पैंट के ऊपर आकर रुक गया।
मुझे उसके पैंट के ऊपर से ही उसके लण्ड का अहसाह होने लगा। क्योंकी रोहन की पैंट में उसका लण्ड खड़ा होकर तंबू बना हुआ था। मैंने जानबूझ कर अपना हाथ थोड़ी देर वहाँ से नहीं हटाया और अपने हाथ को दबाव देकर उसके लण्ड को टटोलने लगी। मुझे पैंट के ऊपर से ही उसका लण्ड पागल बना रहा था। मेरी साँसें फूल रही थी। मैंने कुछ देर बाद अपना हाथ रोहन की पैंट के ऊपर से हटाया। करुणा के कॉलेज के नजदीक पहुँचकर मैं रोहन से कुछ दूर होकर बैठ गई।
हम करुणा के कॉलेज में दाखिल हो गये और बाइक को सड़क से उतारकर उसे साइड लगाया। हम बिल्कुल सही वक़्त पर पहुँचे थे, करुणा के कॉलेज का इंटरवल चल रहा था। हम दोनों करुणा को ढूँढ़ने लगे। थोड़ी ही देर में हमें करुणा मिल गई। वो पार्क में अपनी सहेलियों के साथ बैठकर बातें कर रही थी। हमें देखकर वो हैरान होते हुए बोली- “दीदी तुम और रोहन यहाँ कैसे?”
मैंने करुणा से कहा- “हम तुम्हारी मुशीबत दूर करने आए हैं, बताओ वो कौन सा लड़का है जो तुम्हें तंग करता है?”
करुणा हमें अपने साथ दूसरे पार्क में ले गई। वहाँ पर दो लड़के बैठे थे। करुणा ने एक पतले जिश्म वाले लड़के की तरफ इशारा किया। मैं उस लड़के की बाडी देखकर अचरज में आ गई, वो पतला सा लड़का और काम देखो।
रोहन ने उस लड़के को अपने पास बुलाया और कहा- “तुम इसे तंग क्यों करते हो?”
वो लड़का अकड़कर बोला- “तुम कौन होते हो मुझसे पूछने वाले?”
रोहन ने उसे लड़के को गरेबान से पकड़ते हुए खींचकर एक जोरदार थप्पड़ उसके गाल पर मारा, तो उस लड़के के मुँह पर रोहन की पाँचों उंगलियों के निशान छप गये। उस लड़के के साथ जो दूसरा लड़का बैठा था वो वहाँ से भाग गया।
थप्पड़ खाते ही उस लड़के की होश ठिकाने आ गई और वो गिड़गिड़ा कर माफी माँगने लगा।
रोहन ने उसे वार्निग देते हुए कहा- “आगे से अगर कोई शिकायत मिली तो मैं तुम्हें छठी का दूध याद दिला दूंगा..." रोहन ने जैसे ही उसका गरेबान छोड़ा, वो वहाँ से भाग गया।
करुणा ने रोहन और मुझको शुक्रिया कहा।