17-01-2019, 07:46 PM
आँटी और आकाश इतनी देर से हमारा खेल देखकर बहुत उत्तेजित हो चुके थे, इसीलिए आकाश ने अपना खड़ा लण्ड आँटी के मुँह में डाल दिया था, जो आँटी बड़े प्यार से चूस रही थी।
खान ने अपनी उंगलियों से मेरी चूत के होंठों को खोलकर अपने लण्ड का सुपाड़ा मेरी चूत के सुराख में रखा और मेरी तरफ देखने लगा। खान ने कहा- “थोड़ा दर्द होगा बर्दाश्त कर लेना...”
मैंने उसकी आँखों में देखते हुए वासना में डूबे हुए उससे कहा- “जो करना है जल्दी से करो... मैं अब बर्दाश्त नहीं कर सकती...”
खान ने मेरी जांघों को कसकर पकड़ते हुए अपने लण्ड पर जोर का दबाव डाला। खान के लण्ड का टोपा मेरी चूत में घुस गया। मेरे मुँह से एक चीख निकल गई ‘ओईईई’ उसके लण्ड का सुपाड़ा बहुत मोटा था। उसने मेरी चूत को इतना फैला दिया की मुझे महसूस हो रहा था किसी ने मेरी चूत को अपने दोनों हाथों से पकड़कर फाड़ दिया हो। मैंने अपने हाथों से अपना मुँह बंद कर दिया और अगले लम्हे का इंतजार करने लगी।
खान ने एक जोर का धक्का मारा और उसका लण्ड मेरी चूत को फैलाता और अपनी जगह बनाता हुआ जड़ तक घुस गया। मेरे मुँह से एक बहुत बड़ी चीख निकली जो मेरे हाथों में दब गई। मेरी आँखों से आँसू निकल आए। खान ने अपना लण्ड मेरी चूत की जड़ तक डाले हुये ही मेरे ऊपर आ गया और अपने हाथों से मेरी चूचियां मसलता हुआ अपने होंठ मेरे होंठों पर रखकर चूसने लगा।
मुझे अब चूत में कुछ सुकून महसूस हुआ और मेरा सारा जिश्म फिर से गरम होने लगा। मैंने अपने चूतड़ उछालकर खान को सिगनल दिया। खान मेरे ऊपर से उठते हुए अपने लण्ड को बाहर खींचा और फिर से जड़ तक घुसा दिया। उसका लण्ड मेरी चूत की गहराइयों में महसूस हो रहा था। उसके लण्ड की रगड़ मेरे सारे जिश्म में उत्तेजना पैदा कर रही थी और मेरे मुँह से अजीब तरह की आवाजें निकलने लगी। उसका लण्ड इतना मोटा था की उसके लण्ड बाहर खींचने से उसके लण्ड के साथ मेरा पानी भी बाहर निकलने लगा।
मेरे मुँह से 'आअह्ह्ह' निकली और मैंने अपनी आँखें बंद कर ली।
खान मुझे झड़ता हुआ देखकर अपने लण्ड को जोर से अंदर-बाहर करने लगा। मैंने कुछ देर बाद अपनी आँखें खोली, तो खान का लण्ड मेरी चूत के आखिरी हिस्से तक रगड़ रहा था। मैं फिर से गर्म होने लगी और चूतड़ उछाल-उछालकर खान से ताल पे ताल मिलाने लगी। खान अपना लण्ड जब बाहर खींचकर अंदर डालता तो मैं अपने चूतड़ उछालती और दोनों की जड़ें मिल जाती।
कुछ देर बाद खान मुझको तूफान की रफ्तार के साथ चोदने लगा। मैं मजे से हवा में उड़ने लगी। खान इतने जोर के धक्के लगा रहा था की मेरा सारा जिम खान के हर धक्के के साथ पूरा कांप रहा था। खान ऐसे ही धक्के लगाते हुए मेरी चूत में अपना वीर्य गिराने लगा।
उसके गर्म वीर्य के अहसास से मेरी चूत ने भी अपना मुँह खोल दिया और मैं “आहहह.. ओहह...' करते हुए झड़ने लगी। मैंने मजे से अपनी आँखें बंद कर ली। खान न जाने कितनी देर तक मेरी चूत को अपने वीर्य से भरता रहा और फिर निढाल होकर मेरे ऊपर गिर पड़ा।
आकाश और सोनाली आँटी इतनी देर से हमारी चुदाई देखकर बहुत गर्म हो चुके थे। आकाश ने सोनाली के मुँह से अपना लण्ड निकाला और उसे उल्टा लेटाकर अपना लण्ड पीछे से उसकी चूत में डाल दिया। लण्ड घुसते ही। आँटी ने मुँह 'अहह' निकल गई। आकाश अपने लण्ड से बहुत जोर के धक्के लगाने लगा, वो अपना पूरा लण्ड सुपाड़े तक निकालकर अंदर पेल रहा था।
खान ने अपनी उंगलियों से मेरी चूत के होंठों को खोलकर अपने लण्ड का सुपाड़ा मेरी चूत के सुराख में रखा और मेरी तरफ देखने लगा। खान ने कहा- “थोड़ा दर्द होगा बर्दाश्त कर लेना...”
मैंने उसकी आँखों में देखते हुए वासना में डूबे हुए उससे कहा- “जो करना है जल्दी से करो... मैं अब बर्दाश्त नहीं कर सकती...”
खान ने मेरी जांघों को कसकर पकड़ते हुए अपने लण्ड पर जोर का दबाव डाला। खान के लण्ड का टोपा मेरी चूत में घुस गया। मेरे मुँह से एक चीख निकल गई ‘ओईईई’ उसके लण्ड का सुपाड़ा बहुत मोटा था। उसने मेरी चूत को इतना फैला दिया की मुझे महसूस हो रहा था किसी ने मेरी चूत को अपने दोनों हाथों से पकड़कर फाड़ दिया हो। मैंने अपने हाथों से अपना मुँह बंद कर दिया और अगले लम्हे का इंतजार करने लगी।
खान ने एक जोर का धक्का मारा और उसका लण्ड मेरी चूत को फैलाता और अपनी जगह बनाता हुआ जड़ तक घुस गया। मेरे मुँह से एक बहुत बड़ी चीख निकली जो मेरे हाथों में दब गई। मेरी आँखों से आँसू निकल आए। खान ने अपना लण्ड मेरी चूत की जड़ तक डाले हुये ही मेरे ऊपर आ गया और अपने हाथों से मेरी चूचियां मसलता हुआ अपने होंठ मेरे होंठों पर रखकर चूसने लगा।
मुझे अब चूत में कुछ सुकून महसूस हुआ और मेरा सारा जिश्म फिर से गरम होने लगा। मैंने अपने चूतड़ उछालकर खान को सिगनल दिया। खान मेरे ऊपर से उठते हुए अपने लण्ड को बाहर खींचा और फिर से जड़ तक घुसा दिया। उसका लण्ड मेरी चूत की गहराइयों में महसूस हो रहा था। उसके लण्ड की रगड़ मेरे सारे जिश्म में उत्तेजना पैदा कर रही थी और मेरे मुँह से अजीब तरह की आवाजें निकलने लगी। उसका लण्ड इतना मोटा था की उसके लण्ड बाहर खींचने से उसके लण्ड के साथ मेरा पानी भी बाहर निकलने लगा।
मेरे मुँह से 'आअह्ह्ह' निकली और मैंने अपनी आँखें बंद कर ली।
खान मुझे झड़ता हुआ देखकर अपने लण्ड को जोर से अंदर-बाहर करने लगा। मैंने कुछ देर बाद अपनी आँखें खोली, तो खान का लण्ड मेरी चूत के आखिरी हिस्से तक रगड़ रहा था। मैं फिर से गर्म होने लगी और चूतड़ उछाल-उछालकर खान से ताल पे ताल मिलाने लगी। खान अपना लण्ड जब बाहर खींचकर अंदर डालता तो मैं अपने चूतड़ उछालती और दोनों की जड़ें मिल जाती।
कुछ देर बाद खान मुझको तूफान की रफ्तार के साथ चोदने लगा। मैं मजे से हवा में उड़ने लगी। खान इतने जोर के धक्के लगा रहा था की मेरा सारा जिम खान के हर धक्के के साथ पूरा कांप रहा था। खान ऐसे ही धक्के लगाते हुए मेरी चूत में अपना वीर्य गिराने लगा।
उसके गर्म वीर्य के अहसास से मेरी चूत ने भी अपना मुँह खोल दिया और मैं “आहहह.. ओहह...' करते हुए झड़ने लगी। मैंने मजे से अपनी आँखें बंद कर ली। खान न जाने कितनी देर तक मेरी चूत को अपने वीर्य से भरता रहा और फिर निढाल होकर मेरे ऊपर गिर पड़ा।
आकाश और सोनाली आँटी इतनी देर से हमारी चुदाई देखकर बहुत गर्म हो चुके थे। आकाश ने सोनाली के मुँह से अपना लण्ड निकाला और उसे उल्टा लेटाकर अपना लण्ड पीछे से उसकी चूत में डाल दिया। लण्ड घुसते ही। आँटी ने मुँह 'अहह' निकल गई। आकाश अपने लण्ड से बहुत जोर के धक्के लगाने लगा, वो अपना पूरा लण्ड सुपाड़े तक निकालकर अंदर पेल रहा था।