17-01-2019, 07:44 PM
कुछ देर बाद मेरा जिश्म अकड़ने लगा और मैं हाँफते हुए झड़ने लगी। मुझे कुछ सुकून महसूस हुआ, मगर मुझे लण्ड का चस्का लग चुका था इसीलिए मुझे उंगली से कोई खास मजा नहीं आया था। मैं नहाकर बाहर निकली और एक नया ड्रेस पहनकर अपने आपको तैयार करने लगी।
कुछ देर बाद आँटी कमरे में दाखिल हुई और मुझे देखकर मुश्कुराते हुए कहने लगी- “धन्नो आज तो तू सच में हुश्न की देवी लग रही हो...”
मैंने आँटी से बैंक्स कहते हुए कहा- “आप भी तो आज बहुत सज-संवरकर हुश्न की देवी लग रही हो...”
सोनाली आँटी ने कहा- “चलो आकाश ने गाड़ी भेज दी है ड्राइवर हमारा इंतजार कर रहा है...”
मैं आँटी के साथ बाहर तक आ गई, आँटी ने बाहर से दरवाजे को लाक किया। बाहर एक बहुत बड़ी मर्सडीज गाड़ी खड़ी थी। हम जैसे ही गाड़ी के पास पहुँचे ड्राइवर ने गाड़ी का दरवाजा खोला और हम दोनों अंदर बैठ गये। ड्राइवर ने दरवाजा बंद किया और गाड़ी चलाना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद गाड़ी एक आलीशान बंगले के सामने जाकर रुक गई। इाइवर ने गाड़ी से उतरकर दरवाजा खोला और हम दोनों को अंदर ले गया।
आकाश हमें देखते ही वेलकम कहते हुए हमसे मिला। अंदर पार्टी का बहुत ही शानदार इंतजाम था। वो एक बहुत ही बड़ा हाल था, जिसमें चारों तरफ टेबल लगी हुई थी और वहाँ पर खाने और पीने की सभी चीजें मौजूद थी। हमारे अंदर जाते ही सारे लोग हमें गौर से देखने लगे।
आकाश ने हमारा उन सबसे परिचय कराया और उनको कहा- “यह हमारे बैंक के एक्स मैनेजर की वाइफ और भांजी है जो इस वक़्त हमारे साथ मौजूद नहीं हैं...”
कुछ देर बाद खाने का दौर चला, हम भी खाना खाने लगे। खाना खतम होते ही सारे लोग एक-एक करके जाने लगे। थोड़ी देर बाद सब जा चुके थे। आकाश हमको साथ में लेकर टेबल तक आ गया और तीन ग्लसों में बियर भरते हुए हमारी तरफ बढ़ा दी।
आँटी ने आकाश से कहा- “हमने कभी शराब नहीं पी है, हम नहीं पिएंगे...”
आकाश ने सोनाली आँटी की कमर में हाथ डालते हुए कहा- “डार्लिंग यह शराब नहीं है, बियर है। इसमें नशा नहीं होता...”
आँटी ने अपना हाथ बढ़ाकर ग्लास थाम लिया। मैंने भी आकाश से ग्लास ले लिया। जैसे ही मैं ग्लास को अपने मुँह में डाला मुझे उसका स्वाद कड़वी दवा जैसा लगा। मैं खांसने लगी और ग्लास को टेबल पर रखने लगी।
आकाश ने मेरे हाथ में अपना हाथ डालते हुए कहा- “पहले थोड़ा अजीब लगता है। तुम इसे एक ही पैंट में पी जाओ...”
मैं आँटी की तरफ देखने लगी, आँटी ने ग्लास को अपने मुँह पर रखकर सारा ग्लास खाली कर दिया।
मैं हैरानी से आँटी को देखते हुए अपना ग्लास मुँह पर रखकर एक ही घूट में पी गई।
आकाश ने मुश्कुराते हुए कहा- “यह हुई ना बात..." और अपना ग्लास खाली करते हुए फिर से तीनों ग्लास भर दिए। आकाश ने तीन चिकेन टिक्के उठाकर प्लेट में रख दिए और हमें खाने को कहा।
उसने खुद एक टिक्का उठा लिया और उसे खाने लगा। मैंने भी एक टिक्का उठाया और खाने लगी। उसके खाने के बाद आकाश ने दो ग्लास हमें थमाए और एक खुद लेकर हमसे चीयर्स कहा और उसने ग्लास खाली कर दिया। मुझे थोड़ा-थोड़ा नशा चढ़ने लगा था। मैंने भी दूसरा ग्लास मुँह पे रखा और खाली कर दिया। आँटी ने ग्लास खाली कर दिया। आकाश दोनों हाथ बढ़ाकर एक हाथ मेरी कमर में डाल दिया और दूसरा आँटी की कमर में डालकर हमें एक कमरे में ले गया। वहाँ पर एक दूसरा आदमी भी मौजूद था।
उसने हमें देखा और अपने होंठों पर जीभ फेरते हुए कहा- “आकाश यह तो सच में किसी परीलोक की परियां हैं...”
आँटी ने नशे में लड़खड़ाते हुए आकाश से कहा- “यह कौन है?”
कुछ देर बाद आँटी कमरे में दाखिल हुई और मुझे देखकर मुश्कुराते हुए कहने लगी- “धन्नो आज तो तू सच में हुश्न की देवी लग रही हो...”
मैंने आँटी से बैंक्स कहते हुए कहा- “आप भी तो आज बहुत सज-संवरकर हुश्न की देवी लग रही हो...”
सोनाली आँटी ने कहा- “चलो आकाश ने गाड़ी भेज दी है ड्राइवर हमारा इंतजार कर रहा है...”
मैं आँटी के साथ बाहर तक आ गई, आँटी ने बाहर से दरवाजे को लाक किया। बाहर एक बहुत बड़ी मर्सडीज गाड़ी खड़ी थी। हम जैसे ही गाड़ी के पास पहुँचे ड्राइवर ने गाड़ी का दरवाजा खोला और हम दोनों अंदर बैठ गये। ड्राइवर ने दरवाजा बंद किया और गाड़ी चलाना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद गाड़ी एक आलीशान बंगले के सामने जाकर रुक गई। इाइवर ने गाड़ी से उतरकर दरवाजा खोला और हम दोनों को अंदर ले गया।
आकाश हमें देखते ही वेलकम कहते हुए हमसे मिला। अंदर पार्टी का बहुत ही शानदार इंतजाम था। वो एक बहुत ही बड़ा हाल था, जिसमें चारों तरफ टेबल लगी हुई थी और वहाँ पर खाने और पीने की सभी चीजें मौजूद थी। हमारे अंदर जाते ही सारे लोग हमें गौर से देखने लगे।
आकाश ने हमारा उन सबसे परिचय कराया और उनको कहा- “यह हमारे बैंक के एक्स मैनेजर की वाइफ और भांजी है जो इस वक़्त हमारे साथ मौजूद नहीं हैं...”
कुछ देर बाद खाने का दौर चला, हम भी खाना खाने लगे। खाना खतम होते ही सारे लोग एक-एक करके जाने लगे। थोड़ी देर बाद सब जा चुके थे। आकाश हमको साथ में लेकर टेबल तक आ गया और तीन ग्लसों में बियर भरते हुए हमारी तरफ बढ़ा दी।
आँटी ने आकाश से कहा- “हमने कभी शराब नहीं पी है, हम नहीं पिएंगे...”
आकाश ने सोनाली आँटी की कमर में हाथ डालते हुए कहा- “डार्लिंग यह शराब नहीं है, बियर है। इसमें नशा नहीं होता...”
आँटी ने अपना हाथ बढ़ाकर ग्लास थाम लिया। मैंने भी आकाश से ग्लास ले लिया। जैसे ही मैं ग्लास को अपने मुँह में डाला मुझे उसका स्वाद कड़वी दवा जैसा लगा। मैं खांसने लगी और ग्लास को टेबल पर रखने लगी।
आकाश ने मेरे हाथ में अपना हाथ डालते हुए कहा- “पहले थोड़ा अजीब लगता है। तुम इसे एक ही पैंट में पी जाओ...”
मैं आँटी की तरफ देखने लगी, आँटी ने ग्लास को अपने मुँह पर रखकर सारा ग्लास खाली कर दिया।
मैं हैरानी से आँटी को देखते हुए अपना ग्लास मुँह पर रखकर एक ही घूट में पी गई।
आकाश ने मुश्कुराते हुए कहा- “यह हुई ना बात..." और अपना ग्लास खाली करते हुए फिर से तीनों ग्लास भर दिए। आकाश ने तीन चिकेन टिक्के उठाकर प्लेट में रख दिए और हमें खाने को कहा।
उसने खुद एक टिक्का उठा लिया और उसे खाने लगा। मैंने भी एक टिक्का उठाया और खाने लगी। उसके खाने के बाद आकाश ने दो ग्लास हमें थमाए और एक खुद लेकर हमसे चीयर्स कहा और उसने ग्लास खाली कर दिया। मुझे थोड़ा-थोड़ा नशा चढ़ने लगा था। मैंने भी दूसरा ग्लास मुँह पे रखा और खाली कर दिया। आँटी ने ग्लास खाली कर दिया। आकाश दोनों हाथ बढ़ाकर एक हाथ मेरी कमर में डाल दिया और दूसरा आँटी की कमर में डालकर हमें एक कमरे में ले गया। वहाँ पर एक दूसरा आदमी भी मौजूद था।
उसने हमें देखा और अपने होंठों पर जीभ फेरते हुए कहा- “आकाश यह तो सच में किसी परीलोक की परियां हैं...”
आँटी ने नशे में लड़खड़ाते हुए आकाश से कहा- “यह कौन है?”